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मिथक बनाम तथ्य

एक राष्ट्रीय दैनिक में हाल ही में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट ने देश भर में न्यूमोकोकल (पीसीवी) टीके की कमी होने का दावा किया है। यह (एसआईओ, महाराष्ट्र सहित) राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को उद्धृत करते हुए बताती है कि निविदा की प्रक्रिया में देरी के कारण देश भर में एक महीने से अधिक समय तक लाखों बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हुई है।

यह समाचार रिपोर्ट भ्रामक एवं असत्य होने के साथ ही गलत जानकारी भी प्रदान करती है।

कल 7 अक्टूबर 2022 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार न्यूमोकोकल (पीसीवी) वैक्सीन की पर्याप्त खुराक उपलब्ध है। अभी पीसीवी की कुल 70,18,817 (70.18 लाख) खुराकें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं। इसमें महाराष्ट्र राज्य के पास ही पीसीवी की 3,01,794 (3.01 लाख) खुराकें शामिल हैं।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 से सितंबर 2022 की अवधि में, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपूर्ति की गई पीसीवी की कुल 3,27,67,028 (3.27 करोड़) खुराकों का उपयोग किया गया है। इसमें महाराष्ट्र राज्य में उपयोग की जाने वाली पीसीवी की 18,80,722 (18.80 लाख) खुराकें भी शामिल हैं।

वर्ष 2022-23 के लिए पीसीवी की खरीद में से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है।

निमोनिया रोग बाल मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है और भारत सरकार ने इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सक्रियता से कदम उठाए हैं।

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को वर्ष 2017 में भारत के सबसे अधिक प्रभावित पांच राज्यों जैसे बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद से ही सार्वभौम प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम–यूआईपी) के तहत पीसीवी का पूरे देश में विस्तार किया गया है।

पीसीवी अब भारत के सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है और 02 करोड़ 71 लाख शिशुओं के पूरे जन्म समूह के लिए निशुल्क उपलब्ध है। इसे तीन खुराक के कार्यक्रम (6 सप्ताह,14 सप्ताह और 9-12 महीने में बूस्टर डोज) के रूप में दिया जाता है।