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देश में चार और छह लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किए गए चार छह लेन कार्यों का राज्य-वार विवरण अनुबंध में दिया गया है। आम तौर पर मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में परियोजनाएं अपनी अन्य निष्पादन एजेंसियों जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और विभिन्न राज्य लोक निर्माण विभागों (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से निष्पादित की जाती हैं। त्रिपुरा में 2026 करोड़ रु. की कुल पूंजी लागत से लगभग 25 किमी का एक कार्य एनएचआईडीसीएल द्वारा कार्यान्वयन के अधीन है।

मंत्रालय को राज्यीय राजमार्गो (एसएच) सहित अन्य राज्य सड़कों को नए राष्ट्रीय राजमार्गो के रूप में घोषित / उन्नयन करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्रस्ताव प्राप्त होते रहते हैं। राज्यीय राजमार्गों सहित राज्य सड़कों को समय-समय पर सुस्थापित सिद्धांतों के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्गों के रूप में घोषित किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्गो की घोषणा के लिए महत्वपूर्ण मानदंडों में निम्नलिखित शामिल हैं:-

  1. पूरे देश से गुजरने वाली सड़कें।
  2. निकटवर्ती देशों, राष्ट्रीय राजधानी को राज्यों की राजधानियों / पारस्परिक रूप से राज्यों की राजधानियों, प्रमुख बंदरगाहो, गैर-प्रमुख बंदरगाहों, बड़े औद्योगिक केंद्रों या पर्यटन केंद्रों को जोड़ने वाली सड़के।
  3. पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रणनीतिक आवश्यकता वाली सड़कें।
  4. सड़क मार्ग, जिनसे यात्रा की दूरी काफी कम होती है और पर्याप्त आर्थिक विकास प्राप्त किया जा सकता है।
  5. सड़कें, जो पिछड़े क्षेत्र और पहाड़ी क्षेत्र के अधिकतर इलाकों में संपर्कता उपलब्ध कराने में सहायक होती है।
  6. 100 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड की उपलब्धि में योगदान देने वाली सड़कें।
  7. पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (एनएमपी) के अनुरूप सड़कें।

मंत्रालय एनएच की घोषणा के मानदंडों की पूर्ति, संपर्कता की आवश्यकता, पारस्परिक प्राथमिकता और निधियों की उपलब्धता के आधार पर समय-समय पर राज्यीय राजमार्गों (एसएच) सहित को एनएच घोषित करने पर विचार करता है। कुछ राज्य सड़कों को एनएच घोषित करने पर विचार करता है।

एनएचएआई द्वारा किए गए चार/छह लेन कार्यों का राज्य वार विवरण

क्रम संख्या राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम कार्यों की कुल संख्या कुल लंबाई (किलोमीटर में) कुल पूंजीगत लागत (करोड़ रुपये में)
1 आंध्र प्रदेश 23 514 16832
2 असम 10 220 7100
3 बिहार 24 1033 37375
4 छत्तीसगढ़ 6 250 6427
5 गुजरात 20 724 15535
6 हरियाणा 22 656 27363
7 हिमाचल प्रदेश 8 160 8703
8 झारखंड 11 410 12539
9 कर्नाटक 25 1179 36460
10 केरल 19 583 50458
11 मध्य प्रदेश 25 820 17000
12 महाराष्ट्र 45 1967 50488
13 ओडिशा 18 722 15845
14 पंजाब 23 816 31352
15 राजस्थान 19 623 14864
16 तमिलनाडु 34 963 32545
17 तेलंगाना 11 374 10829
18 उत्तर प्रदेश 46 1684 63612
19 उत्तराखंड 14 257 12827
20 पश्चिम बंगाल 7 405 10358
21 दिल्ली 6 70 8664
22 जम्मू और कश्मीर 16 340 24855

 

यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत वैश्विक चिंताओं को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत वैश्विक चिंताओं को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

“प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक जलवायु आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और विश्व जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध अपनी लड़ाई में भारत के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार है- जबकि चिंता का विषय यह है कि कोविड जैसी महामारियों की कोई सीमा नहीं है, और नहीं वे किसी प्रकार की सम्पदा या अन्य कृत्रिम मानव विभाजन का सम्मान करती हैंI यह बात डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज तब कही जब पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां नई दिल्ली में  उनसे मुलाकात की।

पीएचडी चैंबर – ऊर्जा संक्रमण नवाचार चुनौती (एनर्जी ट्रांज़िशन इनोवेशन चैलेंज – ईएनटीआईसीई) के लिए एक ऐसा उद्योग भागीदार है, जो लोगों के लिए सकारात्मक ऊर्जा परिवर्तनों में तेजी लाने का एक नवाचार मंच है। चैंबर ने सरकार, शिक्षा और उद्योग के बीच अंतर को पाटने के लिए हरित (ग्रीन) हाइड्रोजन में एक अत्याधुनिक ज्ञान सुविधा केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ग्रीन हाइड्रोजन-सीओई-जीएच) भी स्थापित किया है। इस केंद्र का लक्ष्य क्षमता निर्माण के लिए साझेदारी को सुविधाजनक बनाना है। इस केंद्र का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) क्षेत्र की सहायता करने का है जो हरित ऊर्जा परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में एक नया व्यवसाय शुरू करने में भी रुचि रखता है। यह केंद्र भारत में इस प्रकार की एकमात्र सुविधा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पीएचडीसीसीआई से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनसीएल) और केंद्रीय विद्युत रसायन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीईसीआरआई) ने पुणे स्थित एक सॉफ्टवेयर बहुराष्ट्रीय कंपनी केपीआईटी  लिमिटेड  के साथ  सहयोग से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का व्यावसायिक उपयोग करने का आह्वान किया। हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का पिछले साल अगस्त में डॉ. जितेंद्र सिंह ने वाणिज्यिक उपयोग के लिए उद्घाटन  किया था।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत देश में समग्र नवीकरणीय ऊर्जा आरई क्षमता में 5 गुना वृद्धि की परिकल्पना के साथ विश्व में सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) विस्तार कार्यक्रम लागू कर रहा है।

उन्होंने कहा कि “भारत वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट की  स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त  करने और अब से 2030 तक अनुमानित उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध  भारत  के संघर्ष के सभी  साक्षी हैं । उन्होंने  आगे जोड़ा कि “हमने 2030 पेरिस समझौते के लक्ष्य से बहुत  पहले ही  नवीकरणीय स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन की अपनी प्रतिबद्धता पूरी कर ली है।”

उन्होंने कहा कि सौर एवं जलविद्युत स्रोतों से नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर देने के अलावा, प्रधान मंत्री ने 15 अगस्त, 2021 को लाल किले की प्राचीर से हाइड्रोजन ऊर्जा में प्रमुख प्रगति की घोषणा की थी । भारत ने लागत प्रतिस्पर्धी हरित हाइड्रोजन उत्पादन  को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन भी शुरू किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की ऊर्जा-मिश्रण रणनीतियों में स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की ओर बड़ा बदलाव, विनिर्माण क्षमता में वृद्धि, ऊर्जा उपयोग दक्षता और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन सहित हाइड्रोजन के लिए नीतिगत प्रोत्साहन शामिल है । उन्होंने जोर देकर कहा कि अब इसके अतिरिक्त 2जी इथेनॉल पायलट, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए सुविधाजनक  जलवायु बॉक्स, हाइड्रोजन वैलीज़, ऊष्मीकरण एवं प्रशीतन (हीटिंग एंड  कूलिंग) की वर्चुअल रिपॉजिटरी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां अब सुगमता से उपलब्ध हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने जैव-आधारित अर्थव्यवस्था के लिए एक रोडमैप के साथ ही एक ऐसी रणनीति विकसित की है जो वर्ष 2025 तक 150 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इससे कम कार्बन वाले जैव-आधारित उत्पादों के जैव-विनिर्माण के लिए बुनियादी ढांचे की सुविधा मिलेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि भारत सरकार सार्वजनिक- निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से मिशन नवाचार (इनोवेशन) 2.0 के अंतर्गत  स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों के लिए वित्त पोषण सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम) सेटअप भारत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा विकास में अपना योगदान प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करने में सक्षम है I  साथ ही उन्होंने कुछ प्रमुख सीईएम पहलों का उल्लेख किया, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम) सेटअप का वैश्विक प्रकाश व्यवस्था चुनौती (ग्लोबल लाइटिंग चैलेंज -जीएलसी) अभियान, सडकों के किनारे प्रकाश व्यवस्था का राष्ट्रीय कार्यक्रम (स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम) और  सभी के लिए लागत प्रभावी कम मूल्य की एलईडी के माध्यम से उन्नत ज्योति (उजाला) कार्यक्रम के अतिरिक्त एक सूर्य- एक विश्व-एक ग्रिड (वन सन-वन वर्ल्ड-वन ग्रिड)  पहल भी  शामिल है जिसे  पहली बार भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सौर ऊर्जा की जबरदस्त क्षमता का दोहन करने के लिए शुरू किया गया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत, “मिशन इनोवेशन” के माध्यम से, प्रेरक नवाचार लक्ष्यों को उत्प्रेरित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि   मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, ग्रीन इंडिया और स्मार्ट सिटीज जैसी राष्ट्रीय मिशन पहलों ने पूरे देश में स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के केंद्रों को प्रोत्साहित किया है। मंत्री महोदय  ने कहा कि इसके साथ ही, भारत ने एकीकृत तरीके से प्लास्टिक के एकल उपयोग (सिंगल यूज प्लास्टिक)  के लिए कम कार्बन विकल्प विकसित करने के उद्देश्य से  अनुसंधान एवं विकास पहल भी शुरू की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने नवंबर, 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) में सम्बन्धित पक्षों के सम्मेलन (सीओपी26) के 26वें सत्र में भारत की जलवायु कार्य योजना के पाँच अमृत तत्वों (पंचामृत) को दुनिया के सामने प्रस्तुत करकेअपनी जलवायु कार्य योजना को तेज करने की बात कही थी। उन्होंने कहा किभारत के लिए पंच -आयामी लक्ष्य और 2070 तक सकल (नेट) -शून्य उत्सर्जन के प्रति प्रतिबद्धता के अतिरिक्त , प्रधानमन्त्री मोदी ने एक स्थायी जीवन शैली का पालन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा बिरादरी द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों के माध्यम से वैश्विक मिशन ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ (एलआईएफई) बनाने के विचार पर भी जोर दिया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जलवायु कार्रवाई की दिशा में अपने लक्ष्यों जैसे- 2030 तक 500 गीगावॉट की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना; 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से पूरा करने ; 2030 तक काबन डाइऑक्साइड (सीओ2)  उत्सर्जन में 1 अरब (बिलियन टन की कमी) लाने; 2030 तक कार्बन की तीव्रता को 45 प्रतिशत से कम करने और 2070 तक शुद्ध -शून्य उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने के  मार्ग को प्रशस्त करने इत्यादि को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि आज जब भारत अपनी स्वतन्त्रता का 75वां वर्ष मना रहा है, तब ऐसे में इंडिया@100 के लिए अगले 25 वर्षों का रोडमैप जीवन के सभी क्षेत्रों में वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों द्वारा निर्धारित किया जाएगा ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमन्त्री मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया और इस साल को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा हैI आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ, सरकार स्वास्थ्य देखभाल सुरक्षा को एक नए आकांक्षात्मक स्तर पर ले जा रही है। यह दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है जो 50 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लक्षित करता है।

इस सब के अतिरिक्त, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आज विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पिछले नौ वर्षों में देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई लगभग 59 प्रतिशत बढ़ गई है। इस विस्तार के परिणामस्वरूप भारत के पास अब संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत  सरकार ने केवल पांच वर्षों में ही स्वच्छता कवरेज को 2014 के 39 प्रतिशत से बढ़ाकर 2019 तक 100 प्रतिशत करने का असंभव कार्य भी पूरा कर लिया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत  देश के सभी जिलों में 10.28 करोड़ शौचालय बनाए गए तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में 2 अक्टूबर, 2019 को देश ने स्वयं को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘जल जीवन मिशन (जेजेएम) – हर घर जल’ विश्व  की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना है। जब अगस्त 2019 में यह  कार्यक्रम शुरू किया गया था, तब हम 17 प्रतिशत पर थे और आज जेजेएम ने देश के 12.75 करोड़ (65.75 प्रतिशत) से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सैंडहर्स्ट अकादमी में 201वीं सॉवरेन परेड का निरीक्षण करने के लिए ब्रिटेन रवाना

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, सॉवरेन प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी, सैंडहर्स्ट में कमीशनिंग कोर्स 223 की 201वीं सॉवरेन परेड की समीक्षा करने के लिए आज ब्रिटेन रवाना हुए।

रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सॉवरेन परेड एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है, यह अपने शानदार इतिहास और दुनिया भर के अधिकारी कैडेटों के पासिंग आउट के लिए जाना जाता है। जनरल मनोज पांडे परेड में सॉवरेन प्रतिनिधि बनने वाले भारत के पहले सेनाध्यक्ष हैं। अपनी यात्रा के दौरान, जनरल मनोज पांडे रॉयल मिलिट्री अकादमी में गौरवपूर्ण स्‍थान रखने वाले भारतीय सेना स्मारक कक्ष का भी दौरा करेंगे।

अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान, जनरल मनोज पांडे ब्रिटिश सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स और ब्रिटेन सशस्त्र बल के वाइस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल ग्विन जेनकिंस से वार्तालाप करेंगे। वह ब्रिटेन की रणनीतिक कमान के कमांडर जनरल सर जेम्स होकेनहुल, फील्ड आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राल्फ वुडडिस और रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट के कमांडेंट मेजर जनरल ज़ाचरी रेमंड स्टेनिंग के साथ उच्च स्तरीय चर्चा में शामिल भी होंगे। इस चर्चा में समान हितों के विभिन्न मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसमें रक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयास और रणनीतिक योजना शामिल है।

यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक, सैन्य और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच स्‍थापित स्थायी सौहार्द का प्रमाण है जिसे वर्षों के दौरान विकसित किया गया है और यह रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग और सूझबूझ को बढ़ावा देता है।

जनरल मनोज पांडे को यह विशेष निमंत्रण, भारत और ब्रिटेन के बीच दीर्घकालिक सहयोग और मित्रता का साक्षी है। सॉवरेन परेड में जनरल मनोज पांडे की भागीदारी सैन्य संबंधों को बढ़ाने और वैश्विक मंच पर शांति एवं सुरक्षा में वृद्धि करने की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह आपसी सम्मान और प्रशंसा का एक उपयुक्त उदाहरण है, जो भारत-ब्रिटेन के बीच के संबंधों की मजबूत नींव को और सुदृढ़ बनाता है।

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धर्मेंद्र प्रधान ने जी. किशन रेड्डी और श्री राजीव चंद्रशेखर के साथ 360 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए विशेष कौशल पहल शुरू की, जिससे 2.5 लाख युवाओं को लाभ होगा

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में एक मजबूत कौशल-केंद्रित और उद्योग के लिए तैयार इकोसिस्टम बनाने के लिए केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान तथा संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास-(डीओएनईआर) मंत्री श्री जी किशन रेड्डी तथा केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज नई दिल्ली में ‘जीवन में बदलाव, भविष्य का निर्माण: उत्तर-पूर्व में कौशल विकास और उद्यमिता’ पर एक विशेष पहल का उद्घाटन किया।

इस पहल के तहत, एनईआर के 2.5 लाख युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), राष्‍ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) सहित कई योजनाओं एवं पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से उद्योग के लिए प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

सरकार ने समावेशी विकास को बढ़ावा देने, उद्यमशील प्रतिभा को पोषित करने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 360 करोड़ रुपये का पर्याप्त कोष निर्धारित किया है। आगे विकास को गति देने के लिए, कृषि, पर्यटन, हस्तशिल्प और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग को पूरा करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

इस कार्यक्रम को असम सरकार में लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, कौशल विकास रोजगार एवं उद्यमशीलता और पर्यटन मंत्री श्री जयंत मल्ला बरुआ; नागालैंड सरकार में विधायक और श्रम, रोजगार, कौशल विकास और उद्यमशीलता और उत्पाद शुल्क विभाग में सलाहकार श्री मोआतोशी लोंगकुमेर; सिक्किम सरकार में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और जल सुरक्षा, जल संसाधन और नदी विकास, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री भीम हैंग लिंबू और केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं के लिए उनकी दिलचस्पी वाले क्षेत्रों के अनुरूप कौशल विकास के अभूतपूर्व अवसर पैदा करेगा और पूर्वोत्तर के युवाओं की क्षमताओं को सामने लाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों एवं जनसांख्यिकीय लाभांश से संपन्न है और हमारी सरकार ने संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ इस क्षेत्र के अभूतपूर्व विकास के लिए काम किया है।

उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम से इन प्रयासों को और गति मिलेगी तथा साथ ही, क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक बदलाव को बढ़ावा देगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की कल्पना की है और इस सपने को साकार करने के लिए एक मजबूत कौशल विकास मिशन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

इस पहल की सराहना करते हुए श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि एमएसडीई की इस पहल से पहले चरण में 2.5 लाख से अधिक युवाओं को लाभ होगा, जिससे वे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नौकरी के लिए तैयार होंगे। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र को विकास का इंजन बनाने की दिशा में श्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली सरकार का एक और प्रयास है।

श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले 9 वर्षों के दौरान, हमारे प्रधानमंत्री ने शिक्षा, कौशल और नवाचार पर जोर देकर एक अनुकूल कौशल इकोसिस्टम बनाने के लिए लगातार काम किया है। अब हम वर्तमान रुझानों के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं जिससे हमारी कौशल रणनीतियों को आकार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हम जनसांख्यिकी के साथ दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुत प्रासंगिक है। उद्यमिता और नौकरियों दोनों में बड़ी संख्या में नए अवसर पैदा होने के साथ, कौशल की आवश्यकता बढ़ गई है। जीवन बदलना और भविष्य बनाना सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि यह हमारे उत्तर-पूर्व के युवा भारतीयों के लिए एक मिशन है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि नए भारत का भविष्य उज्ज्वल है और कौशल समृद्धि का पासपोर्ट है।

उत्तर-पूर्व में कौशल विकास और उद्यमिता पहल राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ पाठ्यक्रमों में सुधार पर जोर देती है, जो अच्छी तरह से तैयार पेशेवरों को विकसित करने के लिए एक डिजिटल बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित है। कार्यक्रम में कौशल मांग को समेकित करने, प्रशिक्षण मॉड्यूल को सरल बनाने, पाठ्यक्रम विकास और ‘सीखने के साथ-साथ कमाएं’ मोड में अपने कौशल सेट को उन्नत करने के लिए प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में उद्योग की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया गया।

“जीवन में परिवर्तन – भविष्य का निर्माण: उत्तर-पूर्व में कौशल और उद्यमिता विकास” की विशेष पहल में ये अहम बिंदु शामिल होंगे:

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत 2 लाख कौशल प्रशिक्षण
  • राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के तहत 30,000 शिक्षुओं (अप्रेंटिस) की नियुक्ति
  • जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) के तहत 20,000 लोगों को को कुशल बनाया जाएगा
  • औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) के अंतर्गत आईटीआई की गुणवत्ता में वृद्धि
  • पॉलिटेक्निक का सुदृढ़ीकरण
  • संकल्प के तहत उत्तर-पूर्व क्षेत्र की विशेष जरूरतों के लिए विशेष परियोजनाएं शुरू की जाएंगी
  • विदेशी नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किया जाएगा।

पिछले नौ वर्षों में, एमएसडीई ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में आईटीआई की नेटवर्क संख्या बढ़ाकर 106 कर दी है। इसके माध्यम से 3 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया है और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के माध्यम से 1000 उद्यमियों को सहायता प्रदान की है। एमएसडीई ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत वस्‍त्र, हथकरघा, निर्माण, परिधान, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सेवा में लगभग 12 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है।

राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) ने उत्तर-पूर्व में पिछले 7 वर्षों में 1,693 प्रतिष्ठानों के 38,240 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, केंद्र ने जेएसएस में 72 प्रतिशत से अधिक महिला लाभार्थियों के साथ 98,000 से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक मजबूत कौशल इकोसिस्टम बनाने, कार्यक्षेत्र और रोजगार कौशल के साथ युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक प्रमाण के रूप में खड़ा है।

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खबरें कानपुर से

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चकेरी थाना क्षेत्र में रहने वाले बुजुर्ग महिला ने क्षेत्र के भूमाफिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर को प्रार्थना पत्र दिया इस दौरान बुजुर्ग महिला के साथ मौजूद लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा ने भी उक्त भूमाफिया पर आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की। चकेरी थाना क्षेत्र के टटीयन श्याम नगर में रहने वाली माया ने बताया कि उनके ससुर मेहताब सिंह यादव की मौत एक्सीडेंट हो गई थी जिसका की मृत्यु प्रमाण पत्र उनके पास मौजूद है परंतु क्षेत्र में ही रहने वाले दबंग भूमाफिया महताब सिंह ने नगर निगम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया है तथा उनकी कृषि योग्य भूमि जो की करोड़ों की कीमत की है उसे अपने नाम करवाना चाहते हैं इसी मामले को लेकर आजा पुलिस कमिश्नर के पास आई है।

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कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सफाई कर्मियों की गुंडे चरम पर

यात्री से पानी गिरने पर सफाई कर्मियों ने बुजुर्ग महिला व, साथ में परिजनों को मारा पीटा

अभी कुछ दिनों पहले सफाई कर्मियों को मारते हुए वीडियो वायरल हुआ था।
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कुत्ते की बेरहमी से हत्या कर पीएसी ग्राउंड में फेंका।

युवक ने पहले रस्सी से बांधा, फिर पीट-पीट कर मार डाला।

क्षेत्रीय लोगों ने आरोपी युवक की शिकायत पुलिस से की।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी युवक को पकड़ा, पूछताछ के बाद पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज।

सीसीटीवी में युवक की हैवानियत हुई कैद।

जूही लाल कॉलोनी के 19 ब्लॉक का रहने वाला है आरोपी अतीक।

पूरा मामला किदवई नगर थानाक्षेत्र के लाल कॉलोनी चौकी का।

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धर्म अनुरागी परिवार ने श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन गोकुल धाम सरसैय्या घाट में किया

कानपुर 10 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता धर्म अनुरागी परिवार ने पुरुषोत्तम मास मे श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन गोकुल धाम सरसैय्या घाट कानपुर में भागवत कथा के शुभारंभ में आज पोथी कलश यात्रा मानस धाम सिविल लाइन* से निकल गई जो जेल चौराहा होते हुए *गोकुलधाम सरसैया घाट* में आकर विश्राम लिया कलश यात्रा में सर्वप्रथम बैंड राधे राधे की पताका लिए हुए भक्ति गीत मंगल कलश उठाने वाली भाग्य तेरा खुल जाएगा…… श्यामली सूरत से दिल दीवाना हो गया……. राधे राधे बोल बरसाने में ढोल मुख से राधे राधे बोल…..आदि भजन गाते चल रहे थे *101 महिलाएं सर पर मंगल कलश लेकर केसरिया साड़ी पहने हुए दुपट्टा ओढ़े हुए चल रही थी पोथी (श्रीमद भागवत) सर पर लेकर अमरनाथ गुप्ता चल रहे थे सबसे सबसे अंत में फूलों से सजी बग्गी में *कथावाचक आचार्य हेमंत कृष्ण जी महाराज* विराजमान थे कथा स्थल में पहुंचकर विधि विधान से पूजन कर कथा मंच में मंगल कलश को रखा गया।
*वैष्णवो का परम धन है श्रीमद्भागवत कथा मे कहा आचार्य हेमंत कृष्ण जी महाराज ने श्रीमद भागवत कथा से श्री हरि ह्रदय में विराजते हैं, सत चित और आनंद प्रदायिनी भागवत कथा निश्चित हो वैष्णवों का परमधन है उक्त विचार गोकुल धर्मशाला परिसर में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत बरसाना से पधारे आचार्य हेमंत कृष्ण जी महाराज ने कहे। श्रीमद्भागवत की महात्म्य की चर्चा करते हुए महाराज जी ने कहा की अगर कलियुग में कहीं श्री कृष्ण को देखना है तो शब्द विग्रह के रूप में भागवत जी में दर्शन करने चाहिए। भक्ति ज्ञान और वैराग्य की चर्चा करते हुए जीवन में इन तीनों भावो का जागरण कैसे हो इसके लिए श्रवण और स्मरण को श्रेष्ठ साधन बताया। देह की नश्वरता पर प्रवचन करते हुए महाराज श्री बोले कि अविनाशी ईश्वर से जुड़े बिना देह की धन्यता कभी संभव नहीं हो सकती।जीवन को अर्थ देने के लिए समर्थ ईश्वर की शरण में जाना ही पड़ेगा। श्रीमद भागवत की श्रवण विधि का वर्णन सुनाया।

इस अवसर आयोजक धर्म अनुरागी परिवार के अमर नाथ गुप्ता हर्षित गुप्ता अर्पित गुप्ता सुरेश चंद्र उम्र महेश सिंह श्रीमती सुषमा गुप्ता मेघा गुप्ता नेहा गुप्ता सीता देवी मंजू गुप्ता आदि प्रमुख रूप से आरती में उपस्थित रहे।

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डी जी कॉलेज से हुआ फाइलेरिया जागरूकता व एम डी ए अभियान का शुभारंभ

कानपुर 10 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना, डी जी कॉलेज, कानपुर के द्वारा फाइलेरिया दिवस के अवसर पर फाइलेरिया जागरूकता एवं एमडीए अभियान का शुभारंभ सीएमओ तथा डब्ल्यूएचओ टीम के साथ मिलकर किया गया। फाइलेरिया जिसे फीलपांव (एलिफेंटियासिस) कहा जाता है,भारत में आमतौर पर सामान्य रूप से हाथी पांव के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस रोग में व्यक्ति का पांव हाथी के पांव की तरह हो जाता है। यह एक अत्यंत गंभीर बीमारी है। फाइलेरिया मच्छरों द्वारा, विशेष रूप से परजीवी क्यूलैक्स फैंटिगंस मच्छरों के काटने से होता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते है और

मरीज को मृत समान बना देते है। यह बात ओरिएंटेशन सेशन में डब्लू एच ओ के विशेषज्ञ डॉ मंजीत सिंह चौधरी, जोनल समन्वयक – उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग ने कही।
एमडीए बूथ प्रतिनिधि मंडल में सीएमओ, कानपुर नगर टीम, डॉ तनुश्री चक्रवर्ती -जिला समन्वयक, पी सी आई और डॉ दीक्षा – एम्स ऋषिकेश का विशेष सहयोग रहा।
अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य प्रो वंदना निगम तथा संचालन भूगोल विभाग की असि प्रो डॉ. अंजना श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में चीफ प्रॉक्टर प्रो अर्चना श्रीवास्तव, प्रो रचना प्रकाश, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, एनसीसी इंचार्ज डॉ मनीषी पांडे, डॉ. ज्योत्स्ना, डॉ. उत्तमा, डॉ हिना अफशां एवं एनएसएस वॉलिंटियर्स का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त प्राध्यापिकाओं, शोधार्थियों, छात्राओं तथा स्टाफ ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।

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बंदरगाहों तक रेल और सड़क की कनेक्टिविटी

देश के सभी प्रमुख बंदरगाह रेल और चार लेन सड़क या राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े हुए हैं। राज्य सरकारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्गो हैंडलिंग वाले प्रमुख बंदरगाहों (गैर-प्रमुख बंदरगाहों) के अलावा, 66 बंदरगाहों में से 13 रेल से जुड़े हुए हैं, जबकि 24 चार लेन सड़क/राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े हुए हैं।

देश में, राज्यवार, बंदरगाह जो कोयला, सीमेंट, उर्वरक, पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पाद की ढुलाई करते हैं, के विवरण संलग्न हैं [अनुलग्नक]।

वर्ष 2022-23 में भारतीय बंदरगाहों पर हैंडल किए गए कुल 1129.63 मिलियन टन कार्गो यातायात में से, गुजरात और आंध्र प्रदेश राज्य के बंदरगाहों ने क्रमशः 493.85 मिलियन टन और 133.32 मिलियन टन का प्रबंधन किया।

अनुलग्नक

क्र.सं राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कोयले की हैंडलिंग करने वाले बंदरगाहों की संख्या उर्वरकों की हैंडलिंग करने वाले बंदरगाहों की संख्या, सीमेंट की हैंडलिंग करने वाले बंदरगाहों की संख्या पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की हैंडलिंग करने वाले बंदरगाहों की संख्या
1 गुजरात 15 6 7 9
2 महाराष्ट्र 7 3 5 3
3 गोवा 2 1 0 1
4 कर्नाटक 1 1 2 2
5 केरल 0 0 2 2
6 तमिलनाडु 2 1 2 7
7 आंध्र प्रदेश 4 4 1 2
8 ओडिशा 3 2 0 1
9 पश्चिम बंगाल 2 2 2 2
10 पुडुचेरी 1 0 1 2
11 अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह 0 0 9 2

 

यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।

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अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन द्वारा अपने कर्तव्यों और दायित्यों का निर्वहन करने की समस्त अधिकारी/कर्मचारीगण को शपथ दिलाई गई

आजादी का अमृत महोत्सव के समापन समारोह के अन्तर्गत ’’मेरी माटी, मेरा देश’’ एवं ’’हर घर तिरंगा’’ अभियान के अवसर पर श्री आलोक सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन, कानपुर द्वारा अमृत काल के पंच प्रण एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों और दायित्यों का निर्वहन करने की समस्त अधिकारी/कर्मचारीगण को शपथ दिलाई गयी।

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दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा *मेरी माटी मेरा देश* अभियान के तहत “वीरों को नमन माटी का वंदन” कार्यक्रम के अंतर्गत पौधारोपण किया

कानपुर 9 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव – 2023 आज से आरंभ होने वाले *मेरी माटी मेरा देश* अभियान के तहत आज 9 अगस्त, 2023 को “वीरों को नमन माटी का वंदन” कार्यक्रम के अंतर्गत एनएसएस वॉलिंटियर्स ने वृक्षारोपण कर माटी का वंदन किया तथा अमृत काल के पंच प्रण की शपथ ली। कार्यक्रम में 50 वॉलिंटियर्स समेत महाविद्यालय के अन्य छात्राओं तथा प्राध्यापिकाओं एवं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इस आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य प्रो वंदना निगम, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव एल, एनसीसी प्रभारी डॉ मनीषी पांडे, डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉ साधना सिंह, डॉ उत्तमा, डॉ विमला देवी, डॉ हिना अफशा, डॉ ज्योत्सना आदि प्राध्यापिकाओं का विशेष योगदान रहा।

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