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निःस्वार्थ प्यार के आधार पर किसी को भी वश मे किया जा सकता

मंत्र और तंत्र की शक्ति से बड़ी ताक़त, प्रेम भक्ति ,सहजता भोलापन और श्रद्धा है ..रब को भी वश मे करने के लिये इन्हीं भाव की ज़रूरत पड़ती है , श्रद्धा और प्रेम से उसका नाम पुकारना ही काफ़ी होता है ..जब भगवान निःस्वार्थ प्यार से भक्ति से किसी के वंश मे हो सकता है तो इन्सान क्यूं नही। किसी भी इन्सान को निःस्वार्थ प्यार के आधार पर अपने वश मे किया जा सकता है।बहुत दुख की बात है आज भी कुछ लोग दूसरो पर वशीकरण टूणा टोटका जैसी चीजे करते है।अगर किसी इन्सान का प्यार पाने के लिये आपको इस तरहा के टूणे टोटके करने पड़ते है तो समझ ले !आप ही के प्यार में खोट है जो आप किसी को अपने प्यार के ज़रिए नहीं बल्कि ग़लत तरीक़े से उसे अपना बनाना चाह रहे हैं यहाँ ये समझना बहुत ज़रूरी हो जाता है अगर आप को ऐसा करना पड़ रहा है तो यकीनन ही वह इन्सान आप को प्रेम नहीं करता आप ज़बरदस्ती उसे अपने वश में कर रहे हैं। प्रेम को हमेशा स्वतंत्र रहने दे।आप का होगा तो आप के पास ही आयेगा।ज़बरदस्ती से बांधने की कोशिश न करे।
दोस्तों !
मैं जिस परिवार से हूँ वहाँ कर्मकाण्ड में विश्वास नहीं किया जाता। किसी को वश में करना सिर्फ़ प्रेम से ही सिखाया गया है।अगर किसी को मंत्र तंत्र या कर्मकांड से अपने वश में करते है तो आप खुद को पहले ही कमजोर साबित कर देते है।इसीलिए आप खुद पर भरोसा न कर इन चीजो का सहारा लेते है वो चाहे किसी का प्रेम हो ,किसी का धन हो या व्यापार
हो।जो सहजता से मिले वही आपका है अन्यथा नहीं ।
दोस्तों
आजकल यू ट्यूब भरा हुआ है ऐसी बातों से .. कि कैसे किसी को वश में किया जा सकता है दुख होता है ऐसी सोच पर।कई बार सुनने मे आता कि किसी ने मुझ पर कुछ कर दिया है हमारे ऊपर जादू टूणा कर दिया है और लोग भागते है पंडितों के पास ,कितना पैसा ख़राब करते है ऐसी बातों पर ।
दोस्तों !
अगर कोई गेंद आप की तरफ़ ज़ोर से फेंके और आप उसे न पकड़े तो क्या होगा गेंद इधर उधर या नीचे ही गिरेगी ।जब हम कहने लगते है या हम ये मान लेते है कि किसी ने हम पर कुछ किया है तो ये वहम सच होने लगता है आप इस बात को मान कर इसे और शक्ति प्रदान कर देते है जबकि इसके विपरीत अगर आप कहे और मान ले ,दिल से और आत्मा से कि मुझ पर कोई कुछ नही कर सकता।मुझे कोई छू भी नही सकता और खुद पर विश्वास करे कि आप खुद एक पत्थर की चटान जैसे है जब भी कोई इससे टकरायेगा वो खुद ही चूर चूर हो जायेगा।खुद को ताकतवर समझे।आत्मा मे बहुत बल होता है आप की इजाज़त के बग़ैर आप को कोई कुछ नही कर सकता। कोई प्रेत या बुरी शक्ति आप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती जब तक आप खुद न चाहे।
जो भी अच्छा या बुरा हो रहा होता है वो हमारे ही करमो का फल होता है

कमजोर मन के लोगों पर इन चीजो का प्रभाव ज़्यादा होता है वो यक़ीन करते है ऐसी बातों पर ,तो होता भी होगा। जब की हर जीव परमात्मा का ही अशं है तो वो कैसे कमजोर हो सकती है।
दोस्तों खुद पर भरोसा करना है सब को प्यार से जीतना सीखना होगा।अपनी सोच ,अपने प्रेम पर विश्वास करना होगा .. सब को जीता जा सकता है ।
अगर सब कुछ करने के बावजूद कोई आप का नही हुआ तो यकीनन वो चीज या इन्सान आप का था ही नही ।सच्चे प्रेम प्यार से सब को बांधा जा सकता है। अपनी सोच को ताक़त दीजिए ,भावनाओं को कोमल करने की आवश्यकता है मतलब ये कि सहज रहे।
जिसको आप के साथ बंधना होना होता है वो खुद ही बंध जायेगा .. बांधने की कोशिश न करे ..न ही कोई ज़रूरत ही है ।बधंन हो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम का ही हो 🙏अन्यथा कोई नही। 🌹 स्मिता केंथ