कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन बालिका पी जी कॉलेज ने नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक भ्रमण का आयोजीत किया।महाविद्यालय की ओजस्वी प्राचार्या प्रो सुमन और उन्नत दृष्टिकोण के समर्थक महाविद्यालय के सचिव पीके सेन एवं संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन ने अपनी छात्राओं के लिए वनस्पति विज्ञान विभाग के माध्यम से इस शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया इस भ्रमण के अंतरगत महाविद्यालय की 90 छात्राओ ने वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा प्रीति सिंह डा मीनाक्षी व्यास, अवधेश एवं रिंकु सिंह के साथ लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान तथा बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेलियोटीनी का भ्रमण किया। सर्वप्रथम छात्राओ ने एन बीआर आई के गार्डन में स्मेल एंड साउंड गार्डन,संरक्षणशाला, साइकेड एंड जुरासिक गार्डेन, कैक्टस हाऊस, मास हाउस , फ़र्न हाउस तथा सेंट्रल गार्डन के अतिरिक्त ऐतिहासिक १८५७ की क्रांति में अंग्रेज़ी हुकूमत के विरुद्ध प्रयुक्त बरगद के वृक्ष को देखा । छात्राओं ने हेर्बेरियम बनाने एवं संरक्षण के गुड सीखे और भारत के तीसरे बड़े वनस्पति हेर्बेरियम को देखा और एक्सपोज़िशन में नए अनुसंधानों की जानकारी प्राप्त की। दूसरे संस्थान बीएस आई पी पुरातत्व विज्ञान से संबंधित था जहां छात्राओ ने जियोलाजिकल टाइम क्लॉक , इम्प्रैशन , पेट्रिफ़िकेशन,कार्बन डेटिंग के बारे में जानकारी प्राप्त की। जो जानकारी महाविद्यालय के प्रांगण मे उपलब्ध होना असंभव था ऐसी जानकारी प्राप्त कर सभी छात्राएँ अत्यंत प्रसन्न हो शाम को महाविद्यालय लौट आयीं।
Read More »कानपुर की पहचान थे विधार्थी जी
कानपुर 26 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, औद्योगिक नगरी कानपुर की पहचान में चार चांद लगाने वाले पत्रकारिता शिरोमणि गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर आज उन्हें याद किया गया। मुरारीलाल पुरी सामाजिक सेवा संस्थान के बैनर तले परेड कार्यालय में आज जयंती पर एक सभा आयोजित की गयी । विद्यार्थी जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि विद्यार्थी जी कानपुर की पहचान ही नहीं थे बल्कि गंगा जमुना सभ्यता के प्रतीक थे । समाजसेवी भारतेंदु पुरी के मुताबिक विद्यार्थी जी ने अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ अपनी कलम से आम जनमानस में क्रांति लाने का काम किया था । डॉ संजय भारती और अधिवक्ता मोहित गुप्ता के मुताबिक विद्यार्थी का जीवन हम सभी के प्रेरणा स्रोत है और युवा पीढ़ी को उससे कुछ सीखने की जरूरत है । समाज सेवी अनिल थापा और जितेंद्र मिश्रा ने गणेश शंकर विद्यार्थी जी के बताएं मार्गों परचने का संकल्प लिया । अरुण पाण्डेय और अतुल सक्सेना के मुताबिक विद्यार्थी जी कलम के तो धनी थे ही साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के माध्यम से समाज सेवा का भी काम किया जो हम सबके लिए अनुकरणीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षक एवं साहित्यकार डॉ सुधांशु त्रिपाठी के मुताबिक प्रताप शताब्दी समारोह का आयोजन पूरे वर्ष हुआ जिससे नई पीढ़ी को विद्यार्थी जी के विचारों से रूबरू होने का मौका मिला। मोहम्मद मूर्तजा , संजय मिश्रा , विजय गुप्ता , pradeep पाण्डेय और सुनील साहू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कवि मुकेश श्रीवास्तव ने किया । इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे
Read More »ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में फैमिली आई.डी. के बारे में आम जनमानस को जागरूक किया जाए- मुख्य सचिव
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने फैमिली आईडी बनाये जाने के कार्य की प्रगति की समीक्षा की। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में फैमिली आई.डी. के बारे में आम जनमानस को जागरूक करते हुये फैमिली आईडी बनाने के कार्य में तेजी लायी जाये। इससे रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने तथा पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी जारी करने से पहले परिवार के संबंध में सभी जानकारियों को विधिवत प्रमाणित किया जाए। फैमिली आईडी को डिजी लॉकर से जोड़ा जाये। फैमिली आईडी की ई-पासबुक में परिवार को मिल रही सरकारी योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण सम्बन्धित विभाग द्वारा दर्ज किया जाये। इससे प्रदेश के हर परिवार के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण का अभियान पूरा किया जा सकेगा।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचलित सभी अवशेष लाभार्थीपरक योजनाओं को परिवार आईडी से लिंकेज किया जाये। केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित समस्त योजनाओं का भी डाटाबेस प्राप्त कर फैमिली आईडी से जोड़ा जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव समाज कल्याण हरिओम, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास एम. देवराज, सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनामिका सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
अंतरिक्ष क्षेत्र के “अनशेकलिंग” से स्टार्टअप में तेजी आई हैः डॉ. जितेंद्र सिंह
हैदराबाद में 60,000 वर्ग फुट के परिसर में स्काईरूट की सबसे बड़ी रॉकेट फैक्ट्री का दौरा करने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट न केवल भारत की उत्कृष्ट प्रतिभा और वैज्ञानिक कौशल का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह हम सभी के लिए यह संदेश भी है कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने से पहले भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए खोलने की संभावनाएं निष्क्रिय पड़ी थीं।
“स्काईरूट एयरोस्पेस” पहला अंतरिक्ष स्टार्टअप था जिसने तीन साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिए जाने के बाद पिछले साल श्रीहरिकोटा में इसरो स्टेशन से एक निजी रॉकेट लॉन्च किया था। आईआईटी से उत्तीर्ण दो प्रमुख विशेषज्ञों पवन और भरत के नेतृत्व में अत्याधुनिक तकनीक के साथ भारत की सबसे बड़ी रॉकेट विकास सुविधा स्थापित की गयी है। यह मांग पर आधारित लागत के अनुरूप रॉकेट विकसित करने की क्षमता रखता है।
अमृतकाल और प्रधानमंत्री के “इंडिया@2047” के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ कुछ ऐसे क्षेत्रों से आने वाले है जिनकी संभावनाएं अभी नहीं खोजी गई हैं, उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देने जा रही है। जब स्वतंत्र भारत अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो वह दुनिया का अग्रणी राष्ट्र होगा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण पिछले 9 वर्षों में देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में तेजी से उन्नति की है।”
स्काईरूट एक ही छत के नीचे भारत की सबसे बड़ी निजी रॉकेट विकास सुविधा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट के विक्रम-1 कक्षीय रॉकेट का भी अनावरण किया। भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक और मील का पत्थर है। आशा है कि विक्रम-1 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि देश ने 2020 में एक ऐतिहासिक सुधार के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट की सफलता भारत की उन विशाल युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो विशेष रूप से अंतरिक्ष, बायोटेक, कृषि और ऊर्जा सहित नए और उभरते क्षेत्रों में अपने स्टार्टअप उद्यम स्थापित करने की इच्छुक हैं।”
मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को देश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षमताओं के लिए वैश्विक पहचान बनाने में सक्षम किया है और आज हमारे स्टार्टअप की बहुत मांग है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक जनक डॉ. विक्रम साराभाई ने इसरो को “राष्ट्रीय स्तर पर” सार्थक भूमिका निभाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की युवा प्रतिभाओं को नये आयाम और संभावनाओं को नये पंख दिये। यह इसरो की राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक भूमिका निभाने की पुष्टि भी करता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशन मानव संसाधन और कौशल पर आधारित लागत के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और हमें नये क्षेत्रों में नवीन अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कर देगा।
उन्होंने कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) बजट में पांच वर्षों में 50,000 करोड़, रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा 70 प्रतिशत से अधिक यानी 36,000 करोड़ रुपये गैर-सरकारी स्रोतों, उद्योगों, जनहितैषियों और घरेलू तथा बाहरी स्रोतों से आने का अनुमान है।
डी जी कॉलेज में मिशन शक्ति के अंतर्गत कठपुतली शो द्वारा मानसिक तनाव से मुक्ति का संदेश दिया
कानपुर 25 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में मिशन शक्ति – 4.0 के तत्वाधान में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर तथा मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता माह के अंतर्गत आज “मानसिक स्वास्थ्य वैश्विक मानवाधिकार है” विषय पर एक कठपुतली शो का आयोजन किया गया। जिसमें जादूगर फैज तथा उनकी टीम के द्वारा छात्राओं को कहानी, कविता, गीत आदि के माध्यम से संदेश दिया गया कि आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जहां डिजिटल वर्ल्ड का प्रसार हो रहा है किस प्रकार से वे मानसिक तनाव से दूर रहकर, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर अपने भविष्य के निर्माण हेतु अग्रसर हो सकती हैं तथा स्वयं के साथ-साथ परिवार व समाज के अन्य लोगों को भी मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए किस प्रकार सहयोग कर सकती हैं। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन हेतु शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ नैतिक मूल्यों तथा अच्छे विचारों का होना अत्यधिक आवश्यक है। कार्यक्रम में सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताएं एवम् कर्मचारी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में समस्त एनएसएस वोलंटियर्स तथा महाविद्यालय की छात्राओं ने अति उत्साह के साथ प्रतिभा किया।
Read More »रक्षा मंत्री असम के तेजपुर पहुंचे; अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों के साथ दशहरा मनाएंगे
अपने संबोधन में, श्री राजनाथ सिंह ने बड़ाखाना की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि इससे सभी वर्ग एक ही परिवार के सदस्यों के रूप में एक साथ भोजन करने के लिए इकट्ठा होते हैं। उन्होंने कहा, “इस बड़ाखाने में आपके बीच होने से पता चलता है कि अपनी स्थिति से अधिक, हम एक परिवार हैं और साथ मिलकर हम अपने देश के रक्षक हैं।”
रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना को भाईचारे और एकता का सच्चा उदाहरण बताया, क्योंकि वे अलग-अलग राज्यों, धर्मों और पृष्ठभूमि से होने के बावजूद एक ही बैरक और यूनिट में एक साथ काम करते हैं और रहते हैं। उन्होंने सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के बलिदान और हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हमेशा अपने वीर सैनिकों का ऋणी रहेगा।
श्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सैनिकों की वीरता और प्रतिबद्धता को पूरी दुनिया में सम्मान हासिल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कद बढ़ा है और एक मजबूत और बहादुर सेना इस बदलाव के पीछे के मुख्य कारणों में से एक है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत वर्ष 2027 तक खुद को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कर लेगा।
रक्षा मंत्री ने अपनी हाल की इटली यात्रा को याद किया। वहां उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में इटली की तरफ से लड़ने वाले नाइक यशवंत घाडगे और अन्य भारतीय सैनिकों के लिए हाल ही में बनाए गए मोंटोन स्मारक (पेरुगिया प्रांत) पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के माध्यम से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने वाले भारतीय सैनिकों के योगदान का भी उल्लेख किया।
भारतीय रेलवे ने इस त्योहारी मौसम के दौरान यात्रियों की सुगम और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 283 विशेष रेल सेवाओं को अधिसूचित किया है
भारतीय रेलवे इस समय चल रहे वर्तमान त्योहारी मौसम में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए और यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए, इस वर्ष छठ पूजा तक 283 विशेष रेल सेवाओं की 4480 फेरे संचालित कर रहा है। दिल्ली-पटना, दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा, दानापुर-सहरसा, दानापुर-बेंगलुरु, अंबाला-सहरसा, मुजफ्फरपुर-यशवंतपुर, पुरी-पटना, ओखा- नाहरलागुन, सियालदह-न्यू जलपाईगुड़ी, कोचुवेली-बेंगलुरु, बनारस-मुंबई, हावड़ा-रक्सौल आदि जैसे रेलवे मार्गों पर देश भर के प्रमुख स्थलों को जोड़ने के लिए विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है। वर्ष 2022 के दौरान, भारतीय रेलवे ने 216 पूजा स्पेशल रेलगाड़ियों के 2614 फेरे अधिसूचित किए थे।
अधिसूचित पूजा/दिवाली/छठ विशेष रेलगाड़ियां -2023 (19.10.23 तक) | |||
क्रम संख्या | रेलवे | अधिसूचित विशेष रेलगाड़ियों की संख्या | अधिसूचित फेरों की कुल संख्या |
1 | मध्य रेलवे | 14 | 100 |
2 | पूर्व मध्य रेलवे | 42 | 512 |
3 | पूर्व तटीय रेलवे | 12 | 308 |
4 | पूर्वी रेलवे | 8 | 42 |
5 | उत्तर रेलवे | 34 | 228 |
6 | पूर्वोत्तर रेलवे | 4 | 26 |
7 | पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे | 22 | 241 |
8 | उत्तर पश्चिम रेलवे | 24 | 1208 |
9 | दक्षिण रेलवे | 10 | 58 |
10 | दक्षिण पूर्वी रेलवे | 8 | 64 |
11 | दक्षिण मध्य रेलवे | 58 | 404 |
12 | दक्षिण पश्चिम रेलवे | 11 | 27 |
13 | पश्चिम रेलवे | 36 | 1262 |
कुल योग | 283 | 4480 |
अनारक्षित यानों में यात्रियों के व्यवस्थित प्रवेश के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कर्मचारियों की देखरेख में टर्मिनस स्टेशनों पर कतार बनाकर भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जवानों को तैनात किया गया है। रेलगाड़ियों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर अधिकारियों को आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात किया गया है। रेल सेवा में किसी भी व्यवधान को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के लिए विभिन्न अनुभागों में कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
प्लेटफॉर्म नंबरों के साथ रेलगाड़ियों के आगमन/प्रस्थान की लगातार और समय पर घोषणा के लिए उचित उपाय किए गए हैं।
महत्वपूर्ण स्टेशनों पर “मे आई हेल्प यू” यानी मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूँ जैसे बूथ चालू रखे गए हैं जहां यात्रियों की उचित सहायता और मार्गदर्शन के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कार्मियों और चल टिकट निरीक्षकों (टीटीई) को तैनात किया गया है। चिकित्सा टीमें कॉल पर प्रमुख स्टेशनों पर उपलब्ध हैं। पैरामेडिकल टीम के साथ एम्बुलेंस भी उपलब्ध है।
सुरक्षा एवं सतर्कता विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसी भी कदाचार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। विशेष रूप से प्रतीक्षलय, विश्राम गृह, प्लेटफॉर्म और सामान्य तौर पर स्टेशनों पर सफाई बनाए रखने के निर्देश क्षेत्रीय मुख्यालय द्वारा दिए गए हैं।
एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को स्मार्ट फोन वितरित किए गए
कानपुर 23 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, उत्तरप्रदेश सरकार की स्मार्टफोन वितरण योजना (डिजिशक्ति मिशन) के अंतर्गत एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय वर्ष 2022 में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को स्मार्ट फोन वितरित किए गए। आज के कार्यक्रम का शुभारंभ उच्च शिक्षा क्षेत्राधिकारी कानपुर मंडल रिपुदमन सिंह, महाविद्यालय सचिव पी. के. सेन, प्राचार्या प्रो. सुमन तथा संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन के द्वारा दीप प्रज्वलन तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के द्वारा किया गया मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ तथा स्मृति चिन्ह के माध्यम से विधिवत् स्वागत करते हुए प्राचार्या महोदया ने उनका कोटि कोटि आभार व्यक्त किया। रिपुदमन सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्हें स्मार्टफोन के स्मार्ट उपयोग करने का महत्व बताया महाविद्यालय प्रशासन की प्रशंसा करते हुए क्षेत्रीय अधिकारी ने महाविद्यालय शिक्षिकाओं को उनकी उत्साहपूर्ण कार्यशैली के लिए बधाई दी, वितरण के प्रथम दिवस को प्राचार्या प्रोफेसर सुमन तथा सचिव प्रोबीर कुमार सेन ने 147 छात्राओं को स्मार्टफोन वितरित किए। दूसरे दिन को प्रबंध समिति के सदस्य एवं प्रसिद्ध क्रिकेटर गोपाल शर्मा तथा सुरेश शर्मा ने 216 छात्राओं को स्मार्टफोन दिए। कार्यक्रम के तीसरे दिन को लगभग 200 छात्राओं को स्मार्टफोन वितरित किए गए। त्रिदिवसीय कार्यक्रम प्रोफेसर सुमन के निर्देशन में , प्रो. निशी प्रकाश एवं कैप्टन ममता अग्रवाल के संयोजन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समस्त शिक्षिकाओं ने अपनी ड्यूटी के अनुसार कार्यक्रम में अपेक्षित सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।
Read More »भविष्य के लिए तैयार भारतीय सेना का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से आज सेना के कमांडरों का सम्मेलन संपन्न हुआ
माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 18 अक्टूबर, 2023 को भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित किया। इस अवसर पर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस)जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल मनोज पांडेऔर चीफ ऑफ एयर स्टाफ (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी संबोधन दिया।
माननीय रक्षा मंत्री ने अप्रत्याशित की उम्मीद करते हुए हमेशा तत्पर रहने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मध्य पूर्व में चल रहे भू-राजनीतिक संकट और संघर्ष से सबक लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने टिप्पणी की कि ताकत में असमानता की गलत व्याख्या करने और प्रतिद्वंद्वी को कम आंकने की प्रवृत्ति किसी भी संघर्ष में जीत या हार के बीच की निर्णायक रेखा होगी।
सीडीएस ने बदलते प्रतिमान के अनुकूल राष्ट्रीय सुरक्षा के ढांचे और सैन्य मामलों में क्रांति की आवश्यकता को स्पष्ट किया। सीओएएस ने वर्तमान में जारी बदलाव की प्रक्रिया में उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए सेना की सराहना की। उन्होंने वरिष्ठ नेतृत्व से परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखने का भी आह्वान किया। सीएएस ने परिचालन पहलुओं पर बात की और अधिकतम परिचालन परिणामों के लिए सेवाओं के बीच तालमेल के महत्व पर जोर दिया।
शीर्ष नेतृत्व ने वर्तमान/उभरते सुरक्षा परिदृश्यों पर विचारकिया और भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने संगठनात्मक संरचनाओं और बदलती प्रशिक्षण व्यवस्थाओं के मूलभूत पहलुओं पर भी गहराई से चर्चा की।
इस अवसर पर भारतीय सेना के लिए जरूरी सबक लेने के उद्देश्य से सैन्य नेतृत्व द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष सहित भू-रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई।
सिक्किम में हाल ही में आई ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) और उसके परिणामस्वरूप हुए नुकसान और तैयारियों की स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया। बचाव, राहत और संचार संबंधी बुनियादी ढांचे की त्वरित बहाली के लिए सरकार की सभी एजेंसियों के बीच तालमेल पर चर्चा हुई। साथ ही, इसी तरह की आपात स्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया के उद्देश्य से तंत्र स्थापित करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का दोहन’विषय पर अपनी बातचीत के दौरान, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार श्री अजय कुमार सूद ने भविष्य के युद्ध पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव के बारे में बात की। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति, साइबर खतरों को कम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास पर जोर दिया।
शीर्ष स्तर के इस कार्यक्रम से रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व को विचार-मंथन करने और कई पहलों को आगे बढ़ाने का अवसर भी मिला। बातचीत के माध्यम से शॉर्ट सर्विस कमीशन को और अधिक आकर्षक बनाने, सभी आंतरिक परीक्षाओं को ‘ऑनलाइन’ मोड में आयोजित करने और बुजुर्ग सैनिकों की चिंताओं को दूर करने का तंत्र तैयार करने जैसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले गए।
इसके अलावा, सैन्य नेतृत्व ने डिजिटलीकरण और स्वचालन पहल सहित नए युग में भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण के तौर तरीकों और उसके स्वरूप पर विचार-विमर्श किया, ताकि खतरों और संघर्षों के उभरतेस्वरूपों के अनुरूप सेना को “भविष्य के लिए तैयार” बनाया जा सके।
भारतीय सेना के बदलाव की दिशा में जारी प्रक्रिया के अनुरूप संचालन, प्रशिक्षण, रसद और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी एक ठोस नीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ कमांडरों के विचार लिए गए। वैचारिक स्तर पर चर्चा की गई,जिससे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण नीतियों के निर्माण का
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद (एससीपीडब्ल्यूडी) ने ‘समावेशी कार्यक्रमों के लिए जॉब कोच’ के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू का उद्देश्य एससीपीडब्ल्यूडी और आईआईसीए की विशेषज्ञता में तालमेल बिठाना है, ताकि एससीपीडब्ल्यूडी और आईआईसीए के तत्वावधान में बनाई गई विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से विविध कार्यबल के निर्माण और प्रबंधन के लिए ज्ञान, कौशल और दक्षता के संबंध में कॉर्पोरेट जगत को सक्षम बनाया जा सके। आईआईसीए के सहयोग से, एससीपीडब्ल्यूडी “योग्यता – समावेशिता के लिए जॉब कोच (जेसीआई)” कार्यक्रमों या विविध क्षेत्रों में कौशल पाठ्यक्रमों के माध्यम से पहल करेगा।
आईआईसीए के स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट की प्रमुख डॉ. गरिमा दधीच और एससीपीडब्ल्यूडी के सीईओ रवींद्र सिंह सिंह ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ, प्रवीण कुमार की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिन्होंने इस पहल के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि कॉरपोरेट जगत और अन्य संगठनों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्यबल में दिव्यांगजनों को शामिल करने को बढ़ावा देंगे। आईआईसीए–एससीपीडब्ल्यूडी सहयोग के परिणामस्वरूप कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों और ऐसे अन्य हितधारकों की क्षमता का निर्माण होगा, जो विविधता और समावेश के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं।
डॉ. दधीच ने इस बात पर जोर दिया कि यह एक सामयिक पहल है, क्योंकि भारत में विविधता और समावेश के अभियान को मजबूत करने और प्रभावशाली क्षमता निर्माण करने एवं ऐसे व्यक्तियों का एक कैडर बनाने की जरूरत है, जो कॉरपोरेट जगत और अन्य संगठनों में दिव्यांगजनों को रोजगार देने और रोजगार के बाद अपनाने की सुविधा देने तथा उन्हें समर्थन देने में विशेषज्ञता रखते हों। रवींद्र सिंह ने कहा कि कॉरपोरेट्स के क्षमता निर्माण की आवश्यकता है, ताकि उनके द्वारा नियोजित दिव्यांगजनों को अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा सके। आईआईसीए के एसओबीई के मुख्य कार्यक्रम कार्यकारी डॉ. रवि राज अत्रे और एससीपीडब्ल्यूडी के एसएंडक्यूए की प्रमुख डॉ. निहारिका निगम इस सहयोग को क्रियान्वित करने के लिए नोडल अधिकारी हैं।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद (एससीपीडब्ल्यूडी) के बारे में
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद (एससीपीडब्ल्यूडी) एक ‘गैर–लाभकारी‘ संगठन है, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है। राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमिता नीति 2015 के एक विशिष्ट प्रावधान के अनुपालन में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमएसजेई), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा संयुक्त रूप से अक्टूबर, 2015 में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद (एससीपीडब्ल्यूडी) की स्थापना की गई थी, ताकि दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) को मुख्यधारा में लाने के मिशन को पूरा किया जा सके।
आईआईसीए के बारे में
आईआईसीए, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए), भारत सरकार द्वारा एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित एक संस्था है, जो एक एकीकृत और बहु–संकाय दृष्टिकोण के माध्यम से भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र के विकास का समर्थन करने के लिए एक थिंक–टैंक और उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करती है। आईआईसीए विभिन्न स्कूलों और केंद्रों के माध्यम से अपनी क्षमता–निर्माण और सलाहकार समाधान प्रदान करता है। आईआईसीए का स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट; पर्यावरण–सामाजिक प्रशासन (ईएसजी), कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और व्यापार तथा मानवाधिकार (बीएचआर) के क्षेत्रों में काम करता है। स्कूल ने इस साल दिसंबर में जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की भी घोषणा की है। वर्तमान समझौता ज्ञापन की अगुआई देश में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरमेंट, आईआईसीए द्वारा की जायेगी।