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क्राइस्ट चर्च कॉलेज और विज्ञान भारती के सयुक्त तत्वाधान में वेबीनार आयोजित

कानपुर 29 सितंबर क्राइस्ट चर्च कॉलेज के साथ विज्ञान भारती के सहयोग से एक वेबीनार का सफलता पूर्वक आयोजना हुआ जिसके मुख्य अतिथि जाने माने अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा जी रहे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ श्वेता चांद द्वारा प्रार्थना से हुई। फिर क्राइस्ट चर्च कॉलेज प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल ने इस कार्यकर्म में सभी प्रतिभागियों का स्वागत कर इस वेबिनार को उपयोगी बताया , विज्ञान भारती सचिव डॉ सुनील मिश्र ने विज्ञान भारती मंच से अवगत कराया , अनुकृति रंगमंडल के सचिव डॉ उमेंद्र जी द्वारा सभा का संबोधन किया गया । नमन अग्रवाल एवं इश्तिका कुशवाहा द्वारा अखिलेंद्र मिश्रा के जीवन पर आधारित एक वीडियो प्रस्तुति दी गई। डॉ मीत कमल ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया। अखिलेंद्र मिश्र  द्वारा सभा का संबोधन किया गया। उन्होंने बताया की “विश्व में दो मंथन हुए थे प्रथम समुद्र मंथन व दूसरा स्वत्रंता मंथन। जिसमे स्वतंत्रता सेनानियों ने विष का सेवन किया था तभी जा कर हमे ७५ वा आज़ादी का अमृत महोत्सव को मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
वेदांत मिश्रा द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया । इस कार्यक्रम का समापन श्री अभय द्वारा शांति मंत्र से किया गया । इस कार्यक्रम में 100 से भी अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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वर्तमान सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों की आय में हुई उत्तरोत्तर वृद्धि

कानपुर 29 सितंबर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ-साथ अन्य किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार हर स्तर पर सहायता कर रही है। गन्ना किसानों की आय में वृद्धि के लिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य में रू0 25.00 प्रति कुन्टल की अभूतपूर्व वृद्धि कर किसानों को तोहफा दिया है। वर्ष 2021-22 हेतु उ0प्र0 सरकार द्वारा गन्ना मूल्य मंे रू0 25.00 प्रति कुन्टल की बढ़ोत्तरी की गयी है। शीघ्र प्रजाति के लिए रू0 350.00 प्रति कु0, सामान्य प्रजाति के लिए रू0 340.00 प्रति कु0 एवं अस्वीकृत प्रजाति के लिए रू0 335.00 प्रति कु0 की दरें निर्धारित करते हुए गन्ना किसानों को लाभान्वित किया है। इस बढ़े हुए गन्ना मूल्य से प्रदेश के गन्ना किसानांे को वर्ष 2021-22 में लगभग रू0 4,000.00 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि गन्ना मूल्य के रूप में चीनी मिलों से प्राप्त होगी।

वर्तमान सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में लिये गये निर्णयों से वर्ष 2021-22 हेतु शीघ्र पकने वाली प्रजातियों का क्षेत्रफल 97.45 प्रतिशत, सामान्य प्रजातियों का क्षेत्रफल 2.34 प्रतिशत एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का मात्र 0.21 प्रतिशत हो गया है। जबकि वर्तमान सरकार के पूर्व वर्ष 2016-17 में प्रदेश में शीघ्र पकने वाली प्रजाति का क्षेत्रफल 52.83 प्रतिशत, सामान्य पकने वाली प्रजातियों का क्षेत्रफल 37.44 प्रतिशत एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का क्षेत्रफल 9.73 प्रतिशत था। वर्ष 2016-17 मंे शीघ्र पकने वाली प्रजातियों का गन्ना मूल्य रू0 315.00 प्रति कु0, सामान्य प्रजातियों का रू0 305.00 प्रति कु0 एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का गन्ना मूल्य रू0 300.00 प्रति कु0 निर्धारित किया गया था। प्रजातियों के आधार पर गन्ना कृषकों को औसतन रू0 309.80 प्रति कु0 गन्ना मूल्य प्राप्त होता था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा गन्ना मूल्य की दर में की गई बढ़ोत्तरी से पेराई सत्र 2021-22 में गन्ना कृषकों को वेराइटल प्रतिशत के आधार पर औसतन रू0 349.80 प्रति कु0 की दर प्राप्त होगी जो पेराई सत्र 2016-17 के मुकाबले रू0 40.00 अधिक है। प्रदेश सरकार की किसान हित में चलाई गयी गन्ना विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से औसत गन्ना उत्पादकता बढ़कर 815 कु0 प्रति हेक्टे0 हो गई है। जो वर्ष 2016-17 में 723.80 कुन्टल प्रति हेक्टे0 ही थी। वर्ष 2021-22 में बढ़ोत्तरी के फलस्वरूप गन्ना किसानों को रू0 2,85,087.00 प्राप्त होंगे, अर्थात कृषक को 01 हेक्टे0 गन्ने से बढ़े हुए गन्ना मूल्य एवं उपज वृद्धि के कारण रू0 60,854.00 प्रति हेक्टे0 अधिक प्राप्त होंगे।
वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल 04 वर्षों में कुल 4289.09 लाख टन गन्ने की पेराई की गयी, जबकि इसके पूर्व के 04 वर्षों में मात्र 2918.53 लाख टन गन्ने की पेराई हुयी थी। इस प्रकार वर्तमान सरकार के कार्यकाल में चीनी मिलों द्वारा पूर्व के 04 वर्षों के मुकाबले 1370.56 लाख टन अधिक गन्ने की पेराई की गयी। पूर्व के वर्षों में कृषक औने-पौने दामों पर क्रेशर एवं कोल्हुओं पर गन्ना बेचने हेतु मजबूर थे। वर्तमान सरकार के 04 वर्षों में औसत गन्ना पेराई 1072.27 लाख टन प्रति वर्ष रही है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। जबकि इसके पूर्व के 04 वर्षों में 729.63 लाख टन प्रतिवर्ष थी जिसके कारण कृषक अपने गन्ने का उचित निस्तारण नहीं कर पाते थे। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हितार्थ संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं का ही परिणाम है कि उ0प्र0 गत वर्षों से लगातार गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कानपुर के सहजना गांव की बेटी “डाली”(मृतक) के परिजन को रु10 लाख की चेक किया प्रदान।

कानपुर 27 सितंबर, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज कानपुर नगर के बिल्हौर तहसील के ग्राम सहजना की बेटी के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से सहायता राशि के रू0 10 लाख रु. का चेक प्रदान किया। उन्होने कहा कि मृतक बेटी के साथ हुयी घटना के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित होगी। सहायता राशि मृतक बेटी (डाली) की मां श्रीमती मिथिलेश कुशवाहा पत्नी स्व0 ओम प्रकाश को उनके स्थाई निवास( घर) जाकर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा प्रदान की ।

उपमुख्यमंत्री ने मृतका के परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधाया तथा कहा कि शासन और प्रशासन उनके साथ है, उनकी हर संभव मदद की जाएगी। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी ।उन्होंने घटना के बाबत परिजनों से वार्ता भी की तथा मृतका के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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कानपुर नगर में मेगा कोविड-19 टीकाकरण अभियान का आयोजन कल : मुख्य चिकित्सा अधिकारी

कानपुर 26 सितंबर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि कल 27 सितंबर 2021 को जनपद कानपुर नगर में मेगा कोविड-19 टीकाकरण अभियान का आयोजन किया जा रहा है| उक्त अभियान के अंतर्गत जनपद में दिनांक 27 सितंबर 2021 को 150000 डोज(128000 लक्ष्य + 22000 मेगा सिटी लक्ष्य) लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है| जनपद में ग्रामीण क्षेत्र में 257 कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में 283 टीमों के द्वारा 97050 डोज एवं नगरी क्षेत्र में 98 कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में 149 टीमों द्वारा 53150 डोज लगाया जाएगा| इसी प्रकार मेगा अभियान में जनपद के 355 कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर 432 टीमों के द्वारा टीकाकरण शस्त्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 150200 डोज लगाया जाना निर्धारित किया गया है| आम जनता से अपील है कि अभी भी जिन लोगों ने कोविड-19 टीकाकरण नहीं कराया है, अवसर का लाभ उठाते हुए अपने नजदीकी टीकाकरण सत्र पर पहुंचकर टीकाकरण कराएं| टीकाकरण हेतु ऑनलाइन एवं ऑन स्पॉट दोनों माध्यम से पंजीकरण कराकर टीकाकरण कराया जा सकता है| कोविड टीकाकरण के संबंध में किसी भी जानकारी हेतु डॉ0 ए0के0 कनौजिया, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी-9793746044, डॉ0 राजेश शर्मा, चिकित्सा अधिकारी-9936773141 एवं श्री शैलेंद्र मिश्रा, जिला स्वा0शि0 एवं सू0 अधिकारी के नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं|
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क़बीरा खड़ा बाज़ार में सब की माँगें ख़ैर

क़बीरा खड़ा बाज़ार में सब की माँगें ख़ैर .. न किसी से दोस्ती न ही किसी से बैर, संत कबीर दास जी की ये पंक्तियाँ मेरे दिल के बहुत क़रीब है।

ये सोच किसी साधु महात्मा या पीर की ही हो सकती है आम तौर पर ऐसी हमारी धारणा है मेरे विचार में हर इक इन्सान की ऐसी सोच हो सकती है बशर्ते ..उसको ये समझना होगा कि कुछ भी हमारी ज़िंदगी में होता है किसी का आना जाना,किसी से लेना देना ,किसी से नुक़सान ,किसी से फ़ायदा ,किसी से मान और अपमान मिलना ..ये सब पहले ही से तय हो चुका होता है हमारे पिछले जन्मों के करमो के अनुसार ।जैसा बीज हम बोते है वही काटते है
अब अगर ये बात हमें समझ में आ जाये कि हमें अपना किया हुआ ही मिल रहा है तो हम कभी किसी और को दोष नहीं दे पायेंगे।किसी से अच्छा किया होता है तो वो दोस्त बन कर आ जाता है और अगर किसी से बुरा किया हो तो वह किसी न किसी रूप में आ कर दुश्मनी ही निभायेगा।

मन से ज़्यादा कुछ और उपजाऊ नही है ।वहाँ जो भी बोयेंगे वही उगेगा ,चाहे वो विचार नफ़रत का हो या फिर प्रेम का।
इक सकून भरा जीवन जीने के लिए अच्छा और पोजीटिव ही सोचना बेहतर है।

इक सच्चा इन्सान..पीर.. साधु महात्मा ऐसी ही सोच का मालिक होता हैं हमे अपने ही करमो पर लगातार नज़र ,अपनी सोच पर निरन्तर वार करने से ही इक सुन्दर सोच का निर्माण होगा। हमे खुद अपने को ही देखना है किसी दूसरे को नही .. तभी हमारी वो अवस्था बन सकेगी।

मगर अक्सर सुनने में आता है “दुनिया ऐसी नहीं है जनाब !!
जैसी आप समझते हैं “बहुत ख़राब है वग़ैरह वग़ैरह..भले कोई कैसा भी हो “हम शुरूआत तो खुद से कर ही सकते है “दुनियाँ कोई नहीं बदल सका आज तक ,मगर खुद को बदलना हमारे ही हाथ है ..दोस्तों बुरा कोई भी नहीं मगर संस्कारों की कमी की वजह से ,हालातों की वजह से , हमारी अपनी परवरिश जिस तरह हुई हो हम वैसा ही व्यवहार करते हैं।
कई बार हर बुराई हम बेधड़क होकर करते जाते है बिना सोचे समझे और अंजाम हमारी आत्मा को भुगतना पड़ता है हमे खुद भी नहीं पता होता कि हम अनजाने में कितना ग़लत कर रहे होते है दूसरों से ज़्यादा हम खुद अपनी आत्मा को धोखा दे रहे होते हैं .. ऐसी स्थिति वाक़ई मे दयनीय है

“चला चली की बेला है यारा
न कोई दोस्त न कोई दुश्मन
तू तो बस अकेला है यारा “

कोशिश तो हमारी यही होनी चाहिए कि हमारा नाम
देने वालों में हो न की लेने वालों में,बचाने वालों मे हो न कि मारने वालो मे ,
बनाने वालों में हो ,न की तोड़ने वालों में ..
वो चाहे तो किसी का दिल हो ,किसी का घर हो ,किसी का विश्वास हो या फिर किसी का व्यापार ।
मेरी रब से यही दुआ है दोस्तों
कि हम किसी का बुरा न माँग कर
सब की खैर ही माँगे ।इसमें हमारा कुछ भी घटेगा नहीं बल्कि मन मे
शांति और सकून बढ़ ज़रूर जायेगा ..जिस शान्ति के लिये हम कहाँ कहाँ नहीं भटकते यें कहीं बाहर नहीं है दोस्तों .. ये हमारे सब के अन्दर ही है जिसे सिर्फ़ जगाने की ज़रूरत है।

दोस्तों
ये इतना मुश्किल है भी नहीं ।
बस अधरों पर सुन्दर मुस्कान,आँखें बंद और अपने माथे से सलवटो को हटा कर पवित्र मन से ,खुले दिल से सब की खैर ही तो माँगनी है ।
फिर देखिए कमाल !
मन भी सुन्दर और तन भी सुन्दर होगा । बिना इत्र लगाये मन भी महकेगा और तन भी।

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मुंद्रा में डीआरआई ने 3,004 किलोग्राम हेरोइन जब्त की

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने भारत में हेरोइन की तस्करी पर लगातार अपनी कार्रवाई करते हुए 13.09.2021 को दो कंटेनरों को जांच के लिए हिरासत में लिया जो ईरान के बंदर अब्‍बास से होते हुए अफगानिस्‍तान के कंधार से मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे थे। जांच के दौरान उन कंटेनरों में सेमी-प्रोसेस्ड टैल्कम स्टोन्स होने का पता चलता। जबकि 17.09.2021 और 19.09.21 को कंटेनरों की विस्तृत जांच में दो कंटेनरों से 2,988 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई।

हेरोइन को जंबो बैग में छुपाया गया था जिसके लिए कहा गया था कि इसमें अनप्रोसेस्‍ड टेलकम पाउडर है। हेरोइन को बैग की निचली परतों में रखा गया था। उसके बाद टैल्कम स्टोन के साथ टॉप किया गया था ताकि हेरोइन का पता न लगाया जा सके। परिणामस्‍वरूप काफी मेहनत के बाद हेरोइन को टैल्कम स्टोन्स से अलग किया गया।

हेरोइन का पता चलने के बाद तत्‍काल नई दिल्ली, नोएडा (यूपी), चेन्नई, कोयंबटूर, अहमदाबाद, मांडवी, गांधीधाम और विजयवाड़ा में इसके बाद कार्रवाई की गई। इससे दिल्ली के एक गोदाम से 16.1 किलोग्राम हेरोइनकोकीन होने का संदेहास्पद 10.2 किलोग्राम पाउडर और नोएडा के एक रिहायशी स्थान से 11 किलोग्राम संभावित हेरोइन पदार्थ की बरामदगी हुई।

इस मामले में अब तक चार (4) अफगान नागरिकों, एक (1) उज्‍बेक नागरिक और तीन (3) भारतीय नागरिकों सहित कुल आठ (8) लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिकों में आयात निर्यात कोड (आईईसी) धारक व्‍यक्ति भी शामिल है जिसका उपयोग माल को आयात करने के लिए किया जाता था। उसे चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच जारी है।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में निर्यात प्रोत्साहन केंद्र ‘जम्मू हाट’ का उद्घाटन किया

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, एमओएस पीएमओ, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज प्रदर्शनी मैदान, जम्मू में निर्यात प्रोत्साहन केंद्र ‘जम्मू हाट’ का उद्घाटन किया। उद्यमियों, खरीदारों, विक्रेताओं और निर्यातकों के लिए एक मंच ‘वाणिज्य सप्ताह’ के अवसर पर आज ‘जम्मू हाट’ का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटन के दौरान प्रर्दशनी में भाग ले रहे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब भारत आजादी के 75 साल ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, तो अगले 25 साल देश के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2047 तक जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 साल पर ‘विश्व गुरु’ के रूप में उभरेगा, यह पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से मिलकर एक पूर्ण भारत होगा, जिसमें से जम्मू और कश्मीर भी एक हिस्सा है और इस प्रकार जम्मू के लोगों को मजबूत रहना चाहिए और उस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि 26 मई, 2014 को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, प्रधान मंत्री द्वारा दिया गया एक मंत्र था “न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन” और यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पिछली सरकारों के दौर में विकास के मामले में छूटे हुए राज्य, केंद्र शासित प्रदेश आदि का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समान बनाने के लिए हर कदम उठाया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘मिशन नॉर्थईस्ट’ है, जिसका ‘पूर्वोत्तर विकास मॉडल’ पूरे देश में एक उदाहरण बन गया है। इस सरकार द्वारा पूर्वोत्तर को भीतरी इलाकों को अब देश के केंदीय इलाके के रूप में बदल दिया गया है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चल रहे जनसंपर्क कार्यक्रम पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम श्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद, ‘मिशन जम्मू-कश्मीर’ पर जोर दिया गया, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कदम केंद्रीय मंत्रियों को जनसंपर्क कार्यक्रम में व्यापक रूप से शामिल करना था जो इन दिनों बड़े पैमाने पर उठाया गया है।

 

जम्मू-कश्मीर में पिछले 2 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी केंद्रीय कानून अब जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश पर लागू होते हैं, चाहे वह भ्रष्टाचार विरोधी कानून हो या अन्य कानून जो जम्मू-कश्मीर को भारत की मुख्यधारा में लाने के लिए किए गए थे।

मंत्री ने कहा कि पहले राज्य का शिकायत पोर्टल कभी काम नहीं करता था, उसे अब सीजीआरएएमएस से जोड़ दिया गया है ताकि लोगों की शिकायतों का समय पर निवारण किया जा सके। मंत्री ने यह भी कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में 50 हजार करोड़ से अधिक के निवेश आने की उम्मीद है जो आने वाले वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में विकास की रफ्तार को तेज करने काम करेगा।

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आईएनएस तबर की अभियानगत तैनाती

मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस तबर को 13 जून, 2021 से तीन महीने से अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय जल के लिए तैनात किया गया था। तैनाती के दौरान उसने यूरोप और अफ्रीका के नौ देशों में लगभग 20,000 नॉटिकल मील समुद्री यात्रा करते हुए 11 पोर्ट कॉल किए। सभी बंदरगाहों पर स्थानीय अधिकारियों ने जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने इसका दौरा किया।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(1)CS9G.jpeg

जहाज की बंदरगाह यात्राओं में मेजबान देशों के साथ विभिन्न सामाजिक और व्यावसायिक बातचीत हुई। जहाज ने समुद्र में विदेशी नौसेनाओं के साथ बारह समुद्री साझेदारी अभ्यास भी किए। इनमें रॉयल नेवी के साथ एक्सरसाइज कोंकण 21 और रूसी नौसेना के साथ एक्सरसाइज इंद्र-नेवी 21 जैसे प्रमुख द्विपक्षीय अभ्यास भी शामिल थे। इन अभ्यासों में विविध प्रकार के नौसैनिक अभियानों को शामिल करते हुए व्यापक और बहु-आयामी विकास शामिल थे। माना जाता है कि अभ्यासों ने भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता में वृद्धि की है और आवश्यकता पड़ने पर साझा समुद्री चिंताओं और खतरों को दूर करने के लिए वे आसानी से काम कर सकते हैं। इनमें से कुछ अभ्यास जैसे कि रॉयल नॉर्वेजियन नौसेनाअल्जीरियाई नौसेना और सूडानी नौसेना के साथ-पहली बार हुए थे ।

आईएनएस तबर ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना की 325वीं वर्षगांठ समारोह में भी भाग लिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस अभियानगत तैनाती के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद आईएनएस तबर को अब एडन की खाड़ी और फारस की खाड़ी में गश्त के लिए तैनात किया गया है।

कैप्टन महेश मंगीपुडी द्वारा कमांड किए जाने वाला आईएनएस तबर एक स्टील्थ फ्रिगेट है और इसमें 300 कर्मियों का दल है। पश्चिमी बेड़े से संबंधित इस जहाज़ ने पहले एडन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी ऑपरेशन में भाग लिया था।

 

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रूढ़ियां

आज मैं कुछ जल्दी ही घर आ गई थी। बरसात का मौसम था और मौसम में घनी बदली छाई हुई थी। हवा के झोंके रह-रहकर मेरे गालों को सहला जाते थे। इस वक्त मुझे चाय की बड़ी तलब लगी हुई थी तो अपने लिए चाय बना कर मैं फिर से बालकनी में आ गई। मैं इन पलों को खोना नहीं चाहती थी। मैं बाहर भागते हुए ट्रैफिक को देख रही थी, कभी किसी को एक दूसरे से उलझते हुए देख रही थी तो कभी यूं ही नजरें इधरउधर घुमा लेती। मुझे अचानक अपनी कमर पर दो हाथ घेरते हुए से महसूस हुए। सोनू ने बाहों में जकड़ कर कहा, “क्या बात है! आज बड़ी फुर्सत में हो”।
मैं:- “अरे तुम! हां आज जल्दी फ्री हो गई तो घर आ गई। तुम कैसे जल्दी आ गए।”
सोनू:- “तुम्हारे सेंटर पर फोन किया था तो पता चला कि तुम घर चली गई हो तो मैं तुम्हें सरप्राइज करने के लिए आ गया।”
मैं:- “रुको, मैं तुम्हारे लिए चाय लेकर आती हूं।”
सोनू:-  “चाय के साथ में कुछ नमकीन भी प्लीज।”
मैं:- “भुक्खड़”!
सोनू:- “चाय के साथ कुछ मीठा वगैरह भी लेती आना।”
मैं:- “चाय के साथ कोई मीठा भी खाता है क्या? नहीं है मीठा” और मैं चाय लेने चली गई। चाय के साथ मठरी चवाड़ा लेकर बालकनी में आ गई।
सोनू:- “तुम्हारी क्लास और बच्चे कैसे चल रहे है मतलब कि तुम्हारा सेंटर कैसा चल रहा है”।
मैं:- “बस ठीक ही चल रहा है। ऑफलाइन तो कुछ ऑनलाइन काम करना पड़ रहा है। नेटवर्क प्रॉब्लम तो है ही। बस चल रहा है।”
सोनू:- “सभी टीचर आ रहे हैं क्या?”
मैं:- “अब पढ़ाना है तो आना ही पड़ेगा। घर बैठे तो सैलरी मिलेगी नहीं।”
सोनू:- “हां यह भी सही है।”
मैं:- “और तुम कहां गायब रहते हो आजकल? दिखाई नहीं दिए कई दिनों से।”
सोनू:- “घर जाने की सोच रहा था, तुम्हारे और मेरे बारे में घर में बताना भी है और शादी की बात भी कर करनी है।
मैं:- “कब जा रहे हो ?”
सोनू:- “जाऊंगा वीकेंड पर।”
मैं:- “मुझे टेंशन रहेगा जब तक तुम मुझे बता नहीं दोगे कि तुम्हारे घर वालों ने क्या कहा।”
सोनू:- “परेशान मत हो, मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला। तुमने अपनी मां से बात की।”
मैं:- “हां, वह मिलना चाह रही थी तुमसे। अगले महीने वह यहां आ रही है।”
सोनू:- “ठीक है मिल लेंगे तभी।”
मैं:- “कास्ट अलग है हमारी, पता नहीं तुम्हारे घर वाले हमारे रिश्ते को स्वीकार करेंगे या नहीं”।
सोनू:- “देखता हूं यार, सब ठीक होगा। टेंशन ना लो।” मैं हंस देती हूं।
मुझे और सोनू को रहते हुए करीब दो साल हो रहा था और अब हम इस रिश्ते को समाज की रजामंदी की मोहर लगा देना चाहते थे । मैं और मेरी मां अकेले ही रहते थे। पापा को मैंने बचपन में ही खो दिया था। मेरी परवरिश मेरी मां के कांधों पर थी। उन्होंने मेरे लिए दूसरी शादी भी नहीं की और अब उम्र के इस पड़ाव पर मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। हमारी जिंदगी सोनू के जवाब पर टिकी थी। इन्हीं विचारों में किचन के काम निपटाती रही। जब कमरे में आई तो देखा सोनू लेटा हुआ टीवी देख रहा है।
मैं:- अरे तुम गए नहीं अभी तक?”
सोनू:- “आज मूड नहीं हो रहा। बारिश भी देखो कितनी है, जरा हल्की हो फिर जाता हूं।” मैं सोनू की बगल में आकर बैठ गई।
मैं”:- “सुनो तुम्हारे घरवाले मान तो जाएंगे ना।”
बदले में सोनू ने मेरा हाथ अपने हाथ में दबाकर आश्वासन दिया। सोनू टीवी देखते-देखते सो गया फिर मैं भी उसी के बगल में सो गई। सुबह उठते ही सोनू बोला, “रात को कुछ खाने को नहीं दिया। बड़ी जोर की भूख लगी है, कुछ अच्छा खाने को दो”।
मैं:- “दस मिनट रुको जल्दी से पोहा बना देती हूं।”
सोनू:- “ठीक है! जल्दी से दो।”
और मैं जल्दी से किचन में जाकर पोहा बनाने की तैयारी में जुट गई। आधे घंटे के बाद सोनू नाश्ता करके जाने लगा। सोनू:- “मैं जा रहा हूं, कल सुबह ही घर के लिए निकल जाऊंगा। शायद शाम को ना आ पाऊं।” मैंने सहमति में सिर हिलाया फिर सेंटर जाने के लिए तैयारी करने लगी।
मेरे दो दिन उहापोह में बीते कि सोनू के माता पिता ने क्या जवाब दिया होगा। ट्यूशन में भी काम का प्रेशर बढ़ रहा था, बच्चों के एग्जाम करीब आ रहे थे सो उनके लिए पेपर बनाने का भी टेंशन था लेकिन दिमाग में यही चल रहा था कि सोनू जल्दी से जवाब दे दे तो सर से बोझ हल्का हो। तभी फोन बजता है स्क्रीन पर देखा तो मां का फोन था। मै:- “हेलो! कैसी हो मां ? सब ठीक तो है ना ?
मां:- “हां.. हां सब ठीक है। तुम कैसी हो? आज अपने सेंटर नहीं गई क्या?”
मैं:- “बस कुछ देर हुआ मैं घर पहुंची हूं।”
मां:- “अच्छा सुन मैं तेरे पास आ रही हूं। मन नहीं लग रहा था। तेरी चिंता हो रही थी। कुछ दिन के लिए आ जाती हूं तेरे पास।”
मै:- “ऐसे तो सब ठीक है मां यहां पर लेकिन तुम आना चाहती हो तो आ जाओ। तुम्हें भी चेंज मिल जाएगा।”
मां:- “ठीक है, दो दिन बाद निकलूंगी। कुछ लाना है तो बोल देना।”
मैं:- “नहीं किसी चीज की जरूरत नहीं है। ठीक है। बाय मां।”
मां को सोनू से मिलवाने का समय आ रहा था लेकिन सब कुछ सोनू के जवाब पर निर्भर था। मुझे कुछ भूख सी महसूस हुई और मैं किचन में मैगी बनाने लगी।
चार दिन बाद सोनू वापस आया। उसका मुंह उतरा हुआ था। उसे देखकर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई।
मैं:- “क्या हुआ ? ऐसे क्यों हो? मां पिताजी ने क्या कहा?” सोनू:- “कुछ नहीं जिसका डर था वही हुआ उन्होंने मना कर दिया, बोले कि अपने समाज में ही शादी करेंगे। बहुत समझाया लेकिन नहीं मानते वो।”
मैं कुछ बोल नहीं पायी। आज के वक्त में जब समय इतना बदल गया है, स्त्री पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है तब ऐसी मानसिकता पर गुस्सा आने लगता है लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकती थी। मैं रोआंसी हो गई।
सोनू:- “कोई बात नहीं हम कोर्ट मैरिज कर लेंगे।
मैं:- ” नहीं घरवालों को नाराज करके शादी नहीं करनी है हमें। मैं उन्हें मनाने की कोशिश करूंगी।”
सोनू :- “कोई फायदा नहीं। मैं बहुत कोशिश कर चुका हूं।” मैं:- “फिर भी मैं एक बार और कोशिश करूंगी। मम्मी आने वाली है सोच रही हूं तुमको मिलाऊं या नहीं।”
सोनू:- “क्यों मम्मी से मिलने में क्या हर्ज है?”
मैं:- “हर्ज तो कुछ नहीं लेकिन कहूंगी क्या तुम्हारे बारे में। तुम्हारे मम्मी पापा से मिलने के बाद ही मैं तुम्हारे बारे में मम्मी से बात करूंगी।”
सोनू:- “जैसा ठीक लगे तुम्हें।”
मैं:- “मम्मी को जाने दो फिर तुम्हारे मम्मी पापा से बात करती।
अगले दिन सुबह-सुबह बस स्टाप पर मां को लेने पहुंची। उन्हें लेकर घर आई और ऑनलाइन क्लासेस लेने के लिए लैपटॉप के सामने बैठ गई। घंटे भर बाद देखा कि मां चाय के लिए मेरी राह देख रही है।
मां:- “चलो जल्दी! चाय तैयार है। हर काम धीरे करती हो। पता नहीं ससुराल में कैसे सब संभालोगी?  मुझे बाजार भी जाना है। किचन में सब अस्त-व्यस्त पड़ा है। कुछ जरूरत का सामान भी लाना है।”
मैं:- “आ रही हूं मां! आते ही शुरू हो गई। बाजार कल चलेंगे। कल मैं जल्दी फ्री हो जाऊंगी तब बाजार चलेंगे। आज बहुत बिजी शेड्यूल है।”
मां:- “ठीक है तेरी पसंद के आलू के पराठे बनाने वाली हूं। खाएगी ना?”
मैं:- “हां तुम्हारे हाथ का आलू का पराठा क्यों नहीं खाऊंगी मैं। रोज-रोज थोड़े ही मिलता है मुझे”। और मां की गोद में सर रख दिया
मां:- “क्या बात है कुछ परेशान लग रही हो? सब ठीक तो है?
मैं:- “नहीं बस ऐसे ही। सेंटर की परेशानी रहती है एग्जाम करीब आ रहे हैं तो काम का प्रेशर भी ज्यादा हो गया है।”
चार दिन बाद मां चली गई तब मैंने सोनू से उनके मम्मी पापा से बात करने के लिए कहा।
शाम में जब वह घर आया तो साथ में खाने का पार्सल भी लेता आया।
मैं:- “यह क्यों ले आए मैं घर में ही कुछ बना लेती थी।
सोनू:- “आ रहा था तो गरमा गरम समोसे दिखे तो ले लिया।”
मैं:- “फोन लगाओ अपनी मम्मी को।”
सोनू:-  “हूं” और नंबर मिलाने लगता है। कुछ देर बाद उसकी मां फोन उठाती है।
सोनू की मां:- “हेलो बेटा! बोलो।”
मैं:- “आंटी नमस्ते! मैं रितिका सोनू की दोस्त बोल रही हूं।” आंटी:- “बोलो बेटा।”
मैं:- “आंटी आपसे कुछ बात करनी थी। सोनू ने मेरे और अपने बारे में आपको बताया होगा।
आंटी:- “हां! बताया था और उसने तुम्हें हमारा जवाब भी बता दिया होगा।”
मैं:- “जी क्या सिर्फ एक उसी वजह से आप मुझे और सोनू को दूर कर देना चाहती हैं?  मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं आपके परिवार में पूरी तरह ढल जाऊं। मुझे एक मौका तो मिलना ही चाहिए। हम दोनों काफी वक्त से साथ में हैं और एक दूसरे को खोना नहीं चाहते। आप एक बार सोचिए तो सही।”
आंटी:- “नहीं बेटा! मेरा एक ही बेटा है और उसकी शादी मैं अपने समाज में ही करना चाहती हूं। कल को कोई ऊंच-नीच हो गई तो मैं समाज में कहाँ मुंह दिखाऊंगी। बेहतर होगा कि तुम सोनू को छोड़ दो।”
मैं कुछ कह नहीं पायी। आंखों में से आंसू टपकने लगे।
सोनू:- “मैंने कहा था कि वो नहीं मानेंगी पर तुम भी जिद लेकर बैठी थी। हो गई तसल्ली।”
मैं:- “अच्छा एक बात बताओ। क्या शादी के बाद मुझे तुम्हारे घर में प्रेम और सम्मान मिल पायेगा? क्या हम दोनों शांति से जीवन बिता पायेंगे? मेरे और तुम्हारी मां के बीच तुम अपना व्यवहार कितना न्यायसंगत कर पाओगे? और मैं मेरी मां का ध्यान सही तरीके से रख पाऊंगी क्या ऐसी स्थिति में?”
मैंने सोनू से कहा कि, “तुम जाओ।”
सोनू कुछ बोलने जा रहा था कि मैंने उसके होंठों पर हाथ रख दिया और कहा कि जाओ बाद में मिलना।”
बाद में सोनू ने मुझसे मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन मैं उससे नहीं मिली। कुछ समय बाद मैं मां के पास अपने शहर इंदौर वापस आ गई।
मैं कह नहीं पा रही थी यह रूढ़ियाँ अक्सर कितनी तकलीफ दे जाती है जीवन में। क्या मैं किसी और को आसानी से अपना पाऊंगी? क्या सोनू किसी दूसरी के साथ खुश रह पाएगा? समाज में इतनी जड़ता क्यों है आखिर? आखिर चाहतें भी तो कुछ मायने रखती हैं। सोनू का नंबर मैंने ब्लॉक कर रखा था और अकेलेपन के सफर को अकेली ही तय करना शुरू कर दिया था। ;~ प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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मिशन शक्ति के अंतर्गत “उत्तम आहार उत्तम विचार” कार्यक्रम संपन्न

कानपुर 24 सितंबर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण संबंधी वेबिनर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की उप प्राचार्या डॉ सबीना बोदरा द्वारा प्रार्थना से की गई। डॉ विभा दीक्षित ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ बी एन आचार्य जी का परिचय देकर उनका स्वागत किया।
इस वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ बी एन आचार्य (निर्देशक : आरोग्य भारती कानपुर महानगर ) ने सभी को “उत्तम आहार उत्तम विचार” की मानसिकता के प्रति जागरूक कर पोष्टिक आहार से जीवन को सहज बनाने को प्रेरित किया एवं स्वास्थ्य संबंधित बातों पर जोर देते हुए संतुलित पोषण को निरोगी जीवन का आधार बताया ।
मिशन शक्ति की प्रभारी डॉ मीतकमल ने बताया कि पोषड़ का ये कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण हैं और साथ ही साथ उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति की। कार्यक्रम का संचालन खुशी मल्होत्रा द्वारा किया गया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयं सेवक के रूप में शफक नाज़ , वेदांत मिश्रा ,नमन अग्रवाल ,अनिरुद्ध द्विवेदी, आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में १०० से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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