घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए, कोयला मंत्रालय ने कई पहलों का क्रियान्वयन किया है। खान विकासकर्ता और परिचालक (एमडीओ) मॉडल को अपनाने, भूमिगत (यूजी) और भू-सतह पर खुली (ओसी) दोनों तरह के सीआईएल खानों के मशीनीकरण और आधुनिकीकरण, नई परियोजनाएं शुरू करने, मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार करने आदि से कोयला उत्पादन में तेजी आई है। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर उन्नत उत्पादन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और ईआरपी की शुरुआत सहित संचालन के डिजिटलीकरण ने खान दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसके अलावा, कोयला मंत्रालय ने नीतियां बनाकर और कोयला खनन कंपनियों को आवश्यक सहायता प्रदान करके कोयला क्षेत्र के विकास को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्थायी खनन से जुड़े तौर-तरीकों को बढ़ावा देने, पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने और कोयला क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से किये गए नीतिगत सुधारों ने कोल इंडिया लिमिटेड की समग्र वृद्धि और सफलता में योगदान दिया है।
यह उपलब्धि न केवल कोल इंडिया लिमिटेड की परिचालन उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में कोयले की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करती है।