इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच एक निरंतर और सुव्यवस्थित सांस्कृतिक जुड़ाव का विचार रखा था। इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए ईबीएसबीको 31 अक्टूबर, 2016 को लॉन्च किया था।
ईबीएसबी के तहत शुरू किया गया युवा संगम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 से प्रेरित है और अनुभवात्मक शिक्षा व प्रत्यक्ष आधार पर भारत की समृद्ध विविधता के ज्ञान को आत्मसात करने पर ध्यान केंद्रित है।विविधता का उत्सव मनाने पर केंद्रित यह एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान है, जिसमें प्रतिभागियों को जीवन के विविध पहलुओं, प्राकृतिक भू-आकृतियों, विकास संबंधित वहालिया उपलब्धियों और मेजबान राज्य के युवाओं से जुड़ने का व्यापक अनुभव प्राप्त होता है। युवा संगम के चौथे चरण के लिए पूरे भारत में 22 प्रतिष्ठित संस्थानों की पहचान की गई है। युवा संगम-IV के दौरान इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिभागीक्रमशः राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के नोडल एचईआई के नेतृत्व मेंअपने जोड़े वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का दौरा करेंगे।
युवा संगम भारत सरकार की एक पहल है, जो ऑन-कैंपस और ऑफ-कैंपस छात्रों सहित युवाओं के लिए एक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश तक शैक्षणिक-सह-सांस्कृतिक पर्यटन आयोजित करने पर केंद्रित है। इन दौरों के दौरान प्रतिभागियों कोपांच व्यापक क्षेत्रों- पर्यटन, परंपरा, प्रगति, परस्पर संपर्क और प्रौद्योगिकी के तहत बहुआयामी एक्सपोजर प्रदान किया जाता है।विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के युवा 5-7 दिनों (यात्रा के दिनों को छोड़कर) के लिए अपने समकक्षों से मिलेंगे।इस दौरान उन्हें राज्य के विभिन्न पहलुओं का गहन अनुभव होगा और स्थानीय युवाओं के साथ बातचीत करने व उनके साथ गहराई से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
ईबीएसबी के प्रतिभागी मंत्रालय/विभाग/एजेंसी ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के उदाहरण हैं। इनमें शिक्षा, गृह, संस्कृति, पर्यटन, युवा कार्यक्रम व खेल, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और रेल मंत्रालय के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास विभाग शामिल हैं।इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए हर एक प्रतिभागी हितधारकों की अलग-अलग भूमिकाएं और जिम्मेदारियां हैं। इसके तहत प्रतिनिधियों का चयन और युवा संगम दौरों का संपूर्ण कार्यान्वयन नोडल उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) द्वारा किया जाता है,जो इस पहल को संचालित करता है।
युवा संगम के पिछले चरणों में युवाओं की ओर से अच्छी भागीदारी देखी गई है और तीन चरणों में क्रमशः 16767, 21380 तथा 29151 पंजीकरण हुए थे। युवा संगम को काशी तमिल संगमम् (केटीएस) के मॉडल पर सहयोगात्मक रूप से आयोजित किया गया और इसे भारत के सभी हिस्सों से व्यापक प्रतिक्रिया एवं भागीदारी प्राप्त हुई है। पूरे भारत में 2,870 से अधिक युवाओं ने युवा संगम के विभिन्न चरणों के तहत 69 दौरों में हिस्सा लिया है।इसने देश के युवाओं में स्वयंसेवा की भावना का संचार किया है और युवा संगम के प्रतिनिधियों ने एनईपी समारोह और जुलाई 2023 में दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम, आजादी का अमृत महोत्सव समारोह, मेरी माटी मेरा देश अभियान और राष्ट्र निर्माण की कई अन्य गतिविधियों में गहन योगदान दिया है।