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केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

“सीजिंग द ग्लोबल ऑपर्चुनिटी” शीर्षक से 14वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा पिछले दो वर्षों में नवाचार और प्रौद्योगिकी पर अधिक केन्द्रित हो गई है और 80 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों का आने वाले पांच वर्षों में डिजिटल स्वास्थ्य साधनों में अपना निवेश बढ़ाने का लक्ष्य है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, टेलीमेडिसिन भी 2025 तक 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी योजना ई-संजीवनी ने वर्चुअल डॉक्टर परामर्श को सक्षम बनाया है और देश के दूरदराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों लोगों को अपने घरों में आराम से बैठकर बड़े शहरों के प्रमुख डॉक्टरों से जोड़ा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में आयात निर्भरता को 80 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत से कम करना है और विशेष उपलब्धि- स्मार्ट (एसएमएआरटी) के साथ मेक इन इंडिया के माध्यम से मेड-टेक में 80 प्रतिशत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक और निरंतर सुधार किए हैं और एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों की भी घोषणा की है। इससे रुख में बदलाव आया है, देश मेडटेक नवाचार का केन्द्र बन गया है और पश्चिमी उत्पादों को अपनाने के बजाय, भारतीय नवप्रवर्तनकर्ता अग्रणी मेडटेक उत्पाद और समाधान विकसित कर रहे हैं। भारत महत्वपूर्ण परिवर्तन बिंदु पर पहुंच गया है, जिससे हेल्थटेक/मेडटेक इकोसिस्टम का तेजी से विस्तार हो रहा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में तेजी से वृद्धि के लिए भारत के पास सभी आवश्यक सामग्री है, जिसमें एक बड़ी आबादी, एक मजबूत फार्मा और चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला, 750 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता, वीसी फंडिंग तक आसान पहुंच के साथ विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पूल और वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए नवीन तकनीकी उद्यमी शामिल हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि महामारी ने इस क्षेत्र में व्यापार करने के परिदृश्य को बदलकर एक अतिरिक्त गति प्रदान की है। उन्होंने कहा, इसने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से टेली-परामर्श, एआई-आधारित निदान और दूरस्थ स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में व्यापक अवसर खोले हैं।

विजन @ 2047 पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि भारत 14 से 15 प्रतिशत से ऊपर चिकित्सा उपकरणों के शीर्ष बाजारों में से एक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक स्थिति को घरेलू खपत बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 73 नए मेडिकल कॉलेज बनाकर राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार की मसौदा नीति के आधार पर भारत का लक्ष्य 100-300 अरब डॉलर के उद्योग तक पहुंचने के लिए चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 10 से 12 प्रतिशत हासिल करना है। देश में उत्पाद विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा उपकरणों का तेजी से नैदानिक परीक्षण करने के लिए लगभग 50 क्लस्टर होंगे। उन्होंने कहा कि जीवन प्रत्याशा, स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव में बदलाव, वरीयताओं में बदलाव, बढ़ते मध्यम वर्ग, स्वास्थ्य बीमा में वृद्धि, चिकित्सा सहायता, बुनियादी ढांचे के विकास और नीति समर्थन और प्रोत्साहन इस क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है जब यह वास्तव में विनिर्माण केन्द्र और दुनिया भर में चिकित्सा उपकरणों के प्रमुख निर्यातक बनकर वैश्विक पदचिह्न स्थापित किए जाने चाहिए, क्योंकि यह मेक इन इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है, जिसमें भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को सूर्योदय खंड के रूप में पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि इस मान्यता ने उद्योग को निम्न-तकनीक खंड से लेकर उपकरणों की अधिक परिष्कृत श्रेणियों तक के उपकरण-खंडों की मूल्य श्रृंखला में अपना कौशल गहरा करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन दिया है।

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वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यूपी के मिर्जापुर में ‘चुनार लॉजिस्टिक्स पार्क’ की आधारशिला रखी

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज कहा कि चुनार लॉजिस्टिक्स पार्क चुनार और आसपास के लोगों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। वह यूपी के मिर्जापुर में ‘चुनार लॉजिस्टिक्स पार्क’ के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रही थीं। केंद्रीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।.

कार्यक्रम की शुरुआत में श्रीमती पटेल ने रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना में गहरी रुचि लेने और रेल मंत्रालय का निरंतर सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।

यह देखते हुए कि चुनार, मिर्जापुर और आसपास के क्षेत्रों के कालीन और हस्तशिल्प उद्योग न केवल राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं, बल्कि अपनी विशिष्टता और गुणवत्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाने जाते हैं, श्रीमती पटेल ने जोर देकर कहा कि अत्याधुनिक ‘चुनार लॉजिस्टिक्स पार्क’ स्थानीय निर्यातकों, आयातकों और व्यापारियों को उनकी निर्यात, आयात और घरेलू व्यापार आवश्यकताओं को पूरा करेगा जिसकी जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

यह कहते हुए कि परियोजना पूर्वी यूपी और आसपास के क्षेत्रों की व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करेगी, माननीय मंत्री ने कहा कि निर्यात और आयात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत निर्यातकों और आयातकों को सभी आवश्यक सुविधाएं और सहायता प्रदान की जाएगी।

माननीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि लॉजिस्टिक्स पार्क की स्थापना से रोजगार उत्पन्न करने में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह रेल से माल ढुलाई को बढ़ावा देने और लॉजिस्टिक की लागत और सामान को लाने ले जाने के समय को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे स्थानीय कालीन और हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

श्रीमती पटेल ने बताया कि इस परियोजना के तहत शुरू में लगभग 400 कंटेनरों की सुविधा विकसित की जाएगी और सामान के भंडारण और संचालन के लिए 2000 वर्ग मीटर के गोदाम उपलब्ध कराए जाएंगे। इस सुविधा में चौबीसों घंटे सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरे, अत्याधुनिक कंटेनर हैंडलिंग उपकरण भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि व्यापार और उद्योग की आवश्यकता के आधार पर और वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिकता को ध्यान में रखते हुए, लॉजिस्टिक पार्क में सेवाओं का चरणबद्ध तरीके से विस्तार किया जाएगा।.

माननीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि चुनार और आसपास के क्षेत्र के विकास की गति को तेज करने में ‘चुनार लॉजिस्टिक्स पार्क’ निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा।

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एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज में शिक्षक पर्व के चौथे दिन ‘ गुरु शिष्य संबंधों की वर्तमान शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में प्रासंगिकता’ विषय पर चर्चा हुई

कानपुर 8 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज, कानपुर में 5-09-2022 से 9 -09-2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के चौथे दिन आज दिनांक 8 सितंबर 2022 को ‘ गुरु शिष्य संबंधों की वर्तमान शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में प्रासंगिकता’ विषय पर पैनल चर्चा की गई जिसमें महाविद्यालय की शिक्षिकाओं और छात्राओं ने भाग लिया। पैनल चर्चा में शामिल मुख्य सदस्य थे- कैप्टन ममता अग्रवाल,श्रीमती किरण,डॉ. प्रीति पांडे, प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास, ,डॉ .प्रीति सिंह, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. संगीता सिंह,डॉ. शिवांगी यादव, डॉ.अमिता। सर्वप्रथम शिक्षक पर्व कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. रेखा चौबे एवं अतिथिगण डॉ अलका टंडन, डॉ.गार्गी यादव, डॉ. निशा अग्रवाल ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने गुरु को मां के समान बताया। कैप्टन ममता अग्रवाल जी ने प्राचीन वैदिक काल के गुरुकुल शिक्षा प्रणाली पर बल देते हुए तकनीकी परिवर्तन के महत्व को भी स्वीकारा। श्रीमती किरण ने बताया कि गुरु शिष्य परंपरा तभी संभव है जब गुरु के अंदर करुणा और शिष्य के अंदर विनम्रता का भाव हो। प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास ने शिक्षक के महत्व को बताते हुए कहा कि आधुनिकता और परंपरा का समन्वय ही भारत को थिंक टैंक के रूप में विकसित कर सकता है। डॉ प्रीति पांडे ने NEP 2020 की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक -छात्र का संबंध किस तरह से हो कि छात्र गुरु से ज्ञान प्राप्त करें और समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि तकनीकी का प्रयोग करके शिक्षक अपने ज्ञान का हस्तांतरण दूर बैठे छात्र को कर सकता है।डॉ संगीता सिंह ने प्रश्न उठाया की आख़िर ऐसा क्या किया जाए की छात्र औपचारिक संस्थाओं में आए और हम शिक्षकों से जुड़ाव महसूस करे।डॉक्टर पूजा गुप्ता ने गुरु शिष्य परंपरा पर बल देते हुए कहा कि न केवल गुरु शिष्य को ज्ञान देता है बल्कि शिष्य भी नई तकनीकी को सीखने में गुरु की मदद करता है।डॉ. अमिता सिंह ने बताया की सिखाने के लिए आवश्यक नही है की हमें कोई गुरु ही सिखाए, हम जीवन अनुभवों से भी सीख सकते है। डॉक्टर शिवांगी यादव ने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए गुरु और शिष्य के महत्व पर प्रकाश डाला।प्राचार्य डॉ. सुमन ने इस कार्यक्रम के आयोजन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक और छात्र के संबंध में आई दूरी को वजह बताया उन्होंने सभी छात्रों को शिक्षक के सहयोग से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज की एनएसएस इकाई द्वारा मनाए जाने वाले *’राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’* के अंतर्गत व्याख्यान का आयोजन

कानपुर 7 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज की एनएसएस इकाई के द्वारा पोषण एवं स्वास्थ्य के तहत मनाए जाने वाले *’राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’* के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें रीजेंसी हॉस्पिटल से डॉ० जया अग्रवाल ने कुपोषण, उससे होने वाली बीमारियों, संतुलित आहार और पोषण के महत्व के बारे में अवगत कराया। प्राचार्य प्रो. सुनंदा दुबे ने रीजेंसी अस्पताल से आई टीम का स्वागत करते हुए भारत सरकार के द्वारा पोषण पूर्ति व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे अभियान *पोषण माह* की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कार्यक्रम का संचालन भूगोल विभाग की असि. प्रो. डॉ अंजना श्रीवास्तव ने तथा धन्यवाद एनएसएस प्रभारी डॉ संगीता सिरोही ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. साधना सिंह, कु० श्वेता गौड़, आकांक्षा अस्थाना एवं सभी छात्राओं ने सक्रिय प्रतिभागिता की।

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एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज में शिक्षक पर्व के तीसरे दिन पुस्तक वाचन एवं प्रदर्शनी का आयोजन

एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज, कानपुर में 5-09-2022 से 9 -09-2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के तीसरे दिन आज  दो कार्यक्रमों का आयोजन किया गया -पहला कार्यक्रम पुस्तक वाचन एवं दूसरा प्रदर्शनी। पुस्तक वाचन कार्यक्रम का आयोजन दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष श्रीमती किरण एवं उनकी सहयोगी रोली मिश्रा, डॉक्टर पूजा गुप्ता एवं डॉक्टर संगीता सिंह ने किया। पुस्तक वाचन कार्यक्रम में विभिन्न संकाय से लगभग 50 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। छात्राओं द्वारा अंग्रेजी कविता, उपन्यास,हिंदी कविताओं एवं संस्कृत श्लोक का वाचन किया गया। इसके उपरांत संबंधित विभाग की शिक्षिकाओं ने उन्हें आकर्षक ढंग से प्रस्तुति के गुर सिखाए।इस कार्यक्रम में अपेक्षा शुक्ला ,यास्मीन बानो, रोशनी सिंह, हर्षिता साहू के द्वारा सुंदर ढंग से प्रस्तुति करने के उपरांत उन्हें प्रमाण पत्र दिया गया। इसके उपरांत प्राचार्य डॉ सुमन ने सभी छात्राओं को पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि पुस्तकें हमारे देश एवं संस्कृति से सरोकार रखती है ,अतः सभी लोग नियमित रूप से पुस्तक पढ़ें।कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती किरण ने सभी शिक्षकों एवं छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।
दिन के दूसरे कार्यक्रम पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन सितार विभाग की विभागाध्यक्ष कैप्टन ममता अग्रवाल एवं उनकी सहयोगी रोली मिश्रा ने किया। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अलका टंडन एवं समाजशास्त्र की प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास ने निर्णायक का कार्य किया। इस प्रतियोगिता में लगभग 35 छात्राओं ने सहभागिता की जिसमें प्रथम पुरस्कार बीए तृतीय वर्ष की छात्रा संस्कृति पॉल ,द्वितीय पुरस्कार बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रोशनी सिंह ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान दो छात्राओं ने प्राप्त किया बीए प्रथम वर्ष की गुल्फ़िशा एवं बी. ए. तृतीय वर्ष की यासमीन। सांत्वना पुरस्कार बी. ए.तृतीय वर्ष की छात्रा ओमाक्षी पंडित को मिला। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य जी ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए कैप्टन ममता अग्रवाल एवं उनकी टीम को बधाई एवं धन्यवाद ज्ञापित किया तथा इस प्रतियोगिता में आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए सभी छात्राओं को प्रोत्साहित किया।शिक्षक पर्व कार्यक्रम की प्रभारी समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निशि प्रकाश एवं प्रोफेसर रेखा चौबे के सफल मार्गदर्शन से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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नितिन गडकरी 8 सितंबर को बेंगलुरु में “मंथन” का उद्घाटन करेंगे

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 08 सितंबर, 2022 को बेंगलुरु में “मंथन” का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल (डॉ.) वी.के सिंह (सेवानिवृत्त) और कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई उनके साथ उपस्थित रहेंगे।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा तीन-दिवसीय आमंत्रण सम्मेलन सह-सार्वजनिक एक्सपो – “मंथन” का आयोजन किया गया है। सड़क, परिवहन और रसद क्षेत्र से संबंधित अनेक मुद्दों तथा अवसरों पर चर्चा करना और राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों एवं उद्योगजगत के अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना, नीतिगत समर्थन और क्षमता विकास करना इस आयोजन का लक्ष्य है। ”अवधारणाओं से कार्य तक: एक स्मार्ट, टिकाऊ, सड़क सुविधा, गतिशीलता और लॉजिस्टिक इको सिस्टम की ओर” मंथन का मूल विषय है।

कई राज्यों के लोक निर्माण विभाग, परिवहन और उद्योग मंत्रालयों के विभागों के मंत्री तथा इन मंत्रालयों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, उद्योगजगत के वरिष्ठ एवं अग्रणी हस्तियां और विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के वरिष्ठ अधिकारी, नीति नियोजक, विशेषज्ञ, कॉर्पोरेट क्षेत्र की हस्तियां और तकनीकी विशेषज्ञ सहित अन्य लोग भी इस आयोजन के दौरान विचार-विमर्श में हिस्सा लेंगे।चर्चा तीन व्यापक क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। पहला, सड़क विकास, नई सामग्री और प्रौद्योगिकी एवं सड़क सुरक्षा सहित सड़कों के बारे में। दूसरा, ईवी और वाहन सुरक्षा आदि सहित परिवहन क्षेत्र; और तीसरा, रोपवे, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क, पर्वतमाला और डिजिटल इंटरवेंशन सहित वैकल्पिक तथा भविष्य का आवागमन की गतिशीलता इनमें शामिल हैं। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान परिवहन विकास परिषद की 41वीं बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान नेक्स्ट-जेन एम परिवहन मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा।8 सितंबर की शाम को गायत्री विहार, पैलेस ग्राउंड में एक ड्रोन शो का भी आयोजन किया जाएगा। यह शो आम लोगों के लिए खुला होगा।

सम्मेलन के साथ आयोजित तीन-दिवसीय सार्वजनिक एक्सपो का उद्देश्य राजमार्ग के विकास में काम आने वाली प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ भारतमाला, पर्वतमाला और ईवीएस आदि जैसे नए कार्यक्रमों से अवगत कराना है। हुंडई कंस्ट्रक्शन, जेसीबी, एसीई, वोल्वो, टाटा हिताची, कैटलिन, 3एम, टिकी टार एंड शेल, टीवीएस मोटर्स, टाटा मोटर्स, टोयोटा किर्लोस्कर, कैटलिन, राइटजेन इंडिया, आईसीईएमए, अम्मान इंडिया, इंडियन रोड सर्वे सहित 65 से अधिक प्रदर्शक सार्वजनिक एक्सपो में हिस्सा लेंगे।

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भारत और बांग्लादेश ने दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी रेलवे संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए

अप्रैल 2022 में भारतीय रेलवे के बहु-क्षेत्रीय प्रतिनिधिमंडल की बांग्लादेश यात्रा और 1 जून 2022 को भारत के रेल मंत्री और बांग्लादेश के रेल मंत्री के बीच हुई हालिया बैठक के बाद, दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सहयोग को बढ़ावा देने और अंतर-सरकारी रेलवे संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत और बांग्लादेश के बीच दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) तैयार किए गए हैं। बांग्लादेश की माननीय प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान 06 सितंबर 2022 को इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया।

  1. भारतीय रेलवे के प्रशिक्षण संस्थान में बांग्लादेश रेलवे कर्मचारियों के प्रशिक्षण” से संबंधित समझौता ज्ञापन

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य आपसी सहयोग की रूपरेखा तैयार करना और विभिन्न स्थलों के दौरों सहित भारतीय रेलवे के प्रशिक्षण संस्थानों में बांग्लादेश रेलवे के कर्मचारियों के प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है। इसमें डिजाइनिंग, समन्वय, सेमिनार आयोजन, कार्यशालाएं, कक्षा एवं स्थल आधारित प्रशिक्षण शामिल होंगे। बांग्लादेश में प्रशिक्षण संबंधी सुविधाओं की स्थापना एवं उनका उन्नयन करने और अध्ययन संबंधी जरूरतों को पूरा करने हेतु यात्रा एवं सहायता करने समेत विभिन्न जरूरतों के अनुरूप भारतीय रेल बांग्लादेश सरकार के रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समन्वय भी स्थापित करेगा।

  1. “बांग्लादेश रेलवे के लिए एफओआईएस जैसी आईटी प्रणाली और अन्य आईटी अनुप्रयोगों में सहयोग” से संबंधित समझौता ज्ञापन

भारत सरकार का रेल मंत्रालय बांग्लादेश रेलवे में यात्री टिकटिंग, माल ढुलाई एवं नियंत्रण कार्यालय, ट्रेन पूछताछ प्रणाली, परिसंपत्ति प्रबंधन का डिजिटलीकरण, मानव संसाधन एवं वित्तीय बुनियादी ढांचे जैसे कंप्यूटरीकरण के सभी पहलुओं के लिए रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (सीआरआईएस) के माध्यम से बांग्लादेश रेलवे को आईटी से जुड़े समाधानों की पेशकश करेगा।

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रेड क्रॉस सोसाइटी में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सदस्य बनाया जाए। जिसके लिए दवा व्यापारियों, नर्सिंग होम एसोसिएशन तथा आई एम ए के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें सदस्य बनाने के लिए जागरूक किया जाए ।

जिलाधिकारी विशाख जी. ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए समस्त संबंधित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सदस्य बनाया जाए। जिसके लिए दवा व्यापारियों, नर्सिंग होम एसोसिएशन तथा आई एम ए के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें सदस्य बनाने के लिए जागरूक किया जाए ।

उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता रहता है। उन्होंने कहा कि शहर के बीच में एक मॉर्डन डेडीकेटेड ब्लड बैंक एवं हेल्थ एटीएम की स्थापना का प्रस्ताव बनाने के लिए निर्देशित किया। जिसमें नार्मल खर्च पर तत्काल जांच कराने की सुविधा के साथ यह हेल्थ एटीएम कार्य करेगा । बैठक में रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य उपस्थित रहे।

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शिक्षक दिवस के परिप्रेक्ष्य में 5 दिवसीय शिक्षक पर्व का शुभारंभ

कानपुर 6 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार शिक्षक दिवस के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 5 सितंबर 2022 से 9 सितंबर 2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के प्रथम दिवस का शुभारंभ आज के कार्यक्रम की अध्यक्षा एवम् प्राचार्या डॉ. सुमन, प्रभारी डॉ. निशी प्रकाश, शिक्षक पर्व की प्रभारी डॉ. रेखा चौबे, पूर्व प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल एवम् कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रचना निगम ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर किया। प्रसार प्रभारी डा प्रीति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया अथिति स्वागत की परंपरा का निर्वहन करते हुए डॉ. निशी प्रकाश ने स्वागत उद्बोधन दिया एवम् डॉ. रेखा चौबे ने शिक्षक पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. सुमन ने अपनी ओजस्वी वाणी से सभागार में उपस्थित शिक्षकों तथा छात्राओं को लाभान्वित किया। उन्होंने तकनीकी के महत्त्व को नई शिक्षा नीति से जोड़ कर उसकी महती आवश्यकता को उल्लेखित किया। पंचदिवसीय पर्व की श्रृंखला में आज कानपुर विद्यामंदिर से आमंत्रित समाजशास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूर्णिमा शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित “युवाओं के व्यक्तित्व विकास में शिक्षकों का योगदान” विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा गुरु वंदना की मोहक प्रस्तुति ने वातावरण को संगीतमय कर दिया। प्राचार्या डॉ. सुमन ने सभी संकाय शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम श्रृंखला में अगली कड़ी के रूप में छात्राओं हेतु आशुवाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें भूमिका सिंह ने प्रथम स्थान, अस्मिता रावत ने द्वितीय स्थान, जायना ने तृतीय स्थान तथा अमरीन ने सांत्वना पुरुस्कार प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डॉ. सुमन ने अथिति वक्ता डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, महाविद्यालय एन. सी. सी. प्रभारी कैप्टन ममता अग्रवाल, एन. एस. एस. प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर तथा रेंजर्स प्रभारी डॉ. प्रीति पांडे को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डॉ. मीनाक्षी व्यास ने कार्यक्रम का समापन प्रभावशाली धन्यवाद ज्ञापित कर के दिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ऋचा सिंह एवम् श्रीमती कोमल सरोज के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार ने सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।

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सह पाठयक्रम समिति एवं साहित्यिक गतिविधि क्लब, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षक दिवस के अवसर पर लघु कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 6 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, सह पाठयक्रम समिति एवं साहित्यिक गतिविधि क्लब, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर ने संयुक्त रूप से शिक्षक दिवस के अवसर पर एक लघु कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, कॉलेज हॉल का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 7 जनवरी, 1961 को सभागार का उद्घाटन किया था। सभागार उन्हें समर्पित था और इसे “राधाकृष्णन सभागार” के रूप में जाना जाएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत सभागार में रिबन काटने के साथ हुई, इसके बाद दीप प्रज्ज्वलित किया गया और डॉ राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय सक्सेना ने कॉलेज के संकाय सदस्यों और छात्रों का स्वागत किया. इस अवसर का विषयगत परिचय प्रो. डी.सी. श्रीवास्तव, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र द्वारा दिया गया। उन्होंने एक दार्शनिक-लेखक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन की रूपरेखा को रेखांकित किया, जिनकी जयंती (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अनुकरणीय है। शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा 1962 में देश के पूर्व राष्ट्रपति और सभी शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए शुरू हुई थी। कॉलेज सचिव गवर्निंग बॉडी, प्रिंसिपल, प्रो. जोसेफ डैनियल ने डॉ राधाकृष्णन के जीवन की सामयिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और जोर देकर कहा कि शिक्षकों को ऐसे मनुष्यों को ढालने पर ध्यान देना चाहिए जो जीवन की प्रतिकूलताओं का सामना कर सकें और देश के जिम्मेदार नागरिक बन सकें। बीएससी की छात्रा स्वीकृति सिंह ने गुरु वंदना की और बीकॉम की छात्रा स्तुति एंजेल ने एक सुंदर गीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। धन्यवाद प्रस्ताव हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर अवधेश मिश्र ने प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन बीए के छात्र वेदांत मिश्रा ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों सहित समस्त प्राध्यापक एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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