कानपुर 15 सितंबर 2021 भारतिय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया। बच्चों ने पेंसिल रबड़ शार्पनर और कुछ बुक्स वितरित की, कार्यक्रम की संचालक के रूप में डॉ सूफिया सहाब ( आईसीसी संयोजक ) एवं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ( वूमेन सेल संयोजक) ने नारियों के ऊपर किए जाने वाले उत्पीड़नो को न सहने को और उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं जरूरत पड़ने पर भारत सरकार द्वारा वुमन हेल्पलाइन नंबर से भी अवगत कराया । मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीत कमल ने महिलाओं को शिक्षित होने पर एवं उनके सशक्त होने पर जोर दिया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप में अनिरुद्ध दिवेदी , अंजली सचान , तयबा अख्तर, विवेक पटेल, मैत्री पन्ना, वेदांत मिश्रा आदि इस कार्यक्रम के प्रतिभागी बनकर अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्रिंसिपल डॉ जोसेफ डेनियल तथा वाइस प्रिंसिपल डॉ सबीना बोदरा के सफल मार्गदर्शन एवं निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ
Read More »महिला जगत
हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं वरन हमारी संस्कृति भी है
प्रियंका वर्मा माहेश्वरी
अक्सर मैंने अपने बड़ों को कहते सुना है कि अगर अच्छी हिंदी सीखना चाहते हो तो अखबार पढ़ो। अखबार वह माध्यम है जो आपकी भाषा का विस्तार करता है। देश-विदेश की खबरों के साथ साहित्य से भी जोड़कर रखता है। वरिष्ठ साहित्यकारों, लेखकों, कवियों की रचनाओं के द्वारा भाषा का स्तर बढ़ता है और हिंदी का विकास होता है। सबसे प्रमुख बात है कि हिंदी भाषा के विकास में हिंदी पत्रकारिता का बहुत योगदान रहा है। इसी के जरिए बड़े – बड़े लेखक, कवि, विद्वान और साहित्यकारों से लोगों को परिचय प्राप्त हुआ।
आज हिंदी विश्व में लोकप्रिय भाषा है। लोग हिंदी में बातचीत करना और उसे अपनाना पसंद करते हैं। लघु भारत कहे जाने वाले मॉरीशस में हिंदी की उच्च शिक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं हैं। डिप्लोमा कोर्स, बीए ऑनर्स हिंदी. एम. ए. हिंदी की व्यवस्था है। नेपाल, श्रीलंका, जापान में भी हिंदी की शिक्षण व्यवस्था अच्छी है। अमेरिका में हिंदी भाषा प्रचलित नहीं है लेकिन वहां हिंदी की अच्छी मांग है और वहां के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षण व्यवस्था है।
यह तो रही विदेशों की बात लेकिन मौजूदा वक्त में हमारे यहां हिंदी भाषा का प्रचलन कम होता जा रहा है। समय की मांग और आधुनिकीकरण ने हिंदी भाषा के स्तर को कम कर दिया है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। आजकल लोग जरूरत के मुताबिक हिंदी बोलते हैं या फिर खिचड़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं ताकि आमजन को भाषा समझ में आ सके, लेकिन पहले भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और समझते थे। इस तरह खिचड़ी भाषा का चलन नहीं था। आज हमारा प्रयास होना चाहिए कि फिर से भाषा की उसी सभ्यता और संस्कृति को वापस लाया जाए। हिंदी भाषा ने कई विद्वानों और साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिन्हें हम आज भी पूजते हैं। आज जरूरत है कि आज की पीढ़ी उन्हें जाने, पढ़े और समझे ताकि वह अपने साहित्य से परिचित हो।
आज सबसे बड़ी समस्या बच्चों की है जो अपने कैरियर और स्टेटस को बनाए रखने के लिए अंग्रेजियत अपनाए हुए हैं और वैसे ही समाज का निर्माण भी कर रहे हैं और उससे भी बड़ी त्रासदी यह है कि आज के शिक्षक भी अशिक्षित होते है। उन्हें ठीक ढंग से हिंदी बोलना और पढ़ना भी नहीं आता है तो वह बच्चे को क्या सिखाएंगे? किस तरह भविष्य का निर्माण करेंगे और हिंदी भाषा को किस तरह से आगे ले जाएंगे?
आज का युग तकनीकी युग है और भाषा को भी दो भागों में बांटा जा सकता है। एक भाषा वह जो जगह जगह पर देशज शब्दों और लहजों में बोली जाती है और दूसरी साहित्य की भाषा जो उच्च स्तर पर लिखी व पढ़ी जाती है। आजकल के साहित्य में क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ गया है और वह स्वागतीय भी बन गया है ताकि भाषा की मौलिकता और देशज शब्दावली बनी रहे। आज की तकनीक ने लोगों को भाषाई तौर पर बहुत जोड़ा है। तकनीकी शब्दावली का विकास हो रहा है मगर फिर भी आज जरूरत है हिंदी को तकनीकी तौर पर और ज्यादा विकसित किया जाए।
हिंदी एक दिवस का नाम नहीं है बल्कि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति है और हमें अपनी मातृभाषा को सम्मान देना होगा और सबसे बड़ी बात कि हमारे हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए विद्वानों को प्रथम पंक्ति में खड़ा होना होगा।
एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न
कानपुर 11 सितम्बर, शुक्रवार को होटल के. डी. पैलेस में एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न हुआ,
समारोह में शिक्षा ओर कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले करीब 30 शिक्षको को महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा सम्मानित किया गया,
इस मौके पर राजीव शुक्ल, राजेंद्र गर्ग, नलिन श्रीवास्तव, डा शिप्रा श्रीवास्तव, डा प्रियंका सिंह, अंजू शुक्ल, डा राजकिशोर सिंह, आदि उपस्थित रहे।
Read More »मिशन शक्ति के तृतीय चरण में एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में “पोषण एवम जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर 11 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के तृतीय चरण महिलाओं एवम बालिकाओं के सुरक्षा, सम्मान एवम स्वावलंबन के लिए एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज की इकाई के अंतर्गत प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल एवम मिशन शक्ति तथा एन एस एस प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने ” पोषण एवम जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें छात्राओं ने पूर्ण उत्साह के साथ बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा विषय से संबंधित पोस्टर बनाएं। पोस्टर प्रतियोगिता का निरीक्षण निर्णायक मंडल की सदस्या डॉ. अलका टंडन विभागाध्यक्ष अंग्रेजी तथा डॉ. गार्गी यादव विभागाध्यक्ष रसायन विभाग ने किया। विजयी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का परिणाम निम्नवत है
प्रथम स्थान – आयुषी शुक्ला (पोषाहार) बी. ए. II
द्वितीय स्थान – यास्मीन बानो ( कुपोषण) बी ए
II
तृतीय स्थान – श्रेया श्रीवास्तव (पोषण एवम कुपोषण) बी ए III
सांत्वना पुरस्कार – सोनम शर्मा ( स्वस्थ रहो) बी ए π
महाविद्यालय की हेल्थ इकाई की प्रभारी डॉ. प्रीति सिंह ने बालिका स्वास्थ्य एवम स्वच्छता ( Women Health and Hygiene) विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन करवाया जिसमें गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के गाइनी विभाग की प्रोफेसर डॉ.सीमा द्विवेदी ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया तथा उन्हें फर्स्ट एड मेडिकल किट तैयार करने के विषय में बताया। छात्राओं को फर्स्ट एड मेडिकल किट वितरित भी किए गए। हेल्थ क्लब की सह प्रभारी डॉ. मोनिका शुक्ला ने छात्राओं को पोषण, खाद्य पदार्थों को प्रभावी ढंग से स्वास्थ्य की लाभप्रद अवस्था में प्रयोग करने के गुर बताए।
Read More »केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री 11 और 12 सितंबर, 2021 को मणिपुर में ‘पोषण माह’ समारोहों की शोभा बढ़ाएंगी
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत मनाए जा रहे ‘पोषण माह’ के भाग के रूप में, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी 11 और 12 सितंबर, 2021 को इम्फाल, मणिपुर में होने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला में भाग लेंगी।
11 सितंबर को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री इम्फाल में सिटी कन्वेंशन सेंटर में हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह पर एक कार्यक्रम में मुख्य संबोधन देंगी। इसके बाद, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को औषधीय पौधों व गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों सहित आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को न्यूट्री-किट्स का वितरण करेंगी। इम्फाल में सिटी कन्वेंशन सेंटर में एक एनीमिया जांच शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री बासापुरा, इम्फाल में मुख्यमंत्री सचिवालय में मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह से भी मुलाकात करेंगी।
12 सितंबर, 2021 को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री बिष्णुपुर जिले में डिस्ट्रिक्ट पंचायत रिसोर्स सेंटर में पोषण माह समारोह पर एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम औषधीय पौधों और फल देने वाले पेड़ों के पौधारोपण के साथ शुरू होगा, जिसके बाद एक एनीमिया शिविर का शुभारम्भ होगा। कार्यक्रम में संबोधन देने के बाद केंद्रीय मंत्री पोषण साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाएंगी।
12 सितंबर को अन्य प्रमुख कार्यक्रम आईएनए, मोइरैंग में होगा, जहां आईएनए मेमोरियल हॉल में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री लाभार्थियों, एडब्ल्यूडब्ल्यू, एडब्ल्यूएच, सुपरवाइजरों, सीडीपीओ और डीपीओ के साथ संवाद करेंगी। केंद्रीय मंत्री एक पोषण वॉक को भी हरी झंडी दिखाएंगी।
पोषण अभियान
पोषण अभियान बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण में सुधार के उद्देश्य से शुरू किया गया भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजस्थान के झुंझुनू से शुरू किया गया पोषण (प्राइम मिनिस्टर्स ओवरआर्चिंग स्कीम फोर होलिस्टिक न्यूट्रिशन) अभियान का उद्देश्य कुपोषण की समस्या की ओर देश का ध्यान आकर्षित करना और इससे मिशन के रूप में निपटना है।
पोषण अभियान स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी वाला एक जनांदोलन है। सामुदायिक एकजुटता सुनिश्चित करने और लोगों की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में, देश भर में सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर पोषण माह- 2021 के दौरान गतिविधियों की एक श्रृंखला के आयोजन की योजना बनाई है। इस साल पोषण माह के दौरान सभी हितधारकों के द्वारा की जाने वाली गतिविधियां आंगनबाड़ियों, स्कूल परिसरों, ग्राम पंचायतों और अन्य स्थानों में उपलब्ध स्थान में पोषण वाटिका के लिए पौधारोपण अभियान पर केंद्रित हैं।
पौधारोपण गतिविधि पोषक फल देने वाले पौधों, स्थानीय सब्जियों, औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों के पौधे रोपने पर केंद्रित है। कोविड टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए संवेदनशील/ जागरूक बनाने का अभियान चलाया जा रहा है, बच्चों (6 साल से उम्र से कम) के लिए लंबाई और वजन मापने का विशेष अभियान, गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक खाद्य पदार्थों को रेखांकित करने के लिए नारा लेखन और पाक विधि प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। पोषण माह के दौरान होने वाली गतिविधियों में क्षेत्रीय/ स्थानीय खाद्य, क्षेत्रीय खाद्य पदार्थों से युक्त न्यूट्रीशियन किट्स के वितरण, एनीमिया शिविरों, विकासखंड वार एसएएम बच्चों की पहचान के लिए अभियान, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में एसएएम के प्रसार को रोकने की पहल के रूप में एसएएम बच्चों के लिए पूरक आहार कार्यक्रम की निगरानी, भारी कुपोषण के सामुदायिक प्रबंधन के लिए संवेदनशील बनाने और एसएएम बच्चों के लिए पोषक खाद्य पदार्थों का वितरण शामिल है।
Read More »शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर प्रोफेशनल एडवांसमेंट द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरस्कार आयोजित
भारतीय स्वरूप संवाददाता, 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर प्रोफेशनल एडवांसमेंट (IMRF Regd with Govt of India NITI Aayog) की एक इकाई, द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरस्कार का आयोजन किया गयाl इस अवसर पर शिक्षक और अनुसन्धान के क्षेत्र मे शिक्षाविद, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ प्रीति को राजनीति विज्ञान और दलित व वनवासी अधिकारों के क्षेत्र में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान व दलित और वनवासी अधिकारों की आवाज़ बुलंद करने के लिए डॉ. राधाकृष्णन बेस्ट फैकल्टी अवार्ड इन सोशल इशूज एंड दलित राइट्स से सम्मानित किया गया l इस सन्दर्भ मे बात करते हुए डॉ. प्रीति ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानती है कि उन्हें शिक्षा के साथ साथ दलित और वनवासियों की आवाज़ उठाने के लिए शिक्षक दिवस जैसे अवसर पर डॉ राधाकृष्णन अवार्ड से सम्मानित किया गया, डॉ प्रीति का मानना है की भारत के विकास मे समाज के पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करना और राजनीती मे उनके योगदान को समाज के समक्ष लाना वास्तव मे ना सिर्फ दिलचस्प है अपितु आवश्यक भी है l
Read More »लखनऊ जनपद के 75 शिक्षाविद सम्मानित
लखनऊ 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ जनपद के 75 शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ से डॉ0अखिलेश सिंह विभागाध्यक्ष भौतिक विज्ञान, डॉ0 सील धर दुबे विभागाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा ,डॉ प्रज्ञा मिश्रा विभागाध्यक्ष,गणित विभाग एवं डॉ नेहा जैन विभागाध्यक्षसमाज शास्त्र विभाग शिक्षक सम्मान 2021 प्रदान किया गया कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री के रूप में माननीय दिनेश शर्मा जी, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे
Read More »एस ऍन सेन बालिका विद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन एवम पोषण के प्रति जागरूकता पर व्याख्यान आयोजित
कानपुर 5 सितंबर, एस ऍन सेन बालिका विद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति – फेज ३ अभियान में प्रथम शनिवार को बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन एवम पोषण के प्रति जागरूकता पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया साथ ही परामर्श सत्र को भी आयोजन किया गया। महाविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग को असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मोनिका शुक्ला ने बालिकाओं को पोषण के सम्बन्ध में जागरूक करते हुए बताया की किस प्रकार वे अपने तथा अपने आस-पास के व्यक्तियों के खान-पान के प्रति जागरूक रह सकती हैं और उन्हें संतुलित भोजन के लाभ भी बता सकती है। साथ ही साथ परामर्श सत्र में छात्रों को उनकी अनेक आशंकाओं के निवारण के लिए भी उत्साहित किया गया। इस कारिक्रम में महाविद्यालय में मिशन शक्ति प्रभारी एवम ऍन एस एस प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने छात्राओं को खान-पान के प्रति जागरूक रहने के सम्भन्ध में निर्देशित किया।
Read More »दोस्त व्यस्त मतलब दोस्ती अस्त
किसी ने मुझसे पूछा ..दोस्ती कैसी होनी चाहिये ? हर इक इन्सान का हर बात के लिये अपना अलग नज़रिया होता है।
“ मेरा सवाल करना और तेरा जवाब न आना ..तुम्हारे शहर में ये होता होगा ,जहां तक हम जानते हैं दोस्ती का ये रिवाज हमारे शहर में तो नहीं “ सोचने की बात तो है ये दोस्तों! “दोस्त भी हो और व्यस्त भी हो !
सुनिये जनाब !
दोस्ती मे व्यस्त मतलब दोस्ती का अस्त “
अक्सर लोग ऐसा ही सोचते है। मगर सच मे अगर दोस्ती हो तो इन्सान दूसरे की व्यस्तता को समझता है।
मेरे विचार मे दोस्ती मे पवित्रता का होना बेहद लाज़मी है, क्योंकि पवित्रता और मित्रता का संगम ही है दोस्ती ।
हर रिश्ते की तरह दोस्ती की भी इक मर्यादा होती है ।दोस्त वही है जो उस मर्यादा का सम्मान कर सके ।बहुत बार दोस्ती खोने की बडी वजह मर्यादा की उलंघना ही होती है ।
दोस्ती करना आसान होता है
पर निभानी बहुत मुश्किल।
दोस्ती हालातों के बदलते कभी बदलती नही..पहली मुलाक़ात से शुरू हो कर आख़िरी साँस तक चले ,वो है दोस्ती ।
इक अच्छा दोस्त आप की पीठ के पीछे भी आप को किसी की नज़रों में गिरने न देगा और हर आलोचना से आप को बचायेगा भी..।
आज के दौर में लोग एक दूसरे से फ़ेसबुक पर बात करते हैं और कितने दोस्त भी बन जाते जिनसे कई बार हम कुछ सिखते है या वो हमसे।दोस्त अगर अच्छे हो तो यकीनन किसी को डिप्रेशन जैसी कोई चीज नहीं हो सकती।
किसी से अगर दोस्ती हो तो ये मतलब नहीं कि उनमें प्रेम ही होता है दोस्ती भी कई तरह की होती है कुछ दोस्त औपचारिकता वश,कुछ लोभ वश,कुछ जिज्ञासा वश ,कुछ सिर्फ़ वक़्त काटने के लिये ही ,कुछ प्यार वश और कई लोग दोस्ती दिमाग से करते है ..तो कुछ दिल से।
दिल से की गई दोस्ती ही दोस्ती होती है जहां कोई ग़रज़ नहीं ,
गिला शिकवा नहीं ,परख नहीं ,अहंकार नहीं होता।चाहे आप बरसो बाद भी मिलो या कभी फ़ोन पर बात भी न हो मगर फिर भी प्यार व दोस्ती बनी रहे।दूरियों के बाद भी जो क़ायम रहे ..वहीं है असल दोस्ती
कुछ लोग प्रेम और दोस्ती को एक ही नाम दे देते है ।प्रेम सिर्फ़ एक से ही होता है मगर दोस्ती बहुतों से हो सकती है ।दोस्ती और प्रेम मे बस इतना ही फ़र्क़ होता है प्रेमी कहता है अगर तुम नहीं तो मैं ज़िन्दा नही रह पाऊँगा .. और दोस्त कहता है .. “जब तक मैं ज़िन्दा हूँ न “तुम्हें कुछ होने नही दूँगा ।
दोस्त तो बहुत मिलेंगे मगर
सवाल दोस्ती का नहीं इक विश्वास का है
पवित्र मन का मालिक ही असल मे दोस्ती के क़ाबिल होता है।दोस्तों अगर आप के पास एक भी ऐसा अच्छा दोस्त है तो यकीनन आप क़िस्मत के धनी है।
कल होगा सर्किट हाउस में महिला जन सुनवाई का आयोजन
कानपुर 31 अगस्त, उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की मा0 सदस्य श्रीमती पूनम कपूर ने बताया है कि कल दिनांक 01 सितम्बर, 2021 प्रातः 10 बजे सर्किट हाउस में महिला जन सुनवाई का आयोजन मिशन शक्ति फेस-3 के अन्तर्गत किया जायेगा। उन्होंने बताया है कि महिला जन सुनवाई में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीडन, मारपीट व अन्य महिलाओं से उत्पीडन संबंधी प्रकरणों को सुनते हुये उनका यथाशीघ्र निस्तारण किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि महिला जन सुनवाई में कोई भी पीडित महिला अपनी समस्या को प्रस्तुत कर सकती है। इस महिला जन सुनवाई में महिला आयोग की मा0 सदस्य श्रीमती रंजना शुक्ला भी उपस्थित रहकर महिलाओं की समस्याओं को सुनेगी।
उन्होंने बताया है कि महिला जन सुनवाई में प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के हितों में संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी भी दी जायेगी। महिला जन सुनवाई में पुलिस विभाग से संबंधित अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, महिला थानाध्यक्ष तथा वन स्टॉप सेन्टर की प्रभारी अधिकारी भी उपस्थित रहेगी। उन्होंने कहा है कि इस महिला जनसुनवाई में पीडित महिलायें आवश्यक रुप से उपस्थित होकर अपनी समस्याओं को रख कर इस अवसर का लाभ प्राप्त कर सकती है।