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श्रीराम के जयघोष के साथ दीपदान से चित्रकूट धाम में बिखरा आस्था का रंग

धर्म नगरी चित्रकूट 27,अक्टूबर, भारतीय स्वरुप संवाददाता, धर्म नगरी चित्रकूट में दीपावली अमावस्या पर पांच दिवसीय दीपदान मेला के तीसरे दिन दीप पर्व पर रविवार तड़के से आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर की पहली किरण फूटने तक लाखों श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में रामघाट पर डुबकी लगाई और दीपदान कर समृद्धि की कामना करने के बाद कामदगिरि परिक्रमा लगाई। परिक्रमा पथ से लेकर 84 कोस तक तीर्थ स्थलों पर भी दीप रोशन हुए।

तीर्थ क्षेत्र पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में आराध्य भगवान श्रीराम से जुडऩे की ललक

तीर्थ क्षेत्र पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में आराध्य भगवान श्रीराम से जुडऩे की ललक साफ दिख रही है। तभी एक ही घाट पर अगल बगल खड़े देश दुनिया के श्रद्धालु एक-दूसरे की मदद करने से भी नहीं चूक रहे हैं। श्रद्धालुओं के भारी सैलाब के बावजूद संकरा परिक्रमा मार्ग जयकारों से गूंज रहा है। हर तरफ दीपावली का उत्साह, घर पर दीपों की रोशनी लाने की मंशा दिख रही है।

प्रभु श्रीराम के वनवास काल की गवाह धर्म नगरी चित्रकूट की हर सड़क पर रविवार भोर पहर से आस्थावानों की भीड़ दिखाई पड़ रही है। पैदल, टेंपो, टैक्सी और निजी वाहनों से आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जितने श्रद्धालु तीर्थक्षेत्र में पहुंच रहे हैं, उतने ही पूजा अर्चना कर वापस लौट रहे हैं। चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन, मानिकपुर जंक्शन, बस अड्डा पर हर बस और ट्रेन श्रद्धालुओं से भरी हुई है।

मान्यता है कि भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद जब लौट रहे थे तो उन्होंने रामघाट पर पुष्पक विमान उतारा था। इसके बाद मंदाकिनी तट पर दीपदान किया था, यहां से जाने के बाद उनका अयोध्या में राज्याभिषेक हुआ। उसी समय से विपत्तियों और संकट से मुक्ति की कामना के साथ श्रद्धालु यहां प्रत्येक माह की अमावस्या को आते हैं। दीपावली, श्रावणी और भदई अमावस्या पर विशेष महत्व रहता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

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