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प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव 2020 को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव 2020 को संबोधित किया और भरतियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। महाकवि सुब्रमण्यम भारती की 138वीं जयंती मनाने के लिए वनविल सांस्कृतिक केंद्र द्वारा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के लिए भारती पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्वान श्री सीनी विश्वनाथन को बधाई दी, जिन्हें इस कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती का वर्णन करना बहुत कठिन है। श्री मोदी ने कहा कि भरतियार को किसी एक पेशे या आयाम से नहीं जोड़ा जा सकता है। वे कवि, लेखक, संपादक, पत्रकार, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, मानवतावादी और बहुत कुछ थे।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि कोई भी महान कवि, अपनी कविताओं, दर्शन और अपने जीवन के कार्य के रूप में चमत्कार कर सकता है। श्री मोदी ने वाराणसी के साथ महाकवि की निकटता को याद किया। भारती की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 39 साल के छोटे से जीवन में उन्होंने बहुत कुछ लिखा, बहुत कुछ किया और इतने में उत्कृष्टता प्राप्त की। उनका लेखन एक गौरवशाली भविष्य की ओर हमारा मार्गदर्शन करता है।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि सुब्रमण्यम भारती से आज का युवा बहुत कुछ सीख सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण साहसी होना है। सुब्रमण्यम भारती के लिए डर अज्ञात था। भारती को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “डर मुझे नहीं लगता, मुझे डर नहीं है, भले ही सारी दुनिया मेरा विरोध करे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आज यंग इंडिया में इस भावना को देखते हैं जब वे नवाचार और उत्कृष्टता के मामले में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का स्टार्ट-अप क्षेत्र निडर युवाओं से भरा है जो मानवता को कुछ नया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा ‘कर सकता है’ की भावना हमारे देश और हमारे ग्रह के लिए आश्चर्यजनक परिणाम प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भरतियार प्राचीन और आधुनिकता के बीच एक स्वस्थ मिश्रण में विश्वास करते थे। उन्होंने कहा कि भारती ने ज्ञान को हमारी जड़ों से जुड़े रहने के साथ-साथ भविष्य की ओर देखा और तमिल भाषा और मातृभूमि भारत को अपनी दो आंखें माना। भारती ने प्राचीन भारत की महानता, वेदों और उपनिषदों की महानता, हमारी संस्कृति, परंपरा और हमारे गौरवशाली अतीत के गीत गाए। लेकिन साथ ही उन्होंने हमें चेतावनी भी दी कि केवल अतीत के गौरव में जीना पर्याप्त नहीं है। श्री मोदी ने एक वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने, जांच की भावना और प्रगति की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकवि भरतियार की प्रगति की परिभाषा में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका थी। उनकी सबसे महत्वपूर्ण दृष्टि स्वतंत्र और सशक्त महिलाओं की थी। महाकवि भरतियार ने लिखा है कि महिलाओं को अपना सिर उठा कर चलना चाहिए, जबकि लोगों को उनकी आंखों में देखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस दृष्टिकोण से प्रेरित है और महिलाओं के नेतृत्व वाले सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार के कामकाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की गरिमा को महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज, 15 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी मुद्रा योजना जैसी योजनाओं से वित्त पोषित हैं। आज स्थायी कमीशन के साथ महिलाएं हमारे सशस्त्र बलों का हिस्सा बन रही हैं। आज, सबसे गरीब महिलाएं जो सुरक्षित स्वच्छता की कमी की समस्याओं का सामना करती थीं, उन्हें 10 करोड़ से अधिक सुरक्षित और स्वच्छ शौचालयों से लाभान्वित किया जाता है। उन्हें और परेशानियों का सामना न करना पड़े। “यह न्यू इंडिया की नारी शक्ति का युग है। वे बाधाओं को तोड़ रही हैं और अपना प्रभाव स्थापित कर रही हैं। यह सुब्रमण्यम भारती की श्रद्धांजलि है।”

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा कि महाकवि भरतियार समझ गए थे कि कोई भी समाज जो विभाजित है वह सफल नहीं हो सकेगा। साथ ही, उन्होंने राजनीतिक स्वतंत्रता के खालीपन के बारे में भी लिखा जो सामाजिक असमानताओं का ध्यान नहीं करता है और सामाजिक कुरीतियो को समाप्त नहीं करता है। प्रधानमंत्री ने भारती को उद्धृत करते हुए कहा, “अब हम एक नियम बनाएंगे, और इसे कभी न कभी लागू करेंगे, अगर कभी एक आदमी को भुखमरी का सामना करना पड़ता है, तो दुनिया को विनाश के दर्द का सामना करना पड़ता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी शिक्षाएं हमें एकजुट रहने और प्रतिबद्ध रहने के लिए एक मजबूत अनुस्मारक हैं। हर एक व्यक्ति विशेषकर गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों का सशक्तिकरण किया जाना चाहिये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे युवाओं को भारती से सीखने के लिये बहुत कुछ है। हमारे देश में हर कोई उनके कामों को पढ़े और उनसे प्रेरित हो। उन्होंने भरतियार के संदेश को फैलाने में उनके अद्भुत काम के लिए वनविल संस्कृति केंद्र की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव में रचनात्मक विचार-विमर्श होगा जो भारत का एक नया भविष्य बनाने में मदद करेगा।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “दैनिक जीवन में रसायन” कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 11 दिसम्बर क्राइस्ट चर्च कॉलेज में     एक व्याख्यान श्रृंखला “दैनिक जीवन में रसायन”   कार्यक्रम  आयोजित किया गया । कार्यक्रम में सभी छात्रों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने किया । कार्यक्रम की शुरुआत मैं डॉ ए के नेथेनियल द्वारा प्रार्थना की गई । क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल ने छात्रों को रसायन विज्ञान की श्रृंखला की अहमियत बताई । इस श्रृंखला का आयोजन कार्यक्रम सं योजि का डॉ मीत कमल के संरक्षण में किया गया । इस श्रृंखला में अतिथि वक्ता रहे डॉ सौ रभ कुमार सिंह जो कि आईआईटी हैदराबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जो क्राइस्टचर्च कॉलेज   कॉलेज के पूर्व छात्र रह चुके हैं । जिन्होंने एक्सप्लोरिंग केमिस्ट्री विद कंपाउंड ऑफ पावरफुल टूल फॉर न्यू एज केमिस्ट नामक विषय पर चर्चा की जिससे छात्र आनंदित हुए । रेवरान सैमुअल पौल कॉलेज के पेट्रेन ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा  बढ़ाई । डॉ श्रद्धा सिन्हा एक्ट वाइस प्रेसिडेंट ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस श्रृंखला में छात्रों ने गीत व नाटक के माध्यम से आम जनता के मध्य रसायन विज्ञान के महत्व को प्रदर्शित किया । छात्रों ने खाने की वस्तुओं में हुई मिलावट के बारे में जानकारी दी । कार्यक्रम में तरुणा , एकता , शिवम , अजमा , भावना को पल मधुरिमा , शबनम, सुधाकर , अर्पित , वैष्णवी , अनि रुद्ध शि वांगी , शिरीन , रिनी , दीपेंद्र आदि छात्र उपस्थित रहे । कार्यक्रम में रसायन विज्ञान की शिक्षिका डॉ ज्योत्स्ना लाल , डॉ श्वेता चंद एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे । कार्यक्रम में 200 प्रतिभागी मौजूद थे । अंत में डॉ आनंदिता भट्टाचार्य धन्यवाद सभी को दिया । 

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एस एन सेन बा. वि.पी जी कॉलेज तथा आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वाधान में किशोरी स्वास्थ्य एवं योग विषय पर कार्यशाला का आयोजन

 

 

कानपुर 7 दिसम्बर एस.एन.सेन बा.वा.पी.जी कॉलेज, कानपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग तथा आरोग्य भारती ने ‘किशोरी स्वास्थ्य एवं योग’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गयी। आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अशोक कुमार वार्ष्णेय जी आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव मुख्य अतिथि रहे।
कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती पूजा तथा धनवंतरी इस्तवंन से हुआ। महाविद्यालय के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार वार्ष्णेय, श्री गोविन्द जी, डॉ . बी.एन आचार्य, डॉ. सीमा द्विवेदी ने दीप प्रज्वलित किया तथा प्राचार्या निशा अग्रवाल ने कार्यशाला की औपचारिक उद्घाटन की घोषणा की। श्री अशोक कुमारवार्ष्णेय जी ने अपने उद्बोधन में स्वस्थ रहने के गुर बताए और बिना औषधि योग और संयम से कैसे स्वस्थ रहें पर बल दिया।
उन्होंने बताया कि आस-पास उपस्थित वनस्पतियों द्वारा संयमित जीवन, तथा एक-तीन-आठ (एक घंटे श्रम, तीन बार भोजन तथा आठ घंटे सोना) ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। डॉ. सीमा द्विवेदी, एसोसिस्ट प्रोफेसर, मैडिकल कॉलेज, कानपुर ने किशोरी स्वास्थ्य से सम्बन्धित समस्याओं को योग के माध्यम से किस प्रकार समाधान करें ये बताया।
कार्यक्रम का संकलन ,संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रीति सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर वनस्पति विज्ञान विभाग ने किया। कार्यक्रम में छात्राओं के अतिरिक्त सभी शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी सक्रिय प्रतिभाग किया। साथ ही छात्राओं को मास्क तथा ‘वैरी श्योर’ सेनेटरी पैड का मुफ्त वितरण किया गया।

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एस एन सेन पी जी कॉलेज में कोरोना बचाव एवं जागरूकता पर कार्यक्रम का आयोजन

  1. आज दिनांक 4 दिसंबर 2020 को एस.एन.सेन. बालिका महाविद्यालय में रसायन शास्त्र विभाग द्वारा बी.एस.सी की छात्राओं के लिए मॉडल प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता का विषय था- *कोरोना- बचाव एवं जागरूकता*
    कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। प्रतियोगिता का उद्धघाटन करते हुए प्राचार्या डा. निशा अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के प्रति जनमानस बेफिक्र हो गया है और अनुमान लगा बैठा है कि मुझे कोरोना नहीं होगा ,इसके लिए जागरूकता अति आवश्यक है और इससे बचाव ही इसका अभी इलाज है। चीफ प्रॉक्टर डा. अलका टंडन ने बताया कि कोरॉना के संक्रमण के डर से भारतीय संस्कृति की सूचक ‘ नमस्ते ‘ को विश्व में पहचान मिली, लॉकडाउन में पर्यावरण स्वच्छ हुआ,लेकिन अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा।
    निर्णायक मंडल की सदस्या डॉ वर्षा खानवलकर, विभागाध्यक्षा राजनीति विज्ञान, व डॉ प्रीति सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, वनस्पति विभाग ने सभी मॉडल्स का निरीक्षण करने के उपरांत निर्णय दिया । परिणाम इस प्रकार रहे:
    प्रथम- शालू पटेल , प्रेमिका पाल

    द्वितीय- वर्षिता , श्रेया गौतम

    तृतीय- इरम वसीम, एकता

    सांत्वना- जयंती, जुहा हुसैन

    रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ पूनम अरोड़ा, डॉ शैल बाजपेई ,कु. वर्षा सिंह व कु. तैय्यबा व अन्य सभी शिक्षिकाएं उपस्थित रही।

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अनेक कारणों से आपको एक छवि सलाहकार की आवश्यकता है- प्रीति श्रीवास्तव

लोग आपको 5 सेकंड  में जज करते हैं और इस पहली धारणा के आधार पर वे आपके बारे में सब कुछ तय करते हैं।
एक शक्तिशाली पहली छाप बनाने के लिए एक जीतने वाली छवि पेश करना व्यक्तिगत, पेशेवर और सामाजिक जीवन में सफलता की कुंजी है। आखिरकार हर कोई जीवन में सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता का प्रमाण पत्र दूसरों पर बहुत अधिक निर्भर करता है। यदि आप अपने बारे में जो सोचते हैं, वह सही अनुमान नहीं है, तो यह लोगों पर एक खराब प्रभाव छोड़ता है, इस प्रकार यह प्रभावित करता है कि वे आपके बारे में क्या सोचते हैं।

लोग व्यक्तित्व या सौंदर्य विकास के लिए फैशन डिज़ाइनर, वजन कम करने के लिए फिटनेस ट्रेनर विशेषज्ञ, या कॉस्मेटिक सर्जरी जैसी चीज़ों के लिए विभिन्न समाधान प्रदाताओं में जाकर अपनी छवि को बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
ये व्यापक समाधान नहीं हैं। तथ्य यह है कि एक व्यक्ति की छवि कई कारकों का एक संयोजन है।

केवल एक छवि सलाहकार लोगों को सभी पहलुओं में एक जीतने वाली छवि को प्रोजेक्ट करने में मदद कर सकता है।

एक छवि सलाहकार ग्राहक को जीवन शैली के मूल्यांकन की एक प्रक्रिया के माध्यम से ले जाता है, भूमिकाओं और लक्ष्यों की पहचान करता है और फिर विभिन्न स्थितियों में ड्रेसिंग के स्तर का सुझाव देता है ताकि प्राधिकरण, स्थिरता, भरोसेमंद आदि के संदर्भ में आवश्यक संचार बना सके।

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एसोसिएशन ऑफ स्माल एंड मीडियम न्यूज़ पेपर्स ऑफ़ इंडिया द्वारा फैक्ट शाला मीडिया लिटरेसी पर कार्यशाला संपन्न

फैक्टशाला मीडिया लिटरेसी कार्यशाला सम्पन्न
एसोसिएशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूज पेपर्स ऑफ इंडिया द्वारा
इन्टरनेट पर विभिन्न माध्यमों से प्रकाशित एवं प्रचारित समाचार व सूचनाओं के सम्बन्ध में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया से अवगत कराने हेतु आयोजित
कार्यशाला में “मिथ्या समाचार”, “तथ्यों की परख” तथा “पुष्टिकरण” पर केंद्रित विस्तृत जानकारी दी गई ।
यह कार्यक्रम ‘इन्टरन्यूज़’ द्वारा ‘डाटालीड्स’ के सहयोग तथा Google.org एवं ‘गूगल न्यूज इनिशिएटिव’ की सहायता से किया गया। कार्यक्रम की संरचना इस प्रकार की गई कि प्रतिभागियों द्वारा ऑनलाइन प्रसारित हो रही सूचनाओं व अन्य सामग्री की प्रकृति को समझने में आसानी हो ।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता आलिआ: विश्वविद्यालय कोलकाता में पत्रकारिता विभाग की प्रोफेसर श्रीमती ग़ज़ाला यास्मीन एवं कोऑर्डिनेटर श्री अशोक चतुर्वेदी रहे।
कार्यशाला में वर्तमान में सोशल मीडिया पर प्रसारित प्रचारित समाचार, चित्र, वीडियो ,सूचनाएं एवं वक्तव्य की प्रमाणिकता की जांच कैसे करेंॽ इस पर विस्तृत जानकारी श्रीमती ग़ज़ाला यास्मीन के द्वारा दी गई । 2 घंटे तक चली इस कार्यशाला का लाभ मीडिया से संबंधित व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन लिया गया।
श्री अशोक चतुर्वेदी जयपुर द्वारा मुख्य वक्ता श्रीमती ग़ज़ाला यास्मीन का आभार व्यक्त किया गया एवं एसोसिएशन आफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूज पेपर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री के डी चंदोला द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में वायु प्रदूषण पर वेबिनार का आयोजन

..क्राइस्ट चर्च कॉलेज में हो रहा है  वायु प्रदूषण पर webinar .. से डॉ सुनीता वर्मा (डिपार्टमेंट ऑफ़ बॉटनी )एसोसिएट प्रोफेसर क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर …जो इस प्रोग्राम की कन्वीनर भी हैं उन्होंने बताया के इस webinar का मुख्य उद्देश्य एयर पोलूशन को कम करना है साथ ही कोविड-19 के अंतर्गत लोगों को जिस तरह सांस लेने में परेशानी हो रही है उससे मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है उसको बचाने के लिए  उत्तर प्रदेश  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  तथा स्वजल शक्ति  समाधान एक दिवसीय webinar का आयोजन कर रहा है जिसके माध्यम से युवाओं को प्रदूषण के प्रति जागरूक किया जाएगा पराली की समस्या…. जैसा कि सभी को जानकारी है की पराली जलाने से प्रदूषण की मात्रा बहुत तेजी से बढ़ रही है वैज्ञानिकों ने इस पर विभिन्न शोध करने शुरू कर दिए हैं एक उपाय जिसमें यह बताया गया की पराली को incinerator के माध्यम से  किया जाए तथा उसकी चिमनी करीब 50 किलोमीटर ऊंची हो जो धरती के पराली को डीकंपोज करने की जो प्रक्रिया अपना रही है आगे चलकर वह भी एक बड़ी समस्या का रूप ले लेगी पराली को डीकंपोज करने में 9 तरीके के strains फंगस का प्रयोग किया जाता है फंगस के माध्यम से पराली नष्ट हो जाती है परंतु उसके बाद जब गेहूं की बुवाई का समय आएगा तो ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला  जिससे यह पता चल सके कि गेहूं में फंगस नहीं लगेगा क्योंकि खेतों में फंगस मौजूद रहेगा जो गेहूं की फसल को बर्बाद कर देगा डॉ सुनीता वर्मा और डॉ मृदुला सैमसंग इस विषय पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही हैं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से जल्दी ही समस्या का निदान भी निकाला जाएगा

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डॉ. हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्रियों, स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति और जन स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज मुख्यमंत्रियों, राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और सात राज्यों के प्रमुख सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की। इन राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय और गोवा शामिल हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री टी एस रावत जिनके पास राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार भी है, मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बीरेन सिंह, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेश टोपे, मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ आर ललथंगलियाना, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत प्रताप सिंह राने, त्रिपुरा के स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, विधि और संसदीय कार्य मंत्री श्री रतन लाल नाथ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।

डॉ. हर्षवर्धन ने हाल में आन्ध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा और केरल राज्यों के साथ समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और दिल्ली राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड के नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा की थी।

डॉ. हर्षवर्धन ने हर राज्य में विशिष्ट चिंताजनक हालात के क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हालांकि सक्रिय मामलों की संख्या कम हुई है लेकिन उसके पास सक्रिय मरीजों की बहुत बड़ी संख्या (केसलोड) बनी हुई है जिसमें उच्च मृत्यु दर (2.6) है और मुम्बई में एवं आसपास तो यह मृत्यु दर बढ़कर (3.5) है। उत्तराखंड में मरीज मृत्यु दर सीएफआर (1.64) प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। मणिपुर में हाल के दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च संक्रमण दर छुपे हुए संक्रमण की सूचक है। गोवा में कुल मौतों में से 40 प्रतिशत केवल पिछले एक महीने में हुई हैं जो कि चिंता का विषय है। मिजोरम में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है जहां कि 70 प्रतिशत मामले राजधानी आइजोल में ही केन्द्रित हैं। त्रिपुरा और मेघालय में सक्रिय आयु समूह (45-60 वर्ष) में उच्च मृत्यु 37 प्रतिशत देखी जा रही हैं जो कि रोकी जा सकती हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड योद्धाओं और अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा निरंतर और समर्पित भाव से की जा रही सेवाओं की सराहना की जिन्होंने अथक रूप से धरातल पर मजबूती और निश्चय के साथ स्थिति को नियंत्रित किया है। उन्होंने आगे कहा कि आज की स्थिति में केवल 4.09 प्रतिशत सक्रिय मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, 2.73 प्रतिशत सक्रिय मरीज आईसीयू में और बेहद कम संख्या 0.45 प्रतिशत सक्रिय मरीज वेटिलेटर सपोर्ट पर है। हालांकि उन्होंने आने वाले सर्दी के मौसम और त्योहारों की लम्बी अवधि के दौरान सावधनी बरते जाने की जरूरत पर जोर दिया जिससे कि कोविड-19 के नियंत्रण में अभी जो लाभ की स्थिति है वह कहीं कमजोर न हो जाए।

संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किये गये जन आंदोलन के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री द्वारा कोविड के अनुकूल व्यवहार की सलाह देते हुए हाल में दिया गया केवल 10 मिनट की संक्षिप्त अवधि का सम्बोधन बहुत ही कुशलता से कोविड को नियंत्रित करने की सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध रणनीति को प्रस्तुत करता है। जन साधारण के बीच जन आंदोलन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड अनुकूल व्यवहार ही सर्वाधिक प्रभावी सामाजिक वैक्सीन है।

डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों को विषेष कर अधिक संक्रमण वाले जिलों में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने, लक्षणों वाले संदिग्ध मामलों में आरएटी में निगेटिव आने पर अनिवार्य टेस्टिंग, अधिक जोखिम वाले समूहों और संवेदनशील जनसंख्या समूहों के लिए एसएआरआई/आईएलआई निरीक्षण करने, जो कि संक्रमण का संकेत दे सकता है,  पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने संक्रमित मरीजों के करीबियों के संपर्क वालों की तलाश में वृद्धि, घरों में आइसोलेशन वाले केस खासकर संवेदनशील समूहों की निगरानी और फालोअप पर भी जोर दिया। उन्होंने सूचना, शिक्षा, संचार अभियान (आईईसी) कैम्पेन के विस्तार के महत्व को भी रेखांकित किया जिससे कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग प्रभावी उपचार प्रबंधन के लिए समय पर अस्पताल पहुंच सकें। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने पहले 24/48/72 घंटों में मौतों में कमी लाने के प्रयासों की आवश्यकता बताई जो कि कई राज्यों/जिलों में बहुत अधिक है। उन्होंने बाजार जैसे स्थानों, कार्यस्थल, लोगों के जमा होने वाले स्थानों पर अधिक टेस्टिंग की सलाह दी।

मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों ने कोविड के नियंत्रण, निगरानी और संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए किए गए कार्यों तथा राज्य में अपनाई जा रही सर्वश्रेष्ठ पद्धति के संबंध में संक्षेप में जानकारी दी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य में कोविड अनुकूल व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक मल्टीमीडिया आईईसी अभियान चलाया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग का नियम तोड़ने पर 1.4 लाख लोगों और मास्क न लगाने पर 4.5 लाख लोगों पर कार्रवाई की गयी है। मास्क न लगाने की कार्रवाई में नियम का उल्लंघन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को चार मास्क दिये गये जिससे वे मास्क लगाने की आदत को अन्य लोगों में प्रोत्साहित कर सकें। श्री राजेश टोपे ने महाराष्ट्र में “मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी” अभियान के संबंध में बताया जिसमें घर-घर जाकर सर्वेक्षण और होम आइसोलेशन केस और एसएआरआई/आईएलआई मरीजों की निगरानी की जाती है। 5.7 लाख लोगों के सर्वेक्षण में 51000 कोविड-19 संक्रमण के मामलों की पहचान की गयी है।

,केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेष भूषण ने राज्यों को तीन बिन्दुओं – संक्रमण के प्रसार को रोकने और इसकी कड़ी को तोड़ने, मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम रखने और लम्बे समय तक व्यवहार में परिवर्तन की जरूरत – पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। इसे सुनिश्चत करने के लिए उन्होंने सलाह दी कि शीघ्र और त्वरित टेस्टिंग की जाए, बाजार जैसे स्थानों, कार्यस्थलों और धार्मिक समागमों जहां कि बहुत अधिक संक्रमण प्रसार की आशंका हो सकती हो, वहां लक्षित टेस्टिंग की जाए। इसके बाद शीघ्र ट्रेसिंग हो, सभी करीबी संपर्कों को पहले 72 घंटे में ट्रेस किया जाए, प्रति संक्रमित व्यक्ति के कम से कम 10 लोगों को ट्रेस किया जाए। आरएटी की बजाय आरटीपीसीआर टेस्टिंग का अनुपात बढ़ाया जाए। संदिग्ध लक्षणों वाले आरएटी के निगेटिव केसों की अनिवार्य तौर पर आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जाए। दूसरे बिन्दु को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने तुरंत मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने, अस्पतालों में उपयुक्त अधो संरचना सुनिश्चित करने, पहले 24/48/72 घंटे में मौतों को रोकने पर प्रयास केन्द्रित करने, संवेदनशील जनसंख्या समूहों पर ध्यान देने और अस्पतालों में मृतकों के आंकड़ों की समीक्षा करने की सलाह दी। कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन सुनिश्चित करने के लिए श्री भूषण ने सांसदों, विधायकों और स्थानीय स्तर पर प्रभावी लोगों को शामिल करके पुरजोर अभियान चलाने की सलाह दी है।

अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य श्रीमती आरती आहूजा,  संयुक्त सचिव स्वास्थ्य लव अग्रवाल, डॉ. एस के सिंह, निदेशक (एनसीडीसी) और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज द्वारा “राष्ट्रीय शिक्षा दिवस” के अवसर पर तीन दिवसीय शैक्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कानपुर 11 नवम्बर शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज द्वारा “राष्ट्रीय शिक्षा दिवस : मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जयंती” के अवसर पर तीन दिवसीय शैक्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के पहले दिन ; दिनांक-09/11/2020 स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए ‘ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता’ तथा परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए ‘निबंध प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन ; दिनांक-10/11/2020 को जियोमीट एप पर आॅनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने शिक्षाशास्त्र विभाग को कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया तथा सभी व्याख्याताओं का स्वागत किया। जिसमें महाविद्यालय की राजनीतिविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. वर्षा खानवलकर ने “मौलाना : राजनीतिज्ञ के रूप में” समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. निशि प्रकाश ने “मौलाना : समाजसुधारक के रूप में” तथा शिक्षाशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर एवं कार्यक्रम संयोजिका डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने “मौलाना : शिक्षाशास्त्री के रूप में”
विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम समापन के दिन ; दिनांक-11/11/2020 को इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह का आयोजन किया गया ।

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