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केन्द्रीय गृह अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रूपए के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रूपए के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हर जगह विकास पहुंचाने में मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने सफलता प्राप्त की है इन पांच सालों में ना कभी ब्लॉकेड हुआ, ना बंद हुआ और हिंसा पर भी काफ़ी हद तक क़ाबू पा लिया गया है, जब तक स्थिरता और शांति नहीं होती, तब तक विकास असंभव है बिरेन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि इसने स्थिरता, स्थायित्व, शांति के साथ-साथ विकास के रास्ते भी मणिपुर के लिए खोल दिए हैं पिछली सरकारों की ब्लॉकेड, हिंसा, भ्रष्टाचार, बंद, ड्रग्स के व्यापार की परंपरा से बाहर निकलने के लिए मणिपुर ने एक सफल प्रयास किया है प्रधानमंत्री मोदी ने कल ही 3000 करोड़ रूपए से अधिक की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया और पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी आज 265 करोड़ रुपए से अधिक लागत की 15 परियोजनाओं का उद्घाटन और 2194 करोड़ रुपए की 14 परियोजनाओं का भूमिपूजन हुआ हैदो ही दिनों में लगभग 5500 करोड़ रूपए की लागत के काम मणिपुर की जनता के लिए शुरू हुए हैं पिछली सरकारों के लंबे शासन में ऐसे दो दिन बता दीजिए जब 5500 करोड़ रूपए के कामों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ हो पहले सरकारें 24 घंटे राजनीति करती थीं, हथियारबंद समूहों का साथ देती थीं, फ़िरौती, अपहरण, ड्रग्स का व्यापार और बंद के नाम पर जनता को परेशान करती थीं, लेकिन अब केन्द्र में मोदी सरकार और मणिपुर में बिरेन सिंह सरकार, दोनों ने मिलकर डबल इंजिन विकास से मणिपुर का परिचय कराया है

नरेन्द्र मोदी सरकार ने पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई आयाम खोले हैं और प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि 8 राज्य भारत की अष्टलक्ष्मी हैं

पिछले साढ़े सात सालों में 1500 बार मंत्रियों का और अनेक बार प्रधानमंत्री जी का दौरा हुआ है

कई समस्याएं थीं, जैसे, बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री विवाद थे जिन्हें समझौतों के ज़रिए सुलझाया गया, ब्रू-रियांग समझौता किया गया, बोडो समझौता किया गया, 8 उग्रवादी समूहों से समझौता किया गया

लगभग 3000 उग्रवादी हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और ये युवा आज देश के विकास में लगे हैं

पिछली सरकार के तीन आई (I) थे, Instability (अस्थिरता), Insurgency (उग्रवाद) and Inequality (असमानता), हमने तीन नए आई (I) बनाए, Innovation, Infrastructure and Integration

Integration से ही देश एक हो सकता है और पूर्वोत्तर एक हो सकता है

मणिपुर की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रानी मां का और सारे जनजाति नेताओं का संग्रहालय निर्माण करने का काम किया, 31 जनजातीय संग्रहालय देशभर में बनेंगे जिनमें से एक मणिपुर में बनेगा

मोदी जी ने हम सबके सामने एक कल्पना रखी है कि एक विकसित नॉर्थईस्ट हो, जो पूरे पूर्वी भारत के विकास का आधार बने और इसी के माध्यम से ही पूर्वी भारत और पूरे भारत का विकास होगा

अंडमान में महाराजा कुलचंद्र और उनके साथियों ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी थी और उन्हें जहां रखा गया था उस जगह का नाम माउंट मणिपुर रखकर मोदी सरकार ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का काम किया है

ये मणिपुर ही है जिसे नेताजी ने स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार बनाया था और आईएनए का पहला झंडा फहराने का मौक़ा भी मणिपुर को ही मिला

आज़ादी के 75 वर्ष और मणिपुर के 50 वर्ष सभी मणिपुरवासियों के लिए नए संकल्प और नई ऊर्जा के वर्ष हैं

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रूपए के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। इस अवसर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये मणिपुर ही है जिसे नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार बनाया था और आईएनए का पहला झंडा फहराने का मौक़ा भी मणिपुर को ही मिला। ये वर्ष देश की आज़ादी का 75वां वर्ष है और पूरा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और मणिपुर भी अपने गठन के 50 वर्ष पूरे करेगा। एक मायने में आज़ादी के 75 वर्ष और मणिपुर के 50 वर्ष सभी मणिपुरवासियों के लिए नए संकल्प और नई ऊर्जा के वर्ष हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार बड़े मनोयोग के साथ पांच साल से मणिपुर के चप्पे-चप्पे के विकास के लिए प्रतिबद्ध दिखाई पड़ती है। पहाड़ हो, घाटी हो, वन हो, गांव हो या शहर हो, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व हर जगह विकास पहुंचाने में मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने सफलता प्राप्त की है। जब भी मणिपुर का इतिहास लिखा जाएगा, इन पांच सालों को एक स्वर्णिम युग के रूप में लिखा जाएगा। इन पांच सालों में विकास तो हुआ ही है, ना कभी ब्लॉकेड हुआ, ना बंद हुआ और हिंसा पर भी काफ़ी हद तक क़ाबू पा लिया गया है। जब तक स्थिरता और शांति नहीं होती, तब तक विकास असंभव है और बिरेन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि इसने स्थिरता, स्थायित्व, शांति के साथ-साथ विकास के रास्ते भी मणिपुर के लिए खोल दिए हैं। पिछली सरकारों की ब्लॉकेड, हिंसा, भ्रष्टाचार, बंद, ड्रग्स के व्यापार की परंपरा से बाहर निकलने के लिए मणिपुर ने एक सफल प्रयास किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कल ही 3000 करोड़ रूपए से अधिक की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया और पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे क्षेत्रों को समाहित करते हुए अनेक योजनाएं शुरू कीं। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से 265 करोड़ रुपए से अधिक लागत की 15 परियोजनाओं का उद्घाटन और 2194 करोड़ रुपए की 14 परियोजनाओं का भूमिपूजन हुआ है। लगभग 2450 करोड़ रूपए की लागत की परियोजनाओं की भेंट नरेन्द्र मोदी जी और बिरेन सिंह जी ने मणिपुर को दी है। दो ही दिनों में लगभग 5500 करोड़ रूपए की लागत के काम मणिपुर की जनता के लिए शुरू हुए हैं। पिछली सरकारों के लंबे शासन में ऐसे दो दिन बता दीजिए जब 5500 करोड़ रूपए के कामों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ हो।

श्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले समय में ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादों का महत्व बहुत बढ़ने वाला है। इसी दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आर्गेनिक मिशन की विशेष योजना के तहत सैनजेनथोंग में ऑर्गेनिक आउटलेट, कोल्ड रूम और पैकिंग यूनिट का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने मणिपुर के सभी किसानों से कहा कि ऑर्गेनिक खेती को उन्होंने जिस प्रकार स्वीकार किया है और आपको उपज के ज़्यादा से ज़्यादा दाम मिल पाएं, इसके लिए भारत सरकार और मणिपुर सरकार कटिबद्ध हैं और इसी दिशा में आज ये नई शुरूआत हुई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 8 करोड़ रूपए की लागत से 75 ट्यूबवेल भी आज शुरू हुए। 16 करोड़ रुपए की लागत से पशुपालन क्षेत्र की पांच परियोजनाओं की शुरूआत हुई है, 21 करोड़ करोड़ रुपए की लागत से चार पुलों और सड़कों का निर्माण होने वाला है, 36 करोड़ रुपए की कुल लागत से तैयार चार जलापूर्ति परियोजनाओं से करीब 31,000 लोगों को कल से ही पेयजल की आपूर्ति होगी। पर्यटन स्थल के लिए भी काम हुआ है, मणिपुर विश्वविद्यालय परिसर में अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास भवन समर्पित हुआ है और आज

पुलिस स्मारक का भी उद्घाटन हुआ है। इसके साथ ही 46 करोड़ रुपए की लागत से सिरूई महोत्सव के लिए अवसंरचना विकास परियोजना की घोषणा, ‘हुनर हब’ का विकास, इम्फाल में ‘ओलंपियन पार्क’ की आधारशिला, लुवांगसांगबाम में क्रिकेट स्टेडियम में विस्तारित सुविधाएं, सेनापति, नोनी और काकचिंग ज़िलों में 108 करोड़ रुपए की लागत से जिला न्यायालय परिसरों की आधारशिला, 22 करोड़ रुपए की लागत से थंगापत में पांच जलाशयों और दो प्रमुख परियोजनाएं और ढेर सारे वॉटर बॉडी के लिए ख़र्च, 450 एकड़ के लम्फेलपत वाटरबॉडी के विकास की योजना भी बनाई है। न्यू डेवलपमेंट बैंक से 650 करोड़ रुपए के वित्त पोषण के साथ 450 एकड़ के लम्फेलपत वाटरबॉडी के कायाकल्प की परियोजना और न्यू डेवलपमेंट बैंक से लगभग 1149 करोड़ रुपए के वित्त पोषण से इंफाल शहर के लिए एकीकृत सीवरेज प्रणाली के दूसरे चरण का काम शुरू होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पहले सरकारें 24 घंटे राजनीति करती थीं, हथियारबंद समूहों का साथ देती थीं, फ़िरौती, अपहरण, ड्रग्स का व्यापार और बंद के नाम पर जनता को परेशान करती थीं। लेकिन अब केन्द्र में मोदी सरकार और मणिपुर में बिरेन सिंह सरकार, दोनों ने मिलकर डबल इंजिन विकास से मणिपुर का परिचय कराया है। अंडमान में महाराजा कुलचंद्र और उनके साथियों ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी थी और उन्हें जहां रखा गया था उस जगह का नाम माउंट मणिपुर रखकर मोदी सरकार ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का काम किया है। हमने राज्य की सभी मांगों को समझा, स्वीकारा और आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई आयाम खोले हैं और प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि 8 राज्य भारत की अष्टलक्ष्मी हैं। मोदी जी ने भारत सरकार के सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि 15 दिन में हर मंत्री एक ना एक राज्य में उपस्थित हो और ज़िला कक्षा का कार्यक्रम करे। पिछले साढ़े सात सालों में 1500 बार मंत्रियों का और अनेक बार प्रधानमंत्री जी का दौरा हुआ है। श्री शाह ने कहा कि कई समस्याएं थीं, जैसे, बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री विवाद थे जनिहें समझौतों के ज़रिए सुलझाया गया, ब्रू-रियांग समझौता किया गया, बोडो समझौता किया गया, 8 उग्रवादी समूहों से समझौता किया गया। लगभग 3000 उग्रवादी हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और ये युवा आज देश के विकास में लगे हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार के समय में तीन आई (I) थे, Instability (अस्थिरता), Insurgency (उग्रवाद) and Inequality (असमानता)। हमने तीन नए आई (I) बनाए हैं, Innovation, Infrastructure and Integration। Integration से ही देश एक हो सकता है और पूर्वोत्तर एक हो सकता है। उन्होंने कहा कि तीन आई के फ़ॉर्म्यूला और प्रधानमंत्री जी के अष्टलक्ष्मी के आह्वान को हम ज़मीन पर उतारें। मणिपुर को हमने ब्लॉकेड फ्री किया है, बंद फ्री किया है और विकास के रास्ते पर चलाया है और मौका मिलने पर मणिपुर को हम ड्रग फ्री बनाने का काम भी सुनिश्चित करेंगे। मणिपुर की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रानी मां का और सारे जनजाति नेताओं का संग्रहालय निर्माण करने का काम किया, 31 जनजातीय संग्रहालय देशभर में बनेंगे जिनमें से एक मणिपुर में बनेगा। उन्होंने बहुत अच्छे कोविड मैनेजमेंट के लिए भी मुख्यमंत्री और मणिपुर सरकार को बधाई दी और कहा कि सभी 16 जिलों में ऑक्सीजन संयंत्र भी लग गए हैं। मोदी जी ने हम सबके सामने एक कल्पना रखी है कि एक विकसित नॉर्थईस्ट हो, जो पूरे पूर्वी भारत के विकास का आधार बने और इसी के माध्यम से ही पूर्वी भारत और पूरे भारत का विकास होगा।

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प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के समय आज हुई सुरक्षा चूक के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है-गृहमंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे के समय हुई सुरक्षा चूक के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

अपने ट्वीट में गृहमंत्री ने कहा है, “गृह मंत्रालय ने पंजाब में आज हुई सुरक्षा चूक की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री के दौरे पर सुरक्षा प्रक्रिया में ऐसी लापरवाही कतई स्वीकार्य नहीं है और इसकी जवाबदारी तय की जायेगी।”

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भारत के युवाओं को कुशल बनाते हुए, उन्हें वैश्विक बाजार में रोजगार पाने के लिए तैयार कर रहे हैं- अनुराग ठाकुर

केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज एनवाईकेएस युवा स्वयंसेवकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण के प्रायोगिक (पायलट) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर युवा कार्यक्रम विभाग की सचिव श्रीमती उषा शर्मा, क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य (प्रशासन) श्री प्रवीण परदेशी, युवा कार्यक्रम विभाग के संयुक्त सचिव श्री नितेश कुमार मिश्रा और मंत्रालय के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे। यह प्रशिक्षण युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय (एमओवाईएएस) द्वारा संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (यूनीटार) स्थित डिफीट –एनसीडी पार्टनरशिप, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और क्षमता निर्माण आयोग, भारत सरकार के बीच समग्र समन्वय के साथ आयोजित किया गया है।

  • इस पहल का उद्देश्य 1.4 से 2 मिलियन युवाओं को जीवन से जुड़े आवश्यक कौशल एवं व्यक्तित्व विकासराष्ट्र निर्माणनागरिकों के साथ जुड़ावसामुदायिक एकजुटतासामुदायिक सेवा और सशक्तिकरण के साधनों के बारे में व्यापक पैमाने पर प्रशिक्षित करना है।
  • प्रायोगिक प्रशिक्षण का हिस्सा बनने वाले 100 स्वयंसेवक जल्द ही दस लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने की नींव रखेंगे: श्री अनुराग ठाकुर

इस अवसर पर बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मोदी सरकार भारत के युवाओं को कुशल बना रही है और उन्हें वैश्विक बाजार की जरूरतों के हिसाब से रोजगार के लिए तैयार कर रही है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, सेवा क्षेत्र और कुल मिलकर संपूर्ण अर्थव्यवस्था में युवाओं, शिक्षितों, कुशल श्रमशक्ति को काम पर रखे जाने की अपार संभावनाएं हैं और भारत इस मांग को पूरा करने के लिए कुशल श्रमशक्ति का एक विशाल संसाधन विकसित कर रहा है। इतना ही नहीं, हमने एक मजबूत इकोसिस्टम भी बनाया है जो स्टार्टअप्‍स को पोषित करता है और हमारे युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करता है।

 

श्री ठाकुर ने कहा, “भारत की वर्तमान युवा आबादी लगभग 230 मिलियन है। इतने व्यापक स्तर की जनसांख्यिकीय शक्ति के पास राष्ट्र के उत्थान और सभी के जीवन – स्तर को ऊपर उठाने का सामर्थ्य है। युवाओं में देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने की असीम क्षमता है। 21वीं सदी में भारत को एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है जिसके लिए पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है और इसमें युवा अहम भूमिका निभा सकते हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि युवा स्वयंसेवकों ने कोविड महामारी के दौरान अपनी बहुमूल्य सेवाएं दीं और साहसिक कार्यों का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक स्वयंसेवक के रूप में उनके कौशल को विकसित करने में मदद करेगा ताकि वे पूरी प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र की सेवा कर सकें। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इससे उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर उभरने और भविष्य का नायक बनने की यात्रा शुरू करने में मदद मिलेगी।

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जैसाकि प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर दोहराया है कि युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव को श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।

 

श्री ठाकुर ने कहा, “यूनिटार और मंत्रालय के बीच की यह साझेदारी युवा प्रतिभागियों के व्यक्तित्व विकास और उनकी आजीविका पर स्थायी प्रभाव डालेगी, साथ ही राष्ट्र निर्माण और समृद्धि को भी बढ़ावा देगी।” केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “यह भारत के युवाओं को सशक्त बनाने और समान विचारधारा वाले, उत्साही लोगों का एक नेटवर्क बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत के युवा इस देश का भविष्य हैं और हमें उनमें निवेश करना चाहिए।” श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस प्रायोगिक (पायलट) प्रशिक्षण की सामग्रियों का चयन सावधानीपूर्वक किया गया है और इसमें वर्चुअल रियलिटी जैसी नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रायोगिक (पायलट) प्रशिक्षण का हिस्सा बनने वाले 100 स्वयंसेवक जल्द ही दस लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने की नींव रखेंगे।

 

श्री ठाकुर ने कहा, “व्यक्तिगत प्रगति और सामूहिक स्थितियों में सफलता के लिए आलोचनात्मक सोच की मजबूत क्षमता, पारस्परिक कौशल और नेतृत्व संबंधी क्षमताएं सबसे जरूरी हैं। यह प्रशिक्षण इन कौशलों के निर्माण पर केन्द्रित होगा।”

युवा कार्यक्रम विभाग की सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 12-15 दिनों वाले स्व-गतिशील एवं ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से भारत के युवाओं की पृष्ठभूमि और उनके कौशल की विस्तृत श्रृंखला के अनुरूप संवादात्मक, संवादात्मक उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग करते हुए आयोजित किया जाएगा। शुरुआत में यह प्रशिक्षण अंग्रेजी और हिंदी भाषा में उपलब्ध होगा। बाद में, क्षेत्रीय भाषाओं में भी यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में छापेमारी की

आयकर विभाग ने इत्र निर्माण और रियल इस्टेट के कारोबार से जुड़े दो समूहों के परिसरों मे 31.12.2021 को तलाशी अभियान चलाया और जब्ती की। तलाशी अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात में विभिन्न स्थानों पर 40 से अधिक परिसरों में कार्रवाई की गई।

प्राथमिक रूप से जांच करने पर मुंबई और उत्तर प्रदेश स्थित पहले समूह के मामले में यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि यह समूह इत्र की बिक्री, स्टॉक में हेराफेरी, कर योग्य इकाई से लाभ को कर मुक्त इकाई में स्थानांतरित करने के लिए बही खातों में गलत प्रविष्टियों को दर्ज करने, कर चोरी और व्यय की मुद्रास्फीति आदि में संलिप्त है। बिक्री कार्यालय तथा मुख्य कार्यालय में मिले साक्ष्यों से पता चला है कि समूह अपनी खुदरा बिक्री का 35% से 40% ‘कच्चा’ बिलों द्वारा नकद में बनाता है और इन नकद प्राप्तियों को खाते की नियमित बही में दर्ज नहीं किया जाता है, जो लगभग करोड़ों रुपये की होती है। फर्जी पार्टियों से करीब 5 करोड़ रुपये के सौदे की बुकिंग के भी सबूत मिले हैं।

आपत्तिजनक साक्ष्यों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इस तरह से उत्पन्न हुई बेहिसाब आय को भारत में मुंबई और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दोनों स्थानों पर संपत्तियों का अधिग्रहण करने के लिए विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया जाता है। यह भी पता चला है कि समूह ने स्टॉक-इन-ट्रेड को पूंजी में बदलने पर 10 करोड़ रुपये की कर की चोरी की है क्योंकि संबंधित आय घोषित नहीं की गई है। समूह ने कुछ भागीदारों को भुगतान किए गए लाभों पर 45 करोड़ रुपये की आय की भी पुष्टि नहीं की है।

ऐसे साक्ष्य भी मिले हैं और जब्त किए गए हैं जो इस तथ्य को पुख्ता करते हैं कि समूह के प्रमोटरों ने कुछ विदेशी संस्थाओं को शामिल किया है। ऐसी सूचना भी है कि इन बाहरी संस्थाओं को संबंधित आयकर रिटर्न में सम्मिलित नहीं किया गया है। तलाशी के दौरान प्राप्त हुए प्रमाणों से पता चलता है कि बाहरी इकाइयां भारतीय प्रमोटरों द्वारा चलाई और प्रबंधित की जाती हैं। ऐसी दो विदेशी संस्थाओं के संयुक्त अरब अमीरात में एक-एक विला पर मालिकाना हक होने का पता चला है।

यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि संयुक्त अरब अमीरात से समूह की बाहरी संस्थाओं में से एक ने इसकी एक भारतीय इकाई में अत्यधिक प्रीमियम पर 16 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शेयर पूंजी निवेश की है। इस प्राप्तकर्ता समूह इकाई ने कोलकाता स्थित कुछ फर्जी संस्थाओं से अवैध शेयर पूंजी के रूप में 19 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी स्वीकार की है। इन फर्जी संस्थाओं के शेयरधारक निदेशकों में से एक ने शपथपत्र पर स्वीकार किया कि वह एक डमी निदेशक था और उसने समूह के प्रमोटरों के कहने पर समूह की कंपनी की शेयर पूंजी में निवेश किया था।

उत्तर प्रदेश स्थित एक अन्य समूह पर तलाशी कार्रवाई के दौरान, लगभग 10 करोड़ रुपये के अपंजीकृत नकद लेनदेन की पुष्टि करने वाले आपत्तिजनक सबूत मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। यह भी पता चला है कि समूह अपनी माल सूची के लिए कोई स्टॉक रजिस्टर नहीं रखता है।

अब तक 9.40 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और 2 करोड़ रुपये से अधिक के अस्पष्टीकृत आभूषण जब्त किए गए हैं। फिलहाल कई बैंक लॉकरों को बंद कर दिया गया है और उनकी जांच होना अभी शेष है। आगे की जांच जारी है।

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डीजी शक्ति के तहत क्राइस्ट चर्च कॉलेज विद्यार्थियों को टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरित

कानपुर 6 जनवरी, भारतीय स्वरूप संवाददाता, उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वकाक्षी डीजी शक्ति के तहत विद्यार्थियों को टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण महाविद्यालय के कुल 500 चयनित विद्यार्थियों को एम०एल०सी० अरूण जी ने महाविद्यालय परिसर में टैबलेट/स्मार्ट फोन का वितरण किया गया। माननीय एम०एल०सी० पाठक जी ने विद्यार्थियों उत्तर प्रदेश सरकार की बिजी शक्ति की महत्ता के सन्दर्भ में विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। माइक का संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डा० सुनीता वर्मा ने किया। कार्यवाहक प्राचार्या डा० सूफिया सहाब ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि को नोडल आफीसर डा० सबीना आख्बोदरा ने बुके भेंट की महाविद्यालय की परम्परागत प्रार्थना डा० सवीना आरबोदरा की गई जा रवि महलवाल  ने सभी विद्यार्थियों को ब्रमबद्ध तरीकों से प्रवेश कराया । कार्यक्रम बहुत ही सफल सम्पन्न हुआ। अन्त में वोट आफ थैंक्स डा० मीतकमल के द्वारा किया गया । महाविद्यालय की डिजी शक्ति के अन्तर्गत तकनीकी स्टाफ रिषभ जार्ज, राहुल कुमार, समीर व स्वामीनाथ एवं हेल्पर स्टाफ  अजय दिग्गा एल्गोन्स एवं दिनेश कुमार का व्यक्तिगत सहयोग रहा। अन्ततः कार्यक्रम में सहभागिता निभाने वाले सभी शिक्षकों कर्मचारियों को नोडल आफीसर धन्यवाद दिया।

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एस .एन. सेन. बा. वि .पी .जी .कालेज, कानपुर नवाचार समिति द्वारा ग्राफिक डिजाइन की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कानपुर 6 जनवरी, छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत तकनीकी ज्ञान से अवगत कराने हेतु एस एन सेन बा वि पीजी कॉलेज में नवाचार समिति संबंध छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अंतर्गत ग्राफिक डिजाइन से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के अध्यक्ष महोदय श्री पी के मिश्रा, सचिव महोदय श्री पी के सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभो् सेन ,सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल जी ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन करके किया तथा सभी अतिथियों ने छात्राओं को शुभ आशीष दिया।

इस कार्यक्रम में मैक इंस्टीट्यूट द्वारा छात्राओं को डिजाइन को ग्राफिक के माध्यम से कैसे बनाया जाए तथा इसे अपना रोजगार के रूप में कैसे अपनाया जाए इसकी शिक्षा दी गई।
महाविद्यालय की सभी छात्राओं ने इस तकनीक के माध्यम से ग्राफिक्स के विभिन्न आयामों से इस विधा को सीखा अवश्य व इससे रोजगार के रूप में स्थापित करेंगे।
नवाचार समिति के प्रभारी डॉ रचना निगम में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा सेल की सदस्य श्रीमती मोनिका शुक्ला ने संचालन किया, श्रीमती मयूरिका गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कियाव श्रीमती अपर्णा निगम ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया तथा अन्य जानकारी दी
इस कार्यक्रम में लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया तथा कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी प्रवक्ता उपस्थित रही

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लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं का समाधान करवाया जायेगाः के. डी. चन्दोला

-राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग में लघु एवं मझोले वर्ग की समस्याओं पर हुई चर्चा-

डीएवीपी की विज्ञापन नीति की खामियों को दूर करने की मांग

कानपुर 6 जनवरी, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसोसियेशन ऑफ स्माॅल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की मीटिंग वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने की। वर्चुअल मीटिंग में देश के कई राज्यों से पदाधिकारीगण व सदस्यगण शामिल हुए और अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित मीटिंग में सहभाग करने वाले पदाधिकारियों ने सर्व प्रथम श्री बी0 आर0 कुमार को श्रद्धाँजलि दी और श्री कुमार के देहावसान को एसोसिएशन के लिये अपूर्णीय क्षति बताया।
मीटिंग में लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर चर्चा की गई और डीएवीपी विज्ञापन पालिसी-2020 की खामियों को दूर करवाने की मांग रखी गई। देशभर के कई राज्यों से शामिल हुए पदाधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों के समाचारपत्रों के सामने आ रही समस्याओं को सामने रखा। डीएवीपी की विभागीय कार्यशैली के प्रति नाराजगी जाहिर की और कहा कि बी ओ सी की कार्यशैली से लघु एवं मझोले वर्ग के समाचार पत्रों की विकासदर प्रभावित हो रही है। इतना ही नहीं लघु एवं मझोले समाचारपत्रों को बी ओ सी द्वारा नियम-कायदों के नाम पर बहुत परेशान किया जा रहा है जो कि निन्दनीय है। समस्याओं को सुन राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने आश्वासन दिया कि समाचारपत्रों की समस्याओं से सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय, भारत सरकार एवं डीएवीपी (बीओसी) को अवगत कराया जायेगा और उनका उचित हल निकालने की बात रखी जायेगी।
वर्चुअल मीटिंग में उप्र से श्याम सिंह पंवार, डी0 के0 मैथानी, अतुल दीक्षित, महाराष्ट्र से अप्पा साहिब पाटिल, गोरख तावरे, जितेन्द्र जोगड़, राजस्थान से डाॅ0 अनन्त शर्मा, उत्तराखंड से निशा रस्तोगी, डी0 डी0 मित्तल, आन्ध्र प्रदेश से भूपालम सतीश बाबू, कोंडलराव सेंडीरेड्डी, विजय राजू, पश्चिम बंगाल से नारायण चटर्जी, गुजरात से शंकर एम कतीरा, मयूर बारीचा, कर्नाटक से विद्याधर, असम से किरि रांगहेंग, मध्य प्रदेश से नितिन गुप्ता, राजेन्द्र प्रसाद बिंजवे शामिल हुए।

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दिसंबर 2021 में सकल जीएसटी राजस्‍व संग्रह 1,29,780 करोड़ रुपये का रहा

दिसंबर, 2021 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,29,780 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 22,578  करोड़ रुपये, एसजीएसटी 28,658  करोड़ रुपये, आईजीएसटी 69,155 करोड़ रुपये (वस्‍तुओं के आयात पर संग्रह किए गए  37,527 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 9,389  करोड़ रुपये (वस्‍तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 614 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।

सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी के लिए 25,568 करोड़ रुपये और आईजीएसटी से एसजीएसटी के लिए  21,102 करोड़ रुपये का निपटान किया है। दिसंबर 2021 में नियमित निपटान के बाद केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्‍व सीजीएसटी के लिए 48,146  करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 49,760 करोड़ रुपये है।

दिसंबर 2021 के महीने के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 13% अधिक और दिसंबर 2019 में जीएसटी राजस्व से 26% अधिक है। महीने के दौरान, माल के आयात से राजस्व 36% अधिक था और राजस्व घरेलू लेनदेन से (सेवाओं के आयात सहित) पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 5% अधिक है।

अक्टूबर, 2021 (7.4 करोड़) के महीने की तुलना में नवंबर, 2021 (6.1 करोड़) के दौरान ई-वे बिलों की संख्या में 17% की कमी के बावजूद महीने में जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये के करीब है।  केंद्रीय और राज्य दोनों कर प्राधिकरणों द्वारा बेहतर कर अनुपालन और बेहतर कर प्रशासन के कारण यह संभव हुआ।

चालू वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि पहली और दूसरी तिमाही में औसत मासिक संग्रह क्रमशः 1.10 लाख करोड़ रुपये और 1.15 लाख करोड़ रुपये था। आर्थिक सुधार के साथ, चोरी-रोधी गतिविधियों, विशेष रूप से नकली बिलर्स के खिलाफ कार्रवाई, जीएसटी को बढ़ाने में योगदान दे रही है। राजस्व में सुधार शुल्क ढांचे को ठीक करने के लिए परिषद द्वारा उठाए गए विभिन्न युक्तिकरण उपायों के कारण भी हुआ है। उम्मीद है कि राजस्व में सकारात्मक रुझान अंतिम तिमाही में भी जारी रहेगा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। खेल विश्वविद्यालय लगभग 700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा और सिंथेटिक हॉकी मैदान, फुटबॉल मैदान, बास्केटबॉल / वॉलीबॉल / हैंडबॉल / कबड्डी मैदान, लॉन टेनिस कोर्ट, जिमनैजियम हॉल, सिंथेटिक रनिंग स्टेडियम, स्विमिंग पूल, बहुउद्देशीय हॉल और एक साइकिलिंग वेलोड्रोम सहित आधुनिक और अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे से लैस होगा। इस विश्वविद्यालय में निशानेबाजी, स्क्वॉश, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, कैनोइंग और कयाकिंग सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। विश्वविद्यालय में 540 महिला और 540 पुरुष खिलाड़ियों सहित 1080 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता होगी।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ और आसपास के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्ररक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हों या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्ज्वलित रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय इतिहास में मेरठ सिर्फ एक शहर नहीं बल्कि संस्कृति और शक्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।” स्वतंत्रता संग्रहालय, अमर जवान ज्योति और बाबा औघर नाथ जी के मंदिर की भावना को महसूस करने पर प्रधानमंत्री ने अपनी खुशी का इजहार किया।

प्रधानमंत्री ने मेरठ में सक्रिय रहे मेजर ध्यानचंद को याद किया। उन्होंने कहा कि मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रहीहै।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य में लोकाचार में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। उन्होंने उस दौर को याद करते हुए कहा कि पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। उन्होंने पहले के समय की असुरक्षा और अराजकता को याद किया। हमारे मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है।पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं। इस बदलाव से बेटियों में पूरे देश का नाम रौशन करने का विश्वास पैदा हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है। हमारे आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है। और इसलिए, जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा। और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ वर्षों में, उनकी सरकार ने भारतीय खिलाड़ियों को चार उपकरण प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को चाहिए- संसाधन, खिलाड़ियों को चाहिए- ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधाएं, खिलाड़ियों को चाहिए- अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, खिलाड़ियों को चाहिए- चयन में पारदर्शिता, हमारी सरकार ने बीते वर्षों में भारत के खिलाड़ियों को ये चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में खेलों के लिए जरूरी है कि हमारे युवाओं में खेलों को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को अपना प्रॉफ़ेशन बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प भी है, और सपना भी! मैं चाहता हूँ कि जिस तरह दूसरे प्रॉफ़ेशन्स हैं, वैसे ही हमारे युवा स्पोर्ट्स को भी देखें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार खेलों को रोजगार से जोड़ती है। लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) जैसी योजनाएं शीर्ष खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी सहायता प्रदान कर रही हैं। खेलो इंडिया अभियान बहुत जल्दी प्रतिभा को पहचान रहा है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने के लिए सभी समर्थन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक में भारत का हालिया प्रदर्शन, खेल के मैदान में एक नए भारत के उदय का प्रमाण है। गांवों और छोटे शहरों में खेल के बुनियादी ढांचे के आगमन के साथ, इन शहरों से खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है, उसमें भी खेल को प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स को अब उसी श्रेणी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पोर्टिंग इको-सिस्टम में शामिल स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स प्रबंधन खेल लेखन, खेल मनोविज्ञान आदि नई संभावनाएं पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे समाज में विश्वास पैदा होता है कि खेलों की ओर बढ़ना सही फैसला है। उन्होंने कहा कि संसाधनों से खेल संस्कृति आकार लेती है और खेल विश्वविद्यालय इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। मेरठ की खेल संस्कृति के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर 100 से अधिक देशों में खेल के सामान का निर्यात करता है। प्रधानमंत्री ने उभरते खेल समूहों के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह, मेरठ न केवल लोकल फॉर वोकल यानी स्थानीय के लिए मुखर है, बल्कि लोकल फॉर ग्लोबल यानी स्थानीय को वैश्विक में बदल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन वाली सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। उन्होंने गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, प्रयागराज में डॉ. राजेंद्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ में राज्य फोरेंसिक विज्ञान संस्थान, अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर में मां शाकुंबरी विश्वविद्यालय और मेरठ में मेजर ध्यानचंद विश्वविद्यालय को सूचीबद्ध किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य स्पष्ट है। युवाओं को न केवल रोल मॉडल बनना चाहिए, बल्कि अपने रोल मॉडल को भी पहचानना चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत 75 जिलों में 23 लाख से अधिक कागजात (घरौनी) दी जा चुकी हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत राज्य के किसानों के खाते में करोड़ों रुपये आ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान से राज्य के किसानों को भी फायदा हुआ है। इसी तरह उत्तर प्रदेश से 12 हजार करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारों की भूमिका अभिभावक की तरह होती है। योग्यता होने पर बढ़ावा भी दे और गलती होने पर ये कहकर ना टाल दे कि लड़कों से गलती हो जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज योगी जी की सरकार, युवाओं की रिकॉर्ड सरकारी नियुक्तियां कर रही है। आईटीआई से ट्रेनिंग पाने वाले हजारों युवाओं को बड़ी कंपनियों में रोज़गार दिलवाया गया है। नेशनल अप्रेंटिसशिप योजना हो या फिर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, लाखों युवाओं को इसका लाभ दिया गया है। श्री मोदी ने कहा कि मेरठ गंगा एक्सप्रेसवे, रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम और मेट्रो से कनेक्टिविटी का हब भी बनता जा रहा है।

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‘काशी फ़िल्म महोत्सव’ की रंगारंग शुरुआत हुई

सदियों से अपनी समृद्ध परंपराओं और संस्कृति के लिए विख्यात रही नगरी काशी में इस सप्ताह तीन दिवसीय काशी फ़िल्म महोत्सव की शुरुआत के साथ एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

ये महोत्सव न केवल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य की झलक दिखाएगा, बल्कि प्रसिद्ध दार्शनिक कवियों, लेखकों, संगीतकारों और बनारस घराने की यादों को भी ताजा करेगा।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से लोग इस अद्भुत शहर की संस्कृति को और करीब से जानेंगे।

उन्होंने कहा कि पुर्नोद्धार के बाद काशी विश्वनाथ धाम लोगों को समर्पित करके प्रधानमंत्री ने काशी के प्रति अपना स्नेह दिखाया। ये उनके बहुत से दूसरे प्रयासों में से ही एक था जैसे कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं और गरीबों के लिए विभिन्न योजनाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के महोत्सव वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को और प्रदर्शित करेंगे।

मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने कहा कि प्रस्तावित फ़िल्म सिटी उनके जैसी नई और पुरानी प्रतिभाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बाद में उन्होंने अपने लाइव परफॉर्मेंस के जरिए संपूर्णानंद स्टेडियम में मौजूद जनता को खूब गुदगुदाया, वहीं प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने अपने गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की प्रस्तुतियां भी इस महोत्सव को यादगार बनाएंगी। ये पहली बार है कि भगवान शिव की इस नगरी में इस तरह का फ़िल्म महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन फ़िल्म बंधु, उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।

वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में मनोज जोशी की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर 28 दिसंबर को वाराणसी में काशी फ़िल्म महोत्सव के मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक “वाराणसी – एक सांस्कृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक विरासत से एक आधुनिक शहर तक की यात्रा” विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया जाएगा। दूसरे पैनल की चर्चा का विषय “संगीत और गीत – बनारस की विरासत” होगा जिसका समय दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 02 बजे तक होगा।

शाम 4 बजे समापन समारोह के साथ ही सब्सिडी का भी वितरण किया जाएगा। गुरुवार शाम को मशहूर फ़िल्म स्टार हेमा मालिनी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी। ये कार्यक्रम वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में ही होगा।

29 दिसंबर को “फ़िल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र और क्षेत्रीय सिनेमा की संभावना के तौर पर उत्तर प्रदेश” विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। और शाम को काशी में गायक रवि त्रिपाठी तथा अभिनेता रवि किशन की पेशकश के साथ इस पहले फ़िल्म महोत्सव का समापन होगा।

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