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चंद्रयान पर कैबिनेट प्रस्ताव

पूरा देश चंद्रमा पर मिशन चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मना रहा है। केंद्रीय कैबिनेट भी इस खुशी में शामिल है। कैबिनेट हमारे वैज्ञानिकों की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना करती है। यह सिर्फ हमारी स्पेस एजेंसी की ही सफलता नहीं है, बल्कि भारत की प्रगति और ग्लोबल स्टेज पर हमारी ताकत का भी प्रतीक है। कैबिनेट इस बात का स्वागत करती है कि अब 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के तौर पर मनाया जाएगा।

कैबिनेट ISRO के प्रयासों के लिए उसे बहुत-बहुत बधाई देती है। हमारे वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयासों की वजह से भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रमा पर उतरना, वो भी पूर्व निर्धारित पैरामीटर्स पर पूरी तरह खरा उतरते हुए, अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। तमाम चुनौतियों को पार करते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरना इस भावना का प्रतीक है कि कैसे हमारे वैज्ञानिक ज्ञान की खोज के लिए हर सीमा के पार जाने के लिए तैयार रहते हैं। प्रज्ञान रोवर के द्वारा हमें जो जानकारियों का खजाना मिल रहा है, उससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होगी, नई खोज का मार्ग बनेगा और चंद्रमा के रहस्यों को समझने और उसके भी पार जाने में मदद मिलेगी।

कैबिनेट का यह मानना  है कि तेजी से बदलते तकनीक और इनोवेशन के दौर में हमारे वैज्ञानिक Knowledge, Dedication  और Expertise की मिसाल हैं। उनकी analytical क्षमता, नई खोजों के प्रति उनका कमिटमेंट, देश को साइंस के क्षेत्र में लगातार आगे ले जा रहा है। सबसे बेहतर करने की भावना, निरंतर नई खोज में लगे रहना और चुनौतियों से लड़ने की जीवटता से दुनियाभर में उनका सम्मान बढ़ा है। उनकी सफलताओं ने दूसरों को भी बड़ा सोचने और उसे साकार करने के लिए प्रेरित किया है।

भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कैबिनेट को गर्व है कि चंद्रयान-3 की सफलता में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह सफलता आने वाले वर्षों में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों को प्रेरित करती रहेगी।

कैबिनेट प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी को इंडियन स्पेस प्रोग्राम के प्रति उनके विजन और लीडरशिप के लिए बधाई देती है। उनके नेतृत्व में इंडियन स्पेस प्रोग्राम पूरी मानवता के कल्याण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के अटूट भरोसे ने हर बार हमारे वैज्ञानिकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी है।

पिछले 22 वर्षों के दौरान, पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के तौर पर उनका सभी मून मिशन्स से भावनात्मक लगाव रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब चंद्र मिशन की घोषणा की थी, तब वो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे। 2008 में जब चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण हुआ तो उन्होंने इसरो जाकर वहां के वैज्ञानिकों को बधाई दी। 2019 में जब चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाया, तो प्रधानमंत्री जी की ओर से वैज्ञानिकों को दिए गए भावनात्मक संबल ने हमारे वैज्ञानिकों के हौसले को और मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा ने हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान मिशन के लिए नई ऊर्जा दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा साइंस और इनोवेशन को प्राथमिकता दी है। पिछले 9 वर्षों में देश में निरंतर ऐसे निर्णय लिए गए हैं, नीतियां बनाई गई हैं जिन्होंने भारत में इनोवेशन और रिसर्च को आसान बनाया है। प्रधानमंत्री जी ने ये सुनिश्चित किया है कि स्पेस सेक्टर में हमारे स्टार्टअप्स और प्राइवेट कंपनियों को नए अवसर मिल सके। प्रधानमंत्री के ही मार्गदर्शन में, जून 2020 में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के तहत एक autonomous body के रूप में IN-SPACe की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य Industry, Academia और Startups का एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना था, जिससे भारत, ग्लोबल स्पेस इकॉनमी में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ा सके। IN-SPACe अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का माध्यम बन चुका  है। बेंगलुरू के इसरो सेंटर पर वैज्ञानिकों से बात करते हुए, नेशनल हैकॉथॉन का जो विचार माननीय प्रधानमंत्री जी ने रखा है, उससे भी युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

कैबिनेट चंद्रयान मिशन से जुड़े दो महत्वपूर्ण Points का नाम तिरंगा (चंद्रयान-2 के पदचिन्ह जहां पड़े) और शिवशक्ति (चंद्रयान-3 जहां उतरा) रखने का भी स्वागत करती है। ये नाम हमारे गौरवशाली इतिहास और आधुनिकता की भावना दोनों के अनुरूप हैं। ये सिर्फ दो नाम नहीं हैं, बल्कि ये हमारी हजारों वर्ष पुरानी विरासत औऱ आज की वैज्ञानिक आकांक्षाओं वाले भारत को एक सूत्र में पिरोती हैं।

चंद्रयान-3 की सफलता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन जय विज्ञानजय अनुसंधान’ की भी सफलता है। इस सफलता से हमारे स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए Space Sector में नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं तैयार हुई हैं। आने वाले वक्त में Space Sector नए Inventions का और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर वसुधैव कुटुंबकम की भावना को सिद्ध किया है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मिली जानकारियां, पूरी मानव जाति खासकर ग्लोबल साउथ के लिए बेहद लाभकारी होंगी। भारत में हो रहा विकास, पूरी दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा।

कैबिनेट का विश्वास है कि स्पेस सेक्टर में भारत की सफलता सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि से कहीं अधिक है। इसमें हमारी उन्नत सोच, आत्मनिर्भरता और ग्लोबल लीडरशिप के विजन का प्रतिबिंब है। यह उभरते हुये नए भारत (New India) का भी प्रतीक है ।  हम भारत के नागरिकों का आवाहन करते हैं कि वह इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं, ताकि आने वाले वक्त में सैटेलाइट कम्यूनिकेशन और मौसम विज्ञान से लेकर कृषि और डिजास्टर मैनेजमेंट तक के क्षेत्र में नए अवसर तैयार हो सकें । हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे इनोवेशनंस का जमीन पर सीधा प्रभाव हो, वो हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाएं, हमारी डिजिटल इकॉनॉमी को सशक्त करें और विभिन्न सेक्टर्स को क्रिटिकल डेटा मुहैया कराएं।

साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के इस युग में, कैबिनेट, एजुकेशन वर्ल्ड के महानुभावों से अपील करती है, कि वे  देश के युवाओं को साइंस से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। चंद्रयान-3 की सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में युवाओं की रुचि को बढ़ाने का हमें एक बहुत बड़ा अवसर दे दिया है। युवा पीढ़ी में स्पेस और साइंस के क्षेत्र में आकर्षण बढ़ने से हमारे देश की उन्नति के नए मौके बनेंगे।

कैबिनेट चंद्रयान मिशन से जुड़े हर व्यक्ति के योगदान की सराहना करती है। चंद्रयान-3 की सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत अपने सामर्थ्य, अपने जज्बे और समर्पण के बल पर कुछ भी हासिल कर सकता है। कैबिनेट को विश्वास है कि चंद्रयान की सफलता के बाद जोश और गर्व से भरे हुए हमारे देश के लोग, मिलकर 2047 तक भारत को विकसित बनाने के संकल्प को जरूर साकार करेंगे।

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भारतीय सेना की टुकड़ी मिस्र में आयोजित होने वाले ब्राइट स्टार-23 अभ्यास के लिए रवाना हुई

भारतीय सेना की टुकड़ी मिस्र के मोहम्मद नागुइब सैन्य अड्डे पर 31 अगस्त से 14 सितंबर 2023 तक आयोजित होने वाले “अभ्यास ब्राइट स्टार- 23” में भाग लेने के लिए रवाना हो गई है. इस टुकड़ी में 137 कर्मी शामिल हैं। यह तीन सेनाओं का एक बहुराष्ट्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास है जिसका नेतृत्व यूएस सेंटकॉम और मिस्र सेना द्वारा किया जाएगा। इसकी शुरुआत 1977 के कैंप डेविड समझौते के दौरान अमेरिका और मिस्र के बीच द्विपक्षीय द्विवार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में हुई थी। अभ्यास का पहला संस्करण वर्ष 1980 में मिस्र में आयोजित किया गया था। 1995 के बाद से अन्य देशों की भागीदारी के लिए इस अभ्यास का विस्तार किया गया। ब्राइट स्टार का पिछला अभ्यास साल 2021 में आयोजित किया गया था, जिसमें 21 देशों की सेनाओं ने भाग लिया था।

इस वर्ष 34 देश अभ्यास ब्राइट स्टार-23 में हिस्सा लेंगे। यह मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में होने वाला अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास होगा। यह पहली बार है कि भारतीय सशस्त्र बल 549 कर्मियों के साथ ब्राइट स्टार अभ्यास में भाग ले रहे हैं। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 23 जाट बटालियन की एक टुकड़ी द्वारा किया जा रहा है।

इस अभ्यास में उभरते गैरपरंपरागत खतरों से निपटने और विश्व शांति बनाए रखने के उद्देश्य से भाग लेने वाले देशों के बीच बड़ी संख्या में क्षेत्रीय साझेदारी बढ़ाने पर केंद्रित प्रशिक्षण गतिविधियां आयोजित होंगी। विभिन्न क्षेत्र और परिस्थितिजन्य प्रशिक्षण अभ्यासों के अलावा, अभ्यास ब्राइट स्टार-23 में सामरिक परिस्थिति पर आधारित एक संयुक्त हथियार लाइव फायरिंग अभ्यास भी शामिल होगा। साइबर सुरक्षा को लेकर समसामयिक विषयों पर एक पैनल चर्चा आयोजित करने की भी योजना है जिसमें भाग लेने वालों में भारतीय सशस्त्र बल प्रमुख बल हैं।

‘अभ्यास ब्राइट स्टार-23’ के दौरान भारतीय सेना को रक्षा सहयोग बढ़ाने के अलावा अन्य सेनाओं के साथ भी सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। भारतीय सेना को इस अभ्यास से समृद्ध पेशेवर अनुभव की उम्मीद है।

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विशाखापट्टनम में मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता पर सम्मेलन-सह-संगोष्ठी का आयोजन

आईएनएस कलिंगा द्वारा 23 अगस्त 2023 को विशाखापट्टनम के नौसेना बेस के समुद्रिका ऑडिटोरियम में ‘मिसाइल मरम्मत एवं स्वदेशी प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता (अमृत-2023)’ विषय पर मिसाइल प्रौद्योगिकी सम्मेलन-सह-संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्घाटन वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, एवीएसएम, एनएम, चीफ ऑफ स्टाफ, पूर्वी नौसेना कमान द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र के दौरान डॉ. वाई श्रीनिवास राव, डीएस, डीजी एनएस एंड एम और श्री जीए श्रीनिवास मूर्ति, डीएस, निदेशक डीआरडीएल ने मुख्य भाषण दिया। इस कार्यक्रम में पेपर प्रस्तुत किए गए और विभिन्न संगठनों के कर्मियों द्वारा तकनीकी वार्ता आयोजित की गई, जिससे विचारों का आदान-प्रदान हुआ। पुणे के मिलिट्री इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास निगम (एनआरडीसी) के अकादमिक साझेदार भी सक्रिय रूप से चर्चा में शामिल हुए तथा अपने काम के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की।

संगोष्ठी को डीआरडीओ, पीएसयू, डीपीएसयू, भारतीय निजी रक्षा उद्योगों, एमएसएमई व स्टार्ट-अप, राज्य सरकार और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के प्रतिनिधियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इस कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए, जिसमें डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, डीपीएसयू और निजी रक्षा फर्मों ने मिसाइल मरम्मत और स्वदेशीकरण में अपनी विशेषज्ञता और क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

संगोष्ठी ने भारत सरकार की पहल-‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के अनुरूप सभी हितधारकों जैसे भारतीय सार्वजनिक और निजी उद्योगों, डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, शिक्षाविदों और भारतीय नौसेना के लिए एक सहयोगपूर्ण माहौल प्रदान किया और बढ़ावा दिया। विदेशी ओईएम पर निर्भरता को कम करने एवं हमारे रक्षा उद्योग की मुख्य दक्षताओं को सुदृढ़ करने और अंततः राष्ट्र का आत्मनिर्भरता की दिशा में नेतृत्व करने के लिए विशेष रूप से भारतीय नौसेना और सामान्य रूप से सशस्त्र बलों को लाभान्वित करने की परिकल्पना की गई है।

मुख्य अतिथि ने सभी प्रतिभागी एजेंसियों को ‘आत्मनिर्भरता भारत’ की यात्रा में भागीदारी और अमृत-23 को सफल बनाने के लिए बधाई दी। आईएनएस कलिंग के कमांडिंग ऑफिसर सीएमडीई सीएस नायर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रदर्शनी स्टॉलों का दौरा नौसेना कर्मियों, विषय विशेषज्ञों, स्थानीय फर्मों, तकनीकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों ने भी किया।

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समर्थनारी-समर्थभारत* संगठन द्वारा कानपुर की समर्थनारियों ने तीज उत्सव चन्द्रयान 3 की सफलता के साथ बडी धूमधाम से मनाया।

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, *समर्थनारी-समर्थभारत* संगठन द्वारा किदवईनगर स्थित बीकानेर रेस्टोरेंट में कानपुर की समर्थनारियों ने *तीज उत्सव चन्द्रयान 3*की सफलता के साथ बडी धूमधाम से मनाया।कार्यक्रम का उद्देश्य संस्कृति सम्वर्धन के साथ महिलाओं में चैतन्यता लाना व समाज को पारम्परिक नयी दिशा देना है। कार्यक्रम में कजरी गानों के साथ पुराने फिल्मी गानों ने भी स्थान बनाया। वहीं सावन बारिश बिजली घूंघट पायल जैसे शब्दों वाले गीत पर महिलाओं ने खूब थिरका,खेल के माध्यम से
*सावन मे लग गई आग* जैसे खेल में महिलाओं ने खूब ठहाके लगाए।
कार्यक्रम का शुभारंभ संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरा सिन्हा राष्ट्रीय सचिव सीमा त्रिपाठी प्रदेश क्रीडा संयोजक मनीषा शुक्ला  द्वारा किया गया।कार्यक्रम आयोजक तृप्ति शुक्ला,एकबाल कौर,और रेनू शुक्ला द्वारा किया गया।जिसमें सरस्वती नीना वर्मा और अपर्णा चक्रवर्ती और ज्योतिबाला ने नृत्य कर समा बांधा।
कार्यक्रम समापन पर चन्द्रयान 3की सफलता पर भारत के वैज्ञानिकों उनके माता पिता और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदीजी को बधाई दी।और तीज उत्सव कर आयी समस्त समर्थनारियों को उपहार भेट कर कार्यक्रम स्वादिष्ट आहार के साथ सम्पन्न किया गया।कार्यक्रम में सीमा राय,क्षमा द्विवेदी, प्रीति लता जायसवाल, ज्योतिबाला पूजा,वन्दना केसरवानी, पूजा, अन्य समर्थनारियों ने उपस्थित दर्ज करायी।

अन्य खबरों के लिए विजिट करें www.bharatiyaswaroop.com सम्पादक प्रकाशक स्वामी अतुल दीक्षित mob nmbr 9696469699

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज के मिशन शक्ति के अंतर्गत झुग्गी झोपड़ी में प्राकृतिक तरीके से बनाए गए मच्छर भगाओ फुहारा का छिड़काव एवं मिठाई, बिस्कुट वितरण

कानपुर 27 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के मिशन शक्ति के अंतर्गत आवास विकास हँसपुरम स्थित स्लम की झुग्गी झोपड़ी में प्राकृतिक तरीके से बनाए गए मच्छर भगाओ फुहारा का छिड़काव
एवं मिठाईयों,बिस्कुट आदि का वितरण किया गया । यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रोफ.जोसेफ डेनियल के मार्ग निर्देशन में मिशन शक्ति प्रभारी प्रो मीतकमल द्वारा करवाया गया। इसमे हिंदू युवा वाहिनी के महामंत्री शैलेन्द्र सिंह राणा , समाज सेवक आनंद बाबू सिंह एवं मिशन शक्ति स्वयं सेवक नागेन्द्र प्रताप सिंह, अंजली सचान , यश विश्वकर्मा , अभिषेक श्रीवास्तव, सुंदरम मिश्रा , वैष्णवी दीक्षित , विवेक पॉल, सिमरन
गौतम , उज्ज्वल त्रिवेदी, वीर मूर्ति मल्होत्रा और सुप्रिया दास मौजूद रहे । लोगो को मच्छर से होने वाली बीमारियो से बचाव के तरीको के बारे मे बताया गया।

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एस एन. सेन बालिका महाविद्यालय में एनसीसी की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘मेगा ट्री प्लांटेशन

कानपुर 26 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय, में संचालित 17वीं यूपी गर्ल्स बटालियन से जुड़ी एनसीसी यूनिट द्वारा एनसीसी की स्थापना ( जुलाई 16,1948) के 2023 में सफलतापूर्वक 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘मेगा ट्री प्लांटेशन’ मुहिम के अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स द्वारा शनिवार को कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण-पौधरोपण में बढ़ चढ़कर भागीदारी की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुमन द्वारा किया गया। प्राचार्या ने इस अवसर पर महाविद्यालय एनसीसी प्रभारी असि. प्रोफेसर प्रीति यादव के साथ परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में अपना योगदान दिया तथा प्राचार्या प्रोफ़ेसर सुमन ने अपना संदेश देते हुए कहा कि बिना पेड़ पौधों के हमारा जीवन अकल्पनीय है। आज के समय में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण, विभिन्न आपदाओं से सुरक्षा, ग्लोबल वार्मिंग के संदर्भ में पर्यावरण सुरक्षा व संरक्षण का महत्व और भी बढ़ जाता है, जिसके प्रति हम सभी को सचेत रहने की तथा इसे हरा भरा बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। छात्राओं द्वारा इस अवसर पर पर्यावरण से जुड़ें विभिन्न नारे “पर्यावरण स्वच्छ है तो जीवन संपन्न है”, “हरियाली है तो खुशहाली है, धरती ने हमें सबकुछ दिया अब इसका कर्ज उतारने की बारी है।”, “स्वच्छ पर्यावरण स्वस्थ जीवन” इत्यादि नारे भी लगाए गए तथा लोगों में पर्यावरण को हरा भरा रखने हेतु जागरूकता फैलाने का प्रयत्न भी किया गया। एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव ने इस अवसर पर छात्राओं द्वारा कॉलेज परिसर के साथ साथ पूरे शहर में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की शपथ भी दिलाई तथा बताया कि आने वाले दिनों में शहर के विभिन्न स्थानों पर एनसीसी कैडेट्स द्वारा पौधारोपण अभियान अनवरत रूप से जारी रहेगा।

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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बड़ा प्रोत्साहनः रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों के लिए एचएसएल के साथ 19,000 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने 25 अगस्त, 2023 को भारतीय नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (एफएसएस) के अधिग्रहण के लिए हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल), विशाखापत्तनम के साथ एक 19,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन होगा क्योंकि इन जहाजों को एचएसएल, विशाखापत्तनम द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने 16 अगस्त, 2023 को अपनी बैठक में इन जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।

एफएसएस को ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार के साथ समुद्र में जहाजों को फिर से भरने के लिए नियोजित किया जाएगा, जिससे भारतीय नौसेना के बेड़े को बंदरगाह पर लौटने के बिना लंबे समय तक संचालित करने में सक्षम बनाया जा सके। ये जहाज बेड़े की रणनीतिक पहुंच और गतिशीलता को बढ़ाएंगे। इन जहाजों के शामिल किए जाने से भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता में काफी वृद्धि होगी। जहाजों को लोगों को निकालने और मानव सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए भी तैनात किया जा सकता है।

44,000 टन के फ्लीट स्पोर्ट जहाज भारतीय शिपयार्ड द्वारा भारत में निर्मित होने वाले अपनी तरह के पहले होंगे। यह परियोजना आठ वर्षों में लगभग 168.8 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजन करेगी। इन जहाजों का निर्माण भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को एक नया आयाम प्रदान करेगा और एमएसएमई सहित संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। अधिकांश उपकरण और प्रणालियां स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त की जा रही हैं, ये जहाज सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।

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ग्रीस की राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित किया

ग्रीस की राष्ट्रपति सुश्री कतेरीना सकेलारोपोलू ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित किया।

द ऑर्डर ऑफ ऑनर की स्थापना 1975 में की गई थी।  सितारे के आमुख पर देवी अथेना का मुख अंकित है। इसके साथ ‘‘ओनली द राइचस् शुड बी ऑनर्ड’’ (केवल सत्यनिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान हो) इबारत उकेरी हुई है।Image ग्रीस के राष्ट्राध्यक्ष उन प्रधानमंत्रियों और प्रसिद्ध हस्तियों को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से विभूषित करते हैं, जिन्होंने विशिष्ट पदों पर रहते हुए ग्रीस की स्थिति में वृद्धि करने में योगदान किया है।

प्रशस्ति में लिखा गया है – ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सेवा में, यह सम्मान भारत के मैत्रीपूर्ण जनों को दिया गया।’’

इसमें यह भी कहा गया है, ‘‘इस यात्रा के अवसर पर ग्रीस सरकार भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान करती है, जिन्होंने अपने देश को आगे बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में अथक प्रयास किए तथा जो भारत की आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए व्यवस्थित रूप से कार्यरत हैं, जो बड़े सुधारों को आकार दे रहे हैं। वे ऐसे राजनेता हैं,जिन्होंने अंतराष्ट्रीय गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन के विषय को उच्च प्राथमिकता दिलवाई है।’’

आपसी हितों के क्षेत्रों में ग्रीस-भारतीय मैत्री को रणनीतिक प्रोत्साहन देने में प्रधानमंत्री श्री मोदी के अहम योगदानों को भी मान दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने ग्रीस की राष्ट्रपति सुश्री कतेरीना सकेलारोपोलू, ग्रीस की सरकार और ग्रीस वासियों को धन्यवाद दिया तथा इस संबंध में X पर पोस्ट भी डाली।

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24.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल कोयला स्टॉक 88.01 मीट्रिक टन हुआ

कोयला मंत्रालय ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके और कोयला उत्पादन बढ़ाकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने विजन की दिशा में शानदार प्रगति कर रहा है। मंत्रालय ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं जो इन लक्ष्यों को पाने में इसकी प्रतिबद्धता दिखाती हैं। निर्बाध कोयला आपूर्ति को बनाए रखने के लिए मंत्रालय का समर्पण दृढ़ बना हुआ है।

खानों, टीपीपी (डीसीबी) और पारगमन आदि में समग्र कोयला स्टॉक की स्थिति 23.08.23 तक 88.01 मिलियन टन पहुंच गई, जो 23.08.22 के 70.61 मिलियन टन के स्टॉक की तुलना में 24.7 प्रतिशत अधिक है। कोयले के भंडार की यह उच्च स्थिति कोयला मंत्रालय द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की प्रतिबद्धता दिखाती है।

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इसके अतिरिक्त 23.08.23 को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में पिटहेड कोयला स्टॉक 46.13 मीट्रिक टन है। यह 23.08.2022 के 31.70 मीट्रिक टन के स्टॉक की तुलना में 45.5 प्रतिशत अधिक है। यह ऊपरी प्रवृत्ति प्रभावी स्टॉक प्रबंधन रणनीतियों और परिचालन दक्षता दिखाती है।

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विद्युत क्षेत्र को कोयला भेजने के संदर्भ में 23.08.2023 तक वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संचयी उपलब्धि 307.97 मीट्रिक टन थी, जिसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर दर्ज की गई, जिससे विद्युत क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित हुई।

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समग्र रूप से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संचयी कोयला उत्पादन में शानदार वृद्धि देखी गई है। 23.08.2023 तक 340.31 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन हुआ है। यह पिछले वर्ष के 23.08.22 तक 307.92 मिलियन टन था। इस तरह इसमें 10.52 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर दिखती है। इसके अतिरिक्त 23.08.2023 तक समग्र रूप से कोयला भेजने में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जो 371.11 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। यह पिछले वर्ष के 23.8.22 तक 338.66 मीट्रिक टन के प्रेषण की तुलना में 9.58 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि दर को दर्शाता है।

कोयला मंत्रालय घरेलू कोयला उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीतिक योजना और कुशल निष्पादन से कोयला क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य राष्ट्र की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में विद्युत क्षेत्र को मजबूत करना है।

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राष्ट्रपति ने दादी प्रकाशमणि की स्मृति में डाक टिकट जारी किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज (25 अगस्त, 2023) राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व प्रमुख दादी प्रकाशमणि की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया। यह डाक टिकट दादी प्रकाशमणि की 16 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर संचार मंत्रालय के डाक विभाग की ‘माई स्टैम्प’ पहल के अंतर्गत जारी किया गया।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि दादी प्रकाशमणि ने आध्यात्मिकता के माध्यम से भारतीय मूल्यों और संस्कृति को भारत और विदेशों में फैलाया। उनके नेतृत्व में ब्रह्माकुमारीज़ विश्व में महिलाओं के नेतृत्व वाला सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगठन बना। वह एक सच्चे नेता की तरह चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी विश्वास और साहस के साथ ब्रह्माकुमारीज़ परिवार के साथ खड़ी रहीं और हमेशा उनका मार्गदर्शन किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व का यह सबसे बड़ा सत्य है कि जीवन अस्थायी है और व्यक्ति को उसके कर्मों के कारण ही याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को लोक कल्याण की भावना से नेक कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दादी जी भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके आध्यात्मिक और मिलनसार व्यक्तित्व और मानव कल्याण के उनके संदेश की यादें हमेशा हमारे बीच जीवित रहेंगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

राष्ट्रपति ने हाल ही में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बारे में कहा कि हम सभी ने भारत के वैज्ञानिकों की अभूतपूर्व सफलता देखी है। उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से चंद्रमा की सतह से नई जानकारी मिलेगी जिससे पूरे विश्व को लाभ होगा।

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