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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताहभर की गतिविधियों के दौरान ईएसआईसी ने 9.3 करोड़ रुपये के 3724 मातृत्व लाभ दावों का निपटारा किया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में इस साल की थीम ‘डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार एवं प्रौद्योगिकी’ के अनुरूप कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कार्यालयों/अस्पतालों ने सप्ताहभर चलने वाली गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की। इसमें लैंगिक संवेदनशीलता पर सेमिनार, बीमित महिलाओं/मातृत्व लाभ दावों से संबंधित बकाया बिलों का निपटारा, महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच/स्वास्थ्य जांच शिविर शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए हफ्तेभर चली गतिविधियों की श्रृंखला के दौरान 9.3 करोड़ रुपये की धनराशि के 3724 मातृत्व लाभ दावों का निपटारा किया गया।

हाल ही में ईएसआईसी ने बीमित महिलाओं को ऑनलाइन मातृत्व लाभ का दावा करने की सुविधा शुरू कर ईएसआई योजना के तहत बीमित महिलाओं के लिए विशेष पहल की है। इसका मकसद प्रौद्योगिकी की मदद से लाभ उठाने के प्रयासों को आसान बनाकर उन्हें सशक्त करना है। टेलीमेडिसिन जैसी तकनीक आधारित सुविधाओं ने महिला लाभार्थियों को अपने घरों से ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में काफी मदद की है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सप्ताह भर चली गतिविधियों की श्रृंखला का आज समापन हो गया। इस अवसर पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मुख्यालय, नई दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता ईएसआईसी के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र कुमार ने की। कार्यक्रम में वित्त आयुक्त, ईएसआईसी, टी. एल. यादेन; सीवीओ, ईएसआईसी, श्री मनोज कुमार सिंह; उप महानिदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) श्रीमती अनुजा बापट; और वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं निदेशक, नीति आयोग, डॉ. साक्षी खुराना उपस्थित थे। इस साल की थीम ‘डिजिटऑल: इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर जेंडर इक्वैलिटी’ का जिक्र करते हुए डॉ. राजेंद्र कुमार ने आईटी आधारित प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया, जिससे वे इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनेंगी। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों के माध्यम से महिलाएं अपने घरों से ही स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज की महिलाओं को उच्च महत्व का एहसास कराने और उन्हें प्रदान करने का भी समय है। उन्होंने कहा कि कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में रैंकिंग कम होने के बावजूद समावेशी एवं एकीकृत प्रौद्योगिकी के जरिए लैंगिक समानता के दृष्टिकोण को जल्दी हासिल किया जा सकता है।

ईएसआईसी की वित्त आयुक्त सुश्री टी. एल. यादेन ने बीमित महिलाओं के मातृत्व लाभ के ऑनलाइन दावे की सुविधा के लिए ईएसआईसी के प्रयासों की प्रशंसा की। इससे तकनीक की मदद से महिला लाभार्थियों को लाभ पाना आसान बनाकर सशक्त किया जा सकेगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी के महत्व को दोहराया, जो भेदभाव कम कर और समाज के सभी सदस्यों के  लिए समान अवसर उपलब्ध कराकर महिलाओं को सशक्त बनाने का माहौल तैयार करने में सक्षम है। ईएसआईसी के सीवीओ श्री मनोज कुमार सिंह ने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी और योगदान की चर्चा की।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की उप महानिदेशक श्रीमती अनुजा बापट ने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं को समाज कल्याण योजनाओं की मुख्यधारा में लाने का भी आग्रह किया।

वरिष्ठ विशेषज्ञ और निदेशक, नीति आयोग, डॉ. साक्षी खुराना ने उन महिलाओं के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए, जो समाज के हाशिये पर हैं। उन्होंने बताया कि कैसे ईएसआईसी और ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं उनके जीवन की मुश्किलों को कम करने में मदद कर रही हैं।

 

चिकित्सा आयुक्त, ईएसआईसी, डॉ. दीपिका गोविल ने स्वास्थ्य शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी के बारे में बताया। उन्होंने समाज में समानता हासिल करने के लिए समता की भावना को बढ़ावा देने पर जोर दिया। बीमा आयुक्त (पी एंड ए) श्री दीपक जोशी ने दुनियाभर की महिलाओं की उपलब्धियों और उन्हें सशक्त बनाने के तरीकों के बारे में बात की।

कार्यक्रम के दौरान हफ्तेभर की गतिविधियों  के दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को गणमान्य व्यक्तियों ने नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। समारोह में ईएसआईसी मुख्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

 

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रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के नौसेना प्रमुख मार्क हैमंड भारत की यात्रा पर

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(4)VADMMARKHAMMOND,CHIEFOFNAVY,ROYALAUSTRALIANNAVYVISITTOINDIAN1ZJ.JPGरॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल मार्क हैमंड दिनांक 09 से 11 मार्च 2023 तक भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं । यात्रा के दौरान वाइस एडमिरल मार्क हैमंड ने नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार के साथ दिनांक 10 मार्च 2023 को साथ बातचीत की । साउथ ब्लॉक लॉन में एक प्रभावशाली गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर उनका स्वागत किया गया ।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(5)VADMMARKHAMMOND,CHIEFOFNAVY,ROYALAUSTRALIANNAVYVISITTOINDIAXALG.JPG

इस बातचीत के दौरान दोनों देशों और नौसेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग को मजबूत करने के तरीके, मौजूदा/ उभरती समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के साझा तरीके, और मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक/आईओआर की प्राप्ति के लिए सहयोग और अंतरप्रचालनीय-क्षमता बढ़ाने की पहल चर्चा की गई ।

भारतीय नौसेना अनेक मुद्दों पर आरएएन के साथ निकटता से सहयोग करती है, जिसमें ऑसिनडेक्स, काकाडू और पी8 ऑपेरशन, प्रशिक्षण संबंधी आदान-प्रदान, व्हाइट शिपिंग सूचनाओं का आदान-प्रदान और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के बीच बातचीत शामिल हैं । इन सभी बातचीत को स्टाफ वार्ता जैसे मंचों के ज़रिए समन्वित किया जाता है । यह बैठकें प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं । इसके अलावा, दोनों नौसेनाओं के युद्धपोत नियमित रूप से एक-दूसरे के बंदरगाहों पर पोर्ट कॉल करते हैं और बहुपक्षीय अभ्यासों जैसे मालाबार, रिमपैक, लैपरोस आदि में बातचीत करते हैं । दोनों नौसेनाएं ‘मेक इन इंडिया’ विजन को साकार करने की दिशा में नवाचार और उभरती रक्षा प्रौद्योगिकियों, रक्षा उद्योग, रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशने की दिशा में भी सहयोग कर रही हैं ।

रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के नौसेना प्रमुख की यात्रा भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच निरंतर और नियमित बातचीत में एक महत्वपूर्ण घटना है, और यह दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को ध्यान में रखते हुए नौसेना से नौसेना के सहयोग को मजबूत करती है ।

 

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कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के बैंकों की जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक संपन्न

1 मार्च, 2023 कानपुर नगर। जिलाधिकारी विशाख जी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के बैंकों की जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान पी.एम.ई.जी.पी. योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, पी०एम० स्वनिधि योजना, के.सी.सी.(फसली ऋण) योजना के साथ-साथ विगत बैठक में दिए गए निर्देशों की समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिए:-
 किसान क्रेडिट कार्ड (के०सी०सी०): पशुपालकों एवं मत्स्य पालाकों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाने एवं अन्य सरकारी योजनाओं में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति एवं वितरण का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम होने एवं ऋण अस्वीकृति का प्रतिशत सर्वाधिक होने के कारण मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह बैंक की खराब प्रगति के संबंध में आंतरिक जांच कराए जाने हेतु भारतीय स्टेट बैंक के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए।
 अग्रणी जिला प्रबंधक एवं जिला स्तरीय समिति के समस्त सदस्य यह सुनिश्चित करें कि आवेदनकर्ता एवं संबंधित विभाग द्वारा जिस योजना के तहत ऋण प्रदान करने के आवेदन का अग्रसारण किया गया है, उसी योजना में ऋण स्वीकृत किया जाए। कोई भी बैंक ऋण प्रदान करने हेतु योजना परिवर्तित नहीं की जाएगी।
 एक जनपद एक उत्पाद योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक अति महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें कानपुर नगर जनपद के लिए चमड़े एवं होजरी उद्योगों को सम्मिलित किया गया है। इस योजनांतर्गत जिला उद्योग केंद्र द्वारा प्रेषित आवेदनों के सापेक्ष बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक, इंडियन बैंक का ऋण स्वीकृति कम होने पर रोष व्यक्त किया गया एवं लंबित आवेदनों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए।
 पी०एम० स्वनिधि योजना के अंतर्गत बैंक ऑफ इंडिया, बड़ौदा यू.पी. बैंक, कैनेरा बैंक एवं भारतीय स्टेट बैंक के पास लंबित ऋण आवेदनों को एक सप्ताह के अंदर निस्तारित कराए जाने के निर्देश दिए गए।
 जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाली 05 इकाईयों का निरीक्षण कर बेस्ट प्रैक्टिस के संबंध में आख्या फोटोग्राफ सहित उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उक्त बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री सुधीर कुमार, अपर जिलाधिकारी(नगर) अतुल कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना के तहत 1292.65 करोड़ रुपये की लागत से आंध्र प्रदेश में हाइब्रिड एन्युटी मोड में (एनएच-544जी) बेंगलुरु-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा पर 32 किलोमीटर लंबे 6-लेन एक्सेस नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाईवे के विकास को मंजूरी दी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना के तहत चंद्रशेखरपुरम से पोलावरम तक (एनएच-544जी) बेंगलुरु-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा पर आंध्र प्रदेश में हाईब्रिड एन्युटी मोड में 32.00 किलोमीटर लंबे 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे के विकास के लिए 1292.65 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी। ट्वीट की एक श्रृंखला में श्री गडकरी ने बेंगलुरु-कडप्पा-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा को बेंगलुरु एसटीआरआर से शुरू होने की जानकारी दी, जो एनएच 44 पर कोडिकोंडा चेकपोस्ट तक मौजूदा बेंगलुरु-हैदराबाद (एनएच-44) का उपयोग करता है। गडकरी ने कहा कि इसके बाद प्रस्तावित ग्रीनफील्ड आर्थिक गलियारा एनएच-44 (बेंगलुरु-हैदराबाद रोड) पर कोडिकोंडा चेकपोस्ट (कोडुर गांव) से एनएच-16 पर अडांकी के पास मुप्पावरम गांव तक जाता है। उन्होंने कहा कि मुप्पावरम से सीधे विजयवाड़ा तक मौजूदा एनएच-16 का उपयोग करता है। 342.5 किलोमीटर की लंबाई के साथ कोडिकोंडा चेकपोस्ट से मुप्पावरम तक का पूरा गलियारा पूरी तरह से एक ग्रीनफील्ड राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में इस खंड को 14 पैकेजों में विकसित करने का प्रस्ताव है।

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गडकरी ने ईपीसी मोड के जरिए पश्चिम बंगाल में 410.83 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना को मंजूरी दी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पश्चिम बंगाल में ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मोड के जरिए पश्चिम बर्द्धमान जिले में एनएच-14 (पुराने एनएच-60) पर 5.261 किलोमीटर की लंबाई के 4-लेन रानीगंज बाईपास के निर्माण के लिए 410.83 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। गडकरी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि एनएच-14 मोरग्राम के निकट एनएच-12 (पुराने एनएच-34) के साथ अपने जंक्शन से शुरू होता है। यह रामपुर हाट, सिउरी, रानीगंज, बांकुरा, गढ़बेटा व सलबानी को जोड़ता है और एनएच-16 (पुराने एनएच-2) के साथ पश्चिम बंगाल में खड़गपुर के पास अपने जंक्शन पर समाप्त होता है।

मंत्री ने बताया कि पूरा खंड पेव्ड शोल्डर कॉन्फिगरेशन के साथ 2-लेन का है। उन्होंने आगे कहा कि यह गलियारा दक्षिण भारतीय राज्यों व ओडिशा से उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर जाने वाले यातायात के लिए प्रमुख गलियारों में से एक के रूप में कार्य कर रहा है। गडकरी ने कहा कि यह खड़गपुर, मिदनापुर, चंद्रकोणा रोड, गढ़बेटा, बिष्णुपुर, बांकुरा, रानीगंज, पंडाबेश्वर, दुबराजपुर, सूरी, रामपुरहाट और नलहाटी आदि जैसे कई महत्वपूर्ण औद्योगिक, धार्मिक व कृषि क्षेत्रों को जोड़ता है।

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तीसरी ई-नीलामी के दौरान खुले बाजार में 18.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिका

भारत सरकार ने गेहूं और आटे की तेजी से बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचकर बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया किया था। सरकार द्वारा 25 जनवरी 2023 को इस निर्णय को लिए जाने के बाद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने देशभर के उपभोक्ताओं के लिए खुले बाजार में 18.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की है। उल्लेखनीय है कि सफल बोलीदाताओं द्वारा लगभग 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं उठाया जा चुका है, जो बाजार में उपलब्ध कराया गया है। केंद्र सरकार द्वारा सही समय पर नीतिगत उपाय किये जाने से देश भर के बाजारों में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार सभी हितधारकों का कल्याण करने के लिए प्रतिबद्ध है और देश के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा के बाद सरकार द्वारा आरक्षित कीमतों को कम किया जा रहा है। रोलर आटा मिलर्स और व्यापारियों ने विचार-विमर्श के दौरान यह आश्वासन दिया है कि खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) यानी ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की अत्यधिक सब्सिडी वाली बिक्री का लाभ उपभोक्ताओं को पर्याप्त रूप से दिया जाएगा। इसके साथ ही, एफसीआई ने अपनी तीसरी ई-नीलामी में 5.07 लाख मीट्रिक टन गेहूं 23 राज्यों में 620 स्थानों के माध्यम से 1269 बोलीदाताओं को 2172 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर विक्रय किया है। एफसीआई ने तीसरी नीलामी में 22 फरवरी 2023 को 11.79 लाख मीट्रिक टन गेहूं को खुले बाजार में बिक्री के उद्देश्य से क्रमशः 2150 रुपये प्रति क्विंटल तथा 2125 रुपये प्रति क्विंटल उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) और विशेष विनिर्देशों के अंतर्गत (यूआरएस) आने वाले गेहूं के लिए बिक्री का प्रस्ताव किया है। गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के प्रयास में ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की खुली बिक्री 15 मार्च 2023 तक प्रत्येक बुधवार को आयोजित की जाएगी।

पहली नीलामी 1 और 2 फरवरी 2023 को आयोजित हुई थी, जिसमें 9.13 लाख मीट्रिक टन 1016 बोलीदाताओं को 2474 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेचा गया था। इसी तरह से 15 फरवरी 2023 को आयोजित हुई दूसरी नीलामी में 3.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1060 बोलीदाताओं को 2338 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेचा गया था। बोलीदाताओं की अधिकतम संख्या ने 100 मीट्रिक टन से लेकर 500 मीट्रिक टन की सीमा के बीच में गेहूं खरीदा, जो छोटे तथा मध्यम व्यापारियों और मिलरों की सक्रिय भागीदारी एवं रुचि को दर्शाता है ताकि गेहूं व आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र ने कहा, भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 अरब डॉलर को छूने की ओर अग्रसर

भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 अरब डॉलर छूने को तैयार है और अपने बढ़ते नवाचार और वैज्ञानिक प्रकृति के साथ, भारत एक नई औद्योगिक क्रांति की वैश्विक लहर में शामिल होने के लिए तैयार है। यह बात आज यहां केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने “जैव-विनिर्माण पर मसौदा नीति ढांचा बनाने के लिए जैव-विनिर्माण पर राष्ट्रीय परामर्श बैठक” में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान कही।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/B15ZB8.jpgमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार देश में ‘उच्च प्रदर्शन वाले जैव-विनिर्माण’ को आगे बढ़ाकर सर्कुलर-जैव-अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) हरित, स्वच्छ और समृद्ध भारत के लिए बायोई3 (यानी अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) के विभाग के एक प्रमुख लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को एक साथ लाने की परिकल्पना करता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आगामी ‘अमृतकाल’ में “हरित विकास” की कल्पना करता है और इसके लिए हमारे राष्ट्र के चल रहे आर्थिक विकास को और बढ़ावा देने के लिए मजबूत अभिनव जैव-आधारित पर्यावरण-अनुकूल समाधानों के कार्यान्वयन के लिए एक व्यवस्थित रूपरेखा योजना की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 20 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारंभ किया गया “मिशन लाइफ” यानी ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (लाइफ)’ हमें जलवायु और ऊर्जा लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने के लिए जीवन के हर पहलू में हरित और अनुकूल पर्यावरणीय समाधानों को आगे बढ़ाने का आग्रह करता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/B22Y2K.jpgडॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम घरेलू विनिर्माण (उद्योग 4.0) का समर्थन करके ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करेगा, क्योंकि यह देश भर में जैव-विनिर्माण के लिए हरित बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहायता करेगा। इसके अलावा, यह जैव-विनिर्माण के क्षेत्र में एक कुशल कार्यबल के विकास, विशेष रूप से दो और तीन-स्तरीय शहरों में रोजगार सृजन और उद्यमिता में वृद्धि और बाजार के अवसरों का विस्तार करने के लिए बायोजेनिक उत्पादों के लिए नीतियों और विनियमों को कारगर बनाने का भी काम करेगा। मंत्री ने बताया कि यह नवीकरणीय संसाधनों से उच्च गुणवत्ता, पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं का निर्माण करके रासायनिक व्यवसायों को राजस्व सृजन के नए अवसर प्रदान करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव-विनिर्माण नवोन्मेष, ऊर्जा कुशल और कम प्रदूषण के कारण एक बड़ी क्षमता प्रदान करता है, क्योंकि यह व्यावसायिक रूप से प्रासंगिक उत्पादों का उत्पादन करने के लिए रोगाणुओं, पौधों की कोशिकाओं और एंजाइमों सहित जैविक प्रणालियों को नियोजित करता है। उन्होंने बताया कि इस पहल की मुख्य चीज में जैव प्रौद्योगिकी के उन्नत उपकरण शामिल हैं जिनमें सिंथेटिक बायोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, माइक्रोबियल बायो-रिसोर्सेज, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

डीबीटी के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अपने संबोधन में कहा कि भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक और तरलीकृत प्राकृतिक गैस का चौथा सबसे बड़ा आयातक है, जिसका एक बड़ा हिस्सा रासायनिक औद्योगिक निर्माण में उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जीवाश्म ईंधन के प्रमुख घटक हाइड्रोकार्बन को जलाने से सीओ2 एक प्रमुख उप-उत्पाद के रूप में निकलती है, जो ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण योगदान देती है। डॉ. गोखले ने कहा कि 2027 तक भारत को ‘नेट जीरो’ कार्बन इकोनॉमी’ बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के संदर्भ में, हम बायो-मैन्युफैक्चरिंग के एक एकीकृत और समावेशी दृष्टिकोण को अपनाकर बायो-बेस्ड सर्कुलर कार्बन इकोनॉमी की ओर एक आदर्श बदलाव की उम्मीद करते हैं।

डॉ. गोखले ने बताया कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रासायनिक उत्पादों के विकल्प के रूप में जैव-आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए पायलट-स्केल आधारित जैव-विनिर्माण इकाइयां उन्नत माइक्रोबियल सेल कारखानों (और चीनी/बायोमास/अपशिष्ट-आधारित कच्चे माल) का उपयोग करके किण्वन को नियोजित करेंगी। इनमें से कुछ क्षेत्रों में खाद्य योजक, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोजेनिक डाई, थोक रसायन, पशु चारा उत्पाद, स्वाद/सुगंध, जैव सामग्री, कृषि-जैव उत्पाद आदि शामिल हैं।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अलका शर्मा ने रेखांकित किया कि इस दृष्टिकोण के माध्यम से उद्योग 4.0 के लिए विनिर्माण का एक अभिनव ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल प्रस्तावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, इस पहल के केंद्र में बायोटेक्नोलॉजी के उन्नत उपकरण शामिल हैं जिनमें सिंथेटिक बायोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

डीबीटी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वैशाली पंजाबी ने “बायोमेन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम का अवलोकन” प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसमें बायोजेनिक उत्पादों जैसे कि खाद्य योजक, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोजेनिक के निर्माण के माध्यम से पारंपरिक पेट्रोकेमिकल-आधारित विनिर्माण का विकल्प प्रदान करने की क्षमता है। शुगर आधारित माइक्रोबियल किण्वन और अन्य टिकाऊ बायोमास/अपशिष्ट संसाधन-आधारित निर्माण विधियों का उपयोग करके रंजक, थोक रसायन, पशु चारा उत्पाद, स्वाद/सुगंध, जैव सामग्री, कृषि-जैव उत्पाद, आदि इसमें शामिल हैं

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डॉक्टर सुधीर अटल फिजियोथेरेपी सेवा अवार्ड से सम्मानित

कानपुर 24 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, फिजियो कनेक्ट 3 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सम्मानित हुए डॉ सुधीर कुमार द्विवेदी
मानव रचना यूनिवर्सिटी फरीदाबाद में फिजियो कनेक्ट 3 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ जिसमें कानपुर शहर के माने जाने जिला अस्पताल डफरिन के फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार द्विवेदी को अटल फिजियोथेरेपी सेवा अवार्ड से सम्मानित किया गया साथ में ही डॉक्टर पूजा आनंद डीन (श्री गुरु गोविंद सिंह ट्राईसेंट्री यूनिवर्सिटी गुरुग्राम) का स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपिस्ट एवं उनके कार्यों के विषय पर विस्तृत चर्चा हुई जिसको डॉक्टर द्विवेदी ने चेयर पर्सन के रूप में सेशन चेयर किया एवं डॉ पूजा आनंद डीन (एसजीटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम) को स्मृति चिन्ह अवार्ड के रूप में देकर उनको सम्मानित किया जिसके उपरांत सेशन चेयर पर्सन के रूप में डॉक्टर द्विवेदी को कार्यक्रम के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान एवं डॉक्टर सौरभ त्यागी ने सम्मान देकर सम्मानित किया फिजियो कनेक्ट 3 के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री और भारी उद्योग भारत सरकार श्री कृष्ण पाल गुर्जर एवं इंटरनेशनल फिटनेस मॉडल मिस जापान मेगुमी साइटों एवं देश के मशहूर शायर अजहर इकबाल ने भी अपनी टीम के साथ आय एवं कांफ्रेंस के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान ने आए हुए मुख्य अतिथियों के साथ मिलकर डॉक्टर सुधीर कुमार द्विवेदी को अटल फिजियोथैरेपी सेवा अवार्ड से सम्मानित किया कार्यक्रम के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान ने बताया कि फिजियोथेरेपी आज के जीवन की एक मॉडर्न मेडिसिन है जो कि सब की जरूरत है एडवांस फिजियोथैरेपी &रिहैबिलिटेशन सेंटर के डायरेक्टर डॉ सुधीर कुमार द्विवेदी ने बताया कि फिजियथेरेपी मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि फिटनेस एवं खेलकूद और लाइफस्टाइल का भी अभिन्न अंग है फिजियोथेरेपी आज के समय में आधुनिक होती जा रही है आधुनिक तकनीकों को कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश देश के कोने कोने तक पहुंचाने का ही हमारा उद्देश्य है कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि श्री कृष्ण पाल गुर्जर केंद्रीय राज्य मंत्री और भारी उद्योग भारत सरकार ने बताया कि फिजियोथेरेपी का स्तर आज के समय में बहुत ऊपर जा रहा है और यह हर घर की आम जरूरत बनती जा रही है पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी फिजियोथेरेपी और फिजियोथेरेपी के डॉक्टर की काफी सराहना की थी श्री गुर्जर ने बताया कि फिजियोथेरेपी कनेक्ट 3 को द मायरा फाउंडेशन के सौजन्य से आयोजित किया गया है इसके सहयोगी मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड स्टडीज रहे जिसमें करीब 800 प्रतिभागियों ने भाग लिया और इसी के साथ करीब 30 यूनिवर्सिटी ने भी भाग लिया
कांफ्रेंस के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान को चेयरमैन डॉक्टर सौरभ त्यागी सचिव डॉ नितेश मल्होत्रा डॉक्टर के के शर्मा मानव रचना यूनिवर्सिटी की ओर से एन सी वाधवा डीजीएल खन्ना डॉक्टर रिजवी ने कांफ्रेंस में सभी भागीदारों एवं आयोजन की काफी सराहना की

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बेलगावी (कर्नाटक), शमशाबाद (तेलंगाना), बारामती (महाराष्ट्र), किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान), बालेश्वर (ओडिशा), कुरनूल (आंध्र प्रदेश) और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए अस्पताल स्थापित करने की घोषणा

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने बेलगावी (कर्नाटक), शमशाबाद (तेलंगाना), बारामती (महाराष्ट्र), किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान), बालेश्वर (ओडिशा), कुरनूल (आंध्र प्रदेश) और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए अस्पताल स्थापित करने की घोषण की केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज चंडीगढ़ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की 190वीं बैठक की अध्यक्षता की। श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली भी इस बैठक में सम्मिलित हुए। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 190वीं बैठक में श्री यादव ने प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए श्रम जीवियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई निर्णयों की घोषणा की।

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कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम ने बैठक के दौरान बेलगावी (कर्नाटक), शमशाबाद (तेलंगाना), बारामती (महाराष्ट्र), किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान) और बालेश्वर, (ओडिशा) में 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों, कुरनूल (आंध्र प्रदेश) में 30 बिस्तरों वाला ईएसआई अस्पताल और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में 350 बिस्तरों वाला कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम अस्पताल की स्थापना के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की।

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इनके अलावा, सिक्किम के रंगपो में नए स्वीकृत 30 बिस्तरों वाले कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम अस्पताल को 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में अपग्रेड करने और राज्य से कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम अस्पताल, गुनाडाला, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) और मैथन, रांची (झारखंड) सरकार का भी अधिग्रहण करने का भी निर्णय लिया गया। कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को बेहतर चिकित्सा देखभाल और सुविधाएं प्रदान करने के लिए नए अधिग्रहीत अस्पतालों को सीधे कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम द्वारा संचालित किया जाएगा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003S83B.jpgकम आबादी वाले उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, निजी अस्पतालों/औषधालयों/नर्सिंग होम आदि की भारी कमी और पूर्वोत्तर राज्यों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम ने पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम को ईएसआई योजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखने का फैसला किया। उत्तर पूर्वी राज्यों (असम को छोड़कर) के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू होने वाले अधिकतम सीमा तक का पूरा खर्च कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा वहन किया जाएगा, इसके अलावा, अतिरिक्त वित्तीय सहायता जिसके अंतर्गत राज्य सरकार को 40 लाख रुपये प्रति डिस्पेंसरी (10 लाख रुपये तिमाही) उपलब्ध करायी जाती है, उसे भी शुरू किया जायेगा। यह मानक चिकित्सा देखभाल के अंतर्गत नियमित फंड आवंटन के अलावा एक अतिरिक्त लाभ होगा। यह नए औषधालयों के लिए भी उपलब्ध रहेगा, यदि वे मौजूदा निर्देशों के अनुसार खोले जाते हैं।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान बेरोजगार हुए बीमित श्रमिकों को राहत देने के लिए अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभों को दो और वर्षों के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की।

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) आकस्मिक बेरोजगारी में कार्यकर्ता के जीवनकाल में 90 दिनों तक नकद मुआवजे के रूप में एक कल्याणकारी उपाय है।

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श्री भूपेंद्र यादव ने सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 के लागू होने के बाद कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई योजना के दायरे में आने वाले बीमित श्रमिकों और उनके आश्रितों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी को बहु-आयामी रणनीतियों को अपनाकर चिकित्सा सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आईपी और उनके लाभार्थियों को प्राथमिक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए विस्तार करने का निर्देश दिया।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी ने 31.03.2024 तक कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालय, अलवर (राजस्थान) और बिहटा (बिहार) में आम जनता के लिए मुफ्त चिकित्सा देखभाल सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी के अंतर्गत दवा/ड्रेसिंग और उपभोग्य सामग्रियों की सुविधा भी उन्हें निःशुल्क प्रदान की जाएगी। इससे आस-पास के क्षेत्रों में लाखों आम जनता परेशानी मुक्त गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल मुफ्त में प्राप्त कर सकेगी।

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इनके अलावा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआई निगम के वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान, वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान और वर्ष 2023-24 के प्रदर्शन बजट पर विचार-विमर्श किया गया और अन्य कार्यसूची मदों के साथ इसे अनुमोदित किया गया।

केंद्रीय श्रम मंत्री की अध्यक्षता में क्षेत्रीय चिकित्सा आयुक्तों, चिकित्सा आयुक्तों, बीमा आयुक्तों और कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी के क्षेत्रीय निदेशकों के साथ एक अलग बैठक में रेफरल प्रणाली में सुधार, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में संसाधनों का अधिकतम उपयोग, पहुंच से बाहर तक पहुंचने जैसे मुद्दे (असंगठित क्षेत्र के श्रमिक) और व्यावसायिक रोगों पर विचार-विमर्श किया गया और कार्रवाई बिंदुओं की पहचान की गई,

बैठक में सुश्री डोला सेन, सांसद, श्री खगेन मुर्मु, सांसद, सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय, सुश्री आरती आहूजा, और महानिदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी, डॉ. राजेंद्र कुमार ने भाग लिया। बैठक के दौरान राज्य सरकारों के प्रधान सचिव/सचिव, नियोक्ताओं के प्रतिनिधि, कर्मचारी और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क – अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज नागपुर, महाराष्ट्र में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क – अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी

image001UPN0इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समावेशी समाज के निर्माण के प्रधानमंत्री मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए इस पार्क को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहानुभूति दर्शाने के बजाय यह पार्क संवेदना दिखाएगा, इसलिए इस पार्क का नाम अनुभूति दिव्यांग पार्क रखा गया है।

image002ZY5J गडकरी ने कहा कि इस पार्क के माध्यम से न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में समावेश का संदेश पहुंचेगा। उन्‍होंने कहा कि इस पार्क में सभी 21 प्रकार की दिव्‍यांगता के लिए अनुकूलित सुविधाएं होंगी, इसमें स्पर्श और गंध उद्यान, हाइड्रोथेरेपी इकाई, जल चिकित्सा, मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों के लिए स्वतंत्र कक्ष, मां जैसी सुविधाएं शामिल हैं। ‘दिव्यांग पार्क-अनुभूति इंक्लूसिव पार्क’ से केवल देशभर में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इन्क्लूजन का अर्थात समावेशी समाज संकल्पना का संदेश पहुँचेगा।image0031BYA गडकरी ने कहा कि नागपुर शहर देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। वर्ष 2016 में, केंद्र सरकार ने दिव्‍यांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिए दिव्‍यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम को पारित किया था। उन्होंने कहा कि यह कानून दिव्‍यांगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के लिए है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने पहल करते हुए दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश में कुछ दिव्यांग पार्क बनाए हैं, इसी कड़ी में नागपुर के पारदी परिसर में दिव्‍यांग बच्चों और आम नागरिकों के लिए यह ‘अनुभूति समावेशी पार्क’ बनाया जा रहा है. उन्‍होंने ने कहा कि यह दुनिया का पहला समावेशी दिव्‍यांग पार्क है। 90 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में बन रहे इस पार्क के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां दिव्‍यांगों के साथ-साथ आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है।

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