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सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के 58वें बैच की पासिंग आउट परेड पुणे में आयोजित हुई

पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के कैप्टन देवाशीष शर्मा, कीर्ति चक्र परेड ग्राउंड में 25 अप्रैल, 2024 को आयोजित एक शानदार समारोह में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे के 58वें बैच के एक सौ बारह मेडिकल स्नातकों को सशस्त्र बलों में कमीशन दिया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) के महानिदेशक और सेना चिकित्सा कोर के वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह थे। डीजीएएफएमएस ने कमीशनिंग परेड की समीक्षा की। परेड की कमान मेडिकल कैडेट (अब लेफ्टिनेंट) सुशील कुमार सिंह ने संभाली।

नवनियुक्त अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों को पूर्ण समर्पण के साथ देश और सशस्त्र बलों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

एएफएमसी के 58वें बैच के कैडेटों ने एमयूएचएस शीतकालीन 2023 परीक्षाओं में असाधारण प्रदर्शन किया और मित्र विदेशी देशों के पांच कैडेटों सहित कुल एक सौ सैंतालीस कैडेट स्नातक हुए। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में नियुक्त एक सौ बारह कैडेटों में से सत्तासी जेंटलमैन कैडेट हैं और पच्चीस महिला कैडेट हैं। इनमें से अठासी को सेना, दस को नौसेना और चौदह को वायु सेना में नियुक्त किया गया है।

कैडेटों की अनुकरणीय शैक्षणिक उपलब्धियों के अनुरूप कमीशनिंग समारोह के बाद शैक्षणिक पुरस्कार प्रस्तुति समारोह आयोजित किया गया। ‘राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक’ और ‘कलिंग ट्रॉफी’ कॉलेज के दो सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं। इस वर्ष ‘राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक’ फ्लाइंग ऑफिसर आयुष जयसवाल को और ‘कलिंग ट्रॉफी’ सर्जन सब लेफ्टिनेंट बानी कौर को प्रदान किया गया।

पुणे का सशस्त्र सेवा मेडिकल कॉलेज देश के शीर्ष पांच मेडिकल कॉलेजों में सम्मिलित है। गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त, एएफएमसी को राष्ट्र के लिए 75 गौरवशाली वर्षों की सेवा के लिए 01 दिसंबर, 2023 को माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया था। इसे 18 मार्च, 2024 को जनरल अनिल चौहान, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया गया।

इस विशिष्ट कार्यक्रम में भाग लेने वालों में वरिष्ठ सेवारत अधिकारी, अनुभवी, संकाय अधिकारी, चिकित्सा और नर्सिंग कैडेट, कमीशन प्राप्त कैडेटों के माता-पिता और परिवार शामिल थे।

एएफएमसी में शानदार पासिंग आउट परेड समारोह लेफ्टिनेंट जनरल नरेंद्र कोटवाल, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, निदेशक और कमांडेंट और मेजर जनरल गिरिराज सिंह, डीन और डिप्टी कमांडेंट, एएफएमसी के संरक्षण में आयोजित किया गया।

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ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को एसएसीई के अंतर्गत लगभग 60.5 अरब जापानी येन का हरित ऋण प्राप्त हुआ

भारत में सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड, एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत अग्रणी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), ने भारत में पात्र हरित परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए जापानी येन (जेपीवाई) 60.536 अरब का हरित ऋण सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। हरित ऋण सुविधा को इतालवी निर्यात ऋण एजेंसी, एसएसीई (इटली) द्वारा उनके इनोवेटिव पुश स्ट्रैटजी कार्यक्रम के अंतर्गत 80 प्रतिशत गारंटी के साथ लाभ मिलता है। एसएसीई और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के बीच की व्यवस्था एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और किसी भारतीय सरकारी इकाई और एसएसीई के बीच यह अपनी तरह का पहला समझौता है।

हरित ऋण सुविधा भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के परिदृश्य में समान हरित वित्तपोषण लेनदेन के लिए एक मानक स्थापित करती है, जो टिकाऊ वित्तपोषण के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। यह सुविधा एसएसीई के पहले जापानी येन (जेपीवाई)-मूल्यवर्ग वाले ऋण लेनदेन और भारत में पहले हरित ऋण लेनदेन को भी प्रदर्शित करती है।

हरित ऋण में एशिया, अमेरिका और यूरोप भर के बैंकों, अर्थात् क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंकबैंक ऑफ अमेरिकासिटीबैंककेएफडब्ल्यू आईपीईएक्स-बैंक और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन की अनिवार्य लीड अरेंजर्स के रूप में ऋण भागीदारी है। क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंक एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी समन्वयक, हरित ऋण समन्वयक, डॉक्यूमेंटेशन बैंक और फैसिलिटी एजेंट के रूप में कार्य करेगा।

ऋण सुविधा ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के लिए एक रणनीतिक निवेश है, जो कंपनी के हरित वित्तीय रूपरेखा के अनुरूप, सतत विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। हरित ऋण उन परियोजनाओं का समर्थन करने में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड और उसके भागीदारों के समर्पण को प्रदर्शित करता है जो कठोर पर्यावरण मानकों को पूरा करते हैं, नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन प्रदान करते हैं और पूरे भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में योगदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह हरित वित्तपोषण की दिशा में बढ़ती गति और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए हितधारकों के सामूहिक प्रयासों को भी प्रदर्शित करता है।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, श्री विवेक कुमार देवांगन ने ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इस वास्तविक वैश्विक समझौते में सफल लेनदेन से इस तरह के और अधिक सहयोग का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना है, जिससे हरित ऊर्जा वित्तपोषण और टिकाऊ परियोजनाओं में भारत-इतालवी व्यापार संबंधों को और प्रोत्साहन मिलेगा। यह भारत में सतत विकास परियोजनाओं के लिए वैश्विक समुदाय के सहयोग को प्रोत्साहन देने में भी सहायता करेगा।

एसएसीई के भारत और दक्षिण एशिया प्रमुख श्री गौतम भंसाली ने टिप्पणी करते हुए कहा, “एसएसीई को इस ‘ग्रीन पुश स्ट्रैटजी’ लेनदेन के लिए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, जो भारत में कार्यान्वित की जा रही एक नवीन और अपनी तरह की पहली संरचना है। इस सुविधा के माध्यम से, एसएसीई भारत में टिकाऊ दीर्घकालिक विकास को सक्षम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, हरित आवागमन और ऊर्जा दक्षता में परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के भारत के वरिष्ठ कंट्री ऑफिसर, श्री फ्रैंक पासिलियर ने कहा, “यह लेन-देन क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के सतत विकास को प्रोत्साहन देने के लिए अटूट समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो एक दशक से वैश्विक टिकाऊ वित्तपोषण में हमारे बैंक की अग्रणी स्थिति के अनुरूप है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के साथ हमारा रणनीतिक सहयोग पर्यावरण की दृष्टि से दायित्वपूर्ण पहलों को आगे बढ़ाने और भारत के आशाजनक बाजार के भीतर स्थायी वित्तपोषण के विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के बारे में

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है, और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित करता है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाओं जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता प्रदान की है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, सूचना प्रौद्योगिकी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य, इस्पात और रिफाइनरी जैसे अन्य क्षेत्र शामिल हैं।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी रही है। इसके परिणामस्वरूप देश में प्रत्येक स्थान तक वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, शत-प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण किया गया। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड को संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी नोडल एजेंसी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के बही खाते में 4.97 लाख करोड़ रुपये और कुल परिसंपत्ति 64,787 करोड़ रुपये है।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने फॉर्म 10ए/10एबी दाखिल करने की तिथि 30 जून, 2024 तक बढ़ा दी है

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने परिपत्र संख्या 07/2024 दिनांक 25.04.2024 जारी करके आयकर अधिनियम, 1961 (‘अधिनियम’) के अंतर्गत फॉर्म 10ए/फॉर्म 10एबी दाखिल करने की निर्धारित तिथि को फिर से बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दिया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पहले करदाताओं की वास्तविक कठिनाइयों को कम करने के लिए ट्रस्टों, संस्थानों और फंडों द्वारा फॉर्म 10ए/फॉर्म 10एबी दाखिल करने की निर्धारित तिथि को कई बार बढ़ाया था। इस तरह का आखिरी विस्तार परिपत्र संख्या 06/2023 द्वारा किया गया था, जिसमें निर्धारित तिथि को 30.09.2023 तक बढ़ाया गया था।

करदाताओं को वास्तविक कठिनाइयों से बचाने के लिए अभ्यावेदनों पर विचार करने और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से ऐसे फॉर्म दाखिल करने की अंतिम तिथि 30.09.2023 से आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया। सीबीडीटी ने फॉर्म 10ए/फॉर्म 10एबी दाखिल करने की निर्धारित तिथि को 30 जून, 2024 तक बढ़ा दिया है। यह अधिनियम की धारा 10(23सी)/धारा 12ए/धारा 80जी/ और धारा 35 के कुछ प्रावधानों के तहत किया गया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यदि ऐसा कोई मौजूदा ट्रस्ट, संस्थान या फंड विस्तारित नियत तारीख के भीतर निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए फॉर्म 10ए दाखिल करने में विफल रहा है और बाद में, एक नई इकाई के रूप में अनंतिम पंजीकरण के लिए आवेदन किया और फॉर्म 10एसी प्राप्त किया, तो वह अब भी दाखिल कर सकता है। उक्त फॉर्म 10एसी को सरेंडर करने के इस अवसर का लाभ उठाएं और मौजूदा ट्रस्ट, संस्था या फंड के रूप में निर्धारण वर्ष 2022-23 के पंजीकरण के लिए फॉर्म 10ए में 30 जून 2024 तक आवेदन करें।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि वे ट्रस्ट, संस्थान या फंड जिनके पुन: पंजीकरण के आवेदन केवल देर से दाखिल करने या गलत सेक्शन कोड के तहत दाखिल करने के आधार पर खारिज कर दिए गए थे, वे 30 जून, 2024 की उपरोक्त विस्तारित समय सीमा के भीतर फॉर्म 10एबी में नया आवेदन भी जमा कर सकते हैं।

फॉर्म 10ए/फॉर्म 10एबी के अनुसार आवेदन आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल किए जाएंगे। परिपत्र संख्या 07/2024 www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध है

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भारतीय वायु सेना का अलंकरण समारोह

वायु सेना का अलंकरण समारोह 26 अप्रैल, 2024 को परम योद्धा स्थल के पास आयोजित किया गया, जो नई दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक परिसर में स्थित है। समारोह की शुरुआत में पुरस्कार विजेताओं ने स्मारक के अमर चक्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और देश के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी।

इस गरिमामय समारोह के बाद वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 51 वायु सेना के योद्धाओं को राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किए।

इन विजेताओं में तीन युद्ध सेवा मेडल, सात वायु सेना मेडल (वीरता), 13 वायु सेना मेडल और 28 विशिष्ट सेवा मेडल पुरस्कार शामिल हैं। वायु सेना प्रमुख ने प्रत्येक पुरस्कार विजेता को उनके वीरतापूर्ण कार्यों और भारतीय वायु सेना को दी विशिष्ट सेवा के लिए बधाई दी।

यह पहली बार है कि किसी भारतीय सेना ने राष्ट्रीय समर स्मारक परिसर में अपना अलंकरण समारोह आयोजित किया। पुरस्कार विजेताओं के निजी अतिथियों और भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ वायु योद्धाओं के साथ-साथ, इस कार्यक्रम को पर्यटकों और दर्शकों ने भी देखा। इससे ये सच्चे अर्थों में लोगों का कार्यक्रम बन गया।

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लोकतंत्र का सटीक स्‍वरूप | एक बार में एक वोट

चुनावी प्रक्रिया के दूसरे चरण में 26 अप्रैल, 2024 को 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 88 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में लोकतंत्र के महापर्व की स्‍पष्‍ट झलक देखने को मिली। आज मतदान के दिन समाज के हर वर्ग की भागीदारी देखी गई जो लोकतंत्र की समावेशी भावना को रेखांकित करती है। चाहे पहली बार अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए अत्‍यंत उत्सुक मतदाता हों या महिलाएं, बुजुर्ग नागरिक और दिव्यांगजन हों, आज मतदान में समाज के विभिन्न वर्गों की व्‍यापक भागीदारी देखने को मिली। यह फोटो फीचर चुनाव के दिन समावेशी लोकतंत्र के स्‍पष्‍ट नजारे के साथ-साथ मतदाताओं की सामूहिक आवाज और आकांक्षाओं को भी बखूबी दर्शाता है।

लोकतंत्र के महापर्व की झलक  

पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भारत का भविष्य तय कर रहे हैं

A first time female voter showing mark of indelible ink after casting her vote at a polling booth during the 2nd Phase of General Elections-2024 at Khangshim, in Chandel, Manipur on April 26, 2024.   

चंदेलमणिपुर       मेरठउत्तर प्रदेश

नागरिक कर्तव्य की अमिट छाप

 

मेरठ, उत्तर प्रदेश    बेंगलुरू, कर्नाटक

लोकतंत्र पर महिला मतदाताओं की गहरी छाप

बेंगलुरू, कर्नाटक

 

बेंगलुरू, कर्नाटक       नानक नगर, जम्मू

 

मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो रहे हैं मतदाता

त्रिपुरा

दिव्यांग मतदाताओं ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया

 

टोंक जिला, राजस्थान                         सतना, मध्य प्रदेश

 

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय (बहुविषयक) राष्ट्रीय संगोष्ठी Vibrant India@ 2047% Gateway to Social Economic Progress’ का आयोजन

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर (केवीएम) महिला महाविद्यालय स्वरूप नगर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा दिनांक 27/04/2024 एवं 28/04/2024 को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय (बहुविषयक) राष्ट्रीय संगोष्ठी Vibrant India@ 2047% Gateway to Social Economic Progress’ का आयोजन किया जा रहा है. राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय श्री योगेन्द्र उपाध्याय उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि श्री श्रीराम जी, प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कानपुर, माननीय प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, कुलपति छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर हैं. गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में प्रिंसिपल प्रोफेसर पूनम विज ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य स्वतंत्र भारत के 2047 में सौ वर्ष पूर्ण होने पर भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति और वैश्विक स्तर पर इसकी भूमिका पर चर्चा करना है. प्रोफेसर बिजली बताया कि अभी तक 300 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिसमें 100 ज्यादा रजिस्ट्रेशन बाहर जिले और प्रदेश से आने वाले लोगों के हैं. 27 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे इनॉग्रेशन सेशन के बाद सिंपोजियम होगा जिसमें सीएसजेएमयू के सीडीसी डायरेक्टर प्रोफेसर आर के द्विवेदी, डीएवी कॉलेज के प्रोफेसर विक्रमादित्य राय, मास्को से संजय कुमार तिवारी और बीएचयू से प्रोफेसर अरविंद कुमार द्विवेदी आदि रहेंगे. 27 और 28 दोनों दिन पेपर प्रेजेंटेशन होगा. दूसरे दिन के सेशन के चीफ गेस्ट क्रिस्प संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर बलराज चौहान होंगे. पार्टिसिपेट्स की बात करें तो बिहार, एमपी, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान आदि से लोग आ रहे हैं. इसके अलावा मैरीलैंड यूनिवर्सिटी से दो पार्टिसिपेट ऑनलाइन पेपर प्रजेंट करेंगे.
सेमिनार के संयोजिका डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला ने बताया कि संगोष्ठी में भारत के प्रमुख संस्थानों के समाजशास्त्र एवं अन्य विषय के प्रबुद्ध जन अधिक संख्या में प्रतिभाग कर रहे है, जिसमें एंटरप्रेन्योर, बैंकर, रिसर्च स्कॉलर और रेलवे बोर्ड के मेंबर आदि शामिल है. सेमिनार के बाद एक कंक्लुजन रिपोर्ट बनाकर यूनिवर्सिटी को दी जाएगी. सेमिनार वाले दिन ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की फैसिलिटी भी अवेलेबल रहेगी. कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर शोभा मिश्रा और नेहा सिंह मौजूद रही!

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अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

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आरईसी लिमिटेड जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू जल विद्युत परियोजना के लिए सावधि ऋण के रूप में ₹1,869 करोड़ प्रदान करेगी

विद्युत मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी और अग्रणी एनबीएफसी- आरईसी लिमिटेड ने चिनाब घाटी विद्युत परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत आरईसी, सीवीपीपीएल को सावधि ऋण (टर्म लोन) के रूप में 1,869.265 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस ऋण का उपयोग जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर ग्रीनफील्ड 4×156 मेगावाट किरू जल विद्युत परियोजना के विकास, निर्माण और परिचालन के लिए किया जाएगा।

624 मेगावाट क्षमता की किरू जलविद्युत परियोजना एक रन-ऑफ-रिवर योजना है। इसमें 135 मीटर ऊंचाई के बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस के निर्माण की परिकल्पना की गई है।

इस अवसर पर सीवीपीपीपीएल के प्रबंध निदेशक श्री रमेश मुखिया, महाप्रबंधक (सीएंडपी) श्री वसंत हुरमाडे व महाप्रबंधक (वित्त) श्री संजय कुमार गुप्ता और आरईसी लिमिटेड के उप महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार सोनी व उप महाप्रबंधक श्री ऋषभ जैन उपस्थित थे।

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सीवीपीपीएल के बारे में

सीवीपीपीपीएल, एनएचपीसी (51 फीसदी) और जेकेएसपीडीसी (49 फीसदी) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। यह भारत सरकार व जम्मू और कश्मीर सरकार की एक संयुक्त पहल है। इसकी स्थापना साल 2011 में चिनाब नदी की विशाल जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने के लिए किया गया। सीवीपीपीएल को किरू जल विद्युत परियोजना (624 मेगावाट), पकल दुल जल विद्युत परियोजना (1000 मेगावाट), क्वार जल विद्युत परियोजना (540 मेगावाट) और किरथाई-II जल विद्युत परियोजना (930 मेगावाट) के निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रख-रखाव (बीओओएम) के आधार पर काम सौंपा गया है। इन परियोजनाओं की कुल स्थापित क्षमता 3094 मेगावाट की है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेस-वे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश के सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया और 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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एफटीआईआई के छात्र की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुनी गई

भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्‍थान (एफटीआईआई) के छात्र चिदानंद नाइक की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” को फ्रांस के 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के ‘ला सिनेफ’ प्रतिस्पर्धी खंड में चुना गया है। इस फेस्टिवल का आयोजन 15 से 24 मई 2024 तक होने जा रहा है। ‘ला सिनेफ’ इस फेस्टिवल का एक आधिकारिक खंड है, जिसका उद्देश्य नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और दुनिया भर के फिल्म स्कूलों की फिल्मों की पहचान करना है।

यह फिल्म दुनिया भर के फिल्म स्कूलों द्वारा प्रस्तुत कुल 2,263 फिल्मों में से चुनी गई 18 शॉर्ट फिल्‍मों (14 लाइव-एक्शन और 4 एनिमेटेड फिल्मों) में से एक है। यह कान्स के ‘ला सिनेफ’ खंड में चुनी गई एकमात्र भारतीय फिल्म है। 23 मई को बुनुएल थिएटर में जूरी सम्मानित फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले एक समारोह में ला सिनेफ पुरस्कार प्रदान करेगी।

“सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” एक बुजुर्ग महिला की कहानी है जो गांव का मुर्गा चुरा लेती है, जिससे समुदाय में अव्‍यवस्‍था फैल जाती है। मुर्गे को वापस लाने के लिए एक भविष्यवाणी लागू की जाती है, जिसमें बूढ़ी महिला के परिवार को निर्वासन में भेज दिया जाता है।

यह पहला अवसर है जब 1-वर्षीय टेलीविजन पाठ्यक्रम के किसी छात्र की फिल्म को प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुना गया है।

एफटीआईआई की अनूठी अध्‍यापन कला तथा सिनेमा और टेलीविजन के क्षेत्र में शिक्षा के लिए अभ्यास आधारित सह-शिक्षण दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप संस्थान के छात्रों और इसके पूर्व छात्रों ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहना बटोरी है।

एफटीआईआई की यह फिल्म टीवी विंग एक वर्षीय कार्यक्रम का निर्माण है, जहां विभिन्न विषयों यानी निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमैटोग्राफी, संपादन, साउंड के चार छात्रों ने वर्षांत समन्वित अभ्यास के रूप में एक परियोजना पर एक साथ काम किया। फिल्म का निर्देशन चिदानंद एस नाइक ने किया है, फिल्मांकन सूरज ठाकुर ने किया है, संपादन मनोज वी ने किया है और साउंड अभिषेक कदम ने दी है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बीआईएस के उच्चतम खतरा स्तर 6 से सुरक्षा के लिए सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के कानपुर स्थित रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने 7.62 x 54 आर एपीआई (बीआईएस 17051 का स्तर 6) गोला-बारूद से सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है। हाल ही में चंडीगढ़ की टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में बीआईएस 17051-2018 के अनुसार इस बुलेट प्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह जैकेट नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहां पर नवीन प्रक्रियाओं के साथ ही नई तरह की सामग्री का इस्तेमाल भी किया गया है। इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों 7.62 x 54 आर एपीआई (स्नाइपर राउंड) की कई गोलियों (06 शॉट्स) को निष्क्रिय कर देता है। श्रम-दक्षता की दृष्टि से प्रभावी रूप से तैयार किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है, जो किसी भी अस्त्र-शस्त्र के साथ होने वाली कार्रवाई के दौरान पहनने की क्षमता तथा सहूलियत को बढ़ा देता है। आईसीडब्ल्यू हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) और स्टैंडअलोन एचएपी का क्षेत्रफल घनत्व क्रमशः 40 किलोग्राम/मीटर2 तथा 43 किलोग्राम/मीटर2 से कम है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष ने उच्चतम स्तर के खतरे से सुरक्षा के लिए इस सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान को बधाई दी है।

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अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

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राष्ट्रपति ने एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (23 अप्रैल, 2024) उत्तराखंड के ऋषिकेश में एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय शिक्षा और सेवा प्रदान करना एम्स ऋषिकेश सहित सभी एम्स की एक बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि है। सभी एम्स सर्वोत्तम और किफायती उपचार प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में अनेक एम्स की स्थापना इस उद्देश्य से की जा रही है कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके और अधिक से अधिक मेधावी छात्र एम्स में शिक्षा प्राप्त कर सकें।

एम्स ऋषिकेश के कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक होने के तथ्य को रेखांकित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि नीति निर्माण से लेकर तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य संबंधी देखभाल तक के क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक बड़े और सकारात्मक सामाजिक बदलाव की तस्वीर प्रस्तुत करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हित में नवीनतम तकनीक का उपयोग करना एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एम्स ऋषिकेश सीएआर टी-सेल थेरेपी और स्टेम सेल रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने इस संस्था से ऐसे क्षेत्रों में सहयोग कर तेजी से आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निदान और उपचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं रोबोटिक्स की भूमिका निरंतर बढ़ती रहेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन बदलावों का एम्स ऋषिकेश द्वारा तेजी से कारगर उपयोग किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड में धूप की कमी और स्थानीय खान-पान की आदतों के कारण लोग, खासकर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस और एनीमिया जैसी बीमारियों से प्रभावित होती हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक चिकित्सा के इस युग में भी चिकित्सा से संबंधित राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समस्याओं के बारे में अनुसंधान एवं समाधान एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने एम्स ऋषिकेश से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामुदायिक सहभागिता पर अधिकतम ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके यह संस्थान ‘स्वस्थ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के निर्माण में योगदान दे सकेगा।

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