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एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज में शिक्षक पर्व के चौथे दिन ‘ गुरु शिष्य संबंधों की वर्तमान शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में प्रासंगिकता’ विषय पर चर्चा हुई

कानपुर 8 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस .एन. सेन बी. वी.पी.जी.कॉलेज, कानपुर में 5-09-2022 से 9 -09-2022 तक मनाए जाने वाले शिक्षक पर्व के चौथे दिन आज दिनांक 8 सितंबर 2022 को ‘ गुरु शिष्य संबंधों की वर्तमान शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में प्रासंगिकता’ विषय पर पैनल चर्चा की गई जिसमें महाविद्यालय की शिक्षिकाओं और छात्राओं ने भाग लिया। पैनल चर्चा में शामिल मुख्य सदस्य थे- कैप्टन ममता अग्रवाल,श्रीमती किरण,डॉ. प्रीति पांडे, प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास, ,डॉ .प्रीति सिंह, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. संगीता सिंह,डॉ. शिवांगी यादव, डॉ.अमिता। सर्वप्रथम शिक्षक पर्व कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. रेखा चौबे एवं अतिथिगण डॉ अलका टंडन, डॉ.गार्गी यादव, डॉ. निशा अग्रवाल ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने गुरु को मां के समान बताया। कैप्टन ममता अग्रवाल जी ने प्राचीन वैदिक काल के गुरुकुल शिक्षा प्रणाली पर बल देते हुए तकनीकी परिवर्तन के महत्व को भी स्वीकारा। श्रीमती किरण ने बताया कि गुरु शिष्य परंपरा तभी संभव है जब गुरु के अंदर करुणा और शिष्य के अंदर विनम्रता का भाव हो। प्रोफेसर मीनाक्षी व्यास ने शिक्षक के महत्व को बताते हुए कहा कि आधुनिकता और परंपरा का समन्वय ही भारत को थिंक टैंक के रूप में विकसित कर सकता है। डॉ प्रीति पांडे ने NEP 2020 की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक -छात्र का संबंध किस तरह से हो कि छात्र गुरु से ज्ञान प्राप्त करें और समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि तकनीकी का प्रयोग करके शिक्षक अपने ज्ञान का हस्तांतरण दूर बैठे छात्र को कर सकता है।डॉ संगीता सिंह ने प्रश्न उठाया की आख़िर ऐसा क्या किया जाए की छात्र औपचारिक संस्थाओं में आए और हम शिक्षकों से जुड़ाव महसूस करे।डॉक्टर पूजा गुप्ता ने गुरु शिष्य परंपरा पर बल देते हुए कहा कि न केवल गुरु शिष्य को ज्ञान देता है बल्कि शिष्य भी नई तकनीकी को सीखने में गुरु की मदद करता है।डॉ. अमिता सिंह ने बताया की सिखाने के लिए आवश्यक नही है की हमें कोई गुरु ही सिखाए, हम जीवन अनुभवों से भी सीख सकते है। डॉक्टर शिवांगी यादव ने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए गुरु और शिष्य के महत्व पर प्रकाश डाला।प्राचार्य डॉ. सुमन ने इस कार्यक्रम के आयोजन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक और छात्र के संबंध में आई दूरी को वजह बताया उन्होंने सभी छात्रों को शिक्षक के सहयोग से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।