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CONCOMITANTS OF IMPENDING SPACE EXPLORATION

There are generally two views on Indian space exploration – The first opines that we cannot afford to explore; the second answers that we cannot afford NOT to explore. The subject matter is of high relevance in wake of recent happenings across space research, whether it be for India launching Chandrayan-2 with partial success or planning for manned Gaganyaan project, Mangalyaan-2 or other space projects. From the outset, this question can be a clear binary(yes/no) answer for an individual. But, this is something that needs to be dwelled upon from the global perspective as it carries more gravitas than what we generally think. It can help find future avenues for sustaining and emanating life, can help with the problem of natural resource crunch and limited resource utilization, to further the understanding of universe for energy efficient solutions elsewhere and most importantly is directly linked to our present(Finances incurred, time utilized, intensive training needed)that could be realized in addressing other immediate problems.

 So, given the stakes, should we go about it? Is that all? Is it justified now to invest heavily on space exploration plans which are not sure to give positive results? Given that,40% of lunar missions in last sixty years failed, is it advisable to go forward with more complex projects where failing to find a solution in time can result in losing what we already have in hand? Or the time and energy can be used in some other project on Earth? Some question that even if we achieve the desired results somehow, what if it comes at a cost of significant space war with countries fighting for their precedence in terms of resources and a prelude to new existence?  All these questions pop up in one’s mind and answering any of the above questions might not help make a clear choice for common people. The more blatant question that needs to be answered should be “Why does a common man spend even Rs.1 towards space exploration in a country where the per capita GDP is even below $2200 ? What stakes does he have in space research?”.The question can be answered by understanding that it is not about what we may gain but about what we will lose if we don’t delve into space. India as a country, depend on its satellites heavily, particularly on defense front (including Army, navy and air force).Even if there is a satellite communication gap for few hours across the extreme border areas of India, the neighbors can easily infiltrate the Indian soil as the Indian defense will have no clue where the enemies are and when they might attack. Any country can be trampled over if their  satellites are targeted. This will not only affect the economy of the country but worse will follow as the common man will be the one most affected.

 This makes it imperative for all of us to support the Indian space expeditions as there are other major eight countries already into the space where each want global prominence which can have undermining consequences for other countries. Amidst the race to be the prominent space power, India needs to make an impact and is well on track with the most cost effective but efficient missions so far.

                                                                                                                                                    -Ramit Awasthi

                                                                                                                                                      DMS, IIT Delhi 

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केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव ने वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की

केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव ने आज राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदर्शन के नियंत्रण के लिए पिछले रविवार से जारी उपायों में प्रगति की समीक्षा की।

 यह बताया गया कि पंजाब और हरियाणा में फसल की पराली अभी भी जलाई जा रही है और इसे ध्‍यान में रखते हुए और अधिक कार्रवाई करने की जरूरत है।

 अब इन राज्‍यों को निर्देश दिया गया है कि अधिक संख्‍या में निगरानी टीमों को विभिन्‍न स्‍थानों पर तैनात किया जाए, जिससे उल्‍लंघन करने वाले लोगों के विरूद्ध उपयुक्‍त जुर्माना लगाया जा सके।

 राजधानी की स्थिति के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया, जहां विभिन्‍न एजेंसियां समन्‍वयपूर्वक काम कर रही हैं। यह महसूस किया गया कि स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है।

 राज्‍यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे भविष्‍य में किसी प्रकार की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।    

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उपराष्ट्रपति ने भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए संगीतकारों और वैज्ञानिकों के बीच सामंजस्‍य का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए संगीतकारों और वैज्ञानिकों के बीच सामंजस्य कायम करने का आह्वान किया।

चेन्नई में एक समारोह में “मृदंगम के संगीतमय उत्कृष्टता” पर एक मोनोग्राफ का विमोचन करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इसे एक ऐतिहासिक प्रयास बताया, जिसमें आधुनिक विज्ञान के उपकरणों को एक प्राचीन उपकरण – मृदंगम के स्‍थान पर लाया गया था।

लेखकों – प्रख्यात मृदंगम कलाकार, डॉ.उमय्यापालम के शिवरामन, वैज्ञानिक डॉ टी रामासामी और डॉ एमडी नरेश की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि मोनोग्राफ ने वैज्ञानिक रूप से साबित किया कि हमारे पूर्वज मानवीय प्रतिभा के माध्यम से संगीत उत्कृष्टता की रूपरेखा तैयार करने, विकसित करने और प्रदर्शित करने में सक्षम थे। ।

श्री नायडू ने कहा कि यह पुस्तक तीन उद्देश्यों को पूरा करती है – पहला, यह संगीत और विज्ञान के बीच तालमेल के लिए एक मजबूत स्थिति बनाता है। दूसरा, यह मृदंगम पर भविष्य के अनुसंधान के नए अवसरों को खोलता है और तीसरा, यह वैश्विक संगीत समुदाय के लिए दक्षिण भारतीय संगीत का एक आउटरीच है।

यह बताते हुए कि लेखकों द्वारा प्रस्तुत अनुसंधान प्राचीन भारतीय संगीत कलाकारों की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने वाले विज्ञान का पहला उदाहरण हो सकता है, उन्होंने इस तरह के और अधिक सहयोगों का आह्वान किया।

उन्‍होंने कहा कि संगीत और विज्ञान के संगम का सकारात्मक प्रभाव होगा। साथ ही,  उन्होंने युवा पीढ़ी को महान भारतीय कला रूपों, संगीत और शिल्प से अवगत कराने की आवश्यकता पर बल दिया।

श्री नायडू ने भारतीय संगीत में श्री उमय्यापालम शिवरामन के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे भारतीय संगीत सौंदर्य को बढ़ाने के लिए विज्ञान के तरीकों तक पहुंचने के लिए अगली पीढ़ी के कलाकारों के लिए एक प्रेरणा थे।

उन्‍होंने कहा कि वैदिक साहित्य, विशेष रूप से साम वेद से भारतीय संगीत की जड़ों का पता लगाया जा सकता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि हमारे प्राचीन संगीत प्रणालियों से जुड़े हर नोट और ताल को संरक्षित और प्रचारित करने की जरूरत है।

भारतीय संस्कृति की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आह्वान करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक भारत – श्रेष्ठ भारत की दृष्टि को साकार करने के लिए भारतीय संस्कृति और शास्त्रीय संगीत की विविधता का दोहन करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि संगीत और विज्ञान के माध्यम से शांति प्राप्त की जा सकती है और उनके पास धर्म और क्षेत्र सहित सभी बाधाओं को पार करके लोगों को एकजुट करने की शक्ति मौजूद है। उन्होंने कहा कि संगीत एकांत, संतुष्टि और संतुलन प्रदान करता है।

इससे पहले, उपराष्ट्रपति ने आयोजन की शुरुआत में मृदंगम के उस्ताद श्री उदयपुरम शिवरामन के एक शानदार प्रदर्शन को देखा।

इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित, तमिलनाडु सरकार के मत्स्य और कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार मंत्री डॉ. उमायपालपुरम शिवरामन, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव श्री जयकुमार, चेन्नई संगीत अकादमी के अध्‍यक्ष डॉ. रामासामी, श्री एन मुरली उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे।

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श्रीराम के जयघोष के साथ दीपदान से चित्रकूट धाम में बिखरा आस्था का रंग

धर्म नगरी चित्रकूट 27,अक्टूबर, भारतीय स्वरुप संवाददाता, धर्म नगरी चित्रकूट में दीपावली अमावस्या पर पांच दिवसीय दीपदान मेला के तीसरे दिन दीप पर्व पर रविवार तड़के से आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर की पहली किरण फूटने तक लाखों श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में रामघाट पर डुबकी लगाई और दीपदान कर समृद्धि की कामना करने के बाद कामदगिरि परिक्रमा लगाई। परिक्रमा पथ से लेकर 84 कोस तक तीर्थ स्थलों पर भी दीप रोशन हुए।

तीर्थ क्षेत्र पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में आराध्य भगवान श्रीराम से जुडऩे की ललक

तीर्थ क्षेत्र पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में आराध्य भगवान श्रीराम से जुडऩे की ललक साफ दिख रही है। तभी एक ही घाट पर अगल बगल खड़े देश दुनिया के श्रद्धालु एक-दूसरे की मदद करने से भी नहीं चूक रहे हैं। श्रद्धालुओं के भारी सैलाब के बावजूद संकरा परिक्रमा मार्ग जयकारों से गूंज रहा है। हर तरफ दीपावली का उत्साह, घर पर दीपों की रोशनी लाने की मंशा दिख रही है।

प्रभु श्रीराम के वनवास काल की गवाह धर्म नगरी चित्रकूट की हर सड़क पर रविवार भोर पहर से आस्थावानों की भीड़ दिखाई पड़ रही है। पैदल, टेंपो, टैक्सी और निजी वाहनों से आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जितने श्रद्धालु तीर्थक्षेत्र में पहुंच रहे हैं, उतने ही पूजा अर्चना कर वापस लौट रहे हैं। चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन, मानिकपुर जंक्शन, बस अड्डा पर हर बस और ट्रेन श्रद्धालुओं से भरी हुई है।

मान्यता है कि भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद जब लौट रहे थे तो उन्होंने रामघाट पर पुष्पक विमान उतारा था। इसके बाद मंदाकिनी तट पर दीपदान किया था, यहां से जाने के बाद उनका अयोध्या में राज्याभिषेक हुआ। उसी समय से विपत्तियों और संकट से मुक्ति की कामना के साथ श्रद्धालु यहां प्रत्येक माह की अमावस्या को आते हैं। दीपावली, श्रावणी और भदई अमावस्या पर विशेष महत्व रहता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने दी दीपावली की बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने प्रकाश पर्व दीपावली पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए उनके सुख-समृद्धि की मंगलकामना की है।राज्यपाल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि दीपों का यह पर्व समृद्धि का प्रतीक है। दीपावली का पर्व सभी लोगों के जीवन में उजाला लाए एवं नई खुशियों का संचार करे। उन्होंने कहा कि असली खुशी दूसरों के साथ अपनी खुशी बांटने में ही निहित है। हमें ऐसे पावन अवसरों पर अपने साथ उन्हें भी लेकर चलना चाहिए जो दुखी तथा जरूरतमंद हों।

मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा कि दीपावली असत्य, अन्याय एवं शोषण के खिलाफ संघर्ष एवं विजय का उत्सव है। यह अंधकार पर प्रकाश, कपट व कटुता पर सरलता व सद्भाव की विजय का भी द्योतक है। राज्य सरकार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपावली के आयोजन की प्राचीन और गौरवशाली परंपरा को ‘दीपोत्सव’ के आयोजन के माध्यम से पुनर्प्रतिष्ठित कर संपूर्ण  विश्व समुदाय को अयोध्या की महिमा से परिचित कराने का कार्य कर रही है।

 भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने प्रदेशवासियों व पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रकाश पर्व दीपावली की बधाई दी है। इनके अलावा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी, कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा उर्फ मोना, रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने भी दीपावली की शुभकामनाएं दी है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज “भारतीय अर्थव्यवस्था में संकट की स्थिति” में व्याख्यान

       क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के वाणिज्य संकाय द्वारा दिनांक 23.10.2019, बुधवार को एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया. इस व्याख्यान का शीर्षक था – “भारतीय अर्थव्यवस्था में संकट की स्थिति”. यह व्याख्यान डॉ. हृदय मोहन मेहरोत्रा द्वारा दिया गया. डॉ. मेहरोत्रा अत्यंत विद्वान अर्थशास्त्री, प्रखर वक्ता और अनुभवी शिक्षक रहे हैं. क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय से उनका सुदीर्घ संबंध रहा है. वे यहाँ अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष तथा महाविद्यालय के पूर्व उप प्राचार्य भी रह चुके हैं. 

            कार्यक्रम के निर्विघ्न संचालन हेतु प्रारंभ में ईश वंदना की संस्कारगत परंपरा का अनुपालन करते हुए महाविद्यालय की प्रबंध-समिति के सचिव रेवरेंड सैमुअल पॉल लाल को आमंत्रित किया गया कि वे ईश्वर के आशीषों से समस्त समुदाय को अभिसिंचित करें. तत्पश्चात कार्यक्रम को आरम्भ करते हुए वाणिज्य संकाय की एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. एच. एम. मेहरोत्रा, महाविद्यालय की प्रबंध समिति के सचिव, रेवरेंड सैमुअल पॉल लाल, प्राचार्य डॉ. सैमुअल दयाल एवं वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष प्रो. नलिन कुमार श्रीवास्तव का स्वागत पुष्पों से करते हुए उन्हें मंचासीन किया गया. 

            वर्तमान भारतीय आर्थिक स्थिति की गंभीरता और उसके दूरगामी प्रभावों पर विचार- विमर्श करने हेतु आज के व्याख्यान का आयोजन किया गया. डॉ. मेहरोत्रा ने “भारतीय अर्थव्यवस्था में संकट की स्थिति” विषय का सविस्तार विश्लेषण करते हुए बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में इस समय आर्थिक सुस्ती का दौर चल रहा है. सभी प्रमुख वित्तीय संस्थानों, जैसे वर्ल्ड बैंक, आई.एम.एफ. आदि और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने सकल घरेलू उत्पाद (जी डी पी) की विकास दर में गिरावट इंगित की है. डॉ. मेहरोत्रा ने विकास दर में इस कमी को लक्षित करते हुए उसके मुख्य कारणों को विश्लेषित किया. आर्थिक सुस्ती के पीछे कुछ विशिष्ट परिस्थितियाँ होती हैं, जिनकी चर्चा करते हुए डॉ. मेहरोत्रा ने बताया कि निर्यात में आई गिरावट और कीमतों के निरंतर उतार-चढ़ाव से बाज़ार प्रभावित होता है. साथ ही मौद्रिक तरलता में कमी ने भी आर्थिक सुस्ती को बढ़ावा दिया है. इस सुस्ती के प्रभाव ने आधारभूत संरचना सम्बन्धी विकास में भी कमी पैदा करके इस संकट की स्थिति को और गहन कर दिया है. इसके साथ नोटबंदी और जी एस टी लागू होने के कारण यह संकटपूर्ण आर्थिक परिवेश गहरा गया है. 

               डॉ. मेहरोत्रा ने समस्या की गहनता को रेखांकित करते हुए अत्यंत सुव्यवस्थित रूप से और सूक्ष्मता से उसके कारणों को विश्लेषित भी किया, किन्तु साथ ही उन्होंने इसके समाधानों पर भी चर्चा की. सरकार द्वारा इस संकट से निपटने के लिए उठाए जा रहे कारगर कदमों पर भी उन्होंने प्रकाश डाला. इसमें सर्वप्रमुख रूप से सरकार द्वारा कोर्पोरेट टैक्स की दर घटाने का प्रशंसनीय प्रयास उल्लेखनीय है, जिसके प्रभावस्वरूप एक ओर उद्योग जगत को लाभान्वित किया गया, तो दूसरी ओर संकटग्रस्त आर्थिक स्थिति में भी राहत प्राप्त हुई. 

                इतने विचारोत्तेजक व्याख्यान के पश्चात श्रोताओं के प्रश्नों / शंकाओं को आमंत्रित किया गया. यह प्रश्नोत्तर सत्र भी अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक रहा. कार्यक्रम के अंत की ओर बढ़ते हुए प्राचार्य डॉ. सैमुअल दयाल ने इतने महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषय पर संयोजित हुए व्याख्यान की बहुत प्रशंसा की. साथ ही आशा व्यक्त की कि एस प्रकार के उपयोगी व ज्ञानवर्धक आयोजन महाविद्यालय में निरंतर होते रहेंगे. अंत में प्रो. नलिन कुमार श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष वाणिज्य संकाय) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए मुख्य अतिथि एवं सभी अभ्यागतों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया. 

             सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालनडॉ. शिप्रा श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वाणिज्य संकाय) द्वारा किया गया. कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय के छात्रों और विविध विभागों के शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. डॉ. दीपक बेंस, डॉ. ए. ज़ेड. खान, डॉ. शालिनी कपूर, डॉ. अंजलि श्रीवास्तव, डॉ. विभा दीक्षित, डॉ आशुतोष सक्सेना, डॉ. डी. सी. श्रीवास्तव, डॉ. सत्यप्रकाश सिंह, डॉ. संगीता गुप्ता, डॉ. सूफिया शहाब, डॉ. सबीना बोदरा, डॉ. डोरोथी राय, डॉ. मीतकमल, डॉ. श्वेता चंद आदि प्रवक्ता-गण कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

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प्राथमिक विद्यालय किदवई नगर में कॉउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर, 24 अक्टूबर, भारतीय स्वरुप संवाददाता,
आज प्राथमिक विद्यालय किदवई नगर में दीक्षांक संस्था एवं कानपुर विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में छात्र-छात्राओं हेतु कॉउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओ को कॉउंसलिंग के मदद से मानसिक, सामाजिक, शैक्षिक मनोस्थिति का ज्ञान कर उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करने का है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महापौर श्रीमती प्रमिला पांडेय जी विशिष्ट अतिथि के रूप में किदवई नगर विधायक श्री महेश त्रिवेदी जी उपस्थित रहें। इस दौरान अतिथिगणो ने विद्यालय का निरीक्षण किया। महापौर प्रमिला जी ने विद्यालय परिषद में पानी एवं शौचालय की जल्द से जल्द उचित व्यवस्था कराने का  आस्वाशन दिया । विधायक श्री महेश जी ने बच्चों से बात की एवं उनकी काउंसलिंग की और आस्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार विद्यालय एवं बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए वह निरंतर प्रयास किया जा रही  हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता दीक्षांक संस्था के अध्यक्ष शशांक दीक्षित द्वारा की गई ।
कॉउंसलिंग में लगभग 60 बच्चो ने प्रतिभाग किया उन्होंने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संस्था लगातर विद्यालय में नए नए प्रयोग कर रहीं हैं।इस मौके पर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य  श्रीमती  कंचन खरे जी एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती पूजा सिंह जी अध्यापिका इरफाना जी तथा छत्रपति शाहूजी महाराज के समाज कार्य विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र/ छात्राएं विनय, शिफा , सौरव, शिवकांत, रुचि, कीर्ति दीक्षांत संस्था के सचिव बृजेश कुमार यादव एवं दीक्षाक में संस्था के सुपरवाइजर शिवेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे

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डांस कानपुर डांस में प्रतिभागियों ने दिखाया अपना हुनर

प्रतिभागियों के साथ मुख्य अतिथि व संस्था के पदाधिकारीगण


कानपुरः डांस कानपुर डांस हुनर ही विनर सीजन-3 प्रतियोगिता का सेमी-फिनाले माल रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में रजत श्री फाउण्डेशन के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस मौके पर डांस कानपुर डांस हुनर ही विनर सीजन-3 में तमाम प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं उनमें एक नया जोश दिखाई दिया। सेमी-फिनाले में प्री-फिनाले से चुने हुये 180 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से सोलो जूनियर 10, सोलो सीनियर 10, ड्यूट डान्स प्रतिभागी 10 एवं 10 ग्रुप डान्स चयनित किये जायेंगे। इस प्रकार कुल 40 प्रतिभागियों को ग्राण्ड फिनाले के लिए चयनित किया जायेगा जो कि 2 नवम्बर 2019 दिन शनिवार को मोतीझील स्थित लाजपत भवन में आयोजित किया जायेगा। जजमेण्ट के लिये मुम्बई से आयी सुप्रसिद्ध अभिनेत्री प्रीति झंगियानी एवं अशोक डी.स्टार व कानपुर के सुप्रसिद्ध कोरियोग्राफर गौरी संजय पाठक, जीतू सिंह (बाॅलीवुड कोरियोग्राफ), अभिषेक तिवारी, डा0 आरती बाजपेयी, अमित गुप्ता, कृष्णा सिंह, दिवाकर पाठक, विपिन निगम, सोनिका सिंह, सौम्या गुप्ता एवं पूजा यादव ने जज के रूप में अहम भूमिका निभाई सुप्रसिद्ध एंकर अमित शर्मा, सागर जी, शिवम पण्डित व दीपिका यादव ने एंकरिंग में अपना जलवा बिखेरा।

रजत श्री फाउण्डेशन की महामन्त्री दीप्ति सिंह ने बताया कि प्री-फिनाले से आये हुए चयनित प्रतिभागियों ने सेमी-फिनाले में भाग लिया। प्रतिभागियों में ग्राण्ड फिनाले तक पहुँचने के लिए होड़ लगी हुई थी। सभी ने अपना अच्छे से अच्छा प्रदर्शन किया तथा 2 नवम्बर को होने वाले ग्राण्ड फिनाले तक पहुँचने के लिए और सरोज खान, शमिता सेट्टी, आफताब शिवदसानी एवं श्वेता सिंह राजपूत से पुरस्कार लेने के लिए बहुत उत्साहित दिख रहे थे। जिन बच्चों ने डान्स कानपुर डान्स हुनर ही विनर सीजन-3 प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, उन सभी का मैं दिल से आभार प्रकट करती हैं, जो कि डान्स कानपुर डान्स हुनर ही विनर सीजन-3 का हिस्सा बने एवं उन सभी को ग्राण्ड-फिनाले देखने के लिए आमन्त्रित करती हूँ जैसे ही जजमेन्ट के लिए सेमी फिनाले में आई फिल्म अभिनेत्री प्रीति झंगियानी का आगमन हुआ तो वहां पर मौजूद लोगों ने तालियाँ बजाकर उनका अभिनन्दन किया और उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों में बेचैनी दिख रही थी।

भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य व जन सामना के सम्पादक श्याम सिंह पंवार को सम्मानित करते अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह व महामन्त्री दीप्ति सिंह

उन्होंने प्रतिभागियों को ढेर सारी शुभकामनायें दी एवं आये हुए कई गणमान्य व्यक्तियों को मोमेन्टो देकर सम्मानित किया तथा इतने बड़े शो के आयोजन को देखकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहीं थीं। उन्होंने शो की बहुत तारीफ की तथा पुनः कानपुर आने की बात कहते हए अपनी बात समाप्त की। समिति के अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह व महामंत्री दीप्ति सिंह ने बुके व ट्राफी देकर उनको सम्मानित किया।
कार्यक्रम संयोजक मनीष वर्मा ने बताया कि अरविन्द सिंह अध्यक्ष, महामन्त्री दीप्ति सिंह, प्रकाश शुक्ला, भावना अदलखा, नेहा जायसवाल, विनोद सिंह, मीडिया प्रभारी स्वप्निल तिवारी, प्रतीक त्रिवेदी, निशांत झांझरिया एवं समिति के सदस्य प्रद्युम्न अवस्थी, वासु सेंगर, ख्वाहिश सेंगर, करिश्मा तोमर, नेहा वर्मा, पूनम वर्मा, आकांक्षा बाजपेई, मानषी शर्मा एवं वीरू बाजपेई का विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य व जन सामना के सम्पादक श्याम सिंह पंवार, भारतीय स्वरूप के सम्पादक अतुल दीक्षित, कानपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष सुनील साहू, वरिष्ठ पत्रकार अजय पत्रकार, पत्रकार आमिर सोलंकी सहित मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत एवं कई समाजसेवियों को गेस्ट आॅफ आॅनर से सम्मानित किया गया।

भारतीय स्परूप के सम्पादक अतुल दीक्षित को सम्मानित करते अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह व महामन्त्री दीप्ति सिंह

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एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न

– एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लघु एवं मझोले समाचार पत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा
-न्यूज प्रिंट कागज पर जी एस टी हटवाने पर दिया गया जोर

कानपुर। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक केंद्रीय कार्यालय मेकराबर्ट में आज आयोजित की गई।
बैठक में लघु एवं समाचार पत्रों के सामने आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने कहा कि लघु एवं मझोले समाचार पत्रों की हर समस्या का समाधान करवाने के लिये एसोसिएशन सदैव प्रयासरत रहता है।
उप्र प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने बैठक में जी एस टी का मुद्दा उठाते हुए कहा न्यूज प्रिंट कागज से जी एस टी हटनी चाहिये इस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि लघु एवं मझोले समाचार पत्रों की समस्या को देखते हुए न्यूज प्रिंट कागज से जी एस टी हटाई जाए।
बैठक का संचालन सेक्रेटरी लांग सिंघ टेरन ने किया।
बैठक में पिछली कार्यवाहियों पर चर्चा की गई और उनकी पुष्टि भी की गई।
बैठक में कोषाध्यक्ष भगवती चंदोला, उड़ीसा से रबीरथ, भजाराम, आंध्र प्रदेश से के वेंकट रेड्डी, कमल कुमार, के परशुराम, एस कोंडलाराव, एम अरुणा, महाराष्ट्र से प्रवीण पाटिल, गोरख तावड़े, अजिल्क मात्रे, राजस्थान से अशोक चतुर्वेदी, डॉ अनंत शर्मा, गुजरात से शंकर कतीरा, जे मनियार, मयूर बोरिया, धन राजानी, असम से लांग सिंघ टेरन, उप्र से अतुल दीक्षित, उमा मिश्रा, गगन श्रीवास्तव, के के साहू, सुनील साहू, गुलनाज रशीद, राजीव मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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Kanpur: ग्रांड फिनाले 11 नवम्बर को

कानपुर संवाददाता। छुपी हुई प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्यरत संस्था एंजेल स्टार म्यूजिक हब एंड रुद्राक्ष एंटरटेनमेंट एंड प्रोडक्शन का पहला आॅडिशन जुहारी देवी गर्ल्स इंटर काॅलेज में संपन्न हुआ। आडिशन में 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें से क्वालीफाइंग करने वाले प्रतिभागियों को ग्रैंड फिनाले में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। प्रतियोगिता का ग्रांड फिनाले 11 नवंबर को लाजपत भवन में आयोजित होगा। इस अवसर पर एकेडमी के डायरेक्टर शुभांशु राठौर ने बताया कि आडिशन में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली वही कृतिका जायसवाल ने गाना गाकर व शताक्षी द्विवेदी ने डांस परफाॅर्मेंस कर जज को उठ कर ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। जज के रूप में कविता सिंह, प्रगति राठौर और मिस्टर राज ने बच्चों को जजमेंट दिया और उनका उत्साहवर्धन किया। बताया गया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य कानपुर की छुपी प्रतिभाओं को निकाल कर उन्हें एक मंच उपलब्ध कराना है, जिससे वह प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। इस अवसर पर मुख्य रूप से अतुल मिश्रा,विशाल कुमार, राहुल, दीपक ठाकुर, गौरांग कश्यप, एंकर देव नेगी एवं प्रीति मिश्रा उपस्थित रहे।

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