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भारत में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 72.37 करोड़ के पार पहुंचा

पिछले 24 घंटों के दौरान टीके की 67,58,491 खुराकें लगाने के साथ आज सात बजे सुबह तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार देश का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 72.37 करोड़ (72,37,84,586) के पार पहुंच गया। इसे 74,18,183 सत्रों के जरिये पूरा किया गया।

आज शाम सात बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पूरा ब्योरा इस प्रकार हैः

स्वास्थ्य कर्मी पहली खुराक 1,03,62,796
दूसरी खुराक 85,55,939
अग्रिम पंक्ति के कर्मी पहली खुराक 1,83,35,063
दूसरी खुराक 1,38,66,099
18-44 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक 29,00,15,880
दूसरी खुराक 3,99,36,894
45-59 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक 14,12,24,670
दूसरी खुराक 6,11,18,659
60 वर्ष से अधिक पहली खुराक 9,19,04,711
दूसरी खुराक 4,84,63,875
योग 72,37,84,586

केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये कटिबद्ध है।

पिछले 24 घंटों में 37,681 मरीजों के स्वस्थ होने से स्वस्थ होने वाले मरीजों की कुल संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है (महामारी के शुरू होने से लेकर अब तक), जो इस समय 3,23,42,299 है।

परिणामस्वरूप भारत का रिकवरी दर इस समय 97.49 प्रतिशत है।

लगातार 75 दिन से 50 हजार से कम दैनिक मामले आ रहे हैं। यह केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मिले-जुले और सतत प्रयासों का नतीजा है।

पिछले 24 घंटों में कुल 34,973 दैनिक नये मामले दर्ज किये गये।

इस समय सक्रिय केसलोड 3,90,646 है। सक्रिय मामले देश के कुल पॉजीटिव मामलों का इस समय 1.18 प्रतिशत हैं।

देश में जांच क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है, जिसके सिलसिले में देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 17,87,611 जांचें की गईं। आमूल रूप से भारत ने अब तक 53.86 करोड़ से अधिक (53,86,04,854) जांचें की गईं हैं।

एक तरफ देशभर में जांच क्षमता बढ़ाई गई, तो दूसरी तरफ साप्ताहिक पॉजीटिविटी दर इस समय 2.31 प्रतिशत है, जो पिछले 77 दिनों में तीन प्रतिशत से नीचे कायम है। दैनिक पॉजीटिविटी दर भी पिछले 11 दिनों से तीन प्रतिशत से नीचे और 95 दिनों से लगातार पांच प्रतिशत से कम पर बनी हुई है।

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डीआरडीओ ने राजस्थान के जैसलमेर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना को वायु रक्षा मिसाइल (एमआर-सैम) प्रणाली सौंपी

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भारत की रक्षा क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन देने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना को मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआर-सैम) प्रणाली की पहली सुपुर्दगी योग्य फायरिंग यूनिट दिनांक 9 सितंबर, 2021 को राजस्थान में जैसलमेर वायुसेना स्टेशन में सौंपी गई।
एमआरएसएएम भारतीय उद्योग के सहयोग से एमएसएमई सहित निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के साथ तालमेल कर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक उन्नत नेटवर्क केंद्रित लड़ाकू वायु रक्षा प्रणाली है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया को पहली डिलीवरी योग्य फायरिंग यूनिट सौंपी। आयोजन के दौरान डीआरडीओ और आईएआई के अधिकारियों ने ऑन-साइट स्वीकृति परीक्षण (ओएसएटी) के हिस्से के रूप में एमआर-सैम प्रणाली की क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

प्रमुख बातें:

  •  एमआर-सैम लड़ाकू विमानयूएवीनिर्देशित और अनिर्देशित हथियारों एवं क्रूज मिसाइलों जैसे हवाई खतरों के खिलाफ हवाई सुरक्षा प्रदान करता है
  •  70 किलोमीटर तक दूरी पर अनेक लक्ष्यों को एंगेज़ करने में सक्षम
  •  उच्च गतिशीलता प्राप्त करने के लिए स्वदेश में विकसित रॉकेट मोटर एवं कंट्रोल प्रणाली
  •  अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली

 

अपने संबोधन में श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, आईएआई, विभिन्न निरीक्षण एजेंसियों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योग भागीदारों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की और उन्होंने इस प्रणाली को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों में से एक करार दिया। उन्होंने कहा, “भारतीय वायुसेना को एमआरएसएएम प्रणाली सौंपने के साथ, हमने अपने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ हासिल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। यह वायु-रक्षा-प्रणाली में गेम चेंजर साबित होगी।”

रक्षा मंत्री ने तेजी से बदलते वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य से उत्पन्न होने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराया । उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। एक मजबूत सेना की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा और समग्र विकास सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा उद्योग कॉरिडोर की स्थापना सहित सरकार द्वारा उठाए गए उपायों- आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण; निजी क्षेत्र को डीआरडीओ द्वारा निर्यात और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) बढ़ाने के लिए 200 से अधिक वस्तुओं की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना का उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ रक्षा प्रणालियों का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन जाएगा।

श्री राजनाथ सिंह ने ‘मेक इन इंडिया, ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वदेशी अनुसंधान, डिजाइन और विकास के माध्यम से तकनीकी आधार को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रौद्योगिकी भागीदारों और मित्र देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग ने इस दृष्टि को साकार करने की दिशा में तेजी से प्रगति की है और एमआर-सैम का विकास इस तरह के सहयोगात्मक प्रयास का एक बड़ा उदाहरण है।

रक्षा मंत्री ने एमआर-सैम प्रणाली के विकास को भारत और इज़राइल के बीच घनिष्ठ साझेदारी का एक जीवंत उदाहरण बताया और कहा कि भारतीय वायुसेना को प्रणाली प्राप्त होना दशकों पुरानी दोस्ती को और अधिक ऊंचाइयों पर ले गया है। उन्होंने कहा कि इसने भारत और इज़राइल के रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम के विकास में नई परीक्षण सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भविष्य में दोनों देशों के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के उत्पादन में सहायक होगा । उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए निर्मित की जा रही उप-प्रणालियों को भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच तालमेल का एक बड़ा उदाहरण बताया।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को याद करते हुए उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति बताया, जिन्होंने रक्षा क्षेत्र में, विशेष रूप से मिसाइल विकास कार्यक्रम में, आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि लगभग 30 साल पहले डॉ कलाम ने एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम की शुरुआत ऐसे समय में की थी जब वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न प्रतिबंधों का सामना कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि इन सबके बावजूद कार्यक्रम की सफलता ने न केवल मिसाइल विकास में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की, बल्कि सीमा पार से किसी भी खतरे की संभावना को भी विफल कर दिया।

एमआर-सैम प्रणाली लड़ाकू विमान, यूएवी, हेलीकॉप्टर, निर्देशित और बिना निर्देशित युद्ध सामग्री, सब-सोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों आदि समेत खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ जमीनी संपत्तियों को एक स्थान विशेष पर और क्षेत्र विशेष पर वायु रक्षा प्रदान करती है । यह गंभीर संतृप्ति परिदृश्यों में 70 किलोमीटर की दूरी तक अनेक लक्ष्यों को एंगेज करने में सक्षम है। टर्मिनल चरण के दौरान उच्च गतिशीलता प्राप्त करने के लिए मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और कंट्रोल प्रणाली द्वारा संचालित है।

फायरिंग यूनिट में मिसाइल, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (एमएलएस), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (एमपीएस), रडार पावर सिस्टम (आरपीएस), रीलोडर व्हीकल (आरवी) और फील्ड सर्विस व्हीकल (एफएसवी)
शामिल हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने एमआर-सैम (आईएएफ) की पूरी टीम के प्रयासों को बधाई दी और कहा कि यह प्रणाली देश की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने एमआर-सैम प्रणाली के विकास में शामिल टीमों की सराहना की।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, दक्षिण पश्चिमी वायुसेना कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल संदीप सिंह तथा आईएआई के अध्यक्ष और सीईओ श्री बोज लेवी और अन्य वरिष्ठ नागरिक तथा सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे ।

 

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अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क के बारे में जानें सब कुछ – एक वित्तीय डेटा-साझा प्रणाली

पिछले सप्ताह, भारत ने वित्तीय डेटा-साझा प्रणाली – अकाउंट एग्रीगेटर (एए) नेटवर्क का अनावरण किया, जो निवेश और ऋण के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। इससे लाखों उपभोक्ताओं को अपने वित्तीय रिकॉर्ड के उपयोग पर आसान पहुंच और नियंत्रण मिल सकता है और ऋण प्रदाता तथा फिनटेक कंपनियों के लिए ग्राहकों की संभावित संख्या में अत्यधिक विस्तार हो सकता है। अकाउंट एग्रीगेटर व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत वित्तीय डेटा पर नियंत्रण के साथ सशक्त बनाता है, जो डेटा सामान्यतया अलग-थलग और आसान पहुँच से बाहर रहते हैं।

यह भारत में ओपन बैंकिंग की व्यवस्था शुरू करने की दिशा में पहला कदम है, जो लाखों ग्राहकों को सुरक्षित और कुशल तरीके से अपने वित्तीय डेटा तक डिजिटल रूप में पहुँचने और इसे अन्य संस्थानों के साथ साझा करने के लिए सशक्त बनाता है।

बैंकिंग में अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली, भारत के आठ सबसे बड़े बैंकों के साथ शुरू की गई है। अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली ऋण और धन प्रबंधन को बहुत तेज और किफायती बना सकता है।

1) अकाउंट एग्रीगेटर क्या है?

अकाउंट एग्रीगेटर (एए) आरबीआई द्वारा विनियमित एक ऐसी इकाई है, (एनबीएफसी-एए लाइसेंस के साथ) जो किसी व्यक्ति को सुरक्षित और डिजिटल रूप में एक वित्तीय संस्थान से प्राप्त अपने खाते की जानकारी को एए में शामिल किसी अन्य विनियमित वित्तीय संस्थान के साथ साझा करने में मदद करती है। व्यक्ति की सहमति के बिना डेटा को साझा नहीं किया जा सकता है।

ऐसी सुविधा देने वाले कई अकाउंट एग्रीगेटर होंगे और उपभोक्ता जिसे चाहे उसे चुन सकता है।

अकाउंट एग्रीगेटर; आपके डेटा के प्रत्येक उपयोग के लिए ‘रिक्त चेक’ स्वीकृति के लंबे नियम और शर्तों के बदले एक संक्षिप्त, चरण-दर-चरण अनुमति और नियंत्रण का प्रस्ताव देता है।

 

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2) नया अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क, व्यक्ति के वित्तीय कामकाज को कैसे आसान बनाएगा?

भारत की वित्तीय प्रणाली में उपभोक्ताओं को कई परेशानियां का सामना करना पड़ता है, जैसे बैंक खता विवरण की भौतिक रूप से हस्ताक्षरित और स्कैन की गई प्रतियों को साझा करना, दस्तावेजों को नोटरी से हस्ताक्षर करवाने या मुहर लगाने के लिए इधर-उधर परेशान होना या किसी तीसरे पक्ष को अपना वित्तीय विवरण देने के क्रम में व्यक्तिगत उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड साझा करना। अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क इन सभी समस्याओं के बदले एक सरल, मोबाइल-आधारित और सुरक्षित तरीके से डिजिटल डेटा तक पहुँचने व साझा करने की प्रक्रिया की पेशकश करता है। यह नई प्रकार की सेवाओं के लिए अवसर सृजित करेगा — जैसे नए प्रकार के ऋण।

एक बैंक को केवल अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क से जुड़ने की आवश्यकता है। आठ बैंक पहले से ही सहमति के आधार पर डेटा साझा कर रहे हैं, चार बैंक यह सुविधा शुरू कर चुके हैं, (एक्सिसआईसीआईसीआईएचडीएफसी और इंडसइंड बैंक) और चार जल्द ही शुरू करने वाले हैं (भारतीय स्टेट बैंककोटक महिंद्रा बैंकआईडीएफसी फर्स्ट बैंक और फेडरल बैंक)।

 

3) अकाउंट एग्रीगेटर, आधार ईकेवाईसी डेटा साझाक्रेडिट ब्यूरो डेटा साझा और सीकेवाईसी जैसे प्लेटफॉर्म से कैसे अलग है?

आधार ईकेवाईसी और सीकेवाईसी; केवल केवाईसी उद्देश्यों (जैसे नाम, पता, लिंग, आदि) के लिए ‘पहचान’ आधारित केवल चार प्रकार के डेटा साझा करने की अनुमति देते हैं। इसी तरह, क्रेडिट ब्यूरो डेटा केवल ऋण इतिहास और/या क्रेडिट स्कोर दिखाता है। अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क बचत/जमा/चालू खातों से लेनदेन डेटा या बैंक खाता विवरण साझा करने की अनुमति देता है।

4) किस प्रकार का डेटा साझा किया जा सकता है?

आज, बैंकिंग लेनदेन डेटा, उन बैंकों के साथ साझा किये जाने के लिए उपलब्ध है, (उदाहरण के लिए, एक चालू या बचत खाते से बैंक विवरण) जो अभी नेटवर्क पर लाइव हैं।

धीरे-धीरे एए व्यवस्था साझा करने के लिए सभी वित्तीय डेटा उपलब्ध कराएगी, जिसमें कर डेटा, पेंशन डेटा, प्रतिभूति डेटा (म्यूचुअल फंड और ब्रोकरेज) शामिल होंगे, जबकि बीमा डेटा उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा। वित्तीय क्षेत्र के अलावा भी इस सुविधा का विस्तार होगा, ताकि एए के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा और दूरसंचार डेटा भी लोगों के लिए सुलभ हो सके।

5) क्या एए व्यक्तिगत डेटा को देख या एकत्रित‘ कर सकते हैंक्या डेटा साझा करना सुरक्षित है?

अकाउंट एग्रीगेटर डेटा देख नहीं सकते हैं; केवल व्यक्ति के निर्देश और सहमति के आधार पर वे इसे एक वित्तीय संस्थान से दूसरे वित्तीय संस्थान में भेज सकते हैं। नाम के विपरीत, वे आपके डेटा को ‘एकत्रित’ नहीं कर सकते। एए प्रौद्योगिकी कंपनियों की तरह नहीं हैं, जो आपके डेटा को एकत्रित करती हैं और आपका विस्तृत व्यक्तिगत विवरण (प्रोफाइल) तैयार करती हैं।

एए डेटा को कूटभाषा (एन्क्रिप्ट) में साझा करता है और केवल प्राप्तकर्ता द्वारा इसे समझा (डिक्रिप्ट) जा सकता है। एक छोर से दूसरे छोर तक कूटभाषा और ‘डिजिटल हस्ताक्षर’ जैसी तकनीक का उपयोग, कागजी दस्तावेजों को साझा करने की तुलना में, इस साझा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाता है।

6) क्या कोई उपभोक्ता यह तय कर सकता है कि वे डेटा साझा करना नहीं चाहते हैं?

हां। एए के साथ पंजीकरण करना उपभोक्ताओं के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक है। यदि उपभोक्ता जिस बैंक का उपयोग कर रहा है और वह नेटवर्क में शामिल हो गया है, तो कोई व्यक्ति एए पर पंजीकरण करने का विकल्प चुन सकता है। व्यक्ति यह भी तय कर सकता है कि वे किन खातों को इससे जोड़ना चाहते हैं और वह अपने किसी एक खाते से डेटा को किसी विशेष उद्देश्य के लिए किसी एक अकाउंट एग्रीगेटर के माध्यम से ‘सहमति’ देने के चरण में किसी नए ऋण प्रदाता या वित्तीय संस्थान से साझा कर सकता है। एक ग्राहक किसी भी समय साझा करने संबंधी सहमति को वापस ले सकता है। यदि किसी उपभोक्ता ने एक अवधि (जैसे ऋण अवधि के दौरान) में आवर्ती तरीके से या बार-बार डेटा साझा करना स्वीकार किया है, तो इस सहमति को भी बाद में किसी भी समय उपभोक्ता द्वारा रद्द किया जा सकता है।

7) यदि किसी उपभोक्ता ने अपना डेटा किसी संस्थान के साथ एक बार साझा किया हैतो संस्थान कितनी अवधि तक इसका उपयोग कर सकता है?

डेटा साझा करने के लिए सहमति के समय प्राप्तकर्ता संस्थान द्वारा उपयोग की समयावधि उपभोक्ता को बतायी जाएगी।

8) ग्राहक एए के साथ कैसे पंजीकृत हो सकता है?

आप एए के साथ उनके ऐप या वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। एए एक हैंडल (जैसे उपयोगकर्ता नाम) प्रदान करेगा, जिसका उपयोग सहमति प्रक्रिया के दौरान किया जा सकता है।

आज, चार ऐप डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, (फिनव्यू, वनमनी, सीएएमएस फिनसर्व, और एनएडीएल) जिनके पास एए होने के लिए परिचालन लाइसेंस हैं। तीन और को (फोनपे, योडली और परफियोस) आरबीआई से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और वे जल्द ही ऐप लॉन्च कर सकते हैं।

9) क्या ग्राहक को प्रत्येक एए के साथ पंजीकरण करने की आवश्यकता है?

नहीं, ग्राहक नेटवर्क पर किसी भी बैंक से डेटा तक पहुँचने के लिए किसी एक एए के साथ पंजीकरण कर सकता है।

10) क्या इस सुविधा का उपयोग करने के लिए ग्राहक को एए को भुगतान करने की आवश्यकता है?

यह एए पर निर्भर करेगा। कुछ एए निःशुल्क हो सकते हैं, क्योंकि वे वित्तीय संस्थानों से सेवा शुल्क लेते हैं। कुछ अन्य एए उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में एक छोटी राशि ले सकते हैं।

11) यदि ग्राहक का बैंक डेटा साझा के एए नेटवर्क में शामिल हो गया है, तो ग्राहक किन नई सेवाओं का लाभ उठा सकता है?

किसी व्यक्ति के लिए दो प्रमुख सेवाओं में सुधार किया जाएगा- ऋण प्राप्ति  और धन प्रबंधन की सुविधा। यदि कोई ग्राहक आज एक छोटे व्यवसाय के लिए या व्यक्तिगत ऋण प्राप्त करना चाहता है, तो ऐसे कई दस्तावेज हैं, जिन्हें ऋणदाता के साथ साझा करने की आवश्यकता होती है। यह आज एक बोझिल और कई चरणों में पूरी की जाने वाली प्रक्रिया है, जो ऋण प्राप्त करने और ऋण तक पहुंचने में लगने वाले समय को प्रभावित करती है। इसी तरह, आज धन प्रबंधन कठिन है, क्योंकि डेटा का संग्रह कई अलग-अलग स्थानों में किया जाता है और विश्लेषण के लिए आसानी से एक साथ नहीं लाया जा सकता है।

अकाउंट एग्रीगेटर के माध्यम से, एक कंपनी बिना किसी त्रुटि के तथा सुरक्षित तरीके से डेटा तक जल्दी और कम खर्च में पहुँच सकती है और ऋण मूल्यांकन प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर सकती है, ताकि ग्राहक को ऋण मिल सके। साथ ही, एक ग्राहक जीएसटी या जीईएम जैसी सरकारी प्रणाली से सीधे नकदी प्रवाह पर या भविष्य के चालान संबंधी विश्वसनीय जानकारी साझा करके, बिना कोई सम्पत्ति दस्तावेज को गिरवी रखे, ऋण का उपयोग करने में सक्षम हो सकता है।

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जन कल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं से उत्तर प्रदेश बना अग्रणी प्रदेश

भारतीय स्वरूप संवददाता, उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी जनसंख्या विश्व के अनेक देशों से भी बहुत ज्यादा है। इस दृष्टिकोण से देंखें तो प्रदेश की वर्तमान सरकार के विगत साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश ने विकास के नए कीर्तिमान गढ़े हैं एवं अनेक क्षेत्रों में प्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त कर सफलता हासिल की है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन ’सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में ’विकास की रीत-सबकी जीत’ के माध्यम से पूर्णता हासिल हो रही है। यह प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की ही मेहनत तथा सरकार के सम्मिलित प्रयासों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं में नम्बर एक बना है। साथ ही उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा कई नई पहलें की गयी हैं जो अन्य प्रदेशों के लिए नजीर बन रही है।

उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार के अबतक के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 17.23 लाख से भी ज्यादा आवास बनाए जा चुके हैं एवं इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर है। इसी प्रकार ग्रामीण स्वच्छ शौचालय निर्माण में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में सर्वाधिक आवास निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है। प्रदेश के लाखों लोगों के पास अब अपना पक्का मकान है।
कृषि एवं कृषकों के हित में भी उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं और योजनाएं लागू की गई हैं। जिसके कारण कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान को डी0बी0टी0 के माध्यम से भुगतान करने वाला, उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य बना है। इस प्रकार कृषको को देय विभिन्न अनुदानों में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है एवं बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया है। इसी प्रकार किसानों के लिए बाजार को व्यापक बनाने के दृष्टिकोण से मण्डी अधिनियम में संशोधन करने वाला उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य बना है। इस संशोधन से कृषकों के लिए उपज को कहीं भी बेचने की आजादी मिली है एवं उनकी आय में वृद्धि होने की संभावनाएं भी बलवती हुयी हैं। दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है तथा इन क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 1,38,000 करोड़ रूपये से अधिक का गन्ना मूल्य, गन्ना किसानों को भुगतान किया गया है जो एक रिकार्ड है। समाज के निर्धनतम वर्ग को पेंशन की सुविधा दिलाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण कराने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। इसी प्रकार पिछड़े, वंचित लोगों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही बीमा योजना प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में भी उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी है। देश भर में सर्वाधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना, उत्तर प्रदेश में की गई है और लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को पारम्परिक चूल्हों के स्थान पर गैस कनेक्शन प्रदान करने वाली उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 1.47 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जो देश में सर्वाधिक है। इस प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सम्मान की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रदेश के महोबा जनपद से उज्ज्वला 2.0 की शुरूआत की गई है जिसके अन्तर्गत गैस कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य को और बढ़ा दिया गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश में कई नीतियां ऐसी लागू की गयी हैं जो देश में किसी राज्य सरकार द्वारा प्रथम बार लागू की गयी है। इनमें कौशल विकास नीति तथा राज्य स्वास्थ्य नीति प्रमुख है। इन नीतियों के माध्यम से प्रदेश के व्यापक वर्ग के विकास के माध्यम से राज्य के समग्र विकास का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रदेश सरकार के विगत साढ़े चार वर्ष के कार्यों का ही प्रतिफल है कि प्रदेश सरकार को कई अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इनमें ई-टेन्डरिंग प्रणाली में सर्वोत्तम परफारमेंस के लिए बेस्ट परफार्मेन्स अवार्ड, ईज आफ डूइंग बिजनेस में उ0प्र0 को देश में द्वितीय स्थान साथ ही सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं पारदर्शिता में अग्रणी राज्य, उ0प्र0 परिवहन निगम को सर्वश्रेष्ठ प्राफिट मेंकिंग एस0टी0यू0 का राष्ट्रीय पुरस्कार, भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप रैकिंग के तहत उ0प्र0 एस्पायरिंग लीडर का पुरस्कार, उ0प्र0 के खाद्य एवं रसद विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर एक्सीलेंस इन डिजीटल गवर्नेंस स्टेट श्रेणी में राज्य पुरस्कार आदि प्रमुख है। इसके अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन में उ0प्र0 को ’देश का बेस्ट स्टेट फार इनलैण्ड फिशरीज’ घोषित करते हुए भारत सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कार दिया गया है। उत्तर प्रदेश में मैनुअल चालान व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है एवं अब ई-पेमेन्ट से जुर्माना भुगतान की सुविधा हेतु ई-चालान व्यवस्था लागू कर उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। वृक्षारोपण को अभियान के रूप में शुरूकर प्रदेश की वर्तमान सरकार के अबतक के कार्यकाल में 100 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण तथा पारिस्थितिकी संतुलन की दिशा में सराहनीय कार्य किया गया है।
अयोध्या में आयोजित भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में 6.06 लाख से अधिक दीप जलाकर प्रदेश सरकार द्वारा इस आयोजन को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया गया। वर्ष 2019 में प्रयागराज में आयोजित ’दिव्यकुम्भ-भव्य कुम्भ’ के अन्तर्गत तीन-तीन विश्व रिकार्ड बनाकर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने प्रदेश सरकार को विश्वपटल पर गौरवान्वित किया है।
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं से प्रदेश को न केवल देश के स्तर पर वरन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान व सम्मान मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा, मार्गदर्शन व दिशा-निर्देशन में प्रदेश लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त कर रहा है।

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वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 09 लाख युवाओं के दिया गया प्रशिक्षण, 4.11 लाख सेवायोजित

कानपुर 08 सितम्बर, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अनेको योजनायें संचालित कर उन्हें रोजगार से लगा रहे है। उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिलाते हुए ‘‘सबको हुनर, सबको काम‘‘ की नीति पर चलते हुए प्रदेश सरकार युवाओं/युवतियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रही है। प्रदेश के बहुत से युवक/युवतियॉ शिक्षित तो होते है, किन्तु बिना किसी हुनर, कौशल के वे बेरोजगार हो जाते है। प्रदेश सरकार उन्हें रोजगार से लगाने के लिए कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिलाती है और सम्बन्धित ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त उन्हें स्वयं का बिजनेस, उद्यम स्थापित करने के लिए सहयोग एवं सरकारी निजी क्षेत्र में सेवायोजित कराती है। इस मिशन के अन्तर्गत युवाओं को पाठ्यक्रमों/टेªड्स चुनने का अधिकार होता है। इसके तहत 34 क्षेत्रों के 283 पाठ्यक्रमों/ टेªड्स में प्रशिक्षण दिया जाता है।

उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह जरूरी है कि वो उ0प्र0 का मूल निवासी हो और उसकी आयु 18 से 35 वर्ष की होना चाहिए। प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदक को आवेदन ऑनलाइन भरते समय आधार कार्ड, निवास, आयु, शैक्षिक योग्यता के प्रमाण, बैंक खाता नम्बर, पासपोर्ट साइज की फोटो, मोबाइल नम्बर आदि संलग्न करना होता है। वर्तमान सरकार के साढे़ चार साल की अवधि में उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के द्वारा संचालित डी0डी0यू0-जी0के0वाई एवं अन्य योजनाओं के लिए प्रदेश मे 735 निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को सरकार ने अनुबन्धित किया है जहॉ बड़ी संख्या में अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। वर्तमान सरकार के पूर्व प्रदेश में मात्र 148 प्रशिक्षण प्रदाता ही अनुबन्धित थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का ध्येय है कि युवा अधिक से अधिक विभिन्न उद्यमों, कार्यों का हुनर सीख ले जिससे वे आत्मनिर्भर हो सकें। युवाओं के तकनीकी हुनर सीखने से वे रोजगार से लगेगें। इससे वे प्रदेश और देश की आर्थिक प्रगति में सहभागी बनेगें। प्रदेश में उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2017-28 से अगस्त, 2021 तक लगभग 09 लाख युवक/युवतियों को विभिन्न टेªड्स में प्रशिक्षण दिया गया है जिनमें 4.11 लाख युवाओं/युवतियों को रोजगार से (सेवायोजित) लगाया गया है। जब कि वर्तमान सरकार के पूर्व के चार वर्षों में 3.71 लाख युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया गया था और 1.36 लाख को ही रोजगार दिलाया गया था। वर्तमान सरकार ने 15,89,185 युवाओं को साढ़े चार वर्ष में प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा था। चालू वित्तीय वर्ष में 6.88 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल मंे उत्पादन और सेवा क्षेत्र से जुडे़ हुए 24 प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों को फ्लैक्सी प्रशिक्षण प्रदाताओं के रूप में अनुबन्धित किया है, जबकि इसके पूर्व मात्र 13 प्रशिक्षण प्रदाताओं को ही अनुबन्धित किया गया था। सरकार ने प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को सेवायोजित कराने के लिए 8 प्लेसमेंट एजेंसीज को अनुबन्धित किया है, जबकि इस सरकार के पूर्व मात्र 3 प्लेसमंेट एजेंसीज को ही अनुबन्धित किया गया था। सरकार ने दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण हेतु विशिष्ट संस्थाओं केा चयनित व अनुबन्धित करने के लिए आर0एफ0पी0 जारी की तथा 38 ऐसी प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं को अनुबन्धित किया है, जो दिव्यांजनों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेष रूप से दक्ष एवं अनुभवी है। प्रदेश में ऐसी संस्थाओं के माध्यम से दिव्यांजनों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार परम्परागत कारीगरों, शिल्पकारों के कौशल उन्नयन और उनके प्रमाणीकरण के लिए रिकग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जिसमें ओडीओपी योजना के उत्पाद भी सम्मिलित किये गये हैै। वर्ष 2019-20 में 50603 एवं वर्ष 2020-21 में 1,50,000 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षित कर उनके शिल्प कौशल व प्रमाणीकरण किया गया है। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार से लगाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।
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अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) कानपुर नगर, की अध्यक्षता में जनपद के समस्त उप खनिज भण्डारकर्ताओं के बैठक

कानपुर 07 सितम्बर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) कानपुर नगर, श्री अतुल कुमार की अध्यक्षता में जनपद के समस्त उप खनिज भण्डारकर्ताओं के साथ गतदिवस बैठक की गयी। बैठक में उपस्थित उप खनिज भण्डारकर्ताओं से भण्डारण स्थल पर उपलब्ध उप खनिज के संबंध में अभिलेख मांगे गये। अभिलेखों के निरीक्षण से संज्ञान में आया की भण्डारकर्ताओं द्वारा उप खनिज का विक्रय कम किया जा रहा है। मानसून सत्र के दो माह व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी शासन की मंशा अनुरुप उप खनिज का विक्रय शतप्रतिशत नही किया गया। जिससे आम जन मानस को उप खनिज की उपलब्धता सुनिश्चित नही हो पा रही है, साथ ही मूल्य में भी वृद्धि होने की सम्भावना पैदा हो रही है। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा भण्डारकर्ताओं से 30 सितम्बर, 2021 तक भण्डारण स्थल पर भण्डारित उप खनिज मौरम/बालू के 90 प्रतिशत निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर भण्डारकर्ताओं द्वारा अवगत कराया गया कि उप खनिज की बाजार में मांग कम होने एवं वाहन स्वामियों/ट्रान्सपोर्टरों द्वारा वाहनों का कम परिचालन कराने के कारण उप खनिज का विक्रय कम हो पा रहा है।
अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा भण्डारणकर्ताओं को निर्देशित किया गया कि ट्रान्सपोर्टरों एवं वाहन स्वामियों से सम्पर्क कर प्रत्येक दशा में 30 सितम्बर, 2021 तक भण्डारित उप खनिज मौरम/बालू का नियमावली 2018 में उल्लिखित नियमों का अनुपालन करते हुये 06 सितम्बर, 2021 से 15 सितम्बर, 2021 तक 70 प्रतिशत 16 से 22 सितम्बर, 2021 तक 80 प्रतिशत, 23 से 30 सितम्बर, 2021 तक 90 प्रतिशत निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भण्डारित उप खनिज का निस्तारण न करने पर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भण्डारण स्थल पर उपलब्ध उप खनिज को जब्त कर नीलाम कर दिया जायेगा।
बैठक में श्री सुरेन्द्र सिंह चौहान, श्री सुधीर कुमार, श्री ज्ञान प्रकाश गुप्ता, श्री सौरभ पुरोहित, शाहिदा जावेद, राशिद अली, अतुल कुमार, मो0 आसिफ अहमद, राघवेन्द्र सिंह शेखावत, मेसर्स सूर्या सन्स, अतुल नारायण आदि उप खनिज भण्डारकर्ता उपस्थित रहे।
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जब 1996 बैच के आईएएस ऑफिसर ने कक्षा 4 के अनुराग को दिया अपना पाईलेट पेन

कानपुर 6 सितंबर, जब 1996 बैच के आईएएस ऑफिसर ने कक्षा 4 के अनुराग को दिया अपना पाईलेट पेन। कल्याणपुर ब्लॉक के कुरसौली गांव में डेंगू के मरीज निकले थे ।गांव की व्यवस्थाओं का जायजा लेने प्रमुख सचिव ,सिंचाई एवं जल संसाधन /नोडल अधिकारी, कानपुर नगर श्री अनिल गर्ग पहुचे थे कुरसौली गांव । गाँव के निरीक्षण के बाद प्राथमिक पाठशाला पहुचे जहाँ पर अध्यापिका बच्चों को पोयम पढा रही थी अचानक कक्षा में नोडल अधिकारी पहुचे और शांति से पीछे खड़े हो गए । उन्होंने पढ़ाई जा रही पोयम के विषय में and come and play का हिंदी मतलब अनुराग से पूछा तो कक्षा 4 की आकांक्षा और अनुराग ने बताया कि and come and play का मतलब आओ खेले तब नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने अनुराग को अपना पाइलेट पेन उपहार स्वरूप दिया। तथा आकांक्षा को जिलाधिकारी से उनका पाइलेट पेन दिलवाया । क्लास में सभी बच्चों से उन्होंने कुछ न कुछ पूछा और सभी बच्चों को पेन दिए दिलवाए । एडीएम आपूर्ति व बीएसए ने भी बच्चों को अपने पेन दिए ।नोडल अधिकारी ने बच्चों से पूछा कि आप को खाना क्या मिलता है ? इस पर बच्चों ने बताया कि खिचड़ी, डाल रोटी सब्जी आदि मिलता है। इस पर जिलाधिकारी ने पूछा कि खाना स्वादिष्ट रहता है कि नही तो बच्चे ने बताया कि खाना स्वादिष्ट मिलता है ।

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कानपुर मास्टर एथलेटिक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों तथा जूनियर नेशनल के पदक विजेता बच्चों का सम्मान

कानपुर 6 सितंबर, कानपुर मास्टर एथलेटिक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में विवेक गेस्ट हाउस आवास –विकास 3 में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों तथा जूनियर नेशनल के पदक विजेता बच्चों का एक भव्य सम्मान समारोह में सम्मान किया गया कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर सुरेंद्र रैयत ने कहा कि खिलाड़ियों का इतना बड़ा सम्मान समारोह में पहली बार देखा । इस तरह के आयोजनों से खेलों को बढ़ावा मिलता है।
सम्मान समारोह में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हरीश कनोहत्रा , संजय सिंह , सर्वजीत कौर , सुक्खू पहलवान , नीरज शर्मा , राम नारायण , डॉक्टर अजयपाल , रामकृपाल के साथ राष्ट्रीय खिलाड़ी श्री राम भरोसे , मोती लाल , कौशलेंद्र सिंह , ओम प्रकाश, दिनेश दिवेदी , सूर्यदेव , सुभाष तिवारी , जगन्नाथ , नूतन शुक्ला, सुनीता यादव , रंजीत सिंह , जितेंद्र सिंह , पंचरतन सिंह , सतीश मिश्रा तथा जूनियर नेशनल मेडलिस्ट शिवानी , नेहा कश्यप , आर्यन शर्मा (जूडो) भूमि सम्राट , अंबिका भट्टाचार्य (तीरंदाजी), सत्यम विस्ट , (फुटबाल) अजय कुमार (एथलेटिक) का मोमेंटो भेंटकर सम्मान किया गया , कार्यक्रम को आयोजित करने में मुख्य रूप से श्री बृजेश दुबे , अजय मिश्रा , आदित्य पोद्दार , विनय अवस्थी , राजेश सिंह , मनीषा शुक्ला , माला सिंह , अमर सिंह , शेर बहादुर , रमेश श्रीवास्तव , संतोष जैसवाल , शिवकुमार पांडे , सुनील आदि के साथ अन्य खिलाड़ी भी मौजूद रहे ।

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सिखाते आप हमे हर समस्या का समाधान

विद्यार्थी का जीवन सफलता से होता है रसपूर्ण,
इसके पथ पर कोई प्रयास नहीं रह जाता है अपूर्ण,
अगर शिक्षक इसके जीवन का नहीं बनते महत्त्वपूर्ण व्यक्ति,
तो क्या विद्यार्थी सदगुणों को समावेश कर बन पाता सदाचारी व्यक्ति,
ज्ञान का स्त्रोत बन कर हमें सिखाते उसका जीवन में उपयोग,
ताकि हम भारतीय नागरिक बन, कर सके देश में विकास का सहयोग ,
बहुत अपेक्षा, निरंतर प्रयत्न, तर्कसंगति से उत्पन्न मति जैसे विशेषताओं का संकलन हो हम छात्रों की अंतरात्मा में,
जीवन की सीढ़ियों में वृद्धि की क्षमता तबदील होती आपके मार्गदर्शन से,
सिखाते आप हमें हर समस्या का समाधान जो आती हर दिवस,
आपको बहुत शुभकामनाएं इस महोत्सव जिसका नाम हैं छात्रों का प्रिय शिक्षक दिवस

शौर्य मोहन
कक्षा – 11
डॉ वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर

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शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर प्रोफेशनल एडवांसमेंट द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरस्कार आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर प्रोफेशनल एडवांसमेंट (IMRF Regd with Govt of India NITI Aayog) की एक इकाई, द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरस्कार का आयोजन किया गयाl इस अवसर पर शिक्षक और अनुसन्धान के क्षेत्र मे शिक्षाविद, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ प्रीति को राजनीति विज्ञान और दलित व वनवासी अधिकारों के क्षेत्र में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान व दलित और वनवासी अधिकारों की आवाज़ बुलंद करने के लिए डॉ. राधाकृष्णन बेस्ट फैकल्टी अवार्ड इन सोशल इशूज एंड दलित राइट्स से सम्मानित किया गया l इस सन्दर्भ मे बात करते हुए डॉ. प्रीति ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानती है कि उन्हें शिक्षा के साथ साथ दलित और वनवासियों की आवाज़ उठाने के लिए शिक्षक दिवस जैसे अवसर पर डॉ राधाकृष्णन अवार्ड से सम्मानित किया गया, डॉ प्रीति का मानना है की भारत के विकास मे समाज के पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करना और राजनीती मे उनके योगदान को समाज के समक्ष लाना वास्तव मे ना सिर्फ दिलचस्प है अपितु आवश्यक भी है l

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