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चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की रकम व सामान पकड़े जाने की सूचना

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लगातार प्रयासों की बदौलत पांच चुनावी राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में बरामदगी में महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की सूचना मिली है, जो 2018 में इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों में की गई बरामदगी से सात गुना (239.15 करोड़ रुपये) अधिक है। पांच राज्यों में चल रहे चुनावों और पिछले कुछ राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान जब्ती के आंकड़े प्रलोभनों की निगरानी करने और समान अवसर के लिए चुनावी बेईमानी को रोकने के हवाले से मजबूत उपायों को लागू करके स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। याद रहे कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक में पिछले छह राज्य विधानसभा चुनावों में 1400 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई थी, जो इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में 11 गुना अधिक है।

इस बार आयोग ने इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सिस्टम (ईएसएमएस) के माध्यम से निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को भी शामिल किया है, जो बहुत सहायक साबित हो रहा है, क्योंकि यह बेहतर समन्वय और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए केंद्र और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक साथ जोड़ता है।

चुनाव वाले राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, चुनावों की घोषणा के बाद और 20.11.2023* की स्थिति के अनुसार निम्नलिखित जब्ती की गई है-

 

राज्य नकद (करोड़ रुपये) शराब (करोड़ रुपये) मादक पदार्थ (करोड़ रुपये) कीमती धातुएं (करोड़ रुपये) मुफ्त और अन्य वस्तुएं (करोड़ रुपये) योग (करोड़ रुपये)
छत्तीसगढ़ 20.77 2.16 4.55 22.76 26.68 76.9
मध्य प्रदेश 33.72 69.85 15.53 84.1 120.53 323.7
मिजोरम 0 4.67 29.82 0 15.16 49.6
राजस्थान 93.17 51.29 91.71 73.36 341.24 650.7
तेलंगाना 225.23 86.82 103.74 191.02 52.41 659.2
कुल (करोड़ रुपये) 372.9 214.8 245.3 371.2 556.02 ~ 1760
इन 5 राज्यों में 2018 विधानसभा चुनावों के दौरान जब्ती के आंकड़ों की तुलना में 636% की वृद्धि

* आंकड़े राउंड फिगर में हैं

पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में की गई बरामदगी:

राज्य का नाम वर्ष 2017-18 में चुनाव के दौरान की गई कुल जब्ती (करोड़) वर्ष 2022-23 में चुनाव के दौरान की गई कुल जब्ती (करोड़) जब्ती में प्रतिशत की वृद्धि
हिमाचल प्रदेश 9.03 57.24 533.89
गुजरात 27.21 801.851 2846.90
त्रिपुरा 1.79 45.44 2438.55
नगालैंड 4.3 50.02 1063.26
मेघालय 1.16 74.18 6294.8
कर्नाटक 83.93 384.46 358.07
कुल 127.416 1413.191 1009.12

ईएसएमएस एक ऐसा प्रयास है, जिसका उद्देश्य प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से अन्य संबंधित एजेंसियों को सूचना का त्वरित आदान-प्रदान करना है। ईएसएमएस चुनाव व्यय निगरानी प्रक्रिया में शामिल कई प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सीईओ और डीईओ स्तर पर आसान समन्वय प्रदान करता है। मंच वास्तविक समय की रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करता है, विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट एकत्र करने और संकलित करने और बेहतर समन्वय में समय बचाता है। चुनाव वाले राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, यह आंतरिक ऐप अच्छी तरह से काम कर रहा है और चुनाव व्यय निगरानी प्रक्रिया में मदद कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में निर्मित जब्त शराब

राजस्थान निर्मित जब्त शराब

निगरानी प्रक्रिया जून और अगस्त के बीच चुनाव वाले राज्यों में वरिष्ठ डीईसी/डीईसी की अध्यक्षता में टीमों के दौरे के साथ शुरू हुई, जिसमें भाग लेने वाले मैदानी स्तर पर सक्रिय बलों को व्यय निगरानी के महत्व के बारे में संवेदनशील बनाने तथा चुनावों की तैयारी के लिए उनके इनपुट की समीक्षा करने के उद्देश्य से प्रवर्तन एजेंसियों और जिलों के साथ चर्चा  की गई। इसके बाद, आयोग ने इन राज्यों में समीक्षा के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रलोभनों के प्रवाह को रोकने और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बहु-स्तरीय कार्रवाई पर जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण पर जोर दिया, जो इन राज्यों में जब्ती में वृद्धि में परिलक्षित होता है। इन दौरों के दिन से, प्रवर्तन एजेंसियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी और जब तक चुनावों की घोषणा की गई, तब तक वे पहले ही 576.20 करोड़ रुपये की जब्ती की सूचना दे चुके थे।

आयोग ने चुनाव वाले राज्यों और उनके संबंधित पड़ोसी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों, आबकारी आयुक्तों, महानिदेशक (आयकर) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की।

आईआरएस, आईसी एंड सीईएस, आईआरएएस, आईडीएएस और अन्य केंद्र सरकार की सेवाओं के 228 अनुभवी अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है। कड़ी निगरानी के लिए, 194 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि निगरानी प्रक्रिया में फील्ड स्तर की टीमों की पर्याप्त उपलब्धता हो और धन-बल के खतरे से निपटने के लिए डीईओ/एसपी और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ नियमित फॉलो-अप किया जाए। चुनाव वाले राज्यों में चल रहे चुनावों के पूरा होने तक कड़ी निगरानी के प्रयास जारी रहेंगे और जब्ती के आंकड़ों में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

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सीजीएसटी दिल्ली पूर्वी ने “ऑपरेशन क्लीन स्वीप” के तहत 199 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाली 48 फर्जी फर्मों के एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, 3 गिरफ्तार

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) दिल्ली पूर्वी आयुक्तालय (कमिश्नरेट) ने “ऑपरेशन क्लीन स्वीप” के तहत 199 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाली 48 एक-दूसरे से जुड़े फर्जी फर्मों के एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। सीजीएसटी दिल्ली पूर्वी ने एकत्रित मानव आधारित खुफिया जानकारी के आधार पर फर्जी बिलर्स के खिलाफ समन्वित रूप से “ऑपरेशन क्लीन स्वीप” शुरू किया, जिसे जमीनी खुफिया जानकारी की सहायता के साथ डेटा माइनिंग और डेटा एनालिसिस के माध्यम से आगे बढ़ाया गया।

इस अभियान के पहले चरण में, कुल 48 नकली/फर्जी फर्मों की पहचान की गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या फिर कागजी फर्में हैं। ये फर्में फर्जी चालान का काम कर रही थीं। ऐसे चालान वस्तुओं या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना बनाए गए थे, जो जीएसटी कानून के तहत एक अपराध है। तीन लोगों को पकड़ लिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, पटियाला हाउस द्वारा दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों और सरगनाओं की पहचान कर ली गई है और आगे की जांच की जा रही है।

पकड़े गए व्यक्तियों में से एक, जोकि मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स का मालिक था, पांच करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी वाली आईटीसी का लाभ उठाने के कार्य में लिप्त पाया गया, जिसका बड़ा हिस्सा अन्य जुड़े लिंकों को दे दिया गया था। पकड़े गए अन्य दो व्यक्ति इस सिंडिकेट को सहायता व बढ़ावा दे रहे थे और सिंडिकेट के कामकाज में सहायक थे। इस अभियान के दौरान 55 अलग-अलग फर्मों से संबंधित टिकट, कई सिम कार्ड एवं आधार कार्ड जैसे दस्तावेज और तीसरे पक्ष से संबंधित बिजली बिल सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।

यह पूरा अभियान दुर्गम इलाके में चलाया गया, जिसमें दिल्ली की संकरी गलियां और संवेदनशील इलाके शामिल थे। यह अभियान केवल दिल्ली पुलिस के सौहार्दपूर्ण सहयोग के कारण संभव हुआ, जिसने जीएसटी अधिकारियों की सहायता के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया था। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 54वें इफ्फी के अंतर्गत वीएफएक्स और टेक पवेलियन का उद्घाटन किया

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री  अनुराग ठाकुर ने आज गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के अंतर्गत वीएफएक्स और टेक पवेलियन का उद्घाटन किया। इफ्फी में एनएफडीसी द्वारा फिल्म बाजार के इतिहास में पहली बार स्थापित, वीएफएक्स और टेक पवेलियन एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, वर्चुअल रियलिटी और सीजीआई के क्षेत्र में फिल्म निर्माण तकनीक में कुछ सबसे गतिशील, गहन और अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन करेगा।

ठाकुर ने सिने संग्रहालय, अमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स के व्यूइंग ज़ोन आदि सहित पवेलियन के विभिन्न खंडों का उद्घाटन और निरीक्षण किया। ठाकुर ने सोनी के फुल फ्रेम सिनेमा लाइन कैमरों के उपयोग को देखा-समझा और 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल के तहत चुने गए युवा फिल्म निर्माताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने टेक पवेलियन के बुक टू बॉक्स खंड के तहत चयनित लेखकों के साथ भी बातचीत की।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री फुल फ्रेम सिने कैमरे के उपयोग को देखते-समझते हुए

ठाकुर ने कहा कि 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी मीडिया और मनोरंजन अर्थव्यवस्था बनने तक की भारत की प्रगति अभूतपूर्व रही है। उन्होंने कहा, ”देश में निर्मित फिल्म और मीडिया सामग्री की प्रतिभा और मात्रा को देखते हुए, भारत जल्द ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मीडिया और मनोरंजन उद्योग बन जाएगा।”

ठाकुर ने कहा कि भारत फिल्म निर्माण के नए तकनीकी हस्तक्षेप और नवाचारों को अपना रहा है। उन्होंने कहा, ”हमारे युवाओं और बच्चों की प्रतिभा और हमारे उद्योग जगत के अग्रणी लोगों के नवाचार द्वारा समर्थित फिल्म शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन की बदौलत भारत सबसे अधिक मांग वाला गंतव्य है।”

नए तकनीकी हस्तक्षेपों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए  ठाकुर ने कहा, ”भारत कहानी सुनाने वालों का देश है और लोग गहन, रचनात्मक और मौलिक सामग्री पसंद करते हैं और उसका लुत्फ उठाते हैं।” श्री ठाकुर ने कहा कि सामग्री का सृजन करने वालों को मनोरंजन के साथ-साथ दर्शकों को सूचित करने और शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए मीडिया और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में निरंतर विकसित हो रही प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।

ठाकुर ने कहा, ”भारत पोस्ट-प्रोडक्शन का केंद्र है। उन्होंने कहा कि नव स्थापित वीएफएक्स और टेक पवेलियन फिल्म निर्माण के क्षेत्र में पोस्ट-प्रोडक्शन को और अधिक बढ़ावा देंगे।”

रचनात्मक और एआई क्षेत्रों के विशेषज्ञ आभासी दुनिया तैयार करके, बुद्धिमान पात्रों का सृजन करके और दृश्यों की हद से पार जाने के लिए व्यक्तिगत अनुभव साझा करके फिल्म निर्माण में संभावनाओं और प्रगति की संभावनाओं का द्वार खोलेंगे।

इस वर्ष के भाग लेने वाले कुछ सम्मानित ब्रांडों  में गूगल आर्ट्स एंड कल्चर, नेटफ्लिक्स, और अमेजॉन  शामिल हैं।

इस अवसर ठाकुर के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री नीरजा शेखर; और पृथुल कुमार, संयुक्त सचिव (फिल्म), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और एमडी, एनएफडीसी भी मौजूद थे।

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राष्ट्रपति ने बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन से तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया; नए रायरंगपुर डाक मंडल का उद्घाटन किया; रायरंगपुर डाक प्रभाग का स्मारक विशेष कवर जारी किया; और बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी

 महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (21 नवंबर, 2023) बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन, ओडिशा से तीन नई ट्रेनों यथा -बादामपहाड़-टाटानगर एमईएमयू;  बादामपहाड़-राउरकेला वीकली एक्सप्रेस; और बादामपहाड़-शालीमार वीकली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने आभासी रूप से नए रायरंगपुर डाक डिवीजन का उद्घाटन किया; रायरंगपुर डाक डिवीजन का स्मारक विशेष कवर जारी किया; और इस अवसर पर बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास उस क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर निर्भर करता है। चाहे रेल हो, सड़क हो या डाक सेवाएं हों- ये सभी सेवाएं लोगों के जीवन को सुगम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई तीन ट्रेनें स्थानीय लोगों को झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों की यात्रा करने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा के औद्योगिक शहर राउरकेला जाने में भी लोगों को कोई असुविधा नहीं होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि सेल फोन और कूरियर सेवाओं के बढ़ते चलन के बावजूद, भारतीय डाक की प्रासंगिकता नहीं खोई है। रायरंगपुर में नए डाक डिवीजन का उद्घाटन इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र के लोगों को अब डाक सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट की तुलना में इसके लिए मौजूदा बजट में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों के विकास के बिना समावेशी विकास अधूरा है, इसीलिए सरकार जनजातीय समुदायों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जनजातीय युवाओं से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आत्म विकास के लिए व्यक्ति का प्रयास भी आवश्यक है। इसलिए युवाओं को अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने पीवीटीजी के विकास के लिए इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पीएम जनमन (पीएम-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान) शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों की प्रगति की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल इस अमृत काल में लोगों को विकास से जोड़ेगी और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेगी।

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने बादामपहाड़-शालीमार एक्सप्रेस में बादामपहाड़ से रायरंगपुर तक की यात्रा की।

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स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता शपथ एवं रैली आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज , कानपुर द्वारा जिलाधिकारी महोदय/ जिला निर्वाचन अधिकारी कानपुर के निर्देशानुसार स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता शपथ एवम रैली का आयोजन किया गया ।इसकी शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जोज़ेफ डेनियल ने कॉलेज परिसर में मतदान शपथ ग्रहण के द्वारा किया गया ,और इसके साथ ही रैली का भव्य आयोजन भी किया गया जिससे अधिक से अधिक मतदान कर एक लोकतांत्रिक शक्तिशाली देश का निर्माण किया जा सके। उक्त कार्यक्रम मे कॉलेज के लगभग 150 से अधिक छात्र/छात्राओं एवॉम् एनसीसी, एनएसएस की यूनिट ने प्रतिभाग किया । रैली का आयोजन कालेज परिसर से होते हुए बड़े चौराहा और शिवाला मार्ग होते हुए कालेज मे आकर समाप्त हुआ। मतदाता रैली में मतदाता पंजीकरण केंद्र प्रभारी प्रो. सुनीता वर्मा , स्वीप नोडल अधिकारी डा आशीष कुमार दुबे, तथा सुपरवाइजर एस एस राजपूत , कॉलेज अध्यापकगण एवम कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।

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“स्वीप-मतदाता जागरूकता अभियान” के अंतर्गत ऐस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज मतदाता केंद्र पर नुक्कड़ नाटक आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित “स्वीप-मतदाता जागरूकता अभियान” के अंतर्गत ऐस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज मतदाता केंद्र पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमे महाविद्यालय की तीनों इकाइयों – एन. एस. एस., एन. सी. सी. एवम रेंजर्स रोवर्स की छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के मंधन द्वारा मतदाता जागरूकता के विषय में संदेश प्रसारित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का सुभारंभ महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रोo सुमन एवम कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रोली सचान, सोशल उद्यमी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्राचार्या ने छात्राओं को मतदाता जागरूकता के लिए आवश्यक निर्देश दिए तथा नुक्कड़ नाटक के सफल मानधन के लिए छात्राओं की प्रशंसा की। मुख्य अतिथि ने मतदाता अभियान में एन. एस. एस. वालंटियर तनु सिंह को कैंपस एंबेसडर नियुक्ति की तथा उन्हें स्वीप-नोडल अधिकारी कैप्टन ममता अग्रवाल एवम मतदान केंद्र प्रभारी प्रोo चित्रा सिंह तोमर, एन. एस. एस. प्रोग्राम ऑफिसर के द्वारा उनके कार्यों से अवगत कराया गया। प्राचार्या प्रोo सुमन ने प्रतिभागी छात्राओं को पुरुस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाएं, शिकनेतर कर्मचारी एवम बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

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रोड सेफ्टी क्लब और दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में रोड सेफ्टी क्लब के द्वारा प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभयान के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गई। जिनमें मुख्य रूप से निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर तथा भाषण प्रतियोगिता रही। सभी प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने उत्साह के साथ भागीदारी की तथा सड़क सुरक्षा किस प्रकार से हमारे लिए महत्वपूर्ण है इस विषय पर अपने विचार रखें। इन सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय आने वाली छात्राओं को जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका प्राप्त होगा। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने कहा कि सड़क यातायात सुरक्षा अभियान एक प्रकार का विधि या उपाय है जिससे सड़क दुर्घटना में लोगों को चोट लगने और उससे मौत होने आदि घटनाओं को कम करने का प्रयास किया जाता है। सभी प्रतियोगिता में विजयी छात्राओं को उन्होंने अपनी शुभकामनाएं देते हुए छात्राओं के द्वारा बनाए गए पोस्टर्स की अति सराहना की। समस्त प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में भूगोल विभाग प्रवक्ता डॉ अंजना श्रीवास्तव एवम् कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।

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54वां आईएफएफआई: सिनेमा के उस मनमोहक सफर के लिए तैयार हो जाइए जो कथानक को फिर से परिभाषित करने का भरोसा देता है

आईएफएफआई में भारतीय पैनोरमा खंड के तहत 25 फीचर और 20 गैर-फीचर फिल्में फिल्म-प्रेमियों को शानदार सिनेमा का अनुभव प्रदान करेंगी। भारतीय पैनोरमा सत्र कल मलयालम फिल्म अट्टम के साथ शुरू होगा। विविधता में एकता और समावेशिता के व्यापक विषयों ने भारतीय पैनोरमा खंड में फिल्मों को बांध लिया है, जिसमें विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, संभावनाओं, पहचानों और जीवन के सभी क्षेत्रों की कथानकों का प्रतिनिधित्व करने वाली फिल्मों का जश्न मनाया जा रहा है।

आनंद एकरसाही द्वारा निर्देशित, शुरुआती फिल्म एक महिला और बारह पुरुषों के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का मौका मिलता है।

मीना लोंगजाम द्वारा निर्देशित एक डॉक्यूमेंट्री ‘एंड्रो ड्रीम्स’ गैर-फीचर खंड में शुरुआती फिल्म होगी। मणिपुर के एक ग्रामीण गांव पर आधारित यह डॉक्यूमेंट्री एक बूढ़ी महिला लाइबी और उसके तीन दशक पुराने लड़कियों के फुटबॉल क्लब की कहानी है, जो पूर्वोत्तर भारत के एक प्राचीन गांव में आर्थिक चुनौतियों, पितृसत्तात्मक व्यवस्था और रूढ़िवादिता से जूझ रहा है।

भारतीय पैनोरमा के तहत आईएफएफआई में दिखाई जाने वाली फीचर और गैर-फीचर फिल्में एक आनंददायक अनुभव प्रदान करेंगी जो फिल्म प्रेमियों को भारतीय सिनेमा की अनूठी कथा शैली और सांस्कृतिक समृद्धि की दुनिया में गोता लगाने पर मजबूर कर देंगी।

सिनेमाई कला की मदद से भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत के साथ-साथ भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए आईएफएफआई में 1978 में भारतीय पैनोरमा की शुरुआत की गई थी। अपनी स्थापना के बाद से, भारतीय पैनोरमा वर्ष की सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए पूरी तरह समर्पित रहा है।

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ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज में कोई मतदाता न छूटे अभियान के अंतर्गत एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता आयोजन

कानपुर 17 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मतदाता जागरूकता अभियान २०२४ के अंतर्गत एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा कोई मतदाता न छूटे अभियान के अंतर्गत एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता का आज दिनांक १७/११/२०२३ को महाविद्यालय में आयोजन किया गया . इस प्रतियोगिता का शीर्षक “वन नेशन वन इलेक्शन” था .
इस अभियान के अंतर्गत अब तक महाविद्यालय में मतदाता शपत ग्रहण, मतदाता पंजीकरण, मतदाता जागरूकता रैली, आदि कार्यक्रम कराए जा चुके है .
आज का कार्यक्रम इस श्रंखला का चतुर्थ कार्यक्रम था . इस कार्यक्रम में ५० छात्राओं ने प्रतिभाग किया मतदाता पंजीकरण प्रभारी प्रोफ. चित्रा सिंह तोमर, स्वीपणोदाल अधिकारी कप्तान ममता अग्रवाल और प्राचार्य प्रोफ. सुमन इस कार्यक्रम में उपस्थित रहीं. एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता में वैषणवी मिश्रा, प्रिया त्रिपाठी, प्रगति द्वेदी, लक्ष्मी कुमारी, तन्वी सिंह एवम वंशिता ने प्रतिभाग किया.

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एआई अपने साथ अपनी तरह की चुनौतियां और नैतिक सवाल लाई है; पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों के लिए सत्य के सिद्धांतों के प्रति व्‍यापक प्रतिबद्धता दर्शानी आवश्‍यक : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मीडिया जगत को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। भारतीय प्रेस परिषद द्वारा ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दौर में मीडिया’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में श्री ठाकुर ने कहा कि आज जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि का दिन है। उन्होंने कहा कि अब से कुछ ही वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए उन्हें आशा है कि मीडिया केवल भारत के परिवर्तन की कहानी को ही नहीं, बल्कि उसके विभिन्न सूबों और क्षेत्रों के अरबों लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं पर भी प्रकाश डालने में तेजी से रचनात्मक भूमिका निभाएगा।

आज के दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए  ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए समर्पित पत्रकारों की अथक प्रतिबद्धता का सम्मान करता है।

कार्यक्रम के विषय पर अपने विचार रखते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि “हम इतिहास में एक ऐसे महत्वपूर्ण दौर में हैं, जो उन्नत प्रौद्योगिकी द्वारा त्‍वरित गति से संचालित वैश्विक विकास का साक्षी बन रहा है। डिजिटल युग ने एक नए युग का सूत्रपात किया है, जहां समाचार सामग्री तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। यद्यपि एआई समाचार रिपोर्टिंग में निस्संदेह एक नया आयाम जोड़ती है, लेकिन इसकी सीमाओं को पहचानना भी महत्वपूर्ण है।” समाचार जुटाने और समाचार प्रसार के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए श्री ठाकुर ने यह भी रेखांकित किया कि संपादक के पास जो वर्षों के अनुभव, संदर्भ और निरीक्षण की बा‍रीकियां हैं, वह हमेशा एआई से एक कदम आगे रहेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि एआई मॉडल अपने प्रशिक्षण डेटा से पूर्वाग्रह न अपनाएं, ताकि मीडिया की सत्‍यनिष्‍ठा से समझौता न हो। इन चुनौतियों को प्रभावी ढंग से हल करना और इनमें कमी लाना, पत्रकारिता की सत्‍यनिष्‍ठा को बनाए रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना और मीडिया में एआई का जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

श्री ठाकुर ने कुछ पश्चिमी संस्थाओं द्वारा उत्‍पन्‍न की जा रही नकारात्मक धारणा की पड़ताल करते हुए कहा कि भले ही हम प्रेस की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, लेकिन हम उन लोगों को नजरअंदाज नहीं सकते, जो हमारे राष्ट्र की भावना को कमजोर करना चाहते हैं। ऐसे व्यक्ति और मीडिया आउटलेट हैं, जो भारत के खिलाफ घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार मिथ्‍या प्रचार करते हैं। ऐसी धारणाओं को चुनौती देना, झूठ उजागर करना और सत्य की जीत सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत के चित्रण और उसके मीडिया के संबंध में कुछ पश्चिमी पूर्वाग्रहों द्वारा लगातार प्रचारित की जा रही गलत धारणाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है। औपनिवेशिक खुमारी अक्सर धारणाओं को विकृत कर देती है, लेकिन हम दावा करते हैं कि हमारा मीडिया परिदृश्य गतिशील, चिंतनशील है और अपने गुणों पर आधारित है। भारत का मीडिया इसकी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतिबिंब है, और हमें वैश्विक विमर्श में इसके योगदानों पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपने यहां जीवंत और स्वतंत्र प्रेस का दावा करता है, जो विविध मतों और विचारों के लिए मंच प्रदान करती है।

श्री ठाकुर ने कई अन्य व्यवसायों के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में प्रवेश कर चुके मीडिया को आगाह करते हुए कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां एक बटन दबाकर गलत सूचना को बढ़ा-चढ़ाकर फैलाया जा सकता है। हमारी सरकार मीडिया को एक विवेकशील दृष्टिकोण अपनाने, सनसनी फैलाने के नुकसान से बचने और हमारे समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने वाली धारणाओं से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय मीडिया को हमारे राष्ट्र के हितों की रक्षा करनी चाहिए और हमारी प्रिय एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले भारत विरोधी विचारों को स्‍थान देने से बचना चाहिए।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय प्रेस परिषद की भूमिका की सराहना की कि प्रेस निष्पक्ष एवं जिम्मेदार तरीके से पत्रकारीय नैतिकता व मानकों का पालन करते हुए राष्ट्र की सेवा में अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने मीडिया से भीतर और बाहर दोनों जगह हो रहे बदलावों को लगातार अपनाने का आह्वान किया। डॉ. मुरुगन ने कॉपीराइट, रचनात्मकता, मौलिकता और साहित्यिक चोरी के मामलों में एआई के अतिक्रमण के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्‍य तकनीक की तरह, एआई को भी नैतिक मानवीय निगरानी की आवश्यकता है।

इससे पहले, इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि, उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि फर्जी खबरें, जानबूझकर गलत और शरारतपूर्ण जानकारी, राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं और प्राथमिकताएं, सत्ता की पक्षधरता की प्रवृत्ति और आर्थिक लालच ने आज मीडिया के प्रति लोगों का भरोसा घटा दिया है। उन्होंने कहा कि आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीयता की है और आश्चर्य की बात यह है कि इस पहलू को बड़े आनंदपूर्वक नजरअंदाज किया जा रहा है।

कार्यक्रम के विषय के बारे में अपने विचार रखते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन ने हमारे समाचार, सूचना और मनोरंजन को प्राप्त करने तथा उसका उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है। एआई हमारे रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न अंग बन गयी है। साथ ही, यह अपने साथ अपनी तरह की चुनौतियां और नैतिक सवाल लाई है, जैसे कि गलत सूचना का प्रसार, डीप फेक, इको चैंबर का सृजन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने तथा समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा करने के लिए सूचना की माइक्रो टार्गेटिंग। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना करते हुए, पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों की ज़िम्मेदारियां बढ़ गई हैं, जिससे सच्चाई, सटीकता और जवाबदेही के सिद्धांतों के प्रति और भी अधिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।

श्री धनखड़ ने कहा कि यद्यपि एआई में नुकसान पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि यह तकनीक यहां रहेगी और हमें बदलते परिदृश्य के अनुरूप ढलना होगा, अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए एआई की परिवर्तनकारी क्षमता को एक उपकरण के रूप में नियोजित करना होगा, साथ ही इसके दुरुपयोग के विरुद्ध सुरक्षा भी प्रदान करनी होगी।  उन्होंने कहा, “यह सर्वोपरि है कि पत्रकार और मीडिया आउटलेट ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें। तथ्य-जांच, स्रोत का सत्यापन और संपादकीय स्वतंत्रता बनाए रखना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो चुका है। हमें एआई को उन मूल्यों से समझौता नहीं करने देना चाहिए जो स्वतंत्र और जीवंत प्रेस की बुनियाद हैं। श्री धनखड़ ने रेखांकित किया कि एआई भले ही एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, लेकिन यह मानवीय स्पर्श, सत्य के लिए प्रतिबद्धता और पत्रकारों का अटूट समर्पण है जो मीडिया को हमारे समाज में अच्छाई के लिए ताकत बनाता रहेगा।

इस अवसर पर जी-20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने कहा कि मीडिया संस्थाएं जो तकनीक को विकल्प के रूप में न देखकर, मानवीय प्रतिभा को बढ़ाने वाले साधन के रूप में देखती हैं,  वे खोजी और दस्तावेजी पत्रकारिता को फिर से जीवंत करने में सक्षम रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि अनूठी कहानियों से लैस एआई द्वारा तैयार ऑडियो और वीडियो कहानी कहने की सभी सीमाओं को अभूतपूर्व रूप से तोड़ देंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में एआई के अनियंत्रित उपयोग से हमारे लोकतंत्र को होने वाले नुकसान के बारे में सजग रहना आवश्यक है। एआई की सहायता से वैयक्तिकृत समाचारों को क्यूरेट करना हमारे समाज में विविध दृष्टिकोणों तक हमारे संपर्क को सीमित करने वाले इको चैंबर का निर्माण करने का जोखिम उत्‍पन्‍न करता है।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति  रंजना प्रकाश देसाई ने की।

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