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पच्चीस दिन बाद भी कानपुर किडनैपिंग केस में पुलिस खाली हाथ

 कानपुर में बिकरू कांड के बाद चर्चित कांड जिसमे पुलिस फिर सवालो के घेरे में है। कानपुर दक्षिण क्षेत्र के बर्रा-5 निवासी संजीत यादव अपहरण मामले में बर्रा पुलिस के साथ-साथ सर्विलांस सेल भी पूरी तरह फेल हो गया हैं। पीड़ित परिवार पूरी तरह पुलिस के भरोसे पर थी। जिसकी वजह से पुलिस पर विश्वास कर अपहरणकर्ता को फिरौती की 30 लाख की रकम दे दी। वही रकम देने के बावजूद भी बेटे को बरामद न करा सके। अपह्रत बेटे के पिता चमन लाल ने रोते हुये अपनी आप बीती सुनाई की बेटी का रिश्ता राहूल नाम के युवक से तय हुआ था। पर बाद मे समबंध कुछ समझ नहीं आया जिसके बाद समबंध तोड़ दिया गया जिसके बाद युवक बेटी को बार-बार फोन कर परेशान करता था। वही 22 जून को भाई संजीत बहन के लिये दूसरा लड़का देखने गया था लेकिन उसके बाद से वापस नहीं आया।

25 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
योगी सरकार की हाईटेक पुलिस कानपुर के अपह्रत युवक को 25 दिन बाद भी खोज नहीं पाई है लगभग तीन से चार घंटे संजीत के परिवार से अपहरणकर्ताओं की बात चली बावजूद इसके पुलिस की साईबर सेल की टीम अपहरणकर्ता को ट्रेस नहीं कर पाई।
इंस्पेक्टर की नाकामी से पूरे अमले की हो रही थू थू
बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय की नाकामी से पूरे अमले की थू थू होने के बाद कानपुर एसएसपी ने रणजीत राय को निंलबित कर दिया वही उनके स्थान पर सर्विलांस सेल प्रभारी रहे हरमीत सिंह को थाना प्रभार मिला। साथ ही पूरे विभाग की नाक भी हरमीत के कंधों पर रख दी।
ईमानदार अधिकारी से हो जाॅच स्वाट टीम पर भरोसा नहीं
अपह्रत युवक की बहन रूचि का कहना हैं कि पैसा देने के बावजूद बर्रा पुलिस व एसटीएफ की टीम मेरे भाई को नहीं ला पाई वही टीम के सदस्य दिनेश यादव ने मुझ पर बयान बदलने का दबाव भी बनाया। मैने भाई प्रेम में आकर जो कहा गया सब माना। पर अब मुझे स्वाट टीम पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। किसी ईमानदार छवि के अधिकारी से जाॅच कराई जाये।