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धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत में 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर उच्चस्तरीय बैठक की

केन्‍द्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भारत में 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर आज एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कौशल विकास और एमईआईटीवाई राज्‍य मंत्री श्री राजीव चन्‍द्रशेखर, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

2022-11-16 18:46:25.0380002022-11-16 18:46:25.237000

बैठक के दौरान, श्री प्रधान ने कहा कि जी20 में शिक्षा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने जी20 बैठक से पहले व्यापक तैयारियों का आह्वान किया और कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 बैठक यह साझा करने का अवसर भी है कि भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद क्या हासिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शिक्षा का एक नया मॉडल पेश करेगा जो सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक वैश्विक मॉडल हो सकता है। उन्‍होंने सम्‍मेलन की शानदार सफलता के लिए छात्रों, शैक्षणिक और कौशल संस्‍थानों को शामिल करने का आह्वान किया। उन्‍होंने भारतीय ज्ञान प्रणालियों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने और प्रतिभागियों को विश्व में भारत के योगदान से अवगत कराने का भी सुझाव दिया।

शिक्षा कार्य समूह जी20 शिक्षा मंत्रियों की 28 जून 2023 को होने वाली बैठक के लिए शिक्षा और टीवीईटी में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका और काम के भविष्य पर सेमिनार आयोजित करेगा। शिक्षा कार्य समूह जी 20 एडडब्ल्यूजी रिपोर्ट, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के सार-संग्रह और जी20 शिक्षा मंत्रियों के घोषणापत्र के लिए सेमिनार के दो विषयों पर एक रिपोर्ट के साथ सामने आएगा। प्राथमिकता वाले विभिन्न क्षेत्रों में एनसीईआरटी, आईआईएससी, एनएसडीसी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, यूनेस्को, यूनिसेफ, ओईसीडी आदि जैसे संस्थान ज्ञान भागीदार हैं।

इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत 1 दिसम्‍बर 2022 से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने जा रहा है और देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शिक्षा के तहत प्राथमिकता वाले चार क्षेत्र हैं:

1. विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में मूलभूत साक्षरता और गणना सुनिश्चित करना।

2. काम के भविष्य के संदर्भ में आजीवन सीखने को बढ़ावा देने वाली क्षमता निर्माण

3. हर स्तर पर तकनीकी सक्षम शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणात्मक और सहयोगी बनाना

4. समृद्ध सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को मजबूत करना, नवाचार को बढ़ावा देना।

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भागवती एजुकेशन सेंटर डिग्री कॉलेज मंधना में बाल दिवस के उपलक्ष्य बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम

कानपुर नगर संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, के भागवती एजुकेशन सेंटर डिग्री कॉलेज मंधना रोड पर 14 नवंबर के उपलक्ष्य बच्चों के द्वारा धूमधाम से मनाया रंगारंग कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्रवक्ता गण एवं छात्र छात्राओं ने महाँ विद्यालय के दत्तक ग्राम टिकना पुरवा का भ्रमण किया! वहां के जूनियर विद्यालय में बच्चों का रंगारंग कार्यक्रम खेलकूद प्रतियोगिता कराई गई!! विजेताओं को फल फूल एवं मोमेंटो देकर छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया, इस अवसर पर महाविद्यालय की निर्देशिका डॉक्टर गिरीश कुमारी सिंह एवं प्राचार्य डॉ अर्चना भदौरिया मीडिया प्रभारी ज्योति मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे!

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ग्रैंड एनुअल कॉन्सर्ट यूफोरिया – 2022 में बच्चो ने दिखाई अपनी प्रतिभा

कानपुर 15 अक्टूबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, आजादी का अमृत महोत्सव की थीम पर यूनाइटेड पब्लिक स्कूल में वार्षिक महोत्सव में आयोजन किया गया । “ग्रैंड एनुअल कॉन्सर्ट यूफोरिया – 2022” के नाम से रविवार को हुए इस आयोजन में गीत संगीत के माध्यम से छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया । मुख्य अतिथि सांसद सत्यदेव पचौरी जी ने कार्यक्रम की एंकरिंग कर रहे छात्र यश यादव सहित कई अन्य छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया । स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. नमिता माथुर के मुताबिक 11वीं कक्षा के छात्र यश यादव ने “आई०एस०सी अंतर विद्यालयीय हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता” में बोलकर कानपुर में पहला स्थान प्राप्त किया है । मर्चेंट्स चैंबर आफ उत्तर प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. इंद्र मोहन रोहतगी , स्कूल के महासचिव रोचक रोहतगी ने प्रतिभागी बच्चो का उत्साह वर्धन किया

 

 

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भारत अब निर्बल देश नहीं रहा; हम शांति में विश्वास रखते हैं लेकिन उकसाए जाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र को आश्वासन दिया है कि हमारे सशस्त्र बल भारत पर बुरी दृष्टि रखने वाले किसी को भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं। रक्षा मंत्री ने 13 नवंबर, 2022 को हरियाणा के झज्जर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य फोकस है और देश को भविष्य की चुनौतियों से बचाने के लिए सेना को अत्याधुनिक और स्वदेशी रूप से विकसित हथियार/उपकरण हथियारों से लैस किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा “भारत अब निर्बल देश नहीं है। हम शांति में विश्वास रखते हैं, लेकिन अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. हमारे जवानों ने इसे बार-बार साबित किया है। 2016 सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक और गालवान घाटी की घटना के दौरान हमारे सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी हमारे कौशल और तैयारियों का प्रमाण है।” रक्षा मंत्री ने भारत की वैश्विक छवि को केवल एक श्रोता से एक दृढ़ प्रतिज्ञ देश के रूप में रूपांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि विश्व अब भारत को उत्सुकतापूर्वक सुनता है। यह रेखांकित करते हुए कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब विश्व के शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, उन्होंने आशा जताई की कि आने वाले समय में देश शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा। राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी बल दिया कि सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी जैसे क्रांतिकारियों से प्रेरणा ली है और अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करते हुए भारत की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने इस वर्ष लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित ‘नए भारत’ के संकल्प ‘अमृत काल के पंच प्राण’ का भी उल्लेख किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने सहित इंडिया गेट परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा की स्थापना; मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से प्रेरित एक नया भारतीय नौसेना का पताका और लगभग 1,500 अप्रचलित ब्रिटिश-युग के कानूनों को समाप्त करने सहित कई पहल की हैं। राजनाथ सिंह ने 2023 में भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के लोगो में कमल के फूल की उपस्थिति पर व्यक्त किए गए कुछ लोगों के विचारों को खारिज कर दिया, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था। उन्होंने कहा कि कमल राष्ट्रीय फूल है, जो भारत की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा है। कार्यक्रम के दौरान झज्जर में रक्षा मंत्री द्वारा योद्धा राजा पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा का अनावरण किया गया। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को एक महान शासक बताया, जिन्होंने न केवल एक बड़े भू-भाग पर शासन किया, बल्कि वह बहादुरी, न्याय और लोक कल्याण के प्रतीक भी थे। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल थे।

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वित्त वर्ष 2022-23 में 10.11.2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह

10 सितंबर, 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़ों ने निरंतर वृद्धि दर्शाई है।

10 सितंबर, 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह यह दर्शाता है कि सकल संग्रह 6.48 लाख करोड़ रुपये का हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल संग्रह से 30.69 प्रतिशत अधिक है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.71 लाख करोड़ रुपये का हुआ है जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से  25.71 प्रतिशत अधिक है। यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष करों के कुल बजट अनुमान का  61.31प्रतिशत है।

जहां तक सकल राजस्व संग्रह के संदर्भ में कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की वृद्धि दर का सवाल है, सीआईटी की वृद्धि दर 22.03 प्रतिशत है, जबकि पीआईटी (एसटीटी सहित) की वृद्धि दर 40.64 प्रतिशत है। रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 24.51 प्रतिशत है और पीआईटी संग्रह (एसटीटी सहित) में शुद्ध वृद्धि 28.06  प्रतिशत है।

1 अप्रैल, 2022 से लेकर 10 सितंबर, 2022 तक की अवधि के दौरान 1.83 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 61.07 फीसदी अधिक हैं।

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दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज द्वारा मायांजली चेरिटेबल ब्लड बैंक, के सहयोग से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर अयोजित

कानपुर 14 नवंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, बाल दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर के द्वारा मायांजली चेरिटेबल ब्लड बैंक, सिविल लाइंस कानपुर के सहयोग से कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के नेतृत्व में एक *स्वैच्छिक रक्तदान शिविर* का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं, प्राध्यापिकाओं समेत समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की स्वास्थ संबंधी जांच की गई। जिनमें मुख्य रुप से हिमोग्लोबिन, वजन, ब्लड प्रेशर, ब्लड इंफेक्शन आदि हैं। शिविर का शुभारंभ प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने किया। चीफ प्रॉक्टर प्रो अर्चना श्रीवास्तव के द्वारा छात्राओं को रक्तदान से संबंधित व्याख्यान भी दिया गया। शिविर में लगभग 100 से अधिक छात्राओं के स्वास्थ संबंधी जांचें की गई तथा एन एस एस की 35 स्वयंसेविकाओं ने रक्तदान किया। रक्तदान करने वाली सभी छात्राओं को डोनर कार्ड, गिफ्ट, सर्टिफिकेट, फल, जूस, फ्रूटी व बिस्किट आदि का वितरण भी किया गया। शिविर में मुख्य रुप से डॉ अर्चना दीक्षित, डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉ पारुल , कृष्णेंद्र श्रीवास्तव तथा मायांजली ब्लड बैंक से आई टीम के मेडिकल ऑफिसर डॉ अशोक गुप्ता, इंचार्ज विजय सिंह, नीरज कुमार, तनीशा, सिमरन, पवन कुमार व अभिमन्यु पांडे आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पुणे और बैंकॉक के बीच सीधी उड़ान का उद्घाटन किया

केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने आज पुणे से बैंकॉक के लिए सीधी उड़ान का उद्घाटन किया।

यह उड़ान 12 नवंबर 2022 (आज) से पुणे-बैंकाक-पुणे के बीच संचालित होगी। यह उड़ान इस मार्ग पर प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालित होगी:

उड़ान सं. क्षेत्र प्रस्थान आगमन फ्रीक्वेंसी एयरक्राफ्ट
एसजी 81 पीएनक्यू-बीकेके 18:45 00:40 मंगलवार, गुरूवार, शनिवार, रविवार बी-737
एसजी 82 बीकेके-पीएनक्यू 14:15 17:10 मंगलवार, गुरूवार, शनिवार, रविवार बी-737

अपने संबोधन में, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पुणे और बैंकॉक के बीच यह हवाई संपर्क व्यापार, शिक्षा और निवेश के क्षेत्र में भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा।

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मंत्री महोदय ने कहा कि पुणे हवाई अड्डा देश का एक महत्वपूर्ण हवाई अड्डा है और सरकार इसके बुनियादी ढांचे के विकास को गति दे रही है। इस हवाई अड्डे का नया टर्मिनल अगले वर्ष सितंबर तक पूरा हो जाएगा, नया अंतरराष्ट्रीय कार्गो टर्मिनल दिसंबर 2024 तक विकसित होने की उम्मीद है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उपयोग दोनों के लिए एक एकीकृत एयर कार्गो टर्मिनल मार्च 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। एक मल्टी लेवल पार्किंग पहले ही तैयार की जा चुकी है और जल्द ही खुलेगी।

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स्पाइसजेट की उड़ान एसजी 81 पुणे से 1845 बजे प्रस्थान करेगी और 0040 बजे बैंकॉक पहुंचेगी और फ्लाइट एसजी 82 बैंकॉक से 1415 बजे प्रस्थान करेगी और 1710 बजे पुणे पहुंचे। इस रूट पर विमान बोइंग 737 का संचालन किया जाएगा।

इस उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर स्पाइसजेट के सीएमडी श्री अजय सिंह, सीएमडी और एमओसीए, एएआई, स्पाइसजेट एवं पुणे के स्थानीय प्रशासन के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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मध्य प्रदेश के मुरैना में दूसरे दिन भी मेगा कृषि मेला, प्रदर्शनी व प्रशिक्षण में हजारों की संख्या में किसान पहुंचे

मध्य प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के सहयोग से केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश के मुरैना में आयोजित तीन दिवसीय मेगा कृषि मेले, प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आज दूसरे दिन हजारों की संख्या में किसान आए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि प्रणाली किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। जिस प्रकार वनों में प्राकृतिक रूप से पौधे उगते हैं, उसी प्रकार किसान खेतों में गौ आधारित प्राकृतिक विधि से खेती कर उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ अपनी भूमि की उर्वरता भी बढ़ा सकते हैं। कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं स्थानीय सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, मध्यप्रदेश के राज्य मंत्री श्री भरत सिंह कुशवाहा, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री निरूपम मेहरोत्रा और कृषि वैज्ञानिक मौजूद थे, जबकि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने क्षेत्र के आदिवासियों के विकास के लिए पहाड़गढ़ में नाबार्ड की परियोजना का शुभारंभ किया साथ ही मुरैना में जैविक बीज फार्म के लिए हाईटेक नर्सरी और टिश्यू कल्चर लैब का शिलान्यास किया। मुरैना के डा. अम्बेडकर स्टेडियम में आयोजित मेगा मेला-प्रदर्शनी में आए किसानों को प्राकृतिक खेती का महत्व बताते हुए गुजरात के राज्यपाल श्री देवव्रत ने कहा कि आज भारत सरकार खाद सब्सिडी पर लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है, जबकि इस राशि का उपयोग देश में अन्य विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है। अगर किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएंगे तो इससे रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों की आय में वृद्धि करना भी संभव है और इससे 70 प्रतिशत तक पानी की बचत भी होती है।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002XS6V.jpgविशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि किसान पूरे देश के लोगों का पेट भरता है, इससे बड़ा कोई काम नहीं हो सकता। श्री सिंधिया ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत का परचम लहरा रहा है और इसका मुख्य कारण किसान हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय का बजट जो 2013-14 तक 21,000 करोड़ रुपये था, अब लगभग छह गुना बढ़कर 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। श्री सिंधिया ने कहा कि किसानों के लिए अवसंरचना विकसित की जा रही है, वहीं किसान उत्पादन बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2013-14 की तुलना में देश में खाद्यान्न और बागवानी उत्पाद का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है, जबकि आज भारत विश्व में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है और फूलों की खेती में दूसरे और खाद्यान्न उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।

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विशिष्ट अतिथि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के कल्याण और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कई प्रमुख पहल की गई हैं। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए नई तकनीकों से जुड़ना होगा। लोगों को स्वस्थ रखने और पोषण प्रदान करने के लिए सरकार प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दे रही है। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। आज किसानों को कम ब्याज दर पर साधारण कर्ज मिल रहा है, जिससे उनकी परेशानी कम हुई है। सरकार ने विशेष रूप से छोटी जोत वाले किसानों के लिए 10,000 नए एफपीओ के गठन सहित कई उपाय किए हैं। तीन दिवसीय मेगा कृषि मेले के दौरान किसानों ने दिन भर विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों का लाभ उठाया। कल भी प्रशिक्षण-सत्र होंगे। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने आज के मुख्य कार्यक्रम में आदिवासियों के विकास के लिए 3.75 करोड़ रुपये की लागत से नाबार्ड की एक परियोजना का उद्घाटन किया और आदिवासी परिवारों को टूलकिट वितरित किए। श्री तोमर ने कहा कि इससे आदिवासियों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। मुरैना जिले के पहाड़गढ़ को आदिवासी विकास परियोजना के लिए नाबार्ड द्वारा चुना गया है क्योंकि इस क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश आदिवासी सहरिया समुदाय से आते हैं। भारत सरकार ने सहरिया जनजाति को आदिम जनजाति के रूप में मान्यता दी है। जल संसाधन विकास परियोजना के तहत नलकूपों के अलावा पंप सेट, ड्रिप, प्लास्टिक ड्रम, खेत तालाब, पाइप आदि गतिविधियों को मंजूरी दी गई है। साथ ही उद्यानिकी एवं वानिकी के पौधे वितरित किए जाएंगे। मृदा एवं जल संरक्षण के तहत गतिविधियों तथा कुक्कुट एवं बकरी पालन की 25-25 इकाइयों को भी स्वीकृति दी गई है। महिलाओं के विकास हेतु स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, पापड़ बनाना, स्वच्छता पर जागरूकता कार्यक्रम और बैंक लिंकेज आदि गतिविधियों जैसे आय सृजन गतिविधियों को मंजूरी दी गई है। स्वास्थ्य शिविरों, पशुधन स्वास्थ्य शिविरों, सब्जी बागानों और एफपीओ के गठन आदि के लिए भी स्वीकृति दी गई है। इसका उद्देश्य आदिवासी परिवारों का एकीकृत विकास और क्षेत्र की क्षमताओं की भागीदारी एवं उपयोग और आदिवासियों की जरूरतों के आधार पर उनकी स्थायी आय सृजन के लिए एक नया मॉडल तैयार करना है। ग्राम स्तर पर जनजातीय संस्थानों का निर्माण करके क्षमता निर्माण, जो समुदायों के लिए नीति निर्माण में भाग ले सकते हैं और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं, भी इसके उद्देश्यों में शामिल हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा बीहड़ क्षेत्र में भूमि के जीर्णोद्धार हेतु, श्री तोमर ने मुरैना में राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा संचालित जैविक बीज फार्म के लिए एक हाई-टेक नर्सरी और टिशू कल्चर लैब की आधारशिला रखी। इसके लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को गडोरा, जखौना, रिठौरा खुर्द और गोरखा गांवों में 885.34 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। एमआईडीएच के तहत ढाई करोड़ रुपये की लागत से टिश्यू कल्चर लैब स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है। यह प्रयोगशाला एक वर्ष में लगभग 30 लाख पौधे पैदा करेगी और उच्च उपज और रोग मुक्त पौधों के बड़े पैमाने पर प्रसार को सक्षम करके वाणिज्यिक कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने में मदद करेगी। लैब में बांस, केला, स्ट्रॉबेरी, लेमन ग्रास, सिट्रोनेला आदि पौधों का उत्पादन किया जाएगा। इस बारे में एनएससी के निदेशक श्री साहू ने विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने सीतलामाता स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 2 करोड़ रुपये दिये। श्री तोमर ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक द्वारा प्रदान की गई 4.56 लाख रुपये की अल्पावधि ऋण राशि का चेक भी सौंपा। अधिक बाजरा उत्पादन के साथ-साथ इसके प्रसंस्करण के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई। साथ ही बाजरा पापड़ के प्रशिक्षण के लिए भी सहायता दी गई, जबकि ड्रोन के लिए एफपीओ के माध्यम से अनुदान प्रदान किया गया। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने भमौर के समीप तिगरा ग्राम में स्थापित नस्ल सुधार केन्द्र के 14 लाभार्थियों को उसके तकनीकी उन्नयन के लिये टेबलेट भी प्रदान किये। मुरैना में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय मेगा कृषि मेला एवं प्रदर्शनी के दौरान विभिन्न 143 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां किसानों को उत्साह के साथ जानकारियां मिल रही हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को उन्नत खेती और कृषि नवाचार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत राष्ट्रीय संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा प्राकृतिक खेती, नैनो यूरिया, पशु पोषक तत्व, मत्स्य पालन, जल संरक्षण, सूक्ष्म सिंचाई, फसल बीमा योजना और कृषि स्टार्टअप सहित विषयों पर स्टाल लगाए गए हैं। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और मुरैना के प्रभारी मंत्री श्री भरत सिंह कुशवाहा के साथ मेले का दौरा भी किया और दिन में किसानों और स्टाल लगाने वालों से बातचीत की। आधुनिक खेती में नवीन पद्धतियों को बढ़ावा देते हुए इस मेले में किसान ड्रोन के प्रदर्शन को भी किसान उत्सुकता से देख रहे हैं। श्री तोमर ने भी किसानों से ड्रोन प्रदर्शनी देखने का विशेष अनुरोध किया है। प्रदर्शनी को देखने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों के किसान भी आ रहे हैं और कृषि उपकरण तथा अन्य उत्पादों को देखकर प्रसन्न हो रहे हैं। तीन दिवसीय इस कृषि मेले और प्रदर्शनी का समापन 13 नवंबर को होगा।
 

 

 

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केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईटी- गुवाहाटी में जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

प्रमुख बिंदु:

  • “विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के त्वरित विकास” के लिए डीएसटी का एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के समग्र विकास के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 10 “विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) केंद्र” स्थापित किए, अगले एक साल में ऐसे और 15 केंद्र स्थापित किए जाएंगे
  • डीएसटी ने जीन एडिटिंग तकनीकों का उपयोग करके सिकल सेल रोग (एससीडी) के खिलाफ एक स्थायी उपचार विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की अनुसंधान व विकास परियोजना की भी सहायता की है

“जनजातीय गौरव दिवस” जो 15 नवंबर को मनाया जाता है, के उपलक्ष्य में केंद्रीय जनजातीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा व विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज आईआईटी- गुवाहाटी में जनजातीय समुदाय के अधिकारिता के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।

इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जनजातियों की पहचान को जीवित रखते हुए उनके एकीकृत विकास पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा, “हमें यह गर्व है कि श्री नरेन्द्र मोदी आज विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व कर रहे हैं और हमारे देश में जनजातीय लोगों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।” उन्होंने आगे कहा कि 2047 की ओर देश की विकास यात्रा में आदिवासियों को शामिल किया जाना चाहिए, जब भारत अपनी आजादी के सौ साल पूरे करेगा। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह वास्तव में प्रशंसनीय है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने जनजातियों के विकास के लिए नवाचारों वाली परियोजनाओं को लागू करके इस दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह उचित है, क्योंकि जनजातीय प्रकृति के नजदीक रहते हैं और पर्यावरण के बारे में गहन जानकारी रखते हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने विस्तार से बताया कि जनजातीय लोग अपने आसपास के वातावरण में, विशेष रूप से वहनीयता के संबंध में लगातार नवाचार करते हैं, लेकिन मुश्किल से ही उनके नवाचार को स्वीकृति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब यह समय आ गया है कि नई उपलब्धियां और सुविधाएं प्राप्त की जाएं। केंद्रीय मंत्री ने यह उम्मीद व्यक्त की कि सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से उठाए जा रहे कदम जनजातियों के विकास के लिए नए अवसर उत्पन्न करेंगे।

डॉ. जितेंद्र ने कहा कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के समग्र विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में 10 विशेष “विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार (एसटीआई) केंद्र” स्थापित किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि जनजातीय लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं के अनुरूप स्थायी आजीविका के सृजन के माध्यम से समावेशी सामाजिक- आर्थिक विकास के लिए अगले एक साल में ऐसे और 15 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि 10 में से 4 ऐसे एसटीआई केंद्र उत्तर पूर्वी राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा राज्यों में स्थापित किए गए हैं, जिससे इन राज्यों की एसटी जनसंख्या के लिए स्थायी आजीविका का सृजन किया जा सके।

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इस अवसर पर “आजादी का अमृत महोत्सव” के एक हिस्से के तहत “विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के त्वरित विकास” के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक विशेष कार्यक्रम को शुरू किया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सम्मेलन की विषयवस्तु “जनजातीय समुदाय का विज्ञान और प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण” प्रधानमंत्री के जय विज्ञान- जन अनुसंधान की सोच को प्रतिध्वनित करता है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार यह इतने बड़े पैमाने पर हुआ है कि जनजातीय समुदायों के जीवन और आजीविका के विभिन्न क्षेत्रों में उनके सशक्तिकरण के लिए डीएसटी के योगदान को प्रदर्शित किया जा रहा है। उन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय व विभाग के अन्य संगठनों और एएसटीईसी को इस सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री  मोदी ने नवंबर, 2021 में भारतीय आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पूरे साल मनाए जाने वाले उत्सव के एक हिस्से के तहत जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया था। महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा का जन्मदिन 15 नवंबर को मनाया जाता है, जिन्हें पूरे देश के जनजातीय समुदाय भगवान के रूप में पूजते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समुदाय के एकीकृत सामाजिक- आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने मंत्रालय के अपनाए गए उपायों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 100 नई परियोजनाओं की सहायता की गई और इन परियोजनाओं से देश के विभिन्न क्षेत्रों में 50,000 से अधिक अनुसूचित जनजाति के लोगों को लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीएसटी ने जीन एडिटिंग तकनीकों का उपयोग करके ऐसे रोगियों के जीवन स्तर में सुधार के व्यापक लाभों के साथ सिकल सेल रोग (एससीडी) के लिए एक स्थायी उपचार विकसित करने को लेकर 50 करोड़ रुपये की लागत वाली अनुसंधान व विकास परियोजना में भी सहायता की थी। उन्होंने आगे यह भी बताया कि गुवाहाटी स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान में नवाचार, प्रौद्योगिकी व उद्यमिता के लिए उत्तर- पूर्वी क्षेत्र और एसटी समुदाय के नृजातीय खाद्य वस्तुओं के जैव संसाधनों के केंद्र के रूप में 12 करोड़ रूपये की लागत से विरासत खाद्य और पेय अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए उपायों की अन्य श्रृंखलाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि डीएसटी ने पिछले तीन वर्षों में इंस्पायर फेलोशिप के माध्यम से विज्ञान में करियर बनाने के लिए एसटी छात्रों और विद्वानों को 700 फेलोशिप प्रदान की है।

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लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा

भारतीय स्वरूप संवाददाता, लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा, न्यूजप्रिंट को जीएसटी से बाहर रखने की उठाई मांग,
प्रकाशकों को परेशान करने का आर एन आई पर लगाया आरोप
सोलापुर, महाराष्ट्र। एसोसियेशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक राज्य अतिथिगृह में आयोजित की गई। बैठक का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस मौके पर मौजूद सदस्यों व पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम राष्ट्रगान गाया और अपने अपने विचार व्यक्त किये। बैठक की अध्यक्षता एसोसियेशन के उपाध्यक्ष विनोद महापात्रा ने की। मंचासीन सदस्यों का स्वागत महाराष्ट्र इकाई की ओर से पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया।
इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए एसोसियेशन के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चन्द्रशेखर गायकवाड़ ने कहा कि टाइटिल कोड जारी कर देने के बाद आर एन आई द्वारा परेशान करना निन्दनीय है। श्री गायकवाड़ ने उप्र सहित अन्य कई राज्यों से प्रकाशित होने वाले लघु वर्ग के अखबारों के प्रति चिन्ता जाहिर की।
नेशनल सेक्रेट्री डॉ0 अनन्त शर्मा ने कहा वर्तमान में लघु श्रेणी के समाचारपत्र इस समय अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सभी राज्यों की इकाइयां प्रकाशकों की समस्याओं को बिन्दुवार लिखकर निराकरण हेतु संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेंजे जिससे कि सम्बन्धित विभागों को पत्राचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि श्री चन्दोला जी ने अपना पूरा जीवन लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों के प्रति लगाया है। सभी पदाधिकारी अपने अपने राज्य की समस्याओं से श्री चंदोला जी को अवगत करायें।
श्री शर्मा ने न्यूजप्रिंट पर लागू की गई जी एस टी का मुद्दा उठाते हुए इसे लघु एवं मझोले श्रेणी के अखबारों से हटाने की बात रखी। इसके साथ ही एक हेल्पलाइन जारी करने का प्रस्ताव रखा।
वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के0 डी0 चन्दोला ने बैठक के दौरान मप्र इकाई का अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह जादौन को मनोनीत करने की घोषणा की जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान श्री चंदोला ने कहा कि सभी राज्यों की इकाइयों को निर्देश दिया कि अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए प्रकाशकों की समस्याओं को अवगत करायें व एसोसियेशन की मजबूती के लिये कार्य करें।
बैठक के दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा मंचासीन सभी पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष के0 डी0 चंदोला, उप्र राज्य इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, अतुल दीक्षित, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अप्पा साहिब पाटिल, आन्ध्र प्रदेश के अध्यक्ष कोण्डलाराव सेंड्डीरेड्डी, पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष नारायण चटर्जी, मप्र से अकरम खान शामिल हुए व बैठक के मौके पर महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी, एसोसियेशन के महामंत्री गुजरात राज्य से शंकर एम कतीरा, गुजरात राज्य के अध्यक्ष मयूर बोरिचा, एसोसियेशन के राष्ट्रीय मंत्री डॉ0 अनन्त शर्मा व प्रवीण पाटिल, शोभा जयपुरकर, कर्नाटक राज्य के अध्यक्ष वेणुगोपाल, तारिका वेलकर, भूपालम सतीश सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित हुए।

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