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विद्युत क्षेत्र में कौशल विकास के लिए कौशल भारत द्वारा प्रथम उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की स्‍थापना

कौशल विकास और व्‍यावसायिक प्रशिक्षण के प्रति अपनी संकल्‍पबद्धता के अनुरूप कदम उठाते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार, राष्‍ट्रीय शिक्षा एवं युवा मंत्रालय, फ्रांस सरकार तथा शनाइडर इलेक्ट्रिक ने देश भर में प्रमाणित प्रशिक्षकों और आकलनकर्ताओं का सुदृढ़ कैडर तैयार करने के लिए ग्वाल पहाड़ी (गुरुग्राम) स्थित राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान (एनआईएसई) के परिसर में आज विद्युत क्षेत्र के प्रथम उत्‍कृष्‍टता के केंद्र के शुभारंभ की घोषणा की।

भविष्‍य की प्रौद्योगिकी को ध्‍यान में रखते हुए इस उत्‍कृष्‍टता के केंद्र में अच्‍छी गुणवत्‍ता वाली आधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं, जो ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के संबंधों को और मजबूती प्रदान करेंगी। केंद्रीय विद्युत राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्‍वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री श्री राज कुमार सिंह ने आज विशिष्‍ट अतिथि फ्रांस के आर्थिक एवं वित्‍तीय कार्य मंत्री-काउंसलर, भारत और दक्षिण एशिया के लिए क्षेत्रीय आर्थिक विभाग के प्रमुख श्री डेनियल मातेर की मौजूदगी में आभासी रूप से उत्‍कृष्‍टता के केंद्र का शुभारंभ किया।

उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की स्‍थापना एमएसडीई, शिक्षा मंत्रालय, फ्रांस और शनाइडर इलेक्ट्रिक के बी‍च पहले हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन का परिणाम है। इसके अलावा, एक केंद्र की स्‍थापना करने के लिए तथा विद्युत और सौर के क्षेत्र में उच्‍च स्‍तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने और कौशल विकास के लिए राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी),शनाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन (एसईआईएफ), विद्युत क्षेत्र कौशल परिषद (पीएसएससी) और राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान (एनआईएसई) के बीच एक परिचालन समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए।

उत्‍कृष्‍टता के केंद्र का उद्धाटन करते हुए केंद्रीय विद्युत राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्‍वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री श्री राज कुमार सिंह ने कहा, ‘’ आर्थिक विकास को गति प्रदान करने, ऊर्जा सुरक्षा तथा ऊर्जा तक पहुंच में सुधार लाने के साथ ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से भी निपटते हुए भारत नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में त्‍वरित गति से बढ़ रहा है। ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी संख्‍या में कामगार तैयार करने संबंधी मांगों को पूरा करने में हमें जो सफलता हासिल होगी, वह भारत को विश्‍व में नवीकरणीय ऊर्जा के बाजार के शीर्षतम स्‍थान की ओर प्रवृत्‍त करेगी। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति को प्रोत्‍साहन देने के लिए निरंतर किए जाने वाले प्रयास हमें माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की स्‍थापना में फ्रांस सरकार के साथ की गई हमारी साझेदारी दीर्घकालिक ऊर्जा लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग का एक और शानदार उदाहरण है।‘’

उत्‍कृष्‍टता का केंद्र विद्युत, स्‍वचालन और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में उम्‍मीदवारों की रोजगार परकता में वृद्धि करने के लिए विस्‍तृत प्रशिक्षण देने हेतु उच्‍च दक्षता प्राप्‍त प्रशिक्षकों और आकलनकर्ताओं का समूह तैयार करने पर ध्‍यान केंद्रित करेगा। केंद्र विद्युत और सौर क्षेत्र में प्रशिक्षकों, अनुदेशकों के लिए प्रशिक्षण, आकलनकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण तथा अन्‍य उच्‍च गुणवत्‍तापूर्ण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगा।

4000 वर्गफुट क्षेत्र में स्‍थापित इस परियोजना के लिए उत्‍कृष्‍टता के केंद्र स्‍थापना हेतु एनआईएसई की ओर से अपने परिसर में भूमि उपलब्‍ध कराई गई है।  यह उत्‍कृष्‍टता का केंद्र दो प्रयोगशालाओं से लैस होगा, जिनकी स्‍थापना शनाइडर इलेक्ट्रिक द्वारा अपनी सीएसआर पहल के भाग के रूप में की गई है। यह उन्‍नत इलेक्ट्रिशियन प्रयोगशाला गृह और भवन में प्रशिक्षण, और उद्योग की स्‍थापना और स्‍वचालन हेतु विशेष रूप से तैयार किए गए उपकरणों से लैस है। सौर प्रयोगशाला, सौर क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी से संबंधित व्‍यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी। उत्‍कृष्‍टता के केंद्र विद्युत के लॉन्‍च होने के सा‍थ ही आकलनकर्ताओं का ऑनलाइन प्रशिक्षण आरंभ हो जाएगा, जिनमें देश भर के प्रशिक्षक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्‍त, केंद्र में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने पर भी विचार किया जा रहा है। केंद्र में परिचालनों का प्रबंधन करने वाली विद्युत क्षेत्र कौशल परिषद ने शिक्षण में सहायता प्रदान के लिए उत्‍पादन, पारेषण, वितरण और बाद के चरणों से संबंधित उपक्षेत्रों में विभिन्‍न भूमिकाओं के लिए आवश्‍यक शिक्षण सामग्री भी तैयार की है। शिक्षा विभाग, फ्रांस ने प्रस्‍तावित उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की संकल्‍पना, डिजाइन तथा अध्‍यक्षता के लिए तीन वर्ष के लिए एक विशेषज्ञ को नियुक्‍त किया। इस विशेषज्ञ ने रूपरेखा, दिशानिर्देशों तथा विद्युत क्षेत्र  की उत्‍कृष्‍ट पद्धतियों की पेशकश करने के माध्‍यम से योगदान दिया है। राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम सभी हितधारकों को सहायता प्रदान कर रहा है और वह इस परियोजना के लिए व्‍यावसायिक मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्रीश्री गुयेन जुआन फुक के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21 दिसंबर, 2020 को वियतनाम के प्रधानमंत्री श्री गुयेन जुआन फुक के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में सहभागी बनेंगे।

शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों नेता व्यापक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और भविष्य में भारत-वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

2020 में, दोनों देशों ने उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान को बनाए रखा है। वियतनाम की उपराष्ट्रपति सुश्री डांग थी नगोक थिन्ह फरवरी 2020 में एक आधिकारिक यात्रा पर भारत आईं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कोविड​​-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए 13 अप्रैल, 2020 को दूरभाष के माध्यम से वार्तालाप किया। 25 अगस्त, 2020 को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की सह-अध्यक्षता वाली संयुक्त आयोग की बैठक (वर्चुअल) के 17वें संस्करण का आयोजन किया गया। 27 नवंबर, 2020 को रक्षा मंत्री ने अपने समकक्ष के साथ एक ऑनलाइन बैठक की।

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क्राइस्ट चर्च काॅलेज के वाणिज्य विभाग और कैरियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल और आई एस बी एंड एम के संयुक्त तत्वाधान् में छात्र विकास कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर। वाणिज्य विभाग और कैरियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल, क्राइस्ट चर्च काॅलेज, कानपुर ने आई एस बी एंड एम के साथ मिलकर शुक्रवार को ‘जीडी / प्रस्तुति / व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए तैयारी’ पर जूम प्लेटफाॅर्म के माध्यम से किया। 
  कार्यक्रम की शुरुआत सचिव, काॅलेज के गवर्निंग बाॅडी, रेव. सैमुअल पाॅल लाल द्वारा लोगों की भलाई और वेबिनार के सुचारू संचालन के लिए की गई प्रार्थना से हुई।
उद्घाटन सत्र में, अतिथियों का स्वागत और उद्घाटन टिप्पणी वाणिज्य विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नलिन  कुमार ने किया।
इस मौके पर काॅलेज के प्राचार्य, डाॅ जोसेफ डैनियल ने कहा कि वर्तमान समय में विषय प्रासंगिक है क्योंकि यह छात्रों के लिए एक परिवर्तनकारी रोडमैप प्रदान करेगा।
 एसोसिएट वाइस-प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड, आईएसबीएम डोलमणि साहू ने वेबिनार के विषय के महत्व और विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
 विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान, और समन्वयक, डाॅ आशुतोष सक्सेना ने वेबिनार के विषय और महत्व के बारे में बात करते हुए कहा कि समूह चर्चा / साक्षात्कार के लिए तैयारी में कुछ समय लगता है, इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि छात्र पहले से अच्छी शुरुआत करें क्योंकि यह हफ्तों में नहीं हो सकता है।
  विशिष्ट वक्ता एवं पीएचडी और पीजीडीएम इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, कलकत्ता के निदेशक प्रोफेसर डाॅ0 एस जयरामन ने आई एस बी एंड एम के बारे में एक संक्षिप्त परिचय के साथ अपनी बात कहते हुए कहा कि जीडी में, जिन पहलुओं के लिए भर्तीकर्ता आगे देखता है, वे हैं संचार, टीम वर्क, व्यक्तित्व और चर्चा को अपने पक्ष में मोड़ने की क्षमता। इस प्रकार, समूह चर्चा की तैयारी करते समय, किसी को इन पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।
उन्होने यह भी कहा कि एक व्यक्तिगत साक्षात्कार एक अन्य मौखिक संचार घटना है। हालाँकि, समूह चर्चा के विपरीत, व्यक्तिगत साक्षात्कार साक्षात्कारकर्ता पर एक व्यक्तिगत छाप बनाने के लिए एक मंच है। यह कमरे में किसी अन्य उम्मीदवार के बिना एक उद्देश्यपूर्ण एक-एक साक्षात्कार है। यहां, रिक्रूटर को केवल आपके ध्यान की आवश्यकता होती है और इसके विपरीत। छात्रों को अपने आप में आत्मविश्वास विकसित करना चाहिए क्योंकि बेहतर संचार केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है जब वह आत्मविश्वास से भरा हो। इस प्रकार, साक्षात्कारकर्ताओं के लिए सभी चरणों में एक अच्छी छाप बनाना आवश्यक है।
छात्रों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने के बाद इस बात का पालन किया गया। सभी सवालों का जवाब संसाधन व्यक्ति द्वारा धैर्यपूर्वक दिया गया था।
पूरे सत्र की अध्यक्षता एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज डाॅ0 विभा दीक्षित  कानपुर ने की।
डीन एंड संयोजक, वाणिज्य संकाय, सीएसजेएम विश्वविद्यालय, डाॅ शिप्रा श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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किदव्इ नगर यादव मार्केट में बी एन के मिलक डेरी का शुभारंभ

 

 

किदव्इ नगर के ब्लॉक यादव मार्केट  मे  पं ओम प्रकाश मिश्रा  एवं शिवराम सिंह  (बउआ भैया) के कर कमलो द्वारा उद्घाटन करके शुभारंभ किया गया,

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क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय, orientation program आयोजित

कानपुर 17 दिसम्बर , अत्यंत उपयोगी online orientation program आयोजित किया गया . क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय में इसके संयोजन का दायित्व डॉ. सुनीता वर्मा (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग) ने संभाला और महाविद्यालय प्रबंध-समिति के सचिव रेवरेंड एस. पी. लाल तथा प्राचार्य डॉ. जोसफ डेनियल ने orientation program के बारे में जानकारी दी, orientation program का आरम्भ करते हुए NSS officer डॉ. सुनीता वर्मा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया और मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं का परिचय प्रस्तुत किया. तत्पश्चात डॉ सबीना बोधरा द्वारा ईश्वर की आराधना द्वारा सभी विघ्न-बाधाओं के निराकरण और संगोष्ठी के सफल आयोजन की प्रार्थना की गई.

डॉ मृदुला सैमसन ने पहले वक्ता का परिचय दिया, कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य वक्ता डॉ अन्शुमालि शर्मा ने NSS की उपयोगिता और आवश्यकता का उल्लेख भी उन्होंने किया. इस संगोष्ठी के द्वितीय मुख्य वक्ता डॉ के एन मििश्रा ने NSS की उपयोगिता और प्रभाव पर विचार विमर्श किया, कार्यक्रम के वक्ताओं में Dr Neeta Jain, Dr Soofiya Sahaab थि
इस Orientation program का समापन करते हुए डॉ.सबीना बोधरा ने सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं प्रतिभागियों के प्रति हार्दिक धन्यवाद प्रेषित किया.

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भारत के आर्थिक इतिहास में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ एक ऐतिहासिक घटना है : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में उद्योग जगत की जानी-मानी संस्था फिक्की के 93वें वार्षिक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने देश के सामने कई नई चुनौतियों को जन्म दिया है। ऐसे में लोगों की ज़िंदगी और आजीविका पर पड़ने वाले कोविड के विपरीत प्रभाव से निपटने और उसे कम करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।उन्होंने कहा कि कोरोना से लोगों की जान बचाने को सबसे पहली प्राथमिकता दी गई है और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कोरोना वारियर्स ने लोगों की जान के जोखिम को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।

सरकार की तरफ से आर्थिक मोर्चे पर किए गए प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘ऐसा माना जा रहा था कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में
23.9 फीसदी की जो गिरावट दर्ज की गई है,उससे निपटने और इसे फिर से पटरी पर लाने में भारत को एक-दो साल का समय लग जाएगा’। लेकिन भारत ने आर्थिक मोर्चे पर इस चुनौती से निपटने में ज़्यादा समय नहीं लिया और जल्दी ही देश की जीडीपी पटरी पर आ गई। यही वजह है कि दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में केवल 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई,जबकि दूसरी तरफ निर्माण क्षेत्र में पहली तिमाही में 39.3 फीसदी की गिरावट की तुलना में दूसरी तिमाही में  0.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में जारी इन विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी)ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे मे अपने पूर्व के 9 फीसदी गिरावट के अनुमान में बदलाव करते हुए वर्ष 2020-21 में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है।

अर्थव्यवस्था की मज़बूती पर बल देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अप्रैल-अगस्त 2020 में भारत में 35.73 बिलियन अमरीकी डॉलर का सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) दर्ज किया गया है,जोकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान दर्ज किए गए एफडीआई की तुलना में 13 फीसदी ज़्यादा है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “ये सब निर्णायक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए चलाए जा रहे है ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मदद और सरकार द्वारा सही समय पर सही निर्णय लेने से संभव हुआ है।”

रक्षा मंत्री ने उद्योग जगत से आग्रह  किया कि “…वे वैश्विक स्तर पर निर्माण क्षेत्र में लागत को कम करने के रास्ते निकालकर इस दिशा में आगे बढ़ें और जल्द ही भारत को वैश्विक स्तर पर निर्माण क्षेत्र का हब बनाने की दिशा में ज़रूरी रास्तों पर विचार करें।”

श्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और आत्मनिर्भर अभियान को मज़बूत बनाने की दिशा में रक्षा क्षेत्र अहम भूमिका अदा करेगा। उन्होंने कहा कि “हम दुनिया की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना में से एक हैं, इसके बावजूद हम कई अहम क्षेत्रों में आयात पर निर्भर हैं। हालाँकि हमने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में कई स्तरों पर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं,लेकिन अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि “हमने निजी क्षेत्र के लिए भी दरवाज़े खोल दिए हैं, घरेलू स्तर पर उत्पादन को प्रोत्साहित किया है, रक्षा गलियारे का निर्माण के अलावा और भी बहुत कुछ इस दिशा में किया जा रहा है। हम दूसरे देशों के साथ मिलकर संयुक्त उपक्रम (ज्वाइंट वेंचर)और सहभागिता बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।”

श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया के साथ-साथ स्वचालित तरीके से एफडीआई को 74 फीसदी तक बढ़ाने के पूर्व में लिए गए निर्णय से घरेलू निर्माण और विकास को गति मिलेगी। साथ ही नवीन प्रौद्योगिकी और वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने वाले उपायों का लाभ भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 101 सामानों की नकारात्मक आयात सूची जारी की गई है। इससे विशेषरूप से निजी क्षेत्र को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि 1,75,000 करोड़ के टर्नओवर और 35,000 करोड़ के आयात के लक्ष्य को हासिल करने में निजी क्षेत्र सक्रिय भागीदार की भूमिका निभाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने मई 2020 में देश को विभिन्न चुनौतियों से निकालने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान को मज़बूत करना भी था। उन्होंने कहा कि “भारत के आर्थिक इतिहास में आत्मनिर्भर भारत अभियान एक ऐतिहासिक घटना है”।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत करीब 81 लाख एमएसएमई ने प्रधानमंत्री एमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस)का लाभ लिया है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने के दौरान भारत ने अपने लोगों की मदद करने के अलावा दुनियाभर के लोगों की मदद की।“चाहे एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित पहुंचाना हो, दवाइयों की आपूर्ति हो या कोई अन्य सहायता,भारत ने हर दिशा में सकारात्मक तरीके से बढ़चढ़कर मदद की।” उन्होंने कहा कि भारत ने स्वयं की प्रेरणा से दूसरों को भी प्रेरित करने का काम किया। “भारत एक ऐसा देश है,जहाँ सैकड़ों सालों से ‘संगच्छध्वं,संवदध्वं’ विचार का पालन किया जाता,जिसका अर्थ है कि हम सब आगे बढ़ेंगे,हम सबको मिलकर आगे बढ़ना है।”

कृषि क्षेत्र से जुड़े सुधारों पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़े सभी सुधार भारत के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हमेशा हमारे किसान भाइयों की बात को सुनने और उनकी गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ने किसान भाइयों के साथ चर्चा और वार्ता के सभी रास्ते खोल रखे हैं।”

हिमालय से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति पर रक्षामंत्री ने कहा कि लद्दाख में एलएसी पर सशस्त्र बलों की भारी संख्या और पर्याप्त सुविधाएं मौजूद है। उन्होंने कहा कि परीक्षा की इस घड़ी में हमारे सुरक्षा बलों ने ज़बर्दस्त साहस और धैर्य दिखाया है,इतना ही नहीं हमारे सुरक्षा बलों ने पीएलए का बहादुरी से सामना करते हुए उन्हें वापस भेजने पर मज़बूर किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना की संख्या किसके पास ज़्यादा है, इस पर गंभीर बहस की जा सकती है, लेकिन जब बात साहस और जज़्बे की आती है,तो हमारी सेना का कोई जवाब नहीं है। जब विचारों के स्तर पर दुनिया का नेतृत्व करने की बात आती है तो भारत चीन से कई गुणा आगे नज़र आता है।

सीमापार आतंकवाद पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने ख़ुद इस समस्या का सामना किया है, वो भी ऐसे समय में जब कोई भी हमारे साथ नहीं खड़ा था। लेकिन बाद में,दुनिया को यह बात समझ आ गई कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं और वहीं से दुनियाभर में आतंकवाद फैलाया जा रहा है।

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जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पाटने के लिए बैक टू बैक लोन के तौर पर राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 7वीं किस्त जारी की गई

वित्त मंत्रालय ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पाटने के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 7वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है।इसमें से कुल 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की राशि विधानसभा वाले 3केन्द्रशासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुदुचेरी), जोकि जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं, को जारी की गई है।शेष 5 राज्यों -अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम- में जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में कोईकमी नहीं हुई है।

भारत सरकार ने जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर, 2020 में एक विशेष उधार खिड़की की व्यवस्था की थी।भारत सरकार द्वारा राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की ओर से इस खिड़की के जरिए उधारलिया जा रहा है। ये उधारियां 7 चरणों में की गई हैं।अब तक उधार ली गई राशि क्रमशः 23 अक्टूबर, 2020, 2 नवंबर, 2020, 9 नवंबर, 2020, 23 नवंबर, 2020, 1 दिसंबर, 2020, 7 दिसंबर, 2020 और 14 दिसंबर, 2020 को राज्यों को जारी की गई हैं।

इस सप्ताह जारी की गई राशिराज्यों को प्रदान की गई ऐसी निधि की 7वीं किस्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.1348% की ब्याज दर पर उधार ली गई है।केन्द्र सरकार द्वारा अब तक4.7712% की औसत ब्याज दर पर विशेष उधार खिड़की के जरिए कुल42,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।

जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधार खिड़की के जरिए धन प्रदान करने के अलावा, भारत सरकार ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पूरा करने के लिए विकल्प–1 का चुनाव करने वाले राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद करने के उद्देश्य से राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50% के बराबर की राशि अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति भी दी है।सभी राज्यों ने विकल्प-1 के प्रति अपनी प्राथमिकता जतायी है।इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50%) की संपूर्ण अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी गई है।

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प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव 2020 को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव 2020 को संबोधित किया और भरतियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। महाकवि सुब्रमण्यम भारती की 138वीं जयंती मनाने के लिए वनविल सांस्कृतिक केंद्र द्वारा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के लिए भारती पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्वान श्री सीनी विश्वनाथन को बधाई दी, जिन्हें इस कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती का वर्णन करना बहुत कठिन है। श्री मोदी ने कहा कि भरतियार को किसी एक पेशे या आयाम से नहीं जोड़ा जा सकता है। वे कवि, लेखक, संपादक, पत्रकार, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, मानवतावादी और बहुत कुछ थे।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि कोई भी महान कवि, अपनी कविताओं, दर्शन और अपने जीवन के कार्य के रूप में चमत्कार कर सकता है। श्री मोदी ने वाराणसी के साथ महाकवि की निकटता को याद किया। भारती की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 39 साल के छोटे से जीवन में उन्होंने बहुत कुछ लिखा, बहुत कुछ किया और इतने में उत्कृष्टता प्राप्त की। उनका लेखन एक गौरवशाली भविष्य की ओर हमारा मार्गदर्शन करता है।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि सुब्रमण्यम भारती से आज का युवा बहुत कुछ सीख सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण साहसी होना है। सुब्रमण्यम भारती के लिए डर अज्ञात था। भारती को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “डर मुझे नहीं लगता, मुझे डर नहीं है, भले ही सारी दुनिया मेरा विरोध करे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आज यंग इंडिया में इस भावना को देखते हैं जब वे नवाचार और उत्कृष्टता के मामले में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का स्टार्ट-अप क्षेत्र निडर युवाओं से भरा है जो मानवता को कुछ नया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा ‘कर सकता है’ की भावना हमारे देश और हमारे ग्रह के लिए आश्चर्यजनक परिणाम प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भरतियार प्राचीन और आधुनिकता के बीच एक स्वस्थ मिश्रण में विश्वास करते थे। उन्होंने कहा कि भारती ने ज्ञान को हमारी जड़ों से जुड़े रहने के साथ-साथ भविष्य की ओर देखा और तमिल भाषा और मातृभूमि भारत को अपनी दो आंखें माना। भारती ने प्राचीन भारत की महानता, वेदों और उपनिषदों की महानता, हमारी संस्कृति, परंपरा और हमारे गौरवशाली अतीत के गीत गाए। लेकिन साथ ही उन्होंने हमें चेतावनी भी दी कि केवल अतीत के गौरव में जीना पर्याप्त नहीं है। श्री मोदी ने एक वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने, जांच की भावना और प्रगति की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकवि भरतियार की प्रगति की परिभाषा में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका थी। उनकी सबसे महत्वपूर्ण दृष्टि स्वतंत्र और सशक्त महिलाओं की थी। महाकवि भरतियार ने लिखा है कि महिलाओं को अपना सिर उठा कर चलना चाहिए, जबकि लोगों को उनकी आंखों में देखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस दृष्टिकोण से प्रेरित है और महिलाओं के नेतृत्व वाले सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार के कामकाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की गरिमा को महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज, 15 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी मुद्रा योजना जैसी योजनाओं से वित्त पोषित हैं। आज स्थायी कमीशन के साथ महिलाएं हमारे सशस्त्र बलों का हिस्सा बन रही हैं। आज, सबसे गरीब महिलाएं जो सुरक्षित स्वच्छता की कमी की समस्याओं का सामना करती थीं, उन्हें 10 करोड़ से अधिक सुरक्षित और स्वच्छ शौचालयों से लाभान्वित किया जाता है। उन्हें और परेशानियों का सामना न करना पड़े। “यह न्यू इंडिया की नारी शक्ति का युग है। वे बाधाओं को तोड़ रही हैं और अपना प्रभाव स्थापित कर रही हैं। यह सुब्रमण्यम भारती की श्रद्धांजलि है।”

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा कि महाकवि भरतियार समझ गए थे कि कोई भी समाज जो विभाजित है वह सफल नहीं हो सकेगा। साथ ही, उन्होंने राजनीतिक स्वतंत्रता के खालीपन के बारे में भी लिखा जो सामाजिक असमानताओं का ध्यान नहीं करता है और सामाजिक कुरीतियो को समाप्त नहीं करता है। प्रधानमंत्री ने भारती को उद्धृत करते हुए कहा, “अब हम एक नियम बनाएंगे, और इसे कभी न कभी लागू करेंगे, अगर कभी एक आदमी को भुखमरी का सामना करना पड़ता है, तो दुनिया को विनाश के दर्द का सामना करना पड़ता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी शिक्षाएं हमें एकजुट रहने और प्रतिबद्ध रहने के लिए एक मजबूत अनुस्मारक हैं। हर एक व्यक्ति विशेषकर गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों का सशक्तिकरण किया जाना चाहिये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे युवाओं को भारती से सीखने के लिये बहुत कुछ है। हमारे देश में हर कोई उनके कामों को पढ़े और उनसे प्रेरित हो। उन्होंने भरतियार के संदेश को फैलाने में उनके अद्भुत काम के लिए वनविल संस्कृति केंद्र की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव में रचनात्मक विचार-विमर्श होगा जो भारत का एक नया भविष्य बनाने में मदद करेगा।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “दैनिक जीवन में रसायन” कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 11 दिसम्बर क्राइस्ट चर्च कॉलेज में     एक व्याख्यान श्रृंखला “दैनिक जीवन में रसायन”   कार्यक्रम  आयोजित किया गया । कार्यक्रम में सभी छात्रों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने किया । कार्यक्रम की शुरुआत मैं डॉ ए के नेथेनियल द्वारा प्रार्थना की गई । क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल ने छात्रों को रसायन विज्ञान की श्रृंखला की अहमियत बताई । इस श्रृंखला का आयोजन कार्यक्रम सं योजि का डॉ मीत कमल के संरक्षण में किया गया । इस श्रृंखला में अतिथि वक्ता रहे डॉ सौ रभ कुमार सिंह जो कि आईआईटी हैदराबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जो क्राइस्टचर्च कॉलेज   कॉलेज के पूर्व छात्र रह चुके हैं । जिन्होंने एक्सप्लोरिंग केमिस्ट्री विद कंपाउंड ऑफ पावरफुल टूल फॉर न्यू एज केमिस्ट नामक विषय पर चर्चा की जिससे छात्र आनंदित हुए । रेवरान सैमुअल पौल कॉलेज के पेट्रेन ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा  बढ़ाई । डॉ श्रद्धा सिन्हा एक्ट वाइस प्रेसिडेंट ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस श्रृंखला में छात्रों ने गीत व नाटक के माध्यम से आम जनता के मध्य रसायन विज्ञान के महत्व को प्रदर्शित किया । छात्रों ने खाने की वस्तुओं में हुई मिलावट के बारे में जानकारी दी । कार्यक्रम में तरुणा , एकता , शिवम , अजमा , भावना को पल मधुरिमा , शबनम, सुधाकर , अर्पित , वैष्णवी , अनि रुद्ध शि वांगी , शिरीन , रिनी , दीपेंद्र आदि छात्र उपस्थित रहे । कार्यक्रम में रसायन विज्ञान की शिक्षिका डॉ ज्योत्स्ना लाल , डॉ श्वेता चंद एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे । कार्यक्रम में 200 प्रतिभागी मौजूद थे । अंत में डॉ आनंदिता भट्टाचार्य धन्यवाद सभी को दिया । 

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एस एन सेन बा. वि.पी जी कॉलेज तथा आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वाधान में किशोरी स्वास्थ्य एवं योग विषय पर कार्यशाला का आयोजन

 

 

कानपुर 7 दिसम्बर एस.एन.सेन बा.वा.पी.जी कॉलेज, कानपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग तथा आरोग्य भारती ने ‘किशोरी स्वास्थ्य एवं योग’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गयी। आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अशोक कुमार वार्ष्णेय जी आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव मुख्य अतिथि रहे।
कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती पूजा तथा धनवंतरी इस्तवंन से हुआ। महाविद्यालय के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार वार्ष्णेय, श्री गोविन्द जी, डॉ . बी.एन आचार्य, डॉ. सीमा द्विवेदी ने दीप प्रज्वलित किया तथा प्राचार्या निशा अग्रवाल ने कार्यशाला की औपचारिक उद्घाटन की घोषणा की। श्री अशोक कुमारवार्ष्णेय जी ने अपने उद्बोधन में स्वस्थ रहने के गुर बताए और बिना औषधि योग और संयम से कैसे स्वस्थ रहें पर बल दिया।
उन्होंने बताया कि आस-पास उपस्थित वनस्पतियों द्वारा संयमित जीवन, तथा एक-तीन-आठ (एक घंटे श्रम, तीन बार भोजन तथा आठ घंटे सोना) ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। डॉ. सीमा द्विवेदी, एसोसिस्ट प्रोफेसर, मैडिकल कॉलेज, कानपुर ने किशोरी स्वास्थ्य से सम्बन्धित समस्याओं को योग के माध्यम से किस प्रकार समाधान करें ये बताया।
कार्यक्रम का संकलन ,संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रीति सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर वनस्पति विज्ञान विभाग ने किया। कार्यक्रम में छात्राओं के अतिरिक्त सभी शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी सक्रिय प्रतिभाग किया। साथ ही छात्राओं को मास्क तथा ‘वैरी श्योर’ सेनेटरी पैड का मुफ्त वितरण किया गया।

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