Breaking News

भारतीय रेल ने की पहले एसी थ्री टियर इकॉनमी क्लास कोच की शुरुआत

भारतीय रेल की उत्पादन इकाई – रेलवे कोच फैक्ट्री, कपूरथला ने हाल ही में भारतीय रेल (आई आर) के पहले लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी)एसी थ्री टियर इकॉनमी क्लास कोच की शुरुआत की है। परीक्षण-परिचालन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

यह एलएचबी एसी थ्री-टियर कोच का एक नया संस्करण है, जिसकी विशेषताएंनिम्न हैं: –

  1. यात्री डेक पर विद्युत पैनल के लिए कम जगह का इस्तेमाल, इससे यात्री को उपयोग के लिए अतिरिक्त जगह मिलेगी।
  2. यात्री क्षमता में वृद्धि, अब 83 बर्थ।
  3. दिव्यांगजन के लिए व्हीलचेयर के उपयोग के साथ एक सक्षम प्रवेश द्वार व कोच और व्हीलचेयर पहुंच के साथ दिव्यांगजन अनुकूल शौचालय का प्रावधान, सुगम्य भारत अभियान मानदंडों का अनुपालन।
  4. सभी बर्थ के लिए एसी डक्टिंग में अलग-अलग जालीदार-द्वार (वेंट)की सुविधा।
  5. आराम, कम वजन और बेहतर रखरखाव के लिए सीट और बर्थ के मॉड्यूलर डिजाइन।
  6. लम्बवत और अनुप्रस्थ दिशा में मुड़ने वाली स्नैक टेबलों से यात्री-सुविधा में वृद्धि, चोट लगने की संभावना में कमी; पानी की बोतल, मोबाइल फोन और पत्रिका रखने के लिए होल्डर।
  7. प्रत्येक बर्थ के लिए अलग-अलग रीडिंग लाइट और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट।
  8. मध्य और ऊपरी बर्थ तक पहुँचने के लिए सीढ़ी का सुविधजनक व बेहतर डिज़ाइन।
  9. मध्य और ऊपरी बर्थ की ऊँचाई में वृद्धि से अतिरिक्त जगह।
  10. भारतीय और पश्चिमी शैली की शौचालयों की बेहतर डिजाइन।
  11. आरामदायक और सुन्दर प्रवेश द्वार।
  12. गलियारे में लाइट मार्कर।
  13. बर्थ का संकेत देने के लिए लाइट, जिसे नाईट लाइट से जोड़ा गया है तथा रोशनीयुक्त बर्थ संख्या संकेतक।
  14. अग्नि सुरक्षा मानकों के सन्दर्भ में विश्व बेंचमार्क का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए ई एन 45545-2  एच एल 3सामग्री का उपयोग।

ये एलएचबी इकोनॉमी क्लास के कोच, आवश्यक मंजूरी के बाद, एलएचबी कोच के साथ चलने वाली सभी मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों(राजधानी, शताब्दी और दुरंतो और जन शताब्दी आदि विशेष ट्रेनों को छोड़कर) में शामिल किए जाएंगे।

Read More »

प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा के दौरान होने वाले समारोहों की शोभा बढ़ाएगी खादी मुजीब जैकेट

भारत की विरासत के रूप में पहचानी जाने वाली खादी माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 26 और 27 मार्च को होने वाली दो-दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दौरान सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए तैयार है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने खासतौर पर डिजाइन की गई 100 “मुजीब जैकेटों” की आपूर्ति की है, जो प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान गणमान्य लोगों के द्वारा पहनी जाएगी।

“मुजीब जैकेट” बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान द्वारा पहने जाने वाले मुख्य परिधान के रूप में प्रसिद्ध है, जिन्हें बांग्लादेश का राष्ट्रपिता कहा जाता है। क्योंकि बांग्लादेश शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी पर “मुजीब बोरशो” मना रहा है, ढाका में भारतीय उच्चायोग के इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केन्द्र ने माननीय प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले 100 मुजीब जैकेट का ऑर्डर दिया था।

विशेष रूप से डिजाइन की गई मुजीब जैकेट को हाथों से तैयार ऊंची गुणवत्ता वाली पॉलि खादी फैब्रिक से बनाया गया है। काली मुजीब जैकेट को6 बटन, निचले हिस्से में दो जेब और सामने बायीं तरफ एक जेब के साथ डिजाइन किया गया, जैसे रहमान पहना करते थे। खादी वस्त्र की पर्यावरण अनुकूल प्रकृति की तर्ज पर इन जैकेट का कवर भी काले खादी कॉटन फैब्रिक से बनाया गया है, जिसके ऊपर खादी इंडिया का लोगो बना हुआ है। इन जैकेट को जयपुर में केवीआईसी के कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट (केएनएचपीआई) में विशेष रूप से डिजाइन किए गए हाथ से बने प्लास्टिक मिश्रित पेपर कैरी बैग में ले जाया जाएगा।

केवीआईसी के चेयरमैन श्री विनय कुमार सक्सेना कहा, “मुजीब जैकेट का बांग्लादेश में ऐतिहासिक महत्व है और यह बड़े गर्व की बात है कि खादी से बनी मुजीब जैकेट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान पहनी जाएंगीजो खुद खादी के एक बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं।”

श्री सक्सेना ने कहा कि “मुजीब जैकेट बांग्लादेश में खासा लोकप्रिय परिधान है। पुरानी पीढ़ी के लिए मुजीब जैकेट उनके महान नेता शेख मुजीबुर रहमान की विचारधारा का प्रतीक हैवहीं यह बांग्लादेश के युवाओं के बीच तेजी से फैशन की अभिव्यक्ति बनता जा रहा है। इसी प्रकारभारत की वस्त्र धरोहर खादी, परम्परा और फैशन का एक खास मिश्रण है। खादी से बनी मुजीब जैकेट से समारोह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों में खासी बढ़ोतरी होगी।” उन्होंने कहा कि इससे खादी कोवैश्विक और राजनयिक मंच पर व्यापक प्रोत्साहन भी मिलेगा।

राजनयिक कन्साइनमेंट को पहले ही ढाका के लिए रवाना कर दिया गया है। जैकेट के राजनयिक उद्देश्यों को देखते हुए, केवीआईसी ने इसे काफी प्राथमिकता दी थी और समय से पहले इसकी आपूर्ति कर दी गई।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/1IPNG.jpeg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/24TZP.jpeg

Read More »

गृह मंत्रालय ने देश में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए

देश में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिनके लिए निर्भया कोष से वित्तपोषण किया गया है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने यौन हमलों के मामलों में समय से जांच पूरी करने सहित महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को संवेदनशील बनाने के लिए एक अलग महिला सुरक्षा इकाई की स्थापना भी की है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने बीते 7 साल के दौरान महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाए हैं। यौन हमलों के घृणित मामलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2018 के माध्यम से बलात्कार की सजा को ज्यादा कठोर कर दिया है। कानून में संशोधन को प्रभावी रूप से जमीनी स्तर पर लागू किया जाना सुनिश्चित करने के लिए एमएचए द्वारा कई कदम उठाए गए हैं और उनकी प्रगति की लगातार निगरानी की जा रही है। इनमें यौन अपराधों के लिए जांच निगरानी प्रणाली (आईटीएसएसओ), यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डाटाबेस (एनडीएसओ), सीआरआई-एमएसी (क्राइम मल्टी-एजेंसी केन्द्र) और नई नागरिक सेवाएं शामिल हैं। आईटी से जुड़ी इन पहलों से समयबद्ध और प्रभावी जांच में सहायता मिलती है।गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों से इन ऑनलाइन टूल्स के प्रभावी उपयोग के लिए बलपूर्वक सिफारिश की है।

 

आईटीएसएसओ और एनडीएसओ

यौन अपराधों के लिए जांच निगरानी प्रणाली (आईटीएसएसओ) एक ऑनलाइन विश्लेषणात्मक साधन है, जिसे यौन हमलों के मामलों  में पुलिस जांच की निगरानी और समयबद्ध तरीके से पूरा किए जाने (आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत वर्तमान में यह दो महीने है) के लिए लॉन्च किया गया है। वहीं, यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डाटाबेस (एनडीएसओ) को बार-बार अपराध करने वालों की पहचान करने और साथ ही जांच में यौन अपराधियों पर अलर्ट हासिल करने के लिए पेश किया गया है।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001CBEF.jpg

 

आपराधिक मामलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्यों को सहूलियत देने के कदम के रूप में एक स्थगन चेतावनी मॉड्यूल भी विकसित किया गया है। इसके तहत, जब भी एक सरकारी वकील किसी आपराधिक मामले में दो बार से ज्यादा स्थगन की मांग करता है, तो इस प्रणाली में अपरिहार्य देरी से बचने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट भेजने का एक प्रावधान है।

 

सीआरआईएमएसी

क्राइम मल्टी एजेंसी केन्द्र (सीआरआई-एमएसी) को राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के पुलिस थानों और मुख्य कार्यालयों को घृणित अपराधों और अंतर राज्यीय अपराध के मामलों में सामंजस्य से संबंधित अन्य मुद्दों से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए 12 मार्च, 2020 को पेश किया गया है। इसे राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को ईमेल/एसएमएस के माध्यम से अपराध और अंतर राज्यीय अपराधों के अलर्ट या संबंधित जानकारियां भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002F8EK.jpg

 

 

नई नागरिक सेवाएं

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों के लिए अपने पोर्टल digitalpolicecitizenservice.gov.in पर नई नागरिक सेवाएं लॉन्च की हैं। इन सेवाओं में ‘गुमशुदा लोगों की खोज’ जैसे कार्य शामिल हैं, जिससे नागरिकों को खोजे गए अज्ञात लोगों/ अज्ञात मृतकों के राष्ट्रीय डाटाबेस से अपने लापता परिजनों को खोजने में मदद मिलती है।इसके अलावा ‘घोषित अपराधियों’ से जुड़ी एक अन्य सेवा है, जिससे नागरिकों को घोषित अपराधियों से जुड़ी ऑनलाइन जानकारी हासिल करने में मदद मिलती है।

 

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003D2DY.jpg

 

निर्भया कोष परियोजनाओं में तेजी

महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एमएचए द्वारा निर्भया कोष से वित्तपोषित परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है। ‘आपात प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (ईआरएसएस)’ ऐसी पहलों का एक उदाहरण है। यह अखिल भारतीय, एकल, कई आपात स्थितियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नंबर 112 है। ईआरएसएस वर्तमान में मार्च, 2022 तक देश के 34 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में परिचालित है। इसे आधिकारिक रूप से 16 फरवरी, 2019 को पेश किया गया था। तब से ईआरएसएस अखिल भारतीय स्तर पर 15.66 मिनट के प्रतिक्रिया समय के साथ 11.48 करोड़ कॉल्स का प्रबंधन (31 जनवरी, 2021 तक) कर चुका है। 112 इंडिया मोबाइल एप्लीकेशन के फरवरी, 2019 तक 9.98 लाख डाउनलोड हो चुके हैं, जिस पर 5.75 लाख यूजर पंजीकृत हैं जिनमें 2.65 लाख महिलाएं हैं।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004T04T.jpg

 

महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों की रोकथाम

एमएचए का महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम पर मुख्य जोर है। वर्तमान में, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित 14 राज्यों ने साइबर फॉरेंसिक ट्रेनिंग लैबोरेटरी की स्थापना कर ली है। 13295 पुलिस कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों की पहचान, पता लगाने और समाधान में प्रशिक्षण दिया गया है। गृह मंत्रालय ने एक पोर्टल www.cybercrime.gov.in भी लॉन्च किया है, जिस पर नागरिक अश्लील कंटेंट की सूचना दे सकते हैं और उसे 72 घंटों के भीतर ब्लॉक कराया जा सकता है। एमएचए द्वारा सुधार के साथ इस पोर्टल को 30 अगस्त, 2019 को लॉन्च किया गया है।

Read More »

प्रधानमंत्री ने ‘’आजादी का अमृत महोत्सव’’ मनाने के लिए राष्ट्रीय समिति को संबोधित किया

स्वतंत्रता के 75 वर्ष का समारोह, आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय समिति की आज पहली बैठक आयोजित हुई। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पैनल को संबोधित किया। राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, मीडिया शख्सियतों, आध्यात्मिक नेताओं, कलाकारों तथा फिल्म से जुड़े व्यक्तियों, खिलाड़ियों तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों के विख्यात व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय समिति के विभिन्न सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।

राष्ट्रीय समिति के जिन सदस्यों ने बैठक में इनपुट तथा सुझाव दिये, उनमें पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच डी देवेगौड़ा, श्री नवीन पटनायक, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, श्रीमती मीरा कुमार, श्रीमती सुमित्रा महाजन, श्री जे.पी. नड्डा, मौलाना वहीदुद्दीन खान शामिल थे। समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को “आजादी का अमृत महोत्सव” की योजना बनाने तथा इसके आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने महोत्सव के दायरे के और विस्तारित करने के लिए अपने सुझाव तथा इनपुट दिए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी और अधिक बैठकें होंगी तथा आज प्राप्त हुए सुझावों एवं इनपुटों पर विचार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश धूमधाम और उत्साह के साथ आजादी के 75 वर्ष का समारोह मनाएगा, जो ऐतिहासिक प्रकृति, गौरव और इस अवसर के महत्व के अनुकूल होगा। उन्होंने समिति के सदस्यों से प्राप्त होने वाले नए विचारों तथा विविध सोचों की सराहना की। उन्होंने आजादी के 75 वर्ष के महोत्सव को भारत के लोगों को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष का समारोह एक ऐसा समारोह होना चाहिए, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम की भावना, शहीदों को श्रद्धांजलि तथा भारत के निर्माण के उनके संकल्प का अनुभव किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस समारोह को सनातन भारत के गौरव की झलकियों तथा आधुनिक भारत की चमक को भी साकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समारोह को संतों की आध्यात्मिकता की रोशनी तथा हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और ताकत को भी परिलक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्व के सामने इन 75 वर्षों की उपलब्धियों को भी प्रदर्शित करेगा तथा अगले 25 वर्षों के लिए हमारे लिए संकल्प करने की एक रूपरेखा भी प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी संकल्प बिना समारोह के सफल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब कोई संकल्प समारोह का रूप ले लेता है तो लाखों लोगों की प्रतिज्ञा और ऊर्जा उसमें जुड़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 75 वर्षों का समारोह 130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी के साथ किया जाना है तथा लोगों की यह भागीदारी इस समारोह के मूल में है। इस समारोह में 130 करोड़ देशवासियों की अनुभूतियां, सुझाव तथा सपने शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि 75 वर्षों के समारोह के लिए पांच स्तंभों का निर्णय किया गया है। ये हैं- स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कदम तथा 75 पर संकल्प। इन सभी को 130 करोड़ भारतीयों के विचारों तथा भावनाओं में शामिल किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कम ज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने तथा लोगों को उनकी कहानियों के बारे में भी बताने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश का हर कोना देश के बेटों और बेटियों की शहादत से भरा हुआ है और उनकी कहानियां देश के लिए प्रेरणा का शाश्वत स्रोत होंगी। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक वर्ग के योगदान को सामने लाना है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो पीढ़ियों से देश के लिए बहुत महान कार्य कर रहे हैं, उनके योगदान, विचार तथा सोच को राष्ट्रीय प्रयासों के साथ समेकित किये जाने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक समारोह स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरे करने, ऐसी ऊंचाई पर भारत को पहुंचाने, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी, को लेकर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश ऐसी चीजें अर्जित कर रहा है, जिसके बारे में कुछ वर्ष पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समारोह भारत के ऐतिहासिक गौरव के अनुरूप होगा।

Read More »

“क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर त्रिदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला के अंतिम दिन का कार्यक्रम आयोजित 

क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर आयोजित कार्यशाला का तीसरा दिन भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर  त्रिदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला  के अंतिम दिन

के पांचवे तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों जैसे द्विविमीय निकाय के लिए विविधता विधि (Variation methods for 2-D system), अनहार्मोनिक दोलित्र, बेल असमानता आदि महत्वपूर्ण विषयो को विस्तार में बताया जिसके बिना क्वांटम प्रौद्योगिकी के विशिष्ट अनुप्रयोगों को समझना असंभव है।

छठे और अंतिम तकनीकी सत्र के प्रथम एवम द्वितीय दोनो व्याख्यानो में JIIT नोएडा के प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA ने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी तथा उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस विधा में अभेद्य क्रिप्टोसिस्टम के विकास के लिये कुछ विशेष कणों या प्रकाश तरंगों (फोटोन) तथा उनकी मूलभूत क्वांटम विशेषताओं का प्रयोग किया जाता है। यह तकनीक काफी व्यावहारिक है क्योंकि किसी प्रणाली की क्वांटम अवस्था का मापन उस पूरी प्रणाली में अवरोध उत्पन्न किये बिना असंभव है।क्वान्टम क्रिप्टोग्राफी को प्रयोगशाला में कैसे किया जाए तथा अभी हम कहां पर है, का विस्तार में वर्णन किया। कार्यशाला के सभी सत्रों की अध्यक्षता क्रमश डाo सत्य प्रकाश सिंह, मनीष कपूर एवम मीतकमल ने की। कार्यशाला के समापन सत्र में IISER, भोपाल के डाo तेजस टैंक, सैंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली की डाo संजू एo, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एमएससी की छात्राएं कुo भाव्या भट्ट तथा कुo हिमांशी त्रिवेदी ने कार्यशाला के विषय में अपने विचार व्यक्त किए तथा इस महत्वपूर्ण विषय और देश के प्रमुख संस्थानो के द्वारा अपने अनुसंधान को इस प्लेटफार्म पर सरल तरीके से समझाने पर आभार व्यक्त किया। कार्यशाला पर विस्तृत रिपोर्ट समन्वयक डाo राजेश कुमार द्विवेदी, तथा धन्यवाद प्रस्ताव व संचलन उप समन्वयक डाo सत्य प्रकाश सिंह द्वारा किया गया। कालेज के प्राचार्य डॉo जोजेफ डेनियल द्वारा तीनों विज्ञान अकादमी, कार्यशाला निदेशक, सभी रिसोर्स पर्सन्स तथा भौतिक विज्ञान विभाग का इस कार्यशाला के सफल संचालन पर आभार व्यक्त किया गया। तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया गया।

Read More »

“क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला, का दूसरा दिन

कानपुर 13 मार्च, भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।

आज दूसरे दिन के तीसरे तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों को विस्तार में पढ़ाया जो क्वान्टम अनुप्रयोगों को समझने के लिए महत्त्वपूर्ण है।

चौथे तकनीकी सत्र के प्रथम व्याख्यान में भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू के प्रोo सीo एमo चंद्रशेखर ने क्वांटम सिमुलेशन के विषय में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि क्वांटम सिमुलेशन के द्वारा दूसरे व्याख्यान में टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के प्रोo आरo विजयराघ्वन ने आईबीएम क्वांटम कंप्यूटर के बारे में विस्तार से बताया। आज कार्यशाला का विशिष्ट व्याख्यान प्रोo एसo एo रामाकृष्णा, निदेशक, CSIR-CSIO, चंडीगढ़ के द्वारा दिया गया जिसमे उन्होंने मेटामैटेरियल के अनुप्रयोगों की विस्तार में चर्चा की। कार्यशाला के सभी सत्रों की अध्यक्षता क्रमश डाo राजेश कुमार द्विवेदी, सत्य प्रकाश सिंह, रवि प्रकाश महलवाला तथा मनीष कपूर ने की। तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया गया।

Read More »

क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में उर्सला अस्पताल के सहयोग से, कॉलेज हॉल में  कॉलेज के छात्रों और अध्यापको के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोज।

कानपुर 12 , क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में उर्सला अस्पताल के सहयोग से, कॉलेज हॉल में  कॉलेज के छात्रों और अध्यापको के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोज।
कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस कॉलेज इकाई की स्वास्थ्य शिविर संयोजिका डॉ सुनीता वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग ने डॉक्टरों और मेडिकल टीम का स्वागत किया और पूरे सत्र का संचालन किया।
शिविर की शुरुआत रसायन विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉश्वेता चंद ने बोदरा, अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख ने आम लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए ईश्वर् से प्रार्थना की ।
प्राचार्य डॉ जोसेफ डैनियल ने कहा कि सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए क्योंकि इस तनावपूर्ण दुनिया का यह एक अनिवार्य हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि “स्वच्छता भगवान की भक्ति के समान है” और इस प्रकार हर एक को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की उचित देखभाल करनी चाहिए ।
डॉ एस के निगम इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को धूम्रपान, मद्यपान और तंबाकू चबाने आदि के प्रति मोह से बचना चाहिए । इससे व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।

डॉ संदीप कुमार सिंह , डॉ सुनील पाठक , डॉ अरुण यादव , डॉ आवदेश जी प्रोग्राम में उपस्थित हुए
सभी ने मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए उर्स ला अस्पताल के मन कक्ष में आने की सलाह दी, अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख,  एसोसिएट प्रोफेसर सबीना बोधरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Read More »

क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के भाैतिक विज्ञान विभाग, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन

भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इसका उदघाटन आज गूगल मीट प्लेटफार्म पर डाo सबीना बोदरा, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग द्वारा ईश वंदना से प्रारंभ हुआ।

कार्यशाला का विषय प्रवर्तन करते हुए भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवम समन्वयक डाo राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि क्वांटम भौतिकी का उद्गम कैसे हुआ तथा विगत 100 वर्षों में आज उसके विभिन्न अनुप्रयोग जैसे Quantum computing, Quantum cryptography आदि कितने महत्वपूर्ण है कि उसके विकास के लिए प्रकाश तरंगों तथा उनकी मूलभूत क्वान्टम विशेषतायो का प्रयोग किया जाता है ।मुख्य अतिथि प्रोo एच० एस० मनि, सेवानिवृत्त IIT, Kanpur + निदेशक, HRI, Allahabad तथा वर्तमान में Adjunct Professor, CMI ने आज के युग को क्वांटम भौतिकी का युग बताया तथा इस प्रकार की कार्यशालाओ के संपादन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि बदलते परिवेश में हमें भी सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्वान्टम कंप्यूटिंग असीमित संभावनाओं वाली टेक्नोलॉजी है। क्वांटम संचार प्रणाली बैंकिंग, रक्षा व सामरिक एजेंसियों के लिए सुरक्षित संचार स्थापित करने में अत्यंत कारगर साबित होगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA, जेपी यूनिवर्सिटी नोएडा और प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA, मुंबई विश्वविद्यालय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि क्वान्टम तकनीकियों में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम प्रकाशिकी, क्वांटम सूचना प्रसंस्करण, क्वांटम इंटरनेट और क्वांटम कृत्रिम बुद्धिमत्ता शामिल है। कालेज के प्राचार्य डाo जोसेफ डेनियल ने कहा कि क्वान्टम कार्यशाला केवल भौतिक विज्ञान के छात्रों और शिक्षकोंके लिए ही नहीं बल्कि रसायन, जीव विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इस विशेष विषय पर कार्यशाला के कालेज में आयोजन के लिए तीनों विज्ञान अकादमी का आभार व्यक्त किया। अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कालेज प्रबंधन समिति के सचिव रेवo सैमुएल पाल लाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बयाया कि आज का क्वांटम कंप्यूटर किसी भी ऐसी गणना को कर सकता है जिसमे आधुनिक सुपर कंप्यूटर करने में सक्षम नहीं है। इसीलिए पिछले वित्त वर्ष में हमारी सरकार ने 8000 करोड़ खर्च का एलान क्वान्टम टेक्नालॉजी के लिए किया था। कार्यशाला का धन्यवाद प्रस्ताव एवम कुशल संचालन उप समन्वयक डाo सत्य प्रकाश सिंह ने किया।

पहले तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों को विस्तार में पढ़ाया।

दूसरे तकनीकी सत्र के प्रथम व्याख्यान में प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA, जेपी यूनिवर्सिटी नोएडा ने क्वांटम प्रयोगशाला के मूल अंग क्वान्टम गेट, क्वान्टम परिपथ द्वारा क्वांटम कंप्यूटर की संकल्पना को परिलक्षित किया।

दूसरे व्याख्यान में हरीश चंद्र अनुसंधान संस्थान, प्रयागराज की शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार विजेता प्रोo अदिति सेन डे ने क्वांटम संचार विषय को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार क्वांटम संचार अधिक सुरक्षित है ।क्वांटम संचार एप्लाइड क्वांटम भौतिकी का एक क्षेत्र है, जो क्वांटम सूचना प्रसंस्करण और क्वांटम टेलीपोर्टेशन से सम्बंधित है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग क्वांटम क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग कर सूचना चैनलों की होने वाली जासूसी को रोकना है। क्वांटम क्रिप्टोग्राफी का सबसे विकसित अनुप्रयोग क्वांटम कुंजी वितरण (QAD) है। इस प्रणाली के संचालन में दो पक्ष एकल फोटॉन (एक क्वांटम कण) का उपयोग करते हैं, विभिन्न QAD इस तरह से डिज़ाइन किये जाते है कि संचार में उपयोग होने वाले फोटॉन में किसी प्रकार की हेराफेरी होने पर सम्पूर्ण संचार प्रणाली को रोका जा सके। इस कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के 200 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उदघाटन समारोह में कालेज परिवार के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रोo नलिन कुमार, डाo शिप्रा श्रीवास्तव, राजनीति विभाग के अध्यक्ष डाo आशुतोष सक्सेना, दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष

डाo दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, गणित विभाग के अध्यक्ष डाo आरo केo जुनेजा, रसायन विज्ञान की डाo मीतकमल, भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोo आरo पीo महलवाल तथा डाo मनीष कपूर आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला का तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया जा रहा है।

Read More »

रजतश्री फाउंडेशन 51 महिलाओं एवं बालिकाओं को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट करके सम्मानित किया

कानपुर नगर मोती झील स्थित लाजपत भवन  में महिला दिवस के अवसर पर रजत श्री फाउंडेशन के द्वारा समाज ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया! रजतश्री फाउंडेशन ने 51 महिलाओं एवं बालिकाओं को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट करके सम्मानित किया,  अतिथि के रुप में एमएलसी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सलिल विश्नोई जी ने भी महिलाओं को सम्मानित किया! रजत श्री फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह एवं श्रीमती दीप्ति सिंह ने आए हुए सभी अतिथि विशिष्ट अतिथियों का मंच पर स्वागत किया!

Read More »

क्षेत्रीय कृषि मेला, महिला दिवस समारोह व विभिन्न भवनों का शुभारंभ

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल द्वारा आयोजित क्षेत्रीय कृषि मेला, महिला दिवस समारोह एवं वि.वि. के 9 भवनों व शोध प्रक्षेत्र का शुभारंभ सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सहित पूरी सरकार दिन-रात काम कर रही हैं। श्री तोमर ने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों से खेती-किसानी के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन व किसानों को व्यापक लाभ होगा और बिचौलियों का भी सफाया होगा।

इस केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का यह चौदहवां मेला है, जो “कृषि जीवंतता एवं आत्मनिर्भर पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र” जैसे विषय को केंद्र में रखकर आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य सभा व लोक सभा सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, वैज्ञानिक, पद्मश्री से विभूषित क्षेत्र की महिलाएं, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं तथा किसान उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए बोले- कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः, अर्थात जहां नारी या महिला को सम्मान दिया जाता है, वहां ईश्वर का वास होता है। इस लिहाज से समस्त पूर्वोत्तर भारत एक मिसाल है, जहां कोई लिंग भेद नहीं दिखता। यहां की महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास कार्यों में योगदान देती हैं। परिवार में कोई भी निर्णय लेने में भी परिजन महिलाओं की बात बराबरी से सुनी जाती है। यहां महिलाएं खेती, व्यापार व अन्य सभी कार्य बड़ी तल्लीनता से करती हैं। संपूर्ण पूर्वोत्तर भारत, देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाली महिलाओं से परिपूर्ण है, जिन पर गर्व है। श्री तोमर ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ को मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में और भी आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

श्री तोमर ने कहा कि पूर्वोत्तर में लाभकारी कृषि व जैविक एवं प्राकृतिक खेती की काफी संभावनाएं है। इस दिशा में वि.वि., राज्य व केंद्र सरकार पूरे प्रयास कर रहे हैं। बेहतर कृषि उत्पादन व निर्यात बढ़ सकें, इसके लिए प्रयत्नों को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रूप में बड़ा सुरक्षा कवच दिया है, फरवरी-2021 तक किसानों ने लगभग 21 हजार करोड़ रू. प्रीमियम भरी, जिसके बदले उन्हें करीब 91 हजार करोड़ रू. का भुगतान दावों के रूप में किया जा चुका है। स्वाइल हेल्थ कार्ड की योजना भी प्रधानमंत्री जी के दृढ़ संकल्प के कारण प्रारंभ हुई है, जिसके अंतर्गत अभी तक 11.93 करोड़ किसानों को कार्ड दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में शुरू हुई थी, जिसका बजट मोदी जी ने केंद्र सरकार में आने के बाद बढ़ाकर अब साढ़े 16 लाख करोड़ रूपए कर दिया है। इसके माध्यम से करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है व फसल ऋण बिना किसी गारंटी के 4% ब्याज दर पर दिया जा रहा है। हमारे देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे व सीमांत किसान हैं, जिन्हें संगठित करके लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादक संगठन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ की है। इस पर 5 साल में 6,865 करोड़ रू खर्च किए जाएंगे। उन्होंने किसानों से इसमें सहभागिता की अपील की। इसी तरह, पीएम किसान सम्मान निधि, मोदी जी की सरकार की ऐतिहासिक योजना है, जिसमें पौने 11 करोड़ किसानों को 1.15 लाख करोड़ रू. से ज्यादा राशि उनके बैंक खातों में दी जा चुकी हैं।

श्री तोमर ने कहा कि नए कृषि सुधार कानून किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने वाले है, खेती-किसानी में आमूलचूल परिवर्तन करने वाले है। इनके माध्यम से मंडियों के बाहर कृषि उपज की खरीद-बिक्री पर कोई टैक्स नहीं होगा, कोई रोक-टोक नहीं होगी, बिचौलियों का सफाया होगा, फसल के पहले ही औसत मूल्य की गारंटी मिल जाएगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग की ठोस-पारदर्शी व्यवस्था की गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान में, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 1 लाख करोड़ रू. दिए गए है, वहीं सम्बद्ध क्षेत्रों को भी 50 हजार करोड़ रू. से ज्यादा दिए हैं। श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले पूर्वोत्तर राज्यों का इतना ध्यान नहीं रखा जाता था, लेकिन मोदी जी के आने के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि इन राज्यों में भी केंद्र की योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत पहुंचे व सुशासन हो। विकास व संस्थाओं की दृष्टि से असंतुलन पाटने की कोशिश की गई है। हमारी सरकार पूर्वोत्तर के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। आवागमन व खेलों का विकास, युवा क्षमता विकास, कौशल आधारित उद्योगों का विकास, व्यापार एवं पर्यटन विकास आदि प्राथमिकताओं पर है।

कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार समूचे पूर्वोत्तर भारत में रेल लाइन का विस्तार कर रही हैं, जिसमें इम्फाल को भी जोड़ना प्राथमिकता है। हमारी सरकार एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत इम्फाल– मोरे–म्यांमार–थाईलैंड तक हाइवे का निर्माण शुरू कर चुकी है, जिसके लिए 7,707 करोड़ रू. का आवंटन किया है। सरकार की UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत यहां के हरेक प्रदेश को हवाई यात्रा की सुविधा सस्ते दर पर देने का कार्य किया जा रहा है, इस प्रकार मोदी जी की सरकार समूचे क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि कृषि मेला इस क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभकारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी किसान भाई-बहन यहां प्रदर्शित तकनीक, कृषि की मशीनें, औजार एवं कृषि निवेशों के साथ साथ यहां के अनुसंधान क्षेत्र पर किए गए सजीव प्रदर्शन का भी अवलोकन करेंगे और इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने मेले के सफल आयोजन की कामना की। समारोह में वि.वि. की 9 इमारतों व शोध प्रक्षेत्र का अनावरण किया गया। ये हैं– मत्स्य आधारित समेकित मॉडल प्रक्षेत्र (लमफेलपट, इम्फाल), पुस्तकालय-सह-औषधालय, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा, मेघालय), नर्सरी विद्यालय, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा), खाद्य प्रसंस्करण इकाई, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा), एम.टी.टी.सी. सह वी.टी.सी. भवन, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा), बालक छात्रावास, उद्यानिकी महाविद्यालय (थेनजाल, मिजोरम), बालिका छात्रावास, उद्यानिकी महाविद्यालय (थेनजा), एम.टी.टी.सी. सह वी.टी.सी. भवन, मात्स्यिकी महाविद्यालय (अगरतला, त्रिपुरा) तथा के.वी.के. प्रशासनिक भवन, मात्स्यिकी महाविद्यालय (सिपाहीजला, त्रिपुरा)।

Read More »