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वर्तमान सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों की आय में हुई उत्तरोत्तर वृद्धि

कानपुर 29 सितंबर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ-साथ अन्य किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार हर स्तर पर सहायता कर रही है। गन्ना किसानों की आय में वृद्धि के लिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य में रू0 25.00 प्रति कुन्टल की अभूतपूर्व वृद्धि कर किसानों को तोहफा दिया है। वर्ष 2021-22 हेतु उ0प्र0 सरकार द्वारा गन्ना मूल्य मंे रू0 25.00 प्रति कुन्टल की बढ़ोत्तरी की गयी है। शीघ्र प्रजाति के लिए रू0 350.00 प्रति कु0, सामान्य प्रजाति के लिए रू0 340.00 प्रति कु0 एवं अस्वीकृत प्रजाति के लिए रू0 335.00 प्रति कु0 की दरें निर्धारित करते हुए गन्ना किसानों को लाभान्वित किया है। इस बढ़े हुए गन्ना मूल्य से प्रदेश के गन्ना किसानांे को वर्ष 2021-22 में लगभग रू0 4,000.00 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि गन्ना मूल्य के रूप में चीनी मिलों से प्राप्त होगी।

वर्तमान सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में लिये गये निर्णयों से वर्ष 2021-22 हेतु शीघ्र पकने वाली प्रजातियों का क्षेत्रफल 97.45 प्रतिशत, सामान्य प्रजातियों का क्षेत्रफल 2.34 प्रतिशत एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का मात्र 0.21 प्रतिशत हो गया है। जबकि वर्तमान सरकार के पूर्व वर्ष 2016-17 में प्रदेश में शीघ्र पकने वाली प्रजाति का क्षेत्रफल 52.83 प्रतिशत, सामान्य पकने वाली प्रजातियों का क्षेत्रफल 37.44 प्रतिशत एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का क्षेत्रफल 9.73 प्रतिशत था। वर्ष 2016-17 मंे शीघ्र पकने वाली प्रजातियों का गन्ना मूल्य रू0 315.00 प्रति कु0, सामान्य प्रजातियों का रू0 305.00 प्रति कु0 एवं अनुपयुक्त प्रजातियों का गन्ना मूल्य रू0 300.00 प्रति कु0 निर्धारित किया गया था। प्रजातियों के आधार पर गन्ना कृषकों को औसतन रू0 309.80 प्रति कु0 गन्ना मूल्य प्राप्त होता था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा गन्ना मूल्य की दर में की गई बढ़ोत्तरी से पेराई सत्र 2021-22 में गन्ना कृषकों को वेराइटल प्रतिशत के आधार पर औसतन रू0 349.80 प्रति कु0 की दर प्राप्त होगी जो पेराई सत्र 2016-17 के मुकाबले रू0 40.00 अधिक है। प्रदेश सरकार की किसान हित में चलाई गयी गन्ना विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से औसत गन्ना उत्पादकता बढ़कर 815 कु0 प्रति हेक्टे0 हो गई है। जो वर्ष 2016-17 में 723.80 कुन्टल प्रति हेक्टे0 ही थी। वर्ष 2021-22 में बढ़ोत्तरी के फलस्वरूप गन्ना किसानों को रू0 2,85,087.00 प्राप्त होंगे, अर्थात कृषक को 01 हेक्टे0 गन्ने से बढ़े हुए गन्ना मूल्य एवं उपज वृद्धि के कारण रू0 60,854.00 प्रति हेक्टे0 अधिक प्राप्त होंगे।
वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल 04 वर्षों में कुल 4289.09 लाख टन गन्ने की पेराई की गयी, जबकि इसके पूर्व के 04 वर्षों में मात्र 2918.53 लाख टन गन्ने की पेराई हुयी थी। इस प्रकार वर्तमान सरकार के कार्यकाल में चीनी मिलों द्वारा पूर्व के 04 वर्षों के मुकाबले 1370.56 लाख टन अधिक गन्ने की पेराई की गयी। पूर्व के वर्षों में कृषक औने-पौने दामों पर क्रेशर एवं कोल्हुओं पर गन्ना बेचने हेतु मजबूर थे। वर्तमान सरकार के 04 वर्षों में औसत गन्ना पेराई 1072.27 लाख टन प्रति वर्ष रही है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। जबकि इसके पूर्व के 04 वर्षों में 729.63 लाख टन प्रतिवर्ष थी जिसके कारण कृषक अपने गन्ने का उचित निस्तारण नहीं कर पाते थे। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हितार्थ संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं का ही परिणाम है कि उ0प्र0 गत वर्षों से लगातार गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
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