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भारतीय मजदूर संघ का 70 वां स्थापना दिवस संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, “भारतीय मजदूर संघ” के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर 23 जुलाई को निर्माणी गेट पर कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ की स्थापना के संबंध में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर ऑर्डनेन्स पैराशूट निर्माणी कानपुर के गेट पर सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के महासचिव श्री साधू सिंह ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के स्थापना के पूर्व कई ट्रेड यूनियन संगठन देश में कार्य कर रहे थे लेकिन यह श्रम संगठन कर्मचारियों के बीच में राष्ट्रीय विचारधारा से अलग हो चुके थे। कुछ संगठन अंतर्राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत थे और एक संगठन सरकार का पिछलग्गू था। ऐसे में कर्मचारियों में राष्ट्रभक्ति की भावना प्रेरित करने हेतु एक गैर राजनीतिक संगठन की आवश्यकता थी। इसी भावना को लेकर 23 जुलाई 1955 को भोपाल में भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की गई। स्थापना के समय केवल नौ लोग ही इसके संस्थापक थे। भारतीय मजदूर संघ ने शून्य से अपना काम प्रारंभ किया आज भारतीय मजदूर संघ पहले स्थान पर प्रतिस्थापित है और राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहा है। भारतीय मजदूर संघ किसी राजनीतिक विचारधारा से ओतप्रोत नहीं है। कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर निरंतर अपना कार्यक्रम चला रहा है। आज भारतीय मजदूर संघ की सभी उद्योगों में और सभी प्रदेशों में यूनियन और महासंघ कार्यरत है।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आज ट्रेड यूनियन आंदोलन काफी कमजोर हुआ है। हमें और अधिक काम करना है। केंद्र में और राज्यों में किसी भी दल की सरकार हो उसकी परवाह किए बगैर हम अपना कार्य कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा के नाम पर जो पेंशन की सुविधा प्राप्त थी उसे समाप्त कर नई पेंशन प्रणाली लागू की गई। इसमें कर्मचारियों का अहित हुआ है। उन्हें गारंटीड पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाने के लिए हमारे आंदोलन जारी है और कर्मचारियों को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे। इसी प्रकार आज देश में बेरोजगारी की समस्या अपने चरम पर है। सरकार संविदा कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों को बढ़ावा दे रही है जिनका शोषण सर्वाधिक है। इसलिए हमारी मांग है कि केंद्र राज्य कर्मचारियों के लाखों रिक्त स्थानों को अविलंभ भर जाए। इसी प्रकार कर्मचारियों के वेतन भत्तो को संशोधित करने के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग को लेकर हम आंदोलन रत हैं। रक्षा क्षेत्र में आयुध निर्माणियों का निगमीकरण किया जा चुका है, कर्मचारियों की सेवा शर्तें सुरक्षित रहें अर्थात सेवा निवृत के समय तक उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। इसके लिए भी हमारा आंदोलन चल रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि प्रसार भारती की तरह कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। सरकार ने मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देना बंद कर रखा है वह फिर से प्रारंभ किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि आज हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी माननीय बाल गंगाधर तिलक और माननीय चंद्रशेखर आजाद जी का जन्म दिवस है उनके महान कार्यों को याद करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं में साधू सिंह, शिव कुमार शर्मा,  निर्मल कुमार, सुधीर त्रिपाठी, सचिन वर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, प्रेम कुमार, जय यादव, दीपक यादव, वीरेंद्र यादव, संजीव कश्यप, अजय जयसवाल आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता श्री सचिन वर्मा ने की।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में एक पेड़ मां के नाम तथा पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अभियान के अंतर्गत किया गया पौधारोपण

दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत वृहद पौधारोपण किया गया । इस वर्ष की थीम “पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ” के आधार पर समस्त वॉलिंटियर्स एवं प्राध्यापिकाओं ने पौधारोपण करते हुए निरंतर प्रयास से पेड़ो को बचाए रखने हेतु संकल्प लिया । इस अवसर पर उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार मातृ वाटिका का निर्माण भी किया गया। लगाए गए पौधों में मुख्यतः सागौन , आम , जामुन इमली, नीम , पीपल , पाखड़ , नींबू इत्यादि रहे। इस अवसर पर कुछ पौधे मातृ वाटिका में लगाए गए तथा कुछ पौधे छात्राओं को वितरित किए गए ताकि वह अपने घर, आंगन या प्रांगण में वह पौधा लगाकर उसकी रक्षा करें तथा उसे पाल पोसकर बड़ा करें।
इस अभियान के अंतर्गत आज यह दूसरा चरण था जिसमें कुल 50 पौधे लगाए गए प्रथम चरण में भी 50 पौधे स्वयं सेविकाओं को लगाने हेतु वितरित किए गए थे। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो वंदना निगम में छात्राओं को वृक्ष लगाने तथा उनकी सुरक्षा करने के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग, रसायन शास्त्र विभाग, भूगोल विभाग की समस्त प्राध्यापिकाओं समेत आइक्यूएसी इंचार्ज प्रो सुगंधा तिवारी एवं अलका श्रीवास्तव उपस्थिति रही। राष्ट्रीय सेवा योजना की 56 छात्राओं के द्वारा मातृ वाटिका के निर्माण में सक्रिय योगदान किया गया।

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सरकार ने 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू संसद के बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। यह सर्वदलीय बैठक 21 जुलाई, 2024 को सुबह 11 बजे मुख्य समिति कक्ष, संसदीय सौध, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी।

संसद का बजट सत्र 22 जुलाई, 2024 को शुरू होगा जो सरकारी कामकाज की अनिवार्यता के अधीन, 12 अगस्त, 2024 को समाप्त हो सकता है।

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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता: रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची अधिसूचित की

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा आयात को कम करने के लिए, रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने देश में ही निर्मित 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) अधिसूचित की है। इनमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट/सिस्टम/सब-सिस्टम/असेंबली/सब-असेंबली/स्पेयर और कंपोनेंट तथा कच्चा माल शामिल है, जिसका आयात मूल्य 1,048 करोड़ रुपये है। सृजन पोर्टल ( https://srijandefence.gov.in ) पर उपलब्ध सूची में दर्शाई गई समयसीमा के पश्चात भारतीय उद्योग जगत से ही इन वस्तुओं की खरीद की जाएगी। ये वस्तुएं संलग्न सूची में उपलब्ध हैं।

(डीपीएसयू के लिए 5वीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची – डीडीपी)

रक्षा मंत्रालय ने 2020 में सृजन पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (डीपीएसयू) और सेवा मुख्यालय (एसएचक्यू) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) तथा स्टार्ट-अप उद्योगों को स्वदेशीकरण के लिए रक्षा वस्तुओं के निर्माण का प्रस्ताव करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ संकल्प के लिए विस्तृत पैमाने पर किए गए प्रयासों से रक्षा वस्तुओं के देश में ही निर्माण होने के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।

रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (डीपीएसयू) की पांचवीं जनहित याचिका में उल्लिखित वस्तुओं का देश में ही निर्माण विभिन्न तरीकों से करेंगे, जिसमें ‘मेक’ प्रक्रिया या एमएसएमई सहित अन्य उद्योगों को शामिल करते हुए इनका स्वदेश में ही विकास करना शामिल है। इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति मिलेगी, रक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। इससे अकादमिक और शोध संस्थानों की भागीदारी के कारण घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं में वृद्धि होगी।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), बीईएमएल लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) पांचवीं जनहित याचिका के रक्षा मदों से जुड़े रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम हैं। इन कंपनियों ने अपनी-अपनी वेबसाइट पर रुचि की अभिव्यक्ति और प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए गए सृजन पोर्टल डैशबोर्ड ( srijandefence.gov.in/DashboardForPublic ) पर एक लिंक दिया गया है, और उद्योग/एमएसएमई/स्टार्ट-अप बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए आगे आ सकते हैं।

इससे पहले, रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) द्वारा डीपीएसयू के लिए 4,666 वस्तुओं से संबंधित चार जनहित याचिकाएँ अधिसूचित की गई थीं, जिनमें 2,972 का आयात प्रतिस्थापन मूल्य 3,400 करोड़ रुपये है। इनका पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है। डीपीएसयू के लिए ये पांच सूचियां सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) द्वारा अधिसूचित 509 वस्तुओं की पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों के अतिरिक्त हैं। इन सूचियों में अत्यधिक जटिल प्रणालियां, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।

जून 2024 तक, डीपीएसयू और एसएचक्यू द्वारा स्वदेश में ही निर्माण के लिए उद्योग को 36,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं की पेशकश की गई थी। उनमें से, पिछले तीन वर्षों में 12,300 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है। परिणामस्वरूप, डीपीएसयू ने घरेलू विक्रेताओं को 7,572 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं।

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‘केंद्रीय बजट 2024-25’ की तैयारियों का अंतिम चरण आज नई दिल्ली में ‘पारंपरिक हलवा समारोह’ के साथ शुरू हुआ

केंद्रीय बजट 2024-25 तैयार करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण को रेखांकित करने वाला ‘हलवा समारोह’ आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

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बजट की तैयारी में शामिल अधिकारियों की ‘लॉक-इन’ प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल ‘पारंपरिक हलवा समारोह’ आयोजित किया जाता है। ‘केंद्रीय बजट 2024-25’ को 23 जुलाई, 2024 को पेश किया जाएगा।

वार्षिक वित्तीय विवरण (जिसे आम तौर पर बजट के रूप में जाना जाता है), अनुदान मांग (डीजी), वित्त विधेयक, इत्‍यादि सहित समस्‍त केंद्रीय बजट दस्तावेज भी ‘केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप’ पर उपलब्ध होंगे, ताकि डिजिटल सुविधा के सबसे सरल रूप का उपयोग करके बजट दस्तावेजों को सांसदों (एमपी) और आम जनता को बिना किसी परेशानी के सुलभ कराया जा सके। यह ऐप द्विभाषी (अंग्रेजी एवं हिंदी) है और यह एंड्रॉयड एवं आईओएस दोनों ही प्लेटफॉर्मों पर उपलब्ध होगा। इस ऐप को केंद्रीय बजट वेब पोर्टल (www.indiabudget.gov.in)  से भी डाउनलोड किया जा सकता है।

23 जुलाई, 2024 को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरा हो जाने के बाद ही समस्‍त बजट दस्तावेज इस मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होंगे।

हलवा समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ वित्त मंत्रालय के सचिव और बजट की तैयारी में शामिल भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे।

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इस समारोह के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने ‘बजट प्रेस’ का भी मुआयना किया और बजट की तैयारियों की समीक्षा करने के अलावा संबंधित अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।

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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए स्व-नामांकन हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 18 जुलाई 2024 तक बढ़ी

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए पात्र शिक्षकों से ऑनलाइन स्व-नामांकन हेतु पंजीकरण की अंतिम तिथि 18 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी गई है। आवेदक अपना पूरा स्व-नामांकन 21 जुलाई 2024 तक जमा कर सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल http://nationalawardstoteachers.education.gov.in.  पर 27 जून 2024 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे।
इस वर्ष 50 शिक्षकों का चयन तीन चरणों वाली चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, अर्थात जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर। पुरस्कार 5 सितम्‍बर 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग हर साल 5 सितम्‍बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर का समारोह आयोजित करता है, जिसमें कठिन, पारदर्शी और ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान की सराहना करना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और मेहनत से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।

पात्रता की शर्तें:

राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, स्थानीय निकायों और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूलों द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त प्राथमिक/मध्य/उच्च/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत स्कूल शिक्षक और स्कूल प्रमुख इस पुरस्कार के लिए पात्र हैं।

  • केन्‍द्र सरकार के स्कूल, यानी केन्‍द्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा संचालित सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसाइटी (एईईएस) द्वारा संचालित स्कूल, और जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस); और
  • केन्‍द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) से संबद्ध स्कूल।

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सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है: रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ

रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने सभी आवश्यक सहायता एवं सहयोग प्रदान करके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के क्षमता निर्माण को सुनिश्चित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। 16 जुलाई, 2024 को बेंगलुरु कॉम्प्लेक्स की अपनी यात्रा के दौरान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि यह पीएसयू पर निर्भर है कि वे अपने प्रदर्शन को बेहतर बनायें और इस अत्यधिक प्रतिस्पर्धी युग में प्रतिस्पर्धी बने रहें।

बीईएल की उपलब्धियों और प्रदर्शन की सराहना करते हुए, श्री संजय सेठ ने कहा कि यह पीएसयू ‘मेक इन इंडिया’ पहल और आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ साझेदारी में कई स्वदेशी उपकरण और प्रणालियां विकसित की हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष इसने आत्मनिर्भरता को मजबूत करते हुए 150 वस्तुओं के पेटेंट हासिल किए हैं।

केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री ने एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स नेवी (एडीएसएन) स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट (एसबीयू), मिलिट्री रडार एसबीयू और अत्याधुनिक ईएमआई/ईएमसी लैब में प्रिसिजन मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का दौरा किया। उन्हें तटीय निगरानी प्रणाली और परिधि सुरक्षा प्रणाली की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने स्मार्ट सिटी एक्सपीरियंस सेंटर और प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड इनोवेशन सेंटर (पीडीआईसी) का दौरा किया, जो अत्याधुनिक रक्षा और सुरक्षा उपायों से संबंधित नवाचार, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने अगली पीढ़ी की परियोजनाओं पर काम कर रहे इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से बातचीत की।

रक्षा राज्यमंत्री ने बीईएल की अपनी पहली यात्रा की स्मृति में पीडीआईसी परिसर में एक पौधा भी लगाया। इससे पहले, श्री मनोज जैन, सीएमडी, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य इकाइयां), श्री दामोदर भट्टड़, निदेशक (वित्त), श्री के वी सुरेश कुमार, निदेशक (विपणन) तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

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जून 2024 में भारत का कुल निर्यात 5.40 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है; अप्रैल-जून 2024 के दौरान संचयी समग्र निर्यात 8.60 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है

जून 2024 में भारत का कुल निर्यात 5.40 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है; अप्रैल-जून 2024 के दौरान संचयी समग्र निर्यात 8.60 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है
  • जून 2024* के लिए भारत का कुल निर्यात (संयुक्त रूप से वस्तुएं और सेवाएं) 65.47 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो जून 2023 की तुलना में 5.40 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। जून 2024* के लिए कुल आयात (संयुक्त रूप से वस्तुएं और सेवाएं) 73.47 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो जून 2023 की तुलना में 6.29 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है।

तालिका 1: जून 2024 के दौरान व्यापार*

    जून 2024

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

जून 2023

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

व्यापार निर्यात 35.20 34.32
आयात 56.18 53.51
सेवाएं* निर्यात 30.27 27.79
आयात 17.29 15.61
कुल व्यापार

(माल +सेवाएँ) *

निर्यात 65.47 62.12
आयात 73.47 69.12
व्यापार का संतुलन -8.00 -7.00

  नोट: आरबीआई द्वारा जारी सेवा क्षेत्र का नवीनतम डेटा मई 2024 के लिए है। जून 2024 का डेटा एक अनुमान हैजिसे आरबीआई की अगली रिलीज़ के आधार पर संशोधित किया जाएगा।

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कोयला मंत्रालय द्वारा तीन कोयला खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर

 कोयला मंत्रालय ने आज 7वें दौर के दूसरे प्रयास के अंतर्गत नीलाम की गई तीन कोयला खदानों के लिए कोयला खनन विकास और उत्पादन समझौतों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया। यह वाणिज्यिक कोयला खनन की सफलता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। तीन खदानों में से दो आंशिक रूप से खोजी गई हैं, जबकि एक पूरी तरह अन्वेषित है।

समझौते किए गए खदानों हैं मच्छकटा (संशोधित) कोयला खदान, कुडनाली लुबरी कोयला खदान और सखीगोपाल-बी काकुरही कोयला खदान। सफल बोलीकर्ता क्रमशः एनएलसी इंडिया लिमिटेड, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड हैं।

इन तीन खदानों से वाणिज्यिक नीलामी के अंतर्गत अनुमानित वार्षिक राजस्व सृजन लगभग 2,991.20 करोड़ रुपए है, जो लगभग 30.00 एमटीपीए की कुल पीक रेट क्षमता उत्पादन पर आधारित है। इन खदानों के चालू होने पर लगभग 40,560 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इसके अतिरिक्त, इन कोयला खदानों को चालू करने के लिए लगभग 4,500 करोड़ रुपए का कुल निवेश आवंटित किया जाएगा।यह पहल कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन में योगदान देने और राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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“भारत का लक्ष्य 2030 तक 4 बिलियन डॉलर के एमआरओ उद्योग के साथ अग्रणी विमानन केन्‍द्र बनना” – राममोहन नायडू

केन्‍द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू ने सभी विमानों और विमान इंजन के कलपुर्जों पर 5 प्रतिशत की एकसमान आईजीएसटी दर लागू करने की घोषणा की है, जो आज 15 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी। यह निर्णय घरेलू रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विमानन केन्‍द्र बनाना है।

इस प्रगति पर टिप्पणी करते हुए, श्री नायडू ने कहा, “एमआरओ वस्तुओं पर एक समान 5 प्रतिशत आईजीएसटी दर की शुरूआत विमानन क्षेत्र के लिए एक बड़ा प्रोत्‍साहन है। इससे पहले, विमान घटकों पर 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की अलग-अलग जीएसटी दरों ने चुनौतियां खड़ी की, जिसमें कर संरचना में भिन्‍नता और एमआरओ खातों में जीएसटी संचय शामिल था। यह नई नीति इन असमानताओं को समाप्त करती है, कर संरचना को सरल बनाती है और एमआरओ क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देती है।”

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस बदलाव को संभव बनाने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में, हम आत्मनिर्भर भारत पहल के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत को एक प्रमुख विमानन केन्‍द्र में बदलने में उनका समर्थन इस नीति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहा है।”

केन्‍द्रीय मंत्री ने नागर विमानन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 22 जून 2024 को अपनी 53वीं बैठक में जीएसटी परिषद द्वारा अनुशंसित इस नीति समायोजन को प्राप्त करने के लिए लगन से काम किया है, एक समान 5 प्रतिशत आईजीएसटी दर का उद्देश्य परिचालन लागत को कम करना, कर क्रेडिट के मुद्दों को हल करना और निवेश को आकर्षित करना है।

भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री राममोहन नायडू ने कहा, “हमारा दृष्टिकोण भारत को एक अग्रणी विमानन केन्‍द्र में बदलना है। भारतीय एमआरओ उद्योग के 2030 तक 4 बिलियन डॉलर का उद्योग बनने का अनुमान है। यह नीति परिवर्तन एमआरओ सेवाओं के लिए एक मजबूत इकोसिस्‍टम बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्‍थायी विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

मंत्रालय को विश्वास है कि इस कदम से भारतीय एमआरओ क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, नवाचार और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा तथा एक मजबूत और कुशल विमानन क्षेत्र का निर्माण होगा।

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