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डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने नए कैबिनेट सचिव का पदभार संभाला

डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने आज राजीव गौबा की सेवानिवृत्ति के बाद भारत सरकार में नए कैबिनेट सचिव के रूप में पदभार संभाला। डॉ. सोमनाथन तमिलनाडु कैडर (1987 बैच) के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया है, और वे एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट और कंपनी सचिव हैं।

डॉ. सोमनाथन ने इससे पहले केंद्र में प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया। साथ ही उन्हें वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया। कैबिनेट सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले, वे वित्त सचिव और व्यय विभाग के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे।

तमिलनाडु राज्य सरकार में, डॉ. सोमनाथन ने चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, मुख्यमंत्री के सचिव और जीएसटी के क्रियान्वयन के महत्वपूर्ण चरण के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव और वाणिज्यिक कर आयुक्त जैसे कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। उन्होंने आयुक्त, अनुशासनात्मक कार्यवाही के रूप में भी कार्य किया। चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संस्थापक प्रबंध निदेशक के रूप में, वह फाइनेंशियल क्लोजर प्राप्त करने और चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना को लागू करने के लिए प्रारंभिक निविदाएं प्रदान करने के लिए उत्तरदायी थे। 

डॉ. सोमनाथन 1996 में वाशिंगटन में यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम के माध्यम से पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के रूप में वित्तीय अर्थशास्त्री के रूप में विश्व बैंक में शामिल हुए थे। जब ​​उन्हें बजट नीति समूह का प्रबंधक नियुक्त किया गया था, तब वह बैंक के सबसे कम उम्र के सेक्टर प्रबंधकों में से एक बन गए। उन्होंने 2011 से 2015 तक विश्व बैंक में निदेशक के रूप में कार्य किया।

डॉ. सोमनाथन के अर्थशास्त्र, वित्त एवं सार्वजनिक नीति पर पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में 80 से अधिक शोधपत्र और लेख प्रकाशित हुए हैं, तथा मैकग्रॉ हिल, कैम्ब्रिज/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों के लेखक हैं।

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जुलाई 2024 तक भारत सरकार के खातों की मासिक समीक्षा

जुलाई 2024 तक भारत सरकार के मासिक खातों को समेकित करके रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इसके मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

भारत सरकार को जुलाई, 2024 तक 10,23,406 करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों के संगत बजट अनुमान 2024-25 का 31.9 प्रतिशत) प्राप्त हुए हैं। इसमें से 7,15,224 करोड़ रुपये कर राजस्व (केंद्र को निवल राजस्व), 3,01,796 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 6,386 करोड़ गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों के रूप में हासिल हुए हैं। इस अवधि तक करों के हिस्से के हस्तांतरण के रूप में भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों को 3,66,630 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 57,109 करोड़ रुपये अधिक हैं।

भारत सरकार द्वारा कुल 13,00,351 करोड़ रुपये (संबंधित बजट अनुमान 2024-25 का 27.0 प्रतिशत) का व्यय किया गया है, जिसमें से 10,39,091 करोड़ रुपये राजस्व खाते और 2,61,260 करोड़ रुपये पूंजी खाते में खर्च हुए। कुल राजस्व व्यय में से 3,27,887 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए और 1,25,639 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडियों के लिए खर्च किए गए।

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9 फॉर्मों को मिलाकर एकल फॉर्म बनाया गया: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए नया एकल एकीकृत पेंशन फॉर्म जारी किया”

पूरे देश में वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नौ अलग-अलग प्रपत्रों (फॉर्म) को मिलाकर एक एकीकृत फॉर्म शुरू करने की घोषणा की। यह पहल वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को दिखाती है, जिससे वे अपने बहुमूल्य समय की बचत करते हुए अपनी ऊर्जा और विशेषज्ञता को संरक्षित करके “विकसित भारत” की सोच में प्रभावी रूप से अपना योगदान करने में सक्षम हो सकेंगे।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00208E8.jpg
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग व अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस सुधार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एकल सरलीकृत पेंशन आवेदन फॉर्म और ई-एचआरएमएस के साथ भविष्य का डिजिटल एकीकरण‘ की शुरुआत पेंशन विभाग की एक और उपलब्धि है, जिसने हमारे वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार सुधार प्रस्तुत किए हैं। यह कदम केवल सुविधा के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमारे बुजुर्गों के समय व अनुभव का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने के संबंध में है कि वे सम्मानजनक, कठिनाई मुक्त जीवन जी सकें।”

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्राथमिकता को साकार करने और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को लेकर दोनों विभागों को इन संयुक्त प्रयासों के लिए बधाई दी। पेंशन विभाग पिछले कुछ वर्षों में कई ऐतिहासिक सुधार लागू करने में अग्रणी रहा है। इनमें डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन अदालतें, अनुभव पुरस्कार और सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशालाएं शामिल हैं। ये पहल पूरे देश में पेंशनभोगियों के लिए पारदर्शिता, दक्षता और सुगम अनुभव सुनिश्चित करने में सहायक रही हैं। मंत्री ने पारिवारिक पेंशन शिकायतों के लिए विशेष अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने आगे बताया कि इसने 96 प्रतिशत निवारण दर का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसमें आश्रित नाबालिग बच्चों, दिव्यांग बेटियों, विधवा/तलाकशुदा बेटियों, आश्रित माताओं और योद्धाओं की विधवाओं के लंबे समय से लंबित कई मामलों का समाधान शामिल है।

मंत्री ने विवरणों की व्याख्या की। उन्होंने कहा, “सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर हैं, वे ई-एचआरएमएस के माध्यम से प्रपत्र 6-ए भरेंगे (केवल पेंशन मामले) और सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर नहीं हैं, वे भविष्य पर प्रपत्र 6-ए भरेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि पेंशनभोगी की ओर से एकल ई-साइन (आधार आधारित ओटीपी) के साथ प्रपत्र जमा करना पर्याप्त होगा।

डॉ. सिंह के अनुसार इस नए एकीकृत फॉर्म को पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिससे विभिन्न फॉर्मों को संभालने की जटिलता कम होगी और जरूरी समय और प्रयास में भी काफी कमी आएगी। इस उपयोगकर्ता-अनुकूल दृष्टिकोण से लाखों वरिष्ठ नागरिकों को लाभ प्राप्त होने की आशा है, जिससे वे अपने पेंशन संबंधी मामलों को अधिक आसानी और सुविधा के साथ प्रबंधित कर सकेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “सरकार वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने और राष्ट्र के विकास के लिए उनके ज्ञान व अनुभव का उपयोग करने के अपने दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध है। यह नई पहल हमारी बुजुर्ग आबादी के जीवन को सीधे प्रभावित करने वाली प्रणालियों को सुगम और बेहतर बनाने के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।” चूंकि, सरकार इस तरह के सुधारों को निरंतर लागू कर रही है, डॉ. सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि बुजुर्ग लोग सम्मान व मानसिक शांति के साथ अपने स्वर्णिम वर्षों का आनंद ले सकें और “विकसित भारत” के विकास में भी अपना योगदान कर सकें।

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प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस पैरालिंपिक में आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर अवनि लेखरा को बधाई दी

प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अवनि लेखरा ने भी इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह तीन पैरालिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

“भारत ने #पैरालिंपिक 2024 में अपना पदक खाता खोला!

आर2 महिला 10एम एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में प्रतिष्ठित स्वर्ण जीतने के लिए @अवनीलेखरा को बधाई। उन्होंने इतिहास भी रचा है क्योंकि वह 3 पैरालिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं! उनका समर्पण भारत को गौरवान्वित करता है

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प्रधानमंत्री तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त, 2024 को दोपहर साढ़े 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करते हुए, अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस तीन मार्गों: मेरठ-लखनऊ; मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल पर कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।

ये वंदे भारत रेलगाड़ियां वर्तमान में तीव्र गति से चल रही गाड़ियों की तुलना में यात्रा समय को कम करेंगी। मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत से लगभग 1 घंटा, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत से 2 घंटे और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत से यात्रा समय में डेढ़ घंटे की बचत होगी।

ये नई वंदे भारत रेलगाड़ियां क्षेत्र के लोगों को तीव्रगति और सुविधा के साथ यात्रा करने के लिए विश्व स्तरीय सेवा प्रदान करेंगी और तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के लोगों की लंबी समय से चल रही मांग को पूरा करेंगी। इन वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत नियमित यात्रियों, पेशेवरों, व्यापारियों और छात्र समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेल सेवा के एक नए मानक का शुभारंभ करेगी।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  नई दिल्ली के भारत मंडपम में जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में पांच कार्य सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जिला न्यायपालिका से संबंधित विषयों जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन, सभी के लिए समावेशी न्यायालय, न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक कल्याण, मामला प्रबंधन और न्यायिक प्रशिक्षण पर विचार-विमर्श और चर्चा की जाएगी।

इस उद्घाटन कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भारत के अटॉर्नी जनरल, सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और भारतीय बार काउंसिल के अध्यक्ष भी भाग लेंगे।

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पहला दो दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन 4 सितंबर से लखनऊ में शुरू होगा

पहला दो दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन (जेसीसी) 04-05 सितंबर, 2024 को लखनऊ के मध्य कमान मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ‘सशक्त एवं सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का रूपांतरण’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में भाग लेंगे और यह सम्मेलन सशस्त्र बलों के भीतर आंतरिक ‘प्रक्रिया सुधार’ करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान 4 सितंबर को इस समारोह का उद्घाटन करेंगे, जिसमें रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के शीर्ष स्तरीय अधिकारी एक साथ उपस्थित होंगे।

इस दो दिवसीय विचार-विमर्श सम्मेलन में क्षेत्रीय एवं वैश्विक भू-राजनीतिक व्यवधानों के प्रभाव का विश्लेषण करने तथा सशस्त्र बलों द्वारा किए जा रहे विभिन्न सुधारों हेतु संभावित मांगों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भविष्य के संघर्षों के लिए तैयारी, सैन्य सेवाओं के बीच संयुक्तता और एकीकरण तथा प्रौद्योगिकी उपयोग, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सरकार की ‘आत्मनिर्भरता’ पहल पर आधारित कुछ ऐसे क्षेत्र होंगे, जिन पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा।

संयुक्त कमांडर सम्मेलन को भारत के शीर्ष सैन्य नेतृत्व के बीच विचारों, रणनीतियों तथा सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के आदान-प्रदान के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में विकसित करने की योजना है, जिससे एक सशक्त व सुरक्षित भविष्य के लिए देश की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा और रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक स्वायत्तता हासिल होगी।

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आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा

आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा

आठ प्रमुख उद्योगों (आईसीआई) का संयुक्त सूचकांक जुलाई, 2023 के सूचकांक की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा। जुलाई 2024 में इस्पात, बिजली, कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट और उर्वरकों के उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। वार्षिक सूचकांकों, मासिक सूचकांकों और विकास दरों का विवरण अनुलग्नक I और अनुलग्नक II में दिया गया है।

आईसीआई आठ प्रमुख उद्योगों जैसे सीमेंट, कोयला, कच्चा तेल, बिजली, उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद एवं इस्पात के उत्पादन के संयुक्त और विशिष्ट निष्पादन को मापता है। आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं का 40.27 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।

अप्रैल 2024 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत है। अप्रैल से जुलाई, 2024-25 के दौरान आईसीआई की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) रही।

आठ कोर उद्योगों के सूचकांक का सारांश नीचे दिया गया है:

सीमेंट– सीमेंट उत्पादन (भारांक: 5.37 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

कोयला– कोयला उत्पादन (भारांक: 10.33 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

कच्चा तेल – कच्चे तेल के उत्पादन (भार: 8.98 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 2.9 प्रतिशत कम रहा। इसका संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इभी अवधि की तुलना में 1.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।।

बिजली– बिजली उत्पादन (भारांक: 19.85 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 7.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

उर्वरक– उर्वरक उत्पादन (भारांक: 2.63 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

प्राकृतिक गैस– प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक: 6.88 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 1.3 प्रतिशत कम रहा। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद– पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (भारांक: 28.04 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

इस्पात– इस्पात उत्पादन (भार: 17.92 प्रतिशत) जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

नोट 1: मई, 2024, जून, 2024 और जुलाई, 2024 के आंकड़े अनंतिम हैं। प्रमुख उद्योगों के सूचकांक को स्रोत एजेंसियों से प्राप्त अद्यतन डेटा के अनुसार संशोधित/अंतिम रूप दिया जाता है।

नोट 2: अप्रैल 2014 से, नवीकरणीय स्रोतों से विद्युत उत्पादन के डेटा को भी शामिल किया गया है।

नोट 3: ऊपर दर्शाए गए उद्योग-वार भारांक आईआईपी से प्राप्त व्यक्तिगत उद्योग भारांक हैं और आईसीआई के संयुक्त भार के बराबर 100 के अनुपात में बढ़ाए गए हैं।

नोट 4: मार्च 2019 से, फिनिश्ड स्टील के उत्पादन में ‘कोल्ड रोल्ड (सीआर) कॉइल्स’ आइटम के तहत हॉट रोल्ड पिकल्ड एंड ऑयल्ड (एचआरपीओ) नामक एक नया स्टील उत्पाद भी शामिल किया गया है।

नोट 5: अगस्त, 2024 का सूचकांक सोमवार 30 सितंबर, 2024 को जारी किया जाएगा।

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वीजा ने भारत के तेजी से बढ़ते पर्यटन उद्योग के लिए 20,000 युवाओं को कुशल बनाने हेतु स्किल इंडिया के साथ साझेदारी की

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में पर्यटन एवं आतिथ्य कौशल परिषद (टीएचएससी) ने डिजिटल भुगतान में वैश्विक अग्रणी वीज़ा (एनवाईएसई: वी) के साथ तीन साल की साझेदारी के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका मूल्य 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक है। पर्यटन से संबंधित कौशल में कम से कम 20,000 भारतीय युवाओं को कुशल बनाने के लिए डिज़ाइन की गई इस पहल को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयंत चौधरी की उपस्थिति में औपचारिक रूप दिया गया।

पर्यटन मंत्रालय के साथ वीज़ा के चल रहे सहयोग पर आधारित इस साझेदारी का उद्देश्य असम, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित 10 राज्यों में युवाओं को प्रशिक्षित करना है ताकि पर्यटकों के लिए पर्यटन सेवा अनुभव को बेहतर बनाया जा सके। यह कार्यक्रम घरेलू पर्यटन उद्योग में आवश्यक भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा, जैसे टूर गाइड, ग्राहक सेवा अधिकारी, प्रकृतिवादी और पैराग्लाइडिंग टेंडम पायलट।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए, जयंत चौधरी ने कहा, “भारत के पर्यटन उद्योग में आर्थिक विकास को गति देने और देश भर में लाखों नौकरियां पैदा करने की अपार क्षमता है। वीज़ा के साथ यह साझेदारी उस क्षमता को साकार करने और उसे अनलॉक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में सफल होने और भारत को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करती है। यह समन्वय युवा भारतीयों को उनके भविष्य को आकार देने और देश की विकास की कहानी में योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल और अवसरों से सशक्त बनाने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

वीज़ा के उपाध्यक्ष, चीफ़  और कॉर्पोरेट मामले अधिकारी केली महोन टुलियर ने कहा, “पर्यटन उद्योग में सफल होने के लिए देश के युवाओं को कौशल प्रदान करके, हमारा उद्देश्य न केवल उनके रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाना है, बल्कि भारत आने वाले पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना भी है। पर्यटन और आतिथ्य कौशल परिषद (टीएचएससी) के साथ साझेदारी और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का समर्थन प्रतिभाओं को पोषित करके और भारत को वैश्विक पर्यटकों के लिए एक शीर्ष गंतव्य बनाने के सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करके भारत के प्रति वीज़ा की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।”

देश में अग्रणी भुगतान नेटवर्क के रूप में, वीज़ा ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के पर्यटन परिदृश्य को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं। वीज़ा ने अपने गहन डेटा और एनालिटिक्स विशेषज्ञता के माध्यम से पर्यटन मंत्रालय को मूल्यवान डेटा और अंतर्दृष्टि प्रदान करके इनबाउंड पर्यटन को बढ़ाने में सक्रिय रूप से योगदान दिया है, जिससे वैश्विक मंच पर भारत के विविध स्थलों को बढ़ावा देने में मदद मिली है।

पर्यटन क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है, जो सकल घरेलू उत्पाद में 231 बिलियन डॉलर [1] से अधिक का योगदान देता है और 2023 में 42 मिलियन[2] से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया है। चूंकि महामारी के बाद यात्रा परिदृश्य बढ़ता जा रहा है, इसलिए एनएसडीसी-वीज़ा पहल वैश्विक पर्यटन केंद्र बनने की भारत की महत्वाकांक्षा का समर्थन करने के लिए एक कुशल कार्यबल सुनिश्चित करेगी।

वीज़ा के बारे में

वीज़ा (एनवाईएसई: वी) डिजिटल भुगतान में दुनिया भर में अग्रणी है, जो 200 से ज़्यादा देशों और क्षेत्रों में उपभोक्ताओं, व्यापारियों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी संस्थाओं के बीच लेन-देन को सुविधाजनक बनाता है। हमारा मिशन दुनिया को सबसे नवोन्मेषी, सुविधाजनक, विश्वसनीय और सुरक्षित भुगतान नेटवर्क के ज़रिए जोड़ना है, जिससे व्यक्तियों, व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं को फलने-फूलने में मदद मिले। हमारा मानना ​​है कि सभी को शामिल करने वाली अर्थव्यवस्थाएँ हर जगह सभी का उत्थान करती हैं और पहुँच को पैसे के आवागमन के भविष्य के लिए आधारभूत मानती हैं। Visa.com पर ज़्यादा जानकारी लें।

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विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री की मौजूदगी में भारतीय नौसेना में दूसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिघात’ शामिल की गई

दसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिघात’ को 29 अगस्त, 2024 को विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘अरिघात’ भूमि, जल और वायु प्‍लेटफॉर्मों पर परमाणु हथियारों की भारत की सैनिक रणनीति (न्‍यूक्‍लीयर ट्रायड) को और मजबूत करेगा, परमाणु निवारण बढ़ाएगा, क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद करेगा तथा देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए एक उपलब्धि और प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया। राजनाथ सिंह ने इस क्षमता को हासिल करने में भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और उद्योग जगत की कड़ी मेहनत और तालमेल की सराहना की। उन्होंने इस आत्मनिर्भरता को आत्मशक्ति की नींव बताया। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि देश के औद्योगिक क्षेत्र, विशेषकर एमएसएमई को इस परियोजना के माध्यम से भारी बढ़ावा मिला है और अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक इच्छाशक्ति को याद करते हुए, जिसने भारत को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के समकक्ष खड़ा कर दिया, रक्षा मंत्री ने कहा, “आज भारत विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है। हमारे लिए रक्षा सहित हर क्षेत्र में तेजी से विकास करना जरूरी है, खासकर आज के भू-राजनीतिक परिदृश्य में। आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ हमें एक मजबूत सेना की जरूरत है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है कि हमारे सैनिकों के पास भारत की धरती पर बने उच्च गुणवत्ता वाले हथियार और प्लेटफॉर्म हों।” आईएनएस अरिघात के निर्माण में उन्नत डिजाइन और विनिर्माण प्रौद्योगिकी, विस्तृत अनुसंधान एवं विकास, विशेष सामग्रियों का उपयोग, जटिल इंजीनियरिंग और अत्यधिक कुशल कारीगरी का इस्तेमाल शामिल था। इसे स्वदेशी प्रणालियों और उपकरणों से युक्त होने का गौरव प्राप्त है, जिनकी अवधारणा, डिजाइन, निर्माण और एकीकरण भारतीय वैज्ञानिकों, उद्योग और नौसेना कर्मियों द्वारा किया गया था। इस पनडुब्बी पर स्वदेशी रूप से की गई तकनीकी प्रगति इसे इसके पूर्ववर्ती अरिहंत की तुलना में काफी उन्नत बनाती है। आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघात दोनों की मौजूदगी संभावित शत्रुओं को रोकने और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की भारत की क्षमता बढ़ाएगी।

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