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भारत के उत्तरी पश्चिमी घाट में डिक्लिप्टेरा की एक नई अग्निरोधी, दोहरे खिलने वाली प्रजाति की वैज्ञानिकों ने खोज की

A close-up of a plantDescription automatically generatedचित्र 1: डिक्लिपटेरा पॉलीमोर्फा 
भारत के पश्चिमी घाट में एक नई अग्निरोधी दोहरे खिलने वाली प्रजाति की खोज की गई है। यह एक ऐसी पुष्प संरचना है जो भारतीय प्रजातियों में दुर्लभ है। यह प्रजाति पश्चिमी घाट में पाई जाती है, जहां कई ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जिनकी खोज अभी तक नहीं की गई है।

भारत के चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक पश्चिमी घाट, लंबे समय से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत एक स्वायत्त संस्थान, पुणे के अघारकर अनुसंधान संस्थान (एआरआई) द्वारा अन्वेषण का केंद्र रहा है। पिछले कुछ दशकों से, एआरआई के वैज्ञानिक इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता का गहन अध्ययन कर रहे हैं।

डॉ. मंदार दातार के नेतृत्व में एक टीम द्वारा हाल ही में की गई खोज, जिसमें तलेगांव-दभाड़े के वनस्पतिशास्त्री आदित्य धरप और पीएचडी छात्र भूषण शिगवान शामिल हैं, ने डिक्लिप्टेरा जीनस में एक नई प्रजाति को जोड़ा है, जिसका नाम उन्होंने डिक्लिप्टेरा पॉलीमोर्फा रखा है। यह प्रजाति तलेगांव-दभाड़े से एकत्र की गई थी, जो अपने घास के मैदानों और चारा बाजारों के लिए जाना जाता है।

डिक्लिप्टेरा पॉलीमोर्फा एक विशिष्ट प्रजाति है, जो अपनी अग्निरोधी, पायरोफाइटिक प्रकृति और अपने असामान्य दोहरे खिलने के लिए उल्लेखनीय है। यह प्रजाति वर्गीकरण की दृष्टि से अद्वितीय है, जिसमें पुष्पक्रम इकाइयां (सिम्यूल्स) होती हैं जो स्पाइकेट पुष्पक्रम में विकसित होती हैं। यह स्पाइकेट पुष्पक्रम संरचना वाली एकमात्र ज्ञात भारतीय प्रजाति है, जिसका सबसे करीबी सहयोगी अफ्रीका में पाया जाता है।

इस प्रजाति का नाम इसके विविध रूपात्मक लक्षणों को दर्शाने के लिए डिक्लिप्टेरा पॉलीमोर्फा रखा गया था। पहले नमूने 2020 के मानसून के दौरान एकत्र किए गए थे। इसकी विशेषताओं की स्थिरता की पुष्टि करने के लिए अगले कुछ वर्षों तक आदित्य धरप द्वारा निगरानी की गई थी। लंदन के केव बोटेनिक गार्डन के अग्रणी वैश्विक विशेषज्ञ डॉ. आई. डार्बीशायर ने इस प्रजाति की नवीनता की पुष्टि की। इस प्रजाति के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाला एक शोध पत्र हाल ही में प्रतिष्ठित पत्रिका केव बुलेटिन में प्रकाशित हुआ था।

डिक्लिपटेरा पॉलीमोर्फा उत्तरी पश्चिमी घाट के खुले घास के मैदानों में ढलानों पर पनपता है, यह क्षेत्र गर्मियों में सूखे और अक्सर मानव-प्रेरित आग जैसी चरम जलवायु स्थितियों के संपर्क में आता है। इन कठोर परिस्थितियों के बावजूद यह प्रजाति अस्तित्व में रहने और साल में दो बार खिलने के लिए खुद को अनुकूलित किया है। पहला पुष्प चरण मानसून के बाद (नवंबर की शुरुआत) से मार्च या अप्रैल तक होता है, जबकि मई और जून में दूसरा पुष्प चरण आग से शुरू होता है। इस दूसरे चरण के दौरान, वुडी रूटस्टॉक्स छोटे पुष्पों की टहनियां पैदा करते हैं, जो अधिक प्रचुर मात्रा में लेकिन कम अवधि की होती है।

डिक्लिपटेरा पॉलीमोर्फा की खोज संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। आग के प्रति इस प्रजाति का अनूठा अनुकूलन और पश्चिमी घाट में इसके सीमित उत्पत्ति स्थान घास के मैदानों के पारिस्थितिकी तंत्र के सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता को उजागर करते हैं। बार-बार होने वाली मानव-प्रेरित आग, जो इस प्रजाति के जीवन चक्र का हिस्सा है, आवास क्षरण को रोकने के लिए संतुलित किया जाना चाहिए। घास के मैदानों को अत्यधिक उपयोग से बचाना और यह सुनिश्चित करना कि आग प्रबंधन प्रथाएं जैव विविधता का समर्थन करती हैं, इस नई खोजी गई प्रजाति के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम है।

यह खोज पश्चिमी घाटों के संकटपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्रों को संरक्षित करने के महत्व को प्रदर्शित करती है। इसमें अद्वितीय अनुकूलन वाली अभी कई और प्रजातियां खोजी जानी है

 

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आईआईटी रोपड़ ने घुटना रीहबिलटैशन के लिए किफायती और ऑफ-ग्रिड समाधान के साथ शल्य चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला पेटेंटेड मैकेनिकल उपकरण विकसित किया

सर्जरी के बाद घुटने के रीहबिलटैशन के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में, आईआईटी रोपड़ के शोधकर्ताओं ने निरंतर निष्क्रिय गति (सीपीएम) थेरेपी को और अधिक सुलभ और किफायती बनाने के लिए एक अभिनव समाधान ढूंढ लिया है। आईआईटी रोपड़ की टीम ने घुटने के रीहबिलटैशन के लिए एक पूरी तरह से मैकेनिकल पैसिव मोशन मशीन विकसित की है और इसका पेटेंट कराया गया है, पेटेंट नम्बर 553407 है।

महंगी और बिजली से चलने वाली पारंपरिक मोटर चालित सीपीएम मशीनों से अलग, नव विकसित उपकरण पूरी तरह से यांत्रिक है। यह एक पिस्टन और पुली सिस्टम का उपयोग करता है, जो उपयोगकर्ता द्वारा हैंडल खींचने पर हवा को संग्रहीत करता है, जिससे घुटने के रीहबिलटैशन में सहायता के लिए सुचारू और नियंत्रित गति संभव होती है। यह सरल उपकरण हल्का और पोर्टेबल दोनों है और डिज़ाइन प्रभावी होने के कारण इसे बिजली, बैटरी या मोटर की कोई आवश्यकता नहीं है।

मैकेनिकल सीपीएम मशीन, कई रोगियों की पहुंच से बाहर महंगी इलेक्ट्रिक मशीनों के आशाजनक विकल्प प्रदान करती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली की आपूर्ति निरंतर नहीं रहती। बिजली पर निर्भरता को कम करके, यह ऑफ-ग्रिड स्थानों में भी सहज रूप से अनिवारक गति चिकित्सा को संभव बनाती है।

इसके अतिरिक्त, इसकी पोर्टेबिलिटी के कारण मरीज इसे घर में आराम से उपयोग कर सकते हैं, जिससे उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक रहने और रीहबिलटैशन के लिए जाने की आवश्यकता कम हो जाती है।

घुटने की सर्जरी से ठीक होने वाले रोगियों के लिए निरंतर अनिवारक गति एक महत्वपूर्ण चिकित्सा है, जो जोड़ों की गतिशीलता में सुधार, कठोरता को कम करने और रिकवरी में तेजी लाने में मदद करती है। इस यांत्रिक मशीन की शुरूआत एक लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, जो घुटने के रीहबिलटैशन में किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलती है।

इस अभिनव उपकरण का विकसित किया जाना सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ संसाधन सीमित हैं। टीम की उपलब्धि से भारत के साथ ही और वैश्विक स्तर पर भी घुटने के रीहबिलटैशन के मामलों में स्थायी प्रभाव देखने को मिलेगा।

श्री सूरज भान मुंडोतिया और डॉ. समीर सी. रॉय की टीम के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अभिषेक तिवारी ने कहा, “ये उपकरण भारत में घुटने के रीहबिलटैशन में क्रांति लाने की क्षमता वाला है, अभी इस क्षेत्र में उन्नत चिकित्सा तकनीक तक हमारी पहुँच सीमित है।” उन्होंने कहा, “इसे कम लागत वाला, टिकाऊ बनाया गया है जो न केवल रिकवरी में सहायता करता है बल्कि मोटर चालित उपकरणों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है।”

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज ने निकाली सड़क सुरक्षा जागरूकता रैली 

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर अक्टूबर से चल रहे सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों के अंतर्गत एस एन सेन बीवीपीजी कॉलेज ने समान जनमानस में सड़क सुरक्षा संबंधी स्लोगन के साथ रैली निकाली। इस रैली में छात्राओं ने महाविद्यालय प्रांगण से लेकर नरोना चौराहा फूलबाग, गणेश पार्क , पनचक्की चौराहे से होते हुए महाविद्यालय प्रांगण में आकर समापन किया महाविद्यालय की प्राचार्य ने सभी छात्राओं की प्रशंसा की और रैली को हरी झंडी दिखाकर प्रस्थान के लिए अपनी सहमति दी रैली में रेंजर प्रभारी श्रीमती रिचा एवं रोड सेफ्टी क्लब की विद्यार्थी एवं रोड सेफ्टी क्लब की इंचार्ज प्रोफेसर डॉ प्रीति पांडे ने पूरे कार्यक्रम को रुकता प्रदान करते हुए संचालित किया प्रोफेसर पांडे ने प्रेस और मीडिया को इस रैली से जनमानस में सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं नियमों का पालन करने की अनिवार्यता के लिए छात्रों को प्रेरित किया ताकि वह समझ में प्रत्येक व्यक्ति को इसके प्रति जागृत कर पाऐ।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में राइट साइड स्टोरी LLP एवं पीएनजी कम्पनी द्वारा वर्कशॉप आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में राइट साइड स्टोरी LLP एवं पीएनजी कम्पनी द्वारा वर्कशॉप का का आयोजन किया गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देशन में कार्यक्रम का संचालन कैरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका डॉ मीतकमल द्वारा किया। इस कार्यक्रम में छात्राओं को सेनेटरी नैपकिंस आदि का और छात्रों को जिलेट गार्ड सेविंग किट का वितरण किया गया। दीपाक्षी शेरावत द्वारा छात्रों को बताया कि be your own boss और छात्र छात्राओ को साक्षात्कार टिप्स और यह भी बताया कि हमें अपना श्रेष्ठ देना चाहिए और हमें हेल्पफु कम्युनिकेशन की टिप्स भी दी इस अवसर पर कॉलेज के डॉ अर्चना, डॉ हिमांशु दीक्षित, डॉ प्रेरणा, डॉ मीत कमल, डॉ मनीष कपूर,डॉ आशीष उपस्थित रहे।

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सकारात्मक मनोविज्ञान के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन” विषय पर अतिथि व्याख्यान तथा भाषण प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग द्वारा एक अतिथि व्याख्यान तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय *”सकारात्मक मनोविज्ञान के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन”* था। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन से किया गया। इसके बाद अतिथि वक्ता डॉ आभा सक्सेना, कॉलेज की प्राचार्या व निर्णायक मंडल की सदस्य शिक्षिकाओं का स्वागत व सम्मान किया गया। स्वागत प्रक्रिया के बाद कॉलेज की प्राचार्य प्रो०डॉ सुमन ने अपने आशीर्वचनों से कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय के तनावपूर्ण प्रभाव को देखते हुए मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए प्रयास किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके बाद मनोविज्ञान विभागाध्यक्षा डॉ मोनिका सहाय ने कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सकारात्मक मनोविज्ञान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य में किस प्रकार वृद्धि की जा सकती है और व्यक्ति अपना जीवन और अधिक बेहतर व सकारात्मक बना सकते हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए आमंत्रित मुख्य वक्ता ने सकारात्मक मनोविज्ञान तथा मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को स्पष्ट किया तथा दोनों के संबंध पर प्रकाश डाला। इसके बाद प्रतियोगिता प्रारंभ की गई जिसमें प्रतिभागी छात्राओं ने अपने भाषण प्रस्तुत किये। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डाॅ पूजा गुप्ता तथा डॉ अनामिका राजपूत सम्मिलित रहे। प्रतियोगिता के निर्णय इस प्रकार रहे –
प्रथम पुरस्कार – महिमा यादव
द्वितीय पुरस्कार – अंजलि
तृतीय पुरस्कार – स्नेहा सिंह
सांत्वना पुरस्कार – सुनीता शर्मा
प्रतियोगियों को पुरस्कार वितरण के बाद कार्यक्रम समापन प्रक्रिया व धन्यवाद ज्ञापन विभाग की प्रवक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर सुश्री प्रीति यादव ने किया। कार्यक्रम संचालन में विभागीय प्रवक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर सुश्री मयूरिका गुप्ता ने योगदान दिया। कार्यक्रम में कॉलेज की अन्य शिक्षिकाएं व छात्राएं उपस्थित रही जिससे कार्यक्रम गरिमामय तरीके से संपूर्ण हो सका।

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डाबर रेड पेस्ट, इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) से प्रतिष्ठित सील ऑफ एक्सेप्टेन्स हासिल करने वाला भारत का पहला स्वदेशी आयुर्वेदिक ब्राण्ड बना

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर : एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए डाबर रेड पेस्ट इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) से प्रतिष्ठित सील ऑफ एक्सेप्टेन्स हासिल करने वाला भारत का पहला स्वदेशी आयुर्वेदिक ब्राण्ड बन गया है। वर्ल्ड डेंटल शो के दौरान आईडीए और डाबर रैड पेस्ट के बीच इस साझेदारी की घोषणा की गई। शो में देश भर से 500 से अधिक डेंटिस्ट (दंत चिकित्सक) और डेंटिस्ट्री (दंत चिकित्सा) पढ़ने वाले छात्र शामिल हुए थे। डेंटिस्ट इस घोषणा का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि वे अब आयुर्वेद के प्रमाणित फॉर्मूले को अब अपनी ओरल केयर प्रेक्टिस में शामिल कर सकते हैं। पिछले 5000 सालों से आयुर्वेदिक चिकित्सा को भरोसेमंद माना जाता रहा है। वैज्ञानिक जांच के आधार पर डाबर रेड पेस्ट को इंडियन डेंटल एसोसिएशन से यह एक्सेप्टेन्स मिली है जो इस बात को तय करती है कि प्रोडक्ट सुरक्षा और प्रभाविता के मानकों पर खरा उतरता है। जांच के परिणामों में साफ हो गया है कि यह प्रोडक्ट दांतों की समस्याओं को कम करने और ओरल हेल्थ को बनाए रखने में कारगर है, अगर इसे निर्देशानुसार इस्तेमाल किया जाए। ऐसे में यह सील ऑफ एक्सेप्टेन्स, विज्ञान और आयुर्वेद के रिश्ते को नया आयाम देगी। इसके अलावा यह डाबर के लिए बेहद गर्व की बात है जो इस बैज को हासिल करने वाला पहला स्वदेशी ब्राण्ड बन गया है।’ डॉ अशोक ढोबले, मानद महासचिव, आईडीए ने कहा। यह प्रमाणित हो चुका है कि भारत का नंबर 1 आयुर्वेदिक पेस्ट- डाबर रेड पेस्ट दांतों की 7 समस्याओं से निपटने में कारगर है जैसे दांत में दर्द, मसूड़ों से खून आना, सांस में बदबू, कैविटी, दांतों का पीलापन, जर्म्स और प्लॉक जमना। 13 शक्तिशाली आयुर्वेदिक अवयवों से बना यह अनूठा फॉर्मूला मुँह की सम्पूर्ण देखभाल करता है वर्ल्ड डेंटल शो के दौरान दंत चिकित्सकों ने डाबर रेड पेस्ट के पीछे मौजूद विज्ञान का समझने में उत्सुकता जताई। इस अवसर पर प्रोडक्ट के इन्ग्रीडिएन्ट्स, उनक वैज्ञानिक नामों और फायदों को डिस्प्ले किया गया, ताकि चिकित्सक इनके फायदों के बारे में जान सकें। अभिषेक जुगरान, ईवीपी मार्केटिंग, डाबर इंडिया लिमिटेड ने इस अवसर पर खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, ‘‘आईडीए की सील डाबर रेड पेस्ट के पेटेंटेड फॉर्मूले की दक्षता और सुरक्षा का प्रमाण है। डाबर रेड पेस्ट इस सील को हासिल करने वाला भारत का पहला स्वदेशी ब्राण्ड बन गया है। इस अवसर पर हम आईडीए की सराहना करना चाहेंगे, जो आम लोगों के मुख के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है और ऐसे टूथपेस्ट को स्वीकार्यता प्रदान दे रहा है, जो ओरल हेल्थ को सुनिश्चित करता है। उपभोक्ता पूरे भरोसे के साथ विज्ञान और आयुर्वेद के इस संयोजन डाबर रेड पेस्ट को चुन सकते हैं और किसी भी तरह की दांतों की समस्याओं से सुरक्षित रह सकते हैं।’ वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो चुका है कि डाबर रेड पेस्ट दांतों की 7 समस्याओं से सुरक्षा प्रदान कर बेहतर ओरल हेल्थ को सुनिश्चित करता है

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सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस . एन. सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने मां सरस्वती पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया ।विजय छात्राओं को पुरस्कृत किया गया ।प्राचार्य प्रो. सुमन ने छात्राओं को शासन द्वारा चलाए गए इस प्रकार के कार्यक्रमों की उपयोगिता एवं सड़क पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए संदर्भ में सभी को जागरूक किया, कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. निशि प्रकाश एवं कैप्टन ममता अग्रवाल कुलानुशास्तिका ने मंच साझा करते हुए छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार पाने वाली छात्रों के नाम निम्नवत है भाषाण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रेरणा शर्मा , द्वितीय स्थान शताक्षी द्विवेदी ,तृतीय स्थान दीप्ति पांडे एवं सांत्वना पुरस्कार प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मुस्कान राठौर द्वितीय स्थान प्रगति तृतीय स्थान मुस्कान को प्राप्त हुआ पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा मनुष्य का सिंह द्वितीय स्थान कामाक्षी पंडित तृतीय स्थान शुभेच्छा वर्मा रहीम पुरस्कार वैष्णवी गुप्ता एवं अफरोज बानो को प्राप्त हुआ। प कार्यक्रम की संयोजक एवं सड़क सुरक्षा अभियान की प्रभारी प्रोफेसर प्रीति पांडे ने पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया एवं सभी भी सभी उपस्थित महाविद्यालय की प्रवक्ताओं एवं छात्रों का धन्यवाद क्या कर कार्यक्रम को सड़क सुरक्षा शपथ लेते हुए समाप्त किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर रेखा प्रोफेसर मीनाक्षी प्रोफेसर किरण डॉक्टर कमल डॉ रचना निगम डॉ रश्मि उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में अल्टुडो कंपनी द्वारा प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में अल्टुडो कंपनी द्वारा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देशन में कार्यक्रम का संचालन कैरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका डॉ मीतकमल द्वारा किया गया, अल्टुडो प्लेसमेंट ड्राइव में सीनियर एजेंसी निदेशक विशाल गौर ने और ब्रांच सदस्य सुष्मिता पात्ररा ने 50 से ज्यादा छात्र-छात्राओं का सेल्स मैनेजर के पद के लिए इंटरव्यू लिया और 20 छात्रों को उन्होंने द्वितीय राउन्ड के लिए चयनित किया और बताया कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है हार्डवर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क करना चाहिए। उन्होंने साथ ही साथ पर्सनल इंटरव्यू लिया और ग्रुप डिस्कशन के द्वारा उनकी प्रतिभा का आंकलन किया। उन्होंने कहा कि भारत में नौकरियों की कमी नहीं है, छात्रों को सिर्फ सही अवसर की तलाश करनी चाहिए और कौशल का विकास करना चाहिए। इस अवसर पर कॉलेज के डॉ अर्चना, डॉ अंकिता, आदि उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “भारतीय संविधान के 75 वर्षों की यात्रा” विषय पर व्याख्यान और पोस्टर प्रदर्शनी आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता भारत 26 नवंबर 2024 को भारतीय संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है। इस अवसर पर क्राइस्ट चर्च कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग ने “भारतीय संविधान के 75 वर्षों की यात्रा” विषय पर एक व्याख्यान और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल और सचिव प्रोफेसर जोसेफ डैनियल; मुख्य वक्ता श्री प्रकल्प शर्मा, कानूनी विशेषज्ञ और डिप्टी रजिस्ट्रार आईआईटी कानपुर; और राजनीति विज्ञान विभाग पूर्व प्रमुख प्रो. आशुतोष सक्सेना ने अध्यक्षता की.कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के आह्वान के साथ हुई। संयोजिका प्रो. विभा दीक्षित ने विशिष्ट अतिथियों, सहकर्मियों और छात्रों का स्वागत किया और कार्यक्रम की विषयवस्तु से परिचय कराया। उन्होंने संविधान में निहित सिद्धांतों की रक्षा और प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता और संवैधानिक कानून विशेषज्ञ, श्री प्रकल्प शर्मा ने संवैधानिक साक्षरता के महत्व पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि कैसे प्रत्येक नागरिक की अपने अधिकारों के बारे में चैतन्यता लोकतंत्र की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। “संविधान हमारे अतीत का एक दस्तावेज मात्र नहीं है; यह हमारे भविष्य का मार्ग दर्शक है।” उनके व्याख्यान में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे भारतीय संविधान ने विभिन्न चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया है और समावेशी और जीवंत लोकतंत्र को बढ़ावा देते हुए शासन में संवैधानिक मूल्यों, आदर्शों और दृष्टिकोण को अक्षुण्ण रखा है।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने छात्रों को भारतीय संविधान में निहित आदर्शों और उद्देश्यों का पालन करते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सत्र के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष सक्सेना ने पैनलिस्टों के दृष्टिकोण में निहित सार को बताते हुए विषय पर अपनी मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की. उन्होंने संवैधानिक व्याख्या, कानूनी मिसालों के महत्व और युवा नागरिक जीवन में संविधान का महत्व पर प्रकाश डाला। सभी पैनलिस्टों ने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सक्रिय, ज्ञानपूर्ण नागरिक भागीदारी आवश्यक है। इसके उपरान्त इंटरैक्टिव सत्र में छात्रों एवं शिक्षकों ने संविधान में डिजिटल गोपनीयता, सामाजिक न्याय और पर्यावरण नीति पर सवाल किये. सभी पनेलिस्ट ने छात्रों और शिक्षकों को समान रूप से संवैधानिक मूल्यों के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिकाओं के बारे में गंभीरता से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया।
राजनीति विज्ञान के बी. ए. प्रथम सेमेस्टर के छात्रों ने इस विषय पर एक “पोस्टर प्रदर्शनी” लगाई और सभी उपस्थित लोगों से इस प्रयास की सराहना की। सर्वश्रेष्ठ पोस्टरों को पुरस्कार के लिए चुना गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. अर्चना पांडे द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। डॉ. अर्चना वर्मा और उनकी आयोजन टीम, जिसमें परमा मिश्रा, पूजा कमल और छात्र शामिल थे, के प्रभावी समन्वय के कारण यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही जिनमे डॉ. जुनेजा, डॉ. अनिंदिता, डॉ. नवीन अम्बष्ट, डॉ. सत्यप्रकाश डॉ. हिमांशु आदि मौजूद थे.

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दयानंद गर्ल्स कॉलेज में हुआ माई भारत आउटरीच प्रोग्राम

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर राष्ट्रीय सेवा योजना, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में 9 नवंबर 2024 को कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एक दिवसीय “माई भारत आउटरीच प्रोग्राम” वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय की नॉलेज इंस्टीट्यूशन प्रभारी डॉ ज्योत्सना पांडे ने सभी छात्राओं को माय भारत पोर्टल के महत्व एवं उस पर रजिस्ट्रेशन करने के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी। महाविद्यालय की माई भारत कैंपस एंबेसडर श्रद्धा त्रिवेदी ने एनएसएस की छात्राओं के साथ-साथ महाविद्यालय की अन्य छात्राओं को भी माई भारत पोर्टल पर रजिस्टर करवाया। साथ में वॉलिंटियर सिमरन वर्मा व आदिती का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम में 75 छात्राएं उपस्थित रही

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