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केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने बीसीसीएल के 51 सौर ऊर्जा संयंत्रों का उद्घाटन किया

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केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने सतत ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन को न्यून करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत वर्तमान में जारी विशेष अभियान 4.0 के तहत रांची से भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के 51 रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों का रिमोट से उद्घाटन किया। 2.428 मेगा वाट (एमडब्ल्यू) की संचयी क्षमता के साथ, ये सौर ऊर्जा संयंत्र हरित और अधिक आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन देने की बीसीसीएल की प्रतिबद्धता में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, मंत्री महोदय सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि इस दिशा में बीसीसीएल के प्रयास सराहनीय हैं। श्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि बीसीसीएल द्वारा छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना अप्रयुक्त भवन स्थलों के उपयोग का एक अच्छा उदाहरण है।

बीसीसीएल के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री समीरन दत्ता ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कंपनी की प्रगति के प्रति उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि बीसीसीएल की न केवल देश की कोकिंग कोल आवश्यकताओं को सुरक्षित करने की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि भविष्य की यात्रा स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल को भारत के अक्षय ऊर्जा मिशन में योगदान देने पर गर्व है और ये 51 सौर संयंत्र हरित भविष्य के लिए इसके दीर्घकालिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब हैं। इस अवसर पर बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की एक प्रमुख सहायक कंपनी और भारत में कोकिंग कोल का सबसे बड़ा उत्पादक बीसीसीएल, दूरदर्शी आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत “मिशन कोकिंग कोल” में योगदान देने में महत्वपूर्ण रहा है। वर्तमान में बीसीसीएल में विभिन्न स्थानों पर 1.66 मेगावाट रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित और संचालित किए गए हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2.428 मेगावाट के रूफटॉप प्लांट के अलावा 3 मेगावाट के रूफटॉप सोलर प्लांट की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, दुग्धा वाशरी में 20 मेगावाट का ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है और भोजुडीह कोल वाशरी में 25 मेगावाट का ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

इसके साथ ही, बीसीसीएल अपने पर्यावरण संबंधी प्रभाव को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दृढ करता है, साथ ही कोयला उत्पादन के अपने मुख्य मिशन को नवीन हरित पहलों के साथ संतुलित करता है। नई तकनीकों को अपनाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ परिचालन उत्कृष्टता के प्रति समर्पण, ऊर्जा और खनन दोनों क्षेत्रों में जारी है।