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डी जी कॉलेज, के इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब तथा एनएसएस द्वारा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए मतदान हेतु शपथ दिलवा कर मतदान के लिए प्रेरित किया

कानपुर 10 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता डी जी कॉलेज, कानपुर में स्थापित इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब तथा एनएसएस द्वारा संयोजिका डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में कारगिल पार्क में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए वहां उपस्थित समस्त नागरिकों को मतदान करने हेतु शपथ दिलवाई तथा उन्हें प्रेरित किया कि मतदान करना हमारा अधिकार एवं कर्तव्य दोनों है। मतदान के द्वारा हम अपनी सरकार का चुनाव कर सकते हैं तथा समाज में जो बदलाव ला सकते हैं। देश हित में तथा एक मजबूत लोकतंत्र की स्थापना हेतु हर एक व्यक्ति को मतदान अवश्य करना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से आकांक्षा यादव, पंखुड़ी, रिद्धि, सिद्धि, फसीहा एवं निकिता आदि छात्राओं का योगदान सराहनीय रहा।

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अतुल दीक्षित 

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मदर्स डे

“इसको कहा था कि ऑफिस से छुट्टी ले ले लेकिन मेरी सुनती कहां है?” रेवती गुस्से में बड़बड़ा रही थी। “छह बजे लड़के वाले आ जाएंगे इसे देखने और अभी तो इसका तैयार होना भी बाकी है और कम से कम एक नाश्ता तो अपने हाथ का बना कर रखें क्या सब बाजार का ही खिलाएंगे?” रेवती अपने पति शंकर की ओर देखते हुए बोली।

शंकर:- “कहा तो था मैंने कि जल्दी घर आ जाना, रुको! मैं फोन करता हूं उसे। आजकल ट्रैफिक भी बहुत ज्यादा रहता है कहीं फस गई होगी।”
शंकर:- “हेलो! बेटा कहां हो? घर आने में कितनी देर है? तुम्हें पता है सब फिर भी लेट कर रही हो? चलो जल्दी घर आ जाओ।”
मुस्कान:- “जी पापा! बस निकल ही रही थी, आज काम भी जरा ज्यादा था बस आधे घंटे में आ रही हूं।”
शंकर:- “हां! ठीक है ।”
(शंकर रेवती से):- “आ रही है आधे घंटे में”
रेवती:- “भगवान करे सब ठीक से निपट जाए। आज छुट्टी ले लेती तो अच्छा होता। खैर।”
करीब पौने घंटे में मुस्कान घर आई।
मुस्कान:- “सॉरी – सॉरी जरा लेट हो गई। बस! अभी दस मिनट में रेडी हो जाती हूं।” रेवती के चेहरे पर नाराजगी के भाव थे।
मुस्कान:- “मम्मी ढोकले का गोल रेडी है ना अभी बना देती हूं।”
मुस्कान:- “अरे मम्मी! क्यों गुस्सा कर रही हो सब कुछ समय पर हो जाएगा। उन्हें आने में अभी एक घंटा बाकी है तब तक सब हो जाएगा।” रेवती बिना कुछ बोले किचन में चली जाती है। करीब आधे घंटे बाद मुस्कान पटियाला सलवार कमीज पहन कर बाहर आती है। कानों में झुमके, आंखों में काजल, गले में पतली चेन, हाथों में कड़े डालकर बहुत प्यारी लग रही थी। वो सादगी में भी बहुत अच्छी दिख रही थी।
रेवती:- “अरे! लिपस्टिक क्यों नहीं लगाई और वह पेंडेंट सेट रखा था वो पहनना था बेटा! इतना सिंपल कोई तैयार होता है क्या?”
मुस्कान:- “अरे मम्मी! जैसी हूं वैसे ही रहने दो ना! बाद में कमियां निकलेंगे उससे तो अच्छा है कि मैं जैसी हूं वैसी ही देख ले मुझे।”
शंकर:- “ठीक ही तो कह रही है मुस्कान की मां और अच्छी तो लग रही है। छोड़ो यह सब, अब जाओ बेटा जल्दी से नाश्ता बना लो।”
मुस्कान:- “जी पापा!”
करीब साढ़े छह बजे लड़के वाले घर आए। आपस में एक दूसरे को अभिवादन करने के बाद बैठक में सब लोग बैठ कर औपचारिक बातचीत करने लगे। लड़की की मां:- “बहन जी बिटिया को तो बुलाईये।”
रेवती:- “जी बस! अभी आ रही है।”
रेवती अंदर जाती है और मुस्कान को साथ लेकर बाहर आती है। मुस्कान सबको नमस्ते करती है और अपने पिता के बगल में बैठ जाती है।
लड़के की मां:- “और बेटा काम कैसा चल रहा है? वैसे तो सब बायोडाटा में ही पढ़ लिया था। तुम्हारे शौक क्या-क्या है? घर के काम में दिलचस्पी रखती हो क्या? क्योंकि मेरा मानना है कि कितने ही कामकाजी और आधुनिक क्यों ना हो लेकिन घर के कामकाज आने चाहिए।”
मुस्कान:- “जी! थोड़ा बहुत तो सभी काम कर लेती हूं। खाना भी बना लेती हूं, बस सिलाई कढ़ाई वगैरह नहीं आती।
रेवती:- “पढ़ाई और फिर नौकरी में लग जाने के बाद, थोड़ा बहुत घर के काम सीखने के बाद इन सब कामों के लिए समय नहीं मिल पाता था इसे लेकिन घर के सभी काम जानती है।”
लड़के की मां:- “समझती हूं मैं! आजकल दोहरी जिम्मेदारी हो जाती है लड़कियों पर। अगर तुम लोगों को आपस में कुछ बात करनी हो तो कर सकते हो।”
मुस्कान:- “नहीं! बात करने जैसा क्या है? लेकिन मुझे अपनी एक बात आप दोनों से कहनी है।” सभी सवालिया नजरों से उसे देखने लगते हैं।
लड़के की मां:- “हां बेटा! जरूर कहो!”
मुस्कान:- “मेरे मम्मी पापा का मेरे अलावा और कोई नहीं है और मेरे जाने के बाद वो एकदम अकेले हो जाएंगे तो मैं चाहूंगी कि शादी के बाद भी मैं इनका ध्यान रखूं। उम्मीद है कि आपको आपत्ति नहीं होगी।”
लड़के की मां:- “मेरा भी एक ही बेटा है, इसके पापा की जाने के बाद हम दोनों ही एक दूसरे का सहारा है, अब तुम आ जाओगी तो मेरा एक हाथ और बढ़ जाएगा। उसी तरह मुकुल से शादी करने के बाद तुम्हारे मम्मी पापा को भी एक बेटा मिल जाएगा और तुम दोनों हम तीनों का ख्याल रखना। क्यों ठीक है ना मुकुल?”
मुकुल:- “जी मम्मी! आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं।”
रेवती और शंकर जरा घबराये हुये थे कि कहीं रिश्ता टूट न जाए लेकिन उनका जवाब सुनकर उन्होंने चैन की सांस ली और मुस्कान की भी टेंशन खत्म हो गई थी। वह किचन में नाश्ता लाने चली गई। नाश्ते के साथ वो दो गुलाब के फूल भी साथ लाई। एक अपनी होने वाली सास को और एक अपनी मां को फूल देते हुए बोली “हैप्पी मदर्स डे” घर में खुशी का माहौल बन गया था। मुकुल भी सभी को नाश्ता परोसने में मुस्कान की मदद करने लगा। ~प्रियंकर वर्मा माहेश्वरी 

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ऐसी है माँ मेरी”

इंग्लैंड मे रहने की वजह से मुझे मौक़ा नहीं मिलता है कि मैं अपनी मां के साथ “मदर डे “भारत 🇮🇳 में मना नहीं पाऊँ,
वैसे तो उनके बारे में कुछ भी कहना नामुमकिन सा लगता है बस इक कोशिश ही है जो मैं कुछ अलफ़ाज़ लिख पाई हूँ..
सिर्फ़ मेरी ही माँ नही “बल्कि सभी माँओं को मेरे ये भाव समर्पित है”🙏🙏🙏
ऐसी है माँ मेरी कुछ भी साथ हो उसके …अच्छा या बुरा… तो रब की मर्ज़ी समझ कर ह्रदय से स्वीकारतीं है।
किसी बात पर दुखी न होना ..न कोई बात दिल से लगाती है …ऐसा ही होना था क़िस्मत मे ..बस यही बात समझाती है …
मेरी माँ को बहुत इँगलिश बोलनी तो आती नहीं ..मगर फिर भी सिर उठा कर मुझे जीना सिखाती है ..
“फोरगैट दा पास्ट ऐंड मूव ओन“ यही मंत्र वो मुझे सिखाती है पास्ट को गर न भूलोगे तो आगे कैसे बढ़ोगे तुम .. इक सैनिक की तरह तन कर मुझ को फिर बड़े प्यार से समझाती है कभी कभी हाथों को अपने आसमान की ओर फैलाती है फिर आँखे बंद करके यही बात दोहराती है “झोली भरी है मेरे मौला की ..
जब मर्ज़ी होगी तब वो देगा । संभाल न पायेगा तू जब बारिशे होंगी रहमत की .. अपने विश्वास से ही फिर वो .. ढाढ़स मुझे बँधाती है ..
🌹🌹🌹 ऐसी है माँ मेरी 🌹🌹🌹 कर्मकांड नहीं आता उसको .. बस … मीरा बन कर … अपने गिरधर को रिझाती है रब के हर रंग में ख़ुश रहती है वो .. “शुक्र शुक्र .., मेरे मौला का ..”🙏 दिन रात ये आलाप लगाती है .. “हाथ की तो कोई तेरे खींच भी लेगा .. तेरे माथे की छीन सके न कोई “ भोली सी सूरत ले फिर ये भी बात समझाती है .. करने दे तू … उसको अपना काम .. तू अपने काम पर ध्यान दे .. फिर देख.. तेरी मेहनत .. तेरी क़िस्मत कैसे रंग लाती है लाडो से भरी माँ मेरी हर पल मुझ से लाड लडाती है
लेखिका स्मिता ✍️

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देहरादून में संपन्न हुआ ‘युनाइटेड वी प्ले’ का ट्रायल*

भारतीय स्वरूप संवाददाता देहरादून, फुटबॉल के प्रति प्रतिस्पर्धा और प्रोत्साहन बढ़ाने के उद्देश्य से अपोलो टायर्स द्वारा आयोजित ‘यूनाइटेड वी प्ले’ के चौथे सीज़न के ट्रायल का आयोजन देहरादून में हुआ। ट्रायल में 250 से अधिक युवा फुटबॉल खिलाड़ी ने भाग लिया, जिनमें से शीर्ष 40 का चयन अगले चरण के लिए किया गया। इस ट्रायल का आयोजन पवेलियन ग्राउंड में किया गया था, जहां देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के युवा उम्मीदवारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। इस पहल का मकसद देशभर में फुटबॉल के खेल की पहुंच को बढ़ाना और खिलाड़ियों के टैलेंट को विकसित करना है। चयनित फुटबॉल खिलाड़ियों को मैनचेस्टर यूनाइटेड के युवा टीम के साथ ट्रेनिंग, क्लब के दिग्गजों से मिलने और मैच डे का अनुभव मिलेगा।

‘यूनाइटेड वी प्ले’ प्रोग्राम का उद्देश्य युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना है, जिसमें वे अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकें और ग्लोबल ट्रेनिंग मेथडोलॉजी से परिचित हों। यह पहल एशिया पैसिफिक मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के 16 शहरों और प्रमुख देशों में चलने वाला जमीनी स्तर का ट्रेनिंग और टैलेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम में देशभर के 25,000 से अधिक युवा फुटबॉल खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। पिछले कुछ महीनों में, इस प्रोग्राम ने पूरे देश में 600 से अधिक कोचों को मैनचेस्टर यूनाइटेड सॉकर स्कूलों से जोड़ा है। साथ ही, एमयूएसएस 4 डिजिटल मास्टरक्लासेस चला रहा है, जिसमें पहले ही 2000 से अधिक खिलाड़ी शामिल हो चुके हैं।

यूनाइटेड वी प्ले प्रोग्राम के चौथे सीज़न के शुरुआती चरण में, स्थानीय कोच ही खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देंगे। बाद में युवा खिलाड़ियों को मैनचेस्टर यूनाइटेड सॉकर स्कूल के कोचों के सामने अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा।

युनाइटेड वी प्ले प्रोग्राम के बारे में अधिक जानने और रजिस्टर करने के लिए, खिलाड़ी इस लिंक को विज़िट कर सकते हैं:  https://www.apollotyres.com/en-in/stories/campaigns/sports/united-we-play-2024/

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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के पहले अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को पद की शपथ दिलाई

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को सत्यनिष्ठा और गोपनीयता की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा की नियुक्ति जीएसटीएटी के संचालन की शुरुआत का प्रतीक है, जो जीएसटी से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय है।

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जीएसटीएटी केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत स्थापित एक अपीलीय प्राधिकरण है, जो प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के आदेशों के विरुद्ध उक्त अधिनियम और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी अधिनियमों के तहत विभिन्न अपीलों की सुनवाई करता है। इसमें एक प्रधान पीठ और विभिन्न राज्य पीठें शामिल हैं। जीएसटी परिषद की मंजूरी के अनुसार, सरकार ने नई दिल्ली में स्थित प्रधान पीठ और देश के विभिन्न स्थानों पर 31 राज्य पीठों को अधिसूचित किया है। न्यायिक सदस्यों और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।

यह न्‍यायाधिकरण जीएसटी विवादों का त्वरित, निष्पक्ष, विवेकपूर्ण और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करेगा, इसके अलावा उच्च न्यायालयों पर बोझ को भी कम करेगा। जीएसटीएटी की स्थापना से भारत में जीएसटी प्रणाली की प्रभावशीलता में बढ़ोत्‍तरी होगी और देश में अधिक पारदर्शी और प्रभावी कर महौल को बढ़ावा मिलेगा।

जीएसटीएटी के पहले अध्यक्ष, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे और उनका चयन भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक खोज एवं चयन समिति द्वारा किया गया था।

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भारतीय तटरक्षक बल ने केरल तट के पास छह भारतीय नागरिकों के साथ ईरानी नौका को हिरासत में लिया

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 05 मई, 2024 की देर रात केरल के तट से दूर बेपोर के पश्चिम में छह भारतीयों वाले चालक दल के साथ एक ईरानी मछली पकड़ने की नौका को हिरासत में लिया। तेज समुद्री-हवाओं के बीच संचालित ऑपरेशन में भारतीय तटरक्षक के जहाज और विमान शामिल थे।

भारतीय तटरक्षक की एक टीम नौका को रोकने के बाद उस पर चढ़ गई और किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि की संलिप्तता का पता लगाने के लिए इसकी गहन जांच की।  इस नौका की से प्राप्त प्रारंभिक जानकारी में यह पता चला कि जहाज का मालिक एक ईरानी व्यापारी था, जिसने तमिलनाडु के रहने इन भारतीय मछुआरों को अनुबंधित किया था और उन्हें ईरान तट पर मछली पकड़ने के लिए ईरानी वीजा जारी किया गया था।

चालक दल ने ऐसी सूचना दी है कि उस ईरानी व्यापारी ने इन लोगों साथ दुर्व्यवहार किया और उनके पासपोर्ट जब्त करने के अलावा उन्हें बुनियादी जीवन सुविधाओं से भी वंचित कर दिया। चालक दल ने बताया है कि उन्होंने उसी नौका का उपयोग करके ईरान से भाग कर भारत आने का फैसला किया था।

हिरासत में लिए गए जहाज को 06 मई, 2024 को आगे की जांच के लिए सुरक्षित रूप से कोच्चि लाया गया।

 

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कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन मुंबई में किया गया

कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन श्री के. रामादोराई सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में 03 मई, 2024 को मुंबई में किया गया।

बोर्ड ने आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर एक करोड़ पाठ्यक्रम नामांकन और 1,000 से ज्यादा पाठ्यक्रमों के दोहरे मील के पत्थर को स्वीकार किया। बोर्ड ने महसूस किया कि ये मील के पत्थर सरकारी अधिकारियों के बीच योग्यता-आधारित शिक्षा के पोषण में मंच की भूमिका को रेखांकित करते हैं।

बैठक में आईजीओटी कर्मयोगी के साथ ई-एचआरएमएस मंच के एकीकरण की सराहना की गई, जो अधिकारियों की दक्षता एवं क्षमता के आधार पर उनकी तैनाती को सक्षम बनाते हुए भूमिका-आधारित शासन को सक्षम बनाएगा।

बोर्ड ने राज्यों के मंच के लिए नीति के साथ सहयोग की सराहना कीजिसमें ब्लॉक स्तर एवं जिला-स्तर पर क्षमता-निर्माण पहल का संचालन करने में समर्थ क्यूरेटेड कार्यक्रमों के महत्व पर बल दिया गया है।

संसद द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों पर पाठ्यक्रमों का शुभारंभ- भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023; और भारतीय साक्षी अधिनियम, 2023 और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम की सराहना सभी लोगों ने की, जो जन-सामना, नागरिक-केंद्रित शासन में शामिल अधिकारियों को सर्वाधिक समकालीन मुद्दों पर प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु कर्मयोगी भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इसके अलावा बोर्ड ने प्रमुख विकास कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने में क्षेत्रीय अधिकारियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जन कर्मयोगी पहल की भी सराहना की। आईजीओटी पर ज्ञान कर्मयोगी, जो कि लोक सेवकों के लिए एक व्यापक ज्ञान कोष के रूप में कार्य कर रहा है, को इस मंच पर एक स्वागत योग्य संयोजन के रूप में उल्लिखित किया गया।

इस बोर्ड के सदस्यों में श्रीमती एस. राधा चौहान (सचिव, डीओपीटी), डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी (अध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद), श्री गोविंद अय्यर (निदेशक और अध्यक्ष, एसवीपी फिलैन्थ्रपी फाउंडेशन), श्री पंकज बंसल (सह-संस्थापक, पीपलस्ट्रांग), श्रीमती देबजानी घोष (अध्यक्ष, नैसकॉम), श्री एस. कृष्णन (सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय), श्री अभिषेक सिंह (सीईओ, कर्मयोगी भारत) और श्री एस.पी. रॉय (सचिव, क्षमता निर्माण आयोग) सहित कर्मयोगी भारत के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे।

इसके आगे बोर्ड ने कंटेंट मार्केटप्लेस को सक्रिय करने और शिक्षण के परिणामों को संवर्द्धित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मूल्यांकन व सामग्री की सोर्सिंग के साथ-साथ प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में प्रभाव मूल्यांकन पर अपना ध्यान केंद्रित करने की पुष्टि की।

इसके अलावा कर्मयोगी भारत की टीम के प्रमुखों ने भविष्य के लिए व्यापक रणनीतिक लक्ष्यों पर अपनी व्यक्तिगत प्रस्तुतियां भी दीं और बोर्ड के सदस्यों ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी।

यह बैठक नियम-आधारित से भूमिका-आधारित शासन की ओर बढ़ने में रूपांतरणकारी भूमिका निभाने के प्रयासों को दोगुना करने के संकल्प के साथ समाप्त हुई।

 

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डी जी कॉलेज द्वारा किया गया कानपुर दर्शन यात्रा का आयोजन

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  डी जी कॉलेज, कानपुर के द्वारा उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन , कमिश्नर, कानपुर नगर तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कानपुर मंडल, कानपुर नगर के निर्देशन में कानपुर नगर के ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक एवं शैक्षणिक पर्यटन को बढ़ावा देने एवं छात्र-छात्राओं के मध्य उसके व्यापक प्रचार प्रसार हेतु स्थापित किए गए युवा पर्यटन क्लब के सौजन्य से क्लब की कोऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही के कानपुर दर्शन यात्रा का आयोजन किया गया । जिसमें महाविद्यालय की 32 छात्राओं ने प्रतिभाग किया । इस यात्रा के दौरान छात्राओं ने अटल घाट पर स्वच्छता अभियान भी चलाया। कानपुर दर्शन यात्रा में मुख्य रूप से गंगा बैराज, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, इस्कॉन टेंपल, ब्रह्मव्रत घाट, ब्रह्मा जी की खूंटी, लव कुश जन्मस्थली, ध्रुव टीला, नाना राव पेशवा स्मारक पार्क, ग्रीन पार्क स्थित विजिटर्स गैलरी एवं म्यूजियम, मोतीझील स्थित कारगिल पार्क, ओपन जिम एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एरेना पार्क तथा कानपुर विश्वविद्यालय का भ्रमण कराया गया। साथ में उपस्थित गाइड कार्तिकेय सिंह ने समस्त स्थानो के बारे में छात्राओं को विस्तार पूर्वक जानकारियां दी। कानपुर दर्शन यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने में नगर निगम अधिकारी श्री शशांक दीक्षित जी एवं महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा तथा कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का सहयोग सराहनीय रहा।

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सशस्त्र बलों के लिए सेवारत सबसे बड़े दंत चिकित्सा संस्थान, आर्मी डेंटल सेंटर (आर एंड आर) के रजत जयंती समारोह का आयोजन

आर्मी डेंटल सेंटर ऑफ रिसर्च एंड रेफरल (एडीसी आर एंड आर) ने 01 मई, 2024 को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया है। इस अवसर पर पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमके कटियार ने प्रतिष्ठान का दौरा किया और कार्यक्रम की स्मृति में एक विशेष पोस्टल कवर भी जारी किया।

इस समारोह के दौरान दंत चिकित्सा सेवा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनीत शर्मा और केंद्र के पूर्व कमांडेंट भी उपस्थित थे। कमांडेंट एडीसी आर एंड आर ब्रिगेडियर एसएस चोपड़ा ने दंत चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं रोगियों की देखभाल में एक अग्रणी संस्थान बनने के लिए आर्मी डेंटल सेंटर (आर एंड आर) की सभी उपलब्धियों तथा विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया।

आर्मी डेंटल सेंटर आर एंड आर सशस्त्र बलों का सबसे बड़ा दंत चिकित्सा संस्थान है, जो दंत चिकित्सा के लिए पांच विशिष्ट पाठ्यक्रमों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करता है। इनमें ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, प्रोस्थोडॉन्टिक्स और क्राउन एंड ब्रिज, पेरियोडॉन्टिक्स व ओरल इम्प्लांटोलॉजी, कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री तथा एंडोडॉन्टिक्स, ऑर्थोडॉन्टिक्स एवं डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स की सुविधाएं शामिल हैं।

दंत चिकित्सा हेतु इस प्रतिष्ठान के दंत चिकित्सकों ने क्रैनियोप्लास्टी जैसी विभिन्न विशेषज्ञ प्रक्रियाओं को निष्पादित करके दंत चिकित्सा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं; इसे विशिष्ट शल्य चिकित्साओं में शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत टीएमजे आर्थ्रोस्कोपी; सिर में हड्डी के फ्लैप की मरम्मत या प्रतिस्थापन होता है, जो अक्सर आघात, पिछली सर्जरी या जन्मजात असामान्यताओं के कारण खोपड़ी में उत्पन्न दोषों को ठीक करने के लिए किया जाता है; टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट (टीएमजे), जो जबड़े को कपाल से जोड़ता है और अन्य जटिल सर्जरी से संबंधित समस्याओं के निदान तथा उपचार के लिए एक छोटी व सरल प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है।

संस्थान ने सशस्त्र बलों हेतु सभी आयु वर्गों में सामान्य मुख शल्य चिकित्सा एवं पुनर्वास उपचार के दौरान एंग्जियोलिसिस और एनाल्जेसिया के लिए नाइट्रस ऑक्साइड-ऑक्सीजन अर्थात न्यूनतम बेहोशी की दवा के उपयोग की जद्दोजहद भी की है। यह सशस्त्र बलों में कंप्यूटर एडेड डिजाइनिंग (सीएडी), कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग (सीएएम) प्रोस्थेसिस के निर्माण के लिए इंट्राओरल स्कैनर का उपयोग करने वाला एकमात्र केंद्र है। मैक्सिलोफेशियल दोषों के निवारण के लिए रोगियों के विशिष्ट प्रत्यारोपण यहां नियमित रूप से संपादित किए जाते हैं। इस संस्थान की लाइब्रेरी पत्रिकाओं और पुस्तकों की बड़ी डिजिटल पहुंच के साथ आरएफआईडी सक्षम है।

इस प्रतिष्ठित संस्थान के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हर वर्ष दंत चिकित्सा के विशेषज्ञों द्वारा दिया जाने वाला ‘मेजर जनरल आरएन डोगरा मेमोरियल भाषण’ आज मेरठ के स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल जीके थपलियाल, (सेवानिवृत्त) द्वारा “इंडिया दैट इज भारत” विषय पर दिया गया।

पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने सभी रैंक अधिकारियों के साथ बातचीत की और इस संस्थान द्वारा प्रदान की जा रही विशिष्ट सेवाओं की सराहना की। उन्होंने सभी रैंकों से सैनिकों, उनके परिवारों और पूर्व सैन्य कर्मियों को अत्याधुनिक विशिष्ट देखभाल सुविधाएं प्रदान करना जारी रखने का आग्रह किया तथा सभी को समान रूप से पेशेवर उत्साह के साथ अपना कार्य करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने रोगियों की देखभाल सुविधाओं में निरंतर सुधार के लिए आर्मी डेंटल सेंटर (आर एंड आर) के कर्मचारियों की भी प्रशंसा की।

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पद्म पुरस्‍कार-2025 के लिए नामांकन शुरू

गणतंत्र दिवस, 2025 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्‍कार-2025 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज से शुरू हो गया है। पद्म पुरस्‍कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2024 है। पद्म पुरस्‍कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्‍त की जाएंगी।

पद्म पुरस्‍कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्‍थापित, इन पुरस्‍कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्‍कारों के अंतर्गत ‘उत्‍कृष्‍ट कार्य’ के लिए सम्‍मानित किया जाता है। पद्म पुरस्‍कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्‍ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्‍सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्‍य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्‍कारों के पात्र नहीं हैं।

सरकार पद्म पुरस्‍कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्‍वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।

नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।

इस संबंध में विस्‍तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्‍कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्‍कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्‍ध हैं। इन पुरस्‍कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट पर https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx लिंक पर उपलब्‍ध हैं।

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