भारतीय स्वरूप संवाददाता स्वच्छता पखवाड़ा 2024 “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता” के अंतर्गत दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविकाओं ने कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के नेतृत्व में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया तथा आनंदेश्वर मंदिर स्थित सीढियों पर सफाई करने के उपरांत फूलदार पौधे गमले में लगाकर वहां पर सौंदर्यकरण किया गया। छात्राओं ने वहां मौजूद लोगों को प्लास्टिक का प्रयोग न करने, मंदिर परिसर को साफ स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने तथा कचरा गंगा जी में ना फेंकने की अपील भी की। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त एनएसएस वॉलिंटियर्स ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
Read More »क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय में “एड ऑन थियेटर इन एक्टिंग स्किल,थियेटर,ओरिनेंटेशन, डिक्शन” कोर्स की शुरुवात
भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय कानपुर के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में 6 दिनो तक चलने वाले थियेटर प्रोग्राम कोर्स जिसका विषय “एड ऑन थियेटर इन एक्टिंग स्किल,थियेटर,ओरिनेंटेशन, डिक्शन ” की शुरुवात हुई जिसका संचालन मुख्य अतिथि प्रो. विभांशु वैभव जी के मार्गदर्शन से होना है कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया साथ ही महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका “क्राइस्ट चर्चियन “२०२२ -२४ का अनावरण मुख्य अतिथि प्रो. विभांशु वैभव, प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल, उप -प्राचार्य प्रो. श्वेता चंद्रा, पत्रिका की मुख्य संपादक एवम हिंदी विभाग की आचार्या प्रो. सुजाता चतुर्वेदी ,एवम को-कैरिकुलर कमेटी की कोऑर्डिनेटर एवम कार्यक्रम को-ऑर्डिनेटर प्रो. मीत कमल द्वारा किया गया।प्रो. विभांशु वैभव जी ने कहा “नाट्य कला और रंगमंचन हमारे पुराणों वेदों में है जो हमे अपने जीवन में आत्मशात करना सिखाता है,साथ उन्होंने रंगमंच की सारी पीढ़ियों तथा उस समय के विकास को भी बताया ,
कार्यक्रम संचालक प्रो. मीत कमल जी ने कहा ” कॉन्फिडेंस, इंटरेक्शन और डिसिप्लिन नाट्य कला एवम रंगमंच का आधार है” कार्यक्रम सभी के लिए परस्पर संवादात्मक रहा ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि , महाविद्यालय के प्राचार्य, उप प्राचार्या, कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर प्रो. मीत कमल, को-कोऑर्डिनेटर डॉ प्रेरणा दीक्षित, डॉ अर्चना वर्मा तथा प्रो.सुजाता चतुर्वेदी,प्रो. आर के जुनेजा ,प्रो. आर पी मिश्रा प्रो. आशीष तोमर, प्रो. अरुणेश शुक्ला, कोर्स में प्रतिभागी छात्र छात्रा स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर कांची त्रिपाठी, सुंदरम मिश्रा, आर्यन जयसवाल एवम महाविद्यालय के छात्र छात्रा मौजूद रहे।
एस .एन. सेन बालिका महाविद्यालय में 155वाँ गांधी जयंती समारोह संपन्न
भारतीय स्वरूप संवाददाता एस .एन. सेन बालिका महाविद्यालय में शासन द्वारा आदेशित 02 अक्टूबर 2024 को 155वाँ गांधी जयंती समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.सुमन ने दीप प्रज्ज्वलन के द्वारा किया ।
इसके पश्चात शिक्षिकाओं, लिपिकगण एवं कर्मचारियों द्वारा महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि समर्पित की गई।
इसके पश्चात संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा गांधी जी के भजनों द्वारा सामूहिक गान के माध्यम से श्रद्धांजलि समर्पित की गई।महिमा ,संजोली, भूमि गुप्ता,रिया वर्मा आदि छात्राओं ने अपने वक्तव्य द्वारा गांधी जी एवं शास्त्री जी के जीवन परिचय एवं उनके विचारों को सबसे साझा किया। छात्राओं दिव्यांशी, अदिति, प्रियंका, रिया एवं श्रद्धा आदि ने रानी लक्ष्मीबाई, सरदार भगत सिंह, सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी, सरोजिनी नायडू तथा कल्पना दत्त आदि स्वतंत्रता सेनानियों का वेशभूषा प्रस्तुतिकरण किया गया।
साथ ही सड़क सुरक्षा पखवाड़े का उद्घाटन एवं शपथ ग्रहण कराया गया।
दो दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिवस 01अक्टूबर 2024 को छात्राओं द्वारा महाविद्यालय में सफाई अभियान तथा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ विषय पर एक लघु नाटिका का मंचन किया गया।इस अवसर पर गांधी जी के जीवन मूल्यों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई। समारोह में सभी शिक्षिकाएं, लिपिकगण तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं व्यवस्था राष्ट्रीय पर्व समिति द्वारा किया गया
एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज दीन दयाल उपाध्याय जयंती पर भाषण आयोजित
भारतीय स्वरूप संवाददाता एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज कानपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आज दिनाँक 28-09-2024 को दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती पर एक विभागीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य कुलानुशासिका कैप्टन ममता अग्रवाल, विभागाध्यक्ष प्रो. चित्रा सिंह तोमर, डाॅ. संगीता सिंह तथा एन.सी.सी. प्रभारी सुश्री प्रीति यादव ने सरस्वती प्रतिमा एवं दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा माल्यार्पण के साथ किया। भाषण प्रतियोगिता में शिक्षा शास्त्र विभाग की लगभग 20 छात्राओं ने सहभागिता की| कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं ने दीन दयाल उपाध्याय जी के जीवन से संबंधित उनके शैक्षिक अनुभव पर अपने विचार साझा किए। प्रतियोगिता का निर्णय कैप्टन ममता अग्रवाल तथा सुश्री प्रीति यादव ने किय। मुस्कान द्विवेदी ने प्रथम स्थान, अंजलि चौरसिया ने द्वितीय, स्नेहा ने तृतीय, तथा दीक्षा सिंह ने सान्त्वना पुरुस्कार प्राप्त किया।
प्रो. चित्रा ने अंत्योदय की उपादेयता स्पष्ट करते हुए छात्राओं के प्रयास की सराहना की। कैप्टन ममता अग्रवाल ने छात्राओं को शुभकामनाएं प्रेषित की तथा उनका मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में डाॅ. संगीता सिंह, डाॅ. अनामिका, प्रीति यादव, डाॅ. रेनु शुक्ला ने अपनी उपस्थिति से छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
Read More »दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज द्वारा स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों एवं फूड प्लाजा पर की गई सफाई
भारतीय स्वरूप संवाददाता स्वच्छता पखवाड़ा 2024 “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता” के अंतर्गत दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविकाओं ने स्वच्छता रैली निकालकर जनजागरूकता अभियान चलाया तथा सार्वजनिक स्थानो- फूड प्लाजा आदि पर गंदगी, प्लास्टिक कप, पाउच, प्लास्टिक बोतल व पॉलिथीन आदि की सफाई करने के उपरांत डस्टबिन में डाला। छात्राओं ने वहां मौजूद लोगों को प्लास्टिक का प्रयोग न करने की अपील भी की । तथा रीयूज, रिड्यूस, रिसाइकल के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी। सेपलिंग प्लांटेशन कर स्वच्छता के साथ-साथ प्रकृति संरक्षण का संदेश भी दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त एनएसएस वॉलिंटियर्स ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
Read More »एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में मनाये जा रहे “स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत “आत्मनिर्भर भारत” थीम पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित
भारतीय स्वरूप संवाददाता एस एन सेन बालिका महाविद्यालय कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, राष्ट्रीय कैडेट कोर तथा अर्थशास्त्र विभाग द्वारा दिनाँक 17/09/2024 से 02/10/2024 तक मनाये जा रहे “स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम 2024” के अंतर्गत “आत्मनिर्भर भारत” थीम पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या डॉ सुमन ने आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए किया l उन्होनें देश को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही नीतियों पर प्रकाश डालाl अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्षा डॉ निशा वर्मा ने स्वयंसेविकाओं को किसी भी तरह का एक कौशल सीखने के लिए प्रेरित किया ताकि उन्हें रोजगार के लिए दूसरों पर निर्भर न होना पड़े l मीडिया प्रसार प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया कार्यक्रम में 8 छात्राओं ने प्रतिभाग लिया जिनमें से भूमि गुप्ता प्रथम, रिया वर्मा द्वितीय , मौली दुबे तृतीय स्थान पर रहीं l कार्यक्रम में डॉ निशि प्रकाश, डॉ अल्का टण्डन, डॉ प्रीति यादव (NCC), डॉ श्वेता रानी (NSS) तथा कोमल दिवाकर, मुस्कान राठौर, साक्षी, छवी, श्रद्धा वर्मा, नंदिका श्रीवास्तव, रिया वर्मा , अंशिका सिंह सहित 50 स्वयंसेविकाएं उपस्थित रहीं।
Read More »प्रौद्योगिकी आधारित युद्धक्षेत्र में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए भविष्य के रणनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता: सीडीएस जनरल अनिल चौहान
गतिशील सुरक्षा परिवेश के साथ-साथ विशिष्ट प्रौद्योगिकियों का प्रसार, युद्ध का बदलता स्वरूप तथा हाल के तथा वर्तमान में जारी संघर्षों से मिली सीखों के कारण भविष्य के ऐसे नेताओं को तैयार करना आवश्यक हो गया है, जो आधुनिक युद्ध की बारीकियों को समझने में सक्षम हों। इस क्रम में, पाठ्यक्रम में भविष्य के युद्ध; भविष्य के रुझान, वायु और अंतरिक्ष युद्ध, गैर-गतिज (काइनेटिक) युद्ध, समुद्री संचालन और बहु-डोमेन संचालन से संबंधित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके प्रमुख परिणामों में एकीकृत परिचालन अवधारणाएं, बढ़ी हुई संयुक्त सैन्य क्षमताएं, भविष्य के युद्धक्षेत्रों के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियां और तीन सेनाओं के मजबूत सहयोग शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को युद्ध के भविष्य का नेतृत्व करने और उसे आकार देने में सक्षम बनाएगा, जिससे उभरती चुनौतियों के लिए एकीकृत और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को सप्ताह भर चलने वाले इस कोर्स के परिणामों के बारे में जानकारी दी गई और बाद के कोर्स की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत रूप से संचालित होने के अलावा, इस कोर्स में रैंक की परवाह नहीं की गई, जिसमें प्रतिभागियों की सेवा अवधि 13 से 30 वर्ष तक थी। फ्यूचर वारफेयर कोर्स का उद्देश्य आधुनिक युद्धक्षेत्र की जटिलताओं से निपटने में सक्षम तकनीक रूप से कुशल सैन्य कमांडरों का एक कैडर तैयार करना है।
एक पेड़ माँ के नाम: 80 करोड़ पौधे रोपे गए
80 करोड़ पौधा रोपण
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सितंबर 2024 तक ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत 80 करोड़ पौधे लगाने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह लक्ष्य तय समय सीमा से 5 दिन पहले यानी 25 सितंबर 2024 को ही हासिल कर लिया गया। मंत्रालय की यह उपलब्धि सरकारी एजेंसियों, स्थानीय समुदायों और विभिन्न हितधारकों के सहयोग और प्रयासों का परिणाम है।
5 लाख से ज़्यादा पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड
- 22 सितंबर 2024 को, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत प्रादेशिक सेना की 128 इन्फैंट्री बटालियन और पारिस्थितिकी कार्य बल इकाई ने सिर्फ़ एक घंटे में 5 लाख से ज़्यादा पौधे लगाकर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। जैसलमेर में “विशेष पौधारोपण अभियान” के अंतर्गत यह शानदार उपलब्धि, प्रधानमंत्री के “एक पेड़ माँ के नाम” और प्रादेशिक सेना की पहल, “भागीदारी और ज़िम्मेदारी” का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकी को यथास्थिति में बनाए रखना और स्थानीय समुदायों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। प्रादेशिक सेना की इकाई के इन प्रयासों को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा निम्नलिखित विश्व रिकॉर्ड के साथ मान्यता दी गई :
- एक घंटे में एक टीम द्वारा लगाए गए सबसे ज़्यादा पौधे।
- एक घंटे में महिलाओं की एक टीम द्वारा लगाए गए सबसे ज़्यादा पौधे।
- एक ही स्थान पर एक साथ सबसे अधिक संख्या में लोगों द्वारा पौधारोपण।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने यह सुनिश्चित किया कि वृक्षारोपण को सावधानीपूर्वक सत्यापित और प्रमाणित किया गया था और इस उपलब्धि के लिए पारिस्थितिकी कार्य बल को पुरस्कार भी दिया गया। यह वृक्षारोपण अभियान, “जो लोग पेड़ों की रक्षा करते हैं, वे संरक्षित हैं,” आदर्श वाक्य का सर्वोत्तम उदाहरण है और जो भविष्य की पीढ़ियों की भलाई के लिए पर्यावरण संरक्षण के महत्व की पुष्टि भी करता है।
मंत्रालयों के सामूहिक प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के अनुरूप, विभिन्न मंत्रालयों ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रत्येक मंत्रालय और विभाग का इस पहल में पर्याप्त योगदान सततता, हरित आवरण वृद्धि और सार्वजनिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
रक्षा मंत्रालय ने इस अभियान के तहत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 लाख पौधे लगाने की राष्ट्रव्यापी पहल की घोषणा की। इस प्रयास में भारतीय सशस्त्र बलों, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और अन्य संबद्ध निकायों ने एक हरित और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
कोयला मंत्रालय में सचिव श्री वी.एल. कांथा राव ने मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरणीय स्थिरता प्रयासों के हिस्से के रूप में मिलेनियम पार्क में एक पौधा रोपण अभियान का आयोजन किया। पिछले कुछ वर्षों में कोयला और लिग्नाइट क्षेत्र में सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा लगाए गए पौधे खनन क्षेत्रों में कार्बन के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से चलाए गए पौधा रोपण अभियान के अंतर्गत देश भर में शहरी और ग्रामीण स्थानों पर लगभग 7,000 पौधे लगाए गए हैं। अगस्त के मध्य में चलाए गए इस अभियान का उद्देश्य 17 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2024 तक चलने वाले ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के दौरान पौधा रोपण के प्रयासों में तेज़ी लाना है।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने अपनी मां की याद में आंवले का पौधा लगाकर इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अभियान के महत्व का उल्लेख करते हुए श्री प्रतापराव ने कहा कि यह पहल अपनी मां और धरती माता दोनों के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने का एक अनोखा ढंग है।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने हैदराबाद के राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान में आयोजित किए गए एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में भाग लिया। इसके अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने अपने विभिन्न कार्यालयों और अधीनस्थ निकायों को पौधा रोपण के इस व्यापक अभियान में शामिल किया।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ और स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान के तहत नई दिल्ली के कोटा हाउस में पौधा रोपण अभियान में भाग लिया। मंत्रालय के अधिकारियों ने सरकार के पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप बड़े पैमाने पर सफाई अभियान भी चलाया।
इस अभियान से प्रेरित होकर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने श्री जयंत चौधरी के नेतृत्व में अपने संस्थानों में व्यापक पौधा रोपण गतिविधियों का आयोजन किया। प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों (पीएमकेके), राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसदीयूडी), औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) में 11,778 से अधिक पौधे लगाए गए। मंत्रालय के प्रयासों का उद्देश्य कौशल विकास के साथ पर्यावरण चेतना को एकीकृत करना, छात्रों, प्रशिक्षकों और स्थानीय आबादी के बीच समुदाय और स्थिरता की भावना को बढ़ावा देना था। पेयजल और स्वच्छता विभाग तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के नेतृत्व में स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान ने सफाई और हरित आवरण वृद्धि पर जोर दिया। इस राष्ट्रव्यापी अभियान के हिस्से के रूप में पौधा रोपण से एक स्वच्छ और हरित भारत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला है। भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल, गैर-सरकारी संगठन संकलपतरु और स्थानीय समुदायों आदि सभी एजेंसियों की भागीदारी ने इस अभियान की पहुंच और प्रभाव को बढ़ावा दिया।
तकनीकी प्रोत्साहन: ‘एक पेड़ माँ के नाम’ ऐप
इस पहल को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ ऐप की शुरुआत की। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को अपनी माताओं के सम्मान में एक पेड़ लगाने और समर्पित करने संबंधी फोटो अपलोड करने, स्थान टैगिंग और कार्बन क्रेडिट ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है। इस ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी मां के लिए लगाए पेड़ को बढ़ता हुआ देखने के साथ पर्यावरण संरक्षण से जुड़े रह सकते हैं।
ऐप का उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने में सक्षम है। इस ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता पेड़ लगाकर, उसकी फोटो सोशल मीडिया पर साझा करके अन्य लोगों को भी इस सार्थक प्रयास से जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
हरित भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान भारत की स्थायी और पर्यावरण के प्रति जागरूक भविष्य के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पर्यावरण संरक्षण के आह्वान और माताओं के प्रति सम्मान की भावना के साथ यह पहल नागरिकों को एक हरित ग्रह बनाने में अपना योगदान देने का अवसर प्रदान करती है।
इस अभियान की सफलता पूरे देश में लोगों को अपनी माताओं के सम्मान में एक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने की भावना में निहित है। यह अभियान न सिर्फ प्रकृति और मातृत्व की पोषण शक्ति के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और टिकाऊ विश्व का आश्वासन भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया
इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 850 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। यह परियोजना विशेष रूप से चरम घटनाओं के लिए अधिक विश्वसनीय और सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान के लिए भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग है। यह दो प्रमुख स्थलों पर स्थित है – पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ)।
आईआईटीएम सिस्टम 11.77 पेटा फ्लॉप्स और 33 पेटाबाइट स्टोरेज की प्रभावशाली क्षमता से लैस है, जबकि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ सुविधा में 8.24 पेटा फ्लॉप्स और 24 पेटाबाइट स्टोरेज की सुविधा है। इसके अतिरिक्त, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों के लिए 1.9 पेटा फ्लॉप्स की क्षमता वाला एक समर्पित स्टैंडअलोन सिस्टम है।
इसके साथ, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की कुल कंप्यूटिंग शक्ति 22 पेटा फ्लॉप्स तक बढ़ जाएगी, जो 6.8 पेटा फ्लॉप्स की पिछली क्षमता से पर्याप्त वृद्धि है।
परंपरा के अनुसार, इन अत्याधुनिक प्रणालियों का नाम सूर्य से जुड़ी खगोलीय इकाइयों के नाम पर रखा गया है। पिछली प्रणालियों का नाम आदित्य, भास्कर, प्रत्युष और मिहिर रखा गया था। नई एचपीसी प्रणालियों को ‘अर्क’ और ‘अरुणिका’ नाम दिया गया है, जो सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है – सूर्य, पृथ्वी के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत है।
उन्नत कम्प्यूटेशनल ढांचा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाते हुए परिष्कृत मॉडलों के विकास को सक्षम करेगा, जिससे विभिन्न हितधारकों को प्रदान की जाने वाली अंतिम-मील सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।
एचपीसी सिस्टम द्वारा प्रदान की गई उन्नत कम्प्यूटेशनल क्षमताएं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को मौजूदा डेटा समाकलन क्षमताओं को और बेहतर बनाने तथा उच्च क्षैतिज रिज़ॉल्यूशन पर अपने वैश्विक मौसम पूर्वानुमान मॉडल की भौतिकी और गतिशीलता को परिष्कृत करने में सक्षम बनाएंगी। इसके अलावा, क्षेत्रीय मॉडल चुनिंदा भारतीय डोमेन पर 1 किमी या उससे कम के बेहतर रिज़ॉल्यूशन प्राप्त करेंगे। ये उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, गरज, ओलावृष्टि, गर्मी की लहरों, सूखे और अन्य चरम मौसम की घटनाओं से संबंधित भविष्यवाणियों की सटीकता और लीड टाइम को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे।
इन उन्नत एचपीसी प्रणालियों का लाभ उठाते हुए, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का लक्ष्य मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता और विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार करना है, ताकि जलवायु परिवर्तनशीलता और चरम मौसम की घटनाओं से उत्पन्न चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारी और प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके।
विकसित भारत बनाने के लक्ष्य के साथ मोदी 3.0 सरकार के पहले 100 दिनों में 15,000 से अधिक युवाओं की नियुक्तियां
वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन कई प्रमुख पहलों और निर्णयों से चिह्नित हैं, जिन्होंने लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है और विकसित भारत @2047 के लिए एक मजबूत नींव रखी है। नागरिक-केंद्रित निर्णय गरीबों और मध्यम वर्ग, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं के जीवन को बेहतर बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित हैं।
100 दिनों में 15,000 से अधिक युवाओं को केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। विभिन्न रैंकों, पदों और समूहों के साथ नई नियुक्तियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
गृह मंत्रालय – दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, बढ़ई, स्टोर, ड्राइवर, कांस्टेबल (एग्जीक्यूटिव) आदि।
कोयला मंत्रालय – सर्वेक्षक (खनन), वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञ, कार्यकारी प्रशिक्षु, डम्पर ऑपरेटर आदि।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय – डॉक्टर, नर्सिंग अधिकारी, प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, चिकित्सा विशेषज्ञ, फार्मासिस्ट, एमटीएस, लोअर डिवीजन क्लर्क, रेडियोग्राफर और लाइब्रेरी क्लर्क, प्रयोगशाला परिचारक।
उच्च शिक्षा विभाग – सहायक प्रोफेसर, रजिस्ट्रार, मल्टी-टास्किंग स्टाफ, निजी सचिव, परीक्षा नियंत्रक, तकनीकी अधिकारी, खेल अधिकारी, कार्यकारी अभियंता, परामर्शदाता, विधि अधिकारी।
राजस्व विभाग – निरीक्षक, परीक्षक, प्रिवेंटिव ऑफिसर, कर सहायक, मल्टी-टास्किंग स्टाफ आदि।
विद्युत मंत्रालय – इंजीनियर (प्रशिक्षु), प्रबंधक, उप प्रबंधक आदि।
रक्षा मंत्रालय (सिविलियन) – वैज्ञानिक, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस), ट्रेड्समैन, सिविलियन मोटर ड्राइवर, क्लर्क आदि।
नव नियुक्त कर्मचारियों को आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर एक ई-लर्निंग मॉड्यूल ‘कर्मयोगी प्रारम्भ’ के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिलेगा, जहां सीखने के लिए “कहीं भी किसी भी डिवाइस पर” 1200 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं। नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सितंबर 2020 में लॉन्च किए गए पोर्टल मिशन कर्मयोगी पर अब तक 43 लाख से अधिक कर्मयोगी जुड़ चुके हैं।
नव नियुक्त विभिन्न भूमिकाओं में अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र की सेवा करने में सक्षम होंगे और वे भारत@2047 के साक्षी बनेंगे तथा उनसे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद की जाएगी। वे अन्य बातों के अलावा, देश के औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के कार्य में शामिल होंगे और इस तरह अपने नवीन विचारों, नवीन प्रौद्योगिकी और शासन में सार्वजनिक भागीदारी के साथ एक नए भारत का निर्माण करेंगे। परिवर्तन की गति वैश्विक स्तर पर देश के उत्थान को आकार दे रही है।