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मिशन शक्ति के अंतर्गत डी जी कॉलेज में निकली रैली और चुप्पी तोड़ो खुलकर” बोलो विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन

डी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में मिशन शक्ति – 4.0 के तत्वाधान में आज “चुप्पी तोड़ो खुलकर” बोलो विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने सम्मान, सुरक्षा हेतु जागरूक रहना चाहिए तथा हमारे प्रति यदि कोई भी अपराध किया जा रहा है तो उसे सहन करने की बजाय उसके बारे में जो व्यक्ति हमारी सहायता कर सकते हैं उनसे सहायता लेनी चाहिए। कॉलेज में अपनी शिक्षिकाओं व घर में माता-पिता से अपनी बात खुलकर कहनी चाहिए। इसी क्रम में महाविद्यालय से सरसैया घाट मलिन बस्ती तक एक रैली का भी आयोजन किया गया जिसमें महिला सुरक्षा, महिला सम्मान व महिला स्वावलंबन हेतु नागरिकों को जागरूक किया गया। साथ ही वॉलिंटियर्स ने महिला सम्मान व सुरक्षा हेतु एक शपथ भी ली। कार्यक्रम में सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, एनसीसी इंचार्ज डॉ मनीषी पांडे, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत एनसीसी, एनएसएस व महाविद्यालय की समस्त छात्राएं सम्मिलित रही।

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बाल विवाह मुक्त उत्तराखंड के लिए मशाल जुलूस निकाला व शपथ ली

किसी सामाजिक मुद्दे पर पहले शायद ही देखी गई इस तरह की एकजुटता और उसके साथ सरकार के मार्गदर्शन के नतीजे में उत्तराखंड के सैकड़ों गांवों में आयोजित किए गए जागरूकता कार्यक्रमों को अभूतपूर्व समर्थन मिला। महिलाओं के नेतृत्व में नैनीताल और देहरादून जिलों के गांवों में मशाल जुलूस निकाले गए और स्त्रियों, पुरुषों व बच्चों ने जाति-धर्म भूल कर राज्य से बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए शपथ ली। इससे पहले, उत्तराखंड सहित कई राज्य सरकारों ने विभिन्न विभागों और अन्य हितधारकों को पत्र लिख कर उनसे बाल विवाह के खिलाफ अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने और राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए लोगों को शपथ दिलाने का निर्देश दिया था। नतीजे में कचहरी से लेकर पुलिस थानों, शहरों के चौराहों से लेकर गांव की चौपालों, पूरे देश में बच्चों से लेकर बाल विवाह की पीड़ित महिलाओं तक करोड़ों लोग इस अभियान से जुड़े और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। पूरे देश में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान 2030 तक बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के उद्देश्य से महिलाओं की अगुआई में 160 गैर सरकारी संगठनों द्वारा 300 से ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है।

तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रमों की वजह से उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पूरे दिन उत्सव और उल्लास का माहौल रहा और शाम ढलने के बाद महिलाओं के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों ने ‘बाल विवाह बंद करो-बंद करो, बाल विवाह करवाओगे तो जाओगे जेल, मेरी बेटी अभी पढ़ेगी-ब्याह की शूली नहीं चढ़ेगी’ के नारों के साथ यह संदेश दिया कि अब इस राज्य में बाल विवाह के लिए कोई जगह नहीं है।
यूनीसेफ का अनुमान है कि अगर बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में भारत की प्रगति की यही दर जारी रही तो 2050 तक देश में लाखों और बच्चियों को बाल विवाह के दलदल में फंसने से नहीं बचाया जा सकता। लेकिन प्रख्यात बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन- टिपिंग प्वाइंट टू एंड चाइल्ड मैरेज’ जिसका अभियान के हिस्से के रूप में पिछले सप्ताह लोकार्पण किया गया 2030 तक ही बाल विवाह के खात्मे के लिए जरूरी टिपिंग प्वाइंट यानी वह बिंदु जहां से छोटे बदलावों और घटनाओं की श्रृंखला इतनी बड़ी हो जाती है जो एक बड़ा और आमूल परिवर्तन कर सकें, तक पहुंचने का खाका पेश करती है। इस किताब ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान से जुड़े 160 सहयोगी संगठनों की इस साझा लड़ाई को एक रणनीतिक औजार मुहैया कराया है और अभियान में नई जान फूंकी है। बाल विवाह की त्रासद सच्चाइयों और इसके दुष्परिणामों पर बेबाकी से बात करते हुए किताब कहती है, “बाल विवाह बच्चों से बलात्कार है। इसका परिणाम बाल गर्भावस्था के रूप में आता है जिसके नतीजे में बच्चे की मौत हो सकती है।”
सरकार के मार्गदर्शन में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को मिले अपार जनसमर्थन पर खुशी जाहिर करते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) के कंट्री हेड रवि कांत ने कहा, “बाल विवाह सदियों से हमारे सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा रहा है और कानूनन अपराध होने के बावजूद इस पर विराम नहीं लग पा रहा है। लेकिन समाज के सभी वर्गों से मिले अप्रत्याशित और अभूतपूर्व समर्थन को देखते हुए मुझे लगता है कि हम नया इतिहास रचने की दहलीज पर हैं। आज यह अभियान जंगल की आग की तरह फैल रहा है और राज्य सरकारों ने इसके लिए जैसी प्रतिबद्धता दिखाई है, हमारे बच्चे अंतत: शायद एक ऐसे देश में पलें-बढ़ें जहां उनके अधिकार सुरक्षित और संरक्षित हों। यह प्रशंसनीय है कि सभी राज्य सरकारें बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य पर काम कर रही हैं जो इसे एक नई रफ्तार और विश्वास दे रहा है।”
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएफएचएस 2019-21) के आंकड़े बताते हैं कि देश में 20 से 24 के आयु वर्ग की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पहले ही हो गया था जबकि उत्तराखंड में यह आंकड़ा 9.8 प्रतिशत है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “अपराजिता साहित्य के अविस्मरणीय स्त्री चरित्र विषय पर व्याखानमाला आयोजित

कानपुर 18 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, लिटरेरी एक्टिविटी क्लब क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर द्वारा अपराजिता साहित्य के अविस्मरणीय स्त्री चरित्र विषय पर आयोजित व्याखानमाला का तीसरा व्याख्यान 17/10/2023 को सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में संपन्न हुआ। इस विषय पर बोलने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय , वर्धा की सह अध्यापिका सुप्रिया पाठक उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की उप प्राचार्या प्रोफेसर सबीना बोडरा ने की। कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा सृष्टि मिश्रा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। तत्पश्चात सुप्रिया पाठक जी ने अपने भाषण की शुरुआत राष्ट्रवाद से शुरू की तथा ब्रिटिश काल में स्त्री योगदान की चर्चा करते हुए उन्होंने प्रेमचंद के साहित्य की स्त्री पत्रों को वर्णित किया। प्रेमचंद जनता के लेखक है जिनके साहित्य में गांधी जी की आदर्शवादी स्त्री हमें दिखाई देती हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पितृसत्ता न केवल महिलाओं अपितु पुरुषों के लिए समान रूप से हानिकारक है और इसके चलते दोनों पक्ष स्वयं को बंधन मुक्त नहीं पाते । उन्होंने बताया कि इससे मुक्ति का प्रयास दोनों जब साथ मिल कर करेंगे तब कहीं हम इससे कुछ समय में मुक्त हो पाएंगे और इसके लिए पुरुषों को भी स्वयं आगे आना होगा ।तत्पश्चात प्रोफेसर आनंदिता ने उनके वक्तव्य पर अत्यंत सारगर्भित टिप्पणी की । उप प्राचार्य प्रोफेसर सबीना बोदरा ने अपने वक्तव्य में यह बात कही कि हम इस बात का सदैव ध्यान रखे कि स्त्री सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए तथा पितृसत्ता का विरोध करते हुए उसके नकारात्मक एवं सकारात्मक पक्ष क्या होगा और अंत में वे उनके भाषण से खुद को लाभवान्वित महसूस करती हैं। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने सुश्री सुप्रिया पाठक से कई प्रश्न किए जिसका उन्होंने समुचित उत्तर दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जहां अतिथियों का स्वागत पौधों से किया गया वही अंत में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उप प्राचार्य द्वारा सम्मानित किया गया। औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन बी ए तृतीय वर्ष की छात्रा मानवी शुक्ला द्वारा किया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन बी ए की ही छात्रा मानसी बाजपेई ने किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षेकेत्त कर्मचारी विद्यार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहे।

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भवराव देवरस महाविद्यालय ने जीती अंतर महाविद्यालय हैंडबॉल प्रतियोगिता

कानपुर 18 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, भवराव देवरस महाविद्यालय ने जीती अंतर महाविद्यालय हैंडबॉल प्रतियोगिता। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय अंतर महाविद्यालय हैंडबॉल महिला प्रतियोगिता का आयोजन एसएन सेन बी.वी.पी.जी .कॉलेज कानपुर ने ग्रीन पार्क स्टेडियम में आयोजित किया। प्रतियोगिता का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य एवं मुख्य अतिथि प्रो. सुमन द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में कुल तीन टीमों ने प्रतिभाग किया जिसमें प्रथम स्थान पर भवराव देवरस महाविद्यालय अकबरपुर कानपुर देहात ,उपविजेता एसएन सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज रहा , प्रतियोगिता में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की टीम ने भी भाग लिया। इटावा और औरैया से छात्रों ने ट्रायल दिया। कुल 22 खिलाड़ियों का अंतर विश्वविद्यालय छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की टीम हेतु चयन किया गया जिनका आगामी कैंप लगाया जाएगा। कार्यक्रम की आयोजन सचिव प्रो.डॉ प्रीति पांडेय ने चयनित कैंप हेतु खिलाड़ियों के नाम साझा करते हुए मुख्य अतिथि एवं सभी महाविद्यालय से पधारे टीम कोच एवं टीम मैनेजर का धन्यवाद ज्ञापन किया। विजेता खिलाड़ियों को ट्रॉफी एवं शील्ड देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. मीनाक्षी व्यास,  अफसर खान, राजेंद्र कुमार ,सौरभ सिंह,

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महाना ने प्रेस क्लब पदाधिकारियों को सकारात्मक रूप से पत्रकारिता करने का संकल्प दिलाया

कानपुर। कानपुर प्रेस क्लब का संकल्प समारोह आज गेंजेस क्लब में आयोजित हुआ । दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ हुए इस समारोह में यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियो को दायित्वों के निर्वहन में पूर्ण निष्ठा एवं लगन से कार्य करने का संकल्प दिलाया। मुख्य अतिथि सतीश महाना , विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष सरस बाजपेई, महामंत्री शैलेश अवस्थी, कोषाध्यक्ष सुनील साहू वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत सहित अन्य पदाधिकारियो को गले में पट्टिका पहनाने के साथ ही प्रमाण पत्र प्रदान किये । मुख्य अतिथि सतीश महाना ने अपने संबोधन में कहां की समाज में पत्रकारिता का अपना एक विशेष स्थान है। अखबार के समाचार को 90 प्रतिशत व्यक्ति सच मानते है , परंतु पिछले कुछ समय में विश्वसनीयता कुछ कम हुई है ऐसे में हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि पत्रकारिता मे सकारात्मक रूप में से भी चीजों को देखा जाए श्री महाना ने कानपुर प्रेस के पदाधिकारियो से उम्मीद जताई की नई पीढ़ी के लोग जो पत्रकारिता में आ रहे हैं , उन्हें सकारात्मक रूप से समाज की कैसे सेवा करनी है उसका मार्गदर्शन करें । उन्होंने वर्तमान राजनीति के परिदृश्य पर भी चर्चा करते हुए कहा कि एक आम धारणा थी कि राजनीति में गुंडे और कम पढ़े लिखे लोग आते हैं लेकिन उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद इस मिथक पर विराम लगाया गया और यह बताया की राजनीति में शिक्षक, वकील, डॉक्टर सहित विभिन्न कार्य क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति रहते हैं। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सत्य प्रकाश त्रिपाठी जी ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला । प्रेस क्लब के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए सरस वाजपेई ने पत्रकारों के समक्ष अपने तीन संकल्प को बयां किये, उन्होंने बताया कि पत्रकारों के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी सहित कई अन्य कार्य हैं जो उनकी प्राथमिकता में है। इससे पूर्व वर्तमान महामंत्री कुशाग्र पांडे ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया । समारोह मे पूर्व मंत्री एवम कल्याणपुर की विधायक नीलिमा कटियार , पूर्व मंत्री एवम किदवई नगर के विधायक महेश त्रिवेदी, विधायक सुरेंद्र मैथानी , समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई, भाजपा जिलाध्यक्ष भाजपा उत्तर दीपू पाण्डेय, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष नौशाद अलम मंसूरी, सपा शहर अध्यक्ष फजल महमूद , पूर्व महापौर रवीद्र पाटनी और डेन नेटवर्क के डायरेक्टर संजीव दीक्षित सहित विभिन्न कार्य क्षेत्र की महान विभूतियों ने विशेष रूप से शिरकत की। आयोजन मे बड़ी संख्या मे वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ रमेश वर्मा ने और आभार अवनीश दीक्षित ने व्यक्त किया।

अध्यक्ष सरस वाजपेई , महामंत्री शैलेश अवस्थी , कोषाध्यक्ष सुनील साहू , वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत , उपाध्यक्ष मनोज यादव , वरिष्ठ मंत्री मोहित दुबे , मंत्री शिवराज साहू और कार्यकारिणी पद के लिए कौस्तुभ शंकर मिश्रा , विवेक पांडे सोनू , दीपक सिंह , अमन चतुर्वेदी , गगन पाठक , अंकित शुक्ला , मयंक मिश्रा , दिवस पांडे , उत्सव शुक्ला , मोहम्मद नौशाद और रोहित निगम ने संकल्प लिया

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महिला आरक्षण बिल क्यों जरूरी

महिला आरक्षण विधेयक पर यूं तो 45 साल पहले 1974 में सवाल उठ चुका था और महिला आरक्षण बिल पहली बार 1996 में देवगौड़ा सरकार ने 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में संसद में पेश किया था और उसके बाद कम से काम 10 बार यह बिल पेश किया गया लेकिन आपसी सहमति न होने के कारण और महिलाओं को आरक्षण की जरूरत ही क्या है इस विचार के मद्देनजर इस बिल को मान्यता नहीं मिली। यहां तक कि इस बिल को लेकर मारपीट तक की नौबत आ गई थी। शरद यादव यहां तक कह चुके थे कि, “इस बिल से परकटी महिलाओं को ही फायदा होगा।”

2010 में जब राज्यसभा में यह बिल पास हुआ तो करण थापर ने एक प्राइम टाइम बहस में कहा कि, “महिलाओं को सशक्त बनाना तो ठीक है लेकिन इसके लिए आरक्षण की जरूरत क्या है?”  इन सब बातों के बीच में एक सवाल मेरे मन में भी आया कि महिलाओं को आरक्षण की जरूरत क्या है? जब हम बराबरी की बात करते हैं तो महिलाओं को आरक्षण क्यों चाहिए? जब इतना माद्दा है कि आप अपने आपको काबिल साबित कर सकती हैं तो आरक्षण क्यों? और यूं भी आरक्षण द्वारा चुनकर आई हुई महिलाएं सिर्फ राजनीतिक मोहरा भर होती है। हमारे विविधता वाले देश में जात-पात का मुद्दा बहुत बड़ा है जिसे राजनेताओं ने अपने राजनीतिक हित के लिए उत्थान के नाम पर “आरक्षण” की बैसाखी थमा रखी है। जब तक आरक्षण रहेगा तब तक जाति रहेगी,जब तक जाति रहेगी तब तक कुछ लोगों की राजनीति रहेगी और जब तक उनकी राजनीति रहेगी तब तक आरक्षण रहेगा।
इतने सालों से अटका हुआ यह बिल 19 सितंबर 2023 को पास हुआ हालांकि यू एन वूमेन का डाटा बताता है कि संसदीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के मामले में हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश हमसे आगे है। दुनिया के 198 देशों की लिस्ट में महिलाओं की संसदीय भागीदारी के मामले में भारत का नंबर 148 है जबकि पाकिस्तान 116 और बांग्लादेश 111 नंबर पर है और बात हम महिलाओं के उत्थान की करते हैं। जब हम इन देशों से अपने बेहतर और आगे होने की बात करते हैं तो इस मसले पर पीछे क्यों है? एक विचार यह भी आता कि महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों जरूरी है? अपनी दबंगई के चलते पुरुष महिलाओं को राजनीति में आगे नहीं बढ़ने देते तो आरक्षण अनिवार्य रूप से  संसद में महिलाओं की भागीदारी तय करेगा। अभी भी ग्राम पंचायतों पर ध्यान दें तो पाएंगे कि आज भी मुखिया चुनी हुई महिलाओं का कार्य उनके पुरुष ही संभालते हैं और आरक्षण द्वारा चुनी गईं महिलाएं ही संसद में जा सकेंगी उनके पुरुष नहीं।
आरक्षण इसलिए भी जरूरी हो जाता है कि समाज में आज भी महिलाओं की भूमिका दोयम दर्जे की है और आरक्षण राजनीति में भागीदारी के लिए महिलाओं की अनिवार्यता को निश्चित करेगी। 33% आरक्षण के बजाय संसद में भागीदारी भी समान रूप से होनी चाहिए। इतने सालों से अटका हुआ यह बिल कहीं सरकार द्वारा चुनावी समीकरण को साधने का हथियार तो नहीं? चुनाव के वक्त ही तीन तलाक, 370 जैसे मुद्दे लाये जाते हैं। कहीं यह बिल भी 2024 की तैयारी में अहम भूमिका निभायेगा?
यह भी संभव है कि राजनीतिक हित साधने के लिए महिला आरक्षण बिल पर राजनेताओं के घर की महिलाओं को ही प्रमुखता दी जाये लेकिन फिर भी महिलाओं की भागीदारी धीरे-धीरे संसद में उनके लिए रास्ता बनायेगी और वह सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभाएंगी। हालांकि इस बिल पर कानून बनने में अभी समय है और यह अभी दूर के ढोल सुहावने जैसा लगता है। इस बिल के आ जाने से फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं और यह न्यूज चैनलों के बहस का मुद्दा बन चुका है। भारत जैसे देश में जहां सामाजिक, जातिगत और जेंडर भेदभाव की जड़े इतनी गहरी है कि बिना आरक्षण के यह बिल कार्यान्वित होता हुआ संभव नजर नहीं आता। संसद में महिलाओं की भागीदारी से उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन में बदलाव आयेगा और उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ेगी।

प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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“समाजशास्त्र का उद्भव तथा भारत में समाजशास्त्र का विकास’ विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 17 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, आर्मापुर पी. जी. कालेज, कानपुर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें कानपुर विद्या मंदिर महिला डिग्री कालेज, कानपुर की समाजशास्त्र विभाग की असि. प्रोफेसर डॉ. पूर्णिमा शुक्ला ने “समाजशास्त्र का उद्भव तथा भारत में समाजशास्त्र का विकास’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. (डॉ.) मुकेश कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष डा. उमेश चन्द्र, असि. प्रो. अनुराग कुमार, प्रो. आलोक कुमार, प्रो. अखिलेश दीक्षित, कपिल दीक्षित एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। इस व्याख्यान में समाजशास्त्र विषय के छात्र / छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया व उद्बोधन से छात्र/छात्राएं लाभान्वित हुये।

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श्री नागरिक रामलीला एच ब्लॉक, किदवई नगर द्वारा 49वे दशहरा महोत्सव का शुभारंभ एवं रामलीला पार्क में शौचालय व पार्क का सुंदरीकरण हुआ

आपको सहर्ष अवगत कराना है कि श्री नागरिक रामलीला कमेटी रजिस्टर्ड एच ब्लॉक, किदवई नगर कानपुर द्वारा इसके 49वे दशहरा महोत्सव के शुभारंभ एवं रामलीला पार्क में शौचालय व पार्क के सुंदरीकरण का उद्घाटन दिनांक 15 अक्टूबर 2023 को नगर प्रमुख प्रमिला पांडे के कर कमलों द्वारा हुआ।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अवनीश दीक्षित, कानपुर प्रेस क्लब तथा क्षेत्रीय पार्षद, वार्ड 92 अवधेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे। नगर प्रमुख प्रमिला पांडे ने अपने संभाषण में कहा कि दशहरा महोत्सव केवल कानपुर नगर में ही नहीं बल्कि समूचे देश में बड़ी ही श्रद्धा व भावना के साथ मनाया जाता है। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। हम सभी को मिलजुल कर इस त्यौहार को मनाना चाहिए। इस अवसर पर क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग सहित श्री नागरिक रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राजीव मिश्रा, महामंत्री कृष्ण गोपाल तिवारी, अनुराग शुक्ला, चंद्रनाथ शुक्ला, सुरेश चंद्र शुक्ला, शिवांश शुक्ला प्रकाश शुक्ला, रविंद्र कुमार गुप्ता, सतीश पांडे, किशोर कुमार शुक्ला, अनंत मिश्रा, शुभम तिवारी, विष्णु शुक्ला, पप्पू अवस्थी, अजय बाजपेई, विनय सिंगर, संजीव शुक्ला भइयन, कुककू मिश्रा, गौरव त्रिपाठी, गुड्डू यादव, रजोल शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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बाबू सुंदर सिंह ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, के तत्त्वावधान में नक्षत्र फाउण्डेशन द्वारा ‘‘आधुनिक शिक्षा प्रणाली में नैतिक मूल्य और सामाजिक सरोकार ‘‘ विषयक व्याख्यानमाला आयोजित

बाबू सुंदर सिंह ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, निगोहां, लखनऊ के तत्त्वावधान में नक्षत्र फाउण्डेशन द्वारा ‘‘आधुनिक शिक्षा प्रणाली में नैतिक मूल्य और सामाजिक सरोकार ‘‘ विषयक शैक्षिक दक्षता वृृद्धि व्याख्यानमाला की तृतीय प्रस्तुति का आयोजन किया गया। उक्त व्याख्यानमाला में वक्ता के रूप में अर्जुन देव भारती(उप सचिव, गृह विभाग, उत्तर प्रदेश शासन एवं डॉ. जनमेजय जायसवाल (असिस्टेंट प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र विभाग, मड़ियाहूं पी.जी. कॉलेज, मड़ियाहूं, जौनपुर, उत्तर प्रदेश उपस्थित रहे।
अर्जुन देव भारती जी ने अपने व्याख्यान में कहा कि जीवन मे आत्मप्रेरित बनना चाहिए और आत्म मंथन करते हुए अपना ही नहीं समाज का भी विकास करना चाहिए। डॉ जनमेजय जायसवाल ने अपने व्याख्यान में कहा कि जिज्ञासा और सवाल पूछने की संस्कृति को आधार बनाते हुए नैतिकता और सामाजिक समस्याओं का हल खोजने का प्रयास करना चाहिए। उक्त व्याख्यानमाला में विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा उक्त विषय से संबंधित प्रश्न भी पूछे गए।
उक्त कार्यक्रम में विद्यालय की चेयरपर्सन रीना सिंह, बाबू सुंदर सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी के निदेशक डॉ. आलोक कुमार शुक्ला, डीन फार्मेसी डॉ. नीरज सिंह, उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन डॉ ऋचा आर्या एवम रेखा झा द्वारा किया गया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्‍मृति जूबिन इरानी ने अमेठी सांसद खेल-कूद प्रतियोगिता-2023′ के विजेता खिलाड़ियों को दिया पुरस्कार एवं लगभग ₹700 करोड़ की 879 परियोजनाओं का किया लोकार्पण

  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्‍मृति जूबिन इरानी ने जनपद अमेठी में सांसद खेलकूद प्रतियोगिता-2023 के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित करने के साथ ही 699.79 करोड़ की लागत से 879 परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया।

इस अवसर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्‍मृति जूबिन इरानी ने खेलकूद प्रतियोगिता के खिलाड़ियों को संबोधित करते हुये कहा कि  अमेठी कई साल तक अंधेरे में रहा, लेकिन आज 1 लाख 23 हजार घरों को बिजली मिल रही है। मनरेगा में आज 2 लाख से अधिक हाथों को काम मिला है। उन्होंने कहा कि जो काम 40 साल में नहीं हुए, वो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 4 सालों में हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में  हर ग्राम पंचायत में सांसद खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है जिसके फलस्वरुप अमेठी में कुल 1 लाख 11 हज़ार खिलाड़ी एकत्रित हुए। श्रीमती इरानी ने कहा कि पिछले 25 दिनों में युवाशक्ति ने लगभग 50 हजार मेडल प्राप्त किये जो कि गर्व की बात है। स्‍मृति जूबिन इरानी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुये कहा प्रधानमंत्री आज से चार वर्ष पूर्व अमेठी कि इस धरा पर पधारे थे लेकिन आज भी उनके मन में अमेठी और इसके नागरिकों के लिये उनके दिल में सम्मान है।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र में पहले मात्र 40 प्रतिशत शौचालय थे जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बढकर स्कूलों में बेटियों के लिये 100 प्रतिशत हो गये. प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से अमेठी सांसद खेल प्रतियोगिता 2023 के समापन समारोह को संबोधित किया।सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेठी सांसद खेल प्रतियोगिता 2023 में भाग लेने वालों के साथ जुड़ना एक विशेष अहसास है। यह महीना देश में खेलों के लिए शुभ है, क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में पदकों का शतक बनाया है, इसलिए इसे मद्देनजर रखते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इन आयोजनों के जरिये अमेठी के अनेक खिलाड़ियों ने भी अमेठी सांसद खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।

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