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समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास (आवासीय) का शिवराजपुर कानपुर नगर में माह जनवरी में शुरू होगा संचालन

कानपुर नगर 20 दिसम्बर, (सू0वि0) जिला समाज कल्याण अधिकारी डा०प्रज्ञा पाण्डेय ने बताया है कि समस्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययरत छात्रों को सूचित किया जाता है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास (आवासीय) शिवराजपुर कानपुर नगर में माह जनवरी 2022 में संचालन शुरू हो रहा है जिसकी क्षमता 50 छात्रों की होगी। उक्त छात्रावास में 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र तथा 30 प्रतिशत सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित है। छात्रावास में निवास हेतु उच्च शिक्षा, विकलांग एवं सूदूर छात्रों को वरीयता दी जायेगी। छात्र अभिभावक की आय रू0-2.50 लाख वार्षिक आय से अधिक न हो। इच्छुक छात्र विज्ञप्ति प्रकाशन की तिथि से 15 दिवस के अन्दर राजकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास (आवासीय), शिवराजपुर, कानपुर नगर के कार्यालय से आवेदन प्राप्त कर पूर्ण रूप से भरकर उक्त अवधि में जमा कर सकते है। विज्ञापन तिथि से 15 दिवस के पश्चात कोई भी आवेदन पत्र स्वीकार नही किये जायेगे। कानपुर नगर में अध्ययनरत छात्र ही आवेदन का पात्र होगा। उक्त छात्रावास में रहने वाले छात्रों को निम्नलिखित शुल्क/काशनमनी नगद रूप से छात्रावास कार्यालय में आवेदन के साथ ही जमा करना अनिवार्य होगा। बिना उक्त शुल्क जमा किया आवेदन पत्रों पर विचार नही किया जायेगा। किसी भी विवाद की स्थिति में जिला समाज कल्याण अधिकारी कानपुर नगर का निर्णय मान्य होगा।

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एस.एन.सेन बा.वि.पी.जी. कॉलेज, में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा कैरियर वार्ता आयोजित।

कानपुर 18 दिसंबर, एस.एन.सेन बा.वि.पी.जी. कॉलेज, कानपुर में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा कैरियर वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता श्री सुजीत सिंह, कैरियर मोटीवेटर, श्री अजय जैन जी, सदस्य विश्वविद्यालय एंप्लॉयमेंट ब्यूरो, प्रबंध समिति के सचिव श्री पी. के. सेन एवं प्राचार्य डॉ. निशा अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।

मुख्य वक्ता ने छात्राओं से उनके कैरियर के प्रति जागरूक रहने और सामर्थ्य अनुसार अपना लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं छात्राओं को अपना व्यक्तित्व विकास, भाषा शैली और आत्मविश्वास विकसित करना चाहिए। आज के प्रतियोगी युग में छात्राओं को पढ़ाई के साथ साथ नवीनतम जानकारियों को जानने की आवश्यकता है।

विश्वविद्यालय के एंप्लॉयमेंट ब्यूरो के सदस्य श्री अजय जैन जी ने छात्राओं के लिए गाइडेंस व्याख्यानों और व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से उनकी करियर की रुचि परिभाषित करने की आवश्यकता बताई।

प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्थापित हुआ ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल छात्राओं के आगे भी विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन प्लेसमेंट सेल की इंचार्ज डॉ गार्गी यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ निशा वर्मा ने किया।
व्याख्यान में प्लेसमेंट सेल समिति की कु कोमल सरोज व समस्त शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।

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कौन फतह करेगा यूपी का चुनावी रण

देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के विधान सभा चनावों का बिगुल बस बजने ही वाला है| सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं| एक ओर जहाँ जनता के बीच लोक लुभावन वादों और तोहफों की बरसात हो रही है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू है| लक्ष्य सबका एक है कि सत्ता हर हाल में उन्हें ही मिले| हो भी क्यों न, आखिर राजनीति का उद्देश्य ही आज मात्र सत्ता सुख भोगना है| जन सेवा तो हो ही रही है| बस जन सेवा में निज सेवा की निष्पत्ति होनी चाहिए| 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश यादव को बाहर का रास्ता दिखाते हुए भाजपा को 303 सीटें देकर भारी बहुमत से सत्ता सौंपी थी| भाजपा जहाँ पुनः यूपी की सत्ता चाहती है वहीँ सपा भी वापसी के लिए छटपटा रही है| प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी एक ओर यूपी के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं वहीँ दूसरी ओर योगी सरकार अनुपूरक बजट के बहाने जनता पर सौगातों की बौछार करने में लगी हुई है| निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजनों तथा वृद्धजनों की पेंशन 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की घोषणा हुई है| कुष्ठ रोगियों की पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह होने जा रही है| असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को अगले चार महीने तक 500 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिया जायेगा| महिलाओं को इलाज के लिए आयुष्मान भारत की राशि खर्च होने के बाद पांच लाख रुपये अतिरिक्त मिलेंगे| आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ने जा रहा है| 24 घण्टे बिजली देने के लिए 10 अरब की धनराशि पावर कारपोरेशन को दी गयी है| प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी काशी कारीडोर का लोकार्पण कर चुके हैं| जल्द ही वह कानपुर में मेट्रों का लोकार्पण करने वाले हैं| चुनाव पूर्व ऐसी अनेक सरकारी परियोजनाओं की सौगात प्रदेशवासियों को मिलने वाली है| उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रदेश भर में रेलियाँ कर रहे हैं, भाजपा की खामियां गिनाते हुए उसकी योजनाओं और परियोजनाओं को अपना बता रहे हैं| उन्होंने चाचा शिवपाल सिंह यादव को मनाकर समाजवादी पार्टी का प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ गठजोड़ कर लिया है| अब चाचा भतीजे मिलकर यूपी फतह करने निकलेंगे| बसपा और कांग्रेस भी भाजपा को सत्ताच्युत करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं| इस बार आम आदमी पार्टी भी यूपी में जमीन तलाश रही है| सांसद संजय सिंह बीते लगभग दो महीने में यूपी के अनेक दौरे कर चुके हैं| कांग्रेस लखीमपुर खीरी प्रकरण को उछालकर प्रदेश के किसानों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रही है| राहुल गाँधी ने सदन के अन्दर इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है तो प्रियंका गाँधी वाड्रा ने केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री अजय मिश्र उर्फ़ टेनी महाराज को कैबिनेट से निष्कासित न करने को मोदी सरकार का नैतिक दिवालियापन कहा है|
उत्तर प्रदेश की जनता का रुख तो चुनाव की घोषणा होने के बाद ही स्पष्ट समझ में आयेगा| परन्तु फ़िलहाल सपा और भाजपा में सीधी लड़ाई होती दिखाई दे रही है| अखिलेश यादव की जन सभाओं में उमड़ती भारी भीड़ देखकर भाजपा के रणनीतिकारों को पसीना आना स्वाभाविक है| कृषि बिल वापसी के बाद भी किसान भाजपा के साथ आते नहीं दिखाई दे रहे हैं| लखीमपुर खीरी प्रकरण की जाँच करने वाली पुलिस टीम द्वारा इसे सुनियोजित साजिश बताये जाने के बाद किसानो का एक बड़ा वर्ग भाजपा से दूरी बना रहा है| कांग्रेस द्वारा इस मामले में सरकार पर लगाये जाने वाले आरोपों से उसे और अधिक बल भी मिल रहा है| भाजपा को सम्भवता इस बात का अहसास भी है| इसीलिए वह अपना हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है| उसके नेता किसानों को लेकर कोई भी बयान देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं| विभिन्न परियोजनाओं और लाभकारी घोषणाओं के द्वारा भाजपा लखीमपुर खीरी प्रकरण पर मिटटी डालने का हर सम्भव प्रयास कर रही है| प्रधानमन्त्री द्वारा काशी कारीडोर का लोकार्पण हो या गंगा एक्सप्रेस वे की आधारशिला रखना हो, कानपुर में मेट्रो का लोकार्पण हो या गोरखपुर में एम्स का उद्घाटन हो| अथवा प्रयागराज में दो लाख महिला कर्मचारियों के कार्यक्रम में शिरकत करना हो| सबका मूल उद्देश्य यूपी फतह ही है| चुनाव सर पर आते ही चित्रकूट में हिन्दू एकता महाकुम्भ का आयोजन हिन्दुओं को समेटने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है| हालाकि राहुल गाँधी और अखिलेश यादव भी स्वयं को सबसे बड़ा हिन्दू सिद्ध करने में लगे हुए हैं| परन्तु इसका उन्हें शायद ही कोई लाभ मिले| अखिलेश यादव का शिवपाल सिंह के साथ आना उनके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है| क्योंकि शिवपाल सिंह यादव की पुरानी छवि अभी भी जनमानस के पटल पर बसी हुई है|
चुनाव की बयार में आरोप-प्रत्यारोप से लेकर लोक लुभावन घोषणाओं तक सब कुछ है परन्तु जो होना चाहिए वह दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता| कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है| लेकिन किसी भी दल की चुनावी घोषणाओं में इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है| यही वह मुद्दा था जिस पर सपा ने सत्ता गवायीं थी और भाजपा ने पायी थी| सन 2002 में मुलायम सिंह यादव् के मुख्यमन्त्री बनने के बाद से प्रदेश की कानून व्यवस्था जिस तरह बिगड़ी वह आज तक नहीं सँभल पायी| 2017 आते-आते प्रदेश में भ्रष्टाचार और अराजकता की सारी हदें पार हो चुकी थीं| सरकारी विभागों में खुलेआम लूट हो रही थी| बड़े-बड़े अपराधी पैसे के दम पर छूट जाते थे और निर्दोष गम्भीर धाराओं में सलाखों के पीछे पहुँचा दिये जाते थे| महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएँ सारे रिकार्ड तोड़ चुकी थीं| तब प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में प्रदेशवासियों को यह आश्वासन दिया था कि यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो भ्रष्टाचारियों और अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी| उनके इस आश्वासन से समाज का वह अन्तिम व्यक्ति भी आश्वस्त हुआ था जो जाति, सम्प्रदाय, दलगत राजनीति तथा लोक लुभावन घोषणा से सर्वथा परे रहकर मतदान करता है| चुनावी इतिहास साक्षी है कि सत्ता सदैव उसी को मिलती है जिसके पक्ष में यह आम नागरिक होता है| परन्तु दुर्भाग्य से आज 2021 पूरा होने तक उस आम आदमी को निराशा ही हाँथ लगी है| शिक्षा, सुरक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे आज भी हासिये पर हैं| ऐसे में आम जन अभी निर्णय नहीं कर पा रहा है कि वह किसके साथ खड़ा हो| क्योंकि इस समय जितने भी राजनीतिक दल चुनावी में समर में ताल ठोक रहे हैं उन सबका रिपोर्ट कार्ड आम आदमी के पास है| अतः फ़िलहाल यह कहना मुश्किल है कि यूपी का चुनावी रण कौन फतह करेगा|

डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र पत्रकार)
125/5ए, योगेन्द्र विहार, खाड़ेपुर, नौबस्ता, कानपुर नगर-208021.
मो.9450329314

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बच्चों का रखे विशेष ध्यान, बहुत बुरी आदत है धूम्रपान

कानपुर 17 दिसम्बर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज की एनएसएस यूनिट ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन का महत्वपूर्ण विषय “से नो टू टोबैको” पर ध्यान केंद्रित करना था, जिसमें लगभग 50-60 एनएसएस स्वयंसेवकों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वयंसेवकों ने तम्बाकू सेवन के सभी तथ्यों को आत्मसात करने के साथ की और यह कैसे धीरे-धीरे धूम्रपान करने वाले को मौत के रास्ते पर ले जाता है समझा। प्रधानाचार्य *डॉ. जोसेफ डेनियल* ने सभी स्वयंसेवकों को तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। साथ ही तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों के आंकड़ों के बारे में सभी को दिखाए गए आंकड़ों ने सभी को अचंभित कर दिया। उन्होंने सभी को तंबाकू के किसी भी रूप में होने के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया।

छात्र एवं छात्राओं ने तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामो के बारे में अच्छी तरह से जाना और कार्यक्रम के समापन मे सभी ने अपने हाथ उठाकर तंबाकू व धूम्रपान से दूर रहने की शपथ ली। शपथ में छात्रों ने आश्वासन दिया कि वे सिगरेट, बीड़ी या गुटखा आदि किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे और दूसरों को भी ऐसा नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

कार्यक्रम का आयोजन *एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ.सुनीता वर्मा* के मार्गदर्शन में हुआ तथा कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के छात्रों के प्रतिनिधि *हर्षवर्धन दीक्षित* एवं *खुशी मल्होत्रा* ने अपने समन्वयकों *आयुषी पाठक* एवं *आयुष कुमार यादव* संग एनएसएस की टीम जिनमें अरबाज खान, गिरीशा माथुर, वर्षा आनंद, सय्यद मोमीन, दीपांशी, मैत्री पन्ना, आशुतोष शुक्ला, पवन श्रीवास्तव,मुस्कान मिश्रा, मानसी त्रिपाठी, वैष्णवी मिश्रा, इरम फातिमा, मुस्कान, अनन्या राठौर, दीक्षा, सुप्रिया दास, काशिफा ज़हरा, रितु राजपूत ने अपना सहयोग दिया तथा कार्यक्रम को सफल बनाया।

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निर्भया दिवस के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च कालेज मे क्रीड़ा प्रतियोगिताआयोजित

कानपुर 16 दिसंबर निर्भया दिवस के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च कालेज मे क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । सौ मीटर दौड़,शटल दौड़ आदि का आयोजन हुआ। सौ मीटर दौड़ में प्रथम दुर्गेश नंदिनी, द्वितीय निकिता, तृतीय सानिया रही और शटल दौड़ में प्रथम निकिता, द्वितीय तनु और विद्यांशी ,तृतीय दुर्गेश नंदिनी रही ।
यह पूरा कार्यक्रम क्राइस्ट चर्च कालेज के प्राचार्य जोसेफ डेनियल के निर्देश नेतृत्व के अंतर्गत संपन्न हुआ। वूमेन सेल की कनवीनर डाॅ शिप्रा श्रीवास्तव के दिशानिर्देश में कार्यक्रम का संचालन शक्ति मिशन प्रभारी डाॅ मीतकमल के द्वारा किया गया।डाॅ हिमांशू दीक्षित एवं देवेन्द्र ने विषेश सहयोग किया । बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप मे अनिरुद्ध,अंजली, शगुन, कांची, श्रेया, मांसी आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया ।10 दिसंबर मानवाधिकार दिवस को भी एक चर्चा का आयोजन शक्ति मिशन के अंतर्गत किया गया जिसमें मुख्य वक्ता ज्योत्सनालाल एवं डाॅ विभा दीक्षित ने छात्रों को मानवाधिकारों के विषय पर जागरूक किया ।

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आजादी कितने प्रतिशत?

जहां आज महिलाएं इस डिजिटल युग में नित नई ऊंचाइयों को छू रही हैं और सबसे बड़ी बात कि गरीब तबकों से आई हुई महिलाएं, लड़कियां भी अपने सपनों को पंख लगा कर उड़ रही हैं ऐसे में महिलाओं की यह सोच एक सवाल खड़ा करती है कि आज भी पति द्वारा पीटा जाना जायज है। नेशनल फैमिली हेल्थ द्वारा एक सर्वे के दौरान यह खुलासा हुआ है और आंकड़ों पर गौर किया जाये तो घरेलू हिंसा को सही ठहराने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक है. उनमें- आंध्र प्रदेश 83.6℅, कर्नाटक 76.9℅, मणिपुर 65.9℅ और केरल 52.4℅ शामिल हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश, नागालैंड और त्रिपुरा में घरेलू हिंसा को लेकर स्वीकृति सबसे कम देखी गई। केवल 14.2℅, 21.3℅ ही सहमति व्यक्त की।
यह सोच फर्क पैदा करती है कि अभी महिलाओं को दासता की प्रवृत्ति से बाहर आना बाकी है। इसमें कोई शक नहीं कि आज महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है लेकिन कहीं ना कहीं आज भी उन्हें नियंत्रित करने की चाबी पुरुष के हाथों में है। सर्वे के अनुसार घर से बिना बताए बाहर जाना, घर परिवार की उपेक्षा करना, खाना ठीक से ना बनाना, परसंबंध ऐसे तमाम कारण है जो घरेलू हिंसा की वजह बनते हैं। पर क्या यह कारण इतने अहम हैं कि इसके समाधान स्वरूप मारपीट की जाए ? पुरुषवादी सोच कि मैं स्त्री को आजादी देता हूं, कितना उचित है? मैं नौकरी करने की छूट देता हूं, घुमाना फिराना, सारी सुविधाएं मुहैया कराता हूं तो उस पर अपना आधिपत्य रखना, अपना अधिकार समझता हूं, यह कितना उचित है? आपसी मामले का हवाला देकर किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते और यदि पुलिस की मदद ली जाती है तो अलगाव की स्थिति आ जाती है। यह सोच क्यों नहीं पनपती यदि पुरुष सुविधाएं दे रहा है तो स्त्री भी समर्पित है परिवार के लिए।
घर गृहस्ती को गाड़ी के दो पहिए कहा गया है। फिर सब सामान हुए यह असमानता क्यों? आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के बावजूद कितनी महिलाएं हैं जो अपने निर्णय स्वतंत्र रूप से ले सकती हैं? आखिर महिलाएं इस दास प्रवृत्ति से बाहर क्यों नहीं आना चाहती? एक महिला का तर्क है कि परिवार में शांति बनाए रखने के लिए और शांति से जीने के लिए चुप रह जाना पड़ता है। घर का माहौल खराब होता है और बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता है। एक और महिला से बातचीत के दौरान मालूम हुआ कि वह घरेलू हिंसा की शिकार थी लेकिन फिर भी वह उस जगह से पलायन नहीं कर रही थी क्योंकि उसे अपने मायके का सहयोग नहीं था जब स्थिति ज्यादा खराब हुई तब उसका भाई उसे लेने पहुंचा मगर उसने आने से मना कर दिया क्योंकि उसका कहना था कि आप लोग वापस यहीं पर छोड़ जाओगे फिर मैं वापस क्यों आऊं। अंततः मायके वालों की मदद से उसने अपना घर परिवार छोड़कर आत्मनिर्भर होना स्वीकार किया।
यह बात छोटे और अशिक्षित तबको में होती है तो समझ में आता है लेकिन शिक्षित परिवारों में भी ऐसा देखने को मिलता है तो किस सभ्य समाज की बात की करते हैं हम? इस सोच से बाहर आना होगा कि जिस घर में डोली गई है वहां से अर्थी निकलेगी। अपने आत्मसम्मान को जगाना होगा। जो गलत है कम से कम उसके लिए बोलना ही होगा। परिवार एक सामाजिक इकाई है जिसे स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर चलाते हैं। आपसी सहयोग से इसमें कोई कम या ज्यादा का ना भाव है ना महत्व है

प्रियंका वर्मा महश्वरी

 

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गडकरी ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में निर्माण, पुनर्वास और परियोजनाओं में सुधार की मंजूरी दी

केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ओडिशा के केसिंगा में एनएच-201 (वर्तमान में एनएच-26) के किमी 176 पर समपार संख्या (लेवल क्रॉसिंग) आरवी-172 के बदले भूमि अधिग्रहण सहित 4 लेन के केसिंगा आरओबी निर्माण की मंजूरी दे दी है। इस पर 324.09 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में मंत्री ने सूचित किया कि आंध्र प्रदेश में नियमित तौर पर यात्रा किए जाने वाले एनएच 30 के राजमार्ग से सटे राजमार्ग के एक हिस्‍से 170+700 किलोमीटर से 234+567 (डिजाइन चौ.) के पुनरूद्धार और सुधार को 388.70 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है।

आंध्र प्रदेश में ईपीसी मोड पर एनएच-42 के मुलकालाचेरुवु के मदनपल्ले खंड के साथ 2 लेन से 2/4 लेन के पुनरूद्धार और सुधार को 480.10 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया है।

मध्य प्रदेश राज्य में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सीआरआईएफ योजना के तहत 600.13 किलोमीटर लंबाई के 23 परियोजना कार्यों के विकास को 1814.90 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया है।

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वंदे भारतम् फाइनल प्रतियोगिता का 19 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजन

उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम ज़ोनों के 949 नृत्य कलाकारों के 73 समूह‘वंदे भारतम्-नृत्य उत्सव’ के ग्रैंड फिनाले में पहुंच गये हैं। यह अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता है, जिसे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित किया जा रहा है। फाइनल 19 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम प्रेक्षागृह में होगा। रक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय ने आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में ‘वंदे भारतम्-नृत्य उत्सव’ की शुरुआत करने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाना है। यह एक अनोखी पहल है, जो जनभागीदारी पर आधारित है। इसका मुख्य लक्ष्य है देशभर से सर्वोच्च नृत्य प्रतिभाओं का चयन करना तथा उन्हें गणतंत्र दिवस परेड 2022 के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करना।

ग्रैंड फिनाले में नृत्य कलाकार इस सर्वोच्च सम्मान के लिये प्रतिस्पर्धा करेंगे। ऐसा अवसर जीवन में यदा-कदा ही मिलता है, जिसका लाभ उठाते हुये वे गणतंत्र दिवस परेड में अपनी प्रतिभा दिखायेंगे। इस परेड को न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में देखा जाता है।

दो सौ से अधिक टीमों में से 2400 से अधिक प्रतिभागियों को जोनल स्तरीय प्रतियोगिता के लिये चुना गया था, जहां 104 ग्रुपों ने विद्वान ज्यूरी के समक्ष अपनी नृत्य प्रतिभा प्रदर्शित की थी। प्रतिभागी समूहों नेकई नृत्य विधाओं का प्रदर्शन किया। इन विधाओं में शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य, जनजातीय नृत्य और मिला-जुला नृत्य शामिल था। देशभर की प्रतिभाओं और रंगारंग पोशाकों का संयोजन देखने को मिला। समाज के सभी वर्गों ने पूरे हर्षोल्लास से हिस्सा लिया तथा सभी वर्गों ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को बलवती बनाया।

सर्वोच्च 480 नृत्य कलाकारों को ग्रैंड फिनाले के लिये चुना जायेगा और उन्हें 26 जनवरी, 2022 को नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में अपनी कला का प्रदर्शन करने का सुनहरा मौका मिलेगा।

वंदे भारतम् प्रतियोगिता 17 नवंबर को जिला स्तर पर शुरू हुई थी। इस दौरान 323 समूहों में 3,870 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। जो जिला स्तरीय प्रतियोगिता में सफल रहे, उन्हें 30 नवंबर, 2021 को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का अवसर मिला। वहां 20 से अधिक वर्चुअल आयोजन हुये। यह आयोजन चार दिसंबर, 2021 तक, यानी पांच दिन चला।

राज्य स्तर पर 300 समूहों को चुना गया, जिनमें तीन हजार से अधिक नृत्य कलाकार/प्रतिभागी थे। इस तरह एक महीने तक आयोजन में सभी आकांक्षी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिये प्रदर्शन किया।

ग्रांड फिनाले को वंदे भारतम् के आधिकारिक फेसबुक पेज और यूट्यूब पर प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। साथ ही वेबसाइट (vandebharatamnrityautsav.in) और मोबाइल  ऐप पर भी इसे देखा जा सकता है।

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केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने ‘ग्राम उजाला’ के तहत आज एक दिन में 10 लाख एलईडी वितरण का विशाल लक्ष्य हासिल करने पर सीईएसएल टीम को बधाई दी

आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में विद्युत मंत्रालय ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया। इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने 31वां राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए), पहला राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार (एनईईआईए) और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर की चित्रकारी प्रतियोगिता के विजेताओं को (अनुलग्नक I, II और III) पुरस्कार प्रदान किए। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह थे। इस दौरान विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल और श्री आलोक कुमार, सचिव (विद्युत), भारत सरकार भी उपस्थित रहे और सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में विद्युत सीपीएसयू के सीएमडी और विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने सभी विजेताओं और विशेष रूप से नवाचार पुरस्कार जीतने वालों को हार्दिक बधाई दी।

श्री आर के सिंह ने कहा कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, प्रतिष्ठानों और संगठनों के प्रमुखों, प्रबंधकों, सीईओ और कार्यकारी अधिकारियों की इस सभा को संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जो ऊर्जा संरक्षण अभियान के महत्वपूर्ण अंग हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, सस्ती दर पर 24/7 सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच प्रदान करना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हाल के कुछ वर्षों में, भारत ने गांवों में विद्युतीकरण और घरों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

श्री आर के सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विद्युत क्षेत्र में, 142 गीगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाकर, पूरे देश को एक ग्रिड से जोड़कर और एक ग्रिड, एक बाजार के विजन को हासिल कर हम पिछले पांच वर्षों में संपूर्ण परिवर्तन लाए हैं। ऊर्जा घाटे से निकलकर भारत अब अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करने वाला देश बन चुका है। मंत्री ने कहा कि 2014 की तुलना में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली अब क्रमश: 22 घंटे और 23.5 घंटे की अवधि के लिए उपलब्ध है।

मंत्री ने यह भी कहा कि परिवर्तन न केवल क्षमता में हुआ है बल्कि ऊर्जा मिश्रण, ऊर्जा तीव्रता और उत्सर्जन तीव्रता को लेकर भी है। उन्होंने बताया कि भारत ने गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन करने का एनडीसी लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि निर्धारित तिथि से काफी पहले हासिल कर ली गई। हमारे देश में दुनिया में सबसे कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जन होता है जो कुल उत्सर्जन का करीब 3 प्रतिशत है।

ग्राम उजाला योजना के तहत आज 5 राज्यों में 10 लाख एलईडी बल्ब बांटे गए, जिसके लिए मंत्री ने सीईएसएल को बधाई दी। उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खराब न हुए इन्कैंडिसेंट बल्बों (साधारण बल्ब) के बदले अत्यधिक छूट के साथ मात्र 10 रुपये में एलईडी दी गई। इससे ऊर्जा की अत्यधिक बचत के साथ-साथ उपभोक्ता के पैसे भी बचते हैं। उन्होंने परफॉर्म, अचीव, ट्रेड, पीएटी जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करीब 300 मिलियन टन सीओ2 का उत्सर्जन रोकने का श्रेय बीईई को दिया। पीएटी के दूसरे दौर के बाद हमने 66 मिलियन टन उत्सर्जन में कमी हासिल की है। हमारा लक्ष्य 2022 तक 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करना है। 150 गीगावॉट का उत्पादन हो रहा है जबकि 63 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा अभी प्रक्रिया में है। मंत्री ने कहा कि विकास और ऊर्जा की खपत अब एक दूसरे से प्रभावित नहीं हो रहे, हमें पूरी मेहनत से इस दिशा में बढ़ना होगा।

मंत्री ने इस धारणा पर जोर दिया कि अकेले ऊर्जा परिवर्तन पर्याप्त नहीं होगा और ऊर्जा के भंडारण के प्रयास भी किए जाने चाहिए। 1 यूनिट ऊर्जा की बचत का तात्पर्य है, 1 यूनिट ऊर्जा उत्पन्न की गई। बैंकों को यह समझना होगा कि ऊर्जा दक्षता से पैसे की बचत होती है और यह न केवल बेहतर वातावरण का बल्कि अर्थशास्त्र का भी प्रतिबिंब है।

मंत्री ने कहा कि बड़े उद्योग पहले ही ऊर्जा दक्षता के फायदे को स्वीकार कर चुके हैं और मुझे उस चेतना का भी अहसास है जो हमारे देश में ऊर्जा संरक्षण को लेकर बढ़ रही है।

श्री सिंह ने ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार नामक नया पुरस्कार शुरू करने के लिए बीईई की सराहना की। उन्होंने इस साल पुरस्कार जीतने वाले सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने सभी लोगों से आगे आने और ऊर्जा की खपत को कम करने के दूसरे नवीन तंत्र की पहचान करने और इस पुरस्कार में भाग लेने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए अपनी बात पूरी की कि संबंधित हितधारकों द्वारा किए जा रहे सभी प्रयासों से हमें हरित और स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर परश्री आर के सिंह और श्री कृष्णपाल गुर्जर ने निम्नलिखित दस्तावेज जारी किए गए:

() उच्च ऊर्जा लीथियम-आयन ट्रैक्शन बैट्री पैक्स और सिस्टम्स के लिए मानक एवं लेबलिंग कार्यक्रम: ईवी बैट्री इलेक्ट्रॉनिक वाहन की कुल खरीद मूल्य का लगभग एक तिहाई हिस्सा होती है, ऐसे में उत्पादन बढ़ाकर और बैट्री के घटकों के मानकीकरण से बैट्री की लागत को कम करके भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र की दीर्घकालिक सफलता की राह आसान हो सकती है।

(बी) टायर के लिए मानक और लेबलिंग कार्यक्रम: वाहन मालिकों द्वारा टायर बदलने का चलन टायर उद्योग के लिए काफी मायने रखता है, जबकि वाहन मालिक इस बात से अनजान होते हैं कि बेकार टायर के चलते ईंधन की बर्बादी भी होती है। उपभोक्ता को सूचना के साथ विकल्प प्रदान करने के लिए बीईई ने भारत में बनी, आयात की गई और बेची जाने वाली यात्री कारों (सी1), लाइट ड्यूटी व्हीकल्स (सी2) और हैवी ड्यूटी व्हीकल्स (सी3) के लिए टायर को लेकर मानक और लेबलिंग कार्यक्रम शुरू किया है। स्टार लेबल मापदंड टायरों के रोलिंग रजिस्टेंस कोएफिसिएंट (आरआरसी) पर आधारित है।

(सी) नेट जीरो एनर्जी इमारतों को बढ़ावा देने के लिए शून्य‘ लेबलिंग कार्यक्रम: भवन क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं और इसलिए मौजूदा भवन लेबलिंग कार्यक्रम के दायरे को विस्तार देने के लिए, नेट जीरो एनर्जी बिल्डिंग (एनजेडईबी) और नेट पॉजिटिव एनर्जी बिल्डिंग (एनपीईबी) के लिए शून्य कार्यक्रम शुरू किया गया है। 10 ≤ ईपीआई ≤ 0 केडब्लूएच/एम2/साल वाली इमारतों को शून्य लेबल दिया जाएगा, जबकि ईपीआई < 0 केडब्लूएच/एम2/साल वाली इमारतों को शून्य+ लेबल दिया जाएगा। यह कार्यक्रम इमारत के मालिकों और प्रमोटरों को ऊर्जा कुशल इमारतें बनाने और इसे नेट जीरो या नेट पॉजिटिव एनर्जी बिल्डिंग बनाने के लिए और सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

(डी) ऊर्जा कुशल और उष्मा के लिहाज से बेहतर इमारतों को लेकर जागरूकता बढ़ाने‘ पर गाइडबुक: सूचनाओं को जनता तक पहुंचाने में मीडिया अहम भूमिका निभाती है। गाइडबुक में ऊर्जा कुशल इमारतों की डिजाइन, प्रमुख विशेषताओं, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय नीतियों आदि के बारे में जानकारी शामिल है। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने ऊर्जा कुशल इमारतों के विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फेलोशिप की एक श्रृंखला चलाने के बाद बीईईपी के साथ मैनुअल विकसित किया है। इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एक गाइडबुक भी तैयार की गई है।

(ई) एसएमई के लिए क्लाउड आधारित डेटा विश्लेषणात्मक टूल: इस टूल का उद्देश्य 5 एमएसएमई क्षेत्रों में प्रक्रिया अनुप्रयोग में ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों, उपायों और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का विश्लेषण करना है। इस टूल को एनर्जी ऑडिट गतिविधियों, प्रौद्योगिकी, कार्यान्वयन सपोर्ट से इकट्ठा किए गए डेटा के माध्यम से विकसित किया गया है।

(एफ) 10 लाख एलईडी बल्ब वितरण: इस पहल के तहत, पांच राज्यों- बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के 2579 गांवों में एक दिन में कुल 10 लाख एलईडी बल्ब वितरित किए गए। इस कार्यक्रम में 7 वॉट और 12 वॉट के एलईडी बल्ब को इन्कैंडिसेंट बल्ब के बदले मात्र 10 रुपये की कीमत पर दिया गया, जो खरीद की तारीख से तीन साल की गारंटी के साथ दिए गए हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि वह इस ऊर्जा दक्षता दिवस में शामिल होकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ग्राउंड जीरो पर ऊर्जा दक्षता प्रयासों को मान्यता देने में यह मील का पत्थर है। उन्होंने समारोह में सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।

अपने संबोधन में श्री आलोक कुमार ने कहा कि यह एक बहुत ही विशेष ऊर्जा दक्षता दिवस है क्योंकि हम आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहे हैं। उन्होंने यह बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्युत मंत्रालय ऊर्जा दक्षता पर जागरूकता फैलाने के लिए पूरे भारत के गांवों, कस्बों, शहरों और स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि हम सीओपी26 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विजेताओं समेत विभिन्न बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संगठनों के हितधारकों ने भी इसमें हिस्सा लिया।

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रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पाद सशस्त्र बलों को सौंपे

रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पाद 14 दिसंबर, 2021 को डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह और रक्षा मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे विशेष सप्ताह के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे। उन्होंने सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते भी सौंपे। इससे पहले डीआरडीओ ने ’भविष्य की तैयारी’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर रक्षामंत्री ने कहा, इस तरह के सेमिनार से शीर्ष नेतृत्व का समागम और दुश्मन के खतरों का सामना करने के लिए एक आम रणनीति विकसित करने में मदद मिलती है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ’’जब हम एकीकरण और संयुक्तता की बात करते हैं, तो यह सिर्फ सरकार द्वारा की गई पहलों तक सीमित नहीं है। इसकी सफलता हमारे रक्षा बलों के शीर्ष नेतृत्व के समागम से हासिल करनी है। यह हमारे विरोधियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त रूप से हमारी क्षमताओं को बढ़ाने का एक प्रयास है।’’

उन्होंने कहा, ’’हम जिस एकीकरण की बात करते हैं, वह हमारे बलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब देश के हर संबंधित संगठन के बीच तालमेल भी है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डीआरडीओ के दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है जिससे यह न सिर्फ मौजूदा खतरों की गंभीरता को कम करने वाली प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी तरह की पहली प्रौद्योगिकी विकसित करने में भी जुटा है।

भारत को रक्षा विनिर्माण आधार और शुद्ध रक्षा निर्यातक का एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाने के मकसद को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ ने इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ’’इसका मार्ग डीआरडीओ, सशस्त्र बलों, निजी उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों के बीच सहयोग से होकर गुजरता है। निजी कंपनियों के साथ आज हुआ टीओटी यह दर्शाता है कि हम देश में एक मजबूत रक्षा औद्योगिक आधार बनाने के लिए तैयार हैं जो न सिर्फ देश की रक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा बल्कि रक्षा उपकरणों के निर्यात से मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा करेगा।

दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत और हाल ही में एक हवाई दुर्घटना में जान गंवाने वाले अन्य लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए, रक्षामंत्री ने कहा कि सीडीएस पद के सृजन के साथ-साथ तीनों सेनाओं के एकीकरण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। सैन्य मामलों का विभाग निर्बाध रूप से इस दिशा में आगे कार्य करता रहेगा बढ़ेंगे और जल्द से जल्द लक्ष्य को हासिल करना सरकार की प्राथमिकता होगी।

युद्ध में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाना और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास को एक ऐसी उन्नत तकनीक के रूप में विकसित करना होना चाहिए, जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

मिशन शक्ति को विकसित करने में डीआरडीओ के वैज्ञानिक कौशल का हवाला देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि डीआरडीओ स्मार्ट सामग्री, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग आधारित सिस्टम, स्वार्म ड्रोन्स और एसिमेट्रिक वारफेयर आदि पर काम कर रहा है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आॅटोमेटिक रूट से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाकर 74 फीसदी करने, ओएफबी का काॅरपोरेटाइजेशन, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों का निर्माण, रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 बनाने, घरेलू विनिर्माण आदि के लिए रक्षा वस्तुओं की सकारात्मक सूची लाने आदि जैसी अनेक नीतिगत सुधारों के माध्यम से सरकार ’मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वल्र्ड के उद्देश्य को साकार करने के लिए संगठित तरीके से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि इन नीतियों का उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करके हमारे सशस्त्र बलों को मजबूत बनाना है।

सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय को सौंपे गए उत्पादों में एंटी-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर ब्रिज, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, चैफ वेरिएंट और लाइट वेट फायर फाइटिंग सूट शामिल हैं। आने वाले ड्रोनों का पता लगाने, उन्हें रोकने और नष्ट करने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर ड्रोन सिस्टम रक्षामंत्री द्वारा सीआईएससी को सौंपा गया।

उन्होंने सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवने को मॉड्यूलर ब्रिज भी सौंपा। आरएंडडीई (इंजीनियर्स) द्वारा विकसित मॉड्यूलर ब्रिज मिलिट्री लोड क्लास एमएलसी-70 का सिंगल स्पैन, मेकेनिकली लॉन्च किया गया असॉल्ट ब्रिज है, और इसे अलग-अलग स्पैन में लॉन्च किया जा सकता है।

रक्षामंत्री ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चैधरी को स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (एसएएडब्ल्यू), एक एयर लॉन्च, लॉन्ग-रेंज, स्टैंड-ऑफ, एयर-टू-सरफेस स्मार्ट बम सौंपा। एडवांस्ड चैफ के वेरिएंट नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार को सौंपे गए। डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस), दिल्ली द्वारा विकसित स्ट्रक्चरल फायर फाइटिंग सूट गृह मंत्रालय के विशेष सचिव श्री वी एस के कौमुदी को सौंपा गया।

इस कार्यक्रम के दौरान तटीय सर्विलांस रडार, आटोमेटिक केमिकल एजेंट डिटेक्शन एंड अलार्म (एसीएडीए) और केमिकल एजेंट मॉनिटर (सीएएम), यूनिट रखरखाव वाहन, यूनिट मरम्मत वाहन, फ्यूज्ड सिलिका आधारित सिरेमिक कोर प्रौद्योगिकी और अग्नि शमन जेल नामक सिस्टम/प्रौद्योगिकी के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित सात प्रणालियों के एलएटीओटी दस्तावेज सौंपे गए।

मुख्य विशेषताएं:

  • डीआरडीओ द्वारा विकसित पांच उत्पाद सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे गए
  • सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते किए गए

इस अवसर पर सचिव, डीडीआरएंडडी और अध्यक्ष, डीआरडीओ डॉ जी सतीश रेड्डी, थलसेना, नौसेना और वायुसेना के उप प्रमुख, रक्षा और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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