प्रधानमंत्री मोदी ने आज अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में 36वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ की घोषणा की। आयोजन के दौरान, प्रधानमंत्री ने देसर में विश्वस्तरीय “स्वर्णिम गुजरात खेल विश्वविद्यालय” का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल में भाग लेने वाले देश भर के एथलीटों को भी संबोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेल के उद्घाटन पर उत्साहजनक माहौल शब्दों से परे है। उन्होंने कहा कि जब आयोजन इतना अद्भुत और अद्वितीय हो, तो उसकी ऊर्जा ऐसी ही असाधारण होगी। उन्होंने कहा कि 7000 से अधिक एथलीट, 15000 से अधिक प्रतिभागी, 35000 से अधिक कॉलेज, विश्वविद्यालय और स्कूल और 50 लाख से अधिक छात्रों का राष्ट्रीय खेल से सीधा जुड़ाव अद्भुत और अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम, विश्व का इतना युवा देश, और देश का सबसे बड़ा खेल उत्सव! जब आयोजन इतना अद्भुत और अद्वितीय हो, तो उसकी ऊर्जा ऐसी ही असाधारण होगी।” उन्होंने स्टेडियम में मौजूद सभी लोगों के साथ राष्ट्रीय खेल गान ‘जुडेगा इंडिया – जीतेगा इंडिया’ के प्रमुख शब्दों का उच्चारण किया। उन्होंने कहा कि एथलीटों के चेहरे पर चमक रहा आत्मविश्वास भारतीय खेल के आने वाले स्वर्ण युग का अग्रदूत है। उन्होंने इतने कम समय में इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए गुजरात के लोगों की क्षमता की भी सराहना की।
कल अहमदाबाद में हुए भव्य ड्रोन शो को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे शानदार भव्य ड्रोन शो को देखकर तो हर कोई अचंभित है, गर्व से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, “टेक्नोलॉजी का ऐसा सधा हुआ इस्तेमाल, ड्रोन की तरह ही गुजरात को, भारत को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।” राष्ट्रीय खेल 2022 के लिए आधिकारिक शुभंकर – सावज, एशियाई शेर के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शुभंकर भारत के युवाओं के बीच निर्भीक भागीदारी के मूड को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक परिदृश्य में बढ़ते भारत का भी प्रतीक है।
स्टेडियम की विशिष्टता के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां अन्य परिसर केवल कुछ खेल सुविधाओं तक सीमित हैं, सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फुटबाल, हॉकी, बास्केटबॉल, कबड्डी, बॉक्सिंग और लॉन टेनिस जैसे अनेकों खेलों की सुविधा एक साथ उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘ये एक तरह से पूरे देश के लिए एक मॉडल है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर का स्तर अच्छा होता है, तो एथलीटों का मनोबल भी ऊंचा होता है।” राष्ट्रीय खेल में भाग लेने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले खिलाड़ियों से राज्य में नवरात्रि के आयोजन का आनंद लेने का आग्रह करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय नवरात्रि का पावन अवसर भी चल रहा है। श्री मोदी ने कहा, “गुजरात में मां दुर्गा की उपासना से लेकर गरबा तक, यहां की अपनी अलग ही पहचान है।”
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जीवन में खेल के महत्व को दोहराया। उन्होंने कहा, “खेल के मैदान में खिलाड़ियों की जीत, उनका दमदार प्रदर्शन, अन्य क्षेत्रों में देश की जीत का भी रास्ता बनाता है। स्पोर्ट्स की सॉफ्ट पावर, देश की पहचान को, देश की छवि को कई गुना ज्यादा बेहतर बना देती है।” उन्होंने कहा “मैं स्पोर्ट्स के साथियों को अक्सर कहता हूं – सक्सेस स्टार्टस विद एक्शन! यानी, आपने जिस क्षण शुरुआत कर दी, उसी क्षण सफलता की शुरुआत भी हो गई। अगर आपने आगे बढ़ने के उत्साह का त्याग नहीं किया है, तो जीत आपका पीछा करती रहती है।”
खेल के क्षेत्र में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 साल पहले तक भारत के खिलाड़ी, सौ से भी कम इंटरनेशनल इवेंट्स में हिस्सा लेते थे। इसके विपरीत, अब भारत के खिलाड़ी 300 से भी ज्यादा इंटरनेशनल इवेंट्स में शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “8 साल पहले भारत के खिलाड़ी 20-25 खेलों को खेलने ही जाते थे। अब भारत के खिलाड़ी करीब 40 अलग-अलग खेलों में हिस्सा लेने जाते हैं। पदकों की संख्या के साथ-साथ भारत की आभा आज बढ़ रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के कठिन दौर में भी खिलाड़ियों का मनोबल नहीं गिरने दिया गया. “हमने स्पोर्ट्स स्पिरिट के साथ स्पोर्ट्स के लिए काम किया। टॉप्स जैसी योजनाओं के जरिए वर्षों तक मिशन मोड में तैयारी की। आज बड़े-बड़े खिलाड़ियों की सफलता से लेकर नए खिलाड़ियों के भविष्य निर्माण तक, टॉप्स एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।” उन्होंने याद किया कि भारत ने इस साल टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक प्रदर्शन दिया। इसी तरह, बैडमिंटन टीम द्वारा थॉमस कप की जीत से नई खुशियां मिलीं। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पैरा-एथलीटों की उपलब्धि की भी प्रशंसा की। उन्होंने इस पुनरुत्थान में महिला एथलीटों की समान और मजबूत भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सफलता इससे पहले भी संभव थी, लेकिन भारत में खेल आवश्यक व्यावसायिकता के बजाय भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से प्रभावित थे। उन्होंने कहा, “हमने इसे साफ किया और युवाओं में उनके सपनों को पूरा करने के लिए विश्वास जगाया।” न्यू इंडिया के बारे में उन्होंने कहा कि एक ऐसा भारत, जो न केवल नीति-निर्माण में विश्वास करता है, बल्कि राष्ट्र के युवाओं के साथ मिलकर आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे प्रयासों की ओर इशारा किया, जो आज एक जन-आंदोलन बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में देश का खेल बजट करीब 70 प्रतिशत बढ़ा है। इसीलिए, आज खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा संसाधन भी दिए जा रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा अवसर भी मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में खेल विश्वविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, और देश के कोने-कोने में उन्नत स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि सेवानिवृत्त खिलाड़ियों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में भी काम किया जा रहा है ताकि नई पीढ़ी को संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों के अनुभवों का लाभ मिल सके।
भारत की सभ्यता और संस्कृति के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल हजारों वर्षों से भारत की विरासत और विकास यात्रा का हिस्सा रहा है। “आजादी के अमृत काल में, देश इस परंपरा को अपनी विरासत में गर्व के साथ पुनर्जीवित कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश के प्रयास और उत्साह केवल एक खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘कलारीपयट्टू’ और योगासन जैसे भारतीय खेलों को भी महत्व मिल रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि इन खेलों को नेशनल गेम्स जैसे बड़े आयोजनों में शामिल किया गया है।” प्रधानमंत्री ने यहां इन खेलों का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों से कहा, “मैं एक बात विशेष रूप से कहना चाहता हूं। आप एक तरफ हजारों साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, साथ ही साथ खेल जगत के भविष्य को नेतृत्व दे रहे हैं। आने वाले समय में जब इन खेलों को वैश्विक पहचान मिलेगी तो आपका नाम इन क्षेत्रों में लीजेंड के तौर पर लिया जाएगा।”
संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सीधे बात की और उनके साथ एक मंत्र साझा किया। उन्होंने कहा, “सभी खिलाड़ियों को मैं एक मंत्र और देना चाहता हूं। अगर आपको कंपटीशन जीतना है, तो आपको कमिटमेंट और कंटिन्यूटी को जीना सीखना होगा।” स्पोर्ट्स स्पिरिट की बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में हार-जीत को कभी भी हमें आखिरी नहीं मानना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि भारत जैसे युवा देश के सपनों को साकार किया जा सकता है यदि स्पोर्ट्स स्पिरिट आपके जीवन का हिस्सा बन जाए। श्री मोदी ने कहा, “आपको याद रखना होगा, जहां आंदोलन है, वहां प्रगति है।” श्री मोदी ने कहा “आपको इस गति को मैदान के बाहर भी बनाए रखना होगा। यह गति आपके जीवन का मिशन होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय खेल में आपकी जीत से देश को जश्न मनाने का मौका मिलेगा और भविष्य में नया आत्मविश्वास भी पैदा होगा।”
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, संसद सदस्य, श्री सी. आर. पाटिल, गुजरात के गृह मंत्री श्री हर्ष संघवी और अहमदाबाद के मेयर श्री किरीट परमार इस अवसर पर उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
गुजरात राज्य में पहली बार राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जा रहा है। यह 29 सितंबर से 12 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। देश भर के लगभग 15,000 खिलाड़ी, कोच और अधिकारी 36 प्रकार के खेलों में हिस्सा लेंगे, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रीय खेल बन जाएगा। खेल आयोजन छह शहरों – अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर में संपन्न किए जाएंगे। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, गुजरात ने अंतरराष्ट्रीय मानकों का एक मजबूत स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की यात्रा शुरू की, जिससे राज्य को बहुत कम समय में विभिन्न खेलों की तैयारी करने में मदद मिली।
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