कानपुर 15 नवम्बर (सू.वि.) प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के अध्यादेश/अधिनियम के क्रम में मण्डी परिसरों के बाहर के व्यापार को पूरी तरह लाईसेन्स व मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया है। इससे किसान अपना सामान कहीं भी और किसी भी व्यापारी को तत्काल बेच सकते हैं। कृषकों के हितार्थ फल एवं सब्जियों के 45 कृषि जिन्सों को गैर अधिसूचित कर मण्डी शुल्क समाप्त किया गया ताकि इनके विपणन में कृषकों को सुविधा रहे। गेहूं व धान की खरीद पर रू. 20/-प्रति कुन्तल की दर से उतराई व छनाई पर अतिरिक्त सहायता देकर वर्तमान सरकार द्वारा अब तक रू. 444.05 करोड़ का अनुदान सीधे कृषकों के खाते में हस्तान्तरित करते हुए उन्हें लाभान्वित किया है।
प्रदेश में पोस्ट हार्वेस्ट लॉसेस को न्यून करने के उद्देश्य से लगभग 2.33 लाख प्लास्टिक क्रेटस तथा 70000 प्लास्टिक शीट्स का कृषकों/व्यापारियों के मध्य निःशुल्क वितरण किया गया। दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रथम बार व्यापारियों एवं आढ़तियों के हितार्थ ’’मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन मण्डी समिति के व्यापारी एवं आढ़ती दुर्घटना सहायता योजना’’ एवं ’’मुख्यमंत्री मण्डीस्थल/उपमण्डी स्थल अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना’’ लागू करते हुए सहायता प्रदान की जा रही है।
कृषकों को वित्तीय वर्ष 2017-18 से जुलाई, 2021 तक कृषकों के हितार्थ ’’मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजनाओं’’ के अन्तर्गत 62798 कृषकों को रू. 104.8 करोड़ से भी अधिक की अनुदान सहायता राशि प्रदान की गयी। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत अभिनव कदम उठाते हुए पहली बार मण्डी परिषद स्वयं क्रय एजेन्सी के रूप में प्रदेश के 24 जनपदों में 57 क्रय केन्द्र स्थापित कर 25782 कृषकों से धान खरीद की गयी तथा रबी विपणन वर्ष 2021-22 में 130 क्रय केन्द्र स्थापित कर 37192 कृषकों से गेहूं खरीद की व्यवस्था सम्पादित की गयी है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश की सभी समितियों में आक्सीमीटर, थर्मल स्कैनिंग मीटर युक्त हेल्पडेस्क स्थापित किये गये हैं। साथ ही शासन की मंशानुसार मण्डी समितियों को कोरोना काल के दौरान नियमित रूप से संचालित कराया गया।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020 में पल्लेदारों/श्रमिकों के बैंक खातों में रू. 1,000 हस्तान्तरित किये जाने संबंधी योजना के अन्तर्गत मण्डी समितियों में कार्यरत पल्लेदारों के बैंक खाता विवरण व आधार कार्ड आदि की सूचना एकत्र कराते हुए 20,000 से अधिक श्रमिकों की सूचना नगर निगम व अन्य जनपदीय प्राधिकारियों को उपलब्ध कराकर लाभान्वित कराया गया। गड्ढामुक्तिकरण योजनान्तर्गत मण्डी परिषद के आन्तरिक संसाधनों से विगत साढ़े चार वर्षों में कुल 10709.23 कि.मी. सम्पर्क मार्गों को रू. 1228 करोड़ की लागत से गड्ढामुक्त किया गया। इस वर्ष भी यह कार्य किया जा रहा है। कृषि शिक्षा को बढ़ावा हेतु बांदा में छात्रावास का निर्माण कार्य पूर्ण कराकर बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा को हैण्डओवर किया जा चुका है तथा कुमारगंज (अयोध्या) एवं कानपुर में शासकीय कृषि विश्वविद्यालयों में 100 छात्रों हेतु 50 कमरों के कृषक छात्रावासों के निर्माण कार्य अन्तिम चरण में प्रगति पर है।
मण्डी परिषद द्वारा प्रदेश में लगभग रू. 25 करोड़ की लागत से 54 नग ग्रामीण हाठ बाजारों का निर्माण एवं विकास कार्य कराया गया है। जनपद अमरोहा एवं वाराणसी में मण्डी परिषद द्वारा आर.के.वी.आई. योजनान्तर्गत रू. 30.20 करोड़ की लागत से इन्टीग्रेटेड पैकहाउस बनाये जाने की परियोजना स्वीकृत हो गई है, दोनों मण्डी परिसरों यथा-अमरोहा एवं वाराणसी में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। इन्टीग्रेटेड पैकहाउस के निर्माण से प्रदेश के कृषकों को फल तथा सब्जियों के राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में मांग के अनुसार सार्टिंग, ग्रेडिंग एवं आधुनिक तकनीक के अनुसार उपचारित करके आपूर्ति/विक्रय करने की सुविधा प्राप्त होगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। कृषि निर्यात को बढ़ावा देने हेतु मैंगो पैक हाउस, रहमानखेड़ा (मलिहाबाद), लखनऊ में अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भाप उष्मा उपचार (वी.एच.टी.)/ Vapour heat treatment (V.H.T.) प्लान्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
प्रदेश की 27 प्रमुख मण्डी समितियों को आधुनिक किसान मण्डी के रूप में विकसित कराये जाने का कार्य अन्तिम चरण में है, जिनमें से 17 प्रमुख मण्डियों में Value addition हेतु राइपनिंग चौम्बर/कोल्ड चौम्बर एवं अन्य आधुनिक सुविधा के माध्यम से विकसित किया जाना प्रस्तावित है। भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना ई-नाम योजनान्तर्गत प्रदेश की 125 मण्डी समितियों को जोड़ा गया है। मण्डी समितियों में लाईसेन्स की प्रक्रिया को पारदर्शी व सुगम बनाने के लिए ई-लाइसेन्स प्रणाली लागू की गयी है। जिनके अन्तर्गत 99019 ई-लाइसेन्स निर्गत किये गये हैं। व्यापारियों को सहूलियत देने के लिए ई-मण्डी (डिजिटल व्यापार) की व्यवस्था लागू की गयी है, जिसके अन्तर्गत 23 लाख आनलाइन प्रपत्र यथा प्रपत्र-6, प्रपत्र-9, गेटपास एवं लाइसेन्स निर्गत किये गये। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाकर प्रदेश में मण्डी परिषद, उ.प्र. द्वारा सम्भागीय कार्यालयों एवं मण्डी समितियों के माध्यम से लगभग 40 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। प्रदेश की मण्डी समितियाँ किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही हैं।