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प्रत्याशियों व समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया नामांकन के दौरान निकाल रहे थे जुलूस

कानपुर देहात। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान विकास खण्ड कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। अंतिम दिन नामांकन के दौरान प्रशासन पूरी तरह बंदोबस्त के साथ मौजूद रहा। नामांकन के दौरान जुलूस निकाल रहे प्रत्याशियों व समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है उपजिलाधिकारी राम शिरोमणि ने सोशल डिस्टेंसिंग की प्रत्यासियो से अपील की साथ ही मास्क लगाने वाले प्रत्याशियों का नामांकन किया गया।
शिवली कोतवाली क्षेत्र के विकास खण्ड कार्यालय मैथा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन प्रत्यासी काफी संख्या में नामांकन कराने पहुंचे साथ ही उपजिलाधिकारी राम शिरोमणि ने प्रत्यासी व प्रस्तावकों को मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नामांकन कराने की अपील की। लेकिन विकास खण्ड कार्यालय में नामांकन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही किया गया। मैथा ब्लॉक कार्यालय के कुछ ही दूरी पर ग्राम मांडा मैथा प्रत्यासी भारी संख्या में जुलूस के साथ नामांकन कराने जा रहे थे तभी मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रत्यासियो व समर्थकों को हिरासत में ले लिया वही हिरासत में लिए गए प्रत्यासी के महिला सर्मथकों पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे, हंगामा बढ़ते देख पुलिस बल ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को इतर बितर कर दिया। कोतवाल प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि नामांकन के दौरान जुलूस निकाल रहे लोगों को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है।

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जिलाधिकारी के निरीक्षण में पाये गये दोषी फार्मासिस्ट को CMO ने किया निलम्बित

कानपुर देहात। चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सन्दलपुर एट हवासपुर कानपुर देहात में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दिनांक 15 अप्रैल को निरीक्षण किया गया। औषधि वितरण कक्ष में ड्यूटी पर उपस्थित फार्मासिस्ट विकास कुमार द्वारा एण्टीबायोटिक टेबलेट सिफेक्जिम 10 के स्थान पर 08 तथा टेबलेट पैरासीटामाॅल 15 के स्थान पर 10 दी गयी जिसकी शिकायत मरीज ने चिकित्सालय में औचक निरीक्षण हेतु आये जिलाधिकारी से की, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा औषधि वितरण कक्ष में डेली मेडिसिन कन्जेप्सन रजिस्टर का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें एण्टीबाॅयोटिक टेबलेट सिफेक्जिम 10 तथा पैरासीटामाॅल 15 टेबलेट खारिज की गयी थी। इस सम्बन्ध में फार्मास्टि कोई संतोषजनक उत्तर नही दे सके, इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्ति करते हुए सम्बन्धित फार्मासिस्ट के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही किये जाने हेतु चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 राजेश कटियार ने उक्त फार्मासिस्ट विकास कुमार को अपने कार्य दायित्वों के प्रति लापरवाही/उदासीनता बरतने क प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर तत्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया हैं तथा फार्मासिस्ट विकास कुमार के विरूद्ध आरोपों की विभागीय जांच हेतु उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 ए0पी0 वर्मा व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी शिवम कुमार तिवारी को संयुक्त रूप से जांच अधिकारी नामित किया है।

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स्पेक्ट्रम नीलामी 2021: दूरसंचार विभाग ने सफल बोली लगाने वालों को फ्रीक्वेंसी का आवंटन किया

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने आज (16 अप्रैल 2021) स्पेक्ट्रम नीलामी-2021 के सफल बोली लगाने वालों के लिए फ्रीक्वेंसी आवंटन के कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। सफल बोली लगाने वालों को फ्रीक्वेंसी आवंटन पत्र जारी किए गए।

फ्रीक्वेंसी आवंटन की प्रक्रिया एक फ्रीक्वेंसी सामंजस्य अभ्यास के साथ की गई थी, जिसके द्वारा मौजूदा स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को स्पेक्ट्रम ब्लॉक प्रदान किए गए। मौजूदा स्पेक्ट्रम नीलामी में विभिन्न बैंड में कई लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र (एलएसए) में जहां तक संभव हो, उनके द्वारा पहले से ही अधिग्रहित स्पेक्ट्रम ब्लॉक के साथ शामिल कर दिया गया है।

स्पेक्ट्रम का सामंजस्य 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 19 एलएसए, 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 8 एलएसए, 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 21 एलएसए,  2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 3 एलएसए और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में 16 एलएसए पूरा किया गया। व्यवस्थित प्रक्रिया से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा अधिग्रहित स्पेक्ट्रम का उपयोग उपभोक्ताओं के लिए सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जाएगा।

फ्रीक्वेंसी आवंटन के एक हिस्से के रूप में, सरकार ने एक ही बैंड में स्पेक्ट्रम ब्लॉक के स्थान पर तुरंत उपलब्ध बिना बिक्री किए गए स्पेक्ट्रम ब्लॉकों के आवंटन को बाद की तारीखों से आवंटन के लिए दो टीएसपी मैसर्स भारती और मैसर्स रिलायंस जियो के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है। सरकार को 2306.97 करोड़ रुपये (मैसर्स भारती से 157.38 करोड़ रुपये और मैसर्स रिलायंस जियो से 2149.59 करोड़ रुपये) अगस्त/सितंबर, 2021 की बजाय तुरंत प्राप्त हुए हैं।

यहां पर यह उल्लेखनीय है कि 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में 855.60 मेगाहर्ट्ज का कुल स्पेक्ट्रम 1 और 2 मार्च, 2021 को आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा अधिग्रहित किया गया था। कुल प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए सफल बोली लगाने वालो द्वारा कुल देय राशि 77,820.81 करोड़ रुपये है। इसमें से 21,918.47 करोड़ रुपये की राशि 18 मार्च, 2021 को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अग्रिम भुगतान के रूप में प्राप्त हुई थी, जो कि आवेदन प्राप्त करने के नोटिस के नियम और शर्तों के अनुसार है।

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मिशन कोविड सुरक्षा के तहत कोवैक्सिन उत्पादन की निर्माण क्षमता का विस्तार

भारत सरकार ने आ‍त्‍म निर्भर भारत मिशन 3.0 कोविड सुरक्षा के तहत स्वदेशी कोविड टीकों के विकास और उत्पादन में तेजी लाने की घोषणा की थी। इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

मिशन के तहत भारत सरकार का जैव प्रौद्योगिकी विभाग उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए वैक्सीन बनाने की सुविधाओं के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सिन की वर्तमान उत्पादन क्षमता मई-जून 2021 तक दोगुनी हो जाएगी और फिर जुलाई – अगस्त 2021 तक लगभग 6-7 गुना बढ़ जाएगी यानी अप्रैल, 2021 की 1 करोड़ वैक्सीन खुराक को बढ़ाकर जुलाई-अगस्‍त में 6-7 करोड़ वैक्सीन खुराक/महीना तक ले जाया जाएगा। सितम्‍बर 2021 तक इसके प्रति माह बढ़कर लगभग 10 करोड़ खुराक तक पहुंचने की उम्मीद है।

 

कुछ हफ़्ते पहले, अंतर-मंत्रालय टीमों ने भारत में 2 मुख्य वैक्सीन निर्माताओं के कार्यस्‍थलों का दौरा किया था, ताकि वे इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें कि उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है। इस अवधि में, टीका निर्माताओं के साथ चर्चा की जा रही योजनाओं पर व्यापक समीक्षा और व्यवहार्यता अध्ययन किए गए हैं।

इस वृद्धि योजना के तहत, भारत बायोटेक लिमिटेड, हैदराबाद के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य निर्माताओं की क्षमताओं को आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत किया जा रहा है। भारत बायोटेक की नई बंगलौर सुविधा के लिए भारत सरकार द्वारा करीब 65 करोड़ रुपये की सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसे टीके के उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न उद्देश्‍यों के लिए इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की 3 कंपनियों का भी सहयोग किया जा रहा है।

• महाराष्ट्र राज्य के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम- हाफकीन बायोफार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई। इसके तैयार करने के लिए करीब 65 करोड़ रुपये की सहायता के रूप में भारत सरकार से अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हाफकीन बायोफार्मास्युटिकल लिमिटेड ने इस कार्य को पूरा करने के लिए लगभग 12 महीने का समय मांगा था। हालांकि, केंद्र सरकार ने उन्हें काम में तेजी लाने और 6 महीने के भीतर तेजी से काम पूरा करने को कहा। एक बार चालू हो जाने पर इस स्‍थान में प्रति माह 2 करोड़ (20 मिलियन) डोज की क्षमता होगी।

• राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अंतर्गत एक सुविधा- इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड (आईआईएल), हैदराबाद और भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक सीपीएसई –भारत इम्‍यूनोलॉजिकल्‍स एंड बॉयोलॉजिकल्‍स लिमिटेड (बीआईबीसीओएल), बुलंदशहर  को भी अगस्‍त-सितम्‍बर 2021 तक प्रति माह 10-15  मिलियन डोज  प्रदान करने के लिए उनकी सुविधा तैयार करने में सहयोग किया जाएगा।

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ओडिशा में धामरा नदी पर बनेगी 110 करोड़ रुपये की रोपेक्स जेटी परियोजना

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सागरमाला पहल के तहत ओडिशा के भद्रक जिले के कनिनली और केंद्रपाड़ा जिले के तलचुआ को जोड़ने की के लिये हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स (रोल-ऑन/रोल-ऑफ पैसेंजर) जेटी और उससे जुड़े बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 50.30 करोड़ रुपये की मंजूरी को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। ओडिशा सरकार परियोजना की लागत का बाकी 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करेगी।

परियोजना की कुल पूंजी लागत 110.60 करोड़ रुपये है जिसमें कनिनली और तलचुआ में रोपेक्स जेट्टी का निर्माण, पार्किंग क्षेत्र का विकास, नौवहन संबंधी सहायता और ड्रेजिंग जैसे उपयोगी बुनियादी ढांचे शामिल हैं।

यह परियोजना, सड़क मार्ग के छह घंटे के सफर को जलमार्ग से कम कर एक घंटा कर देगी। हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स जेटी के साथ मौजूदा घाट का विकास नौकाओं, लांच (बड़ी नौकाओं पर चढ़ने-उतरने के लिए बने पट्टे) और अन्य जहाजों के साथ-साथ, 10 हल्के मोटर वाहनों,  20 मोटरसाइकिलों के साथ-साथ एक समय में 60 यात्रियों को ले जाने की क्षमता वाले जहाज के लिए मददगार ढांचा तैयार के साथ किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह परियोजना धामरा नदी के आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के अप्रत्यक्ष अवसरों की सुविधा प्रदान करेगी और तलचुआ से धामरा तक सड़क की दूरी को 200 किलोमीटर कम कर देगी।

भद्रक जिले में कनिनली और केंद्रपाड़ा जिले में तलचुआ, क्रमशः धामरा नदी के उत्तरी और दक्षिणी तट पर स्थित हैं। तलचुआ और आसपास के गांवों के लोग अपनी आजीविका के लिए ज्यादातर धामरा बंदरगाह पर निर्भर हैं, जो कि कनिनली घाट से लगभग चार किलोमीटर दूर है। चूंकि सड़कों के माध्यम से कोई संपर्क नहीं है, स्थानीय आबादी नदी (सात किलोमीटर की दूरी) पार करने के लिए कनिनली और तलचुआ के घाटों पर यात्री नौकाओं पर निर्भर करती है। इस समय बहुत सारे यात्री वाहन बिना सुरक्षा के निजी नौकाओं के माध्यम से चलते हैं और यात्रियों को हर दिन एक छोर से दूसरे छोर पर नौका से उतरने-चढ़ने में दिक्कतें आती हैं। यह परियोजना अत्याधुनिक उपयोगिता बुनियादी ढांचे के साथ यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा को बढ़ाएगी। इस संपर्क से वाणिज्यिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और आसपास के क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

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वायुसेना कमांडरों का सम्मेलन 2021

माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना मुख्यालय में दिनांक 15 अप्रैल 21 को द्विवार्षिक भारतीय वायु सेना कमांडरों सम्मेलन (एएफसीसी-21) को संबोधित किया। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी चीफ ऑफ एयर स्टाफ (सीएएस) ने सम्माननीय रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया।

अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सम्मेलन मार्शल ऑफ द एयर फोर्स अर्जन सिंह की जयंती के मौके पर आयोजित किया गया है । रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में अचानक हुए घटनाक्रम का समय पर एवं समुचित जवाब सुनिश्चित करने के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई दी। उन्होंने कमांडरों को भविष्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं और रणनीतियां तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने भविष्य के लिए वायुसेना को तैयार करने की दिशा में भारतीय वायु सेना के फोकस की सराहना की ।

इन दिनों जारी कोविड-19 महामारी के बारे में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना द्वारा अपने कार्य में अन्य सरकारी एजेंसियों की सहायता करने में निभाई गई भूमिका की सराहना की। बदलती अंतरराष्ट्रीय भूराजनीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ट्रांस अटलांटिक से ट्रांस पैसिफिक तक फोकस का प्रत्यक्ष बदलाव और अधिक स्पष्ट हो गया है । युद्ध के बदलते आयामों में अब उन्नत प्रौद्योगिकियां, असममित क्षमताएं और सूचना के क्षेत्र में दबदबा शामिल होंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण था कि भविष्य के लिए भारतीय वायुसेना इन आयामों को अवश्य शामिल करे।

‘आत्मनिर्भरता’ के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए रक्षा मंत्री ने रक्षा से जुड़े बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के लिए भारतीय वायुसेना के आदेश से घरेलू रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा और यह स्वदेशीकरण के नजरिए से गेम चेंजर साबित होगा। उन्होंने कमांडरों से स्वदेशी रक्षा उत्पादन और विमान रखरखाव के क्षेत्र में और भी अधिक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने प्रयास जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास राष्ट्रीय नीति के पूरक पहलू हैं। स्वदेशी उद्योग के लिए भारतीय वायुसेना के समर्थन से इस क्षेत्र में एमएसएमई का विकास होगा जो एक साथ देश के आत्मनिर्भरता और सामाजिक-आर्थिक विकास को पूरा करने में मददगार होगा।

उन्होंने कमांडरों से आग्रह किया कि वे संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जारी सभी निर्देशों का जायजा लें और उन्हें लागू करें। उन्होंने वर्तमान में चल रही एकीकरण प्रक्रिया, संयुक्त लॉजिस्टिक्स योजना के कार्यान्वयन और संयुक्त योजना और संचालन के क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करते रहने की ज़रूरत पर जोर दिया।

अपने समापन भाषण में रक्षा मंत्री ने वायुसेना के कमांडरों को एक शक्तिशाली रणनीतिक एयरोस्पेस बल होने के लक्ष्य को प्राप्त करने में रक्षा मंत्रालय से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि सम्मेलन के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता बढ़ेगी।

कमांडरों का सम्मेलन दिनांक 16 अप्रैल 21 को समाप्त होगा। वर्तमान युद्धक क्षमताओं को बेहतर बनाने एवं भारतीय वायुसेना को भविष्य के लिए तैयार एक युद्धक सेना बनाने की कार्ययोजना का परीक्षण किया जाएगा।  सभी क्षेत्रों में प्रणालियों, सुधारों और पुनर्गठन से संबंधित विषयों एवं अधिक कुशल प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने पर भी चर्चा की जाएगी।

 

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विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा कल

हाथरस। विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की जयंती के उपलक्ष में ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में कल 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को विशाल एवं भव्य शोभायात्रा शहर में निकलेगी और शोभायात्रा में सभी विप्र बंधुओं एवं शहर की जनता से शामिल होने की अपील की गई है। उक्त संबंध में जानकारी देते हुए श्री ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष रवि रंजन द्विवेदी एडवोकेट, शोभा यात्रा संयोजक राजेश शर्मा ‘राजू’ एवं ब्राह्मण शिविर संयोजक विशाल सारस्वत ने बताया है कि विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की शोभायात्रा कल 13 अप्रैल को भारी धूमधाम के साथ आगरा रोड स्थित चित्रकूट व्यायामशाला से सायं 5 बजे प्रारंभ होगी और शोभा यात्रा का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय द्वारा किया जाएगा। उन्होंने समस्त ब्राह्मण समाज एवं शहर की जनता से अनुरोध किया है कि शोभायात्रा में भारी संख्या में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें।

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महाकुम्भ, आस्था,धर्म,और संस्कृति का संगम है -सतपाल महाराज

हरिद्वार| उत्तराखंड के पर्यटन संस्कृति कैबिनेट मंत्री एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी  सतपाल  महाराज ने कहा कि कुम्भ महापर्व सदियों से चला आ रहा है भारतीय सनातन संस्कृति का अद्वितीय महापर्व है जिसका अमृतमय सन्देश आत्मसात करके ही विश्व को विनाश से बचाया जा सकता है। महाराज  ने प्रेमनगर आश्रम स्थितगोवर्धन हॉल में आयोजित विशाल अध्यात्म-योग-साधना शिविर के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए अपने दैनिक तथा सामाजिक कार्यों  को करने की आदत बनानी है। महाराज ने कहा कि भारत के ऋषि-महऋषियों एवं धर्म शास्त्रों के ज्ञान का मूल है कि समस्त प्राणियों के श्वांस-प्रश्वांस में समाये प्रभु-नाम के अध्यात्म तत्व-ज्ञान से ही मानव के विनाश कारी मन पर काबू किया जा सकता है। समुद्र मंथन से अमृत कुम्भ निकला और उसकी बूँदें चार स्थानोंपर गिरीं जहां पर हर बारह वर्ष में कुम्भ मनाया जाता है। महाराज ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत का प्राचीन विज्ञान इतना उन्नत था कि ऋषि-महाऋषियों को यह ज्ञात था कि हर बारह वर्ष में बृहस्पति सूर्य की राशि में लौटता है जिससे महा-योग की स्थिति उत्पन्न होती है तथा इसी पावन योग में कुम्भ पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि समुद्र से निकले चौदह रत्नो में सबसे पहले विष निकला जिसके विनाश से भगवान शिव ने संसार की रक्षा की ।  मानव मन को अध्यात्म ज्ञान से संतुलित करके ही मन के सागर मंथन से हम अमरत्व की दिशा प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए हमें अपने समाज की व राष्ट्र सहित समग्र मानवता की प्रगति को सुनिश्चित व सुरक्षित रखने हेतु हम सबको कुम्भ अर्थात घड़ा बनकर अच्छाइयों का संग्रह अपने अंदर करना होगा। तभी हम विनाशकारी शक्तियों का डटकर मुकाबला करते हुए अमृतत्व की शक्ति से अपने व अपने समाज की रक्षा कर भारत को एक महाशक्ति बना सकते हैं। कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत सहित देश से विभिन्न राज्यों से आये हुए अनेक-अनुभवी संत-महात्माओं ने अपने विचार रखे तथा कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कलाकारों ने अपने मधुर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध किया।

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शांति समझौते के वर्षों बाद कोलंबिया में हिंसा और मानवीय संकट गहराया

शांति समझौते के वर्षों बाद कोलंबिया में हिंसा और मानवीय संकट गहराया

7 अप्रैल 2021 तक हुए 26 हत्याकांडों में 95 लोग मारे गए। इस हिंसा ने लगभग 15,000 लोगों के विस्थापित होने के लिए मजबूर किया है।

हत्याकांड, सोशल लीडर्स की हत्या, रिवॉल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेस ऑफ कोलंबिया (एफएआरसी) गुरिल्ला समूह के पूर्व लड़ाकों का नरसंहार कोलंबिया में जारी है। देश में लगभग हर रोज कम से कम एक हिंसक घटना की खबर जरुर मिलती है।

इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड पीस स्टडीज (आईएनडीईपीएजेड) के अनुसार इस साल 6 अप्रैल तक 43 सोशल लीडर्स और एफएआरसी के 14 पूर्व लड़ाकों की हत्या अवैध सशस्त्र समूहों और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले समूहों द्वारा की गई। इसके अलावा इस साल के पहले 97 दिनों में 25 हत्याकांडों में 95 लोग मारे गए हैं।

इसके अलावा, एक हालिया रिपोर्ट में आईएनडीईपीएजेड ने इस साल हिंसा के कारण जबरिया सामूहिक विस्थापन में खतरनाक स्तर पर वृद्धि का संकेत दिया। देश के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 15,000 लोगों को 2021 के पहले तीन महीनों में 65 सामूहिक विस्थापन की घटनाओं में अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

पूर्व राष्ट्रीय सरकार और एफएआरसी के बीच नवंबर 2016 में हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हिंसा की स्थिति में सुधार होना चाहिए था लेकिन इसे लागू करने में इवान ड्यूक की अगुवाई वाली दक्षिणपंथी सरकार की विफलता के बाद और खराब हो गई है।

देश में सक्रिय विभिन्न सशस्त्र समूहों के सदस्य विशेष रूप से पर्यावरणविदों, भू- रक्षकों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अफ्रो-वंशज और जनजातिय समुदायों के नेताओं को निशाना बनाते है जो भूमि और प्राकृतिक संसाधनों का बचाव करने के लिए काम करते हैं और अपने क्षेत्रों में अवैध फसलों की खेती और अवैध खनन के खिलाफ विरोध करते हैं।

आईएडीईपीएजेड के अनुसार शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से 1,157 पर्यावरणविदों, मानवाधिकार रक्षकों, समुदाय, किसान और सोशल लीडर्स और एफएआरसी के 263 पूर्व लड़ाकों की हत्या कर दी गई है।

कई नेताओं ने कहा है कि ये हत्याएं आर्थिक हितों के साथ-साथ राजनीतिक एजेंडे से भी प्रेरित हैं। उन्होंने सामाजिक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों को दोषी ठहराने और अपराधी बताने की ड्यूक की नीतियों को अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि यह उनके खिलाफ हिंसा को सामान्य करता है।

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