कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्क्वैश खेलने के शौकीन 68 वर्षीय डॉ जयशंकर ने कहा कि आज स्क्वैश कोर्ट का उद्घाटन करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। खेल मंत्रालय इस परियोजना को पूरा करने और सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है। कई खेलों को अब पहचान मिल रही है और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा फिटनेस की जीवन शैली विकसित करने तथा प्रतिभाओं को अवसर देने का संदेश हर जगह गूंज रहा है। मोदी जी हमेशा शारीरिक फिटनेस, प्रतिस्पर्धा और मानसिक शक्ति पर जोर देते हैं, जो न्यू इंडिया के लिए बहुत जरूरी है। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत सरकार देश में इस तरह की और अधिक खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। हम यथासंभव अधिक से अधिक खेल सुविधाएं विकसित करना सुनिश्चित करेंगे। मैंने 24 साल की उम्र में स्क्वैश खेलना शुरू किया था और आज मैं 68 साल का हूं। हमें बस अच्छी सुविधाओं, अच्छे कोच तथा खेलने के इरादे की जरूरत है। खेलो इंडिया और फिट इंडिया सभी के लिए है। इसके लिए कोई उम्र की सीमा नहीं है। पूर्व केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने दिसंबर 2020 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। क्रियान्वयन से पहले स्क्वैश रैकेट फेडरेशन के प्रतिनिधियों तथा प्रख्यात खिलाड़ियों के बीच वरिष्ठ स्तर पर विभिन्न बैठकें आयोजित की गईं और यह निर्णय लिया गया कि स्टेडियम में कुल 6 स्क्वैश कोर्ट बनाए जाएं। इन 6 में से कुल 3 सिंगल कोर्ट को कन्वर्टिबल कोर्ट के रूप में रखा जाएगा, जो 2 डबल्स कोर्ट में कन्वर्टिबल होंगे।अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी जी हमेशा से खेल में ताकत और प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ-साथ मानसिक विश्वास को बढ़ाना चाहते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह की सुविधा का होना उस लक्ष्य को प्राप्त करने का एक और माध्यम है। जब ऐसा मौका मिलता है तो नए सितारों के उभरने की संभावना बढ़ जाती है।इस बात का उल्लेख करते हुए कि युवा चैंपियन भारत सरकार की योजनाओं से कैसे लाभान्वित हो सकते हैं, श्री ठाकुर ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह का विश्व स्तरीय स्क्वैश इंफ्रास्ट्रक्चर आने वाले वर्षों में निश्चित रूप से ऐसे अनेक होनहार चैंपियनों को तैयार करेगा और हम अपनी लक्षित ओलंपिक पोडियम योजना तथा खेलो इंडिया योजना के माध्यम से उनका सहयोग करने के लिए तैयार हैं। भारत ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्क्वैश के खेल में राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 3 पदक और एशियाई खेलों में 13 पदक जीते हैं। यह आंकड़ा बढ़ता रहेगा। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में स्क्वैश कोर्ट के निर्माण को भारतीय खेल प्राधिकरण की शासी निकाय की बैठक में कुल 5.52 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी। भारत सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने नई दिल्ली में कोविड-19 और प्रदूषण संबंधी प्रतिबंधों के बावजूद इस परियोजना को पूरा किया।इस परिसर में 80 व्यक्तियों के बैठने की जगह है और यहां पर पुरुष, महिला एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए शौचालय, टूर्नामेंट रूम / कार्यालय कक्ष, फिजियोथेरेपी कक्ष, स्टोर, रिसेप्शन लॉबी, रखरखाव क्षेत्र आदि बनाये गए हैं। इस भवन को विश्व स्क्वैश महासंघ द्वारा अनुमोदित एएसबी सिस्टम में 100 दीवारों के साथ फैक्ट्री फिनिश्ड कस्टम डिजाइन पीईबी सुपर संरचना द्वारा बनाया गया है, जिसमें लेमिनेशन के साथ पीयूएफ की छत है।
एस जयशंकर और अनुराग ठाकुर ने मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण के पहले स्क्वैश कोर्ट का उद्घाटन किया
केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर तथा केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में स्क्वैश कोर्ट का उद्घाटन किया। ये देश भर के किसी भी केंद्र में भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा शुरू किये गए पहले स्क्वैश कोर्ट हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान खेल सचिव श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक संदीप प्रधान, और एनबीसीसी निदेशक (परियोजना) नीलेश शाह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।