मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (श्याओमी इंडिया) द्वारा अवमूल्यन के माध्यम से सीमा शुल्क की चोरी करने के बारे में मिली एक खुफिया जानकारी के आधार पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं के खिलाफ एक जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान, डीआरआई द्वारा श्याओमी इंडिया के परिसरों में तलाशी ली गई जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों से इस बात का संकेत मिला कि श्याओमी इंडिया अनुबंधात्मक दायित्व के तहत क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग श्याओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड को रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क का भुगतान कर रहा था। श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए। बयान दर्ज कराए जाने के दौरान श्याओमी इंडिया के निदेशकों में से एक ने उक्त भुगतान की पुष्टि की।
जांच के दौरान, यह तथ्य आगे सामने आया कि श्याओमी इंडिया द्वारा क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग श्याओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड, चीन (श्याओमी इंडिया की संबंधित पार्टी) को भुगतान किए गए “रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क” को श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं द्वारा आयातित माल के लेन-देन मूल्य में नहीं जोड़ा जा रहा था।
डीआरआई द्वारा की गई जांच में आगे पता चला कि श्याओमी इंडिया एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन की बिक्री में संलग्न है और ये मोबाइल फोन या तो श्याओमी इंडिया द्वारा आयात किए जाते हैं या फिर श्याओमी इंडिया के अनुबंधित निर्माताओं द्वारा मोबाइल फोन के पुर्जों और घटकों का आयात करके भारत में असेंबल किए जाते हैं। अनुबंधित निर्माताओं द्वारा निर्मित एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन अनुबंध समझौते के तहत विशेष रूप से श्याओमी इंडिया को बेचे जाते हैं।
जांच के दौरान डीआरआई द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य से इस बात का संकेत मिला है कि न तो श्याओमी इंडिया और न ही उसके अनुबंधित निर्माता श्याओमी इंडिया द्वारा भुगतान की गई रॉयल्टी की इस राशि को श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं द्वारा आयात किए गए माल के आकलन योग्य मूल्य में शामिल करते हैं, जोकि सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और सीमा शुल्क आकलन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम 2007 की धारा-14 का उल्लंघन है। लेन-देन मूल्य में “रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क” को नहीं जोड़कर श्याओमी इंडिया ऐसे आयातित मोबाइल फोन, उसके पुर्जों और घटकों के लाभकारी मालिक होने के कारण सीमा शुल्क की चोरी कर रहा था।
डीआरआई द्वारा जांच पूरी होने के बाद, सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत 01.04.2017 से लेकर 30.06.2020 की अवधि के लिए मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 653 करोड़ रुपये की शुल्क की मांग और वसूली के लिए तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।