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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण(आत्मा) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के शासी निकाय (गवर्निंग बोर्ड) की बैठक सम्पन्न

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार आज कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण(आत्मा) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के शासी निकाय (गवर्निंग बोर्ड) की बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (SMAE) आत्मा एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन, न्यूद्र सीरियल एवं कोर्स सीरियल घटक) के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 में कराये गये कार्यो के सम्बन्ध में अवगत कराया गया तथा वर्ष 2024-25 में कराये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की गई एवं आत्मा योजना तथा एन०एफ०एस०एम०योजना की जिला कृषि कार्य योजना का अनुमोदन जिलाधिकारी द्वारा प्रदान किया गया।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित समस्त संबंधित अधिकारियों को निम्न निर्देश दिए गए :-

• प्रत्येक विकास खण्ड से लक्ष्य के अनुरूप कृषकों को अन्तर्राज्जीय, राज्य के अन्दर, जनपद के अन्दर भ्रमण कराकर प्रशिक्षित किया जायेगा।
• आत्मा योजनान्तर्गत कृषि विभाग द्वारा 50 प्रदर्शन प्रति विकास खण्ड तथा कृषि से सम्बन्धित अन्य विभागों द्वारा कुल 14 प्रदर्शन प्रति विकास खण्ड आयोजित कराया जाए।
• जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि कृषि विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रदर्शनी जनपद के कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में कराये जाये ताकि जनपद की कुल उत्पादकता में सुधार हो सके।
• योजना में लक्ष्य के अनुरूप जनपद के किसानों को अच्छा उत्पादन प्राप्त करने वाले किसानों को सम्मानित करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया जाए।
• एन०एफ०एस०एम० योजनान्तर्गत 100 हे० मूंग, 300 हे० ज्यार, 200 हे० चना का क्लस्टर प्रदर्शन आयोजित किया जाये तथा विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज का वितरण को अनुदान दिया जायेगा।
• कृषि यंत्र यथा रोटावेटर, सीडड्रिल मल्टीकाप बेसर, लेजर लैण्ड लेवलर आदि का वितरण अनुदान पर लक्ष्य के अनुरूप किया जायेगा।
• मिलेट्स जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद स्तरीय मिलेट्स किसान मेला, रोड शो का आयोजन किया जाए तथा 50 कृषकों को प्रशिक्षण कराया जायेगा।
• क्षेसिंग फ्लोर, स्माल गोदाम, बखारी आदि का वितरण अनुदान पर लक्ष्य के अनुरूप कराया जायेगा।
बैठक में उप कृषि निदेशक कानपुर नगर श्री चीधरी अरुण कुमार,भूमि संरक्षण अधिकारी,समिति के सदस्य सहित प्रगतिशील कृषकगण उपस्थित रहे ।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 आलोक रंजन ने कहा जिला दिव्यांग बोर्ड, कानपुर के समक्ष शारीरिक परीक्षण हेतु उपस्थित हों

कानपुर 13 अगस्त  (सू0वि0) मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 आलोक रंजन ने जन साधारण को सूचित किया है कि कानपुर नगर के ऐसे दिव्यांगजन लाभार्थी, जिन्होंने अपना पंजीकरण https://swavlambancard.gov.in/ पर तो करा लिया है, किन्तु जिला दिव्यांग बोर्ड, कानपुर नगर के समक्ष शारीरिक परीक्षण हेतु उपस्थित नहीं हुए हैं।
उन्होंने ऐसे समस्त सम्मानित पंजीकृत दिव्यांगजनों से यह अपेक्षा की है कि आप यथाशीघ्र किसी भी कार्यदिवस के सोमवार को जिला दिव्यांग बोर्ड, कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कानपुर नगर एवं किसी भी बृहस्पतिवार को जिला दिव्यांग बोर्ड यू०एच०एम० चिकित्सालय कैम्पस कानपुर नगर में पूर्व में कराये जा चुके ऑनलाइन आवेदन के साथ 02 फोटो एवं आधार कार्ड की छायाप्रति लेकर शारीरिक परीक्षण हेतु उपस्थित हों, ताकि सम्बन्धित लाभार्थियों का यू०डी०आई०डी० निर्गत किया जा सके।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर द्वारा राष्ट्रीय संस्कृत प्रतिभा खोज आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर द्वारा राष्ट्रीय संस्कृत प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता में स्नातकोत्तर स्तरीय हिंदी विभाग व संस्कृति विभाग द्वारा संस्कृत युवा गीत संस्कृत भाषण व श्रुत लेखन की प्रतिभागिता छात्राओ से कराई गई इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंधन तंत्र समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा सचिव श्री प्रोवीर कुमार सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन प्राचार्य प्रोफेसर सुमन समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर निशि प्रकाश व प्रोफेसर रेखा चौबे ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया छात्रों को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने कहा की भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन अधीन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित जनपद मंडल तथा राज्य स्तरीय संस्कृत प्रतिभा खोज प्रतिवर्ष आयोजित होती है जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयी महाविद्यालयी छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हैं जिसमें संस्कृत भाषा ज्ञान से संबंधित उत्कृष्ट प्रतिभा सामने उभर कर आती है इसी के प्रेरणा स्रोत अब प्रत्येक वर्ष अपने महाविद्यालय में यह प्रतियोगिता आयोजित होगी और उत्कृष्ट प्रतिभागियों को मंडल तथा राज्य स्तरीय परीक्षा में भेजा जाएगा जिसके खर्च का संपूर्ण वहन महाविद्यालय करेगा प्राचार्य जी ने संस्कृत भाषा के संवर्धन हेतु छात्राओं को शुद्ध संस्कृत लेखन शुद्ध गायन व शुद्ध वाचन करने के लिए प्रोत्साहित किया कुलानुशासक प्रोफेसर कप्तान ममता अग्रवाल व हिंदी विभाग अध्यक्ष शुभा वाजपेई ने निर्णायक की भूमिका निभाई
महाविद्यालय की मीडिया प्रभारी डा प्रीति सिंह ने बताया प्रतिभागियों में कोमल गौड़ शुभी त्रिपाठी नित्या त्रिपाठी छाया वंशिता कश्यप गरिमा यादव इत्यादि छात्राओं ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया जिन्हें प्राचार्य द्वारा संस्कृत दक्षता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए प्रतियोगिता के संचालन का कार्य हिंदी सहायक आचार्य डॉ रेशमा और धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत प्रवक्ता डॉक्टर अनुराधा द्विवेदी ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय की अन्य शिक्षिकाएं मौजूद रही।

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बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में घंटाघर से विशाल जुलूस निकला

भारतीय स्वरूप संवाददाता, बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में एक विशाल जुलूस घंटाघर के पास श्री गणेश मंदिर से निकल गया जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए लीडर्स ग्रुप के बहुत से साथी हिंदुओं की ताकत बढ़ाने के लिए शामिल हुए शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से शैलेंद्र त्रिपाठी अमिताभ पांडे धर्मेंद्र भदोरिया अनुराग शुक्ला समीक तिवारी करुणेश तिवारी पुनीत गुप्ता अजय अग्निहोत्री, (भैया जी)राम मिश्रा वरुण शुक्ला प्रदीप मिश्रा अनुराग बाजपेई लाल जी यादव पुष्कर अवस्थी रुद्र प्रताप शर्मा धीरू त्रिपाठी आशीष मिश्रा गुड्डू भोपाल संजय तिवारी बाल जी शुक्ला अनिल बाजपेई पुनीत निगम हिमांशु पाल ऋषभ साहू भवानी शंकर राय अभिषेक राठौर गोविंद त्रिपाठी भूपेंद्र निगम का अग्रवाल आनंद मिश्रा आदि उपस्थित हुए सभी साथियों ने कार्यक्रम में पहुंचकर हिंदू एकता को आगे बढ़ने का कार्य किया, गर्व से कहो हम हिंदू हैं।

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फण्ड समिति की समीक्षा बैठक संपन्न

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सरसैय्या घाट स्थित नवीन सभागार में  आज सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फण्ड  समिति की समीक्षा बैठक आहूत की ।
बैठक में  जिलाधिकारी द्वारा सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी)  फण्ड के माध्यम से    संबंधित औद्योगिक इकाईयों के  उपस्थित सदस्य/प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया की सीएसआर फण्ड के माध्यम से शहर में स्थित रैन बसेरों/आंगनबाड़ी केन्द्रो/स्वास्थ्य केन्द्रो /शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों के इंफ्रास्टैच्कर  को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए    सीएसआर समिति के माध्यम से   कार्य कराए जाए ।   बैठक में जिलाधिकारी द्वारा  विभिन्न  औद्योगिक इकाईयों के  उपस्थित सदस्य/प्रतिनिधियों को निम्न निर्देश दिए :- 2. अवस्थापना से संबंधित जनपद में सीएसआर फण्ड के माध्यम से  अधिक से अधिक स्थायी कार्य वरीयता के आधार पर  कराए जाए  ।3. नगर निगम/ऊर्जा/स्वास्थ्य/उद्योग/ शिक्षा आदि विभागों के  गैप सर्वे कराकर एक प्रस्ताव तैयार कराते हुए सीएसआर कमेटी के माध्यम से संबंधित कम्पनियों को प्रेषित किया जाए।
4. हर-घर-तिरंगा कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रत्येक कम्पनियों को 10-10 हजार तिंरगा झण्डे उपलब्ध कराये जाने के  निर्देश दिये गये।
5. एचबीटीयू द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के तहत रू0 40.00 लाख का प्रस्ताव कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्लास्टिक वेस्ट से बाई प्राटेक्ट तैयार करने का प्रजेटेंशन प्रस्तुत किया गया , जिसके संबंध में जिलाधिकारी द्वारा एक प्रस्ताव तैयार कराकर सीएसआर फण्ड के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए गए  ।
6. एसएस फाउण्डेशन द्वारा  सरकारी कार्यालयों में रैन वार्टर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाये जाने हेतु प्रजेटेंशन  प्रस्तुत किया गया, जिसके संबंध में  जिलाधिकारी द्वारा  निर्देशित किया गया कि समस्त सरकार कार्योलयों का   सर्वे कराकर  प्रस्ताव तैयार कराया जाए ।
बैठक में उपयुक्त उद्योग श्री सुधीर श्रीवास्तव , विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के   सदस्य/प्रतिनिधि उपास्थि रहे ।

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कानपुर पश्चिम जोन सर्विलांस,साइबर टीम को मिली सफलता

*कानपुर पश्चिम जोन सर्विलांस,साइबर टीम को मिली सफलता

पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का किया खुलासा

पुलिस ने ठगी करने वाले एक महिला समेत 9 लोगो को किया गिरफ्तार

शातिर पुलिस अफसर बनकर फोन कर भोले-भाले लोगो को बनाते थे निशाना

पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्तों से गहनता से की पूछताछ

खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25000 हजार रुपये का दिया जाएगा पुरुष्कार

डीसीपी पश्चिम राजेश सिंह ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी

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सरकार ने किसानों को सस्ते मुल्य पर डीएपी की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकता के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज प्रदान किए हैं

फास्फेट और पोटाश युक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए, सरकार ने 1.4.2010 से पोषक-तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना लागू की है। एनबीएस योजना के अंतर्गत सब्सिडी प्राप्त पीएंडके उर्वरकों पर डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) सहित उनमें निहित पोषक-तत्व के आधार पर वार्षिक/द्विवार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत, उर्वरक कंपनियों द्वारा बाजार की गतिशीलता के अनुसार उचित स्तर पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय की जाती है जिसकी निगरानी सरकार द्वारा की जाती है। पीएंडके क्षेत्र नियंत्रणमुक्त है और एनबीएस योजना के अंतर्गत कंपनियां बाजार की गतिशीलता के अनुसार उर्वरकों का उत्पादन/आयात पहल करने के लिए स्वतंत्र हैं।

इसके अलावा, किसानों को सस्ते मूल्यों पर डीएपी की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आवश्यकता के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज प्रदान किया है। भू-राजनीतिक स्थिति के कारण हाल ही में, 2024-25 में,  उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी की खरीद की व्यवहार्यता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण, सरकार ने किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पीएंडके उर्वरक कंपनियों को 01.04.2024 से 31.12.2024 की अवधि के लिए डीएपी की वास्तविक पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) बिक्री  3500 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर एनबीएस दरों से परे डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा, पीएंडके उर्वरक कंपनियों द्वारा तय एमआरपी की तर्कसंगतता के मूल्यांकन पर जारी दिशानिर्देश भी किसानों को सस्ते दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।

किसानों को यूरिया वैधानिक रूप से अधिसूचित एमआरपी पर उपलब्ध कराया जाता है। यूरिया के 45 किलोग्राम बैग की एमआरपी 242 रुपये प्रति बैग है (नीम कोटिंग और लागू करों के शुल्क को छोड़कर) और यह एमआरपी 01.03.2018 से लेकर आज तक अपरिवर्तित उतनी ही है। फार्म गेट पर यूरिया की आपूर्ति लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार प्राप्ति के बीच का अंतर भारत सरकार द्वारा यूरिया निर्माता/आयातक को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है। तदनुसार, सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने प्रमुख फसल प्रणालियों के अंतर्गत विभिन्न मृदा प्रकारों में रासायनिक उर्वरकों के दीर्घावधिक उपयोग के प्रभाव का मूल्यांकन किया है। पिछले कुछ दशकों में किए गए जांच से पता चला है कि केवल एनपीके प्रणाली (केवल रासायनिक उर्वरक) में सूक्ष्म और गौण पोषक तत्वों की कमी के संदर्भ में पौषण विकार पाए गए हैं जो मृदा स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता को प्रभावित करते हैं। अनुशंसित खुराक पर अकार्बनिक उर्वरक + जैविक खाद, फसल की उपज और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखते हैं। असंतुलित उर्वरक और केवल यूरिया प्राप्त करने वाले भूखंड में फसल की उपज में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। इसलिए, आईसीएआर अकार्बनिक और जैविक दोनों स्रोतों के संयुक्त उपयोग के माध्यम से मिट्टी परीक्षण आधारित संतुलित और एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन प्रथाओं की सिफारिश करता है।

सरकार ने उर्वरकों के सतत और संतुलित उपयोग को बढ़ावा देकर, वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाकर, जैविक खेती को बढ़ावा देकर और संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकियों को लागू करके धरती के स्वास्थ्य को बचाने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा शुरू किए गए जन आंदोलन का समर्थन करने के लिए जून, 2023 से “पीएम प्रोग्राम फॉर रेस्टोरेशन, अवेयरनेस जनरेशन, नरिशमेंट एंड ऐमेलिओरेशन ऑफ मदर अर्थ (पीएम-प्रणाम)” को लागू किया है। उक्त योजना के तहत, पिछले तीन वर्षों की औसत खपत की तुलना में रासायनिक उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी) की खपत में कमी के माध्यम से एक विशेष वित्तीय वर्ष में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा उर्वरक सब्सिडी का जो 50 प्रतिशत बचाया जाएगा, उसे अनुदान के रूप में उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को दिया जाएगा।

इसके अलावा, सरकार ने 1,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से बाजार विकास सहायता (एमडीए) को मंजूरी दे दी है, ताकि जैविक उर्वरकों को बढ़ावा दिया जा सके। इसका अर्थ है गोबरधन पहल के तहत संयंत्रों द्वारा उत्पादित खाद को प्रोत्साहन देना। इस पहल में विभिन्न बायोगैस/सीबीजी समर्थन योजनाएं/कार्यक्रम शामिल हैं। ये सभी हितधारक मंत्रालयों/विभागों से संबंधित हैं, जिनमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की किफायती परिवहन के लिए सतत विकल्प (एसएटीएटी) योजना, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का अपशिष्ट से ऊर्जा’ कार्यक्रम, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को शामिल किया गया है। इनका कुल परिव्यय 1451.84 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26) है, जिसमें अनुसंधान संबंधी वित्त पोषण के लिए 360 करोड़ रुपये की निधि शामिल है।

यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई पहल शुरू की हैं।

समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं। वे इस प्रकार हैं:-
  1. 19 अक्टूबर 2023 की अधिसूचना संख्या 60/2023-सीमा शुल्क के अनुसार, सरकार द्वारा विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज़ों के लिए एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) छूट प्रदान की गई है, जब वे कोस्टल रन में परिवर्तित हो जाते हैं, बशर्ते छह महीने के भीतर उन्हें विदेश जाने वाले जहाज़ में पुन: परिवर्तित कर दिया जाए।
  1. लंगरगाह के लिए, क्रूज़ जहाज़ को मालवाहक जहाज पर प्राथमिकता दी जाती है।
  1. युक्तिसंगत क्रूज़ टैरिफ़ को शुरू किया गया है।
  1. बंदरगाह शुल्क 0.085 डॉलर/जीआरटी (निश्चित दर) पर वसूला जाता है और लंगरगाह  पर रहने के पहले 12 घंटों के लिए 6 डॉलर का नाममात्र यात्री हेड टैक्स लिया जाता है।
  2. क्रूज़ जहाजों को उनकी कॉल के परिमाण के आधार पर 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है।
  1. क्रूज जहाजों को आकर्षित करने के लिए ऑस्टिंग शुल्क हटा दिए गए हैं।
  2. ई-वीजा और आगमन पर वीजा सुविधाओं का विस्तार किया गया है।
  3. एकल ई-लैंडिंग कार्ड शुरू किया गया है, जो समुद्री पर्यटन कार्यक्रम में सभी बंदरगाहों के लिए मान्य है।
  1. विदेशी क्रूज जहाजों के लिए कॉबोटेज माफ कर दिया गया है। यह छूट विदेशी क्रूज जहाज को अपने घरेलू चरण के दौरान भारतीय नागरिकों को एक भारतीय बंदरगाह से दूसरे भारतीय बंदरगाह तक ले जाने की अनुमति देती है।
  1. वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 का आयोजन मुंबई में किया गया और इसे भारत के समुद्री उद्योग जगत में एक महत्वपूर्ण क्षण माना गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की। इस आयोजन के दौरान, “2047 तक भारत में 50 मिलियन क्रूज यात्रियों को आकर्षित करने के लिए समुद्री यात्रा पर निकलें” पर एक समर्पित सत्र आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर के प्रतिष्ठित क्रूज लाइनों के अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया।

यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज (9 अगस्त 2024) लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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ऑनलाइन कानूनी सेवाओं के लिए विनियमन

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय में, ग्राहकों के साथ और साथी अधिवक्ताओं के प्रति बनाए रखने वाले आचरण एवं पेशेवर शिष्टाचार के मानकों से  संबंधित नियम निर्धारित करने का अधिकार है। बीसीआई ने सूचित किया है कि अधिवक्ताओं द्वारा विज्ञापन या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम की मांग करना बीसीआई नियम, 1975 के नियम 36 के तहत निषिद्ध है। माननीय मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा 2019 के डब्ल्यूपी संख्या 31281 और 31428 में सुनाए गए निर्णय के आलोक में, दिनांक 08.07.2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी बीसीआई के हालिया निर्देशों के तहत यह निषेध बरकरार है और वह इन्हें बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

दिनांक 08.07.2024 की अपनी हालिया प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बीसीआई ने इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु अपने निर्देशों की रूपरेखा तैयार की, जिसमें सभी राज्य बार काउंसिलों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नोटिस रोकने और बंद करने का निर्देश देना शामिल है।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अधिवक्ता के विज्ञापन और आग्रह पर प्रतिबंध लगाने का बार काउंसिल ऑफ इंडिया का अधिकार बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियम, 1975 के नियम 36 से आता है, जो इस प्रकार है:

“एक अधिवक्ता सीधे या परोक्ष रूप से काम की मांग नहीं करेगा या विज्ञापन नहीं करेगा, चाहे वह परिपत्रों, विज्ञापनों, दलालों, व्यक्तिगत संचार, व्यक्तिगत संबंधों द्वारा जरूरी न किए गए साक्षात्कारों, समाचार पत्रों की टिप्पणियों को प्रस्तुत करने या प्रेरित करने या उन मामलों, जिसमें वह संलग्न या संबद्ध रहा हो, के संबंध में प्रकाशित अपनी तस्वीरों को पेश करने के जरिए हो।”

यह नियम विधि से संबंधित पेशे की पेशेवर मर्यादा और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए बनाया गया है। यह किसी भी प्रकार के विज्ञापन या काम के आग्रह पर रोक लगाता है और यह सुनिश्चित करता है कि विधि का पेशा एक व्यावसायिक उद्यम के बजाय एक सेवा-उन्मुख कार्य बना रहे।

यह मामला बीसीआई के अधिकार क्षेत्र में आता है और यह सूचित किया गया है कि नोटिस जारी करने और रोकने के निर्देश जारी करके ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से विज्ञापन और आग्रह करने वाले अधिवक्ता पर प्रतिबंध लागू करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं। बीसीआई सख्ती से पालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य बार काउंसिल के साथ समन्वय करते हुए इन निर्देशों के अनुपालन की निगरानी करता है। सरकार के प्रशासन के तहत बीसीआई मौजूदा नियमों को लागू करने और अपने निर्देशों के माध्यम से उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। नए नियमों या दिशानिर्देशों की कोई भी आवश्यकता उभरती स्थिति और प्रवर्तन के वर्तमान उपायों की प्रभावशीलता पर आधारित होगी।

यह जानकारी विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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भारतीय खनन उद्योग रणनीतिक सुधारों, तकनीकी और निरंतर प्रगति के साथ परिवर्तन के लिये तैयार है: जी किशन रेड्डी

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने नयी दिल्ली में भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) और खान मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में 2022-23 के लिये सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाली खदानों को पुरस्कृत किया। इस कार्यक्रम के दौरान, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 5-स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली 68 खदानों को सम्मानित किया गया।

रेड्डी ने इस मौके पर पुरस्कार पाने वालों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि भारतीय खनन उद्योग रणनीतिक सुधारों, तकनीकी और सतत प्रगति के साथ परिवर्तन के लिये तैयार है। आज का यह सम्मान समारोह खनन समुदाय के लचीलेपन, नवाचार और कड़ी मेहनत को दर्शाता है। उन्होंने उद्योग से राष्ट्रीय खनिज संसाधनों की पूरी क्षमता को प्रकट करने, खनन प्रभावित समुदायों की समृद्धि सुनिश्चित करने और एक उज्जवल और सतत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिये मिलकर काम करने का आग्रह किया।  रेड्डी ने कहा कि भारत खनिज संसाधनों के समृद्ध भंडार से संपन्न है और इन संसाधनों का प्रभावी उपयोग आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र के बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये महत्वपूर्ण है। श्री रेड्डी ने सतत खनन, सामुदायिक कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण के लिये 5-स्टार रेटेड खदानों के सभी 68 विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों ने भारत के सतत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान दिया है। कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये खनन गतिविधियों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद, औद्योगिक उन्नति ओर रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि संसाधनों की निकासी और उपयोग का पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जवाबदेही के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाना चाहिये।

खान सचिव श्री वी.एल. कांता राव ने अपने संबोधन में आयात निर्भरता को कम करने का प्रयास करते हुये खनिज उत्पादन को बढ़ावा देने के सरकार के उद्देश्य को रेखांकित किया। उन्होंने मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये मजबूत निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने परिचालन दक्षता को बढ़ाने, संसाधनों की सटीक निकासी की सुविधा, पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने और सुरक्षा में सुधार के लिये वास्तविक समय में निगरानी, ​​स्वचालन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा एनालिटिक्स जैसे उन्नत उपकरणों को नियोजित करने की वकालत की। कार्यक्रम की शुरुआत में, अतिरिक्त सचिव और आईबीएम के महानियंत्रक, श्री संजय लोहिया ने अपने स्वागत भाषण में खनन टेनमेंट सिस्टम और स्टार रेटिंग सिस्टम द्वारा लाये गये परिवर्तन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर बड़ी संख्या में खान विभाग से जुड़ी शख्सियतें और खान मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे। प्रत्येक 5-स्टार माइन विजेता के मंच पर आते ही उनके प्रतिनिधियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। उल्लेखनीय पुरस्कार विजेताओं में ‘हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड’, एनएमडीसी, नाल्को, टाटा स्टील और अल्ट्राटेक शामिल थे। 5-स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिये कई छोटी खदानों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन समारोह और दो नये मॉड्यूल – फाइनल माइन क्लोजर प्लान मॉड्यूल और एक्सप्लोरेशन लाइसेंस/कंपोजिट लाइसेंस/प्रॉस्पेक्टिंग लाइसेंस मॉड्यूल के अनावरण के साथ हुई। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन खदान विनियमन और सतत खनन पर एक वृत्तचित्र भी पेश किया गया।

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