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महिला जगत

दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता आयोजित

लखनऊ, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ. अर्चना राजन (सड़क सुरक्षा नोडल अधिकारी ,लखनऊ संभाग ) की अध्यक्षता एवं डॉ नेहा जैन (महाविद्यालय नोडल अधिकारी सड़क सुरक्षा ), डॉ. पीके मौर्य , डॉ. रिचा पांडे, डॉ.साधना सिंह यादव, डॉ. निशी मिश्रा के कुशल निर्देशन में लखनऊ संभाग स्तरीय कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया l कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डॉ.जी .एस. गुप्ता ,सेवानिवृत्त प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय ,हरख बाराबंकी ,डॉ.मीनू सक्सेना, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय गोसाई खेड़ा, उन्नाव ,डॉ .मीना श्रीवास्तव ,पूर्व प्राचार्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ ,एवं डॉ वीणा गोपाल प्राचार्य भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी उपस्थित रहे ! कार्यक्रम का शुभारंभ में मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन हुआ इसके उपरांत कविता प्रतियोगिता प्रारंभ की गई जिसमें प्रथम स्थान पर राजकिशोर ,राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोसाई खेड़ा ,द्वितीय स्थान पर गरिमा सिंह, नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ एवं तृतीय स्थान पर स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी रही ! पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आरती प्रजापति ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ , द्वितीय स्थान प्रीति आर.एम.पी .जी कॉलेज सीतापुर एवं प्रिया गुप्ता ,नवयुग कन्या पीजी कॉलेज लखनऊ ने प्राप्त किया l सड़क सुरक्षा जागरूकता पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता में प्रथम धीरज मिश्रा ,आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग महाविद्यालय सीतापुर, द्वितीय पियूष शुक्ला, महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदोई एवं तृतीय स्थान स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी ने प्राप्त किया ! इन प्रतियोगिताओं में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों ने सहभागिता की जिसमें प्रमुख रुप से भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी lमहाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,हरदोई l इंदिरा गांधी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बांगरमऊ, उन्नाव l पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ ! नेशनल पीजी कॉलेज ,लखनऊ ! नवयुग कन्या महाविद्यालय ,लखनऊ! आर. एम. पी. जी .कॉलेज, सीतापुरl आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर, महाराजाबिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ , नारीशिक्षा निकेतन महाविद्यालय, लखनऊ !कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों गणमान्य प्राध्यापकों ने सहभागिता की! कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए डॉ नेहा जैन ने सभी मंचासीन अतिथियों एवं आए हुए आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया ! कार्यक्रम की अगली कड़ी में पवन कुमार मौर्या जी ने सड़क सुरक्षा पर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना, रेंजर एवं नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत गठित एक्टिविटी क्लब के माध्यम से महाविद्यालय में सड़क सुरक्षा जागरूकता से संबंधित कार्यक्रमों की आख्या प्रस्तुत की ! विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ. मीना श्रीवास्तव जी ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली क्षति और सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों की सार्थकता तभी है जब हम इन के माध्यम से दिए जा रहे संदेशों को अपने जीवन में अमल में लाएं l विशिष्ट अतिथि के रुप के रूप में उपस्थित डॉ.जी .एस .गुप्ता जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए समाज में जागरूक नागरिक बनने के लिए तमाम जानकारियों को अपने व्यवहार में और अभ्यास में शामिल करने की अपील ! महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ.अर्चना राजन ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए यह बताया कि इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से चयनित छात्र छात्राएं अपने जनपद में सड़क सुरक्षा की जानकारी से संबंधित एक ब्रांड एंबेस्डर के रूप में है और उन्हें समाज में अपने दायित्वों को पूरा करना है, वह स्वयं और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें कि किस प्रकार सावधानियां रखते हुए हम दुर्घटनाओं से बच सकते हैं और समाज को भी बचा सकते हैं! कार्यक्रम के अंत में डॉ .पवन कुमार मौर्या ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया! कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य , छात्राएं एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे!

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। आज के कार्यक्रम में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ जोसेफ डेनियल, उप प्रधानाचार्य डॉ सबीना बोदरा , प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा एवं हमारे मुख्य अतिथि एनएसएस कोऑर्डिनेटर सीएसजेएम कानपुर डॉ के एन मिश्रा आदि मौजूद थे।

प्रधानाचार्य और मुख्य अतिथि ने एनएसएस इकाई के छात्र एवं छात्राओं को मतदान के प्रति जागरूक किया तथा उन्हें कई महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराया। एनएसएस के छात्र एवं छात्राओं ने आज मतदान जागरूकता के संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के छात्रों के प्रतिनिधि हर्षवर्धन दीक्षित एवं खुशी मल्होत्रा ने अपनी एनएसएस की टीम जिनमें आयुष कुमार, अरबाज खान, गिरीशा माथुर, वर्षा आनंद, आयुषी पाठक, सय्यद मोमीन, दीपांशी, मैत्री पन्ना, कांची त्रिपाठी, आशुतोष शुक्ला, पवन श्रीवास्तव, सिमरन गौतम, मुस्कान मिश्रा, मानसी त्रिपाठी, बिना खातून, सृष्टि त्रिपाठी, साक्षी, शालिनी सिंह, श्रद्धा गुप्ता, संस्कृति सिंह। इन्होंने कार्यक्रम का आयोजन किया।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज में विज्ञान संकाय ने जगदीश चंद्र बसु की जयंती मनाई

कानपुर 30 नवंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज, कानपुर में विज्ञान संकाय द्वारा श्री जगदीश चंद्र बसु की जयंती मनाई गई।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल, जंतु विज्ञान की अध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा, वनस्पति विज्ञान की अध्यक्षा डॉ संध्या सिंह और रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ गार्गी यादव ने दीप प्रज्वलित कर और श्री जगदीश चंद्र बसु के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।
प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने बताया कि डॉ बसु एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने पौधों पर अध्ययन कर सिद्ध किया कि वे भी संवेदनशील होते हैं।
डॉ गार्गी यादव ने बताया कि डॉ बसु ने विद्युत तरंगों पर शोधकार्य किए। उनको अनेक सम्मान मिले, वे बहुत सारी वैज्ञानिक संस्थानों के सदस्य रहे। बी एससी की छात्रा कु प्रेमिका पाल ने उनके वैज्ञानिक जीवन से जुड़े तथ्यों को बताया।
इस इस अवसर पर डॉ निशा वर्मा, श्रीमती किरन, डॉ शैल बाजपेई, कु वर्षा सिंह, कु तैयबा, डॉ राई घोष श्रीमती प्रतिभा समेत सभी शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज कानपुर, महिला जागृति संस्था व भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज कानपुर, महिला जागृति संस्था व भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया
मुख्य अतिथि महापौर प्रमिला पांडेय,मुख्य अतिथि महापौर,कानपुर, महिला जागरण संस्थान की अध्यक्षा विजयता , I.N.O. की डॉ सांची टंडन, महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन प्राचार्या डॉ निशा , योग प्रशिक्षक डॉ ममता और कार्यशाला की संयोजिका डॉ गार्गी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
प्राचार्या ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जानकारी दी कि नई शिक्षा नीति में छात्राओं को प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग में जागरूक करने हेतु इसे रोजगार परक कार्यक्रमों की श्रृंखला में शामिल किया गया है, महापौर प्रमिला पांडेय ने महाविद्यालय को ऐसी कार्यशाला आयोजित करने पर बधाई देते हुए कहा कि महामारी के समय पूरे विश्व ने देखा कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा कितनी कारगर सिद्ध हुई है l। INO की अध्यक्षा डॉ सांची टंडन, ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा में नियमित जीवन शैली व संतुलित आहार और प्राणायाम का उपयोग करते हुए शरीर को रोगमुक्त रखा जा सकता है। योग प्रशिक्षक डॉ ममता द्विवेदी और श्रीमती विजेता ने छात्राओं को योगिक आसनों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। श्री शुभ्रो सेन ने रोजगारपरक कार्यक्रमों की महत्ता के बारे में बताया।
रसायन शास्त्र की प्रवक्ता कु वर्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया  कार्यक्रम का संयोजन व संचालन वोकेशनल कोर्स इंचार्ज डॉ गार्गी यादव ने किया

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एस .एन. सेन बी वी पी जी कॉलेज कानपुर के सभागार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा व्याख्यान श्रृंखला आयोजित

कानपुर 26 नवंबर एस .एन. सेन बी वी पी जी कॉलेज कानपुर के सभागार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के द्वारा एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया गया। व्याख्यान श्रंखला के प्रथम व्याख्यान का उद्घाटन मुख्य वक्ता श्री धनेश चतुर्वेदी Group HR Head DFM foods, महाविद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव श्री पी.के सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल और प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ गार्गी यादव द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। मुख्य प्रवक्ता श्री धनेश चतुर्वेदी जी नवीनतम उद्योग प्रथाओं के अनुरूप छात्राओं के ज्ञान के आधार को समृद्ध करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि छात्राओं की तार्किक शक्ति और संप्रेषण कौशल को निखारने की जरूरत है। रोजगार के लिए छात्राओं की आवश्यक बुनियादी अवधारणाएं स्पष्ट हो। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को अपने प्रेजेंटेशन स्किल को बढ़ाना चाहिए ग्रुप डिस्कशन तकनीक का भरपूर उपयोग और ज्यादा से ज्यादा मॉक साक्षात्त्मक के द्वारा खुद को तैयार करना चाहिए और प्रभावशाली बायोडाटा बनाना चाहिए। इन सबसे ऊपर आत्मविश्वास से साक्षात्कार में शामिल होना चाहिए। प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन ने छात्राओं के लिए गाइडेंस व्याख्यानो और व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से उनकी करियर की रूचि परिभाषित करने की आवश्यकता बताई। प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि छात्राओं के हित के लिए महाविद्यालय का प्लेसमेंट सेल आगे भी विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज डॉक्टर गार्गी यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ निशा वर्मा ने किया।

व्याख्यान में प्लेसमेंट सेल समिति की कु कोमल सरोज व समस्त शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहे।

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किसान आंदोलन क्या वाकई समाप्ति पर

करीब एक साल के लंबे अंतराल के बाद किसान आंदोलन का स्वर धीमा पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की है और एम एस पी से जुड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है। हालांकि किसानों ने आंदोलन को अभी समाप्त नहीं किया है और यह जीत किसानों की अभी अधूरी ही है क्योंकि जब तक एम एस पी पर कोई कानून नहीं बन जाता है तब तक उनका संघर्ष अधूरा ही है।
काफी समय से फसल के समर्थन मूल्य पर विवाद होते आ रहे हैं और अभी तक इस मसले का कोई स्थाई हल भी नहीं निकाला जा सका है। इस नए किसान बिल में छोटे किसानों को लाभ जरूर दर्शाया गया है और बिचौलियों से राहत की बात दर्शायी गयी लेकिन किसानों में इस बिल को लेकर संदेह बना रहा और वे इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। सरकार ने समर्थन मूल्य के मसले पर समिति बनाने की बात तो कही लेकिन इस समस्या का कोई स्थाई हल देने का कोई वायदा नहीं किया। गौरतलब है कि इस मसले को अभी तक नजरअंदाज ही किया जा रहा है। समर्थन मूल्य देने से सरकार को कोई नुकसान हो सकता है क्या? या भंडारण व्यवस्था पर कोई असर पड़ेगा? किसानों में अस्सी फीसदी से ज्यादा आबादी छोटे और सीमांत किसानों की है, बड़े किसान छह सात फीसदी से ज्यादा नहीं है और मध्यम दर्जे की किसान दस फीसदी से ज्यादा नहीं है। अगर कृषि कानूनों का लाभ बड़े किसानों को मिलता रहेगा तो छोटे किसान क्या करेंगे?
यह जरूरी है कि किसानों के संदेह को समाप्त करने के लिए समर्थन मूल्य के मुद्दे को कानूनी जामा पहनाया जाए। साथ ही यह भी जरूरी हो जाता है कि सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों में पारदर्शिता हो ना कि बिचोलियों और उद्योगपतियों के हाथ की वो कठपुतली बन जाए। कानून को थोपने के बजाय किसानों की समस्या का समाधान हो। उनकी आय बढ़ाने की बात की जाये। फसल बीमा योजना का पैसा किसानों के हाथ में ना जाकर बीमा कंपनियों को मिल जाता है। किसान सम्मान निधि का पैसा पचास फीसदी भी किसानों तक नहीं पहुंचता है। इस मसले पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
हालांकि आजकल राजनीति सिर्फ चुनाव जीतने भर तक ही रह गई है और असल मतलब सिर्फ सत्ता हासिल करना रह गया है। किसान अभी भी सिर्फ वोटर ही है। उत्तर प्रदेश और पंजाब के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज के माहौल में किसानों के मुद्दे में राजनीतिक लाभ ना खोजा जाए यह बात संदेहास्पद लगती है लेकिन फिर भी किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इस मसले को राजनीतिक गलियारों से दूर रखा जाए। -प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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स्मार्ट क्लीनिंग सोल्यूशंस के लिए मशहूर यूफी बाय अंकर ने भारत में रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर के अपने सबसे एडवांस्ड वर्जन रोबोवैक X8 हाइब्रिड को लॉन्च करने की घोषणा की

यूफी बाय अंकर ने आइपाथ लेजर नैविगेशन, ट्विन टर्बाइन टेक्नोलॉजी और वाई फाई के साथ रोबोवैक X8 हाइब्रिड लॉन्च किया, यह प्रोडक्‍ट पेट ओनर्स के लिए बिल्‍कुल परफेक्ट है

मुंबई, 18 नवंबर, 2021 : अपने स्मार्ट क्लीनिंग सोल्यूशंस के लिए मशहूर यूफी बाय अंकर ने भारत में रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर के अपने सबसे एडवांस्ड वर्जन रोबोवैक X8 हाइब्रिड को लॉन्च करने की घोषणा की। यह एक इनोवेटिव लेजर नैविगेशन रोबिटक वैक्यूम क्लीनर है जिसमें पेट्स के हेयर को साफ करने के लिए 2 इन 1 वैक्यूमिंग और मॉपिग क्षमताओं के साथ 2000pa X 2 की सक्शन पावर है। यह प्रॉडक्ट 34,999 रुपये की कीमत में 12 महीने की वॉरंटी के साथ फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।

रोबोवैक X8 हाइब्रिड पावर में और लंबे समय तक क्लीनिंग करने के लिए “डबल डाउन ऑन पावर, डबल डाउन ऑन लाइफ” है। नई यूफी टेक्नोलॉजी ने गहरे स्तर तक साफ-सफाई के लिए सक्शन पवर को डबल कर दिया है। 2000 pa की सक्शन पावर से लैस क्लीनिंग पावर को 80 फीसदी तक बढ़ाने वाले 2 टर्बाइन लगे हैं। इनकी अनोखे पेट हेयर मैग्नेट टिवन टरबाइन बेजोड़ ताकत के साथ पेट के बालों की ज्यादा गहराई से 57.6 फीसदी तक साफ करता है। घर के आसपास ज्यादा हवा आती है और रोलर ब्रश में बाल उलझते नहीं है। इसके अलावा अल्ट्रा पैक डस्ट कम्‍प्रेशन टेक्नोलॉजी डस्टबॉक्स में जगह को बढ़ाती है, जिससे उसमें पहले से ज्यादा गंदगी इकट्ठा होती है। यही नहीं, इसे खाली करने के समय कम भी कम धूल या गंध उड़ती है। अब समय आ गया है कि आप अपने घर के फ्लोर को रोबोवैक X8 हाइब्रिड के हवाले कर दें और ज्यादा महत्वपूर्ण चीजों पर फोकस करें।

2-इन-1 मल्टीटास्कर प्रो-रोबोवैक X8 हाइब्रिड गंदगी को तब ज्यादा बेहतर तरीके से साफ करता है, जब ज्यादा प्रभावी क्लिनिंग शेड्यूल का पालन किया जाए और एकदम परफेक्ट ढंग से फर्श की सफाई करें। एक्सट्रा लार्ज 250 मिलीलीटर के वाटर टैंक से 140 मिनट तक पोंछा लगाया जा सकता है और 180 मिनट तक वैक्‍यूमिंग की जा सकती है।

यूफी रोबोवैक कई इंटेलिजेंट कंट्रोल्स के साथ आता है, जिसे ज्यादा स्मार्ट लाइफ के लिए डिजाइन किया गया है। इसका अनोखा आइपाथ लेजर नैविगेशन घर के माहौल को काफी बारीकी से याद कर रियल टाइम में सफाई कर रहा है। वैक्यूम क्लीनर काफी तेजी से क्लीनिंग रूटीन फॉलो करने के लिए प्रभावी क्लीनिंग करता है। एआई मैप 2.0 टेक्नोलॉजी से लैस रोबोवैकX8 हाइब्रिड ऐप के माध्यम से क्लीनिंग एरिया, नो-गो जोन्स, मल्टी फ्लोर मैपिंग को कस्‍टमाइज करता है । रोबोवैक को ‘यूफी ऐप’ से कंट्रोल कीजिए जोकि एंड्रॉयड और आईओएस पर उपलब्ध है।

आराम से बैठ कर रिलेक्स करें क्‍योंकि रोबोवैक की आईक्यू टेक्नोलॉजी सक्शन पावर को अपने आप उस समय बढ़ा देती है, जब फर्श पर ज्यादा डस्ट होता है। यह वैक्यूम क्लीनर 180 वर्ग मीटर तक फर्श की सफाई करता है। अल्ट्रा लांग रनटाइम रोबोवैक X8 को सपोर्ट करता है। इसका वॉयस ऐक्‍टीवेटेड कंट्रोल गूगल असिटेंट और एलेक्सा के साथ बखूबी काम करता है। अब आप जब चाहें तो वॉयस कंट्रोल असिस्टेंट्स की मदद से घर की साफ-सफाई शुरू कर सकते हैं।

यूफी के पास भारत में रोबोटिक वैक्यूम सीरीज की मजबूत रेंज है। इसमें रोबोवैक G10, G30, 35C शामिल है, जिसमें भारत में पहली बार स्मार्ट क्लीनिंग सोल्यूशंस की सीरीज शामिल की गई है।
यूफी के विषय में
यूफी अंकर इनोवेशंस का एक हिस्सा है। यूफी का मोटो आपके लिए आसान तरीके से स्मार्ट होम (“स्मार्ट होम सिम्प्लीफाइड”) बनाना है। कंपनी का यह आदर्श वाक्य हमें आसानी से इस्तेमाल किए जा सकने वाले स्मार्ट होम डिवाइसेज और अप्लायंसेज बनाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे उपभोक्ताओं की जिंदगी को और बेहतर बनाया जा सके। लेजर से चलने वाले रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर्स से वायरलेस सिक्युरिटी सिस्टम तक, यूफी का हर प्रॉडक्ट आधुनिक तकनीक से बनाया गया है और इसे आपकी सुविधा के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यूफी कनेक्टेड डिवाइसेज और अप्लायंसेज की नई रेंज पेश करता है, जो एक साथ मिलकर आपको पूरी तरह स्मार्ट होम का अहसास दिलाते हैं।

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विस्‍तृत जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें :
अबिगेल फर्नांडीज। साइनैप्‍स पीआर
7506985825, abigail.f@synapsepr.co.in anker@synapsepr.co.in
ग्रीष्‍मा उछिल। साइनैप्‍स पीआर
8356945067, grishma.uchil@synapsepr.co.in , anker@synapsepr.co.in

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हमें ही सोचना है कि हमें क्या माँगना है।

हमारी हर ख्वाहिश पूरी होती है आज नही तो कल, ये कुदरत का नियम है। इसीलिए विवेकशील लोग कहते है।अपनी ख्वाहिश करते समय ज़रा सावधान रहे।इच्छा तो सब पूरी होगी हमें ही सोचना है कि हमें क्या माँगना है।
इक बार किसी ने मुझ से कहा कि उन्हें इक डर रहता है वो अकसर सोचते है कि इस जन्म मे हमे बहुत कुछ मिला।मान सम्मान ,पैसा ऐश्वर्य ,अच्छी सेहत ,अच्छा घर अच्छे बच्चे ,मगर आगे क्या होगा ?पता नही हम कहा जन्म लेंगे ?कही हम दोबारा किसी ग़रीब के यहाँ पैदा न हो जाये।कही हम किसी रोग से ग्रसित न हो जाये।वग़ैरह वग़ैरह तरह तरह के नाकारातमक विचारों से घिरें रहते है ।
मेरे विचार से हमारा सिर्फ़ अपने करमो पर या हम किस तरह से चीजों को देखते है हमारी वाणी पर और विचारों पर ही इख़्तियार है बाकि सब तो अपने आप ही होता चला जाता है आप इस तरह न सोच कर पाजीटिव ,ऊँचे,सुविचार ही सोचे अच्छा करम ही करे तो सब आगे भी अच्छा ही रहेगा ।
हमारे विचारों से बहुत शक्तिशाली चुम्बकीय तरंगे निकलती है और उन के ज़रिये ही हम अच्छा या बुरा अपनी ओर आकर्षित करते है।जो हम सोचते है वही फलने फूलने लगता है अगर पहले ही कह दिया जाये कि ये नही होगा या हो ही नहीं सकता तो यकीन मान कर चले वो नहीं होगा।
विपरीत इसके,हालात कैसे भी हो मगर बोलना अच्छा ही चाहिए और हमेशा ये ही कहना चाहिए..कि ये होगा ही होगा।मुझे करना ही है।दुनिया की कोई ताक़त मुझे रोक नहीं सकती।दोस्तों!
इक बात शेयर करना चाहूँगी।
ये सच पर आधारित भी है।
इक बार दो दोस्त अपने गुरू जी के पास जा रहे थे रास्ते में गली से गुजरते हुए उन्हें इक घर दिखा।जो बहुत ही सुन्दर था।उनमें से एक लड़का जो साफ़ मन,सुन्दर चित का स्वामी था ,जो सब मे अच्छाई ही देखता था हालाँकि बेहद गरीब था।मुश्किल से रोज़मर्रा की ज़रूरतें ही पूरी कर पाता था। कहने लगा !वाह !
कितना सुन्दर किसी का महल है जैसे किसी राजा का हो ।
मैं कल्पना कर सकता हूँ कि भीतर से भी घर बहुत ही सुन्दर होगा। आज तो मन बहुत ख़ुश हो गया।
वाह वाह ! क्या नजारा होगा ।
ये कह कर वो एक मीठी मुस्कान और असीम श्रद्धा से भर गया। उसके चेहरे से लग रहा था जैसे उसका रोम रोम खिल उठा हो।
दूसरी तरफ़ दूसरा दोस्त वो मध्यम वर्ग के परिवार से ताल्लुक़ रखता था।काम भी ठीक ठाक था।
कहने लगा !छोड़ो यार !
ऐसे लाले बहुत देखे हैं ।जो बेईमानी से धन कमाते हैं ।
बात करते करते गुरू जी का घर भी आ गया। गुरू जी को प्रणाम किया और दोनों बैठ गए।
गुरू जी ने बड़े प्यार से उन्हें देखा
और पूछा !सब ठीक तो है घर मे?
रास्ते में कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई ?दोनों को बड़े प्यार से अपने पास बिठा लिया।वो लड़का जो सच्चे मन का स्वामी था ,बोला !
गुरू जी यहाँ आते आते रास्ते में इक घर देखा।
वाह वाह !! क्या महल था !
मैं तो सोच रहा था जैसे किसी राजा का महल देख लिया हो।उसके खिड़की दरवाज़े देखने लायक़ थे बड़े बड़े गेट ,गमलों की क़तारें और फुववारा तो सच मे देखने लायक़ था गुरूजी ।
उत्तेजित हो कर अपनी धुन मे बोले ही जा रहा था।
कहने लगा !गुरू जी !
यू आभास हो रहा था जैसे उस घर के अंदर इक बड़ी सी खाने की मेज़ होगी।सोने चाँदी के बरतनो से सजी हुई।इक लाला जी वहाँ अपने बेटों के साथ बैठे खाना खा रहे होंगे और बहुयें खाना परोस रही होगीं ।
आ हा हा !
पूरा घर पोते पोतियों की हंसी से गूंज रहा होगा।
गुरू जी !आज तो आनन्द आ गया।वाह वाह !क्या घर था।
गुरू जी उस की मन की स्थिति को देख मुस्कुराये और उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया।
दूसरे लड़के ने भी अपने विचार कह डालें जो उसने महसूस किया।कि ऐसे लोग कैसे लोगों को लूट कर धन इकट्ठा करते हैं फिर किस तरह अस्पतालो में रोगों से मरते है फिर कैसे रो रो कर अकेले ही ज़िन्दगी गुज़ार देते है।अंत में न तो पैसा ही इनके काम आता है न ही परिवार ।सब छोड़ जाते हैं इन्हें।
वग़ैरह वग़ैरह !अपनी ही धुन मे नेगेटिव बातें कहता ही जा रहा था।
ऐसी बातें कह रहा था जिसको सुनने मात्र से भी मन अशांत हो जाये।
गुरूजी शांत मन से मुस्कुराये।दोनों के सिर पर हाथ रख दिया और लम्बी गहरी साँस ले कर उस लड़के को ,जो सब में अच्छाई ही देखता था कहने लगें! बेटा जैसे तुम सोच रहे हो ,जो तुम ने महसूस किया।जिस को देख कर तुम इतने आनंदित हुए हो,तुम्हारे लिए ये
सब कभी न कभी,आज नहीं तो कल,ज़रूर फलीभूत होगा ही होगा
दूसरे लड़के को देख कर कहने लगे बेटा !जो तुमने देखा ,महसूस किया या बता रहे हो।कभी न कभी आज नहीं तो कल ,तुम्हारे साथ भी वैसा ही होगा।तुम भी ऐसे ही पैसा कमाओगे।ऐसी ही दशा में खुद को पाओगे।
कहने का भाव ये है हमारी सोच कितनी साफ़ सुथरी और बड़ी होनी चाहिए इसका अन्दाज़ा आप खुद ही लगा सकते है।हमारी इक सोच हमारी जीवन शैली को बिगाड़ या बना सकती हैं ।हर बात को नाप तोल कर ही बोले अन्यथा नही बोले।तभी तो कहा जाता रहा है कि हम अपनी ही सोच और करमो से अपने भावी जीवन का निर्माण करते है ।
दोस्तों ! हमें कैसे और क्या बोलना
चाहिए ।ये फ़ैसला मैं आप पर ही छोड़ती हूँ ।आप सब बेहद समझदार है 🙏और मुझ से कहीं बेहतर मन के स्वामी भी 🙏🙏 स्मिता

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज और ऋषिकुलशाला के संयुक्त तवाधान में “मिशन शक्ति” “बाल दिवस” के उपलक्ष्य पर गरीब बच्चों को शिक्षण सामग्री एव चॉकलेट वितरित की गई

कानपुर 14 नवंबर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज ने  ऋषिकुलशाला केंद्र नं.12 के सहयोग से  “मिशन शक्ति” तृतीय चरण के तहत “बाल दिवस” के उपलक्ष्य पर गरीब बच्चों को शिक्षण सामग्री एव चॉकलेट वितरित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन सीटीआई नहर गोविंद नगर  स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। बच्चे उपहार पाकर आनंदित थे। बच्चों ने भी नृत्य प्रदर्शन एवं भारत माता के गीत गाते  हुए बाल दिवस मनाया गया ऋषिकुलशाला की स्थापना अध्यात्मिक गुरु एवं पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक , श्री पवन सिन्हा ने की है जिसका उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षित करना है। यह संस्थान वृद्धाश्रम,बच्चों में संस्कार जागृत करने जैसे अनेक सामाजिक कार्य करती है। यह कार्यक्रम प्राचार्य डॉक्टर जोसेफ डेनियल एवं उप प्राचार्य सबीना बोथरा के नेतृत्व में आयोजित किया गया कार्यक्रम में ऋषिकुलशाला कानपुर इकाई के मुख्य प्रशिक्षक संतोष विश्वकर्मा, क्राइस्ट चर्च कॉलेज “मिशन  शक्ति” की संयोजिका डॉ. मीत कमल द्विवेदी के कुशल मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ /मिशन शक्ति अभिकर्ता के रूप में उदित ,अंजली, मैत्री ,कल्पना, रिद्धिमा, अभिषेक आदि मौजूद रहे

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दिवाली सफाई बनाम मजदूरी

“हाय – हाय यह मजबूरी, यह दिवाली सफाई और मजदूरी”

त्योहारों का आगमन हम महिलाओं के लिए ढेर सारा काम ले आता है। अब कामचोर औरतों की बात अलग है। वो तो सब बाजार से ले आती हैं पर उन लोगों का क्या किया जाए जिनको सब घर में ही बनाने की आदत है और सबसे बड़ा भ्रष्टाचार तो घर में ही होता है। तारीफ का पुलिंदा बांधकर मस्त चूना लगाते हैं हमें। अरी भाग्यवान! तेरे हाथों में तो अन्नपूर्णा का वास है तुमसे खराब बनता ही कहां है? बच्चे भी चाशनी टपका देते हैं। “यू आर ग्रेट मां! यू कुक वेरी वेल” और फिर गुब्बारे से भरी मैं हवा में उछलते दोगुने जोश से व्यंजनों की कतारें लगाने में व्यस्त हो जाती हूं।
सबसे बड़ी आफत तो सफाई प्रतियोगिता से होती है अरे मतलब ऐसी कोई प्रतियोगिता रखी नहीं जाती लेकिन अगर मिसेज वर्मा के घर की सफाई जरा जल्दी हो गई तो मिसेज शर्मा जो अंदर ही अंदर कुढ़ती रहेंगी लेकिन सामने यही कहेंगी कि, “अरे यार मैंने तो अभी तक सफाई शुरू भी नहीं की। कामवाली मान ही नहीं रही। तुम्हारी नजर में कोई हो तो बताओ। चार दिन तो लग ही जाएंगे सफाई में… ठीक है बताना कोई हो तो और फिर बाय बाय कर के अपने पति पर बरस पड़ती हैं, “देखो जी! मिसेज वर्मा के घर की सफाई तो हो भी गई और एक आप हो जरा सा काम में हाथ नहीं बंटाते हो। दिनभर अकेली मैं ही खटते रहूं” और आपको पता है कि क्या होता है… सरकार सुनते हैं, मुस्कुराते हैं और ऑफिस का थैला लटकाते हैं और बड़ी मासूमियत से कहते हैं कि ऑफिस में बहुत काम है और… और…. है ना…. ये रफूचक्कर जाते हैं।
मेरी परेशानी यहीं पर खत्म नहीं होती। सबसे ज्यादा हैरान परेशान तो ये कामवालियां करती हैं मुझे। इनके तो नखरे पूछो ही मत। मैं तो इन पर पीएचडी करके बैठी हूं। वैसे मेरा भाग्य इन्हीं कामवालियों के आगमन से उदय और अस्त होता है। कमबख्तमारियां दिवाली तो पूरी तरह वसूल लेंगी लेकिन काम के लिए सौ बहाने बनायेंगी। आखिरकार मैं इनको पुचकार कर, बहला कर और चार बीमारियां खुद की गिना कर काम निकलवाती हूं। सफाई से लेकर खानपान की तैयारियों तक इस त्यौहार की दौड़ में मैं सबसे आगे निकल जाना चाहती हूं मगर सोचा हुआ कहां पूरा होता है। वह ऐसे कि कामवाली बीच में  ही छुट्टी मार देती है। क्या करें और क्या ना करें यही सोचते हुए मेरा जी हलक में अटका रहता है। दिमाग में भी यही चलते रहता है कि अगर यह कमीनी दिवाली में छुट्टी नहीं मारती तो कम से कम सफाई का काम तो पूरा हो जाता।
वैसे सबसे अच्छा काम मेरे लिए शॉपिंग का रहता है। सुबह से शाम हो जाए मगर पैर में जरा भी दर्द नहीं उठेगा लेकिन पता नहीं क्यों पतिदेव का मुंह सूखा हुआ दिखता है खरीदी के नाम पर। फिर भी मैं और मेरी पलटन… अरे मेरे बच्चे अपनी मनोकामना पूर्ण करवा ही लेते हैं पतिदेव से। डीजल, पेट्रोल और गैस के बढ़ते दामों का और महंगाई का हवाला देते मेरे पतिदेव भरसक कोशिश करते हैं कि उनका दिवाला ना निकले मगर हमारा दल जीत ही जाता है और विपक्ष की तरह पतिदेव कुछ ना कर पाते हैं। फिर हरी झंडी मिलने पर मैं फिर से दोगना उत्साह से काम करने लग जाती हूं।
पतिदेव अपनी जगह सही थे…मैं और बच्चे अपनी जगह। मैं इसी सोच में डूबी हुई थी कि इस दिवाली पर मैं अपने कपड़े और गहने से किसे जलाऊंगी। स्वच्छता, रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली क्या वाकई में महंगाई की मार झेलता हुआ खुशियों के दीपक जला पाएगा?🙏🏻 प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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