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लेख/विचार

कानपुर मण्डल के नवनिर्मित क्षेत्रीय कार्यालय भवन का लोकार्पण

कानपुर27 अक्टूबर (सू0वि0) उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम, कानपुर मण्डल के नवनिर्मित क्षेत्रीय कार्यालय भवन का लोकार्पण सहकारिता मंत्री/अध्यक्ष, उ0प्र0, राज्य भण्डारण निगम, श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने पनकी औद्योगिक क्षेत्र में किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सहकारिता मंत्री, श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर एवं फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने संबोधित करते हुये कहा कि उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम मे दो सहयोगी राज्य सरकार तथा सी.डब्लू.सी. कार्यकर रहे है, जिनका इसमें 50-50 प्रतिशत का अंश है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भ में दस-दस करोड रूपये दोनो सहयोगियों द्वारा दिया गया था तथा इसका 20 प्रतिशत की धनराशि हमको वापस दी जायेगी। उन्होंने बताया है कि साढे़ चार साल में इस भण्डारण निगम ने साढे़ सात करोड प्रदेश सरकार को व साढे़ सात करोड सी.डब्लू.सी. को वापस किया है तथा अब उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम कर्ज मुक्त हो गया है। इस निगम की पूंजी बढ रही है और यह निगम फायदे में चल रहा है। उन्होंने कहा कि उ.प्र. राज्य भण्डारण निगम की साढे़ चार साल में भण्डारण क्षमता को आठ गुना बढाया गया है तथा सुरक्षित गेहॅू व चावल के रखरखाब को और अधिक सुरक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को सुविधा व सहायता देने के लिये इस भण्डार निगम में अन्य भण्डार गृहों से 30 प्रतिशत कम भण्डारण का किराया लिया जाता है। इसके साथ ही निगम के समस्त स्वनिर्मित भण्डारगृहों को डब्ल्यू.डी.आर.ए. में पंजीकरण कराने की कार्यवाही प्रक्रिया शीघ्र की जायेगी, जिनमे से 32 भण्डारगृहों की पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त कृषकों का भण्डारण प्रारम्भ हो चुका है तथा उक्त भण्डारगृहों में किसानों को अपने उपज का भण्डारण कराने पर उन्हें निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद दी जायेगी, जिसे बंधक रखकर किसान किसी भी बैंक से 90 प्रतिशत तक का ऋण प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की निजी उद्यमियों के प्रदेश में निवेश हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के अंर्तगत उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम में पी.ई.जी. एवं साइलो गोदाम योजना के माध्यम से प्रदेश में करोडों के इन्फास्ट्रक्चर निर्मित किये जा रहे है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार व आय के साधनों में वृद्धि होगी। वर्तमान में पी.ई.जी. योजना 2008 के अंर्तगत 6.85 लाख मैप्टन के गोदाम निर्माण व साइलो निर्माण में 1.50 लाख मै0टन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के अधिकारियों के सहयोग से वर्ष 2020-21 विश्व आपदा कोविड-19 के चलते निगम के समस्त कर्मचारी द्वारा अपनी दृढ इच्छाशक्ति व मा०मुख्यमत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में एक रिकार्ड बनाते हुए, दिनांक 25 मार्च, 2020 से दिनांक 25 अक्टूबर, 2021 तक अपने गोदामों में 8968570 मै0टन गेहूँ व 5969974 मै0टन चावल कुल 14938544 मै0टन खाद्यान्न का भण्डारण किया गया तथा प्रधानमंत्री गरीब योजना के अर्न्तगत 8086063 मै.टन गेहूँ एवं 6641741 मै0टन चावल कुल 14727804 मै.टन खाद्यान्न की निकासी दी गयी। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा कोरोना काल में आक्सीजन प्लान्ट भी लगाया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को सुविधा देने के लिये निगम द्वारा किसी कर्मचारी के घर में पुत्री के जन्म लेने पर 5100 रुपये तथा पुत्री की शादी के लिये 21 हजार रुपये की सहायता भी दी जायेगी।

कार्यक्रम में सांसद श्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम प्रदेश का पहला निगम है जो फायदे में चल रहा है यदि अन्य निगम भी इसी तरह लाभ प्राप्त करे तो प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि आय को बढाने में भण्डारण निगम का महत्वपूर्ण योगदान है। केन्द्र व प्रदेश सरकार 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करना चाहते है। किसानों की आय को बढाने में सहकारिता विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे किसानों को लाभ होता है।
इस कार्यक्रम में मा0 विधायक गोविन्दनगर श्री सुरेन्द्र मैथानी, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक श्री एस0डी0 परिहार, विशेष सचिव सहकारिता श्रीमती बी. चन्द्रकला, प्रबन्ध निदेशक, उ०प्र०राज्य भण्डारण निगम, श्री श्रीकान्त गोस्वामी, प्रबन्ध निदेशक आर.एन.एस.एस. श्री धीरेन्द्र सिंह तथा श्री शिवपाल सिंह परिहार व अन्य निगम के अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी का राष्ट्रबोध विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा

संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी का राष्ट्रबोध विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रही है| यह संगोष्ठी दि मारल व भारतीय शिक्षण मंडल के सहयोग से ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन, जवाहर नगर, कानपुर में आज दिनाँक 26 अक्टूबर 2021 को पूर्वान्ह 11:00 बजे से होगी|

अतः आपसे निवेदन है कि उपरोक्त कार्यक्रम में अपने प्रतिनिधिगण को उक्त स्थान पर समय से भेजकर कवरेज कराने का कष्ट करें। इस अवसर पर आपकी भी अमूल्य व गरिमामयी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है

 

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स्वस्थ आहार से है स्वस्थ जीवन का आधार

कानपुर 23 अक्टूबर  क्राइस्ट चर्च कॉलेज के मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत कॉलेज के छात्रों द्वारा परमट घाट पर जरूरतमंदों को पोष्टिक आहार का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीत कमल द्वारा किया गया और साथ ही साथ उन्होंने पोष्टिक आहारो के सेवन करने पर सबको जागरूक किया । प्राप्त हुए आहार का सेवन कर सबके चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप में अंजली सचान ,जैनब अख्तर , स्नेहा यादव , वैष्णवी गौर आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया और छात्रों में समाज कल्याण करने लिए नई ऊर्जा का संचार हुआ । यह पूरा कार्यक्रम क्राइस्ट चर्च कॉलेज की उप प्रचार्या डॉ सबीना बोदरा के निर्देश नेतृत्व के अंतर्गत संपन्न हुआ।

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निःस्वार्थ प्यार के आधार पर किसी को भी वश मे किया जा सकता

मंत्र और तंत्र की शक्ति से बड़ी ताक़त, प्रेम भक्ति ,सहजता भोलापन और श्रद्धा है ..रब को भी वश मे करने के लिये इन्हीं भाव की ज़रूरत पड़ती है , श्रद्धा और प्रेम से उसका नाम पुकारना ही काफ़ी होता है ..जब भगवान निःस्वार्थ प्यार से भक्ति से किसी के वंश मे हो सकता है तो इन्सान क्यूं नही। किसी भी इन्सान को निःस्वार्थ प्यार के आधार पर अपने वश मे किया जा सकता है।बहुत दुख की बात है आज भी कुछ लोग दूसरो पर वशीकरण टूणा टोटका जैसी चीजे करते है।अगर किसी इन्सान का प्यार पाने के लिये आपको इस तरहा के टूणे टोटके करने पड़ते है तो समझ ले !आप ही के प्यार में खोट है जो आप किसी को अपने प्यार के ज़रिए नहीं बल्कि ग़लत तरीक़े से उसे अपना बनाना चाह रहे हैं यहाँ ये समझना बहुत ज़रूरी हो जाता है अगर आप को ऐसा करना पड़ रहा है तो यकीनन ही वह इन्सान आप को प्रेम नहीं करता आप ज़बरदस्ती उसे अपने वश में कर रहे हैं। प्रेम को हमेशा स्वतंत्र रहने दे।आप का होगा तो आप के पास ही आयेगा।ज़बरदस्ती से बांधने की कोशिश न करे।
दोस्तों !
मैं जिस परिवार से हूँ वहाँ कर्मकाण्ड में विश्वास नहीं किया जाता। किसी को वश में करना सिर्फ़ प्रेम से ही सिखाया गया है।अगर किसी को मंत्र तंत्र या कर्मकांड से अपने वश में करते है तो आप खुद को पहले ही कमजोर साबित कर देते है।इसीलिए आप खुद पर भरोसा न कर इन चीजो का सहारा लेते है वो चाहे किसी का प्रेम हो ,किसी का धन हो या व्यापार
हो।जो सहजता से मिले वही आपका है अन्यथा नहीं ।
दोस्तों
आजकल यू ट्यूब भरा हुआ है ऐसी बातों से .. कि कैसे किसी को वश में किया जा सकता है दुख होता है ऐसी सोच पर।कई बार सुनने मे आता कि किसी ने मुझ पर कुछ कर दिया है हमारे ऊपर जादू टूणा कर दिया है और लोग भागते है पंडितों के पास ,कितना पैसा ख़राब करते है ऐसी बातों पर ।
दोस्तों !
अगर कोई गेंद आप की तरफ़ ज़ोर से फेंके और आप उसे न पकड़े तो क्या होगा गेंद इधर उधर या नीचे ही गिरेगी ।जब हम कहने लगते है या हम ये मान लेते है कि किसी ने हम पर कुछ किया है तो ये वहम सच होने लगता है आप इस बात को मान कर इसे और शक्ति प्रदान कर देते है जबकि इसके विपरीत अगर आप कहे और मान ले ,दिल से और आत्मा से कि मुझ पर कोई कुछ नही कर सकता।मुझे कोई छू भी नही सकता और खुद पर विश्वास करे कि आप खुद एक पत्थर की चटान जैसे है जब भी कोई इससे टकरायेगा वो खुद ही चूर चूर हो जायेगा।खुद को ताकतवर समझे।आत्मा मे बहुत बल होता है आप की इजाज़त के बग़ैर आप को कोई कुछ नही कर सकता। कोई प्रेत या बुरी शक्ति आप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती जब तक आप खुद न चाहे।
जो भी अच्छा या बुरा हो रहा होता है वो हमारे ही करमो का फल होता है

कमजोर मन के लोगों पर इन चीजो का प्रभाव ज़्यादा होता है वो यक़ीन करते है ऐसी बातों पर ,तो होता भी होगा। जब की हर जीव परमात्मा का ही अशं है तो वो कैसे कमजोर हो सकती है।
दोस्तों खुद पर भरोसा करना है सब को प्यार से जीतना सीखना होगा।अपनी सोच ,अपने प्रेम पर विश्वास करना होगा .. सब को जीता जा सकता है ।
अगर सब कुछ करने के बावजूद कोई आप का नही हुआ तो यकीनन वो चीज या इन्सान आप का था ही नही ।सच्चे प्रेम प्यार से सब को बांधा जा सकता है। अपनी सोच को ताक़त दीजिए ,भावनाओं को कोमल करने की आवश्यकता है मतलब ये कि सहज रहे।
जिसको आप के साथ बंधना होना होता है वो खुद ही बंध जायेगा .. बांधने की कोशिश न करे ..न ही कोई ज़रूरत ही है ।बधंन हो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम का ही हो 🙏अन्यथा कोई नही। 🌹 स्मिता केंथ

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कितना जरूरी है न्यायपालिका में 50% महिला आरक्षण

 

भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने महिला वकीलों को 50% आरक्षण की मांग उठाने की बात कही। अभी कुछ समय से महिलाओं ने वकालत के पेशे में अच्छी पहचान बनायी है। जिससे शहरों में अब लोग उन्हें जानने लगे हैं लेकिन गांव और पंचायत में उन्हें अभी भी पहचान नहीं मिल पा रही है। अभी भी वकील की नजर से देखने के बजाय “महिला” की नजर से ज्यादा आंकते हैं लोग। एक मानसिकता बनी हुई है कि यह महिला है और यह केस कैसे लड़ेगी? मतलब कि उसकी काबिलियत पर शक किया जाता है। उच्च न्यायालयों में 11.5% महिला जज है और सुप्रीम कोर्ट में 11. 12% महिला जज हैं 33 में से चार। देश में 17 लाख वकील है उनमें से सिर्फ 15% महिलाएं हैं।
कई महिला वकीलों का मानना है कि आरक्षण की बात तो ठीक है लेकिन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है महिलाओं की मूलभूत सुविधाएं जैसे वाशरूम और  बैठने के लिए सीटों की व्यवस्था नहीं है वह पूरी की जानी चाहिए।
महिला वकीलों का मानना है कि न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए साथ ही उन्हें इस बात का दुख रहता है कि जब लड़कियां प्रैक्टिस के लिए जाती हैं तो ज्यादातर पुरुष वकीलों से सामना होता है और उन्हीं के संरक्षण में प्रशिक्षण लेना होता है तो ऐसे में वह उन्हे इधर उधर दौड़ाते ज्यादा हैं और उन्हें मौका नहीं मिल पाता है। उनकी निर्भरता वरिष्ठों पर ज्यादा बढ़ जाती है। उन्हें केस नहीं मिल पाते और एक महिला होने के कारण उनकी काबिलियत को आयाम नहीं मिलता है। मगर अपनी काबिलियत को साबित करने के लिए महिला वकीलों को इन बातों को नजरअंदाज कर अपनी बात पुरजोर तरीके से रखनी चाहिए ताकि समाज में, न्यायपालिका में उन्हें एक समुचित स्थान मिल सके और लैंगिक भेदभाव खत्म हो।
यूं तो आरक्षण सही नहीं है और अगर हो तो योग्यता के आधार पर होना चाहिए और यदि आरक्षण दिया भी जाए तो एक निर्धारित समय के लिए ताकि लड़कियों को मौका हासिल हो सके। महिलाएं वैसे तो मल्टीटास्कर होती हैं और वह घर बाहर दोनों बखूबी संभालती हैं। उन्हें जरूरत है तो सिर्फ प्रोत्साहन देने की।
ऐसी कई महिला वकील हैं जिन्होंने अपने आप को साबित किया है। निर्भया, हाथरस केस की वकील सीमा कुशवाहा, अर्चना सिन्हा गया जिले की पहली वकील महिला, वंदना शाह, दीपिका सिंह राजावत जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट कठुआ गैंगरेप मामले में वकालत की, पिंकी आनंद यह ऐसी नामी शख्सियत बन चुकी है कि इन्हें पहचान की जरूरत नहीं रह गई है क्योंकि इन्होंने अपने आप को साबित कर दिखाया है। हाल फिलहाल यह बिल अटका हुआ है। अब अगर आरक्षण के जरिए गूंज उठी है तो सुनी भी जायेगी।

:+  प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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बहुत लाजिम है तेरे “मैं” का साथ होना, मगर हम भी जरा सा गुमान रख लेते हैं

चलो कुछ लम्हों को ताजा कर लेते हैं
बीती हुई शाम को गज़ल कर लेते हैं

ये माना कि नजर फेर कर वो इत्मीनान कर लेते हैं
मगर चोर नजर से दिल को बेचैन कर लेते हैं

बहुत लाजिम है तेरे “मैं” का साथ होना
मगर हम भी जरा सा गुमान रख लेते हैं

क्या ही मसला कि रूबरू ना हुये
फासलों से ताआल्लुक तो नहीं खत्म कर लेते है…

वजूद खोकर हमने किया एहतराम तेरा
गाफिल रहकर खुद से एतबार तुझ पर कर लेते हैं

+; प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

 

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मिशन शक्ति के अन्तर्गत महिलाओं को जागरुक करने तथा महिलाओं से संबंधित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं हेतु जागरुकता शिविर तथा महिला जन सुनवाई का आयोजन

कानपुर 19 अक्टूबर (सू0वि0) सदस्य सचिव, उ0प्र0, राज्य महिला आयोग के निर्देशों के क्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया है कि दिनांक 21 अक्टूबर, 2021 को मिशन शक्ति फेस-3 के अन्तर्गत महिलाओं को जागरुक करने तथा महिलाओं से संबंधित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं हेतु जागरुकता शिविर तथा महिला जन सुनवाई का आयोजन सर्किट हाउस में किया जायेगा। महिला जनसुनवाई में उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती पूनम कपूर एवं श्रीमती रंजना शुक्ला द्वारा महिला उत्पीडन एवं दहेज संबंधी समस्यायें तथा महिलाओं से संबंधित अन्य समस्याओं की जन सुनवाई कर उनके मामलों के निस्तारण हेतु कार्यवाही की जायेगी तथा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों, महिलाओं के हितों के लिये आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विधिक जागरुकता शिविर के माध्यम से विभिन्न कानूनी पहलुओं की जानकारी भी दी जायेगी।

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बात इतनी बड़ी नही होती जितनी हम उसे बना लेते है

दोस्तों कई बार बात इतनी बड़ी नही होती जितनी हम उसे बना लेते है।कई बार तो ऐसा होता है इन्हीं छोटी छोटी बातों के कारण लोग अपना रिश्ता ही बिगाड़ या ख़त्म कर बैठते है। फिर वो बात सारी ज़िन्दगी नासूर बन कर दिल को चुंबती रहती है क्यूँकि किसी भी बात को सही वक़्त पर टाल कर ,माफ़ कर ,या भूल कर,ख़त्म कर उसे यकीनन ही सुन्दर अंजाम दिया जा सकता था।

दोस्तों आज कुछ शेयर करना चाहूँगी शायद किसी के काम आ सकता है।ये बात उन दिनों की है जब हमारी फ़ैक्ट्री हुआ करती थी जहां कपड़ा बनाया जाता था वहाँ बहुत से वर्कर मिलजुल कर काम किया करते थे।इक घर जैसा माहौल था। सब अपना काम करते और हफ़्ते के अन्त में अपनी तनख़्वाह ले कर वीकेंड ख़ुशी ख़ुशी मनाते। बहुत चहल पहल के दिन हुआ करते थे। इक बड़ी उम्र के बुजुर्ग भी वहां काम किया करती थी।मेरी आदत है अगर मेरे पास या मेरे सामने कोई उदासी में बैठा हो तो मैं रह नहीं पाती अकसर पूछ ही लेती हूँ !कि वो ऐसे कयू बैठे हैं? कई दिनों से वो बुजुर्ग उदास दिख रही थीं।एक दिन मुझ से रहा न गया और मैं अपनी आदत के अनुसार उनके पास गई और उनका हाथ अपने हाथ में लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगी और पूछ ही लिया कि
कंयू चुप है आप?
क्या बात है ?
पहले तो उन्होंने टालने की कोशिश की,मगर मेरे बार बार पूछने पर कहने लगी।
बेटा क्या बताऊँ !
मेरा पोता अगले हफ़्ते शादी कर रहा है हम उस लड़की को या उसके घर वालों को जानते भी नहीं। हमारी जात बिरादरी की भी नहीं ,किसी गोरी “इंग्लिश लड़की “से शादी कर रहा है।मेरे पोते ने कोर्ट मैरिज अगले हफ़्ते करनी है सब घर वाले बहुत नाराज़ हैं कोई शादी पर नहीं जा रहा और मुझे भी जाने से मना कर रहे हैं ।घर में बहुत लड़ाई झगड़ा हो रहा है।मेरा बेटा ने सब को कह दिया ..कोई शादी में नहीं जायेगा। और बताने लगी कि मेरा पोता जो हमेशा मेरे बेहद क़रीब रहा है कहता है कि बीज़ी कोई आये न आये ,आप ज़रूर आना मेरी शादी में।हालाँकि मैं भी सख़्त नाराज़ हूँ उससे ।इसी सोच में हूँ क्या किया जाए।उसने कैसे बिना कुछ किसी को बताये सब तय कर लिया।घर में हर वक़्त क्लेश है।मैंने दोनों पहलुओं को समझते हुए कहा
आंटी बात को समझो तो कुछ भी नहीं ,बढ़ा लो ,तो बहुत कुछ है । हम बड़ो पर निर्भर करता है कि हम क्या और कैसी प्रतिक्रिया देते है मैंने कहा अगर आप चाहते हैं कि आप का पोता हमेशा आप की इज़्ज़त करें प्यार करें तो आप को उसके फ़ैसले को मान लेना चाहिए ।उसके साथ खड़े हो जाये ,अगर नहीं मानोगे शादी तो वैसे भी कर ही लेगा। रहना भी उन दोनों को ही है सारी उम्र साथ ।अगर वो ख़ुश है तो आप क्यों अड़चन डाल रहे हैं ।ख़ुशी ख़ुशी उनकी झोली में खुद से ख़ुशीया डाल दे ।हमेशा दिल से आप का सम्मान करेगा ।
अगर नहीं मानेंगे तो आप अपना पोता हमेशा के लिये खो देंगी और आप का बेटा अपना बेटा .. आप घर के बड़े है अगर आप राज़ी हो जाये और सब को हुक्म दे तो सब ठीक हो सकता है पहले तो वो घबराईं कि मेरी कौन सुनेगा ।जैसे तैसे कर मैंने उन्हें समझाया बुझाया कि आप ही कर सकते है आगे हो कर अपना फ़ैसला पोते के हक़ में दे और सब को कहे कि हम सब शादी में जायेंगे ।चलो उस दिन तो बात ख़त्म हो गई मैं अपने काम में बीज़ी हो गई वो अपने ,और मेरे दिमाग़ से बात भी निकल गई।हफ़्ते के बाद इक दिन मैंने देखा वो फ़ैक्ट्री में बड़ा सा मिठाई का डिब्बा और अपने बेटे के साथ मेरे पास आईं।मैंने कहा आंटी ये किस ख़ुशी में ।तब उन्होंने कहा हमारे पोते की शादी का मीठा ले कर आई हूँ जैसे तुमने मुझे कहा था न !!
मैंने ठीक वैसे ही किया सब को समझाया और सब फिर शादी पर जाने के लिए तैयार हो गये ।इतनी रौनक़ थी कि क्या बताऊँ।सब ख़ुश थे और मेरा पोता भी और मेरा बेटा भी।ख़ूब नाचे खूब हंसे ,सालों के बाद सारा परिवार मे ख़ुशी क
का माहौल था ।पोता भी ख़ुश था और नई नवेली दुल्हन भी ।फिर अचानक से
उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरे सिर पर हाथ रख कर धीरे से मेरे कान मे बोली ..ये सब तेरी वजह से हुआ है तुमने जैसा कहा था न ,ठीक मैंने वैसे ही किया और बोली अगर तुम मुझे न समझाती तो मैं और मेरा परिवार इस ख़ुशी से महरूम रह जाते। ख़ैर मुझे तो पता था कि रब के तरीक़े होते है कुछ भी करने के ।जोड़ियों तो पहले ही बनी होती है क्या मैं या क्या कोई और ,इसके क्षेय का हक़दार हो सकते है ।बस ज़रिये बना देता है किसी न किसी को .. हम सब बहुत खुश हुए और सारी फ़ैक्ट्री में मिठाई बाँटी गई और उनकी ख़ुशी चौगुनी हो गई और मैं उनका चेहरा देख रही थी आँखे ख़ुशी से नम थीं और चेहरे पर संतोष के भाव।

दोस्तों अब इस हालात में दो बातें हो सकती थी ।या तो वो सारा परिवार अपनी अहम के कारण या कह लें पुराने सोच के कारण ,इस शादी में न जा कर बच्चों से सारे रिश्ते तोड़ लेते ,और अपना पोते को सदा के लिए खो सकते थे ..दूसरा रास्ता जो उन्होंने अपनाया।आज उनका पोता भी ख़ुश और बेटा भी ख़ुश और पूरा परिवार भी। किसी चीज़ को, रिश्तो को तोड़ना बेहद आसान है जोड़े रखना ही मुश्किल।बडो की समझदारी का एक कदम ,एक फ़ैसला बहुत सी बातो को सुलझा सकता है मगर कभी-कभी बड़े बुजुर्ग अपनी बात किसी कारण वंश नही कह पाते तो परिणाम निःसन्देह दुख देह बन सकता है।

इक ग़लत फ़ैसला हमें अपनों से दूर कितनी दूर कर सकता है इस बात का अंदाज़ा आप मुझ से बेहतर लगा सकते है। 🙏

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आजादी के 75 वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम प्रत्येक जिला स्तर पर मनाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये

कानपुर 15 अक्टूबर, प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर श्रद्धा त्रिपाठी ने बताया है कि भारत की आजादी के 75 वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम प्रत्येक जिला स्तर पर दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 से 14 नवम्बर, 2021 तक मनाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये हैं। माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के निर्देशन पर आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर एवं एन्टी क्राइम ब्यूरो (रजि0) के संयुक्त तत्वाधान में वाहनों द्वारा कानपुर नगर के क्षेत्र रोशन नगर, मसवानपुर, रावतपुर, कल्यानपुर, काकादेव, गीतानगर, नमक फैक्ट्री, छपेड़ा पुलिया, विजय नगर, शास्त्री नगर पाण्डू नगर, लाजपत नगर, गुमटी, फजलगंज, जरीब चौकी, आर्य नगर, स्वरूप नगर, मोतीझील, तिलक नगर, ग्वालटोली, बिरहाना रोड, भूसा टोली, झाड़ी बाबा का पड़ाव, ईदगाह क्षेत्र में भ्रमण कर आम जनमानस को पैम्पलेट्स वितरित कर विधिक जानकारी दी गयी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता द्वारा बिरहाना रोड, फीलखाना, कैनाल रोड, हरबंश मोहाल, जनरलगंज, एक्सप्रेस रोड, रोटी गोदाम तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्री आशा बहुओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर आम जनमानस को विधिक सेवा से सम्बन्धित पैम्पलेट्स बांटकर जागरुक किया गया।
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निर्वाचन क्षेत्र के लिये विनिर्दिष्ट मतदान स्थलों की मतदान क्षेत्रों या मतदाता समूहों की व्यवस्था

कानपुर, 13 अक्टूबर, (सू0वि0) जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी. ने बताया है लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा -25 के उपबन्धों के अनुसरण में भारत निर्वाचन आयोग के पूर्व अनुमोदन से संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 32- मिश्रिख (अ0जा0) में समाविष्ट 209-बिल्हौर (अ0जा0), विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 43–कानपुर में समाविष्ट 212–गोविन्द नगर, 213-सीसामऊ, 214-आर्यनगर, 215-किदवई नगर एवं 216-कानपुर कैन्टोनमेंट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र तथा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 44-अकबरपुर में समाविष्ट 210-बिठूर, 211-कल्यानपुर, 217-महराजपुर एवं 218-घाटमपुर (अ0जा0) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिये विनिर्दिष्ट मतदान स्थलों की उनमें से प्रत्येक के समक्ष लिखे हुये मतदान क्षेत्रों या मतदाता समूहों के लिये व्यवस्था की जाती है।

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