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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आज शिक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठित सप्ताह के तहत विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया। शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव (आईसीसी व सतर्कता) श्रीमती नीता प्रसाद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) व महानियंत्रक एकस्व अभिकल्प एवं व्यापार चिह्न (सीजीपीडीटीएम) के संयुक्त सचिव श्री राजेन्द्र रत्नू और यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने अपने स्वागत भाषण में आईपीआर के महत्व व देश की छवि में इसके महत्व, देश की नॉलेज पूल के निर्माण में इसकी प्रासंगिकता और इसके कानूनी पहलुओं को रेखांकित किया। उन्होंने आगे एक निर्माता और प्रर्वतक के रूप में भारत की स्थिति के ऐतिहासिक पहलू का उल्लेख किया। यूजीसी के सचिव ने आगे आज के विचार-विमर्श में आईपीआर के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने को लेकर उम्मीद व्यक्त की।

शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव (आईसीसी और सतर्कता) श्रीमती नीता प्रसाद ने अपने विशेष भाषण में नवाचार, अनुसंधान और रचनात्मकता की नींव के रूप में बौद्धिक संपदा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात को विशेष तौर पर साझा किया कि देश में एक मजबूत नवाचार व आईपीआर संस्कृति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रासंगिक नवाचार और आईपी संख्या, चाहे वह आईपी फाइलिंग, आईपी अनुदान व आईपी निपटान हो, में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि, सभी बदलावों के बावजूद भारत, आईपीआर के मामले में कई देशों से पीछे है। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि इसकी वजह पेटेंट दाखिल करने को लेकर छात्रों में जागरूकता की कमी हो सकती है।

श्रीमती नीता प्रसाद ने इस क्षेत्र में सरकार की पहल को साझा किया। इनमें अक्टूबर, 2020 में आईपी साक्षरता व जागरूकता के लिए शुरू किए गए कपिला कार्यक्रम व पेटेंट दाखिल करने के लिए निर्धारित शुल्क में कमी करने का निर्णय शामिल हैं। उन्होंने यह सुझाव देते हुए अपनी बात को समाप्त किया कि न केवल भारत बल्कि, अन्य देशों में भी संबंधित आईपीआर द्वारा ज्ञान और आविष्कारों की रक्षा करके आगे बढ़ा जा सकता है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डीपीआईआईटी व सीजीपीडीटीएम के संयुक्त सचिव श्री राजेन्द्र रत्नू ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि एकजुट होकर ऊर्जा को सामंजस्य में बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अलग रहकर काम करने की जगह सहभागिता की जरूरत है। श्री रत्नू ने आगे इस बात पर जोर दिया कि कला व विज्ञान, दोनों में नवाचार और सृजन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। साथ ही, इस सामूहिक सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की भी जरूरत है।

उन्होंने आगे उद्योग, शिक्षा जगत और आईपीआर के पंजीकरण के बीच साझेदारी को भी महत्वपूर्ण बताया।

इस कार्यशाला में उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र का आयोजन हुआ। इस सत्र में आईपी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने संबोधित किया और विषयवस्तु का संक्षिप्त विवरण दिया।

पेटेंट और डिजाइन की सहायक नियंत्रक डॉ. उषा राव ने बौद्धिक संपदा अधिकार का एक विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने आईपीआर व विभिन्न प्रकार के आईपी और उनके शासकीय निकायों की जरूरत व महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। डॉ. उषा राव ने भारत में आईपीआर के विभिन्न अधिनियमों और नियमों का भी उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने पेटेंट प्रक्रियाओं को दाखिल करने के विभिन्न तरीकों पर भी चर्चा की।

तकनीकी सत्र के दूसरे विशेषज्ञ पेटेंट और डिजाइन के सहायक नियंत्रक श्री सुखदीप सिंह थे। उन्होंने आईपीआर के क्षेत्र में शैक्षिक संस्थानों के लिए विभिन्न योजनाओं और विशेषाधिकारों पर बात की। उन्होंने यह कहते हुए अपने संबोधन की समाप्ति की कि इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए विश्वविद्यालयों में आईपी प्रबंधन प्रकोष्ठों की स्थापना, विशेषज्ञ प्रशिक्षक और टीआईएससी (तकनीकी और नवाचार सहायता केंद्र) की स्थापना शामिल है।

यूजीसी के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुरेंद्र सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस वेबीनार का समापन हुआ। वेबीनार ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एचईआई) के लिए आईपीआर के प्रासंगिक पहलुओं पर चर्चा की। इस कार्यशाला का आयोजन आईपीआर जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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वर्तमान वित्त वर्ष में 650 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है: पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 650 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। श्री गोयल ने सभी प्रमुख निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हमारी नजर में है और सेवा क्षेत्र को 250 अरब डॉलर के निर्यात के लिए प्रयास करना चाहिए।

श्री गोयल ने इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल से दिसंबर, 2022) के दौरान 300 अरब डॉलर के उत्पाद निर्यात को हासिल किया है। उन्‍होंने ईपीसी को आश्‍वस्‍त किया कि उनका मंत्रालय ईपीसी को हरसंभव मदद करेगा और उनकी समस्‍याओं को निपटाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि अगले वित्त वर्ष में कहीं अधिक बड़े  निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

श्री गोयल ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में वस्तुओं के निर्यात के लिए कहीं अधिक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘ओमिक्रोन संबंधी चिंता के बावजूद केवल दिसंबर में ही हमने 37 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात लक्ष्य को छुआ। इस महीने 15 जनवरी तक तक के 15 दिनों में हम 16 अरब डॉलर के निर्यात तक पहुंच चुके हैं।’

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वयं ‘वृद्धिशील विकास’ के बजाय ‘परिवर्तनकारी परिणाम’ निर्धारित करते हुए गति निर्धारित की है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने ईपीसी और उद्यमियों से आग्रह किया कि वे कारोबारी सुगमता की दिशा में सरकार की पहल जैसे राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के जरिये मंजूरी आदि का लाभ उठाएं। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों को आश्‍वस्‍त किया कि विभिन्न एफटीए वार्ताओं के दौरान उनकी मांगों को आगे बढ़ाया जाएगा।

जीवन की सुगमता और कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि अब 25,000 से अधिक अनुपालन कम कर दिए गए हैं।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार नए आइडिया पर गौर करने, हर स्तर पर उद्योग के साथ जुड़ने और एक सुविधाप्रदाता एवं भागीदार के रूप में काम करने के लिए तैयार है।

 

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चुनावी समर, 2022 विधान सभा चुनाव

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान करने की घोषणा की है और विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस अपने – अपने स्तर पर जोर आजमाइश कर रहे हैं। बड़ी पार्टियों के साथ – साथ तमाम छोटे दल भी अपना भविष्य तलाश रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सियासी दौरे ने अन्य राजनीतिक दलों में हलचल पैदा कर दी है। धर्म और आस्था से लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। इस समय लगभग सभी दलों को अब आम आदमी की चिंता सताने लगी है और उन्हें वादों में मुफ्त बिजली, पानी, सस्ता अनाज, तेल, गैस, फोन और लैपटॉप जैसी चीजों से लुभाने की कोशिशें की गई है।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पूर्वांचल विशेष महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल ने जिसका साथ दिया उसी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सत्ता का सुख भोगा है। विकास के तौर पर चुनावी माहौल में उत्तर प्रदेश को सौगातें दी जा रही हैं। गोरखपुर में एआईआईएमएस के साथ खाद फैक्ट्री, बलरामपुर में सरयू कनाल प्रोजेक्ट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे और प्रयागराज में मातृशक्ति महाकुंभ में महिलाओं को कई सौगातें दी गई। ये सारे प्रयास मतदाताओं को लुभाने और चुनावी रणनीति के तहत ही है।
हालांकि इस चुनावी रणनीति में भाजपा के अलावा और कोई दल मजबूत नजर नहीं आ रहा। विपक्ष प्रयास जरूर कर रहा लेकिन सशक्त हमलावर नहीं हो पा रहा है। राजनीतिक गलियारों में मतदाताओं को लेकर जो ध्रुवीकरण चल रहा है उसमें बीजेपी कितनी सफल होगी यह अभी गर्भ में है। भाजपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे ने भाजपा की संघर्ष को बढ़ा दिया है।
अखिलेश यादव पूरी मजबूती से हमलावर हो रहे हैं और उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट बिना प्रयास के ही हासिल है। इससे इतर भाजपा से ब्राह्मण वर्ग नाराज है। अल्पसंख्यकों का कितने प्रतिशत मत मिलेंगे इसमें भी संशय है फिर बेरोजगारी, महंगाई, अपराध, पेट्रोलियम, बढ़ती जीडीपी, गिरता रुपया और कोरोना  ऐसे मुद्दे हैं जिस पर सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है। फिर भी विकल्प के तौर पर अभी भाजपा के अलावा और कोई नहीं है, क्योंकि बाकी दलों में संगठन की कमी और मुद्दों पर पकड़ नहीं है। कांग्रेस अपना कोई मजबूत पक्ष नहीं रख पा रही है। प्रियंका गांधी का महिला कार्ड कितना असर दिखायेगा ये आने वाले समय में पता चलेगा।

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के लिए ब्रीफिंग बैठक आयोजित की

भारत निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं के लिए होने वाले आगामी चुनावों के लिए तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के लिए आज एक ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया। इन विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा 8 जनवरी 2022 को की गई थी। 1400 से अधिक अधिकारियों ने सत्र में भाग लिया, जिसमें 140 अधिकारी विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए और बाकी अधिकारी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। देश भर में आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य लेखा सेवाओं से लिए गए अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है।

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पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए,मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक भारत निर्वाचन आयोग की आंख और कान होते हैं और स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए विभिन्न मुद्दों पर पूरी तरह से नजर रखनी चाहिए। श्री चंद्रा ने पर्यवेक्षकों को सभी चुनावी प्रक्रियाओं से अपडेट रहने की सलाह दी, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग मतदाताओं और कोविड-19 संदिग्धों या पीड़ित व्यक्तियों की श्रेणी के अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा प्रदान करना; आदर्श आचार संहिता और चुनाव आयोग के अन्य दिशानिर्देशों में किसी भी चूक के लिए सतर्क रहना; मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों के साथ-साथ मतगणना प्रक्रियाओं को भी सख्ती से लागू करना शामिल हैं। धनबल के दुरुपयोग या किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति आयोग की शून्य-सहिष्णुता पर जोर देते हुए, सीईसी ने व्यय पर्यवेक्षकों से अपने कौशल को तेज करने और प्रलोभन के नए तरीकों से निपटने में अभिनव कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने पर्यवेक्षकों से कहा कि वे नागरिकों को किसी भी तरह के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए सक्षम बनाने के लिए सीविजिल ऐप का उचित प्रचार सुनिश्चित करें ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड, निगरानी टीमों द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। सीईसी ने अपने संबोधन के दौरान निर्देश दिया कि तीनों पर्यवेक्षकों (सामान्य, पुलिस और व्यय)को प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करना चाहिए। उन्होंने पर्यवेक्षकों से वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की जांच करने के लिए अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा करने को कहा।चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रेक्षक प्रणाली अब अच्छी तरह से स्थापित हो गई है और यह क्षेत्र के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए चुनाव आयोग का एक विस्तृत और मजबूत इंटरफेस है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव के संचालन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इस प्रकार मतदाताओं, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए उनके सुझावों और शिकायत निवारण में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने के लिए सुलभ और संपर्क में रहने की आवश्यकता है। श्री कुमार ने आगाह किया कि मतदान कर्मियों की मानवीय भूलों की छिटपुट घटनाओं, मतदान सामग्री वितरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन न होने से एक अलग समस्या पैदा हो सकती है और ये चीजें चुनाव के सुचारू संचालन को पटरी से उतार सकते हैं। उन्होंने पर्यवेक्षकों से सतर्क रहने और किसी भी गंभीर घटना की सूचना तत्काल आयोग को देने को कहा। उन्होंने पर्यवेक्षकों को आगाह किया कि वे हमेशा विभिन्न हितधारकों की सख्त और सूक्ष्म जांच के अधीन होते हैं और इस प्रकार चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपने स्वयं के व्यक्तिगत व्यवहार और आचरण के बारे में सावधान और सजग रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक आयोग के प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें सौंपे गए इस पवित्र और महत्वपूर्ण कर्तव्य को लेकर उन्हें पूरी तरह जागरूक और सजग होना चाहिए।

चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डे ने यह स्वीकार करते हुए कि कोविड-19 के बीच चुनाव कराना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है, उन्होंने नामित पर्यवेक्षकों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए समान अवसर बनाए रखा जाए। उन्होंने मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर परेशानी मुक्त और मतदाता अनुकूल उपाय सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने में समय की कसौटी पर खरा उतरा है और पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात अनुभवी अधिकारियों को क्षेत्र अधिकारियों के मार्गदर्शक और सलाहकार के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यवेक्षकों को शांतिपूर्ण और भय-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में कम मतदान वाले बूथों की पहचान सहित मतदान में वृद्धि के लिए आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। वर्तमान समय में ऑनलाइन प्रचार की बढ़ी हुई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलाने और नफरत भरे प्रचार अभियानों को नियंत्रित करने की आवश्यकता का उल्लेख किया।

आधे दिन के लंबे सत्र के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने पर्यवेक्षकों को चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप पहलुओं पर जानकारी दी। अपने संबोधन के दौरान,उन्होंने लोकपाल के रूप में पर्यवेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें वास्तविक समय में चुनाव आयोग को मुद्दों के बारे में सूचना देनी चाहिए और साथ ही क्षेत्र में अपने स्वयं के तटस्थ, नैतिक और सौहार्दपूर्ण आचरण को सुनिश्चित करना चाहिए। श्री सिन्हा, जो भारत निर्वाचन आयोग में गोवा राज्य के चुनाव प्रभारी भी हैं, ने अधिकारियों को राज्य विशिष्ट मुद्दों के बारे में जानकारी दी। वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, श्री चंद्रभूषण कुमार ने पर्यवेक्षकों को कानूनी और एमसीसी से संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए राज्य विशिष्ट विवरणों पर भी प्रकाश डाला। उप चुनाव आयुक्त श्री नितेश व्यास ने पर्यवेक्षकों को ईवीएम-वीवीपीएटी प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने पर्यवेक्षकों के लिए महत्वपूर्ण जांच चौकियों और मतदाता सूची के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यवेक्षकों को पंजाब और मणिपुर के लिए राज्य विशिष्ट मुद्दों पर भी जानकारी दी। उप चुनाव आयुक्त श्री टी. श्रीकांत ने आयोग के विभिन्न आईटी अनुप्रयोगों और पहलों के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। आयोग की महानिदेशक (मीडिया) सुश्री शेफाली शरण ने अधिकारियों को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों, पेड न्यूज और सोशल मीडिया सहित मीडिया से संबंधित पहलुओं पर जानकारी दी। कर्मचारियों के प्रशिक्षण और व्यय निगरानी पर ब्रीफिंग सत्र भी आयोजित किए गए।

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कोविड-19: मिथक बनाम तथ्य

महाराष्ट्र में वैक्सीन की कमी का आरोप लगाने वाली कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वैक्सीन की कमी के कारण राज्य सरकार राज्य में टीकाकरण की गति को बढ़ाने में असमर्थ है। इस तरह की रिपोर्टें गलत हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि, आज (14 जनवरी 2022) को उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, महाराष्ट्र में कोवैक्सिन की 24 लाख से अधिक अप्रयुक्त खुराक उपलब्ध हैं। आज अतिरिक्त 6.35 लाख खुराक प्राप्त हुई है। कोविन पर उपलब्ध उनके साप्ताहिक खपत आंकड़ों के अनुसार, पात्र लाभार्थियों को 15-17 वर्षों तक कवर करने के लिए महाराष्ट्र द्वारा औसत खपत और एहतियाती खुराक प्रति दिन लगभग 2.94 लाख खुराक है। इसलिए, राज्य के पास पात्र लाभार्थियों को कोवैक्सिन के साथ कवर करने के लिए लगभग 10 दिनों के लिए पर्याप्त टीका खुराक है।

इसके अलावा, कोविशील्ड के लिए, राज्य के पास अब तक 1.24 करोड़ अप्रयुक्त और शेष खुराक उपलब्ध हैं। प्रतिदिन 3.57 लाख की औसत खपत के साथ, यह लाभार्थियों के लिए टीके का उपयोग करके टीकाकरण के लिए 30 दिनों से अधिक समय तक बना रहेगा।

इसलिए, मीडिया रिपोर्टें तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं और महाराष्ट्र के पास उपलब्ध शेष खुराक और अप्रयुक्त कोविड वैक्सीन खुराक की सही तस्वीर को नहीं दर्शाती हैं।

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जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं एस. पी. आउटर द्वारा अतिसंवेदनशील, संवेदनशील बूथों का निरीक्षण

कानपुर 13 जनवरी, जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी. एवं एस. पी. आउटर अजित कुमार सिन्हा द्वारा आज चौबेपुर, शिवराजपुर के अतिसंवेदनशील, संवेदनशील बूथों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त बूथों में पेयजल, शौचालय ,बिजली ,रैम्प आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। समस्त बूथों पर कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु वेटिंग एरिया अवश्य बनाया जाए । मतदान केंद्र के आस पास कही भी ईट पत्थर एवं निर्माण सामग्री एकत्र न रहे, यह पहले से ही सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मतदान केंद्रों तक पहुंच मार्ग व सड़कों का पैच वर्क कराया जाए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मतदान अवश्य करें । उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि 15 से 18 वर्ष की आयु युवाओं का वैक्सिनेशन करवाए, जिसके लिए स्कूलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लगातार वैक्सिनेशन कैंपो का आयोजन किया जा रहा है । उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि आप लोग भी अपनी दोनो वैक्सिनेशन डोज अवश्य लगवाए। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष की आयु जिनकी पूर्ण हो चुकी है और जिन लोगों ने अपनी दोनो वैक्सिनेशन डोज लगवाने के 39 सप्ताह पूरे कर लिए है वे सभी लोग बूस्टर डोज अवश्य लगवा ले।
जिलाधिकारी ने बेहटा ,तरी पाठकपुर एवं लक्ष्मणपुर मिश्रान के बूथों का निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उप जिलाधिकारी बिल्हौर, जिला पंचायतराज अधिकारी उपस्थित रहें।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में भारतीय युवाओं में स्वामी विवेकानंद के विचारों की उपयोगिता ” विषय पर कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता,कानपुर 13 जनवरी एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज मे एन एस एस इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को युवा दिवस के रूप में मनाया गया।युवा दिवस के उपलक्ष्य एनएसएस इकाई कोमोदनी द्वारा ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया । जिसका विषय ”भारतीय युवाओं में स्वामी विवेकानंद के विचारों की उपयोगिता ” था।कार्यक्रम का संचालन एन एस एस प्रभारी डॉक्टर चित्रा सिंह तोमर द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल एवं शिक्षाशास्त्र विभाग की सभी शिक्षिका तथा छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान बीए प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से संबंधित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी तथा अन्य सभी कक्षाओं में व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में सभी छात्राओं में ऊर्जा का संचार करते हुए विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉक्टर चित्रा सिंह तोमर ने वर्तमान परिदृश्य में विवेकानंद एवं उनके दर्शन को अति आवश्यक बताया तथा उसे अपनाने पर बल दिया तथा विभाग की समस्त शिक्षिकाओं ने अपने व्याख्यान द्वारा छात्राओं को अभिभूत किया। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।

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विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 की तैयारियों हेतु मण्डलायुक्त कानपुर डा0 राज शेखर द्वारा सभी जनपदों से वर्चुअल संवाद स्थापित कर समीक्षा की

विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 की तैयारियों हेतु मण्डलायुक्त कानपुर डा0 राज शेखर द्वारा सभी जनपदों से वर्चुअल संवाद स्थापित कर समीक्षा की गयी। वर्चुअल समीक्षा में पुलिस महानिरीक्षक, कानपुर परिक्षेत्र, कानपुर एवं जनपदों से जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। समीक्षा बैठक में निम्न निर्देश दिये गयेः-

1. टीमें गठित कर आदर्श आचार संहिता के शत-प्रतिशत अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया।

2. संवेदनशील, अतिसंवेदनशील मतदेय स्थलों का चिन्हांकन कर कारक व्यक्तियों के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी।

3. शस्त्र लाइसेंस के मामलों में शत-प्रतिशत सत्यापन कराकर शांति भंग सम्भावनाओं के लिए चिन्हित शस्त्रों को जमा कराये जाने के निर्देश दिये गये।

4. एक्साईज एक्ट के तहत जनपदों प्रभावी कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये।

5. अन्तर जनपदीय/अन्तर प्रदेशीय बार्डर चेक पोस्ट की समीक्षा कर निगरानी कराये जाने के निर्देश दिये गये।

6. सभी जनपदों द्वारा एम0सी0एम0सी0, शिकायत प्रकोष्ठ, उड़न दस्ता, स्थायी निगरानी टीम, सहायक व्यय प्रेक्षक, वीडियो निगरानी टीम, वीडियों अवलोकन टीम व लेखा टीम का गठन कर कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। जनपदों के उक्त गठित टीमों को निरन्तर सक्रिय रहकर कार्य हेतु निर्देशित किया गया।

7. मतदान केन्द्रों पर सभी मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में जनपदों द्वारा यथा शौचालय, पीनें का पानी, रैम्प, फर्नीचर, विधुत व्यवस्था आदि की व्यवस्था कर ली गयी है। सभी जनपदों को सेक्टर/जोनल मजिस्टेªट के माध्यम से निरन्तर बूथों के मूलभूत सुविधाओं एवं पहुॅचमार्ग के निरीक्षण हेतु निर्देश दिये गये।

8. जनपद औरैया (05623-249500) , इटावा (05688-250026), कन्नौज (05694-235606), कानपुर देहात (7068187797, 7068184757, 7068185955, 7068188337, 7068185751) निर्वाचन कंट्रोल रूम (डिस्ट्रिक्ट हेल्प लाइन) की स्थापना कर ली गयी है। जनपद कानपुर नगर द्वारा अतिरिक्त टेलीफोन लाइन की व्यवस्था हेतु निर्देश दिये गये।

9. जनपद औरैया, इटावा व फर्रूखाबाद में निर्वाचन कार्मिकांे के प्रशिक्षण हेतु तिथियों का निर्धारण करा लिया गया है। जनपद कन्नौज, कानपुर देहात व कानपुर नगर को प्रशिक्षण तिथियों के निर्धारण हेतु निर्देशित किया गया।

10. सभी जनपदों में मतदान कार्मिकों की आवश्यकता का आंकलन कर लिया गया है। निर्देश दिये गये कि तत्काल फीडिंग करा ली जाय।

11. निर्वाचन हेतु जनपदों द्वारा भारी, मीडियम व हल्के वाहनों की आवश्यकता का आंकलन कर लिया गया है। निर्देश दिये गये कि वाहनों की कमी पर मण्डलीय पूल से लियें जाने हेतु आर0टी0ओ0 को प्रस्ताव प्रस्तुत करें।

12. निर्वाचन प्रक्रिया में लगे सभी कार्मिकों व पुलिस बल के कोविड टीकाकरण के शत-प्रतिशत डोज दिये जाने की समीक्षा की गयी एवं निर्देश दिये गये कि दिनांक 31.01.2022 तक सभी का शत-प्रतिशत टीकाकरण करा लिया जाय।

13. निर्वाचन प्रक्रिया में केन्द्रीय सुरक्षा बलों को उनके रूकने के स्थान पर सभी मूलभूत सुविधाओ यथा-कमरें, शौचालय, पीने के पानी, विद्युत व्यवस्था आदि की समुचित प्रबन्ध के सम्बन्ध में निर्देश दिये गय

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मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 653 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क की चोरी

मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (श्याओमी इंडिया) द्वारा अवमूल्यन के माध्यम से सीमा शुल्क की चोरी करने के बारे में मिली एक खुफिया जानकारी के आधार पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं के खिलाफ एक जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान, डीआरआई द्वारा श्याओमी इंडिया के परिसरों में तलाशी ली गई जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों से इस बात का संकेत मिला कि श्याओमी इंडिया अनुबंधात्मक दायित्व के तहत क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग श्याओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड को रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क का भुगतान कर रहा था। श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए। बयान दर्ज कराए जाने के दौरान श्याओमी इंडिया के निदेशकों में से एक ने उक्त भुगतान की पुष्टि की।

जांच के दौरान, यह तथ्य आगे सामने आया कि श्याओमी इंडिया द्वारा क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग श्याओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड, चीन (श्याओमी इंडिया की संबंधित पार्टी) को भुगतान किए गए “रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क” को श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं द्वारा आयातित माल के लेन-देन मूल्य में नहीं जोड़ा जा रहा था।

डीआरआई द्वारा की गई जांच में आगे पता चला कि श्याओमी इंडिया एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन की बिक्री में संलग्न है और ये मोबाइल फोन या तो श्याओमी इंडिया द्वारा आयात किए जाते हैं या फिर श्याओमी इंडिया के अनुबंधित निर्माताओं द्वारा मोबाइल फोन के पुर्जों और घटकों का आयात करके भारत में असेंबल किए जाते हैं। अनुबंधित निर्माताओं द्वारा निर्मित एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन अनुबंध समझौते के तहत विशेष रूप से श्याओमी इंडिया को बेचे जाते हैं।

जांच के दौरान डीआरआई द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य से इस बात का संकेत मिला है कि न तो श्याओमी इंडिया और न ही उसके अनुबंधित निर्माता श्याओमी इंडिया द्वारा भुगतान की गई रॉयल्टी की इस राशि को श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं द्वारा आयात किए गए माल के आकलन योग्य मूल्य में शामिल करते हैं, जोकि सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और सीमा शुल्क आकलन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम 2007 की धारा-14 का उल्लंघन है। लेन-देन मूल्य में “रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क” को नहीं जोड़कर श्याओमी इंडिया ऐसे आयातित मोबाइल फोन, उसके पुर्जों और घटकों के लाभकारी मालिक होने के कारण सीमा शुल्क की चोरी कर रहा था।

डीआरआई द्वारा जांच पूरी होने के बाद, सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत 01.04.2017 से लेकर 30.06.2020 की अवधि के लिए मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 653 करोड़ रुपये की शुल्क की मांग और वसूली के लिए तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

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गडकरी ने उत्तर प्रदेश में 12981 करोड़ रुपये की लागत वाली 572 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज उत्तर प्रदेश के कौशांबी, अयोध्या और बस्ती में 12981 करोड़ रुपये की लागत वाली 572 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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श्री गडकरी ने कौशांबी में 2659 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने अयोध्या में 8,698 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 एनएच परियोजनाओं की आधारशिला रखी और बस्ती में मंत्री महोदय ने 1,624 करोड़ रुपये की लागत वाली 3 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग बन जाने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या रिंग रोड बनने से ट्रैफिक जाम की समस्या दूर हो जाएगी। भगवान श्री राम वन गमन मार्ग के निर्माण से महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल प्रयागराज, चित्रकूट, कौशांबी और श्रृंगवेरपुर धाम जुड़ जाएंगे। एनएच-233  के निर्माण से लुम्बिनी स्थित भगवान बुद्ध की जन्मस्थली वाराणसी और सारनाथ से जुड़ जाएगी।

 

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