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महिला स्वयं सहायता समूहों और पतंजलि के उत्पादों की सह-ब्रांडिंग के अवसर तलाशे जाएंगे

ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और पतंजलि के बीच महिला स्वयं सहायता समूहों की आपसी ताकत को बढ़ाने और उसका लाभ उठाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने इसे ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को कम से कम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की आकांक्षात्मक आय प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो कि लखपति दीदी हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आरएल, ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह और पतंजलि की ओर से दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और आदान-प्रदान किया गया।

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ग्रामीण भारत को बदलने में मंत्रालय की पहल की सराहना करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि यह साझेदारी कई आयामों में उनके सहयोग से एसएचजी महिलाओं को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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पतंजलि और डीएवाई-एनआरएलएम के बीच सहमति के अनुसार सहयोग के क्षेत्र हैं-

ए. डीएवाई एनआरएलएम के लिए पतंजलि को राष्ट्रीय संसाधन संगठन (एनआरओ) के रूप में मान्यता।

बी. पतंजलि उत्पादों के लिए डीलरों / वितरकों के रूप में सीएलएफ, पीजी, पीई के लिए व्यावसायिक अवसर।

सी. चयनित एसएचजी उत्पादों को पतंजलि स्टोर्स में रखा जाएगा।

डी. एनआरएलएम और पतंजलि द्वारा एसएचजी के चयनित उत्पादों की सह-ब्रांडिंग।

ई. चयनित एसएचजी उत्पादों और प्रक्रियाओं के लिए एसओपी और गुणवत्ता नियंत्रण।

एफ. सीएलएफ, पीजी, पीई एसएचजी उत्पादकों से चयनित वस्तुओं/सामग्री की आपूर्ति के लिए पतंजलि को आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करेगा

जी. सामान्य बीमारियों के लिए पारंपरिक और हर्बल दवाओं और एसएचजी के लिए स्वास्थ्य विकल्पों का विस्तार करने के लिए योग पर एसएचजी प्रशिक्षण।

संदर्भ स्थापित करते हुए, ग्रामीण विकास सचिव श्री नांगेन्द्र नाथ सिन्हा ने समझौता ज्ञापन के प्रमुख आयामों पर प्रकाश डाला। अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह ने इस एमओयू को एमओआरडी और पतंजलि दोनों के लिए फायदे का सौदा बताया। एनआरएलएम ग्रामीण एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए कई प्रयास कर रहा है जो खाद्य उत्पादों, हस्तशिल्प और हथकरघा आदि के उत्पादन में लगी हुई हैं। उत्पादकों को बाजारों से जोड़ने के प्रयासों के हिस्से के रूप में, एनआरएलएम और एसआरएलएम ने कई चैनलों जैसे सरस गैलरी, सरकारी विशिष्ट खुदरा दुकानों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे जीईएम, फ्लिपकार्ट, अमेजन और डीएवाई-एनआरएलएम के ई-कॉमर्स के माध्यम से एसएचजी और एसएचजी सदस्य उद्यमियों के क्यूरेटेड उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पतंजलि की एक संस्था है जो योग और आयुर्वेद से मानव जाति की सेवा करने के लिए एक प्रतिष्ठान है। अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, यह दिव्य फार्मेसी, दिव्य प्रकाशन, दिव्य योग साधना, दिव्य गौशाला और दिव्य नर्सरी जैसी कई पतंजलि इकाइयों के सहयोग से काम करता है। इसके अलावा पतंजलि संस्थाओं जैसे भरुवा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भरुवा एग्रीसाइंस प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान, और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपक्रमों के सहयोग से तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
डीएवाई एनआरएलएम के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) अपने प्रमुख कार्यक्रम के रूप में एसएचजी पारितंत्र के माध्यम से आजीविका बढ़ाने और उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर और लाभदायक बाजारों के माध्यम से बढ़ी हुई आय प्रदान कर ग्रामीण भारत के जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

प्रखंड 6972

जिला 721

राज्य। 34

कवरेज 8.61 करोड़ महिलाएं

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) 79.60 लाख

ग्राम संगठन (वीओ) 4.53 लाख

क्लस्टर स्तरीय संघ (सीएलएफ) 29358

पूंजीगत सहयोग 19249 करोड़ रुपए

बैंक वित्त उत्तोलन 5.70 लाख करोड़ रुपए

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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने भारत का पहला पानी में तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया

संचार मंत्रालय, भारत सरकार के डाक विभाग के तहत स्थापित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने आज श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने के लिए भारत का पहला पानी पर तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया। ‘निवेशक दीदी’ पहल के तहत ‘महिलाओं के लिए, महिलाओं के द्वारा’ की अवधारणा के साथ वित्तीय साक्षरता बढ़ाना लक्ष्य है।

विशाल और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत की जनसांख्यिकी में वित्तीय साक्षरता का प्रसार चुनौतीपूर्ण है क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है। दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्क की मदद से आखिरी छोर तक पहुंच बढ़ाने और वित्तीय समावेशन के अंतर को पाटने के लिए आईपीपीबी ने नई पहल की है।

भारत सरकार के निर्देश पर, आईपीपीबी ने ग्रामीण भारत को ध्यान में रखते हुए वित्तीय समावेशन की यह यात्रा शुरू की है, जहां तक पहुंच और संचार में हमेशा बाधा रही है। शुरुआत से ही, डाकिया/ग्रामीण डाक सेवक देश के कोने-कोने में आम जनता तक पहुंचते रहे हैं और उनके दरवाजे पर डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

वित्तीय साक्षरता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, आईपीपीबी ने कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के तत्वावधान में निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) के सहयोग से ‘निवेशक दीदी’ नामक पहल शुरू की है। इसमें ‘महिलाओं के द्वारा, महिलाओं के लिए’ अवधारणा को आत्मसात किया गया है। निवेशक दीदी पहल महिलाओं के लिए महिलाएं की सोच पर आधारित है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने मन में उठे सवालों को किसी महिला के साथ साझा करने में अधिक सहज महसूस करती हैं। कश्मीर घाटी की तीन निवेशक दीदी प्रतिनिधियों को श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आयोजित हुए आईईपीएफए सम्मेलन के दौरान केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद (श्रीनगर) डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर आईईपीएफए की सीईओ श्रीमती अनीता शाह अकेला, जेएस एमसीए और आईईपीएफए, डाक विभाग, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, सीएससी ई-गवर्नेंस, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

(श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में आईईपीएफए सम्मेलन में केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद (श्रीनगर) डॉ. फारूक अब्दुल्ला)  ‘निवेशक दीदी’ पहल के शुभारंभ के हिस्से के रूप में, आईपीपीबी ने एक नवनियुक्त निवेशक दीदी द्वारा भारत का पहला पानी पर तैरने वाला वित्तीय साक्षरता शिवर आयोजित किया। यह शिविर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में विश्व प्रसिद्ध डल झील के आसपास के स्थानीय निवासियों के बीच आयोजित किया गया। शिकारा इन लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है, ऐसे में कई शिकारा पर ही लोग जुटे और ‘निवेशक दीदी’ ने शिकारा से ही स्थानीय कश्मीरी भाषा में वित्तीय साक्षरता सत्र आयोजित किया। इस तरह से पूरा सत्र डल झील के पानी में आयोजित किया गया इस पहल के बारे में बात करते हुए डाक विभाग के सचिव श्री विनीत पांडे ने इसे वित्तीय समावेशन की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। भारत में आयोजित पहला तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर देश के हर घर में दूर-दूर तक पहुंचने की डीओपी टीम की क्षमता को दर्शाता है, जबकि भौगोलिक क्षेत्र अलग-अलग हैं। इसने ग्रामीण महिलाओं के लिए अपने वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को लेकर समझ बढ़ाने, धोखाधड़ी से सावधान रहने और निवेशक दीदी की मदद से अपनी भाषा में सहायता पाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

पहले तैरने वाले वित्तीय साक्षरता शिविर पर बोलते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ श्री जे. वेंकटरामू ने कहा, ‘निवेशक दीदी के जरिएआईपीपीबी ग्रामीण आबादी के सामने भाषा और वित्तीय उत्पादों एवं सेवाओं की बुनियादी समझ को लेकर सामने आने वाली चुनौतियों को पार करते हुए नया मील का पत्थर हासिल करेगा। ग्रामीण जनता से गहरा सामाजिक जुड़ाव रखने वाली महिला डाकियानिवेशक दीदी विशेष रूप से महिलाओं में वित्तीय जागरूकता बढ़ाएंगी और उनकी समस्याओं का समाधान करने के साथ सुविधाजनक तरीके से सहयोग करेंगी।

(श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में डल झील के आसपास स्थानीय निवासियों के बीच तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया गया)

तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर श्री गुरशरण राय बंसल, मुख्य महाप्रबंधक और मुख्य बिक्री एवं विपणन अधिकारी और श्री विश्वनाथ दिव्य सहायक महाप्रबंधक (विपणन) के साथ आईपीपीबी और डीओपी टीम की देखरेख में आयोजित किया गया। सत्र में बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों से लेकर संस्थाओं की ओर दी जाने वाली मुख्यधारा की वित्तीय सेवाओं के महत्व और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों के साथ निवेश को लेकर विभिन्न प्रकार के जोखिम से सुरक्षा आदि विषयों पर चर्चा की गई। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आखिरी छोर तक वित्तीय सशक्तीकरण के अपने अभियान को बढ़ाने के लिए ऐसे प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

आईपीपीबी के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) को संचार मंत्रालय के अधीन डाक विभाग के तहत स्थापित किया गया है, जिस पर भारत सरकार का शत-प्रतिशत मालिकाना हक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सितंबर, 2018 को आईपीपीबी का शुभारंभ किया था। बैंक की स्थापना इस दृष्टिकोण के तहत की गई है कि इसके जरिए भारत के आम जनमानस के लिए अत्यंत सुगम, सस्ती और भरोसेमंद बैंक सेवा उपलब्ध कराई जा सके। आईपीपीबी का बुनियादी काम यह है कि वह बैंकों तक कम पहुंच वाले और बैंकिंग सेवाओं से न जुड़े लोगों के लिए देश के 160,000 डाकघरों (145,000 ग्रामीण डाकघर), 400,000 डाक कर्मियों के नेटवर्क का इस्तेमाल करे। आईपीपीबी की पहुंच और उसके संचालन का स्वरूप ‘इंडिया स्टैक’ के प्रमुख स्तंभों पर आधारित है, जिसके तहत कागज रहित, नकद रहित, बिना बैंक गए, आसान और सुरक्षित तरीके से उपभोक्ता के दरवाजे पर सेवा उपलब्ध हो। इसके लिए सीबीएस-समेकित स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक उपकरण को माध्यम बनाया गया। जनता के लिए सस्ते नवाचार और बैंक प्रक्रिया को सुगम बनाने पर जोर देते हुए आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध इंटरफेस के जरिए आसान व सस्ते बैंकिंग समाधान सुगम बना रहा है। आईपीपीबी कम से कम नकदी इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में अपना योगदान करने के लिए संकल्पित है। भारत समृद्ध होगा, जब हर नागरिक को वित्तीय सुरक्षा और समान अवसर मिलेंगे। हमारा मूलमंत्र है– हर उपभोक्ता महत्वपूर्ण है; हर लेन-देन महत्वपूर्ण है और हर जमा धन मूल्यवान है।

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मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (3 नवंबर, 2022) आइजोल में मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उन्होंने शिक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जिनमें मिजोरम विश्वविद्यालय में एसटी गर्ल्स हॉस्टल और मौलपुई में सरकारी आइजोल कॉलेज, आइजोल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) का स्थायी परिसर और पछुंगा यूनिवर्सिटी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट अकादमिक ब्लॉक शामिल हैं। इस अवसर पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मिजोरम विश्वविद्यालय, जो 2001 से सक्रिय हुआ है, आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाला पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने शिक्षाविदों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं जिसके परिणामस्वरूप विज्ञान, कला, वाणिज्य, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विश्वविद्यालय ने ‘इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा प्राप्त किया है और कुछ बेहतरीन पहल की हैं। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में मिजोरम विश्वविद्यालय का ढांचागत विकास सराहनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय में छात्रों को इनोवेशन्स और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तीन इन्क्यूबेटर हैं। विश्वविद्यालय ने विभिन्न शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों और संगठनों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने के रास्ते तलाशने और अकादमिक और तकनीकी क्षेत्रों में उत्कृष्टता के नए मानक बनाने के लिए एक नया खाका तैयार किया है।

छात्रों को संबोधित करते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह उनके परिवार के सदस्यों के प्रयासों को याद करने और पहचानने का एक महत्वपूर्ण अवसर है जिन्होंने उनकी पूरी यात्रा में उनका साथ दिया है। उनकी क्षमताओं की कोई सीमा नहीं है। इसलिए उन्हें बस अपनी क्षमता का एहसास करना चाहिए। वे अपनी प्रतिभा और क्षमता को सबसे अच्छी तरह से पहचानते हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें दुनिया का पता लगाने और नए प्रयोग करने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने छात्रों से अशिक्षितों को शिक्षित करने और ज्ञान का प्रकाश फैलाने की जिम्मेदारी लेने का भी आग्रह किया। इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में स्नातक छात्रों में लड़कियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है, राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा में महिलाओं की बढ़ती संख्या प्रशंसनीय है लेकिन इसे उच्च दर से बढ़ाना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी कार्यबल में भी बढ़ी हुई भागीदारी में तब्दील हो। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो पूरा देश आगे बढ़ेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय और सैरंग में दो अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावासों का उद्घाटन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अन्य सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करके छात्राओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि आईआईएमसी आइजोल के स्थायी परिसर के उद्घाटन से पूरे पूर्वोत्तर में मीडिया और जनसंचार अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

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श्याम नगर सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों द्वारा 1 किलोमीटर से अधिक मानव श्रृंखला बनाकर गीता का संदेश फैलाने द्वारा बनाई गई मानव श्रृंखला*

कानपुर 3 अक्टूबर संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, श्याम नगर स्थिति सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों के द्वारा 1 किलोमीटर से अधिक लंबी श्रंखला बनाकर गीता जयंती पर के छात्र छात्राओं ने जनमानस को किया जागरूक श्याम नगर सरस्वती शिशु मंदिर के उप प्रधानाचार्य श्री रमाशंकर शुक्ल ने इसका उद्देश्य जन-जन तक गीता का संदेश पहुंचाना है गीता ग्रंथ महान है भारत की पहचान है गीता सुने जीवन का सही मार्ग सुने गीता जीवन की बने शांति प्रेम संगीत बने गीता अपनाएं तनाव भय व चिंता मुक्ति पाएं इस अवसर पर स्कूल के मैनेजमेंट अध्यापक श्री राजेश पांडे अनिल तिवारी जी, विनीत पाल, विजय शंकर पांडे मैडम कल्पना, दीपिका अवस्थी, रश्मि, कंचन शुक्ला ने बच्चों के साथ भारत माता की जय का आवाहन करते हुए बच्चों का मनोबल बढ़ाया

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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पुणे में आयोजित ‘भारत में उद्यान विज्ञान मूल्य श्रृंखला का विस्तार’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों की तरह हमारे किसान भी सम्मानीय और प्रशंसा योग्य हैं। उन्होंने कहा कि देशवासियों का पेट भरने के लिये किसान बहुत सी कुर्बानियां देते हैं। श्री तोमर ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा और किसानी, दोनों समान रूप से महत्त्वपूर्ण कार्य हैं, जिनसे देश की आत्मा तृप्त होती है।

श्री तोमर आज पुणे में आयोजित ‘एक्सपेंशन ऑफ हॉर्टीकल्चर वैल्यू चेन इन इंडिया’ (भारत में उद्यान विज्ञान मूल्य श्रृंखला का विस्तार) कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किया था, जिसमें किसानों, एफपीओ, स्टार्ट-अप और बैंकरों सहित उद्यान विज्ञान से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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अपने सम्बोधन में श्री तोमर ने कहा कि यदि गांव समृद्ध और आत्मनिर्भर होंगे, तो देश भी समृद्ध और आत्मनिर्भर बनेगा। श्री तोमर ने कहा कि कृषि हमारी प्राथमिकता है और वह हमारी अर्थव्यवस्था का मेरु है। उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर को दिशा देने की जरूरत है, क्योंकि कृषि और गांवों की पारंपरिक अर्थव्यवस्था देश की सबसे बड़ी ताकत है। परिस्थितियां चाहे कितनी विपरीत हों, लेकिन कृषि हमेशा हमारी अर्थव्यवस्था के लिये सहायक सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि व्यापारी-उद्यमी को कृषि उत्पादों के लिये किसानों को अधिकतम मूल्य चुकाना चाहिये। ऐसा होने से न केवल हमारे किसान समृद्ध होंगे, बल्कि अगली पीढ़ी भी खेती-किसानी करने के लिये प्रेरित होगी।

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श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले आठ वर्षों में कृषि में स्वदेशी प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन दिया है। श्री मोदी ने हमेशा खेती की स्थानीय व पारंपरिक पद्धति के साथ परिवर्तनशील आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया है, ताकि विश्व प्रतिस्पर्धा में हम प्रासंगिक बने रहें। श्री तोमर ने कहा कि श्री मोदी न केवल किसानों की आय बढ़ाने की बात करते हैं, बल्कि उन्होंने राज्य सरकारों को जोड़कर तथा किसानों को सीधे संलग्न करके कई उपाय भी किये हैं।

श्री तोमर ने कहा कि आज युवा, सेवानिवृत्त कर्मचारी और कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े लोग खेती करने के लिये आगे आ रहे हैं। ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों की रुचि भी बढ़ रही है। चार लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का रिकॉर्ड निर्यात किया गया है।

किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा करने और खेती को प्रोत्साहित करने के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, एक लाख करोड़ रुपये की कृषि अवसंरचना निधि, डिजिटल कृषि मिशन, ड्रोन प्रौद्योगिकी, ई-नाम, पीएम सिंचाई जैसी योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं।

श्री तोमर ने कहा कि आज भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हो गया है। ज्यादातर कृषि उत्पादों में भारत विश्व में पहले या दूसरे स्थान पर है। फसलों के साथ-साथ बागवानी को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। छोटे किसानों के लिये केंद्र सरकार ने उद्यान विज्ञान मिशन और एफपीओ की योजना शुरू की है। प्रयास किये जा रहे हैं कि छोटे किसान एक-साथ खेती करें, ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। एफपीओ और क्लस्टर प्रणाली को जोड़ने से किसानों को व्यापारियों के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि व्यापारियों को उत्पाद खरीदने के लिये किसानों के पास जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के उत्पादन के साथ, खासतौर से सब्जियों और फूलों की खेती के लिये उद्यान विज्ञान सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री तोमर ने कहा कि फलों, सब्जियों और मोटे अनाजों की खेती पर ध्यान दिया जाये, क्योंकि पोषण के लिये अकेले अनाज से काम नहीं चलेगा।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री श्री अब्दुल सत्तार और उद्यान विज्ञान मंत्री श्री संदीपनराव भूम्रे, केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, अपर सचिव श्री अभिलाष लिखी, संयुक्त सचिव श्री प्रिय रंजन, उद्यान विज्ञान आयुक्त श्री प्रभात कुमार, महाराष्ट्र के कृषि सचिव श्री एकनाथ नवले उपस्थित थे। श्री तोमर ने किसानों का सम्मान किया और उद्यान विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

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विजन कानपुर@2047* : स्वयं सेवी संगठन, जनहित में कार्य कर रहे क्लब्स और व्यक्तिगत रूप से जनहित में सेवा दे रहे लोगों के साथ परिचर्चा।

*विजन कानपुर@2047* :

स्वयं सेवी संगठन, जनहित में कार्य कर रहे क्लब्स और व्यक्तिगत रूप से जनहित में सेवा दे रहे लोगों के साथ परिचर्चा।

कानपुर शहर के सर्वांगीण विकास में पिछले कई वर्षों से निरंतर कई विकास के कार्य किए जा रहे हैं , जिससे हमारा शहर कानपुर निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है l

आजादी के 100 वर्ष पर हमारे शहर कानपुर का स्वरूप कैसा हो , इस पर विजन कानपुर@2047 की शुरुआत हुई है l

इसी के संदर्भ में आज पालिका स्टेडियम के स्पोर्ट्स हॉल में विभिन्न सामाजिक संगठनों ,क्लब ,स्वयंसेवी संस्थाओं इत्यादि के साथ विचार विमर्श और उनके सुझाव प्राप्त करने हेतु करने हेतु *संवाद कार्यक्रम* का आयोजन किया गया l

कार्यक्रम का शुभारंभ मंडलायुक्त कानपुर डॉ राजशेखर , संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री आनंद प्रकाश तिवारी, नगर आयुक्त श्री शिवशरणप्पा जी0एन0, मुख्य विकास अधिकारी श्री सुधीर कुमार , सचिव केडीए श्री शत्रोहन वैश्य और अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया l

मंडलायुक्त एवं विजन कानपुर समिति के अध्यक्ष डॉ राजशेखर ने विजन कानपुर के मिशन एवं उद्देश्य के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा:
विजन 2047 में हैप्पीनेस इंडेक्स, टूरिज्म, ट्रैफिक मैनेजमेंट, इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, ह्यूमन वैल्यूज, एजुकेशन, हेल्थ, स्किल डेवलपमेंट, सीनियर सिटीजन, यूथ, आर्टिस्ट, बिजनेस, स्टार्टअप आदि हर सेक्टर को शामिल किया गया है l उन्होंने कहा कि शहर को डेवलप करने के लिए समाज के विभिन्न सेक्टरों के सुझाव के बिना यदि कोई ड्राफ्ट तैयार किया जाता है, तो वह धरातल पर फ्लॉप हो जाता है, इसीलिये समाज के हर वर्ग का सुझाव लेने के पश्चात जो ड्राफ्ट बनेगा धरातल पर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानपुर देश का पहला ऐसा शहर है, जिसने Kanpur @2047 के विजन का ड्राफ्ट बनाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्षों में कानपुर देश का सबसे अच्छा शहर हो इसके लिए कार्य करना है, यह कठिन है लेकिन असम्भव नहीं है। हम लोग क्या बेहतर कर सकते है इस उददेश्य के साथ यहाँ इकट्ठा हुवे है और हमें मिलकर कार्य करना है।

*इसके उद्देश्यों में:-*

1. कानपुर शहर को सबसे पसंदीदा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हब बनाना।

2. एक शहर के सर्वोत्तम संभव जीवन स्तर को प्राप्त करने के लिए वातावरण प्रदान करना।

3. आर्थिक, समाजिक और पर्यावरण के क्षेत्र में कानपुर को विकसित करते हुए एक स्थायी दृष्टिकोण बनाना।

4. औद्योगिक विकास को केंद्र में रखते हुए शहर का समग्र विकास सुनिश्चित करना।

5. गंगा और उसके पारिस्थितिकी तंत्र जैसे प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।

6. कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन सुनिश्चित करना इत्यादि सम्मिलित है l

उन्होंने कहा मेरा मानना है कि कानपुर के निवासियों की परिकल्पना पर ही शहर का स्वरूप निर्धारित हो, जिस हेतु हर सेक्टर के साथ विचार विमर्श अत्यंत आवश्यक है lइसी के संदर्भ में कार्यक्रम* का आयोजन किया जा रहा है जिसमें यह संस्थाएं और व्यक्ति विशेष अपने नवीन विचारों के साथ प्रतिभाग करें l

उन्होंने कहा कानपुर@2047 का ड्राफ्ट प्लान इन नवीन विचारों को प्राप्त करने के उपरांत ही बनाया जाएगा l
परिवर्तन संस्था के श्री अनिल गुप्ता यति संस्थान की सुश्री नीतू सिंह मर्चेंट चेंबर की स्टार्टअप सेल की निदेशक सुश्री आरती गुप्ता , स्पीकवेल की सुश्री शेफाली राज,जेसीआई के श्री अमित अग्रवाल और स्मार्ट सिटी से सुश्री वैशाली बियानी ने सामाजिक दृष्टिकोण के अंतर्गत अपने नवीन विचारों से अवगत कराया जिसे विजन कानपुर ड्राफ्ट प्लान को बनाने में सम्मिलित किया जाएगा l
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों में डॉ अवध दुबे डॉ इंद्रमोहन रोहतगी, श्री अमित जैन, श्री संजीव पाठक ने भी कानपुर को स्वस्थ स्वच्छ और सुंदर बनाने हेतु अपने विचार रखें जिसमें कानपुर के लिए हर एक दृष्टिकोण से और संस्थाओं के आपस में मिलकर कार्य करने पर विशेष रूप से फोकस किया गया l

इस अवसर पर मंडलायुक्त डॉ राजशेखर ने सभी उपस्थित प्रतिनिधियों के साथ खुला संवाद भी किया, जिसमें वहां पर उपस्थित प्रतिभागियों ने खुलकर अपने विचार और प्रश्न भी रखें जिस पर मंडलायुक्त डॉ राजशेखर एवं अन्य अधिकारी गणों ने उनके प्रश्नों के जवाब देते हुए उनका आभार भी व्यक्त किया कि अब कानपुर के निवासी जागरूक हुए हैं और सकारात्मक रूप से अपनी भागीदारी भी कर रहे हैं l

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ सुधांशु राय ने कहा कानपुर के निवासियों से उनके सुझाव और विचार जानने हेतु विजन कानपुर 2047 की वेबसाइट visionkanpur2047.com का भी शुभारंभ किया जा चुका है, जिस पर यहां के निवासी अपने नवीन सुझाव उपलब्ध करा सकते हैं l

इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त, उपनिदेशक पंचायत श्री नीरज श्रीवास्तव, श्री गोपाल तुलसियान, डॉ एस प्रसाद टीकम सेठिया,श्री डी0सी0 शुक्ला सहित विभिन्न सामाजिक संगठन रोटरी लायंस क्लब जेसीआई इनरव्हील मुस्कुराए कानपुर परिवर्तन सक्षम लायंस क्लब यूथ विलस टीम थिंक कानपुर ब्लॉगर्स एवं युवा प्रतिनिधि प्रतिनिधि इत्यादि उपस्थित रहे।

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एस एन सेन पी जी कॉलेज में व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम “फ्रेश एंड क्रेज़ी” का आयोजन किया गया

कानपुर 3 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बी. वी. पी.जी कॉलेज कानपुर में प्राचार्या प्रोफेसर डॉ. सुमन के निर्देशन एवं सहयोग से छात्राओं के लिए एक व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम “फ्रेश एंड क्रेज़ी” का आयोजन किया गया जिसके तहत गायन, नृत्य,मिमिक्री एवं रैंप वॉक जैसी प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का संयोजन अर्थशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रोली मिश्रा,अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूजा गुप्ता और मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर सुश्री प्रीति यादव ने किया। संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हरीश झा,शारीरिक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति पांडेय, हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शोभा बाजपेई और समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी व्यास निर्णायक दल के सदस्य रहे जिन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्राओं की प्रतिभा का अवलोकन करके निर्णय सुनाया। बी. ए. तृतीय वर्ष की छात्रा कु. वैष्णवी मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन करके अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में नृत्य प्रतियोगिता में सलोनी सिंह ने प्रथम, सिमरन ने द्वितीयऔर सृष्टि गौतम एवं अंशिका तिवारी ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। ग्रुप नित्य में एनसीसी टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। संगीत में करुणासागर,अलीशा सिंह और खुशी गुप्ता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। रैंप वॉक में सृष्टि, गौतम, वैशाली शुक्ला ने क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा निकिता सविता एवं पंकजा ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। मिमिक्री में बी. ए. तृतीय वर्ष की हर्षिता साहू ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

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प्रधानमंत्री ने असारवा, अहमदाबाद में 2900 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं को देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज असारवा, अहमदाबाद में 2900 करोड़ से अधिक की दो रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के विकास के लिए, गुजरात की कनेक्टिविटी के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात के लाखों लोग जो एक बड़े क्षेत्र में ब्रॉड गेज लाइन न होने की वजह से परेशान रहते थे, उन्हें आज से बहुत राहत मिलने जा रही है। दशकों के इंतजार के बाद लाइन को समर्पित करने का अवसर मिलने पर प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पूरे रूट का कायाकल्प हो गया है। अब असारवा से हिम्‍मतनगर होते हुए उदयपुर तक मीटर गेज लाइन, ब्रॉड गेज में बदल गई है। उन्होंने बताया कि गुजरात का यह हिस्सा अब सीधे पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश से जुड़ जाएगा। लूणीधर-जेतलसर के बीच जो गेज परिवर्तन का काम हुआ है, वह भी इस क्षेत्र में रेलवे कनेक्टिविटी को आसान करेगा। यहां से निकली ट्रेनें देश के किसी भी हिस्से में जा सकेंगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी रूट पर मीटर गेज की लाइन, ब्रॉड गेज में बदलती है, तो वह अपने साथ अनेक नई संभावनाएं लेकर आती है। असारवा से उदयपुर तक लगभग 300 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का ब्रॉड गेज में बदलना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे गुजरात और राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र दिल्ली और उत्तर भारत से जुड़ जाएंगे। इस रेल लाइन के ब्रॉड गेज में बदलने के कारण अहमदाबाद और दिल्ली के लिए एक वैकल्पिक रूट भी मिल गया है। अब कच्‍छ के पर्यटन स्थल और उदयपुर के पर्यटन स्थलों के बीच भी एक डायरेक्ट रेल कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है। इससे कच्‍छ, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और नाथद्वारा के पर्यटन स्थलों को बहुत बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों से सीधे जुड़ने का लाभ यहां के व्यापारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘विशेषकर हिम्मतनगर के टाइल्स उद्योग को तो बहुत मदद मिलने वाली है।’ इसी प्रकार, लूणीधर-जेतलसर रेल लाइन के ब्रॉड गेज में बदलने से अब ढसा-जेतलसर खंड पूरी तरह से ब्रॉडगेज में परिवर्तित हो गया है। ये रेल लाइन बोटाद, अमरेली और राजकोट जिलों से होकर गुजरती है, जहां अब तक सीमित रेल कनेक्टिविटी रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लाइन का कार्य पूरा होने से अब भावनगर और अमरेली के लोगों को सोमनाथ और पोरबंदर से सीधी कनेक्टिविटी का लाभ मिलने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रूट से भावनगर और वेरावल की दूरी करीब 470 किलोमीटर से घटकर करीब 290 किमी से भी कम रह गई है। इस वजह से यात्रा का समय भी 12 घंटे से घटकर साढ़े छह घंटे रह जाएगा। इसी तरह, भावनगर-पोरबंदर के बीच की दूरी करीब 200 किलोमीटर और भावनगर-राजकोट के बीच की दूरी करीब 30 किलोमीटर कम हो गई है। ब्रॉड गेज रूट पर चलने वाली ट्रेनें गुजरात के औद्योगिक विकास को भी गति देंगी, पर्यटन को आसान बनाएंगीं और जो क्षेत्र देश से कटे हुए थे, उन्हें जोड़ देंगी। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर इस परियोजना का लोकार्पण करना इसे और विशेष बना देता है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘जब डबल इंजन की सरकार काम करती है, तो उसका असर सिर्फ डबल नहीं होता, बल्कि कई गुना ज्यादा होता है। एक और एक मिलकर 2 नहीं बल्कि 1 के बगल में 1, 11 की शक्ति धारण कर लेते हैं।’ पीएम ने कहा, ‘डबल इंजन की सरकार बने रहने से गुजरात में काम की रफ्तार तो तेज हुई ही, उसका विस्तार करने की ताकत भी तेज हुई है।’ उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के बीच 125 किलोमीटर से भी कम रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ था, जबकि 2014 से 2022 के बीच साढ़े पांच सौ से ज्यादा किलोमीटर रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ है। इसी तरह, गुजरात में 2009 से 2014 के बीच करीब 60 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ था। जबकि 2014 से 2022 के बीच 1700 किलोमीटर से अधिक ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ स्केल और स्पीड को ही बेहतर नहीं किया, बल्कि अनेक स्तरों पर सुधार किया है। ये सुधार क्वालिटी, सुविधा, सुरक्षा, स्वच्छता में हुआ है। देशभर में रेलवे स्टेशनों की स्थिति में सुधार आज स्पष्ट दिखता है। पीएम ने कहा, ‘गरीब और मध्यम वर्ग को भी आज वही माहौल दिया जा रहा है, जो कभी साधन-संपन्न लोगों की पहुंच में ही होता था। गांधीनगर स्टेशन की तरह अहमदाबाद, सूरत, उधना, साबरमती, सोमनाथ और न्यू भुज स्टेशन को भी आधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है।’ डबल इंजन वाली सरकार के कारण मिली उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा का उदाहरण दिया जो गांधीनगर से मुंबई के बीच शुरू हुई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पश्चिम रेलवे के विकास को नया आयाम देने के लिए 12 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की योजना भी बनाई गई है। उन्होंने कहा, ‘वडोदरा सर्कल में पहला गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल शुरू हो चुका है। जल्द ही बाकी टर्मिनल भी अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हो जाएंगे।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक हमारे देश में अमीर-गरीब की खाई, गांव-शहर की खाई, असंतुलित विकास बहुत बड़ी चुनौती रहे हैं। सरकार इस चुनौती का समाधान करने में जुटी है। ‘सबका विकास’ की हमारी नीति एकदम साफ है। इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाएं मध्यम वर्ग और गरीबों को गरीबी से लड़ने का साधन उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने कहा, ‘गरीब के लिए पक्का घर, टॉयलेट, बिजली, पानी, गैस, मुफ्त इलाज और बीमा की सुविधाएं, ये आज सुशासन की पहचान हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए अप्रोच में बड़ा बदलाव आया है। अब बिना योजना के निर्माण नहीं होता बल्कि रेल, मेट्रो और बसों जैसी सुविधाओं को कनेक्ट करने का समन्वित दृष्टिकोण अपनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अब कनेक्टिविटी का संपूर्ण सिस्टम तैयार किया जा रहा है यानी यातायात के अलग-अलग माध्यम एक दूसरे से भी कनेक्ट हों, ये सुनिश्चित किया जा रहा है। गुजरात के औद्योगिक स्वरूप को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गुजरात के पोर्ट्स सशक्त होते हैं, तो इसका सीधा असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पीएम ने बताया, ‘पिछले 8 वर्षों में गुजरात के पोर्ट्स की क्षमता लगभग दोगुनी हो चुकी है।’ विकास की सतत प्रक्रिया का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात का निर्माण, यही हमारा ध्येय है।

आखिर में, प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि वह देश के पहले गृहमंत्री थे। देश को जोड़ने का काम किया था। हर हिन्‍दुस्‍तानी को सरदार पटेल पर गर्व होता है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान सरकार द्वारा कुछ गुजराती अखबारों में दिए विज्ञापनों में सरदार पटेल का नाम और तस्वीर न होने पर आलोचना की। श्री मोदी ने कहा, ‘गुजरात इन चीजों को कभी माफ नहीं करता है और देश भी कभी माफ नहीं करता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सरदार पटेल की तरह रेलवे भी भारत को जोड़ने का काम करती है। यह प्रक्रिया निरंतर तेज गति से चलती है।’

इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश, सांसद और राज्य के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने असारवा, अहमदाबाद में आज 2900 करोड़ से अधिक की दो रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में नए गेज में परिवर्तित असरवा-हिम्मतनगर- उदयपुर और लूणीधर-जेतलसर लाइन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने भावनगर-जेतलसर और असरवा-उदयपुर के बीच नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।

पूरे देश में एक यूनी-गेज (एक समान गेज) रेल प्रणाली के दृष्टिकोण के साथ रेलवे मौजूदा गैर- ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में बदल रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित की गई परियोजनाएं इस दिशा में एक और कदम हैं। अहमदाबाद (असारवा)- हिम्मतनगर- उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन लगभग 300 किलोमीटर लंबी है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र में पर्यटकों, व्यापारियों, विनिर्माण इकाइयों और उद्योगों के लिए लाभदायक साबित होगा। यह रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करेगा और क्षेत्र के सामाजिक- आर्थिक विकास में सहायता करेगा। 58 किलोमीटर लंबी लूणीधर-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव पोर्ट और भावनगर के लिए कम दूरी का रास्ता उपलब्ध कराएगी। यह परियोजना इस खंड पर माल ढुलाई की क्षमता को बढ़ाएगी, जिससे व्यस्त कनालुस – राजकोट – वीरमगाम मार्ग पर यातायात में कमी होगी। यह गिर अभयारण्य, सोमनाथ मंदिर, दीव व गिरनार पहाड़ियों के साथ- साथ सहज संपर्क की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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मित्र समागम परिवार ने लायर्स अध्यक्ष का किया अभिनन्दन

कानपुर 3 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, मित्र समागम परिवार की ओर से अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया, इस समारोह में लायर्स एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रविंद्र शर्मा का अभिनंदन किया गया । किदवई नगर नागरिक धर्मशाला में हुए आयोजन में पनकी मंदिर के महंत कृष्ण दास जी महाराज ने रविंद्र शर्मा को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । समाजसेवी संजय शुक्ला ने कहा कि पंडित रविंद्र शर्मा की यह जीत असल में अधिवक्ताओं की जीत है । भाजपा नेता सुरेश अवस्थी ने उम्मीद जताई कि रविंद्र शर्मा का कार्यकाल ऐतिहासिक होने के साथ ही अधिवक्ताओं के हित में रहेगा । दशकों पुराने संबंधों को प्रेम भाव के साथ तरोताजा रखने के उद्देश्य हुए आयोजन में लोग पुरानी यादों में खोए नजर आये । इस दौरान लोगो ने संस्मरण सुनाकर पुराणी यादों को ताजा किया । डॉ राजेश अवस्थी और प्रदीप शुक्ला ने कहा कि इस व्यावसायिक युग में जहां मतलब के रिश्ते होते है , ऐसे में मित्र समागम परिवार प्रेम और सदभाव की अलग नजीर पेश कर रहा है । संस्था के विजय शुक्ला के मुताबिक छात्र जीवन की दोस्ती आज एक बड़े परिवार के रूप में विकसित है । किसी जमाने में सब छात्र थे , लेकिन आज कोई नीति निर्धारक है तो कोई अपने क्षेत्र में सफलता के शिखर पर है । समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों की हस्तियों के अलावा समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े हुए लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की ।कार्क्रम का संचालन उमेश शुक्ला ,ने किया । इस दौरान जितेंद्र सिंह जादौन , सर्वेश त्रिवेदी , भारतेंदु पुरी भैया लाल , आयुष द्विवेदी , अजय मिश्रा अज्जू सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे ।

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ठगी से कमाए धन से सकून नहीं मिलता

इंग्लैंड की सर्दी और बादलों का घिरे रहना,यहाँ के लोगो को बिलकुल भी पंसद नहीं,मगर हमारे भारत में ऐसे मौसम को आशिक़ाना मौसम कहा जाता है, और शायर लोगों की कलम खुद ब खुद चलने लगती है। मगर यहाँ ,इंग्लैंड की धूप बहुत ही हसीन और लाजवाब होती है।सर्दी और फिर उस पर धूप,कैसे लगता होगा।इसका अंदाज़ा ,हर कोई लगा सकता है।सौंधी सौंधी सी धूप में बैठी, मैं सुबह की चाय का आनंद ले ही रही थी।आज दोपहर को नीरा आ रही थी मेरे घर ,मुझ से मिलने।मैं बहुत ख़ुश थी।यहाँ का लाइफ़ स्टाइल ही कुछ ऐसा है कि लोग अक्सर वीकेंड पर ही मिला करते है।आज तो बुधवार था।जल्दी ही मैंने चाय ख़त्म की, कुछ लचं की तैयारी कर,नीरा का इंतज़ार करने लगी।इतने में ही नीरा की गाड़ी घर के बाहर थी।मैंने दरवाज़ा खोला तो देखा, नीरा कुछ बदली सी लगी।कुछ उदास ,उतरा सा, चेहरा दिखा मुझे।लंच का वक़्त तो था ही,हम सीधे खाने की मेज़ पर जा बैठे।इधर उधर की बातों के बाद मैंने पूछा नीरा सब कुछ ठीक तो है न ?मेरे पूछने की देर थी और नीरा ने लम्बी साँस ली और अपना दिल खोल कर मेरे सामने रख दिया।कहने लगी !उसके पति ने इतना बड़ा कारोबार शुरू किया था।इतना पैसा कमाया, मगर आज सब उसके पति के भाइयों के अधिकार में है।ये बात शायद हर घर की कहानी होती ही है दोस्तों।
ये सब सुन कर मुझे अच्छा नहीं लग रहा था।जैसे उस की मौजूदगी में मेरा दम घुटने लगा था,मगर मैं सुन रही थी।मुझे लगा,जो वो कहना चाह रही है,मुझे उसे सुनना चाहिये। उसका मन हल्का हो जायेगा,मगर वो तो रूकने का नाम ही नहीं ले रही थी। बोलती ही जा रही थी ,कभी जेठानी, कभी देवरानी की बात ,वग़ैरह वग़ैरह।
मैंने तब उसका हाथ ,अपने हाथ में लेकर कहा ! नीरा नीरा !! थोड़ा शांत हो जाओ।नीरा तुम जानती हो कि तुम्हारी प्राबल्म क्या है ? नीरा जब तुम किसी के घर जाती हो ,उस वक़्त तुम दूसरो की बातों का कूड़ा करकट,अपने सिर पर लाध कर ,अपने ही घर ले आती हो ,जब कि होना तो ये चाहिए कि उनकी सोच का कूड़ा करकट वही ,उनके ही दरवाज़े पर छोड़ कर आया जाये,और अपने घर में बिलकुल साफ़ मन से, दाखिल किया जाये।कभी तुम चाहोगी कि किसी की बातों का,किसी की सोच का कूड़ा करकट अपने घर में लाया जाये।नीरा इक दम सोच में पड़ गई और बोली “न बाबा न !! “कभी भी मैं ऐसा नहीं चाहूँगी।
मैंने कहा! नीरा बस रब पर विश्वास रखो,सब ठीक हो जायेगा।मेरे देखते देखते ही नीरा रोने लगी।
दोस्तों !जिसने सब अपने हाथों से बनाया हो और वो छिन जाये।उसे कैसे महसूस होता है ,उसका ये दर्द मै बख़ूबी समझ पा रही थी।
दोस्तों।मेरा मानना ये है कि हमारे करमो के हिसाब से हमें घर परिवार मिलता है ,तो हम दोष किसे दे?हमारा सब से ज़्यादा लेना देना ,अपने ही परिवार से शुरू होता है कभी भाई बहन ,कभी माँ बाप ,के रूप में क़र्ज़ उतारते हैं ।जिस के साथ हमारा सबसे भारी क़र्ज़ पिछले जन्म में रहा होता है।वही पति या पत्नी बन कर आते है और पति पत्नी के रूप मे दोनों इक दूजे का सारा क़र्ज़ उतारते है।बच्चों के लिए हम दिन रात मेहनत करके सब कुछ करते हैं और हम हंस हंस कर अपना सारा कमाया धन ,उनके ही नाम करके अपना क़र्ज़ उतारते है ।हर कोई लेना देना कर रहा है कोई हंस कर ,कोई रो कर क़र्ज़ा उतार रहा है ।बहुत बार तो पति पत्नी का रिश्ता,प्यार मोहब्बत का होता भी नही ,बस इक दूसरे का क़र्ज़ ही उतार रहे होते है।
दोस्तों ! इक बात याद आ रही है मुझे।इक बार किसी महात्मा के दो सेवक थे।एक के घर बेटी थी और दूसरे के घर में बेटा था।जब दोनों शादी के लायक़ हुये तो महात्मा ने कहा ,इन दोनों की शादी कर दो।जल्दी ही दोनों की शादी हो गई।अभी तीन साल भी नहीं गुजरे थे कि दोनो का तालाक हो गया।लड़की का पिता बहुत दुखी हुआ।दोनों ही महात्मा के पास पहुँच गये।पूछने लगे कि आप की ही मर्ज़ी से ये शादी हुई थी।आप ने हमे पहले कंयू नही बताया कि ये दोनों ऐसे अलग हो जायेंगें।लड़की का पिता कहने लगा! मैंने करोड़ों की पूँजी बेटी की शादी पर खर्च कर दी।अब बहुत दुख लगता है कि मेरा कितना पैसा बर्बाद हो गया और मेरी बेटी का घर भी न बस पाया।महात्मा ने कहा ! इन दोनों का
हिसाब किताब कुछ ऐसा ही था।दोनों ने पूछा ! वो कैसे ?
महात्मा ने कहा! अब जो तुम इक दूसरे के समधी बने हो ,मगर पिछले जन्म मे तुम दोनों सगे भाई थे।जो अब लड़की का पिता है,उसने पिछले जन्म में अपने भाई को ख़ूब ठगा था और बहुत दुखी किया था।जिस भाई को ठगा था ,वो अब इस जन्म में समधी बन कर आया है और उसके यहाँ बेटा हुआ था।जिसने ठगा था उसके यहाँ बेटी
हुई।अब बेटी की शादी पर उसने हंस हंस कर ,खुले दिल से ,भर भर कर लड़के वालों को दिया और अपने पिछले जन्म का क़र्ज़ उतारा।अब बच्चों के तालाक से ,वो पैसा भी बर्बाद हुआ और मन भी दुखी हुआ।
दोस्तों ! भगवान बहुत बड़ा न्यायाधीश है।ठगी से कमाया पैसा हमें लगता है कि वो फल फूल रहा है मगर वक़्त आने पर,उसका बुरा असर हमारे ही बच्चों को भुगतना पड़ता है।
”बेशक ठगी से धन कमाना आसान हो सकता है मगर उस धन से सकून मिल जाए ये नामुमकिन होता है”।
दोस्तों!” मैंने नीरा को तो ये बात बड़ी आसानी से कह दी और समझा भी दी मगर मैं खुद सोचने पर मजबूर हो गई कि कैसे रह लेता है कोई ?
किसी का कुछ चुरा कर ,चाहे वो किसी का पैसा हो ,किसी का हक़ हो,किसी का विश्वास हो या फिर ..किसी का दिल ही कंयू न हो।भला कैसे कोई चैन से सो सकता है किसी को बेचैन करके ?..ये बात हम तो न समझ पाये दोस्तों ,अगर आप को समझ आये तो हमें भी ज़रूर समझा देना 🙏 स्मिता केंथ

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