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सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जम्मू-कश्मीर में ट्विन-ट्यूब जवाहर सुरंग का नवीनीकरण शुरू किया; दिसंबर 2024 में जनता के लिए खुलेगी

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जम्मू और कश्मीर में 1956 में निर्मित 2.5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब जवाहर सुरंग का नवीनीकरण किया है। इसे अत्याधुनिक आधुनिक तकनीक का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा, संरक्षा और आराम को बढ़ाने के लिए उन्‍नत किया गया है। इस प्रकार इसे आधुनिक सुरंगों के बराबर लाया गया है। पुनर्निर्मित सुरंग दिसंबर 2024 में जनता के लिए खोल दी जाएगी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित 62.5 करोड़ रुपये की लागत से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मोड के माध्यम से पुनर्वास किया गया। इसे बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन द्वारा लगभग एक वर्ष में पूरा किया गया है। इसके उन्‍नयन में सिविल के साथ-साथ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य भी शामिल है। इसमें 76 उच्‍च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे, धुआं और आग का पता लगाने वाले सेंसर, एससीएडीए सिस्टम और वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी कक्ष भी शामिल है।

जवाहर सुरंग ऐतिहासिक रूप से कश्मीर घाटी और लेह को शेष भारत से जोड़ने वाले पीर-पंजाल रेंज के माध्यम से एक महत्वपूर्ण मार्ग रही है। यह राष्‍ट्रीय राजमार्ग-44 का विकल्‍प है। जिन वाहनों को नवनिर्मित काजीकुंड-बनिहाल सुरंग को पार करने की अनुमति नहीं है, जैसे कि तेल टैंकर, विस्फोटक से लदे और गैसोलीन वाहन, वे इस सुरंग का उपयोग करेंगे।