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बार काउंसिल के तर्ज पर, प्रेस काउंसिल भी कराए चुनाव:- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने सरकार से मांग किया है कि जिस प्रकार से देश मे बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा देश, प्रदेश, जिला व तहसील स्तर पर बाकायदे चुनाव कराया जाता है, उसी प्रकार से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी चुनाव कराए जाने की व्यवस्था एवं अधिकार दिया जाना चाहिए। जिससे प्रेस काउंसिल भी पत्रकारों का चुनाव करा सके। डाक्टरों व अधिवक्ताओं के लिए उनके-उनके काउंसिल अपने-अपने स्तर से देश भर में बाकायदे चुनाव कराती है और निर्वाचित पदाधिकारी देश, प्रदेश एवं जिला स्तर पर अपने विधा के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करते हैं, लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि पत्रकारों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है?

श्री शास्त्री जी ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उपरोक्त की भांति P.C.I. को संसाधन सहित अधिकार जारी करें जिससे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया भी पत्रकारों को अधिकार दे सके। जिस प्रकार से देश की उपरोक्त संस्थाएं अपने विधा के लोगों का चुनाव कराती है उसी प्रकार से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया भी पत्रकारों के लिए देश और राज्य में चुनाव संपन्न कराएं, इससे यह फायदा होगा कि जिस प्रकार से अधिवक्ताओं, डॉक्टरों आदि की समस्याओं के निदान हेतु उनके उनके विधा के लोग कार्य करते हैं उसी प्रकार से पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से निर्वाचित लोग भी देश, प्रदेश व जिला स्तर पर कार्य कर सकेंगे। जिसके साथ ही पत्रकारों का कानूनी तौर पर परिभाषा भी तय हो सकेगा, अभी तक पत्रकार मात्र नाम का चौथा स्तम्भ है।

साथ ही श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि इसी के साथ देश में नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर भी तैयार हो जाएगा। इससे यह लाभ होगा कि सरकारो द्वारा पत्रकारों के लिए चलाई गई कल्याणकारी योजना पत्रकारों को सुचारु रुप से मिल पाएगी। नहीं तो पत्रकारो को वास्तविक सुविधा मिलना असंभव हो जाएगा। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने नियम कानून भी कड़ाई से लागू हो जिससे देश के पत्रकार राष्ट्रहित न्यायपूर्ण बिना दबाव के अपना कार्य कर सके।

श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की तरह चौथे स्तंभ (पत्रकारो) को भी सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए, इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार से देश के अन्य विधा के लोगो का एक कानून और एक नियम है उसी प्रकार से पत्रकारों का भी एक नियम, कानून होना चाहिए। देश का हर पत्रकार राष्ट्रहित सर्वोपरि रखते हुए अपने दायित्वों का पूरा का पूरा निर्वहन करता है, इसके बाद भी उसके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव रखना बहुत ही दुःखद है।

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कई दिनों के इलाज के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने ली आखिरी सांस.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, कई दिनों के इलाज के बाद आज ली आखिरी सांस

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया। मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर ली अंतिम सांस ली। लालजी टंडन के निधन के बाद उनके बेटे और यूपी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन  ट्वीट करके कहा कि बाबूजी नहीं रहे। 

गौरतलब है कि लालजी टंडन को 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब में परेशानी की वजह से लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला  ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मंगलवार को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल, वरिष्ठ राजनेता लालजी टंडन जी के निधन पर सादर पुष्पांजलि। सार्वजनिक जीवन में विविध पदों पर रहते हुए आप देश तथा आमजन की सेवा में सदैव तत्पर रहे। उनका दीर्घ अनुभव तथा संवैधानिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ उनकी सलाह को महत्वपूर्ण बनाती थी। 

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जिगर संक्रमण, नियंत्रण और प्रबंधन विषय पर व्यख्यान का आयोजन

जिगर संक्रमण, नियंत्रण और प्रबंधन, विषय पर होप एन जी ओ और SRMIT लखनऊ द्वारा एक पहल 19 जुलाई 2020 एक व्याख्यान कराया गया जिस्मे मुख्य वक्ता डॉ. गौरदास चौधरी जो वर्तमान में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, फोर्टिस चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने हेपेटाइटिस के प्रकार का विस्तृत विवरण बताया यह निदान उपचार लक्षण हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, लिवर सेरोसिस की सावधानियां और कोविड 19 के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि जिन मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली वीक है, उन्हें कोरोना वायरस से बहुत आसानी से प्रभावित किया जा सकता है। कार्यक्रम का समन्वय रसायन विज्ञान क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मीत कमल ने किया। डॉ डी के अवस्थी एडवाइजर और पवन सिंह चौहान पैटर्न एन ओ एस ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन भी मौजूद थे. कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रतिभागियों के सभी प्रश्नों को स्पष्ट कर दिया गया।

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कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग ने आसान की बहनों की मुश्किलें, अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी

भाईयों को डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी बहने ।

कोरोना संक्रमण के बीच भाई- बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जायेगा और इसके लिए बहनों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में बहनों द्वारा भाईयों की कलाइयों पर बँधने वाली राखी सुरक्षित रूप में व तीव्र गति से भेजी जा सके, इसके लिए डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। इस हेतु जीपीओ और प्रधान डाकघरों में विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफों की ब्रिकी आरम्भ कर दी गई है। उक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे इस हेतु गोंद की आवश्यकता नहीं होगी। 11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य दस रुपया मात्र  है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ ‘हैप्पी राखी’  लिखा गया है। श्री यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाकों से अलग करने में समय की बचत और पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी। 

लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर श्री आरएन यादव ने बताया कि जीपीओ से सभी प्रधान डाकघरों को बिक्री के लिए राखी लिफाफे भिजवाए जा रहे हैं। जीपीओ में राखी लिफाफे खरीदने आई निहारिका गुप्ता ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण दौर में दूर शहर में नौकरी करने वाले अपने भाईयों को अब इस डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक विभाग द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें द्वार का रहस्य और इससे जुड़े मालिकाना हक विवाद की पूरी कहानी
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर कहते हैं कि इसके तहखाना में इतना खजाना है कि जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है। दुनिया का सबसे अमीर मंदिर और उसमें कुछ इसी तरह के सात तहखाने और इन्हीं तहखाने में है खरबों रुपए की दौलत जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन यह कोई कल्पना नहीं, कोई फसाना नहीं। यह पूरी हकीकत है। दुनिया के सबसे अमीर स्वामी पद्मनाभस्वामी मंदिर का रसूख जितना ज्यादा है, रहस्य उतना ही गहरा। हिंदुओं की आस्था, विरासत और इतिहास को समेटे पद्मनाभस्वामी मंदिर का सबसे बड़ा और गहरा रहस्य है इसका खजाना। 

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए ये फैसला दिया है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। कोर्ट ने राजपरिवार के सेवादार के हक को तो बरकरार रखा है लेकिन देवता की पूजा के तरीके से लेकर, मंदिर की सम्पत्तियों के रखरखाव, श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे तमाम काम का अधिकार 5 सदस्यीय प्रशासनिक कमेटी और 3 सदस्य एडवाइजरी कमेटी को सौंप दिया है। आज के इस विश्लेषण में आपको बताएंगे क्या है इस मंदिर की कहानी? इस मंदिर को दुनिया का अमीर मंदिर क्यों कहा जाता है? क्या है इसके सात दरवाजों का रहस्य? क्या है इसके प्रबंधन के अधिकार का विवाद, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया?

सोने की तरह चमकते गगनचुंबी मंदिर में इतना खजाना है जिसे देखकर आंखें फटी की फटी रह जाए। मंदिर में इतना सोना है कि देखने वालों की आंखें चौंधिया जाए। सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, अशर्फियां, सोने की मूर्तियां और भी न जाने क्या-क्या? भगवान विष्णु का यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान विष्णु का वरदान मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन मंदिर को लेकर और भी बहुत कुछ कहा जाता है। मंदिर का सातवां दरवाजा खोलने वाला अभी तक पैदा नहीं हुआ। अकूत खजाना छुपाए मंदिर के सातवें दरवाजे को कोई चाबी नहीं खोल सकती है। मंदिर का सातवां दरवाजा मंत्र से कोई सिद्ध पुरुष ही खोल सकता है। यह भी कहा जाता है कि किसी और ने सातवां दरवाजा खोला तो प्रलय आ जाएगी

विश्व के सबसे प्राचीन मानव सभ्यता के जनकों में से एक भारत। हिन्द महासागर के किनारे बसा दक्षिण का एक प्रांत केरल। यहां कि राजधानी है तिरुवनंतपुरम जहां पर स्थित है इसरो का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र। यहां से 15 किलोमीटर दूर तिरुवनंतपुरम सेंट्रल के निकट स्थित है वो मंदिर जो पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखता है- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

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चलो करें बातें जो सुकूँ दें – पूर्णिमा तिवारी

तुम्हें कैसे लिखूं की तुम क्या हो मेरे
मेरी सारी कायनात हो तुम
ये दिन ये रात ये बादल ये बरसात
ये रोना ये हँसना
ये प्यार ये मनुहार
मेरी छोटी सी दुनिया
दुनिया की महफ़िल
रातों की नींद
निंदो में ख्वाब
जीवन का गीत
गीतों का राग
हो धड़कन मेरे हृदय की
हो रागिनी मेरे अधर की

चलो खत्म करें शिकवे शिकायतें
कुछ तहजीब निभाते हैं
कुछ खामियां हैं दोनों में
भुला उन्हें रिश्ते निभाते हैं
शिकवों का क्या
वो तो उम्र भर खत्म नही होंगे
बेवजह दिल क्यों दुखाते हैं
चलो करे बातें जो सुकून दे दिलों को
जो पड़ गए हैं छाले रिश्तों में उन्हें मरहम लगाते हैं।
आओ हम एक नई राह बनाते हैं

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पच्चीस दिन बाद भी कानपुर किडनैपिंग केस में पुलिस खाली हाथ

 कानपुर में बिकरू कांड के बाद चर्चित कांड जिसमे पुलिस फिर सवालो के घेरे में है। कानपुर दक्षिण क्षेत्र के बर्रा-5 निवासी संजीत यादव अपहरण मामले में बर्रा पुलिस के साथ-साथ सर्विलांस सेल भी पूरी तरह फेल हो गया हैं। पीड़ित परिवार पूरी तरह पुलिस के भरोसे पर थी। जिसकी वजह से पुलिस पर विश्वास कर अपहरणकर्ता को फिरौती की 30 लाख की रकम दे दी। वही रकम देने के बावजूद भी बेटे को बरामद न करा सके। अपह्रत बेटे के पिता चमन लाल ने रोते हुये अपनी आप बीती सुनाई की बेटी का रिश्ता राहूल नाम के युवक से तय हुआ था। पर बाद मे समबंध कुछ समझ नहीं आया जिसके बाद समबंध तोड़ दिया गया जिसके बाद युवक बेटी को बार-बार फोन कर परेशान करता था। वही 22 जून को भाई संजीत बहन के लिये दूसरा लड़का देखने गया था लेकिन उसके बाद से वापस नहीं आया।

25 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
योगी सरकार की हाईटेक पुलिस कानपुर के अपह्रत युवक को 25 दिन बाद भी खोज नहीं पाई है लगभग तीन से चार घंटे संजीत के परिवार से अपहरणकर्ताओं की बात चली बावजूद इसके पुलिस की साईबर सेल की टीम अपहरणकर्ता को ट्रेस नहीं कर पाई।
इंस्पेक्टर की नाकामी से पूरे अमले की हो रही थू थू
बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय की नाकामी से पूरे अमले की थू थू होने के बाद कानपुर एसएसपी ने रणजीत राय को निंलबित कर दिया वही उनके स्थान पर सर्विलांस सेल प्रभारी रहे हरमीत सिंह को थाना प्रभार मिला। साथ ही पूरे विभाग की नाक भी हरमीत के कंधों पर रख दी।
ईमानदार अधिकारी से हो जाॅच स्वाट टीम पर भरोसा नहीं
अपह्रत युवक की बहन रूचि का कहना हैं कि पैसा देने के बावजूद बर्रा पुलिस व एसटीएफ की टीम मेरे भाई को नहीं ला पाई वही टीम के सदस्य दिनेश यादव ने मुझ पर बयान बदलने का दबाव भी बनाया। मैने भाई प्रेम में आकर जो कहा गया सब माना। पर अब मुझे स्वाट टीम पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। किसी ईमानदार छवि के अधिकारी से जाॅच कराई जाये।

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प्रधानमंत्री ने ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ के अवसर पर युवाओं से कौशल प्राप्त करने, नया कौशल सीखने और कौशल बढ़ाने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने विश्व युवा कौशल दिवस और ‘कौशल भारत’ मिशन की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर आज आयोजित डिजिटल स्किल कॉन्क्लेव के लिए अपने संदेश में युवाओं से कौशल प्राप्‍त करने, नया कौशल सीखने और कौशल बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि तेजी से बदलते कारोबारी माहौल और बाजार स्थितियों में निरंतर प्रासंगिक बने रहना संभव हो सके। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के युवाओं को बधाई दी और कहा कि यह दुनिया सही मायनों में युवाओं की है क्‍योंकि उनमें सदैव नए कौशल हासिल करने की व्‍यापक क्षमता होती है।

उन्होंने कहा कि इसी दिन पांच साल पहले शुरू किए गए ‘स्किल इंडिया मिशन’ से कौशल प्राप्‍त करने, नया कौशल सीखने एवं कौशल बढ़ाने के लिए एक विशाल अवसंरचना का निर्माण हुआ है और इसके साथ ही स्थानीय एवं विश्व दोनों ही स्तरों पर रोजगार प्राप्त करने के अवसर बढ़ गए हैं। इसकी बदौलत देश भर में सैकड़ों पीएम कौशल केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं और आईटीआई परिवेश या व्‍यवस्‍था की क्षमता काफी बढ़ गई है। इन ठोस प्रयासों के परिणामस्‍वरूप पिछले पांच वर्षों में पांच करोड़ से भी अधिक युवाओं को ‘कुशल’ बना दिया गया है। कुशल कामगारों और नियोक्ताओं का खाका (मैपिंग) या विवरण तैयार करने के लिए हाल ही में लॉन्‍च किए गए पोर्टल का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे घर लौटे प्रवासी श्रमिकों सहित अन्‍य कामगारों को आसानी से नौकरी पाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही नियोक्ताओं को भी माउस को क्लिक करते ही कुशल कर्मचारियों से संपर्क करने में काफी आसानी होगी। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों के उत्‍कृष्‍ट कौशल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बदलने में भी काफी मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कौशल को एक उत्‍कृष्‍ट उपहार के रूप में वर्णित किया जिसे हम खुद को दे सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि कौशल दरअसल अनंत, अद्वितीय, अनमोल खजाना और एक साधन है जिसके जरिए न केवल रोजगार पाने लायक बना जा सकता है, बल्कि यह संतोषजनक जीवन जीने में भी मददगार साबित होता है। उन्होंने कहा कि नए कौशल हासिल करने के स्‍वाभाविक आकर्षण से व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा उत्‍पन्‍न होती है और व्‍यापक प्रोत्साहन मिलता है। कौशल न केवल आजीविका का साधन है, बल्कि हमारी सामान्‍य दिनचर्या में स्‍वयं को जीवंत और ऊर्जावान महसूस करने का एक विशेष गुण या माध्‍यम भी है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘ज्ञान’ और ‘कौशल’ के बीच के अंतर को भी सामने रखा। उन्होंने एक उदाहरण के साथ इसे स्‍पष्‍ट किया – यह जानना कि साइकिल कैसे चलती है, यह ‘ज्ञान’ है, जबकि वास्तव में स्‍वयं साइकिल चला लेना ‘कौशल’ है। युवाओं के लिए दोनों के बीच के अंतर को समझना और उनके विभिन्न संदर्भों एवं निहितार्थों को महसूस करना अत्‍यंत आवश्‍यक है। प्रधानमंत्री ने बढ़ई के कामकाज का एक उदाहरण देते हुए स्किलिंग, रिस्किलिंग और अपस्किलिंग के बीच की बारीकियों को समझाया।

प्रधानमंत्री ने देश में बड़ी संख्‍या में उपलब्‍ध कुशल कामगारोंका उपयोग करने के मामले में भारत की व्‍यापक क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का उदाहरण दिया जहां बड़ी संख्‍या में उपलब्‍ध कुशल भारतीय कामगार वैश्विक मांग को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने इस मांग का खाका या विवरण तैयार करने और भारतीय मानकों को अन्य देशों के मानकों के अनुरूप करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी तरह उन्होंने यह सुझाव दिया कि लंबी समुद्री परंपरा का अनुभव रखने वाले भारतीय युवा इस सेक्‍टर में बढ़ती मांग को ध्‍यान में रखते हुए विश्‍व भर में मर्चेंट नेवी में विशेषज्ञ नाविकों के रूप में अहम योगदान कर सकते हैं।

हर साल 15 जुलाई को मनाए जाने वाला ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ इस वर्ष वर्चुअल मोड में मनाया गया। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री आर.के. सिंह, और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के ग्रुप चेयरमैन श्री ए.एम.नाइक ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया। लाखों की संख्‍या में प्रशिक्षुओं के व्यापक नेटवर्क सहित प्रणाली के सभी हितधारकों ने इस सम्‍मेलन में भाग लिया।

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केंद्रीय जहाजरानी मंत्री ने कोलकाता बंदरगाह से पहले मालवाहक जहाज को चट्टग्राम बंदरगाह होते हुए अगरतला के लिए रवाना किया

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केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री मनसुख मांडविया ने आज एक वर्चुअल समारोह में कोलकाता बंदरगाह से बांग्लादेश के चट्टग्राम बंदरगाह होते हुए अगरतला के लिए पहला परीक्षण मालवाहक जहाज को रवाना किया। ऐसा भारत के पारगमन जहाजों की आवाजाही के लिए चट्टग्राम और मोंगल बंदरगाह का उपयोग करने के लिए बांग्लादेश के साथ हुए समझौते के तहत किया गया है।

श्री मनसुख मांडविया ने इस अवसर पर कहा कि यह मार्ग दोनों देशों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा। इससे बांग्लादेश के माध्यम से उत्तर पूर्व क्षेत्र को जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक और छोटा मार्ग मिलेगा। श्री मांडविया ने कहा कि यह भारत के पारगमनकार्गो के आवागमन के लिए चट्टग्राम और मोंगला बंदरगाह का उपयोग करने का यह एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि यह भारत-बांग्लादेश समुद्री संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ेगा।

इस परीक्षण मालवाहक जहाज की खेप में पश्चिम त्रिपुरा जिले के लिएटीएमटी स्टील बार वाले दो टीईयू और असम के करीमगंज के लिए दाल वाले दो टीईयू शामिल हैं। जहाज के चट्टग्राम बंदरगाह पहुंचने के बाद वहां से माल बांग्लादेशी ट्रकों में लादकर अगरतला पहुंचाए जाएंगे।

यह परीक्षण आवाजाही भारत के उत्तर पूर्व के राज्यों और बांग्लादेश की बीच संपर्क को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों की गहन कोशिशों को दर्शाता है। इस बारे में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अक्टूबर 2019 में भारत की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर पर समझौता हुआ जिसमें भारत से माल की आवाजाही के लिए चट्टग्राम और मोंगल बंदरगाहों के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया संपन्न हुई। यह कदम भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को और मजबूत करेगा।

इससे भारत के लिए माल के परिवहन में लगने वाली दूरी और समय की बचत होगी और यह दोनों देशों की  अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद कदम है। इससे रोजगार सृजन, माल ढुलाई क्षेत्र में निवेश, व्यापार सेवाओं, और राजस्व सृजन के मामले में बांग्लादेश को लाभ होगा। भारतीय माल के परिवहन के लिए बांग्लादेशी जहाजों और ट्रकों का उपयोग किया जाएगा।

भारतऔर बांग्लादेश ने हाल के वर्षों में जहाजरानी और अंतर्देशीय जल व्यापार में सहयोग बढ़ाया है। अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार पर प्रोटोकॉल के तहत,हाल ही में छह मौजूदा बंदरगाहों के अलावाप्रत्येक देश में पांच और जोड़े गए हैं। अंतर्देशीय जलमार्गों केतलमार्जन का काम एक समझौता ज्ञापन के तहत चल रहा है जिसपर बांग्लादेश के जलमार्गों के चुनिंदा हिस्से का विकास करने के लिए दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत भारत सरकार इस परियोजना व्यय का 80 फीसदी और शेष 20 फीसदी बांग्लादेश सरकार वहन करेगी। दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने और लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने के लिए क्रूज सेवाओं की भी शुरुआत की गई है।

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मनीषा शुक्ला बनी समर्थ नारी समर्थ भारत संस्था की कानपुर की सह संयोजिका

मनीषा शुक्ला

मनीषा शुक्ला जी को * समर्थ नारी समर्थ भारत * की कानपुर सह- संयोजिका का दायित्व सौपे जाने पर संगठन के पदाधिकारीयों और गणमान्य नागरिकों ने बधाई दी। उपस्थित लोगों ने कहा संगठन आशा करता है कि वैचारिक दृष्टि और नारी सम्मान और विकास के प्रति सदैव आप दृढ संकल्प रहेगी।भारत के विकास और विश्व कल्याण की भावना के साथ।अपने संगठन के लक्ष्य शस्त्र से शास्त्र तक और रोटी से रोजगार तक की भावना के साथ।ग्यान,विवेक, और संस्कृति के साथ आपका हमेशा सहयोग रहेगा।संगठन के प्रति सदैव तन मन धन से सेवाभाव रहेगी। नीरा सिन्हा वर्षा संस्थापिका एवं राष्ट्रीय संयोजिका समर्थ नारी समर्थ भारत लक्ष्य
शस्त्र से शास्त्र तक और रोटी से रोजगार तक ने भी मनीषा जी को बधाई डी

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