केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीअमित शाह ने आज गांधीनगर, गुजरात में राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (NSG) के क्षेत्रीय हब और गुजरात सरकार के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास किया
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 2023 को आज़ादी का अमृत महोत्सव संपन्न हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव में 1857 से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति समग्र देश के लोगों के मन में सम्मान और श्रद्धांजलि की भावना पैदा की है।श्री शाह ने कहा कि जब वे माणसा के एक गाँव में शहीद स्मारक का भूमिपूजन करने गए थे तब पूरे गाँव में 90 प्रतिशत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि 1857 के आंदोलन में इस गाँव के 5 लोग शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि देशभर में स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े जो अनेक स्थान और शहीद विस्मृत थे उनका स्मरण कर उन्हें चिरंजीवी बनाने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है।
अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव की पूर्ण आहुति के साथ ही आज़ादी के अमृत काल की शुरुआत हो रही है। श्री शाह ने कहा कि हो सकता है कि 15 अगस्त 2047 तक हम रहें या न रहें लेकिन भारत माता अजर-अमर है। उन्होंने कहा कि भारत युगों-युगों से दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत अंतरिक्ष, शिक्षा और सुरक्षा सहित हर क्षेत्र में प्रथम स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल दुनिया भर में भारत की अर्थव्यवस्था 11 वें नंबर पर थी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। प्रधानमंत्री जी ने आह्वान किया है कि 2027 से पहले भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि हम में से बहुत सारे लोगों को आज़ादी के आंदोलन में भाग लेने और देश के लिए शहीद होने का मौक़ा नहीं मिला लेकिन हमें देश के लिए जीने से कोई नहीं रोक सकता।उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत हमारे घर से होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देने होंगे कि वे अपनी भाषा, साहित्य, संस्कृति,गांव,प्रदेश और देश के लिए जीएँ। उन्होंने कहा कि जो अपनी भाषा, संस्कृति, गाँव और प्रदेश को नहीं जानेगा वह देश को भी नहीं पहचानेगा और जो देश को नहीं पहचानेगा वह देश का भला कभी नहीं कर पायेगा। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगर हम अपनी 15 हजार वर्ष से भी अधिक पुरानी संस्कृति और इतिहासका परिचय अपने बच्चों और युवाओं को नहीं कराएंगे तो हमारी संस्कृति के विलुप्त होने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ हमारी होगी। उन्होने आग्रह किया कि आजादी के अमृत महोत्सव में हम यह संकल्प ले कि अपनी आनेवाली पीढी को अपने देश के प्रति अक्षुण देशभक्ति औरअपनी भाषा व संस्कृति के लिए गौरव का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करेंगे। श्री शाह ने कहा किआज अनावरण की गयी स्मारक पट्टिका पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी का एक उदगार है कि “मेरे जीवन का क्षण-क्षण और मेरे शरीर का कण-कण इस देश के भले के लिए खर्च करने का मैं संकल्प करता हूँ”। उन्होने कहा कि अगर देश के 130 करोड़ नागरिक यह संकल्प लें तो देश बहुत आगे बढ़ेगा।
गृह मंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (NSG)के क्षेत्रीय हब का भूमिपूजन हुआ है। उन्होने कहा कि एनएसजी के मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में चार रिजनल कार्यालय हैं और बहुत ही आनंद की बात है कि अब गुजरात में भी एनएसजी का रीजनल सेंटर खुलने वाला है। श्री शाह ने कहा कि एनएसजी आतंकवाद से बखूबी निपटने वाली एक प्रमुख संस्था है। अपनी स्थापना से लेकर अब तक एनएसजी ने 100 से ज्यादा विशेष अभियान चलाकर और सैकड़ों आतंकवादियों को मौत के घाट उतारकर जनता को बचाने का कार्य किया है। NSG ने मुंबई हमले सहित अनेक ऑपरेशन में शानदार काम किया है। श्री शाह ने कहा कि लेकावाडा में 60 एकड़ भूमि में बननेवाले रीजनल सेन्टर के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 400 करोड़रुपये मंजूर किये हैं और यह सेंटर 30 महिने में पूरा हो जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि आज माणसा के अनेकविध विकास कार्यों का भीशिलान्यास हुआ है। उन्होने कहा कि मलाव, मालण और चंद्राणु,तीनों तालाब इतने विकसित होंगे कि 100 वर्ष बाद भी लोग माणसा को याद रखेंगे। माणसा के आसपास के सभी 9 तालाबों के वर्षा के पानी से भरने की व्यवस्था भी की गई है। उन्होने कहा कि माणसा से गांधीनगर तक का फोरलेन मार्ग भी बनेगाऔर इसरोड के शुरु हो जाने के बाद लोग 15 मिनट में गांधीनगरऔर 30 मिनट में अहमदाबाद पहुंच जाएंगे।
ऐतिहासिक लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में 50 स्कूल शिक्षक ‘विशेष अतिथि’ होंगे
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 50 स्कूल शिक्षकों के चयनित समूह को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट समर्पण और प्रतिबद्धता प्रदर्शितकरते हुए युवा छात्रों के भविष्य को आकार देने और शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये शिक्षक देश भर के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व केंद्रीय विद्यालय संगठन स्कूलों में कार्यरत हैं।
ये विशेष अतिथि 14 अगस्त से 15 अगस्त, 2023 तक निर्धारित दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेंगे और उनके यात्रा कार्यक्रम में ऐसी गतिविधियां शामिल हैं जो राष्ट्र की विरासत और प्रगति के सार को समाहित करती हैं। कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
- 14 अगस्त, 2023: इंडिया गेट, युद्ध स्मारक और प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा। कर्तव्य पथ पर वे उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे जिन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा की है। इन नायकों का साहस और बलिदान उपस्थित लोगों की स्मृति में सदैव अंकित रहेगा। नई दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा उन दूरदर्शी नेताओं के जीवन और योगदान के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जिन्होंने देश केभविष्य को आकार दिया है।
इसके बाद, नई दिल्ली में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री राजकुमार रंजन सिंह के साथ आमंत्रित स्कूल शिक्षकों का एक इंटरैक्टिव सत्र होगा।
- 15 अगस्त, 2023: ऐतिहासिक लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेंगे, जहां राष्ट्रगान कीगूंज के बीच प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा झंडा फहराया जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर इस सम्मान के माध्यम से, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग उन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार कर रहा है जो अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ देश के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युवा पीढ़ी में ज्ञान, मूल्यों और कौशल को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका अतुल्य है और इस भाव से राष्ट्र उनका आभार व्यक्त करता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात की राजधानी गांधीनगर में विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा किआज गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में कुल 1 हजार 52 करोड रुपये के कार्यों का लोकार्पण और शुभारंभ हुआ है। ये कार्य भारत सरकार और गुजरात सरकार के माध्यम से हुए हैं। उन्होने कहा कि गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में इन सभी विकास कार्यों के लिएप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का दिल से आभार व्यक्त करते हैं। श्री शाह ने कहा कि आज 792 परिवारो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खुद का घर मिला है,अब इन सभी को घर की चिंता से मुक्ति मिलेगी और वे अपने भविष्य को समृद्ध बनाने में जुटेंगे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि रेवाबाई जनरल अस्पताल और सेठ एन.एन.सार्वजनिक अस्पताल ऐसेहॉस्पिटल हैं जिनका उदेश्य लाभ कमाना नहीं है। आज रेवाबाई जनरल अस्पताल को नया बनाने की शुरुआत भी हो गई है। इसीतरह सेठ एन.एन पटेल सार्वजनिक कॉलेज की छह मंज़िला नई इमारत का भूमिपूजन और पूरे अस्पताल को नया बनाने की भी शुरुआतहुई हैा उन्होने कहा कि 25-50 वर्ष किसी संस्था को चलाना बहुत मुश्किल काम है और एक सार्वजनिक हॉस्पिटल चलनासबसे कठिन कार्य है।गृह मंत्री ने अस्पताल के ट्रस्टियों को इस भागीरथ कार्य के लिए शुभकामनायें देते हुए उनसे इस हॉस्पिटल को प्रधानमंत्री आयुष्यमान योजना के पैरामीटर में लाने का आग्रह किया जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति भी बिना पैसे के अपना इलाज़ करवा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्यमान योजना में हॉस्पिटल को अपग्रेड और रजिस्टर्ड करावा देने से गरीब व्यक्ति के इलाज़ का खर्च प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हॉस्पिटल को भेज देंगे।
अमित शाह ने कहा किGIHED CREDAI द्वारा गांधीनगर के 150 आंगनवाड़ियों में शुरू की गई खिलौने वितरण की पहल अत्यंत सराहनीय है, इससे पूरे क्षेत्र के गरीब बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटेगी। श्री शाह ने आज GUDA द्वारा नवनिर्मित उद्यान का लोकार्पण कर उसे जनता को समर्पित किया, इस उद्यान में बच्चों के खेलने से लेकर वृद्धजनों के टहलने तक की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में ऐसे अनेक उद्यानों का निर्माण किया जा रहा है।इससे स्थानीय लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। श्री शाह ने कहा कि आज गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए अनेक सड़कों का निर्माण भी हो रहा है। श्री अमित शाह ने अपने लोकसभा क्षेत्र के रंधेजा से बालवा 4 लेन रोड के चौड़ीकरण के कार्य का भी शिलान्यास किया।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने “वीमेन इन फोकस” प्रदर्शनी का उद्घाटन किया:राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित भारतीय कला प्रदर्शनी में महिलाओं के निर्माण की कल्पना को दर्शाया गया है
यह प्रदर्शनी स्त्रियों के नजरिए से शक्ति, संरक्षण और धर्मनिष्ठता की बहुआयामी पारंपरिक धारणाओं के परीक्षण पर केंद्रित है। इन तीन संरचनाओं को पारंपरिक रूप से धार्मिक और ऐतिहासिक विचारों द्वारा जर्जर पुरुषत्व व्यवस्था से जोड़ा गया है। यह प्रदर्शनी ‘महिला की आवाज’ का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय कला और इतिहास के अंतर-सांस्कृतिक विचारों को प्रस्तुत करती है। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक प्रतिनिधित्वों में फैली हुई यह एक अद्वितीय दृश्य और भौतिक संस्कृति के वाहक के रूप में मूर्तियों, पांडुलिपियों, लघुचित्रों, आभूषण टेपेस्ट्री, अनुष्ठान पदार्थ और ताबीजों के माध्यम से में महिलाओं के प्रतिष्ठित प्रतिनिधित्व पर केंद्रित है।
प्रदर्शनी के उद्घाटन और वीमेन इन फोकस नामक कैटलॉग के विमोचन के अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनियां महिलाओं और समाज तथा अर्थव्यवस्था के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान का गुणगान करती हैं। ये जी-20 की भारत की अध्यक्षता के महत्वपूर्ण जनादेशों में से एक-समानता और महिलाओं के नेतृत्व में विकास के अनुरूप हैं। सुश्री लेखी ने भारत की शास्त्रीय कला और ऐतिहासिक ग्रंथों में प्रलेखित कई संदर्भों का उल्लेख किया, जो भारतीय समाज में महिलाओं की एक उत्साही और न्यायसंगत स्थिति का प्रमाण हैं। उन्होंने राष्ट्रीय संग्रहालय की प्रसिद्ध डांसिंग गर्ल और भारतीय कला में कई चित्रों और मूर्तियों का उल्लेख किया, जिसमें महिलाओं को लेखक, महावत, संरक्षक के अतिरिक्त देवी, नायिका और पोषणकर्ता के रूप में अधिक पारंपरिक रूप में चित्रित किया गया है। श्रीमती लेखी ने रानी अब्बक्का की वीरता को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो एक दमनकारी शासन के खिलाफ खड़ी रही और वह आज तक एक प्रेरणा हैं।
स्त्री शक्ति को प्रकृति में द्वैतवादी के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो परात्पर बुद्धि और शरीर के रूप में चित्रित किया गया है, जो महिलाओं की अपनी शारीरिक रूप में यात्रा और देवी पंथ के रूप में उनके दिव्य अस्तित्व के द्वारा दर्शाया गया है। इन दो विचारों को आपस में जोड़ा गया है और भारतीय विरासत में एक सर्वोपरि महत्व रखा गया है, जो मौखिक परंपराओं, साहित्य, दृश्य कला और दार्शनिक और अनुष्ठान प्रथाओं में नारीत्व के विविध निरूपण के माध्यम से परिलक्षित होता है। स्त्रीकेंद्रित विचारधारा,ग्रंथों, दृश्य रूपों, लोक कथाओं और अनुष्ठान प्रथाओं में पाई जाती है, जो मातृत्व, सर्वोच्च ज्ञान, करुणा और सुरक्षा, योग्यता, बहुतायत और शुद्धिकरण की अवधारणाओं को दर्शाती है। महिला शरीर के महत्व का आकलन करना, सौंदर्य की अवधारणा और स्त्री शरीर के अलंकरण का अभ्यास, अपने मूल अर्थ में, मातृत्व का एक हिस्सा है, जो महिलाओं को शरीर से मानव जीवन की स्त्री उत्पत्ति, मां के साथ संबंध को जोड़ता है। प्रश्रय की खोज का पता रानियों, राजकुमारियों और कहानियों की नायिकाओं द्वारा सौंपे गए साहित्यिक ग्रंथों और कला के माध्यम से लगाया जाता है, जो समाज में उनके सम्मानित श्रेणीबद्ध पद और उनके योगदान को दर्शाता है। प्रदर्शनी का समापन महिलाओं की भक्ति प्रथाओं के माध्यम से धार्मिक संबंधों और धार्मिक प्रवचनों दोनों के प्रति धर्मनिष्ठा की धारणा के साथ हुआहै। यह वस्तुएं सामूहिक रूप से एक ऐतिहासिक कथा को सामने लाती हैं जो सदियों से भारतीय चेतना का हिस्सा रही है। लगभग सौ वस्तुओं के प्रदर्शन के साथ, प्रदर्शनी में पूर्व-इतिहास, पुरातत्व, पांडुलिपि, नृविज्ञान, सजावटी कला, मध्य एशियाई पुरावशेष, पूर्व-कोलंबियाई और पश्चिमी कला, पेंटिंग, मुद्राशास्त्र, एपिग्राफी और आभूषण, और हथियार और कवच के संग्रह से उत्कृष्ट कृतियों पर प्रकाश डाला गया है।
‘वीमेन इन फोकस’ नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा प्रकाशित दो अतिरिक्त प्रकाशनों की पुस्तक के विमोचन के साथ हुआ। पहली डॉ. बुद्ध रश्मि मणि और श्री सानिब कुमार सिंह की पुस्तक: बुद्ध, बौद्ध धर्म और बौद्ध कला का हिंदी अनुवाद और दूसरी संजीब कुमार सिंह और गुंजन कुमार श्रीवास्तव की सिंधु घाटी सभ्यता का परिचय नामक पुस्तक का तीसरा संस्करण है। राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. बीआर मणि ने संग्रहालयों की शैक्षिक भूमिका के महत्व के बारे में बात की और बताया कि कैसे इस तरह की प्रदर्शनियां भारतीय कला में महिलाओं को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।
सिंधु-सरस्वती सभ्यता से शुरू होकर प्रसिद्ध डांसिंग गर्ल और मां और बच्चे हिंदू, जैन और बौद्ध परंपराओं में शास्त्रीय और मध्ययुगीन देवी पंथों की ओर बढ़ते हुए, देवी और शक्ति का प्रतिनिधित्व ऐसी विशिष्ट परंपराओं को जोड़ने वाला एक सामान्य मंच है। शाही शक्ति और संरक्षण का प्रतिनिधित्व मध्ययुगीन कला द्वारा किया जाता है, जिसे शाही दरबारों और परिवारों की महिला सदस्यों द्वारा अधिकृत किया जाता है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व पूर्व-आधुनिक लोक प्रथाओं में भी पट्टचित्र, वारली चित्रकला, और मातानिपचेडीव अन्य माध्यमों के द्वारा भी दिखाई देता है। प्रदर्शनी में प्राचीन से आधुनिक समय तक शक्ति, संरक्षण और धर्मपरायणता के पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, जो भारत की सहस्राब्दियों में महिलाओं द्वारा निभाई गई मौलिक और प्रमुख भूमिका को प्रस्तुत करता है इस अवसर पर अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल ने धन्यवाद प्रस्ताव को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संग्रहालय ऐसी कई प्रदर्शनियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रतिबद्ध है और संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से ‘हर घर तिरंगा’ की भावना के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की डीपी बदलने को कहा
राष्ट्र 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा अभियान मना रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ट्वीट किया:
“#हर घर तिरंगा अभियान की भावना में, आइए हम अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की डीपी को बदलें और इस अनूठे प्रयास का समर्थन करें जो हमारे प्रिय देश और हमारे बीच के संबंध को और अधिक गहरा करेगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा की उपस्थिति में इंडिया मेडटेक एक्सपो 2023 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम को संबोधित किया
डॉ. मांडविया ने कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र देश के उभरते क्षेत्रों में प्रमुख है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देख को चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘1.5 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ हमें अगले 25 साल में भारत की बाजार हिस्सेदारी 10-12 प्रतिशत तक पहुंचने की आशा है।’ उन्होंने कहा कि ‘हाल ही में शुरू की गई राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ हम 2030 तक चिकित्सा उपकरणों के विकास को वर्तमान 11 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने के प्रति आश्वस्त हैं।’
डॉ. मांडविया ने कहा कि “पहले, हमने फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों सहित स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों को भंडार क्षेत्र में देखा था। मोदी सरकार ने भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को 2047 तक बदलने का समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी कई नई पहलों से देश में 43 महत्वपूर्ण सक्रिय दवा घटक (एपीआई) का उत्पादन किया जा रहा है। पहले इसका विदेशों से आयात किया जाता था। सरकार इस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश में थोक दवा पार्क और चिकित्सा उपकरण पार्क भी बना रही है।
डॉ. मांडविया ने कहा कि मेडटेक एक्सपो 2023 चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, दवाओं, उपकरणों और सुविधाओं में भारत के नवाचारों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने बताया कि इस आयोजन से भारत के चिकित्सा उपकरणों के पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में विश्व के अन्य देशों को भी जानकारी मिलेगी और यह एक ब्रांड पहचान कायम कर सकेगा।
केन्द्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार, स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उद्योगों और मीडिया कर्मियों सहित सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे एक्सपो का दौरा करें और इस क्षेत्र में आ रहे परिवर्तन के साक्षी बनें।
फार्मास्युटिकल्स विभाग की सचिव श्रीमती एस अपर्णा ने कहा, “चिकित्सा उपकरण क्षेत्र आज सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण के लिए उद्योग को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इससे 37 अद्वितीय उत्पाद अब देश में ही निर्मित किये जा रहे हैं, ये पहले आयात किये जाते थे।
श्रीमती एस अपर्णा ने यह भी कहा कि ये नीतिगत हस्तक्षेप चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण और मांग दोनों पक्ष को पूरा करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए देश भर में चार नए औद्योगिक पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण निर्यात संवर्धन परिषद की भी स्थापना की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि एक्सपो में भविष्य मंडप और एक अनुसंधान एवं विकास मंडप होगा और इसमें राज्यों, उद्योगों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, शिक्षाविदों और अन्वेषकों की भागीदारी होगी।
पृष्ठभूमि:
इस क्षेत्र की पर्याप्त क्षमता का उपयोग करने और भविष्य के मार्ग पर मंथन करने के लिए सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय का फार्मास्यूटिकल्स विभाग ‘भारत: ‘उपकरण, निदान और डिजिटल का अगला मेडटेक वैश्विक हब’ विषय के साथ ‘इंडिया मेडटेक एक्सपो’ की मेजबानी कर रहा है।
एक्सपो में फ्यूचर पवेलियन, अनुसंधान और विकास पवेलियन, स्टार्ट-अप पवेलियन, राज्य पैवेलियन, नियामक पवेलियन और मेक इन इंडिया शोकेस सहित विभिन्न मंडप होंगे। इसमें 150 से अधिक लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय विनिर्माताओं, स्टार्ट-अप, नियामक एजेंसियां, राज्य सरकारों और केंद्रीय विभागों सहित 400 से अधिक भागीदार हिस्सा ले रहे हैं।
एक्सपो के दौरान 7 राज्य – मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और गुजरात मंडप स्थापित कर रहे हैं। इसमें एक्सपो में नवाचार और अनुसंधान और विकास का परिदृश्य दिखाने के लिए मंडप लगाए जायेंगे, इनमें 30 से अधिक कंपनियां नए अनुसंधान और नवाचारों का प्रदर्शन करेंगी। स्टार्ट-अप के लिए एक अलग मंडप भी होगा और इसमें 75 स्टार्ट-अप भाग ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त फार्मास्यूटिकल्स विभाग, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) और राष्ट्रीय मानक संगठन (बीआईएस) सहित चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के लिए 7 नियामक एजेंसियां इसमें भाग ले रही हैं।
तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विषयगत सम्मेलन सत्र आयोजित किए जाएंगे, इनका उद्देश्य ज्ञान की असीम संभावनाओं का पता लगाना, नवाचारों को प्रेरित करना और विभिन्न देशों की प्रतिभाओं के बीच संबंध ज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में संबंध स्थापित करना है। ये सत्र वर्ष 2047 के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के उद्देश्य को देखते हुए बनाए गए हैं, एक ऐसा दृष्टिकोण है, जो मेडटेक क्षेत्र के लिए भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक है, जो न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य है :
- चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में नवीनतम प्रगति, चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के व्यवसायियों, विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों को एक मंच पर लाना।
- प्रसिद्ध उद्योगपति और विशेषज्ञ चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में वर्तमान रुझानों और संभावनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए अपनी अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा करेंगे।
- सफल उत्पाद विकास और बाजार पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम नियामक दिशानिर्देशों और अनुपालन आवश्यकताओं पर उद्योगपतियों और नीति निर्माताओं के बीच चर्चा की जाएगी।
- चिकित्सा उपकरण विकास, विनियमन और कार्यान्वयन में चुनौतियों और अवसरों के बारे में उद्योग विशेषज्ञों, नियामकों और स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों के साथ चर्चा।
मुख्य रूप से 5 प्रमुख क्षेत्रों अफ्रीका, आसियान, कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (सीआईएस), मध्य पूर्व और ओशिनिया के 50 देशों के कुल 231 विदेशी खरीदार अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में भाग लेंगे। प्रोफ़ाइल के आधार पर, इन खरीदारों को मुख्य रूप से चार मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. स्वास्थ्य मंत्रालय के सरकारी अधिकारी – 55
2. चिकित्सा उपकरणों और उपकरणों के प्रमुख खरीदार और आयातक -111
3. खरीद एजेंसियां – 60
इस अवसर रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में संयुक्त सचिव (नीति) श्री रविन्द्र प्रताप सिंह, फिक्की के महासचिव श्री शैलेश के पाठक, उप महासचिव श्री मनाब मजूमदार सहित केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
क्राइस्ट चर्च कॉलेज कॉलेज में पद्मश्री डॉ. एसआर रंगनाथन की 131वीं जयंती पर राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस मनाया गया
हाथ से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लिए रोबोट ‘बैंडिकूट’ तकनीक
शहरों को अपने मैनहोल तथा सीवरों के प्रबंधन हेतु सरल लागत प्रभावी यांत्रिक उत्पाद उपयोग करने की सलाह दी गई है।
एमएस अधिनियम, 2013 की धारा 33 के अनुसार, प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी अथवा अन्य एजेंसी द्वारा सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए समुचित तकनीकी उपकरण का उपयोग किया जाना अपेक्षित है। सरकार को वित्तीय सहायता, प्रोत्साहनों और अन्य सुविधाओं के माध्यम से आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग को संवर्धित करना होगा।
हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के रूप में नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास नियमावली, 2013 (एमएस नियमावली, 2013)” के अनुसार नियोक्ता द्वारा सुरक्षा गीयर, उपकरण उपलब्ध कराना और नियमावली में निर्धारित सुरक्षा सावधानियों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय वाले ने सीवरों तथा सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसके अलावा, निम्नलिखित सुनिश्चित करने के लिए नमस्ते स्कीम देश के सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में कार्यान्वित की जा रही है
- भारत में स्वच्छता कार्य में शून्य मृत्यु दर ।
- संपूर्ण स्वच्छता कार्य कुशल कर्मचारियों द्वारा किया जाना है।
- कोई भी सफाई कर्मचारी मानव मल के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आना चाहिए।
- पंजीकृत तथा कुशल स्वच्छता कर्मचारियों से सेवाओं की चाह रखने वाले स्वच्छता के इच्छुक (व्यक्तियों एवं संस्थान) लोगों के मध्य जागरूकता का संवर्द्धन करना।
- पंजीकृत सफाई सेवाओं के सुरक्षित वितरण को सुनिश्चित करने के लिए एमरजैंसी रिस्पांस सेनीटेशन यूनिट (ईआरएसयू) का सुद्धीकरण तथा क्षमता निर्माण ।
- सफाई उद्यम चलाने तथा मशीनों की उपलब्धता के माध्यम से सफाई कार्यों के मशीनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सफाई कर्मचारियों का सशक्तीकरण।
यह स्कीम मशीनी उपस्करों के साथ सुरक्षित सफाई सुनिश्चित करने और सीवरों तथा सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों की गरिमा में वृद्धि करने के लिए सीवर तथा सेप्टिक टैंक कर्मचारियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण, सुरक्षा गीयर तथा एबी-पीएमजेएवाई के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराकर उनके ज्ञान व कौशल को भी बढ़ाती हैं।
यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
भारत के 140 करोड़ से अधिक नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए, केंद्र सरकार खुले बाजार में 50 एलएमटी गेहूं और 25 एलएमटी चावल उपलब्ध कराएगी
7.8.2023 तक एक साल में गेहूं की कीमतें खुदरा बाजार में 6.77 प्रतिशत और थोक बाजार में 7.37 प्रतिशत बढ़ गई हैं। इसी तरह, चावल की कीमतों में खुदरा बाजार में 10.63 प्रतिशत और थोक बाजार में 11.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
देश के 140 करोड़ से अधिक नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने उपलब्धता बढ़ाने, बाजार की कीमतों में वृद्धि को कम करने तथा खाद्य महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए ओएमएसएस (डी) के तहत निजी कंपनियों को गेहूं और चावल की पेशकश करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार 1 जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप एनएफएसए लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार निःशुल्क खाद्यान्न भी उपलब्ध करा रही है।
ओएमएसएस (डी) के तहत स्टॉक को समय-समय पर विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उपलब्ध कराया जाता है। इस उद्देश्यों में शामिल हैं – अतिरिक्त स्टॉक का निपटान, खाद्यान्न की ढुलाई लागत को कम करना, गैर-मौसम की अवधि में और आपूर्ति की कमी वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाना और बाजार की कीमतों में कमी लाना शामिल है। कैलेंडर वर्ष 2023 में एफसीआई के माध्यम से भारत सरकार निर्धारित आरक्षित कीमतों पर चरणबद्ध तरीके से गेहूं और चावल उपलब्ध करा रही है।