भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, “भारतीय मजदूर संघ” के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर 23 जुलाई को निर्माणी गेट पर कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ की स्थापना के संबंध में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर ऑर्डनेन्स पैराशूट निर्माणी कानपुर के गेट पर सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के महासचिव श्री साधू सिंह ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के स्थापना के पूर्व कई ट्रेड यूनियन संगठन देश में कार्य कर रहे थे लेकिन यह श्रम संगठन कर्मचारियों के बीच में राष्ट्रीय विचारधारा से अलग हो चुके थे। कुछ संगठन अंतर्राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत थे और एक संगठन सरकार का पिछलग्गू था। ऐसे में कर्मचारियों में राष्ट्रभक्ति की भावना प्रेरित करने हेतु एक गैर राजनीतिक संगठन की आवश्यकता थी। इसी भावना को लेकर 23 जुलाई 1955 को भोपाल में भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की गई। स्थापना के समय केवल नौ लोग ही इसके संस्थापक थे। भारतीय मजदूर संघ ने शून्य से अपना काम प्रारंभ किया आज भारतीय मजदूर संघ पहले स्थान पर प्रतिस्थापित है और राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहा है। भारतीय मजदूर संघ किसी राजनीतिक विचारधारा से ओतप्रोत नहीं है। कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर निरंतर अपना कार्यक्रम चला रहा है। आज भारतीय मजदूर संघ की सभी उद्योगों में और सभी प्रदेशों में यूनियन और महासंघ कार्यरत है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आज ट्रेड यूनियन आंदोलन काफी कमजोर हुआ है। हमें और अधिक काम करना है। केंद्र में और राज्यों में किसी भी दल की सरकार हो उसकी परवाह किए बगैर हम अपना कार्य कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा के नाम पर जो पेंशन की सुविधा प्राप्त थी उसे समाप्त कर नई पेंशन प्रणाली लागू की गई। इसमें कर्मचारियों का अहित हुआ है। उन्हें गारंटीड पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाने के लिए हमारे आंदोलन जारी है और कर्मचारियों को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे। इसी प्रकार आज देश में बेरोजगारी की समस्या अपने चरम पर है। सरकार संविदा कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों को बढ़ावा दे रही है जिनका शोषण सर्वाधिक है। इसलिए हमारी मांग है कि केंद्र राज्य कर्मचारियों के लाखों रिक्त स्थानों को अविलंभ भर जाए। इसी प्रकार कर्मचारियों के वेतन भत्तो को संशोधित करने के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग को लेकर हम आंदोलन रत हैं। रक्षा क्षेत्र में आयुध निर्माणियों का निगमीकरण किया जा चुका है, कर्मचारियों की सेवा शर्तें सुरक्षित रहें अर्थात सेवा निवृत के समय तक उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। इसके लिए भी हमारा आंदोलन चल रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि प्रसार भारती की तरह कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। सरकार ने मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देना बंद कर रखा है वह फिर से प्रारंभ किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि आज हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी माननीय बाल गंगाधर तिलक और माननीय चंद्रशेखर आजाद जी का जन्म दिवस है उनके महान कार्यों को याद करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं में साधू सिंह, शिव कुमार शर्मा, निर्मल कुमार, सुधीर त्रिपाठी, सचिन वर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, प्रेम कुमार, जय यादव, दीपक यादव, वीरेंद्र यादव, संजीव कश्यप, अजय जयसवाल आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता श्री सचिन वर्मा ने की।