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एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक सम्पन्न

-लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा
-एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक सम्पन्न
-लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के प्रकाशकों ने केन्द्र सरकार की नीतियों के प्रति जताया रोष
-बैठक में केन्द्रीय संचार ब्यूरो व आर. एन. आई. की कार्यशैली की निन्दा की
गौहाटी, असम, भारतीय स्वरूप संवाददाता। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक आज पलटन बाजार स्थित होटल स्टार लाइन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने की व संचालन एसोसिएशन की उप्र इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने किया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाई की पुष्टि की गई। बैठक के दौरान विनोद महापात्रा व अप्पा साहिब पाटिल को एसोसिएशन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रवीण पाटिल व डॉ0 अनन्त शर्मा को राष्ट्रीय सचिव सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया। वहीं निशा रस्तोगी को संगठनमन्त्री पुनः मनोनीत किया गया। इस मौके पर उड़ीसा राज्य का अध्यक्ष चन्द्रकांत सुतर, महाराष्ट्र राज्य का अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी, राजस्थान राज्य का अध्यक्ष विजेन्द्र प्रकाश, आन्ध्र प्रदेश का अध्यक्ष सेंडीरेड्डी कोण्डलाराव, कर्नाटक राज्य का अध्यक्ष वेणु गोपाल नायक व उप्र राज्य का अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार को पुनः मनोनीत किया गया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने कहा कि प्रत्येक राज्य की इकाई अपने-अपने राज्य से प्र्रकाशित होने वाले लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं के बारे में बिन्दुवार अवगत करायें ताकि समस्याओं को सम्बन्धित विभागों जैसे-केन्द्रीय संचार ब्यूरो, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, आर. एन. आई. सहित सभी राज्यों के सूचना सम्पर्क विभाग से सम्पर्क कर उनका निदान करवाने का प्रयास किया जाये।
बैठक में उपस्थित डॉ0 अनन्त शर्मा ने कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग की समस्याओं को निदान करवाने के साथ-साथ एसोसिएशन को और मजबूत करने पर जोर दिया जायेगा। जिस पर सभी पदाधिकारियों ने सहयोग करने पर जोर दिया।
वहीं विनोद महापात्रा ने कहा कि लघु एवम् मझोले वर्ग की राज्य स्तरीय समस्याओं को सभी राज्यों के अध्यक्ष अपने-अपने स्तर से जानकारी बिन्दुवार एकत्र करके राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष प्रेषित करें ताकि उनका निदान करवाया जा सके।
उप्र राज्य के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के प्रति केन्द्र सरकार की नियति ठीक नहीं है और वे ऐसी नीतियों को लागू कर रही हैं जिससें लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्र प्रभावित हो जायें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लघु श्रेणी के समाचारपत्रों का अस्तित्व संकट में है। ऐसे में सरकार को चाहिये कि लघु श्रेणी के समाचारपत्रों को आर्थिक पैकेज की घोषणा करे, साथ ही ऐसी नीतियों को लागू करे जिससे लघु श्रेणी के समाचारपत्रों की विकासदर प्रभावित ना हो।
बैठक में मौजूद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के अस्तित्व पर संकट मड़राने लगा है जबकि जनता की प्रमुख समस्याओं को लघु श्रेणी के अखबार ही प्रकाश में लाते हैं। इसी लिये सरकारें भी लघु श्रेणी के समाचारपत्रों के प्रति विद्वेष की भावना से कार्य कर रहीं हैं। इस दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों के प्रति विरोध जाहिर किया और उनकी निन्दा की। साथ ही सरकारों को आगाह किया है कि अगर उन्होंने विद्वेष की भावना से कार्य करना बन्द नहीं किया तो देशभर के लघु श्रेणी के अखबार आन्दोलनरत हो जायेंगे।
अन्त में असम राज्य के अध्यक्ष जी0 के0 काँजी ने सभी अतिथियों व आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को किरिरांग हेंग के करकमलों द्वारा कारबी अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। साथ असम राज्य इकाई के अध्यक्ष जी. के. कांजी द्वारा असमी झप्पी व गमझा भेंट कर सभी को सम्मानित किया गया। इसी दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा केशव दत्त चन्दोला सहित अन्य पदाधिकारियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। केशव दत्त चंदोला सर्व सम्मति से पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश इकाईयों के पदाधिकारी सहित लघु व मध्यम श्रेणी के अनेक समाचारपत्रों के प्रकाशकगण उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश नगर निगम चुनाव 2022 की अधिसूचना जारी

कानपुर 23 अगस्त, संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, उत्तर प्रदेश में 22 नवंबर 2022 से 3 चरण में होंगे निकाय चुनाव, 1 दिसंबर को आएंगे नतीजे,

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है, प्रदेश में 22 नवंबर से निकाय चुनाव तीन चरण में होंगे,

मतदान सुबह 7.30 से शाम 5 बजे तक होगा,
उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल जी, ने निकाय चुनाव के मतदान की तिथि घोषित की उन्होंने बताया कि इस बार भी मतदान ईवीएम से ही होगा चुनाव,

पहले चरण का मतदान मतदान 22 नवंबर,
दूसरे चरण का 26, नवंबर व
तीसरे चरण का 29 नवंबर को मतदान होगा,

पहले चरण के मतदान में 5 नगर निगम व 71 नगर पालिका शामिल हैं,

दूसरे चरण का मतदान 26 नवम्बर होगा,
जिसमें 51 नगर निगम व नगर पालिका तथा 131 नगर पंचायत 131 शामिल हैं,

पहले चरण में 22 नवंबर को 24 जिलों में मतदान होगा,
दूसरे चरण में 26 नवंबर को 25 जिले वोट पड़ेगे,
तीसरे तथा अंतिम चरण का मतदान 29 नवंबर को होगा, जिसमें 26 जिले के मतदाता शामिल होंगे,

एसके अग्रवाल जी, ने बताया कि 16 नगर निगम व 198 नगर पालिका के साथ ही 438 नगर पंचायत में मतदान होगा,

इसके लिए प्रदेश भर में 11389 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, नगर पालिका व नगर पंचायत में बैलेट पेपर से चुनाव होंगे,

मतगणना एक दिसंबर को सुबह आठ बजे से होगी,
राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम भेज दिया है,

आयोग ने इसी आधार पर आज अधिसूचना जारी की,
इस बार 653 निकायों में 12007 वार्डों में चुनाव होगा,

मेयर की 16 सीटों, पालिका परिषद चेयरमैन की 199 तथा नगर पंचायत की 429 सीटों पर मतदान होना है,

10% मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है,

इन केंद्रों की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी,
नगर निगम के चुनाव ईवीएम से जबकि नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत के चुनाव बैलेट पेपर से होंगे,
बैलेट पेपर पर प्रत्यशी की फोटो भी होगी,

राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल जी, ने बताया कि आचार संहिता लागू हो गयी है,

अब किसी भी ट्रांसफर, प्रमोशन, व नियुक्ति, पर रोक लगा दी गई है,

किसी विषम परिस्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग की अनुमति लेनी होगी,
उन्होंने कहा कि इस बार निकाय चुनाव राज्य सरकार के संसाधन से होंगे,

हम बाहर से फोर्स नही लेंगे,
आज से एक दिसम्बर तक सभी जिलाधिकारी, एसपी व एसएसपी जिला छोड़कर कही नही जायेंगे,
उनकी सारी छुट्टी कैंसिल कर दी गई है।

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एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में 12 शिक्षिकांए प्रोन्नत

कानपुर 22 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज का छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर में प्राचार्य डॉ सुमन के नेतृत्व में 9 शिक्षिकाओं डॉ निशी प्रकाश , डॉ रेखा चौबे ,डॉ अलका टंडन ,डॉ गार्गी यादव ,डॉ पूनम अरोड़ा, डॉ निशा वर्मा ,डॉ चित्रा सिंह तोमर, डॉ गीता देवी गुप्ता, डॉ मीनाक्षी व्यास का एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति हुई साथ ही डॉ प्रीति पांडे एसोसिएट प्रोफेसर और डॉ मोनिका सहाय असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज 3 पर पदोन्नत हुए। आयोग द्वारा नवनियुक्त प्राचार्य डॉ सुमन ने एसएन सेन महाविद्यालय के कई वर्षों से रुके हुए प्रमोशंस को संज्ञान में लिया और तत्काल कार्यवाही करते हुए सभी प्रवक्ताओं के प्रमोशन पर कार्यवाही की और आज सफलतापूर्वक कुल 12 प्रवक्ताओं का प्रमोशन विश्वविद्यालय में किया गया सभी प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों ने प्राचार्य डॉ सुमन को धन्यवाद दिया। इस बैठक में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर डॉ रिपुदमन उपस्थित रहते हुए अपने निरीक्षण में पूरे बैठक को आयोजित करवाई। इस अवसर पर चयन समिति एवं प्राचार्य जी ने सभी को बधाई दी। सभी शिक्षिकाओं ने प्राचार्य जी को धन्यवाद ज्ञापित किया। एस डी एम सदर अनुराज जैन ने सभी को बधाई दी।

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सरकार ने स्वतंत्रता दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर उच्च न्यायालय के 37 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की

शुक्रवार, 13 अगस्त, 2022 को इलाहाबाद, आंध्र, तेलंगाना, गुवाहाटी, उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालयों में 26 न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद, सरकार ने आज पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में 11 अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित किया।  सरकार ने इस वर्ष यानी 2022 में अब तक देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 138 नियुक्तियां की हैं, इस प्रकार वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय में 126 नियुक्तियों के अपने पहले के रिकॉर्ड को पार कर लिया है। पिछले साल यानी 2021 में,सुप्रीम कोर्ट में 9 नियुक्तियों के साथ उच्च न्यायालयों में नियुक्ति की संख्या 120 थी।  इस प्रकार, उच्च न्यायपालिका में पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है।

पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालय में आज की 11 नियुक्तियों में शामिल नाम हैं (1) सुश्री निधि गुप्ता, (2) श्री संजय वशिष्ठ, (3) श्री त्रिभुवन दहिया, (4) श्री नमित कुमार, (5) श्री हरकेश मनुजा, ( 6) श्री अमन चौधरी, (7) श्री नरेश सिंह, (8) श्री हर्ष बंगर, (9) श्री जगमोहन बंसल, (10) श्री दीपक मनचंदा और (11) श्री आलोक जैन, इन अधिवक्ताओं की दो साल की अवधि के लिए उक्त उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति उनके द्वारा अपने-अपने कार्यालयों का कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी।

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पीयूष गोयल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में पब्लिक सिस्टम लैब (पीएसएल) का उद्घाटन किया

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल अपने संबोधन में एक विकसित राष्ट्र के निर्माण की बात कही और एक विकसित भारत बनने के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ जय अनुसंधान का एक स्पष्ट आह्वान किया। जय अनुसंधान के प्रधान मंत्री के आह्वान का उल्लेख करते हुए,  श्री गोयल ने कहा कि  “अमृत काल में प्रवेश करने के पहले ही दिन सार्वजनिक प्रणाली प्रयोगशाला (पब्लिक सिस्टम लैब – पीएसएल) की शुरुआत करने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता हैI वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में पब्लिक सिस्टम लैब (पीएसएल) का उद्घाटन करने के अवसर पर बोल रहे थे। मंत्री महोदय ने कहा, “पब्लिक सिस्टम लैब कई तरह से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती  है। सार्वजनिक खाद्य खरीद और वितरण ऐसा ही  एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं जिसमें यह नवाचार अत्यधिक योगदान दे सकता है।” सार्वजनिक प्रणाली प्रयोगशाला नवाचार का एक ऐसा ही  आदर्श उदाहरण है जो हमारे राष्ट्र के विकास में योगदान देगा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में दक्षता लाकर देश को भ्रष्टाचार से छुटकारा दिलाएगा”।

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सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी तथा कुशल बनाने के लिए नवाचार और अभिनव समाधानों के उपयोग पर सरकार के जोर दिए जाने के बारे में बोलते हुए श्री गोयल ने कहा “वैश्विक महामारी के दौरान  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) जैसी सरकारी पहलों के माध्यम से  भारत खाद्य सुरक्षा से निपटने में दुनिया के लिए एक रोल मॉडल रहा है। ऐसी व्यापक महामारी के बावजूद सरकार ने एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के माध्यम से सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।

सार्वजनिक प्रणाली प्रयोगशाला (पब्लिक लैब सिस्टम)  की स्थापना के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और विश्व खाद्य कार्यक्रम की सराहना करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि इस दिशा में  किए जा रहे शोध कार्य विश्व में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक कुशल एवं प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग को प्रदर्शित करेंगे। युवाओं से एक विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण में अपना  योगदान देने का आह्वान करते हुए  श्री गोयल ने कहा “आज भारत की चर्चा दुनिया में एक उभरती हुई महाशक्ति के रूप में, स्टार्टअप्स के राष्ट्र के रूप में, नवोन्मेषकों के राष्ट्र के रूप में और अपने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को समय से पहले ही प्राप्त करने वाले राष्ट्र के रूप में की जाती है। और यह तभी संभव है जब युवा मष्तिष्क भारत के विकास में योगदान देने वाले नवीन विचारों के साथ आए। सार्वजनिक प्रणाली प्रयोगशाला (पब्लिक सिस्टम लैब – पीएसएल) की शुरुआत होने  से नागरिकों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा  और इससे शिक्षाविदों तथा अन्य हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। यह प्रयोगशाला संचालन अनुसंधान,  कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) , डेटा विज्ञान आदि के ज्ञान का उपयोग उन महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए करेगी जो करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह खाद्य, स्वास्थ्य, परिवहन और सुशासन के क्षेत्र में काम करेगा। वर्तमान लक्ष्य  खाद्य आपूर्ति श्रृंखला और सार्वजनिक परिवहन का  अनुकूलन और इष्टतम उपयोग करना हैI

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धर्मेंद्र प्रधान ने नागरिकों से न्यू इंडिया के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए नागरिक सर्वेक्षण में भाग लेने का आग्रह किया

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने नागरिकों से एक नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के लिए नागरिक सर्वेक्षण में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 के अनुरूप एक सशक्त राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि एक जीवंत, सशक्त, समावेशी और भविष्यवादी राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विकास वैश्विक दृष्टिकोण के साथ समन्वित सांस्कृतिक सुदृढ़ता सहित, शिक्षा को औपनिवेशिक प्रभाव से मुक्त करने और हमारी अगली पीढ़ियों में गर्व की गहरी भावना पैदा करने के लिए आवश्यक है।

शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने और बाद में पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और अन्य शिक्षण सामग्री के डिजाइन के लिए एक ऑनलाइन सार्वजनिक परामर्श सर्वेक्षण के माध्यम से जनता के सुझाव आमंत्रित किए हैं।

भारत सरकार ने 29 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 की घोषणा की, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) विकसित करते हुए शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार की सिफारिश करती है। जिला परामर्श समितियों, राज्य फोकस समूहों और राज्य संचालन समिति, राष्ट्रीय फोकस समूहों और राष्ट्रीय संचालन समिति आदि के गठन के माध्यम से राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा की प्रक्रिया शुरू की गई है।

एक तकनीकी मंच-वेबसाइट और मोबाइल ऐप विकसित किया गया है, ताकि बड़े पैमाने पर और कागज रहित तरीके से कार्य का निष्पादन करना संभव हो सके। माता-पिता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, शिक्षक-अध्यापक जैसे हितधारकों तक पहुंचने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बॉटम-अप दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए, राज्य फोकस समूहों और राज्य संचालन समिति के माध्यम से जिला स्तरीय परामर्श, मोबाइल ऐप-आधारित सर्वेक्षण, राज्य स्तरीय विचार-विमर्श आयोजित किए गए हैं। शिक्षक, छात्र, आदि जमीनी स्तर पर और स्कूली शिक्षा के भविष्य, बचपन की देखभाल और शिक्षा, शिक्षक शिक्षा और वयस्क शिक्षा के बारे में अपने विचार और राय एकत्रित करते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर भी राष्ट्रीय फोकस समूहों और राष्ट्रीय संचालन समिति को विभिन्न मुद्दों व चिंताओं पर विचार-विमर्श करने के लिए लगाया गया है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों, स्वायत्त निकायों, गैर-सरकारी संगठनों, कंपनियों, परोपकारी एजेंसियों आदि के साथ बातचीत शामिल है, ताकि एनसीएफ की फॉर्मूलेशन के लिए मूल्यवान इनपुट एकत्रित किया जा सके। इस प्रक्रिया में हितधारकों का मार्गदर्शन करने के लिए एनसीएफ के निर्माण के लिए एक शासनादेश दस्तावेज विकसित किया गया है।

देश में विविधता को देखते हुए, प्रत्येक हितधारक को अवसर प्रदान करना समय की आवश्यकता है। भारत में शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाने और संबंधित सामान्य चिंताओं पर विचार साझा करने के प्रति इच्छुक व्यक्ति इसमें भाग ले सकते हैं, चाहे वे अनिवार्य रूप से माता-पिता या शिक्षक या छात्र न हों। इस तरह के भिन्न-भिन्न और विविध विचारों से एनईपी 2020 के विजन के सुचारु कार्यान्वयन के लिए एक व्यावहारिक रोड-मैप तैयार होने की संभावना है।

शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों/प्राचार्यों, स्कूल संचालकों, शिक्षाविदों, अभिभावकों, छात्रों, समुदाय के सदस्यों, गैर-सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों, कलाकारों, कारीगरों, किसानों और स्कूली शिक्षा और शिक्षक शिक्षा में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति सहित सभी हितधारकों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह ऑनलाइन सर्वेक्षण हमारे संविधान की आठवीं अनुसूची की भाषाओं सहित 23 भाषाओं में किया जा रहा है।

हमसे जुड़ें और ऑनलाइन सर्वेक्षण में भाग लें तथा भारत में शिक्षा के लिए एक मजबूत, लचीला और सुसंगत इको-सिस्टम तैयार करने में योगदान दें। अभी ऑनलाइन सर्वेक्षण करने के लिए लिंक: https://ncfsurvey.ncert.gov.in पर क्लिक करें।

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हर घर तिरंगा अभियान के तहत ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर 6 करोड़ से ज्यादा तिरंगा सेल्फी अपलोड की गईं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर हर घर में तिरंगा लाने और उसे फहराने हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए “हर घर तिरंगा” अभियान शुरू किया। इस पहल का मकसद लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना था। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों ने पूरे जोश के साथ इस अभियान में बड़े पैमाने पर भाग लिया। विभिन्न स्थानों के गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों ने भी हर घर तिरंगा को आजादी के अमृत महोत्सव की कामयाबी के रास्ते में एक प्रतिष्ठित बेंचमार्क बनाने में योगदान दिया। पूरे मुल्क की देशभक्ति और एकता को चित्रित करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को शामिल करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस अभियान के दौरान कई नए कीर्तिमानों को छुआ गया जैसे चंडीगढ़ के सेक्टर 16 के क्रिकेट स्टेडियम में 5,885 लोगों की भागीदारी से ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तस्वीर’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को मजबूत करने के लिए एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

एक और शानदार उपलब्धि ये रही कि हर घर तिरंगा की वेबसाइट पर 6 करोड़ से ज्यादा तिरंगा सेल्फी अपलोड की गई हैं। हाइब्रिड प्रारूप में तैयार किए गए इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ वास्तविक और भावनात्मक जुड़ाव की परिकल्पना की गई थी। साथ ही साथ इस पहल के लिए बनाई गई विशेष वेबसाइट (www.harghartirang.com) पर एक सेल्फी अपलोड करने के जरिए सामूहिक उत्सव और देशभक्ति की उमंग को बढ़ाने की भी परिकल्पना की गई थी।

इसके अलावा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के तौर पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत सेलिब्रेशंस को चिन्हित करने के लिए श्रीनगर जिला प्रशासन ने स्वतंत्रता के 75वें साल का जश्न मनाने के लिए बख्शी स्टेडियम में 1850 मीटर लंबे राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करके एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने देश के नागरिकों को धन्यवाद दिया और कहा, हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए पूरा देश साथ आया है। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का इस तरह का उत्साह राष्ट्र की एकता और अखंडता की अटूट भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “पूरे देश ने हर घर तिरंगा अभियान में हिस्सा लिया और तिरंगे के साथ 6 करोड़ से अधिक सेल्फी ली गईं और अपलोड की गईं। ये इस महान राष्ट्र के लिए हमारे प्यार और गर्व को दर्शाता है। जिन लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी ली हैमैं उन सभी से अनुरोध करूंगा कि उत्सव की इस भावना को जारी रखने के लिए हर घर तिरंगा पोर्टल पर तस्वीरें अपलोड करना जारी रखें।श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान को सफल करने के लिए धन्यवाद भारत।” उन्होंने आगे कहा, “जब भी प्रधानमंत्री जी ने देश के नागरिकों से आह्वान किया हैतब लोगों ने काफी उत्साह के साथ प्रतिक्रिया दी है। चाहे लोगों से आग्रह किया गया हो कि जिन्हें एलपीजी सब्सिडी की जरूरत नहीं है वे इसे त्याग देंया फिर कोविड-19 फ्रंटलाइन योद्धाओं के प्रयासों को मान सम्मान देने की बात होया फिर हर घर तिरंगा अभियान हो।” भारत स्वतंत्रता के अपने 76वें वर्ष की ओर अब बढ़ रहा है और उससे पहले हर घर तिरंगा अभियान ने 15 अगस्त 2022 तक 75 सप्ताह की उलटी गिनती को पूरा किया। ये अभियान आजादी का अमृत महोत्सव के नोडल मंत्रालयसंस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित था।

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दिल बड़ा रखिए जनाब कौन बेमतलब आता है किसी के यहां आजकल

कोई है वहाँ ? ज़रा फ़ोन तो उठाओ।फ़ोन की घंटी कब से बजे जा रही है।रिया ने बाथरूम से अपने पति रोहन को आवाज़ देते हुये कहा।रोहन ने झट से फ़ोन उठाया तो उधर रोहन की बहन सलोनी थी जो कह रही थी वो अगले हफ़्ते रोहन के शहर किसी आफ़िस के काम से आ रही है एक हफ़्ते के लिये, और उसी के यहाँ ठहरेगी।रोहन ने बात करके फ़ोन रख दिया, मगर अब सोच रहा था कि कैसे कहे रिया से कि सलोनी आ रही है।वो रिया को जानता था।इतने मे रिया बाथरूम से बाहर आ गई और पूछा किसका फ़ोन था ?रोहन ने कहा ! सलोनी कुछ काम के सिलसिले से यहाँ आ रही है और हमारे साथ दो चार दिन रहेगी ।बस फिर क्या था ,रिया ने कहा अगले हफ़्ते मेरी दो किटी पार्टी है और मै काम पर भी जाऊँगी ,मै नही सँभाल सकती किसी मेहमान को।कह दो सलोनी से कि तुमहारे बड़े भाई के यहाँ ठहर जाये।वहाँ भी तो जा सकती हैं रोहन कहने लगा !सलोनी अपने किसी आफ़िस के काम से आ रही है और उसका आफ़िस हमारे घर के पास है,इसीलिए हमारे यहाँ ठहरेगी।अब रोहन सलोनी को हाँ कर चुका था।रोहन चुपचाप उठा अपने आफ़िस चला गया मगर मन पर बोझ था।सोच रहा था ,अगर रिया की बहन का फ़ोन आया होता तो क्या रिया तब भी यूँ कहती और सोचने लगा जब कोई रिया के मायके से आता है तो वो कितना स्वागत करता है मगर रिया कयूं ऐसा करती है।मेरी माँ बाप ,बहन भाई ,जब भी कोई आता है तो उसका व्यावहार ऐसा कयूं होता है।अगर मैं रिया की हर बात का मान रखता हूँ तो रिया कयूं नही रख पाती।कंयू ऐसा बर्ताव करती है।आज काम पर मन नही लगा ,क्यूँकि रोहन ये पहले भी देख चुका था।शाम को सुनिल के घर जाने का प्रोग्राम था।सुनिल जो रोहन का बचपन का दोस्त था मगर भाई जैसा।सुनिल की दादी की 70 वीं सालगिरह थी।पार्टी सादी सी थी मगर वहाँ अपनापन और प्यार बहुत था।रोहन और रिया दादी के पास बैठे तो रोहन ने दादी को बताया कि उसकी बहन सलोनी आ रही है पूना से।दादी बहुत ख़ुश हुई और कहने लगी।तीन सालों के बाद आ रही है यहाँ, तेरे पापा के गुज़र जाने के बाद तुम दोनों भाई ही तो है उसके।तुमहारे पास नहीं आयेगी तो किस के पास जायेगी,मगर रिया ने तुनक कर कहा !दादी मै काम पर जाती हूँ मेरे घर कोई आये ,मुझे संभालना बहुत मुश्किल लगता है।दादी तो फिर दादी थी,बडे प्यार से रिया का हाथ पकड लिया और सिर पर हाथ फेर कर कहने लगी।
बिटिया,हम कितना परिवार अकेले सँभाल लिया करते थे बिना किसी नौकर के।आजकल तुम लोग इक मेहमान भी आ जाये तो तुम कैसा व्यावहार करने लगते हो ,अभी तो तुमहारे पास काम करने वाले नौकर चाकर भी रोहन ने लगा रखे है।बिटिया ज़रा दिल को बड़ा रखा करो।अगर तुम अपने पति का प्यार या विश्वास पाना चाहती हो तो उसकी भावनाओं का सन्मान करना सीखो ,फिर दादी ने अपने गाँव के इक पति पत्नी की बात बताई।कहने लगी कि हमारे गाँव मे इक जवान पति पत्नी रहते थे ।दोनों ही बहुत ही छोटे दिल के मालिक थे।उनके घर अगर कोई मेहमान आता तो पत्नी के माथे पर बल पड़ जाते और बहाने बहाने से ,साथ वाले पड़ोसी के घर से आटा माँग कर ले आती।कोई भिखारी भी उनके यहाँ आता तब भी वो दोनों ,साथ वाले पड़ोसी के घर भेज दिया करते और कहते कि पड़ोसी के घर चले जाओ यहाँ से कुछ नही मिलेगा।आये दिन अपने पड़ोसी के घर से कुछ न कुछ मागंते रहते।इक रोज बहुत ही गरीब भिखारी उनके दरवाज़े पर आया तो पहले की तरह उन्होंने उसे भी साथ वाले घर में भेज दिया।उस रात दोनों जब सो रहे थे तो पत्नी ने सपना देखा कि जिस गुरू को वो मानते है वो गुरू उनके आटा के डिब्बे मे से आटा निकाल कर पड़ोसी की रसोई में जा कर उनके आटे का डिब्बे में डाल रहे है। सुबह उठ कर पत्नी ने पति को ये बात बताई ।
दोनो घबरा गये ।सोचने लगे ,गुरू हमारे अन्न को बढ़ाने की बजाये अन्न को कम क्यों कर रहे थे।उन दोनों को ये सपना बैचेन कर रहा था।अगले रोज सीधा गुरू के पास पहुँच गये और सारी बात ,जो पत्नी ने सपने मे देखी थी ,गुरु जी से कह डाली ।गुरू जी हंसने लगे !कहने लगे अब तुमहारे यहाँ कोई मेहमान या कोई कुछ माँगने के लिए आता है तो तुम उसे साथ वाले घर मे भेज देती हो जबकि उनका दाना पानी तो तुमहारे घर मे लिखा था।बस मै तो वही अन्न,जो उनके हिस्से का अन्न होता है तुमहारे घर से निकाल कर पड़ोसी के यहाँ पहुँचा के आता हूँ।जब रिया ने बात सुनी तो सोच मे पड़ गई।बात तो सही थी कोई किसी के यहाँ ऐसे ही नहीं जाता ,दाना पानी खींच कर ले आता है ये बात तो उसने भी सुन रखी थी।अपनी सोच पर शर्म सी महसूस करने लगी।दादी कहती जा रही थी रिया जब तुम अपने भाई के यहाँ जाती हो तो वो तुम्हें कितना सन्मान देते है, अगर तुम्हारी भाभी भी ऐसा बर्ताव करे,जैसा तुम सलोनी के आने पर कर रही हो तो कैसा लगेगा तुम्हें।
दोस्तों!आज हम सब भी तो ,यही कर रहे हैं ।दिल को बड़ा रखने की जगह मेहमानों को मुसीबत समझने लगे हैं आज कोई घर आ जाये,तो अपने हाथो से खाना बना कर खिलाना तो बहुत दूर की बात हो गई है बस आसान रास्ता अपना लेते है कि चलो किसी रेस्टोरेन्ट मे खाना खिला देते है।मेहमान कोई भी हो ,पति का या पत्नी की तरफ़ से ,खुले दिल से स्वागत करे।यू तो हम कह रहे हैं समाज में प्यार बढ़ाये तो क्यों न शुरूवात अपने से ही करें।
यूँ भी दोस्तों !
“ कौन किसी के यहाँ आता जाता है आजकल,ये तो परिंदों की मासूमियत भरी मेहरबानी है ,जो हमारे बगीचो मे कभी भी आया ज़ाया करते है “
-लेखिका स्मिता ✍️

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क्राइस्ट चर्च पीजी कॉलेज में 4 दिवसीय आजादी के अमृत महोत्सव का आज समापन समारोह संपन्न

कानपुर 17 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च पीजी कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतिम दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा संग डॉ मीत कमल डॉ रवि महलवाला डॉ जुनेजा,डॉ नवीन कुमार, डॉ सुधीर गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दर्शाया गया।इसके पश्चात देश भक्ति का गीत गाकर वातावरण को देशभक्ति की भावना से पूर्ण कर दिया।इसके पश्चात आजादी के अमृत महोत्सव में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को कॉलेज के प्राचार्य द्वारा सर्टिफिकेट वितरित किया गया। कार्यक्रम का समापन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा ने अपने एनएसएस के प्रमुख हर्षवर्धन दीक्षित तथा सह प्रमुख विलायत फातमा, मोमिन अली ने अपनी टीम जिनमें अरबाज,स्तुति, सौम्या दीक्षित, सौम्या तिवारी ,अर्फिया, फरीना ,साद ,उमर ने मिलकर कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया।

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एसएन सेन बीवी पीजी कॉलेज में राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत स्वतंत्रता दिवस का आयोजन

कानपुर 16 अगस्त देश 75 वीं वर्षगांठ और 76 वा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर महाविद्यालय एसएन सेन बीवी पीजी कॉलेज में प्राचार्या डॉ सुमन के नेतृत्व में महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में उप जिलाधिकारी महोदय अनुराज जैन उपस्थित रहे,उन्होंने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन अंग्रेजो ने हम पर दो सौ वर्ष शासन किया, वहां तक पहुंचने में हमें केवल पच्हत्तर वर्ष ही लगे,। एनसीसी एनएसएस एवं रोवर्स रेंजर्स की छात्राओं के साथ ही महाविद्यालय की अन्य छात्राओं ने भी इसमें प्रतिभागी किया।विश्व विधालय मे योग प्रतियोगिता प्रदर्शन मे प्रथम स्थान प्राप्त भूमि ने योग का अद्भुत प्रदर्शन किया। डॉ निशि ने उच्च शिक्षा निदेशक का संदेश पढा,सचालन डा प्रीति पांडेय ने किया।डाचित्रा सिंहतोमर,डा रचना, कैप्टन ममता, डा प्रीति सिंह डा मीनाक्षी सहित समस्त शिक्षिका बहनों ने अपना सहयोग प्रदान किया। कर्मचारी बंधुओं ने भी यथासंभव योगदान दिया। यह तिरंगा हमारी आन बान और शान का प्रतीक है ऐसे ही लहराता रहे जय हिंद, जय भारत

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