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धर्म अनुरागी परिवार ने श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन गोकुल धाम सरसैय्या घाट में किया

कानपुर 10 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता धर्म अनुरागी परिवार ने पुरुषोत्तम मास मे श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन गोकुल धाम सरसैय्या घाट कानपुर में भागवत कथा के शुभारंभ में आज पोथी कलश यात्रा मानस धाम सिविल लाइन* से निकल गई जो जेल चौराहा होते हुए *गोकुलधाम सरसैया घाट* में आकर विश्राम लिया कलश यात्रा में सर्वप्रथम बैंड राधे राधे की पताका लिए हुए भक्ति गीत मंगल कलश उठाने वाली भाग्य तेरा खुल जाएगा…… श्यामली सूरत से दिल दीवाना हो गया……. राधे राधे बोल बरसाने में ढोल मुख से राधे राधे बोल…..आदि भजन गाते चल रहे थे *101 महिलाएं सर पर मंगल कलश लेकर केसरिया साड़ी पहने हुए दुपट्टा ओढ़े हुए चल रही थी पोथी (श्रीमद भागवत) सर पर लेकर अमरनाथ गुप्ता चल रहे थे सबसे सबसे अंत में फूलों से सजी बग्गी में *कथावाचक आचार्य हेमंत कृष्ण जी महाराज* विराजमान थे कथा स्थल में पहुंचकर विधि विधान से पूजन कर कथा मंच में मंगल कलश को रखा गया।
*वैष्णवो का परम धन है श्रीमद्भागवत कथा मे कहा आचार्य हेमंत कृष्ण जी महाराज ने श्रीमद भागवत कथा से श्री हरि ह्रदय में विराजते हैं, सत चित और आनंद प्रदायिनी भागवत कथा निश्चित हो वैष्णवों का परमधन है उक्त विचार गोकुल धर्मशाला परिसर में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत बरसाना से पधारे आचार्य हेमंत कृष्ण जी महाराज ने कहे। श्रीमद्भागवत की महात्म्य की चर्चा करते हुए महाराज जी ने कहा की अगर कलियुग में कहीं श्री कृष्ण को देखना है तो शब्द विग्रह के रूप में भागवत जी में दर्शन करने चाहिए। भक्ति ज्ञान और वैराग्य की चर्चा करते हुए जीवन में इन तीनों भावो का जागरण कैसे हो इसके लिए श्रवण और स्मरण को श्रेष्ठ साधन बताया। देह की नश्वरता पर प्रवचन करते हुए महाराज श्री बोले कि अविनाशी ईश्वर से जुड़े बिना देह की धन्यता कभी संभव नहीं हो सकती।जीवन को अर्थ देने के लिए समर्थ ईश्वर की शरण में जाना ही पड़ेगा। श्रीमद भागवत की श्रवण विधि का वर्णन सुनाया।

इस अवसर आयोजक धर्म अनुरागी परिवार के अमर नाथ गुप्ता हर्षित गुप्ता अर्पित गुप्ता सुरेश चंद्र उम्र महेश सिंह श्रीमती सुषमा गुप्ता मेघा गुप्ता नेहा गुप्ता सीता देवी मंजू गुप्ता आदि प्रमुख रूप से आरती में उपस्थित रहे।