कानपुर 28 जुलाई भारतीय स्वरूप संवाददाता! मरीजों को उच्च कोटि के चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने हेतु हैलट के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में दिनांक21-7-2022 को शुरू की गई स्पेशलिटी क्लीनिक की श्रृंखाला मे, आज दिनांक 29-07-2022 को मेनोपॉज क्लीनिक का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा0 राजशेखर, मंडलायुक्त कानपुर द्वारा किया गया । उद्घाटन में डॉ संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएएम मेडिकल कॉलेज विशेष अतिथि के तौर पर सम्मलित हुए तथा उन्होंने speciality clinic के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के प्रयासों के लिए विभागाध्यक्ष डा नीना गुप्ता को बधाई दी। कार्यक्रम में डॉ.रिचा गिरी (उप – प्राचार्य ),
डॉ. आर के मौर्या (एसआईसी एलएलआर अस्पताल) भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि डॉ राजशेखर ने बताया कि menopausal महिलाओं में होने वाली कैल्शियम की कमी, स्थानीय उपलब्ध खाद्य पदार्थों से काफी हद तक पूरी की जा सकती है । उन्होंने ओपीडी में आने वाली सभी महिलाओं को खाद्य पदार्थों की फोटो एवं नाम की सूची बटवाए जाने का सुझाव दिया तथा इस कार्य हेतु मदद देने का आश्वासन भी दिया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नीना गुप्ता ने बताया कि मेनोपॉज अर्थात रजो – निवृत्ति स्त्री के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह अमूमन 45 से 50 साल की उम्र में होता है परंतु विगत वर्षों में ऐसा देखा जा रहा है कि भारत एवं अन्य एशियाई देशों में मेनोपॉज की यह उम्र और घट गयी है। यह वह समय है जब महिलाएं ,चाहे वह कामकाजी हो या गृहणी, अपनी जिम्मेदारियों के लिए पूरी तरीके से समर्पित होती हैं। शारीरिक एवं मानसिक रूप से इस समय उनके ऊपर काफी दबाव होता है, ऐसे में मेनोपॉज से होने वाली परेशानियां जैसे ओस्टेपोरोसीस के फ्रैक्चर, अत्यधिक रक्तस्त्राव, मूत्र सम्बन्धी परेशानिया या कमजोरी उनके स्वस्थ जीवन में बाधा बन सकती है।
मेनोपॉज क्लीनिक का उद्देश्य महिलाओं एवं साथ ही साथ पुरुषों को भी जागरूक करना है तथा इन परेशानियों का निदान करना है । मेनोपॉज क्लीनिक की इंचार्ज प्रोफेसर शैली अग्रवाल व सह इंचार्ज डॉक्टर गरिमा गुप्ता है। डॉ नीना गुप्ता ने बताया कि भारत में 2023 तक लगभग 40 करोड़ महिलाएं मेनोपॉज के पड़ाव में होंगी । अतः उनके स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के निदान के लिए इस प्रकार की क्लीनिक काफी मददगार साबित हो सकती हैं । मेनोपॉज क्लीनिक के सह इंचार्ज डॉ .गरिमा गुप्ता ने बताया कि इस अवसर पर लगभग 80 महिलाओं की बोन मैरो डेंसिटी (BMD) करने के लिए निशुल्क कैंप भी लगाया गया है। क्योंकि यह पाया गया है कि 50 वर्ष की उम्र में महिलाओं में osteoporosis ( उम्र के साथ होने वाली हड्डियों की एक कमज़ोरी ) होने के लगभग 40% संभावना होती हैं और उम्र के साथ यह प्रतिशत बढ़ता जाता है । समय पर BMD करा लेने से और उसके बाद ओस्टेपोरोसीस का इलाज कर लेने से इससे होने वाले फ्रैक्चर को कम किया जा सकता है । कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिव्या द्विवेदी द्वारा किया गया। सभी संकाय सदस्यो, जूनियर डॉक्टर एवं कर्मचारियों सहित लगभग 150 लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें डा0 रीता गुप्ता, डॉ नीलिमा वर्मा, डॉ. संजय कुमार आदि भी उपस्थित रहे ।
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