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15.89 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की अब तक 83 बैठकें हुईं

नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप, जिसमें विभिन्न बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के योजना प्रभागों के प्रमुख शामिल हैं, ने 83 बैठकें बुलाई हैं, जिनके दौरान 228 परियोजनाएं (एमएनआरई -1, एमओएचयूए-12, एमओपीएनजी-4, एमओपीएसडब्ल्यू-3, एमओआर-85, एमओआरटीएच-108), एनआईसीडीसी–12, एमओसीए-3) का मूल्यांकन किया गया है। इन परियोजनाओं की अनुमानित संचयी लागत 15.89 लाख करोड़ रुपए है।

पीएम गतिशक्ति एनएमपी को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय रसद नीति (एनएलपी) लॉन्च की गई थी। इसका मकसद सर्वोत्तम श्रेणी की प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाओं और कुशल जनशक्ति का लाभ उठाते हुए एक एकीकृत, निर्बाध, कुशल, विश्वसनीय, हरित, टिकाऊ और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना तथा व्यावसायिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है। इस पहल का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और समग्र प्रदर्शन में सुधार करना भी है।

राष्ट्रीय रसद नीति के तहत महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। सर्विस इंप्रूवमेंट ग्रुप (एसआईजी) लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में 36 व्यावसायिक संघों की भागीदारी के साथ अच्छी तरह से स्थापित है। अब तक 15 एसआईजी आयोजित किए जा चुके हैं और प्राप्त 126 मुद्दों में से 71 मुद्दों का समाधान किया जा चुका है। सेक्टर-विशिष्ट ज़रूरतों को संबोधित करने और बल्क और ब्रेक-बल्क कार्गो की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स (एसपीईएल) के लिए क्षेत्रीय योजनाएं विकसित की जा रही हैं। अब तक, कोयले के लिए एसपीईएल को अधिसूचित किया गया है और सीमेंट क्षेत्र के लिए इसे अंतिम रूप दिया गया है।

लॉजिस्टिक्स शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए 100 से अधिक विश्वविद्यालयों/संस्थानों में लॉजिस्टिक्स से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। 26 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने एनएलपी के अनुरूप अपनी-अपनी राज्य लॉजिस्टिक नीतियों को अधिसूचित किया है। 19 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा आवंटित किया है।

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म (यूलिप) ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कारोबार को सुव्यवस्थित करने के लिए 11 मंत्रालयों/विभागों में 34 लॉजिस्टिक्स-संबंधित डिजिटल सिस्टम/पोर्टल को एकीकृत किया है। भारत के 100% कंटेनरीकृत ईएक्सआईएम कार्गो की ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के लिए लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) विकसित किया गया है।

शहरों को विशिष्ट दृष्टिकोण, उद्देश्यों और स्थानीय विशेषताओं के अनुसार अपनी लॉजिस्टिक्स योजना को अनुकूलित करने में मदद के लिए 15 अक्टूबर 2024 को ‘भारतीय शहरों के लिए सिटी लॉजिस्टिक्स योजनाएं तैयार करने के लिए दिशानिर्देश’ लॉन्च किए गए थे। देशभर में लॉजिस्टिक्स लागत का आकलन करने हेतु एक रूपरेखा विकसित करने और 2023-24 के लिए एक व्यापक अध्ययन करने के लिए, एनसीएईआर के साथ समझौता ज्ञापन पर 5 जुलाई 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे।

13 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) ने हाल ही में अपनी तीसरी वर्षगांठ मनाई है, जिसने देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को बदलने में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। पीएम गतिशक्ति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने देश भर के 27 आकांक्षी जिलों के लिए जिला मास्टर प्लान के बीटा संस्करण का उद्घाटन किया।

पिछले तीन सालों में, पीएमजीएस एनएमपी ने सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। एनएमपी प्लेटफॉर्म ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (959) और 44 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों (726) से 1685 डेटा लेयर्स को एकीकृत किया है। अपने मजबूत अंतर-मंत्रालयी संस्थागत ढांचे के ज़रिए, पीएम गतिशक्ति भारत की बुनियादी ढांचा योजना में क्रांति ला रही है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 71 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया, जिनकी लागत 4.95 लाख करोड़ रुपए है। इसके बाद, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 74 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया, जिनकी कुल लागत 8.45 लाख करोड़ रुपए थी। 2024 में अब तक 83 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जा चुका है, जिनकी कुल लागत 2.49 लाख करोड़ रुपए है।

14/11/2024 को हुई पिछली बैठक में, नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के आधार पर आठ परियोजनाओं का मूल्यांकन किया: मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचे का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी, और सिंक्रनाइज़ परियोजना कार्यान्वयन। मूल्यांकन की गई परियोजनाओं में से रेल मंत्रालय द्वारा सात परियोजनाएं थीं: वर्धा – बल्हारशाह चौथी लाइन, इटारसी – नागपुर चौगुनी, गोंडिया – बल्हारशाह दोहरीकरण, अलुआबारी – न्यू जलपाईगुड़ी चौगुनी, बल्लारी – चिकजाजुर दोहरीकरण, होसुर – ओमलूर दोहरीकरण, और सिकंदराबाद – वाडी चौगुनी। इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एनएच-137A पर इम्फाल – काकचिंग – लमखाई रोड प्रस्तुत किया।

एनएमपी प्लेटफॉर्म ने वर्तमान और साथ ही आगामी भौतिक बुनियादी ढांचे, जैसे पाइपलाइन, ओएफसी केबल, सड़कों और रेल क्रॉसिंग के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक और लॉजिस्टिक नोड्स के साथ अंतिम मील कनेक्टिविटी में अंतर और चौराहों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 विज़न की ओर आगे बढ़ रहा है, पीएम गतिशक्ति, मल्टी-मॉडल बुनियादी ढांचे के विस्तार, स्मार्ट शहरों के विकास और औद्योगिक गलियारों और मेगा निवेश क्षेत्रों के माध्यम से देश की औद्योगिक क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की

एक महत्वपूर्ण सुधार में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की। ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, खुदरा दुकानें, ऑटोमोबाइल, डीटीएच व केबल सेवाएं और बैंकिंग समेत प्रमुख क्षेत्रों में फैली हुई हैं। इन कन्वर्जेंस कंपनियों से जुड़ी शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

कन्वर्जेंस साझेदारों की संख्या 2017 में 263 कंपनियों से लगातार बढ़कर अब 1009 कंपनियों तक पहुंच गई है। यह बढ़ोतरी हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन साझेदारों की भूमिका पर प्रकाश डालती है। साझेदारियां यह सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मामले के पहले स्तर पर ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता के भरोसे में बढ़ोतरी हो। हालांकि, यदि कोई शिकायत नहीं सुलझती, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उचित उपभोक्ता आयोग से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

भारत सरकार का उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) शिकायत निवारण प्रक्रिया में सुधार के लिए नियमित रूप से शिकायत डेटा को मॉनीटर करता है। हाल ही में, विभाग ने शीर्ष दस नॉट-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है, जिन्हें मौजूदा वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हिवरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्प.कॉम, डोमिनोज पिज्जा, हेयर अप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिंफनी लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों के साथ चल रही शिकायतों पर चर्चा करने, उन्हें संबोधित करने और उन्हें कन्वर्जेंस पार्टनर के रूप में शामिल करने के लिए अगले सप्ताह एक बैठक निर्धारित है।

एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में सार्थक बढ़ोतरी हुई है। एनसीएच की ओर से प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना बढ़ गई है। यह तेज बढ़ोतरी अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते भरोसे को दिखाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

शिकायत निवारण प्रणाली में और सुधार के लिए, एनसीएच 2.0 पहल के हिस्से के तौर पर एनसीएच एक एआई-आधारित बोली की पहचान, एक अनुवाद प्रणाली और एक बहुभाषी चैटबॉट शुरू करने की प्रक्रिया में है। इस तकनीकी अद्यतन का उद्देश्य शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को अधिक सहज, कुशल और समावेशी बनाना है।

एआई-संचालित बोली की पहचान और अनुवाद प्रणाली उपभोक्ताओं को मानवीय हस्तक्षेप को कम करते हुए, उनकी स्थानीय भाषाओं में बोलने के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की अनुमति देगी। बहुभाषी चैटबॉट त्वरित समय सहायता प्रदान करके, मानवीय डेटा भरने को कम करके और समग्र उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाकर शिकायत को निपटाने की प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करेगा।

ये बदलाव यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी भाषाई पृष्ठभूमि के उपभोक्ताओं को शिकायत निवारण प्रणाली तक समान पहुंच प्राप्त हो। उपभोक्ता मामले विभाग चिंतामुक्त, त्वरित और किफायती प्रभावी शिकायत समाधान प्रक्रिया उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एनसीएच 2.0 पहल के अंतर्गत जेनरेटिव एआई, बोली को समझने, अनुवाद और चैटबॉट प्रौद्योगिकियों की शुरूआत मामले के पहले चरण में उपभोक्ता संरक्षण में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।

विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को नया रूप दिया है, जिससे यह पूरे भारत में उपभोक्ताओं के लिए मामले के पहले चरण में शिकायत निवारण के लिए पहुंच का केंद्रीय बिंदु बन गया है। यह हेल्पलाइन हिंदी, अंग्रेजी, कश्मीरी, पंजाबी, नेपाली, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम, मैथिली, संथाली, बंगाली, उड़िया, असमिया और मणिपुरी समेत 17 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे सभी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को टोल-फ्री नंबर 1915 के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करने की सुविधा मिलती है। शिकायतों को एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (इनग्राम) पोर्टल पर भी दर्ज किया जा सकता है, जो एक केंद्रीकृत आईटी-सक्षम प्रणाली है और व्हाट्सऐप, एसएमएस, ईमेल, एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल और उमंग ऐप जैसे चैनल पर शिकायतें दर्ज करने की सुविधा प्रदान करती है।

एक बार शिकायतें प्राप्त होने पर, एनसीएच उन्हें समाधान के लिए संबंधित कंपनियों, नियामकों या सरकारी विभागों को भेज देता है।

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सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जम्मू-कश्मीर में ट्विन-ट्यूब जवाहर सुरंग का नवीनीकरण शुरू किया; दिसंबर 2024 में जनता के लिए खुलेगी

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जम्मू और कश्मीर में 1956 में निर्मित 2.5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब जवाहर सुरंग का नवीनीकरण किया है। इसे अत्याधुनिक आधुनिक तकनीक का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा, संरक्षा और आराम को बढ़ाने के लिए उन्‍नत किया गया है। इस प्रकार इसे आधुनिक सुरंगों के बराबर लाया गया है। पुनर्निर्मित सुरंग दिसंबर 2024 में जनता के लिए खोल दी जाएगी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित 62.5 करोड़ रुपये की लागत से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मोड के माध्यम से पुनर्वास किया गया। इसे बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन द्वारा लगभग एक वर्ष में पूरा किया गया है। इसके उन्‍नयन में सिविल के साथ-साथ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य भी शामिल है। इसमें 76 उच्‍च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे, धुआं और आग का पता लगाने वाले सेंसर, एससीएडीए सिस्टम और वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी कक्ष भी शामिल है।

जवाहर सुरंग ऐतिहासिक रूप से कश्मीर घाटी और लेह को शेष भारत से जोड़ने वाले पीर-पंजाल रेंज के माध्यम से एक महत्वपूर्ण मार्ग रही है। यह राष्‍ट्रीय राजमार्ग-44 का विकल्‍प है। जिन वाहनों को नवनिर्मित काजीकुंड-बनिहाल सुरंग को पार करने की अनुमति नहीं है, जैसे कि तेल टैंकर, विस्फोटक से लदे और गैसोलीन वाहन, वे इस सुरंग का उपयोग करेंगे।

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वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 10वें दौर के पहले दिन पांच कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गईं

कोयला मंत्रालय ने 21 जून 2024 को 10वें दौर के तहत वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी शुरू की थी। बोलियों के मूल्यांकन के बाद, नौ खदानों के लिए फॉरवर्ड ई-नीलामी 21.11.2024 से शुरू हुई।

पहले दिन 5 कोयला खदानों को नीलामी के लिए रखा गया। पाँच कोयला खदानों में से एक पूरी तरह से अन्वेषित की गई कोयला खदान है, जबकि 4 कोयला खदानें आंशिक रूप से अन्वेषित कोयला खदानें हैं। इन 5 कोयला खदानों का कुल भूवैज्ञानिक भंडार 2,630.77 मिलियन टन है। इन कोयला खदानों के लिए संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) 12.00 एमटीपीए है।

पहले दिन के परिणाम इस प्रकार हैं:

क्रमांक खदान का नाम राज्य पीआरसी

(एमटीपीए)

भूवैज्ञानिक भंडार (एमटी)
समापन बोली प्रस्तुत की गई
आरक्षित मूल्य  (%) अंतिम प्रस्ताव  (%)
1 मरवाटोला दक्षिण मध्यप्रदेश लागू नहीं 126.300
माइनवेयर एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड
4.00 22.25
2 नया पात्रपाड़ा दक्षिण रवाटोला ओडिशा 12.00 720.870 एनएलसी इंडिया लिमिटेड 4.00 5.50
3 सराई पूर्व (दक्षिण) मध्यप्रदेश लागू नहीं 128.600 एसीसी लिमिटेड 4.00 5.50
4 गावा ( पूर्व) झारखंड लागू नहीं 55.000
श्रीजी नुरावी कोल माइनिंग एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड
4.00 7.00
5 बरतप (संशोधित) ओडिशा लागू नहीं 1600.00
जेएसडब्ल्यू एनर्जी उत्कल लिमिटेड

 

4.00 8.50

 

परिचालन शुरू होने पर ये कोयला खदानें पीआरसी पर की गई गणना के आधार पर (आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों को छोड़कर) ~1106.91 करोड़ रु. का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करेंगी। ये खदानें ~ 1800.00 करोड़ रु. के पूंजी निवेश को आकर्षित करेंगी और ~16,224 लोगों को इनसे रोजगार मिलेगा।

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डीआरआई ने मुंबई हवाई अड्डे पर 3496 ग्राम कोकीन के साथ एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया

एक बड़ी कार्रवाई में, राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने 22 नवंबर, 2024 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सिएरा लियोन से आने वाले एक लाइबेरिया के नागरिक को पकड़ा। यात्री के ट्रॉली बैग की जांच के दौरान, डीआरआई अधिकारियों ने पाया कि वह असामान्य रूप से भारी था। गहन जांच के दौरान उसमें दो पैकेट मिले, जिनमें एक सफेद पाउडर जैसा पदार्थ था। उसे ट्रॉली बैग के नकली तली में बड़ी चालाकी से छिपाया गया था। क्षेत्रीय स्तर पर परीक्षणों से पुष्टि हुई कि यह पदार्थ कोकीन था, जिसका कुल वजन 3,496 ग्राम था, जिसका अवैध बाजार में अनुमानित मूल्य लगभग 34.96 करोड़ रुपये है। उस यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। डीआरआई नशीले पदार्थों की तस्करी के सिंडिकेट को खत्म करने और हमारे नागरिकों को नशीले पदार्थों के खतरे से सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने लेह में एनटीपीसी की ग्रीन हाइड्रोजन बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया

केंद्रीय विद्युत तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विद्युत मंत्रालय, लेह प्रशासन और एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में लेह में एनटीपीसी की हरित हाइड्रोजन बसों के बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

बसों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करने के बाद, मंत्री महोदय ने एक हाइड्रोजन बस में सवार होकर हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन से लेह हवाई अड्डे तक 12 किलोमीटर की यात्रा की।

केंद्रीय मंत्री ने एनटीपीसी को गतिशीलता, पीएनजी के साथ सम्मिश्रण, हरित मेथनॉल जैसे विभिन्न मोर्चों पर हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को अपनाने और नवीकरणीय ऊर्जा पर समग्र जोर देने के माध्यम से देश की ऊर्जा सुरक्षा और डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में उसके अनूठे योगदान के लिए बधाई दी।

लेह स्थित हरित हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजना में 1.7 मेगावाट का सौर संयंत्र, 80 किलोग्राम/दिन क्षमता वाला हरित हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन और 5 हाइड्रोजन इंट्रा-सिटी बसें शामिल हैं। प्रत्येक बस 25 किलोग्राम हाइड्रोजन भरकर 300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। यह दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई (3650 मीटर एमएसएल) वाली हरित हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजना भी है, जिसे कम घनत्व वाली हवा, शून्य डिग्री से नीचे के तापमान में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह 350 बार प्रेशर पर हाइड्रोजन भर सकती है।

यह स्टेशन प्रतिवर्ष लगभग 350 एमटी कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा तथा वातावरण में प्रतिवर्ष 230 एमटी शुद्ध ऑक्सीजन का योगदान देगा, जो लगभग 13000 पेड़ लगाने के बराबर है।

लद्दाख में हरित हाइड्रोजन गतिशीलता समाधान की संभावना बहुत मजबूत है, क्योंकि यहां कम तापमान के साथ उच्च सौर विकिरण होता है, जो सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन का कुशलतापूर्वक उत्पादन करने के लिए एक उपयुक्त स्थान है। इन स्थानों पर इस हरित ईंधन के उत्पादन और उपयोग से जीवाश्म ईंधन रसद से बचा जा सकेगा और ऊर्जा आवश्यकता के मामले में ये स्थान आत्मनिर्भर बनेंगे।

एनटीपीसी विभिन्न हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों की तैनाती के अलावा पूरे देश में और ज्यादा हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजनाएं स्थापित कर रही है तथा आंध्र प्रदेश में हाइड्रोजन हब की स्थापना सहित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तेजी से बढ़ा रही है।

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स्पैम कॉलों और एसएमएस से निपटने के लिए ट्राई द्वारा किए जा रहे उपाय

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पैम कॉल और एसएमएस के लगातार बढ़ते मुद्दे से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं-
  1. कड़े उपायों के कारण स्पैम कॉलों के खिलाफ शिकायतों में कमी आई है: ट्राई ने 13 अगस्त, 2024 को निर्देश जारी किया की  नियमों के उल्लंघन में प्रचार वॉयस कॉल करने वाली किसी भी इकाई को सख्त परिणाम भुगतने होंगे। इसमें सभी दूरसंचार संसाधनों को हटाना, दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करना और ब्लैकलिस्टिंग अवधि के दौरान नए संसाधन आवंटन पर प्रतिबंध शामिल है। इसके परिणामस्वरूप एक्सेस प्रोवाइडर्स ने व्यापक कार्रवाइयां की हैं और स्पैम कॉलों के विरुद्ध दर्ज की गई शिकायतों में काफी कमी आई है। एक्सेस प्रोवाइडर्स द्वारा रिपोर्ट किए गए अपंजीकृत प्रेषकों के खिलाफ पंजीकृत शिकायतों की संख्या अगस्त 2024 में 1लाख 89 हज़ार थी जो सितंबर 2024 में घटकर 1लाख 63 हज़ार (अगस्त से 13 प्रतिशत की कमी) और अक्टूबर 2024 में 1 लाख 51 हज़ार (अगस्त से 20 प्रतिशत की कमी) हो गई है।
  2. उन्नत संदेश ट्रेसबिलिटी के कार्यान्वयन में अच्छी प्रगति : संदेश का पता लगाने की क्षमता में वृद्धि करने के लिए ट्राई ने 20 अगस्त 2024 को निर्देश जारी किया और नवंबर 2024 से प्रेषकों/प्रमुख संस्थाओं से प्राप्तकर्ताओं तक गए सभी संदेशों को अनिवार्य रूप से पता लगाने योग्य होना चाहिए। सभी एक्सेस प्रोवाइडर्स ने तब से तकनीकी समाधान लागू कर दिए हैं। हलाकि ट्राई ने 28 अक्टूबर 2024 को अपने निर्देश में तकनीकी उन्नयन और प्रधान कंपनियों (पीई) और टेलीमार्केटरों (टीएम) द्वारा श्रृंखला घोषणा के लिए समय को 30 नवंबर, 2024 तक बढ़ाया।

इन उपायों और पीई तथा आरटीएम द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्राई के तत्वावधान में वेबिनार आयोजित किए जाते हैं। पहला वेबिनार 12 नवंबर 2024 को रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसमें आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दूसरा वेबिनार वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के सहयोग से 19 नवंबर, 2024 को आयोजित किया गया और इसमें केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के 800 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस श्रृंखला में एक और वेबिनार 25 नवंबर 2024 के लिए निर्धारित है। इसे टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, अन्य केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों, आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई द्वारा विनियमित संस्थाओं, नैसकॉम, फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफएसीई) और अन्य संगठनको निमंत्रण भेजा गया है।

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप तेरह हजार से अधिक पीई ने संबंधित एक्सेस प्रोवाइडर्स  के पास अपनी चेन को पहले ही पंजीकृत करा लिया है और आगे पंजीकरण तीव्र गति से चल रहा है। एक्सेस प्रोवाइडर्स  ने उन सभी प्रमुख संस्थाओं (पीई) और पंजीकृत टेलीमार्केटरों (आरटीएम) को कई चेतावनी नोटिस भेजे हैं जिन्होंने अभी तक आवश्यक परिवर्तन कार्यान्वित नहीं किए हैं। सभी पीई और टीएम को सलाह दी जाती है कि वे प्राथमिकता के आधार पर चेन की घोषणा को पूरा करें क्योंकि कोई भी संदेश जो परिभाषित टेलीमार्केटर श्रृंखला का पालन करने में विफल रहता है, उसे अस्वीकार कर दिया जाएगा।

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55वें आईएफएफआई में आयोजित पहली पैनल चर्चा में महिला सुरक्षा और सिनेमा पर चर्चा की गई

55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की पहली पैनल चर्चा आज महिला सुरक्षा और सिनेमा पर बातचीत के साथ शुरू हुई। प्रसिद्ध अभिनेत्री और निर्माता वाणी त्रिपाठी टिक्कू द्वारा संचालित इस सत्र में फिल्म निर्माता इम्तियाज अली, अभिनेत्री सुहासिनी मणिरत्नम, खुशबू सुंदर और भूमि पेडनेकर सहित पैनलिस्ट एक साथ आए। उन्होंने फिल्म उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा, लैंगिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक मूल्यों को आकार देने में सिनेमा की भूमिका से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

पैनलिस्टों ने व्यक्तिगत अनुभव और सोच साझा की कि कैसे फिल्म उद्योग महिलाओं को पर्दे पर और पर्दे के पीछे बेहतर तरीके से समर्थन कर सकता है और सशक्त बना सकता है। उन्होंने एक सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया जहां सिनेमा में महिलाएं उत्पीड़न या शोषण की चिंता किए बिना स्वतंत्र रूप से काम कर सके।

चर्चा का एक महत्वपूर्ण भाग इस बात पर केंद्रित था कि अगर कोई अपराधी पहचाना जाता है तो फिल्म सेट को किस तरह से पेश आना चाहिए। पैनलिस्ट इस बात पर सहमत हुए कि कार्यस्थल पर लैंगिक अन्याय के प्रति सहनशीलता अब स्वीकार्य नहीं है। सुहासिनी मणिरत्नम ने अपना अनुभव साझा किया कि कैसे पुरुष अभिनेता अक्सर सेट पर आते हैं और दृश्यों में बदलाव का सुझाव देते हैं ऐसा महिलाओं के साथ शायद ही कभी होता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी अपने दृश्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने प्रतिनिधित्व में निष्क्रिय भागीदार बनने के बजाय बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उद्योग के पेशेवरों के लिए क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले कार्य संबंधी नैतिकता को समझना आवश्यक है।

इम्तियाज अली ने एक ऐसा कार्य संस्कृति बनाने के महत्व पर जोर दिया जहां सेट पर महिलाएं केवल कला पर ध्यान केंद्रित कर सकें बिना इस बात की चिंता किए कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता सेट पर लैंगिक अन्याय के प्रति सहनशील नहीं हो सकते हैं।

इस बातचीत में फिल्मों में महिलाओं के चित्रण और यह कैसे उनके लिए एक सुरक्षित स्थान के निर्माण को सीधे प्रभावित करता है इस पर भी चर्चा हुई। भूमि पेडनेकर ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की गरिमा और उन्हें पर्दे पर जिस तरह से दिखाया जाता है वह एक सम्मानजनक और सशक्त वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

खुशबू सुंदर ने कहा कि उनका ध्यान मनोरंजक फिल्में बनाने पर है, लेकिन वह ऐसा जिम्मेदारी से करती हैं यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके काम में समानता और सम्मान के सिद्धांतों से समझौता न हो। पैनलिस्ट सामूहिक रूप से इस बात पर सहमत हुए कि महिलाओं को गरिमा के साथ चित्रित करना केवल चरित्र के बारे में नहीं है, बल्कि बड़े पैमाने पर उद्योग के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करने के बारे में है।

चर्चा में दर्शकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। दर्शकों ने सिनेमा में महिलाओं की उभरती भूमिका और कैसे उद्योग उनकी सुरक्षा या गरिमा से समझौता किए बिना उन्हें सफल होने के लिए जगह बनाना जारी रख सकता है इस बारे में सवाल पूछे।

आईएफएफआई 2024 के पहले पैनल के रूप में, इस बातचीत ने एक ऐसे उत्सव की शुरुआत की, जो न केवल सिनेमा की कला का उत्सव मनाता है बल्कि सभी के लिए एक सुरक्षित, अधिक समावेशी भविष्य को आकार देने में उद्योग की जिम्मेदारी की भी आलोचनात्मक जांच करता है।

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82 युवा कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया

वर्ष 2022 और 2023 के असाधारण विजेताओं को सम्मानित करने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार समारोह का उद्घाटन संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री अरुणीश चावला; सुश्री उमा नंदूरी, संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय; संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष श्री जोरावर सिंह जादव; संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा और संगीत नाटक अकादमी के सचिव श्री राजू दास ने किया।

डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में 82 युवा कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री अरुणीश चावला ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह देखकर खुशी हो रही है कि इस वर्ष के पुरस्कार विजेता भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो देश के हर कोने, हर क्षेत्र, हर राज्य और हर समुदाय की अनूठी विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस पुरस्कार के माध्यम से, संगीत नाटक अकादमी और भारत सरकार ने प्रदर्शन कला में उनके असाधारण योगदान को मान्यता दी है।”

पुरस्कार समारोह के बारे में बोलते हुए, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा ने कहा, “यह देखना वास्तव में खुशी की बात है कि आज के युवा नर्तक किस तरह अपनी कला के प्रति इतनी लगन से समर्पित हो गए हैं। विकल्पों की प्रचुरता, वैश्वीकरण के प्रभाव और आधुनिक दुनिया की विकर्षणों के बावजूद, इन युवाओं ने आत्मविश्वास से अपना रास्ता चुना है। वे अपनी कला में महारत हासिल करने के लिए अथक प्रयास करते हैं और वह भावना आज यहां पुरस्कार विजेताओं में स्पष्ट झलकती है।”

पुरस्कार समारोह के बाद, 22 से 26 नवंबर, 2024 तक तीन अलग-अलग स्थानों – मेघदूत थिएटर कॉम्प्लेक्स, रवींद्र भवन, कोपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली; अभिमंच थिएटर, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, भावलपुर हाउस, नई दिल्ली और विवेकानंद ऑडिटोरियम, कथक केंद्र, चाणक्यपुरी में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के विजेताओं की प्रस्तुति के लिए प्रदर्शन कला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

 

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार

संगीत नाटक अकादमी ने 40 वर्ष की आयु तक के युवा प्रदर्शन कला साधकों के लिए वर्ष 2006 में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार (यूबीकेयूपी) की स्थापना की। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार हर साल संगीत, नृत्य, नाटक, लोक और आदिवासी कला और कठपुतली के क्षेत्र में उत्कृष्ट युवा कलाकारों को दिल्ली और दिल्ली के बाहर आयोजित एक विशेष समारोह में दिया जाता है। युवा पुरस्कार के तहत 25,000/- रुपये (केवल पच्चीस हजार रुपये) की राशि, एक पट्टिका और एक अंगवस्त्रम प्रदान किया जाता है।

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य देश के संगीत, नृत्य, नाटक, लोक और आदिवासी कला रूपों और अन्य संबद्ध प्रदर्शन कला रूपों के क्षेत्र में युवा कलाकारों को प्रोत्साहित और प्रेरित करना था।

वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार विजेताओं की सूची इस प्रकार है:

वर्ष 2022 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ युवा पुरस्कार

कला का क्षेत्रः संगीत -10

  1. समित मल्लिक हिंदुस्तानी गायन
  2. समर्थ जानवे हिंदुस्तानी गायन
  3. संगीत मिश्रा हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (सारंगी)
  4. पार्थो रॉय चौधुरी हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (संतूर)
  5. गायत्री कर्नाटक गायन
  6. आइ. श्वेता प्रसाद कर्नाटक गायन
  7. बी. अनंता कृष्णन कर्नाटक वाद्य संगीत (वायलिन)
  8. सहाना एस. वी. कर्नाटक वाद्य संगीत (वीणा)
  9. मनोज राय रचनात्मक एवं प्रायोगिक संगीत
  10. नंदिनी राव गुजर संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ (सुगम संगीत)

कला का क्षेत्रः नृत्य -10

  1. मंदाक्रांता रॉय भरतनाट्यम
  2. कदम पारिख कथक
  3. ऊर्मिका माइबम मणिपुरी
  4. टी. रेड्डी लक्ष्मी कूचिपूड़ी
  5. आरूपा गायत्री पाण्डा ओडिसी
  6. डिम्पी बैश्य सत्रिय
  7. अक्षरा एम. दास मोहिनीआट्टम
  8. प्रद्युम्न कुमार मोहंता छऊ
  9. मिंगमा दोर्जी लेप्चा रचनात्मक एवं प्रायोगिक नृत्य
  10. अपर्णा नांगियार नृत्य एवं नृत्य नाट्य की अन्य प्रमुख परंपराएँ (नांगियारकुथु)

कला का क्षेत्रः रंगमंच– 08

  1. बेलुरु रघुनंदन नाट्य लेखन
  2. ईफ़रा मुश्ताक़ काक नाट्य निर्देशन
  3. हरिशंकर रवि नाट्य निर्देशन
  4. हरविंदर सिंह नाट्य अभिनय
  5. कुमार रविकांत नाट्य अभिनय
  6. सिद्धि उपाध्ये नाट्य अभिनय
  7. मुकुंद नाथ माइम (मूक अभिनय)
  8. संगीत श्रीवास्तव संबद्ध नाट्य कलाएँ (प्रकाश विन्यास)

कला का क्षेत्रः अन्य पारंपरिक/लोक/जनजातीय नृत्य/संगीत/नाट्य और पुतुल कला – 11

  1. लता तिवारी एवं संजय दत्त पांडे (संयुक्त पुरस्कार), लोक संगीत एवं नृत्य, उत्तराखंड
  2. चाउ साराथम नामचूम लोक संगीत, अरुणाचल प्रदेश
  3. समप्रिया पूजा लोक संगीत एवं नृत्य, छत्तीसगढ़
  4. सूर्यवंशी प्रमिला कौतिकराव लोक नृत्य (लावणी), महाराष्ट्र
  5. कुमार उदय सिंह लोक नृत्य, बिहार
  6. नसरुल्ला ईपीआइ लोक नृत्य, लक्षद्वीप
  7. बिनीता देवी पुतुल कला, असम
  8. महेश आबा सतरकर लोक नृत्य, गोवा
  9. वसावा मुकेशभाई एम. लोक नृत्य, गुजरात

10. गुलज़ार अहमद भट्ट लोक नृत्य, जम्मू-कश्मीर

11. मोइरांथेम केन्द्रा सिंह नट संकीर्तन, मणिपुर

कला का क्षेत्रः प्रदर्शन कला में समग्र योगदान/विद्वत्ता– 1

  1. अनुत्तमा मुरला प्रदर्शन कला में समग्र योगदान

वर्ष 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ युवा पुरस्कार

कला का क्षेत्रः संगीत -10

  1. अनुजा झोकरकर हिंदुस्तानी गायन
  2. मोनिका सोनी हिंदुस्तानी गायन
  3. ऋषि शंकर उपाध्याय हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (पखावज)
  4. सारंग राजन कुलकर्णी हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (सरोद)
  5. एस. आर. विनय शर्व कर्नाटक गायन
  6. रामकृष्ण मूर्ति कर्नाटक गायन
  7. अक्षय अनंतपद्मनाभन कर्नाटक वाद्य संगीत (मृदंगम)
  8. सैखोम पिंकी देवी रचनात्मक एवं प्रायोगिक संगीत
  9. सत्यवती मुडावत रचनात्मक एवं प्रायोगिक संगीत
  10. नागेश शंकरराव अडगांवकर संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ (अभंग)

कला का क्षेत्रः नृत्य -10

  1. अपूर्वा जयरमण भरतनाट्यम
  2. मेघरंजनी मेडी कथक
  3. कलामंडलम विपीन शंकर कथकलि
  4. पुखराम्बम रीपा देवी मणिपुरी
  5. मुरमल्ला सुरेंद्र नाथ कूचिपूड़ी
  6. देबाशीष पटनायक ओडिसी
  7. मुकुंद सैकिया सत्रिय
  8. विद्या प्रदीप मोहिनीआट्टम
  9. सुनीता महतो छऊ
  10. वेंकटेश्वरन कुप्पुस्वामी नृत्य संगीत

कला का क्षेत्रः रंगमंच– 08

  1. प्रियदर्शिनी मिश्रा नाट्य लेखन
  2. बेन्दांग वॉलिंग नाट्य निर्देशन
  3. शुभोजीत बनर्जी नाट्य निर्देशन
  4. ऋतुजा राजन बागवे नाट्य अभिनय
  5. विपन कुमार नाट्य अभिनय
  6. श्रुति सिंह नाट्य अभिनय
  7. मल्लिकार्जुन राव बचाला सम्बद्ध नाट्य कलाएँ (रूप विन्यास)
  8. पुनीत डिमरी और अमित खंडूरी

(संयुक्त पुरस्कार) रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपराएँ (रामलीला)

कला का क्षेत्रः अन्य पारंपरिक/लोक/जनजातीय नृत्य/संगीत/नाट्य और पुतुल कला – 11

  1. अंगदी भास्कर लोक संगीत (दप्पलु), तेलंगाना
  2. आलोक बिशोई लोक नृत्य एवं संगीत, ओडिशा
  3. एम प्रकाश लोक नृत्य, पुडुचेरी
  4. पद्मा डोलकर लोक संगीत और नृत्य, लद्दाख
  5. सुखराम पाहन लोक संगीत, झारखंड
  6. यूसुफ खान मेवाती जोगी लोक संगीत, राजस्थान
  7. कलामंडलम रवि शंकर टी. एस. लोक वाद्य (चेंडा), केरल
  8. दीक्षित कुशल मनवंतराय लोक नृत्य, गुजरात
  9. प्रियंका शक्ति ठाकुर पारंपरिक रंगमंच, महाराष्ट्र
  10. अनुरीत पाल कौर लोक संगीत, पंजाब
  11. चारु शर्मा लोक संगीत, हिमाचल प्रदेश

कला का क्षेत्रः प्रदर्शन कला में समग्र योगदान/विद्वत्ता – 1

  1. लक्ष्मीनारायण जेना, प्रदर्शन कला में समग्र योगदान

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फ्लोरोजेनिक जांच के उपयोग से एचआईवी जीनोम की स्पष्ट पहचान की नई तकनीक विकसित की गई

शोधकर्ताओं ने फ्लोरोमेट्रिक जांच द्वारा एचआईवी-जीनोम व्युत्पन्न जी-क्वाड्रप्लेक्स के चार जुड़े हुए न्यूक्लियोटाइड्स स्ट्रिंग वाले असामान्य और विशिष्ट डीएनए संरचना की खोज के लिए नई तकनीक विकसित की है। इससे  एचआई वायरस का सटीकता से पता लगाया जा सकता  है।

ह्यूम्न इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस टाइप 1 (एचआईवी-1) एक रेट्रोवायरस है जो प्रतिरोध हीनता जनित सिंड्रोम एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) के लिए जिम्मेदार है।  मानव स्वास्थ्य के लिए यह दुनिया भर में खतरा बना हुआ है। आम तौर पर एचआईवी की जांच  में शुरुआती संक्रमण का पता नही चल पाता और क्रॉस-रिएक्टिविटी के कारण यह मिथ्या सकारात्मकता का जोखिम बढ़ा सकता है। इस वायरस की आरंभिक पहचान की अन्य जांच में अल्प संवेदनशीलता और दीर्घकालीन प्रक्रिया चलती है। मौजूदा न्यूक्लिक एसिड-आधारित जांच सामान्य तौर पर डीएनए सेंसिंग जांच के उपयोग से गलत पॉजिटिव रिपोर्ट देती हैं जिससे गैर-विशिष्ट और लक्षित एम्पलीकॉन के बीच अंतर जानना मुश्किल हो जाता है। इस संदर्भ में, विशिष्ट न्यूक्लिक एसिड अनुक्रमों की पहचान और लक्ष्यीकरण से झूठी पॉजिटिविटी में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। इसलिए, अब आणविक जांच विकसित होने से रोगजनक जीनोम में असामान्य अद्वितीय न्यूक्लिक एसिड जीक्यू संरचनाओं की भली-भांति पहचान हो सकती है और सटीक नैदानिक जांच के विकास में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने नई जांच ​​तकनीक विकसित की है जिसे जीक्यू टोपोलॉजी-टारगेटेड रिलायबल कंफॉर्मेशनल पॉलीमॉर्फिज्म (जीक्यू-सीआरपी) प्लेटफॉर्म कहा जाता है। आरंभ में  इसे सार्स – कोव 2 जैसे रोगजनकों के फ्लोरोमेट्रिक पता लगाने के लिए विकसित किया गया था। अब  इस उपयोगी प्लेटफ़ॉर्म को एचआईवी  की जांच के लिए सफलतापूर्वक अनुकूलित किया गया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान जेएनसीएएसआर के वैज्ञानिको सुमन प्रतिहार, वसुधर भट एस.वी., कृति के. भागवत, थिमैया गोविंदराजू ने 176-न्यूक्लियोटाइड युक्त जीनोमिक सेगमेंट के रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन और एम्पलीफिकेशन विधि द्वारा एचआईवी-व्युत्पन्न जीक्यू डीएनए का जीक्यू टोपोलॉजी पता लगाने की प्रस्तुति दी।

संबंधित अध्ययन एनालिटिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित किया गया है जिसमें जीक्यू संरचना में डीएसडीएनए के पीएच-मध्यस्थ, सुगम, एकल-चरण मात्रात्मक संक्रमण को दिखाया गया है। इसमें बेंज़ोबिस्थियाज़ोल-आधारित फ्लोरोसेंट जांच (टीजीएस64) का उपयोग कर वायरस का पता लगाया जाता है। यह एचआईवी की विश्वसनीय जांच की पद्धति प्रदान करता है।

यह शोध अध्ययन हाल के वर्षों में विकसित अधिकांश अन्य जांच के विपरीत विशिष्ट और असामान्य न्यूक्लिक एसिड-लघु अणु पारस्पारिकता के आधार पर विशिष्ट नैदानिक पद्धति है।

इस आणविक पहचान प्लेटफ़ॉर्म को मौजूदा न्यूक्लिक एसिड आधारित डायग्नोस्टिक प्लेटफ़ॉर्म में शामिल किया जा सकता है, जिससे अनुक्रम विशिष्ट पहचान से उत्पन्न विश्वसनीयता और बढ़ेगी।

यह मौजूदा प्रवर्धन-आधारित तकनीकों की समस्या भी कम कर सकता है, गैर-विशिष्ट प्रवर्धन से उत्पन्न होने वाले भ्रामक-पॉजिटिव परिणामों और लक्षित जीक्यू (गैर-विहित न्यूक्लिक एसिड अनुरूपता) का स्पष्ट रूप से पता लगाने में सहायक हो सकता है।

जीक्यू-आरसीपी आधारित प्लेटफ़ॉर्म को बैक्टीरिया और वायरस सहित विभिन्न डीएनए/आरएनए आधारित रोगों का पता लगाने के लिए व्यावहारिक रूप से अपनाया जा सकता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001SL34.png

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